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सिविल जज परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, सरकारी कर्मचारी भी दे सकेंगे एग्जाम, आवेदन की तिथि बढ़ी
बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने का महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि सिविल जज की परीक्षा में वह उम्मीदवार भी भाग ले सकते हैं, जो सरकारी कर्मचारी हैं और जिनका बार काउंसिल में नामांकन नहीं है. कोर्ट ने आदेशित किया है कि एक उम्मीदवार जो विधि स्नातक है, चाहे वह अधिवक्ता के रूप में नामांकित हो या नहीं, इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा क्योंकि उसे भी उसी जांच से गुजरना होगा, जिससे दूसरे उम्मीदवार को गुजरना होगा, जो अधिवक्ता के रूप में नामांकित है. वहीं हाईकोर्ट ने इसके साथ ही सीजीपीएससी को सिविल जज की परीक्षा के आवेदन की अंतिम तिथि को 24 जनवरी 2025 से 1 महीने तक के लिए आगे बढ़ने का आदेश दिया है.
 
दरअसल, मध्यप्रदेश के जबलपुर की रहने वाली विनीता यादव विधि स्नातक है, जिसने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर से विधि में डिग्री प्राप्त की है. वह छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापित सिविल जज (जूनियर डिवीजन) परीक्षा, 2024 में शामिल होने की इच्छुक थी. लेकिन वर्तमान में वह सरकारी कर्मचारी के रूप में कार्यरत है तथा अधिवक्ता अधिनियम, 1961 (संक्षेप में 1961 का अधिनियम) के तहत अधिवक्ता के रूप में नामांकित नहीं है तथा पूर्णकालिक सरकारी कर्मचारी होने के कारण उसे 1961 के अधिनियम के तहत बनाए गए बार काउंसिल ऑफ इंडिया रूल्स के नियम 49 के तहत अधिवक्ता के रूप में नामांकन करने से वैधानिक रूप से रोक दिया गया है, जो किसी भी पूर्णकालिक व्यवसाय में लगे व्यक्तियों के नामांकन पर रोक लगाता है.

याचिकाकर्ता ने अपनी अधिवक्ता शर्मिला सिंघई के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की. मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डबल बैंच में सुनवाई हुई. बैंच ने सुनवाई के दौरान कहा प्रथम दृष्टया, हमारा विचार है कि फिलहाल याचिकाकर्ता को अपना ऑनलाइन फॉर्म भरने की अनुमति दी जानी चाहिए और यदि वह अन्य सभी मानदंडों को पूरा करती है, तो उसे भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी जा सकती है. भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी गई है. चूंकि ऑनलाइन फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 24.01.2025 है, इसलिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को निर्देश देते हुए ऑनलाइन फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि को एक महीने के लिए बढ़ा देने आदेश दिया. इसके अलावा, विशुद्ध रूप से अंतरिम उपाय के रूप में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग उम्मीदवारों को अपने ऑनलाइन फॉर्म भरने की अनुमति देगा, भले ही वे 1961 के अधिनियम के तहत अधिवक्ता के रूप में नामांकित न हों.

यह भी स्पष्ट किया है कि यह आदेश प्रतिवादी के रूप में लागू होगा, न कि व्यक्तिगत रूप से और यहां तक कि वे अभ्यर्थी जिन्होंने उपरोक्त राहत के लिए इस उच्च न्यायालय का दरवाजा नहीं खटखटाया है, उन्हें भी वर्तमान आदेश का लाभ उठाने की अनुमति दी जाएगी.

वहीं यह भी कहा जैसा कि पूर्वोक्त शीर्ष न्यायालय के 6 निर्णयों के प्रकाश में है. संबंधित प्रतिवादी अगली सुनवाई की तारीख से पहले अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. इसके साथ ही cgpsc के अधिवक्ता अनिमेष तिवारी को निर्देश दिया कि वे इस आदेश को छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को तत्काल सूचित करें. इस मामले को 17 फरवरी, 2025 को रखी गई है.

बीजेपी प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन का बड़ा बयान, कहा- पंच से पार्लियामेंट तक भाजपा का सपना होगा पूरा
रायपुर- नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी को लेकर बीजेपी के प्रभारी नितिन नबीन छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंचे. रायपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने बड़ा बयान दिया. नितिन नबीन ने कहा कि पंच से पार्लियामेंट तक बीजेपी का सपना पूरा होगा.
 
बीजेपी प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन ने आगामी निकाय चुनाव को लेकर कहा कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेगी. उन्होंने बताया कि चुनाव के लिए कई स्तर पर नाम सामने आए हैं, जिनमें राज्य स्तर के नाम भी शामिल हैं. नितिन नबीन ने यह भी कहा कि बीजेपी सबको साथ लेकर आगे बढ़ने का काम करेगी.
भूपेश बघेल ने निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र, पूछे ये चार सवाल,…. मुख्यमंत्री बोले, निष्पक्ष होगा चुनाव

रायपुर- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर कई मुद्दों पर आपत्ति जतायी है। उन्होंने राज्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर चार सवाल भी पूछा है। भूपेश बघेल चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा है कि महापौर/नगर पालिका अध्यक्ष/ नगर पंचायत अध्यक्ष एवं पार्षदों के मत एक ही EVM मशीन पर डाले जाएँगे?

उन्होंने कहा है कि एक ही मशीन पर मतदाता को दो मत डालने होंगे ऐसा भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली बार होगा। इस चुनाव प्रक्रिया के लिए मतदाताओं को प्रशिक्षित/जागरूक किए बिना ऐसा करना क्या ठीक होगा? उन्होंने सवाल पूछा है कि क्या इसके लिए नई मशीनें मँगवाईं गयीं हैं या पुरानी मशीनों में नई प्रोग्रामिंग की गई है?

भूपेश बघेल ने कहा कि मशीनों के नियमित मेंटेनेंश के लिए और नई पद्धति से चुनावों के लिए मशीनों की जो प्रोग्रामिंग की गई है उसका ज़िम्मा किस एजेंसी को दिया गया है? क्या यह एजेंसी केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा अधिकृत की गयी है? चुनाव परिणामों की तारीख़ो पर भी पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाये हैं।

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री के सवालों पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि चुनाव बिल्कुल ही निष्पक्ष होगा। अगर उन्हें लगता है कि चुनाव निष्पक्ष नहीं होगा, तो उन्हें आपत्ति करने के लिए जगह है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर पूछे चार सवाल.

1. क्या यह सूचना सही है कि स्थानीय निकायों के चुनावों में EVM का प्रयोग तो होगा लेकिन EVM के साथ VVPAT का प्रयोग नहीं किया जाएगा। अगर ऐसा है तो क्या यह चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर बड़ा प्रश्न चिन्ह नहीं लगाता है?
2. सूचना मिली है कि महापौर/नगर पालिका अध्यक्ष/ नगर पंचायत अध्यक्ष एवं पार्षदों के मत एक ही EVM मशीन पर डाले जाएँगे। यानि एक ही मशीन पर मतदाता को दो मत डालने होंगे। ऐसा संभवतः भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली बार होगा। इस चुनाव प्रक्रिया के लिए मतदाताओं को प्रशिक्षित/जागरूक किए बिना ऐसा करना क्या ठीक होगा? क्या इसके लिए नई मशीनें मँगवाईं गयीं हैं या पुरानी मशीनों में नई प्रोग्रामिंग की गई है?
3. मशीनों के नियमित मेंटेनेंश के लिए और नई पद्धति से चुनावों के लिए मशीनों की जो प्रोग्रामिंग की गई है उसका ज़िम्मा किस एजेंसी को दिया गया है? क्या यह एजेंसी केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा अधिकृत की गयी है?
4. भारत में केंद्रीय चुनाव आयोगों के दिशा निर्देशों के अनुसार अगर कई चुनाव एक साथ हो रहे हों तो सभी चुनावों के परिणाम अंतिम चुनाव के बाद ही जारी किए जाते हैं जिससे कि एक चुनाव के परिणाम का प्रभाव दूसरे चुनावों पर न पड़े। जो चुनाव कार्यक्रम जारी किए गए हैं उसके अनुसार चुनावों के बीच भी परिणाम जारी किए जाएँगे। क्या यह केंद्रीय चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों की अवहेलना नहीं है? क्या इससे चुनावों की निष्पक्षता पर असर नहीं पड़ेगा?

मुख्यमंत्री साय ने ”छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट मीट” में देश के जाने माने उद्योगपतियों से की मुलाक़ात
रायपुर-   देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में गुरुवार 23 जनवरी को आयोजित “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट का आयोजन किया गया, जिसमें देश के बड़े उद्योपति और निवेशक शामिल हुए। इस दौरान छत्तीसगढ़ को 6000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिला है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष कुमारमंगलम बिड़ला, गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक तान्या डुबाश, अमेरिकी महावाणिज्यदूत माइक हैंकी और रूस के महावाणिज्यदूत इवान वाई फेटिसोव के साथ चर्चा की। सीएम साय इस दौरान लीग गई तस्वीरों को अपने आधिकारिक एक्स अकॉउंट पर साझा किया है।

मुख्यमंत्री साय ने आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष कुमारमंगलम बिड़ला के साथ चर्चा की तस्वीरों को एक्स पर साझा करते हुए लिखा, ”आज मुंबई में आयोजित “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट में आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष कुमारमंगलम बिड़ला जी से मुलाकात हुई। उन्होंने छत्तीसगढ़ में निवेश संभावनाओं पर सारगर्भित चर्चा की।”

मुख्यमंत्री साय ने गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक तान्या डुबाश से मुलाक़ात की तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा, ”आज मुंबई में आयोजित “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट में गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक तान्या डुबाश जी से मुलाकात हुई। इस अवसर पर उनसे छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक विकास नीति और राज्य में उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण के विषय में चर्चा हुई। उन्होंने छत्तीसगढ़ में रासायनिक उर्वरक, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण तथा मोल्डेड फर्नीचर निर्माण जैसे क्षेत्रों में निवेश की व्यापक संभावनाओं को लेकर विशेष रुचि जताई।”

CM साय ने राज्य में विदेशी निवेश के लिए नए दरवाजे खोले

मुख्यमंत्री साय ने “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट के जरिये राज्य में विदेशी निवेश के लिए नए दरवाजे खोले हैं। उन्होंने मुंबई में इन्वेस्टर कनेक्ट मीट में अमेरिकी महावाणिज्यदूत माइक हैंकी और रूस के महावाणिज्यदूत इवान वाई फेटिसोव के साथ चर्चा की।

गौरतलब है कि “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट के दौरान छत्तीसगढ़ के अंदर स्वास्थ्य, शिक्षा, आईटी और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर बात हुई। चर्चा के बाद राज्य में 6000 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। मुंबई में निवेश मीट के दूसरे चरण में प्लास्टिक, कपड़ा, आईटी और फूड प्रोसेसिंग कंपनियों ने छत्तीसगढ़ में निवेश करने का फैसला किया है। सबसे ज्यादा 2,367 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव एक सीमेंट कंपनी ने रखा है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि नई औद्योगिक नीति के लागू होने के बाद से छत्तीसगढ़ को रायपुर, दिल्ली और मुंबई में आयोजित इन्वेस्टर कनेक्ट मीट में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश मिला है।

छत्तीसगढ़ में निवेश करना चाहते हैं उद्योगपति

देश-विदेश के प्रमुख उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ राज्य में निवेश के अवसरों पर विस्तृत चर्चा की। विभिन्न क्षेत्रों के निवेशकों ने राज्य में व्यवसाय शुरू करने में गहरी रुचि दिखाई। राज्य की नई औद्योगिक नीति 2024-30 पर प्रकाश डालते हुए सीएम साय ने कहा कि निवेशकों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने “न्यूनतम शासन, अधिकतम प्रोत्साहन” का आदर्श वाक्य अपनाया है। इसके तहत, अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया गया है और अब सिंगल विंडो से मंजूरी मिल जाती है। इससे निवेशकों को काफी राहत मिली है।

रोजगार बढ़ाने के लिए बेस्पोक पॉलिसी

सीएम साय ने कहा कि निवेश और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए बेस्पोक पॉलिसी शुरू की गई है। जिस कंपनी में 1,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है या 1,000 लोगों को रोजगार दिया गया है। वह कंपनी बेस्पोक पाॉलिसी का लाभ ले सकती है। इस नीति के तहत कंपनी 30% से 50% तक का स्थायी पूंजी निवेश कर सकती है। निवेश की राशि 200 करोड़ रुपये से 450 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है। इसके साथ ही जीएसटी में छूट और कई अन्य लाभ भी मिलते हैं।

नवा रायपुर में डेटा सेंटर का शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, कंप्यूटिंग और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे उभरते उद्योगों में निवेश किया जा सकता है। उन्होंने नवा रायपुर में एक नए डेटा सेंटर के शुभारंभ की भी घोषणा की। इससे नवा रायपुर को आईटी हब बनाने में मदद मिलेगी। कई आईटी कंपनियों ने पहले ही इस क्षेत्र में काम शुरू कर दिया है। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल, फूड और कृषि प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में विशेष रियायतें दी गई हैं। इस दिशा में एक बड़ा कदम नवा रायपुर में फार्मास्युटिकल पार्क की स्थापना है, जो मध्य भारत का सबसे बड़ा फार्मास्युटिकल पार्क बनने वाला है।

बस्तर और सरगुजा में निवेश पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट के पास नियानार गांव में 118 एकड़ में एक नया औद्योगिक क्षेत्र बनाया जाएगा। यह नया औद्योगिक केंद्र बड़े पैमाने पर लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों के विकास के लिए महत्वपूर्ण अवसर पैदा करेगा। बस्तर और सरगुजा को औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में नामित किया गया है। इन क्षेत्रों में विकास को प्रोत्साहित करने के लिए कोर सेक्टरों में प्रोत्साहन के साथ-साथ लोहे और कोयले की रॉयल्टी पर 50% से 100% तक की छूट दी जा रही है। इसके अतिरिक्त, 150% तक टैक्स की प्रतिपूर्ति का भी प्रावधान है।

बैठक में उद्योग विभाग के मंत्री लखन लाल देवांगन, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार, नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ की निवेश आयुक्त रितु सैन और सीएसआईडीसी के प्रबंध निदेशक विश्वेश कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

किस क्षेत्र में कितना निवेश?

  • प्लास्टिक और टेक्सटाइल के क्षेत्र में 500 करोड़ रुपए का निवेश
  • पालतू पशुओं के भोजन का उत्पादन बढ़ाने के लिए राजनांदगांव में 625 करोड़ रुपए का निवेश
  • ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 30 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र भी लगाया जाएगा
  • आईटी क्षेत्र में 600 करोड़ रुपए का निवेश
  • स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में 700 करोड़ रुपए का निवेश
नेशनल हाइवे पर दुर्घटना मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई, हलफनामा पेश करने NHAI ने दो दिन का मांगा समय

बिलासपुर-   उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने वाले दुर्घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई जारी रखी है. हाईकोर्ट लगातार इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहा है. वहीं गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की युगलपीठ में सुनवाई हुई, जिसमें पूर्व आदेश के परिपालन को लेकर कर पूछा गया. इस पर राष्ट्रीय राजमार्ग का पक्ष रखने वाले NHAI के अधिवक्ता ने हलफनामा पेश करने दो दिन का अतिरिक्त समय मांगा. बेंच ने सुनवाई के लिए अगले सप्ताह की तारीख निर्धारित की है.

दरअसल अपने पूर्व आदेश में डिवीजन बेंच ने कहा था कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, जिसने NH-130 का निर्माण किया है, को नियमित अंतराल पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं से बचने के लिए अपनी ओर से सभी सावधानियां बरतनी चाहिए. वहीं अन्य राज्यों की तरह रोडमैप तैयार करने का आदेश दिया है.

इस मामले में क्षेत्रीय निदेशक, एनएचएआई, रायपुर को अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया है, लेकिन एनएचआई के क्षेत्रीय निदेशक ने अपरिहार्य कारणों से अपने अधिवक्ता के माध्यम से 2 दिन का समय मांगा है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.

राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का तबादला, देखें लिस्ट…

रायपुर-     छत्तीसगढ़ में राज्य प्रशासनिक सेवा के 9 अधिकारियों का तबादला किया गया है. इसका आदेश राज्य निवार्चन आयोग के अनुमोदन के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया है.

देखें सूची

रायपुर कलेक्टर ने जारी किए प्रतिबंधात्मक आदेश: कलेक्टोरेट के 100 मीटर क्षेत्र में जुलूस-ज्ञापन, धरने पर रोक

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में बीते 20 जनवरी को पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों की घोषणा के बाद आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। इसी के मद्देनज़र राजधानी रायपुर में कलेक्टोरेट परिसर के 100 मीटर के दायरे में सामूहिक धरना-प्रदर्शन, ज्ञापन, रैली, जुलूस और हड़ताल करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस आदेश को रायपुर कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. गौरव सिंह ने जारी किया है, जो आज से मतदान समाप्ति तक प्रभावी रहेगा।

आदेश के अनुसार 22 जनवरी 2025 से नाम निर्देशन का कार्य प्रारंभ हो गया है और नागरिकों की आवाजाही की सुविधा के मद्देनजर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए कलेक्टोरेट परिसर के 100 मीटर की परिधि में रैली, जुलूस, धरना और विरोध प्रदर्शन को प्रतिबंधित किया गया है।

आदेश का उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्रवाई

आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों और समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नगरीय निकाय चुनाव 2025 : 25 जनवरी को नहीं रहेगी छुट्‌टी, प्रत्याशी जमा कर सकेंगे नामांकन, राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किया आदेश

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में 25 जनवरी को सरकारी छुट्‌टी नहीं रहेगी. नगरीय निकाय चुनाव के लिए शनिवार को भी नाम निर्देशन पत्र लेने का काम जारी रहेगा. प्रत्याशी अपना नामांकन जमा कर सकेंगे. इसका आदेश छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किया है.

राजपत्र में 25 फरवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं किया गया है. इस संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों के कलेक्टर, जिला निर्वाचन अधिकारी, स्थानीय निर्वाचन अधिकारियों को पत्र जारी किया है. शनिवार को भी निकाय चुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए नाम निर्देशन पत्र लेने की प्रक्रिया जारी रहेगी.

 

नगरीय निकाय चुनाव 2025 : दूसरे दिन रायपुर जिले में जमा हुए 8 नामांकन फॉर्म, राजधानी के 70 वार्डों में आज भी नहीं खुला खाता

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया जारी है. आज दूसरे दिन रायपुर जिले में 8 नामांकन फॉर्म जमा हुए. नगर पालिका निगम रायपुर के 70 वार्डों में दूसरे दिन भी खाता नहीं खुला. बता दें कि नगरीय निकाय चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 22 जनवरी से 28 जनवरी तक चलेगी. नाम वापसी की अंतिम तिथि 31 जनवरी है. नगरीय निकाय चुनाव की वोटिंग 11 फरवरी को होगी और 15 फरवरी को रिजल्ट घोषित होंगे.

नगर पालिका परिषद आरंग के 17 वार्ड में एक भी फॉर्म जमा नहीं हुआ है. नगर पालिका परिषद गोबरा नवापारा के 21 वार्ड में अब तक पार्षद के 7, अध्यक्ष के लिए एक नामांकन जमा हुआ है. नगर पालिका परिषद तिल्दा में अब तक 3 नामांकन फार्म जमा हुए हैं. वहीं नगर पालिका परिषद मंदिर हसौद, नगर पालिका परिषद अभनपुर, नगर पंचायत कूरा, नगर पंचायत माना कैम्प, नगर पंचायत खरोरा, नगर पंचायत समोदा और नगर पंचायत चंदखुरी में एक भी फार्म जमा नहीं हुआ है.

नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए हुई प्रेक्षकों की नियुक्ति, देखिए पूरी सूची…

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में होने वाले नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के संचालन के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने अलग-अलग जिलों के लिए प्रेक्षकों की नियुक्ति की है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ में 20 जनवरी से आचार संहिता लागू हो गई है. नगरीय निकाय चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 22 जनवरी से 28 जनवरी तक चलेगी. नाम वापसी की अंतिम तिथि 31 जनवरी है. नगरीय निकाय चुनाव की वोटिंग 11 फरवरी को होगी और परिणाम 15 फरवरी को घोषित होंगे. इस बार नगरीय निकाय चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के माध्यम से कराए जाएंगे.

वहीं पंचायत चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 27 जनवरी से शुरू होगी और नाम वापसी की अंतिम तिथि 6 फरवरी होगी. पंचायत चुनाव तीन चरणों में होंगे, जिनकी तारीखें 17, 20 और 23 फरवरी हैं. इसके नतीजे 18, 21 और 24 फरवरी को घोषित किए जाएंगे.

इन नगर निगम में होंगे चुनाव

इस बार छत्तीसगढ़ के 10 प्रमुख नगर निगमों में चुनाव होंगे. इनमें अंबिकापुर, कोरबा, चिरमिरी, जगदलपुर, दुर्ग, धमतरी, बिलासपुर, राजनांदगांव, रायगढ़ और रायपुर नगर निगम शामिल हैं. इसके अलावा 49 नगर पालिकाओं और 114 नगर पंचायतों में भी चुनाव होंगे. जिला पंचायत के 433 सदस्य और जनपद पंचायत के 2973 पदों के लिए भी चुनाव होंगे. ग्राम पंचायतों में सरपंच पद के लिए 11672 और वार्ड पंच पद के लिए 1 लाख 60 हजार 180 पदों पर वोटिंग होगी.

देखिए सूची –