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*भदोही में शिक्षिका से दुष्कर्म के दोषी को 10 साल की सजा* *कोर्ट ने दोषी पर 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। फास्ट ट्रैक प्रथम सुबोध सिंह की अदालत ने शादी का वादा कर टीचर से दुष्कर्म के दोषी को 10 साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने दोषी पर 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अदालत ने 2019 के मामले में फैसला सुनाया है। गोपीगंज नगर की एक युवती ने 16 दिसंबर 2019 को तत्कालीन एसपी को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि वह एक प्राइवेट विद्यालय में टीचर है। उसी स्कूल में गोपीगंज कोतवाली के किशुनदेवपुर का निवासी तेज बहादुर मौर्य भी शिक्षक है। आरोप लगाया कि तेजबहादुर ने उसे प्रेमजाल में फंसाया और शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण करता रहा। शादी की बात करने पर वह टालता रहा। इस बीच पीड़िता को पता चला कि तेज बहादुर की दूसरी जगह शादी तय हो गई है। इसके बाद पीड़िता ने उससे शादी की बात की गई तो वह पीड़िता के खाते में 20 हजार रुपये भेजकर चुप रहने को कहा। युवती ने आरोप लगाया कि प्रयागराज रहने के दौरान भी युवक उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने मामले की जांच के बाद आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। कोर्ट में दोनों पक्षों की बहस और गवाहों के बयान के आधार पर न्यायाधीश सुबोध सिंह ने तेज बहादुर मौर्य को दोषी पाया।
*बैंकों में लगे सीसीटीवी कैमरों व अलार्म की भी परखी जा रही व्यवस्था*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। शुक्रवार को जनपद में स्थित बैंकों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों बाजारों व भीड़भाड़ वाले स्थानों की चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था हेतु अभिमन्यु मांगलिक, पुलिस अधीक्षक भदोही के निर्देशन में समस्त क्षेत्राधिकारीगण व थाना/चौकी प्रभारियों द्वारा बैंकों व उसके आसपास सघन चेकिंग हेतु विशेष अभियान चलाया गया। अभियान के क्रम में समस्त क्षेत्राधिकारीगण द्वारा अपने सर्किल के थाना क्षेत्र व थाना व चौकी प्रभारियों सहित चेकिंग हेतु गठित पुलिस टीमों द्वारा थाना क्षेत्र अंतर्गत सभी बैंक/पोस्ट ऑफिस/ग्राहक सेवा केंद्र व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों/सर्राफा बाजार व उसके आसपास संदिग्ध व्यक्ति, वस्तु व वाहनों की सघन चेकिंग की गई। चेकिंग के दौरान बैंकों में लगे अलार्म एवं सीसीटीवी कैमरों को चेक किया गया कि सुचारु रूप से कार्य कर रहे हैं या नही। शाखा प्रबंधक से इस सम्बन्ध में वार्ता की गयी। थाना क्षेत्र अंतर्गत प्रमुख प्वाइंटों पर संदिग्धों को चिन्हित करते हुए बैरियर लगाकर संदिग्ध बाइक सवारों व वाहनों को चेकिंग किया जा रहा है। दौरान चेकिंग वैध कागजात प्रस्तुत न करने पर सम्बन्धित के विरुद्ध चालान की कार्यवाही की गई। बिना नंबर और गलत नंबर प्लेट वाले वाहनों पर सतर्क दृष्टि रखी जा रही है। बैंक डयूटी में लगे पुलिसकर्मियों को चेक कर सतर्कतापूर्वक डयूटी करने हेतु निर्देश दिये गये। बैंक परिसर में संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की गयी एवं अनावश्यक रूप से बैठे व्यक्तियों को बैंक परिसर से बाहर किया गया।
*भदोही में 36 करोड़ से बनेंगे 4 विद्युत उपकेंद्र,लो वोल्टेज, बिजली कटौती से मिलेगी राहत*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले की बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए तेजी से प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत 36 करोड़ की लागत से चार स्थानों पर नए विद्युत उपकेंद्र बनाए जाएंगे। डीघ के इटहरा में जमीन मिल चुकी है, जबकि तीन स्थानों पर अभी जमीन की तलाश की जा रही है। उपकेंद्र बनने से दो से ढाई लाख से ज्यादा की आबादी को लाभ होगा। उपकेंद्र के बन जाने से जहां लो वोल्टेज की समस्या दूर होगी वहीं अघोषित कटौती से भी लोगों को राहत मिलेगी।जिले में सात नगर निकाय और 546 ग्राम पंचायतें हैं। दो विद्युत वितरण खंड हैं। प्रथम वितरण खंड फत्तूपुर-भदोही में 13 और द्वितीय वितरण खंड ज्ञानपुर-गोपीगंज में 16 उपकेंद्र हैं। इन केंद्रों पर सवा दो लाख बिजली के उपभोक्ताओं का भार है। चार उपकेंद्र बनने के बाद उपकेंद्रों की संख्या बढ़ कर 33 हो जाएंगी। नए उपकेंद्रों से आठ फीडरों का संचालन होगा। एक-एक उपकेंद्र के निर्माण पर करीब नौ-नौ करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। औराई के डेरवां भवानीपुर, भदोही के इंदिरा मिल और ज्ञानपुर के जोगनिका में जमीन की तलाश बिजली निगम कर रहा है जबकि डीघ ब्लॉक के इटहरा में उपकेंद्र के लिए जमीन मिल चुकी है। इससे यहां उपकेंद्र स्थापित होने का रास्ता साफ हो गया है। बताते चलें कि जिले की सीमा पर स्थित डेरवां-भवानीपुर और इटहरा क्षेत्र में दशकों पहले स्थापित उपकेंद्रों की हालत जर्जर होने से आए दिन कटौती एवं लो वोल्टेज की समस्या रहती है। इससे उपभोक्ताओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। नए उपकेंद्र बनने से यह समस्या दूर हो जाएगी। बिजली निगम पर एक नजर कुल उपकेंद्र- 29 कुल फीडरों - 95 उपभोक्ता- 2.26 लाख ग्रामीण अंचलों में रोस्टर से नहीं मिलती बिजली री-वैंप योजना के तहत पिछले चार-पांच साल जर्जर तार एवं खंभों को बदला जा रहा है। बेहतर बिजली आपूर्ति का दावा निगम की तरफ से किया जाता है, लेकिन ग्रामीण अंचलों में रोस्टर से बिजली की आपूर्ति नहीं हो पाती। अघोषित कटौती से लोगों को परेशान होना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में 18 से 20 घंटे का रोस्टर है, लेकिन मात्र 12 से 15 घंटे ही बिजली मिल पाती है। जिले में चार स्थानों पर नए उपकेंद्र बनने हैं। तीन स्थानों पर जमीन नहीं मिल सकी है।

इटहरा में जमीन मिली है। इसके स्थापना के लिए लिखा-पढ़ी की गई है। जमीन मिलने पर शेष अन्य उपकेंद्रो का भी निर्माण किया जाएगा। -राधेश्याम, अधीक्षण अभियंता, बिजली निगम
*निर्यात भवन में 43.27 लाख से लगेंगे अग्नि शमन के उपकरण*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। भदोही नगर के स्टेशन रोड पर भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) द्वारा निर्मित शॉपिंग कॉम्प्लेक्स निर्यात भवन फायर फाइटिंग उपकरणों से लैस होगा। इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस पर लगभग 43.27 लाख रुपये का खर्च आएगा। बीडा निर्यात भवन के निर्माण के लगभग 36 वर्ष तक काम चलाऊ फायर फाइटिंग व्यवस्था से काम चलाया जा रहा था लेकिन आवंटियों, दुकानदारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तथा उनकी लगातार मांग पर अब जाकर यहां फायर फाइटिंग उपकरणों की व्यवस्था कराए जाने कवायद शुरु की गई है। वर्ष 1987-88 में निर्मित निर्यात भवन का निर्माण सवा एकड़ में किया गया था। इस तीन मंजिला इमारत में लगभग 150 दुकानें और हाॅल लोगों को आवंटित की गई हैं। जिसमे एक्सपोर्ट-इंपोर्ट कार्यालयों, शिपिंग एजेंट्स के अलावा कुरियर व्यवसायी तथा सीए व अन्य कार्यालय हैं। भदोही जिले भर में बार बार होने वाले अग्निकांड के दृष्टिगत बार-बार यहां अग्निसुरक्षा उपकरणों के अभाव को लेकर यहां के दुकानदार कभी बीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से तो कभी जिलाधिकारी से मिलते रहे हैं। कई बार अग्निशमन विभाग ने भी यहां फायर फाइटिंग उपकरणों के अभाव को लेकर जिला प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंप चुका था। डीएम विशाल सिंह/ बीडा के प्रभारी मुख्य कार्यपालक अधिकारी की पहल का नतीजा है कि यहां अग्निशमन उपकरण स्थापित करने की योजना को मूर्त रूप दिया जा सका है। इसमें 43.27 लाख रुपये खर्च होंगे। टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। फरवरी माह में टेंडर का आवंटन हो जाएगा जिसके बाद फायर फाइटिंग उपकरण लगाने का काम शुरू हो जाएगा। अनीता देवी, उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी, बीडा
*महाकुंभ में दिखेगा कालीन नगरी की महिलाओं का हुनर* *आठ समूहों की महिलाएं माउथ फ्रेशनर, कालीन उत्पाद और रुद्राक्ष बेचेंगी*



रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में कालीन नगरी की आठ स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का हुनर दिखेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल फाॅर वोकल की मुहिम के तहत समूह की महिलाएं स्टॉल लगाकर अपने उत्पाद को बेचेंगी। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक करीब 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ में समूह की महिलाएं अलग-अलग तिथियों पर स्टॉल लगाएंगी। वह माउथ फ्रेशनर, कालीन के उत्पाद, आयुर्वेदिक दवाओं से लेकर अचार-मुरब्बा तक बेचेंगी।आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बढ़-चढ़कर आगे आती हैं। छोटे से लेकर बड़े मेले में वह शामिल होती हैं। महाकुंभ में अपनी अलग छाप छोड़ने की तैयारी में लगी महिलाओं की आठ समूह आगे आई हैं। महिलाएं विश्व के सबसे बड़े मेले में अपने उत्पाद बेचने जाएंगी। मुख्य विकास अधिकारी डॉ. शिवाकांत द्विवेदी की देखरेख में स्वयं रोजगार उपायुक्त राजाराम ने स्वयं सहायता समूह की आठ महिलाओं का चयन महाकुंभ मेले में स्टॉल लगाने के लिए किया है। दो-दो के ग्रुप में ये महिलाएं महाकुंभ मेला में स्टॉल लगाकर इस योजना के बारे में भी जानकारी देंगी। आर्या स्वयं सहायता समूह की नगीना मौर्य , स्वदेशी स्वयं सहायता समूह की कंचन देवी 13 से 22 जनवरी तक कारपेट, मोटा अनाज, आयुर्वेदिक दवाएं, निर्मल स्वयं सहायता समूह की निर्मला देवी और मां विंध्यवासिनी सहायता समूह की प्रतिमा पांडेय अगरबत्ती, धूपबत्ती, मोती, रुद्राक्ष माला, माउथ फ्रेशनर, कैंडी का स्टॉल 23 जनवरी से एक फरवरी तक, आवेश स्वयं सहायता समूह की सायना बानो, शिवशंकर स्वयं सहायता समूह की निर्मला देवी दो से 12 फरवरी तक बैग पर्स, हार्पिक, फिनायल, टायलेट क्लीनर बेचेंगी और 12 से 26 फरवरी तक प्रज्ञा स्वयं सहायता समूह की सोभावती देवी, सफल स्वयं सहायता समूह की आंचल देवी अचार-मुरब्बा, टी-शर्ट, लोवर का महाकुंभ में स्टॉल लगाएंगी।
*चार गुना अधिक मुआवजे की मांग पर लटका कारपेट सिटी फेज -2* *मोरवा नदी के किनारे 32 हेक्टेयर में विकसित किया जाना है सिटी*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।किसानों के निर्धारित मुआवजा से अधिक रकम मांगने के कारण वाराणसी सीमा के पास कारपेट सिटी फेज-2 का प्रस्ताव लटक गया है। किसान सर्किल रेट से चार गुना अधिक मुआवजा मांग रहे हैं। जबकि प्रशासन तीन गुना अधिक मुआवजा देने को तैयार है। वह चार गुना पर तैयार नहीं है। मुआवजे का रेट तय करने लिए जिलाधिकारी विशाल सिंह ने हरी झंडी दे दी है। वहीं एडीएम के नेतृत्व में गठित कमेटी किसानों संग वार्ता करेगी। भदोही-चौरी मार्ग स्थित मोरवा नदी के बगल में 32.24 हेक्टेयर क्षेत्र में कारपेट सिटी-2 विकसित करने की योजना है। करीब सात हेक्टेयर जमीन सरकारी है, जबकि 25 हेक्टेयर भूमि किसानों से लेनी है। पहले गठित कमेटी और किसानों संग कई बार बैठक हुई थी लेकिन अभी ठोस निर्णय नहीं हो सका है। बीडा अधिकारियों के अनुसार सर्किल रेट से तीन गुना मुआवजे पर बात तय हुई थी। 243 किसानों को मुआवजा अदा करने के लिए बीडा अधिकारी 75 करोड़ रुपये की व्यवस्था में जुट गए थे। 20 दिसंबर को किसानों के साथ बीडा के अधिकारियों की बैठक हुई थी। जिसमें किसानों ने सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा देने की मांग रख कर बीडा अधिकारियों को मुश्किल में डाल दिया था। किसानों की मांग के अनुसार मुआवजा देने की स्थिति में बीडा को सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था करनी होगी जो कठिन कार्य है। धन का बंदोबस्त कर भी लिया गया तो जमीन के आवंटन में बीडा को तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। चार गुना मुआवजा अदा करने से जमीन की कीमत बढ़ जाएगी। ऐसे में बीडा के लिए जमीन का आवंटन करना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि जिलाधिकारी ने शासन के निर्देशानुसार मुआवजे की रकम निर्धारित करने के लिए कमेटी गठित करने का भरोसा दिलाया है।


वर्जन

एडीएम की अध्यक्षता में कमेटी बना ली गई है। जो किसानों से वार्ता भी कर रही है। लेकिन अभी कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है। मिल बैठ कर विचार विमर्श कर कोई न कोई रास्ता निकल लिया जाएगा। जल्द ही कोई निर्णय हो जाएगा। -अनीता देवी, उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी (बीडा)।

जिले में वाराणसी सीमा के पास कारपेट सिटी फेज-2 के प्रस्ताव पर किसानों की शर्त का ग्रहण लगा हुआ है। कारपेट सिटी फेज-2 को लेकर प्रशासन व किसानों के साथ करीब चार से पांच दौरे की बातचीत के बाद भी नतीजा नहीं निकल सका है। जिले में मोरवा नदी के किनारे बीडा को 32 हेक्टेयर में कारपेट सिटी फेज-2 स्थापित किया जाना है। जिसमें किसानों ने चार गुना मुआवजा समेत अन्य कई शर्ते रखे हैं। अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें विज्ञापन खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।
*लकड़ी के अवैध भंडारण पर होगी सख्ती, 35 को चेतावनी सबसे अधिक औराई रेंज और भदोही के चौरी क्षेत्र में पेड़ों की कटाई होती है*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।जिले में हरे पेड़ों की कटान को रोकने को लेकर वन विभाग सख्त है। विभाग की ओर से जिले के आरा मशीन संचालकों को लकड़ियों के अवैध भंडारण न करने की चेतावनी देते हुए नोटिस जारी किया गया है। चेताया कि अगर इसके बाद भी चेतावनी नोटिस जारी करना पड़ा तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिले में अक्सर हरे पेड़ों की कटाई का मामला सामने आता रहता है। सबसे अधिक औराई रेंज और भदोही के चौरी क्षेत्र में पेड़ों की कटाई होती है। कुछ क्षेत्रिय लोगों का कहना है कि हरे पेड़ों की कटाई विभागीय कर्मियों की मिलीभगत से होती है। उन्हीं की मदद से आरा मशीन संचालकों के यहां भेजा जाता है। जिले में 35 आरा मशीन संचालक हैं।जहां अक्सर अवैध लकड़ी भंडारण को लेकर शिकायत मिलती है। इसे लेकर डीएफओ नीरज आर्या ने सख्त कदम उठाया है। उन्होंने सभी आरा मशीन संचालकों को चेतावनी लेटर जारी किया है। भदोही, सुरियावां, दुर्गागंज, दानुपर, गोपीगंज, औराई, लालानगर, मोढ़, कोईरौना आदि स्थानों पर आरा मशीन संचालित हैं। इन मशीनों पर लकड़ी के भंडार की जांच की जाए, तो हकीकत सामने होगी। डीएफओ नीरज आर्य ने बताया कि साल में एक बार आरा संचालकों को चेतावनी नोटिस जारी किया जाता है। जिसमें स्पष्ट बताया जाता है कि मशीन पर अवैध लकड़ी का भंडारण न किया जाए। यदि इसमें कोई आरा संचालक संलिप्त है तो सख्त कार्रवाई होगी।
*आयोग ने रिक्त सीटों की मांगी सूची*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।‌ जिले में तीन ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधान की रिक्त सीटों के लिए होने वाले उप चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। आयोग ने पंचायत राज विभाग से रिक्त सीटों की सूची मांगी है। जनवरी के अंतिम और फरवरी के पहले सप्ताह में चुनाव की अधिसूचना जारी होने की संभावना जताई जा रही है। जिले के डीघ, ज्ञानपुर और औराई ब्लाॅकों के एक-एक ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान के पद रिक्त हैं। इन ग्राम सभाओं में संचालन समितियों के गठन से विकास कार्य चल रहे हैं। जिला स्तर से राज्य निर्वाचन आयोग को ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम सभा सदस्यों के रिक्त पदों के उपचुनाव के लिए सूची भेजने की तैयारी चल रही है। डीघ ब्लाॅक के बनकट उपरवार, ज्ञानपुर ब्लाॅक के बनकट छनौरा और औराई ब्लाॅक में एक गांव में ग्राम प्रधान के लिए उप चुनाव होने हैं। इसी तरह एक क्षेत्र पंचायत सदस्य और कुछ ग्राम पंचायत सदस्य के रिक्त चल रहे पदों के लिए भी उपचुनाव होंगे।डीपीआरओ संजय मिश्रा ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग से सूची मांगी जा रही है। कहा कि जिले में तीन ग्राम प्रधान, एक क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम सभा सदस्य के पदों के लिए उप चुनाव होनें है। संभावना कि जनवरी अंतिम या फरवरी प्रथम सप्ताह में उपचुनाव हो सकते हैं।
भदोही 5.50 करोड़ रुपये से सुधरेगी पांच साल पहले बनीं सड़कों व नालियों की हालत* *नगर पंचायत भदोही के 28 वार्डों में रहती है, करीब डेढ़ लाख आबादी*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही । भदोही नगर पालिका में पांच साल पहले बनी नालियों और सड़कों को सुधारी जायेगी। 15वें वित्त के मद से इन सड़कों व नालियों की मरम्मत कराई जाएगी। नगर पालिका की ओर से इसको लेकर 5.50 करोड़ रुपये की कार्य योजना तैयार की गई है। निविदा प्रक्रिया पूरा कराने के साथ ही सड़कों व नालियों की मरम्मत का कार्य पूरा करा लिया जायेगा। भदोही नगर पालिका अंतर्गत कुल 28 वार्ड है।इसमें करीब एक लाख 50 हजार की आबादी निवास करती है। नगर के सीमा विस्तार के बाद पालिका की ओर से तमाम कार्य कराए जा रहे हैं। हालांकि इसके बाद भी अभी सीमा में शामिल 28 गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। नगर में पांच साल पहले बनाई गई सड़कें और नालियां जर्जर हो चुकी हैं। नगर के वार्ड 15 मर्यादपट्टी पूर्वी, वार्ड 10 मर्यादपट्टी पश्चिमी, वार्ड 17 पूरे रहीम, जल्लापुर, वार्ड-6 डुड़वा कुकरौठी में बनी कई सड़कें और नालियां बदहा हो चुकी है। जिससे वार्डवासियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। नाली, इंटरलॉकिंग टूटने के कारण बारिश के दिनों में आवागमन के दौरान राहगीरों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। निकासी की व्यवस्था न होने के कारण बारिश का पानी कई दिनों तक मार्गों पर ही लगा रहता है। अब 15वें वित्त आयोग से पांच साल पहले बनी नालियों और इंटरलॉकिंग को दुरूस्त कराया जायेगा। इसके अलावा टूटी नाली, खुले मैनहोल का मरम्मत कार्य किया जाएगा। जल निकासी की भी व्यवस्था बेहतर होगी। इसी बजट से नगर में लगे विभिन्न स्ट्रीट लाइट, हाई मास्ट के कार्य कराए जाएंगे।


नगर में 15 वें वित्त मद के पांच करोड़ 50 लाख रुपए से पांच पहले हुए कार्यों का मरम्मत के साथ ही अन्य कार्य कराए जाएंगे। निविदा प्रक्रिया पूर्ण के बाद निर्माण कार्य होगा। अगले महीने कार्यों का शुभारंभ किया जाएगा। ईओ धर्मराज सिंह
*प्रिंटर न होने से डेढ़ माह से नहीं हो रहा अल्ट्रासाउंड गोपीगंज सीएचसी पर अल्ट्रासाउंड मशीन लगने के बाद भी नहीं मिल रहा लाभ*








रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।एक से डेढ़ लाख लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करानी वाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपीगंज पर एक महीने से आकर अल्ट्रासाउंड की मशीन रखी गई है। इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है। अल्ट्रासाउंड मशीन का प्रिंटर न होने से मशीन को इंस्टॉल नहीं किया जा सका है। गोपीगंज सीएचसी हाईवे पर होने के कारण यहां लाला नगर से लेकर ऊंज की सीमा तक अगर कोई हादसा होता है तो मरीजों को उपचार के लिए लाया जाता है। हर दिन यहां पर 300 में 400 की ओपीडी होती है। इसके अलावा आधा दर्जन - दुर्घटना के मामले भी आते हैं। अल्ट्रासाउंड मशीन न होने से क‌‌ई बार मरीजों को परेशानी तो होती है। इसके अलावा उन्हें मजबूरी में रेफर भी करना होता है। ऐसे में सीएमओ डॉ संतोष कुमार चक की पहल पर यहां अल्ट्रासाउंड मशीन लगाने की कवायद शुरू की गई है। करीब डेढ़ माह पहले सीएचसी पर मशीन भी आ चुकी है। यह जिले का पहला ऐसा सीएचसी है, जहां अल्ट्रासाउंड मशीन लगाने जा रही है, लेकिन प्रिंटर न होने के कारण मशीन इंस्टाल नहीं हो सका है। इसके कारण मरीजों को परेशानी भी हो रही है। खासकर प्रसृता महिलाओं को अधिक दिक्कत होती है। मरीजों को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए निजी सेंटरों का रुख करना पड़ता है , जहां उन्हें एक अल्ट्रासाउंड कराने पर 500 से 600 रुपए देने पड़ते हैं। गोपीगंज सीएचसी पर शासन स्तर से अल्ट्रासाउंड मशीन आ चुकी है। प्रिंटर न होने के कारण इसका इंस्टालमेंट नहीं किया गया है।‌ प्रिंटर की मांग की गई है, जल्द ही मरीजों को अल्ट्रासाउंड का लाभ मिलेगा। डॉ संतोष कुमार चक मुख्य चिकित्साधिकारी भदोही