SpadeX मिशन की सफल डॉकिग पर सीएम साय ने इसरो और देशवासियों को दी बधाई, कहा- अंतरिक्ष में भारत की एक और ऐतिहासिक उपलब्धि
रायपुर- भारत ने आज एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है. भारत ने SpadeX मिशन की सफल डॉकिंग कर स्पेस डॉकिंग तकनीक में दुनिया का चौथा देश बन गया है. छत्तीसगढ़ के सीएम साय ने भारत की इस उपलब्धि के लिए पूरी टीम और देश वासियों को बधाई दी है
उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा- ‘अंतरिक्ष में भारत की एक और ऐतिहासिक उपलब्धि… भारत ने SpadeX मिशन की सफल डॉकिंग कर इतिहास रचते हुए स्पेस डॉकिंग तकनीक में दुनिया का चौथा देश बनने का गौरव हासिल किया. यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में निरंतर नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर इसरो की पूरी टीम और देशवासियों को हार्दिक बधाई! जय विज्ञान, जय अनुसंधान, जय भारत!
इसरो ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि की जानकारी अपने एक्स अकाउंट पर शेयर की थी. इसरो के ट्वीट को पीएम मोदी, सीएम साय समेत देश के सभी नेता मंत्री भारत के इस गौरवशाली क्षण की बधाई दे रहे हैं.
कांग्रेसियों के विरोध के बीच बोले भाजपा प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन, भूपेश बघेल ने आदिवासी नेता को मोहरा बनाया
रायपुर- पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर मचे सियासी बवाल के बीच भाजपा प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आदिवासी नेता को मोहरा बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि आप बचिएगा नहीं. कानून असली मास्टर माइंड तक पहुंचेगा.
संगठन के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रायपुर पहुंचे नितिन नबीन ने मीडिया से चर्चा में कहा कि मैंने तो यही समझा कि एक ट्राइबल के द्वारा अपराध करा दिया गया है, जबकि असली मास्टर माइंड पीछे बैठा है. लेकिन कानून इतना मज़बूत है कि मास्टर माइंड को भी पकड़ निकलेगा.
नितिन नबीन ने वहीं भूपेश बघेल को लेकर कहा कि जिस प्रकार से आपने एक आदिवासी को मोहरा बनाकर इस्तेमाल किया है. कहीं न कहीं यह स्पष्ट है कि आदिवासियों के प्रति आपकी क्या सोच है. आप किस चीज़ के लिए जाने जाते हैं. आप भी बचियेगा नहीं. इस अपराध के जो असली जनक हैं, उन तक कानून पहुंचेगा.
नए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कल
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नामांकन में शामिल होने नितिन नबीन राजधानी पहुंचे हैं. आज 5 बजे नामांकन डाला जाएगा. उन्होंने नामांकन को लेकर कहा कि बूथ से ज़िला स्तर के अध्यक्षों के चुनाव संपन्न हुए हैं. आज प्रदेश अध्यक्ष का नामांकन प्रक्रिया पूरी होगी. कल प्रदेश परिषद की बैठक में नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा होगी.
आदिवासी सेवा सहकारी समिति में खराब धान खरीदी का मामला, नायब तहसीलदार ने शुरू की जांच
तखतपुर- तखतपुर के जुनापारा में आदिवासी सेवा सहकारी समिति में खरीदी संस्था प्रबंधक द्वारा खराब धान को खरीदने का मामला सामने आया है. खराब धान खरीदे जाने की शिकायत किए जाने पर नायब तहसीलदार रोशनी तिर्की ने जांच कर खराब धान की जब्ती बनाए जाने की बात कही है.
जानकारी के अनुसार, आदिवासी सेवा सहकारी समिति के चोरहा धान उपार्जन केंद्र में खराब धान खरीदने को शिकायत की गई. शिकायत की जांच करने के लिए बुधवार को नायब तहसीलदार रोशनी तिर्की धान उपार्जन केंद्र पहुंची थी. उन्होंने ने शिकायतकर्ता सहित संस्था प्रबंधक और एक किसान का बयान दर्ज किया.
शिकायतकर्ता अश्वनी अग्रवाल ने बताया कि संस्था प्रबंधक द्वारा अपने गोदाम में रखे खराब धान को खपाने के लिए धान उपार्जन केंद्र में ट्रैक्टर से मंगवाया. उसके नीचे काम करने वाले कर्मचारी नन्हे जायसवाल के द्वारा ट्रैक्टर के भरकर जुनापारा से चोरहा धान उपार्जन केंद्र लाया. कुल 124 कट्टी धान लाया गया था, जिसमें से मात्र 96 कट्टी यहां पर है. बाकी रात को ट्रक में लोड होकर चला गया है. उन्होंने बताया कि हमारे पास इसके सारे साक्ष्य हैं.
वहीं संस्था के प्रबंधक महेंद्र जायसवाल ने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी कि धान किसने यहां लाकर रखा. उन्होंने कहा कि जब वे पहुंचे तो देखा कि धान रखा हुआ था. उन्होंने इसकी पूछताछ की, लेकिन किसी ने नहीं बताया कि धान यहां किसने रखा. धान के बोरों की जांच की तो धान खराब थे. इसलिए उसमें उन्होंने रिजेक्टेड लिखवाकर अलग कर दिया है
कस्टम मिलिंग में लेवी वसूली मामला : हाईकोर्ट ने खारिज की आराेपी रोशन चंद्राकर की जमानत याचिका
बिलासपुर- कस्टम मिलिंग में लेवी वसूली के आरोपी राइस मिल एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. साथ ही कोर्ट ने जेल प्रशासन को उपचार सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. बता दें कि रोशन ने मेडिकल आधार पर नियमित जमानत याचिका लगाई गई थी.
ईडी ने कस्टम मिलिंग में लेवी वसूली व मनी लॉड्रिंग के मामले में प्रदेश के राइस मिलरों से पूछताछ की. इसमें राइस मिलर एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष द्वारा प्रति क्विंटल के हिसाब से लेवी वसूली करने की बात सामने आई. ईडी ने विवेचना के बाद 14 अक्टूबर 2023 को रोशन चंद्राकर सहित अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया.
ईडी के पास अवैध वसूली का ठोस साक्ष्य
इस मामले में ईडी ने रोशन चंद्राकर को 15 मई 2024 को पूछताछ के बाद हिरासत में लेकर जेल दाखिल किया है. जेल में बंद रोशन चंद्राकर ने मेडिकल आधार पर नियमित जमानत दिए जाने आवेदन किया था. आवेदन पर जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की अदालत में सुनवाई हुई. न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि अवैध वसूली करने एक मजबूत सिंडीकेट बनाया गया था. इस संबंध में जांच एजेंसी के पास ठोस साक्ष्य है.
कवासी लखमा की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेसियों ने कराया सुकमा बंद, प्रदर्शन जारी…
सुकमा- पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर जिला कांग्रेस ने एक दिवसीय सुकमा बंद का आह्वान किया है, जिसका जिला मुख्यालय में असर देखने को मिल रहा है. सुबह से व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं. इस बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शहर में नारेबाजी करते हुए लखमा की गिरफ्तारी पर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित 2161 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को बुधवार को ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने तीसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर रिमांड के लिए जस्टिस अतुल श्रीवास्तव की कोर्ट में पेश किया था. जहां सुनवाई के बाद लखमा को 22 जनवरी तक के लिए 7 दिन की रिमांड में भेज दिया गया था. इस मामले में लखमा के बेटे हरीश को भी आरोपी बनाया है, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है.
साल 2019 में उजागर हुआ था मामला
ईडी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान साल 2019 से 2022 तक लाइसेंसी शराब दुकानों पर डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बड़ी मात्रा में अवैध शराब बेची जाती थी, जिसके चलते छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था. उस दौरान शराब को स्कैनिंग से बचाने के लिए नकली होलोग्राम भी लगाया जाता था, ताकि वह किसी की पकड़ में न आ सके. इस होलोग्राम को बनाने के लिए घोटाले में संलिप्त लोगों ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में होलोग्राफी का काम करने वाली PHSE (प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड) कंपनी को टेंडर दिया था.
नियमों में बदलाव कर दिया टेंडर
ईडी ने अपनी जांच के बाद यह बताया है कि यह कंपनी होलोग्राम बनाने के लिए पात्र नहीं थी, फिर भी नियमों में बदलाव कर उसी कंपनी को टेंडर दे दिया गया था. ईडी के टेंडर दिलाने के एवज में कंपनी के मालिक से भारी कमीशन लिया गया था. यह जानकारी सामने आने के बाद जब कंपनी के मालिक विधु गुप्ता को ईडी ने गिरफ्तार किया तो उसने कांग्रेस सरकार में CSMCL में एमडी अरुणपति त्रिपाठी, बिजनेसमैन अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा का नाम लिया.
बीते साल आया था कवासी का नाम
ED ने जब इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया, तो मामले में और भी खुलासे होने लगे. इसके बाद साल 2024 के अंत में कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम सामने आया. सूत्रों के मुताबिक, ED की जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी (प्रोसीड ऑफ क्राइम) से हर महीने कमीशन मिलाता था.
SI, ASI समेत 121 पुलिसकर्मियों का हुआ तबादला, देखें लिस्ट
राजनांदगांव- जिला पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने बुधवार को जिले में पदस्थ 121 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले का आदेश जारी किया है। इनमें आरक्षक, पुरुष और महिला प्रधान आरक्षक, उप निरीक्षक और सहायक उप निरीक्षकों का नाम शामिल है।
नगरीय निकाय चुनाव : कांग्रेस ने की चुनाव और घोषणा-पत्र समिति गठित, जानिए नेताओं के नाम
रायपुर- छत्तीसगढ़ में आगामी नगरीय निकाय चुनाव 2025 की तैयारियों को लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपनी चुनाव समिति और घोषणा-पत्र समिति का गठन किया है. इस संबंध में आदेश छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट ने जारी किया है.
छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव: मुख्यमंत्री साय और डिप्टी सीएम साव का बड़ा बयान
बिलासपुर- छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. दोनों चुनाव के मद्देनज़र आरक्षण प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. हालांकि, इस मुद्दे पर सियासत भी तेज है. इस बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम अरुण साव का बड़ा बयान सामने आया है. एक ओर मुख्यमंत्री ने आरक्षण प्रक्रिया को न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप और अन्य राज्यों से बेहतर बताया, तो वहीं डिप्टी मुख्यमंत्री ने चुनाव की संभावित तारीखों को लेकर सरकार की मंशा साफ करते हुए कहा कि 18 जनवरी के बाद कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आरक्षण और पंचायती राज विधेयक संशोधन को लेकर कहा कि जो आरक्षण लागू हुआ है. यह उच्चतम न्यायालय के अनुसार हुआ है. उन्होंने कहा, ‘अगर कोई इसे कोर्ट में चुनौती देता है, तो उसपर बंदिश नहीं है. कोर्ट न्याय करेगा. इसमें कुछ भी गलत नहीं हुआ है. बल्कि और प्रदेशों से अच्छा हमने किया है. कई प्रदेशों में ऐसा प्रयास नहीं हुआ, जिसके कारण ओबीसी आरक्षण शून्य भी करना पड़ा. यहां इसपर बेहतर और बहुत अच्छे से काम किया गया है.’
डिप्टी सीएम अरुण साव ने आगामी चुनावों की तारीखों को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि 18 जनवरी के बाद कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है. सरकार की मंशा है कि फरवरी में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत दोनों चुनाव एक साथ कर लें. इस मंशा से राज्य निर्वाचन आयोग को अवगत करा दिया गया है. राज्य सरकार ने अपने जिम्मे का काम चुनाव की दृष्टि से पूरा कर लिया है. पदों के आरक्षण का कार्य पूरा हो चुका है, अब आगे की कार्यवाही राज्य निर्वाचन आयोग को करनी है. मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन की तिथि 18 जनवरी तक बढ़ाई गई है.
राजधानी रायपुर में बड़े पैमाने पर थाना प्रभारियों का तबादला, 17 निरीक्षक किये गए इधर से उधर, देखिये लिस्ट …
रायपुर- रायपुर पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर तबादला हुआ है. शहर और ग्रामीण क्षेत्र के कुल 17 निरीक्षकों का ट्रांसफर किया गया है. तबादला आदेश रायपुर एसएसपी डॉ. लाल उमेंद सिंह ने जारी किया है. लंबे समय के बाद इतनी बड़ी संख्या में राजधानी में थाना प्रभारियों का तबादला हुआ है.
जारी आदेश के अनुसार, शहर और ग्रामीण क्षेत्र के जिन 17 निरीक्षकों का ट्रांसफर किया गया है. उसमें निरीक्षक वैभव मिश्रा को यातायात प्रभारी बनाया गया है. निरीक्षक अनीश सारथी को पुलिस लाइन में रिजर्व इंस्पेक्टर (आरआई) और निरीक्षक जितेंद्र ताम्रकर को आजाद चौक थाना प्रभारी नियुक्त किया गया है.
फ्लोरा मैक्स चिटफंड घोटाला: महिला आयोग अध्यक्ष ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए गठित की दो सदस्यीय टीम
कोरबा- छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कोरबा में फ्लोरा मैक्स चिटफंड घोटाला सहित महिला उत्पीड़न से संबंधित 24 मामलों पर जन सुनवाई की। इस सुनवाई में आयोग की सदस्य सरला कोसरिया और लक्ष्मी वर्मा भी मौजूद रहीं। यह सुनवाई प्रदेशव्यापी 291वीं और कोरबा जिले की 9वीं सुनवाई थी।
बता दें कि कोरबा में गरीब महिलाओं के साथ ठगी करने वाली फ्लोरमैक्स चिटफंड कंपनी के खिलाफ दर्ज की गई शिकायतों पर आयोग ने व्यापक स्तर पर कार्रवाई का निर्णय लिया है। यह कदम कोरबा जिले के पत्रकारों के सामूहिक प्रस्ताव पर उठाया गया। महिला आयोग ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया और मामले के ऑर्डर शीट्स की एक कॉपी कलेक्टर कोरबा को सौंप दी है।
पीड़ित महिलाओं की शिकायतें लेने के लिए टीम का किया गठन
आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि पीड़ित महिलाओं की शिकायतें लेने के लिए दो सदस्यीय टीम, जिसमें सरला कोसरिया और लक्ष्मी वर्मा शामिल हैं, कोरबा मुख्यालय पर कैंप लगाएगी। कलेक्टर कोरबा ने इस कार्य में प्रशासनिक सहयोग देने का आश्वासन दिया है और कहा कि वह शासन से अनुमति लेकर इस पहल में सहयोग करेंगे।
जन सुनवाई के दौरान इन प्रकरणों में भी हुई सुनवाई
प्रथम प्रकरण: पारिवारिक विवाद का समाधान
आवेदिका के बेटे का निधन हो गया है और अनावेदिका उसकी विधवा पत्नी है। अनावेदक का 4 साल का बेटा है। आवेदिका के बेटे की मृत्यु के पश्चात अनावेदिका को उसके पति की नौकरी मिली है। दोनों पक्षों के बीच लिखित इकरारनामा किया गया है, जिसमें यह तय किया गया कि आवेदिका अपने पोते से मिल सकेगी। उभयपक्ष को समझाईश देने पर आवेदिका ने आयोग के समक्ष अपने बेटे को उसके दादी-दादा से हफ्ते में 2 दिन, शनिवार और रविवार को भेजना स्वीकार किया है। इस बात के लिए दोनों पक्षों के बीच कोई भी विवाद नहीं होगा। महिला आयोग की समझाईश पर दोनों परिवार आपस में जुड़कर रहेंगे और एक वर्ष तक सखी सेंटर द्वारा निगरानी की जाएगी। इस निर्देश के साथ प्रकरण निस्तीबद्ध किया गया।
दूसरा प्रकरण: उच्च न्यायालय द्वारा आदेश और कार्यवाही में विलंब
अनावेदक क्रमांक 1 ने उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेश दिनांक 5.5.2023 को आयोग में प्रस्तुत किया गया था, जिसमें अनावेदक को बी.आर.सी. पद से हटाकर अन्यत्र भेजे जाने पर स्थगन मांगा गया था। हालांकि, माननीय उच्च न्यायालय ने उसे स्थगन नहीं दिया और केवल यथास्थिति का आदेश दिया था, जिसका मतलब था कि इस प्रकरण में अनावेदक को कोई लाभ नहीं मिल सकता था। आवेदिका माननीय उच्च न्यायालय में उसके दूभिक्ता के माध्यम से उपस्थित हो चुकी है, और इस प्रकरण में अब तक आंतरिक विवाद समिति से कोई कार्रवाई नहीं की गई है, यह जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा के पत्र दिनांक 27.11.2024 से पुष्टि होती है। इस मामले में 2 साल से कार्रवाई पूरी नहीं हो पाई है, जिसके कारण आयोग ने आवेदिका को सुझाव दिया कि वह इन बिंदुओं को माननीय उच्च न्यायालय में अपने वकील के माध्यम से प्रस्तुत करें। चूंकि मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, इसे आयोग द्वारा स्थगित किया गया और निस्तीबद्ध किया गया।
तीसरा प्रकरण: दहेज उत्पीड़न और संपत्ति का विवाद
आवेदिका के पति स्व. विनोद कटियारे के निधन के बाद आवेदिका का विवाह में दिया गया सारा सामान अनावेदकगण ने रख लिया था। आवेदिका की शिकायत को पंजीबद्ध नहीं किया जा रहा था। आवेदिका ने कई बार थाने और एस.पी. कार्यालय में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके आधार पर आवेदिका ने यह निर्णय लिया कि वह इन सभी अनावेदकगणों के खिलाफ धारा 498ए के तहत अपराध पंजीबद्ध कराएगी और अपना समस्त सामान वापस प्राप्त करेंगी। महिला आयोग ने इसे न्यायालय में विचाराधीन मामला मानते हुए निस्तीबद्ध किया।
चौथा प्रकरण: संपत्ति विवाद और कानूनी प्रक्रिया
आवेदिका ने शिकायत की थी कि अनावेदक ने उसके द्वारा बनाए गए मकान पर कब्जा कर लिया है। अनावेदक का कहना था कि आवेदिका के पति ने उससे पैसा लिया था, जबकि आवेदिका के पति का कहना था कि पूरा पैसा वापस कर दिया गया था। इसमें उल्लेख किया गया कि जिस नोटरी दस्तावेज के आधार पर अनावेदक ने मकान खरीदने का दावा किया था, उसमें गवाह आज आयोग में उपस्थित हुए, जिन्होंने यह पुष्टि की कि आवेदिका के पति ने अनावेदक को पूरा पैसा तीन किश्तों में वापस कर दिया था। दोनों पक्षों के बीच मध्य न्यायालय में कानूनी प्रक्रिया भी प्रारंभ हो चुकी है। आयोग ने इस मामले में एस.पी. कोरबा से 02 माह में थाना दीपका से पुलिस प्रतिवेदन प्राप्त करने का निर्देश दिया है, ताकि अंतिम निर्णय लिया जा सके। पुलिस रिपोर्ट आने के बाद ही आयोग इसे अंतिम रूप से निपटाएगा।
पाँचवां प्रकरण: वन विभाग की ज़मीन पर कब्जा विवाद
वन विभाग की जमीन पर अनावेदक ने बेजा कब्जा किया है, और आवेदिका ने इसकी शिकायत की थी। इस पर एक अपराधिक मामला दर्ज किया गया था जो कि न्यायालय में विचाराधीन था। चूंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए इसे निस्तीबद्ध किया गया।
छठा प्रकरण: अनुपस्थित आवेदिका और सुनवाई की अगली तारीख
इस प्रकरण में आवेदिका अनुपस्थित थी और उसने आगामी सुनवाई के लिए आवेदन दिया था। न्यायालय ने 16 जनवरी 2025 को सुनवाई की तारीख तय की और कहा कि अनावेदक को उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी। मामले की अगली सुनवाई रायपुर में होगी।
सातवाँ प्रकरण: संपत्ति विवाद पर तहसील न्यायालय का निर्णय
आवेदिका और अनावेदक के बीच संपत्ति विवाद था, जिसका समाधान तहसील न्यायालय द्वारा किया गया था। आवेदिका चाहें तो राजस्व न्यायालय में अपील कर सकती हैं। इस निर्देश के साथ प्रकरण को निस्तीबद्ध किया गया।
आठवाँ प्रकरण: सुलहनामा और पारिवारिक विवाद
आवेदिका और उसकी ननद के बीच सुलहनामा का मामला था। आयोग ने दोनों पक्षों के सामने सुलह कराई और इसे शांति से निपटाया। इस मामले को निस्तीबद्ध किया गया।
नवाँ प्रकरण: अवैध संबंधों का आरोप
आवेदिका ने आरोप लगाया था कि अनावेदिका के साथ उसके पति के अवैध संबंध थे। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन था, इसलिए इसे निस्तीबद्ध किया गया।
दसवाँ प्रकरण: भरण पोषण का मामला और कानूनी सहायता
आवेदिका ने भरण पोषण के मामले में न्यायालय में अपील की थी। आयोग ने आवेदिका को निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया और प्रकरण को निस्तीबद्ध किया।
ग्यारवां प्रकरण: संपत्ति विवाद और धमकी
आवेदिका ने आरोप लगाया कि अनावेदक ने उसकी ज़मीन पर अवैध कब्जा कर लिया और धमकी दी। आयोग ने कलेक्टर कोरबा से पत्र भेजने का निर्देश दिया कि वह एस.डी.एम., तहसीलदार, और अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर स्थल निरीक्षण करें और रिपोर्ट 03 माह में आयोग को भेजें। इस प्रकरण में अनावेदक के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश भी दिया गया है। पुलिस प्रतिवेदन मिलने के बाद अगली कार्यवाही की जाएगी। अनावेदक क्रमांक 01 और 02 को थाना पाली के माध्यम से आगामी सुनवाई में उपस्थित कराया जाएगा।
Jan 16 2025, 13:54