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हजारीबाग में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया 76 वां गणतंत्र दिवस

हजारीबाग जिले में 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। उपायुक्त नैन्सी सहाय ने अपने आवास पर झंडोत्तोलन कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। इसके साथ ही उन्होंने, पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार और उप विकास आयुक्त के साथ शहीद स्मारक पहुँचकर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उनके सम्मान में पुष्प अर्पित किए।  

उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय आयुक्त श्री पवन कुमार ने अपने आवास पर झंडोत्तोलन कर प्रमंडलवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। मुख्य कार्यक्रम कर्ज़न ग्राउंड में आयोजित हुआ, जहां प्रमंडलीय आयुक्त श्री पवन कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने झंडोत्तोलन कर सैन्य और अर्द्धसैन्य बलों की टुकड़ियों का निरीक्षण किया और उनकी शानदार परेड की सलामी ली।  

इस अवसर पर पुलिस उप महानिरीक्षक संजीव कुमार, उपायुक्त नैन्सी सहाय, पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार और अपर समाहर्ता संतोष कुमार ने भी झंडोत्तोलन कर गणतंत्र दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला।  

कर्ज़न ग्राउंड में आयोजित मुख्य समारोह में राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए सैन्य एवं अर्द्धसैन्य बलों की टुकड़ियों ने भव्य परेड का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिकों की उपस्थिति रही, जो अपने देश के गौरव और संविधान के प्रति अपनी आस्था व्यक्त कर रहे थे।  

गणतंत्र दिवस के इस शुभ अवसर पर सभी अधिकारियों ने शांति, एकता और विकास का संदेश दिया और राष्ट्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

वॉकिंग या घरेलू काम जानें किसमें होती हैं ज्यादा कैलोरी बर्न


फिटनेस और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग अक्सर यह सवाल पूछते हैं कि वॉकिंग और घरेलू कामों में से कौन-सी गतिविधि ज्यादा कैलोरी बर्न करती है। दोनों ही एक्टिविटीज़ आपके शरीर को सक्रिय रखने में मदद करती हैं, लेकिन इनमें कैलोरी बर्न करने की क्षमता अलग-अलग होती है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

1. वॉकिंग से कैलोरी बर्न

वॉकिंग एक लो-इंटेंसिटी एक्सरसाइज है, जो हर उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है।

औसत कैलोरी बर्न:

30 मिनट की सामान्य गति से (4-5 किमी/घंटा) चलने पर 120-150 कैलोरी बर्न होती है।

तेज वॉकिंग (ब्रिस्क वॉक):

अगर आप तेज़ी से चलते हैं, तो यह आंकड़ा 200 कैलोरी तक पहुंच सकता है।

फायदे:

हृदय स्वास्थ्य में सुधार

वजन घटाने में मदद

मांसपेशियों की मजबूती

2. घरेलू कामों से कैलोरी बर्न

घरेलू काम जैसे झाड़ू-पोंछा, बर्तन धोना, खाना बनाना, या कपड़े धोना भी कैलोरी बर्न करने में सहायक होते हैं।

औसत कैलोरी बर्न:

झाड़ू-पोंछा: 150-200 कैलोरी/घंटा

बर्तन धोना: 100-120 कैलोरी/घंटा

खाना बनाना: 80-100 कैलोरी/घंटा

फायदे:

. पूरे शरीर की गतिविधि होती है

 

. घर साफ-सुथरा रहता है

. मानसिक संतोष मिलता है

3. कौन बेहतर है?

यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस उद्देश्य से गतिविधि कर रहे हैं।

अगर फिटनेस और वजन घटाना प्राथमिकता है, तो वॉकिंग ज्यादा प्रभावी है।

तेज वॉकिंग या हाइकिंग जैसी गतिविधियां ज्यादा कैलोरी बर्न करती हैं और हृदय को स्वस्थ रखती हैं।

अगर समय की कमी है और मल्टीटास्किंग करना चाहते हैं, तो घरेलू काम बेहतर विकल्प हैं।

ये आपको सक्रिय रखते हैं और साथ ही घर को व्यवस्थित भी करते हैं।

4. दोनों को कैसे संतुलित करें?

सुबह या शाम को 20-30 मिनट की वॉक को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

दिन के दौरान घरेलू काम करते समय खुद को एक्टिव रखें।

झाड़ू-पोंछा जैसे काम करते समय तेज़ी से मूव करें, ताकि अधिक कैलोरी बर्न हो सके।

वॉकिंग और घरेलू काम, दोनों ही अपने-अपने तरीके से फायदेमंद हैं। अगर आप ज्यादा कैलोरी बर्न करना चाहते हैं, तो वॉकिंग को प्राथमिकता दें। लेकिन अगर आप समय का बेहतर उपयोग करना चाहते हैं, तो घरेलू काम भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। दोनों को मिलाकर करने से आप फिट और स्वस्थ रह सकते हैं।

याद रखें: कोई भी गतिविधि तभी असरदार होगी, जब आप इसे नियमित रूप से करेंगे।

पिंगली वेंकैया ने किया तिरंगे का डिजाइन, जानें इसके रंगों और चक्र का रहस्य


भारत का राष्ट्रीय ध्वज न केवल हमारे देश की स्वतंत्रता का प्रतीक है, बल्कि यह देश की एकता, विविधता और सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता है। आइए जानते हैं इसके डिजाइन, रंगों का अर्थ और इसके इतिहास के बारे में विस्तार से।

1. राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन किसने तैयार किया?

भारत के राष्ट्रीय ध्वज का वर्तमान स्वरूप पिंगली वेंकैया ने तैयार किया था।

पिंगली वेंकैया एक स्वतंत्रता सेनानी और कृषि वैज्ञानिक थे।

उन्होंने 1916 में भारतीय ध्वज के लिए कई डिजाइनों पर काम किया।

1931 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने उनके डिजाइन को संशोधित रूप में स्वीकार किया।

22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने इसे स्वतंत्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया।

2. ध्वज का स्वरूप और रंगों का रहस्य

राष्ट्रीय ध्वज को "तिरंगा" कहा जाता है क्योंकि इसमें तीन क्षैतिज पट्टियां हैं। हर रंग का अपना विशेष महत्व है:

केसरिया रंग (ऊपरी पट्टी)

यह साहस, बलिदान और शक्ति का प्रतीक है।

यह देशवासियों को निस्वार्थ सेवा और समर्पण का संदेश देता है।

सफेद रंग (मध्य पट्टी)

यह शांति, सच्चाई और पवित्रता का प्रतीक है।

यह देश में शांति और सद्भाव बनाए रखने का संदेश देता है।

हरा रंग (निचली पट्टी)

यह समृद्धि, हरियाली और प्रगति का प्रतीक है।

यह पर्यावरण और कृषि के महत्व को दर्शाता है।

3. अशोक चक्र का महत्व

सफेद पट्टी के केंद्र में अशोक चक्र स्थित है।

यह सम्राट अशोक के सारनाथ स्तंभ से लिया गया है।

चक्र में 24 तीलियां हैं, जो समय, प्रगति और सतत विकास का प्रतीक हैं।

यह धर्म, न्याय और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

4. राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास

1906: पहला भारतीय ध्वज (वंदे मातरम ध्वज) कोलकाता में फहराया गया।.

1921: महात्मा गांधी ने पिंगली वेंकैया के डिजाइन को कांग्रेस के अधिवेशन में प्रस्तुत किया।

1931: तिरंगे को स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक बनाया गया।

1947: भारत के स्वतंत्र होने पर इसे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया।

5. राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े नियम

राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार किया जाना चाहिए।

इसे हमेशा सम्मान के साथ फहराया जाना चाहिए।

ध्वज को जमीन पर गिराना, फाड़ना या किसी अनुचित तरीके से इस्तेमाल करना अपराध है।

इसे केवल खादी या हाथ से बुने कपड़े से बनाया जा सकता है।

6. राष्ट्रीय ध्वज का महत्व

राष्ट्रीय ध्वज न केवल भारत की आजादी का प्रतीक है, बल्कि यह हर भारतीय के गर्व, एकता और देशभक्ति का प्रतीक भी है। यह हमें देश के प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की याद दिलाता है।

निष्कर्ष:

भारत का राष्ट्रीय ध्वज हमारी आजादी और राष्ट्रीयता का प्रतीक है। इसके रंग और अशोक चक्र हमें साहस, शांति और सतत विकास की प्रेरणा देते हैं। तिरंगा हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है।

महाकुंभ 2025: बच्चों के साथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए जाने ये 5 जरूरी उपाय


महाकुंभ 2025 जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में लाखों लोग शामिल होते हैं, जिससे भीड़भाड़ का माहौल रहता है। बच्चों के साथ यात्रा करना एक बड़ी जिम्मेदारी है। यहां 5 ऐसे जरूरी कदम बताए गए हैं, जो आपकी यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाएंगे।

1. बच्चों को पहचानने योग्य बनाएं

बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं जो दूर से पहचान में आ सकें। उनके कपड़ों में एक पहचान पत्र (ID) लगाएं, जिसमें उनका नाम, माता-पिता का नाम, फोन नंबर और पता लिखा हो। यह गुम होने की स्थिति में मददगार साबित होगा।

2. भीड़ से बचने के लिए समय और स्थान का चयन करें

महाकुंभ के दौरान सबसे ज्यादा भीड़ स्नान पर्व पर होती है। बच्चों के साथ यात्रा के लिए सुबह जल्दी या शाम को कम भीड़भाड़ वाले समय का चयन करें। बच्चों को मुख्य घाटों की भीड़ में ले जाने से बचें।

3. बच्चों को सुरक्षा नियम समझाएं

यात्रा से पहले बच्चों को सिखाएं कि अगर वे गुम हो जाएं तो क्या करें। उन्हें बताएँ कि वे किसी पुलिसकर्मी, सुरक्षा कर्मी या आयोजन स्थल के वॉलंटियर की मदद लें।

4. GPS ट्रैकर या स्मार्टवॉच का इस्तेमाल करें

बच्चों को GPS ट्रैकर या स्मार्टवॉच पहनाएं, जिससे आप उनकी लोकेशन ट्रैक कर सकें। यह तकनीक गुम होने की स्थिति में बहुत उपयोगी होती है।

5. योजना बनाकर यात्रा करें

यात्रा से पहले महाकुंभ के नक्शे का अध्ययन करें। बच्चों के लिए एक निश्चित मिलन स्थल तय करें और उन्हें इसके बारे में जानकारी दें। इसके अलावा, भीड़भाड़ वाले स्थानों में हमेशा बच्चों का हाथ पकड़े रहें।

इन सावधानियों को अपनाकर आप महाकुंभ 2025 की यात्रा को बच्चों के साथ सुरक्षित और यादगार बना सकते हैं।

झारखंड सहित विभिन्न राज्यों के पुलिस और सुरक्षा बलों को मिले गणतंत्र दिवस 2025 पर वीरता, विशिष्ट सेवा और सराहनीय पदक


गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में पुलिस, अग्निशमन, होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा के कार्मिकों को दिए गए पदकों की सूची है, जिसमें वीरता, विशिष्ट सेवा और सराहनीय सेवा के लिए प्राप्त पदकों की संख्या दी गई है। यहाँ राज्यवार विवरण दिया गया है।

अरुणाचल प्रदेश:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 02

असम:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक 

(पीएसएम): 14

बिहार:

वीरता पदक (जीएम): 02

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक

 ;(पीएसएम): 07

छत्तीसगढ़:

वीरता पदक (जीएम): 11

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 01

सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम): 10

दिल्ली:

वीरता पदक (जीएम): 03

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक

 ;(पीएसएम): 17

गोवा:

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 01

गुजरात:

वीरता पदक (जीएम): 02

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 09

हरियाणा:

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 01

सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम): 08

झारखंड:

वीरता पदक (जीएम): 01

कर्नाटका:

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 02

सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम): 19

केरल:

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 01

सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम): 10

मध्य प्रदेश:

वीरता पदक (जीएम): 04

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 17

महाराष्ट्र:

वीरता पदक (जीएम): 04

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 39

मणिपुर:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 07

मेघालय:

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 03

मिजोरम:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 03

नगालैंड:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 03

ओडिशा:

वीरता पदक (जीएम): 06

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 02

सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम): 11

पंजाब:.

वीरता पदक (जीएम): 02

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 15

राजस्थान:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 16

सिक्किम:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 01

तमिलनाडु:

वीरता पदक (जीएम): 02

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 21

तेलंगाना:

वीरता पदक (जीएम): 02

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 12

त्रिपुरा:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 06

उत्तर प्रदेश:

वीरता पदक (जीएम): 17

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 05

सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम): 73

उत्तराखंड:

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 05

पश्चिम बंगाल:

वीरता पदक (जीएम): 02

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति 

पदक (पीएसएम): 20

यह सूची गणतंत्र दिवस के मौके पर पुलिस सेवा के कर्मचारियों को दी जाने वाली विभिन्न श्रेणियों में प्राप्त पदकों के वितरण का विवरण प्रस्तुत करती है.

झारखंड में अगले कुछ दिनों में तापमान में आएगी गिरावट,कई जगहों पर हल्का और मध्यम कोहरा भी छाया रहा


झारखंड डेस्क 

झारखंड में ठंड फिर एक बाऱ बढ़ने वाली है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में तापमान में गिरावट देखी जाएगी। राज्य के उत्तरी हिस्सों में अगले तीन दिनों में तापमान 3-4 डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है। बाकी हिस्सों में भी दो दिन बाद तापमान में 3-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना है।25 जनवरी को कई जगहों पर हल्का और मध्यम कोहरा भी छा सकता है।

क्या है मौसम विभाग का आकलन

रांची मौसम केंद्र के प्रमुख अभिषेक आनंद ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में ठंड से थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन अब फिर से सर्दी का सितम बढ़ने के आसार हैं। अभी ज्यादातर जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है। लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी के बाद लोगों को ठंड से बचाव के इंतजाम करने की जरूरत है।

 3 से 4 डिग्री तापमान में आएगी कमी

मौसम विभाग ने बताया कि 25 जनवरी से ठंड बढ़ेगी। राज्य के उत्तरी इलाकों में अगले तीन दिनों में न्यूनतम तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की जा सकती है। इन इलाकों में गढ़वा, पलामू, चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, देवघर, गोड्डा, दुमका, पाकुड़, साहिबगंज, और जामताड़ा जिले शामिल हैं। बाकी जिलों में भी दूसरे दिन से अगले तीन दिनों में तापमान 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है। इसके बाद तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की उम्मीद नहीं है

30 जनवरी तक कुछ जगहों पर रहेगी कोहरा

राज्य के कई हिस्सों में शनिवार सुबह हल्के से मध्यम दर्जे का कोहरा छाया रहा। इसके बाद आसमान साफ हो गया। 26 जनवरी और 30 जनवरी को सुबह के समय कोहरा या धुंध छाई रह सकती है, लेकिन बाद में आसमान साफ रहेगा।

मौसम विभाग ने बुजुर्गों और बच्चों के लिये किया अलर्ट 

मौसम विभाग के अनुसार इस बदलते मौसम में लोगों को खास ध्यान रखने की जरूरत है। ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें, खासकर सुबह और शाम के समय। गरम पेय पदार्थों का सेवन करें और ठंडी चीजों से परहेज करें। बुजुर्गों और बच्चों का खास ख्याल रखें।

हजारीबाग विधायक प्रदीप प्रसाद ने किया झील परिसर का दौरा

हजारीबाग सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने गुरुवार सुबह 6:00 बजे हजारीबाग झील परिसर का दौरा किया। मॉर्निंग वॉक के दौरान उन्होंने झील में घूम रहे स्थानीय लोगों और सैलानियों से मुलाकात की। विधायक ने झील परिसर की साफ-सफाई, सुरक्षा और सौंदर्यीकरण पर जनता से सुझाव सुने और उनकी समस्याओं पर चर्चा की।

निरीक्षण के दौरान विधायक ने झील की स्थिति और रखरखाव में हो रही कमियों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परिसर की स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। साथ ही, झील के सौंदर्यीकरण और लोगों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही।

झील में विधायक को टहलते देख लोग हैरान रह गए। युवाओं, बुजुर्गों और महिलाओं ने उनकी सादगी की सराहना की। कई लोग उनसे बातचीत करने और सेल्फी लेने के लिए उत्साहित दिखे।

विधायक के इस दौरे से जनता में सकारात्मक संदेश गया है। झील के संरक्षण और विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से स्थानीय लोग उत्साहित हैं।
मत्स्य कृषकों के विकास में CIFE, मुंबई का सतत योगदान – दौडवा कुण्डवा में एकीकृत जलीय कृषि प्रशिक्षण का शुभारंभ

हज़ारीबाग: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान (CIFE), मुंबई के सतत प्रयासों के तहत हजारीबाग जिले के दौडवा कुण्डवा गांव में 70 मत्स्य कृषकों के लिए तीन दिवसीय एकीकृत मल्टी ट्राफिक जलीय कृषि मॉडल पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन बरही अनुमंडल पदाधिकारी, श्री जोहन टुडू द्वारा किया गया,जिन्होंने प्रशिक्षण मैनुअल का भी अनावरण किया।

यह उल्लेखनीय है कि CIFE, मुंबई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. प्रेम कुमार पूर्व में भी हजारीबाग में किसानों के साथ विभिन्न उन्नत मत्स्य पालन तकनीकों पर कार्यशालाएं आयोजित कर चुके हैं। पिछली यात्राओं में उन्होंने किसानों को आधुनिक मत्स्य पालन तकनीकों, जल प्रबंधन और सहायक जल कृषि प्रणालियों पर मार्गदर्शन दिया था, जिसका सकारात्मक प्रभाव आज किसानों की बढ़ती उत्पादन क्षमता में देखा जा सकता है।

अनुमंडल पदाधिकारी,बरही ने इस मौके पर कहा कि एक ही जलाशय में मत्स्य पालन के अलावा एकीकृत कार्यक्रम चलाकर कृषक अपने आय में बढ़ोत्तरी कर सकते है।

डॉ. प्रेम कुमार ने इस अवसर पर कहा, "CIFE, मुंबई हजारीबाग के मत्स्य कृषकों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए सदैव तत्पर है। हमारा लक्ष्य किसानों को केवल मछली पालन तक सीमित नहीं रखना है, बल्कि उन्हें मोती पालन और सिंघाड़ा उत्पादन जैसे विकल्पों से जोड़कर उनकी आय के नए द्वार खोलना है।"

प्रशिक्षण सत्र में मत्स्य कृषकों को तालाब में एकीकृत रूप से मछली, मोती और पानी फल (सिंघाड़ा) की खेती करने के व्यावहारिक तौर-तरीके सिखाए गए। यह मॉडल किसानों को जल संसाधनों के बेहतर उपयोग और बहुउद्देश्यीय कृषि के माध्यम से अधिकतम आर्थिक लाभ प्राप्त करने में सहायता करेगा।

हजारीबाग जिले में CIFE, मुंबई की सतत उपस्थिति ने किसानों को नई तकनीकों से जोड़ा है, जिससे वे आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। जिला प्रशासन एवं मत्स्य विभाग के सहयोग से CIFE टीम किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन एवं सहायता लगातार प्रदान कर रही है।

इस अवसर पर जिला मत्स्य पदाधिकारी, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारी एवं प्रशिक्षु कृषक उपस्थित रहे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: हजारीबाग के सांसद मनीष जायसवाल को बड़ी जिम्मेदारी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें दिल्ली के पटेल नगर और राजौरी गार्डन विधानसभा क्षेत्रों का राजनीतिक प्रबंधन सौंपा गया है।


चुनावी अवधि के दौरान इन दोनों क्षेत्रों में सांसद मनीष जायसवाल की सक्रिय भागीदारी देखने को मिलेगी।

सांसद मनीष जायसवाल ने अपनी राजनीतिक प्रबंधन क्षमता, संगठनात्मक कौशल और चुनावी रणनीति का प्रदर्शन बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और झारखंड विधानसभा चुनावों में बखूबी किया है। झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र की पांच में से चार विधानसभा सीटों और हजारीबाग जिले की सभी पांचों सीटों पर एनडीए की प्रचंड जीत सुनिश्चित कराने में अहम भूमिका निभाई थी।

दिल्ली चुनाव में जिम्मेदारी मिलने पर हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ता और जनता बेहद उत्साहित हैं। सभी ने सांसद मनीष जायसवाल को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए भरोसा जताया है कि वे दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी संगठन के पक्ष में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे और भाजपा को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।