*बड़ी खबर : मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में कोर्ट का बड़ा फैसला, ब्रजेश ठाकुर समेत तीन मुख्य आरोपी को किया बरी
डेस्क : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के चर्चित बालिका गृह कांड मामले में एक बड़ी खबर सामने आई है। मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में आज गुरुवार को कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इसमें मुख्य आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। वर्ष 2018 में उजागर मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में कोर्ट ने आरोपी ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन उर्फ़ मधु सहित तीन लोगों को बरी करने का आदेश सुनाया।
शाइस्ता परवीन उर्फ मधु के अधिवक्ता अन्नू बाबू ने बताया कि मामले में सुनवाई करते हुए विशेष अनुसूचित जाति जन जाति कोर्ट के न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने सभी को बरी कर दिया है। वहीं विशेष अनुसूचित जाति जनजाति कोर्ट के लोक अभियोजक जय मंगल प्रसाद ने बताया है कि पुलिस के द्वारा सही से जांच नहीं किए जाने के कारण कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में आरोपितों को बरी कर दिया है।
वकील ने बताया कि करीब 6 साल तक यह मामला कोर्ट में चला जिसमें बालिका गृह से लड़कियों के गायब होने के आरोप लगे थे। लेकिन कोई भी लड़की इस मामले में सामने नहीं आई। कोर्ट ने अब सभी तीन आरोपियों को बरी कर दिया है।
गौरतलब है कि शेल्टर होम से 11 महिलाओं और उनके चार बच्चों को गायब करने के आरोप में ब्रजेश ठाकुर, कृष्णा, मधु और अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला चल रहा था। 26 मई 2018 को टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस द्वारा बिहार सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में दरिंदगी का खुलासा हुआ था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद ब्रजेश ठाकुर पर शिकंजा कसने लगा। उससे जुड़े अफसर और नेताओं में हड़कंप मच गया।
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के खुलासे के बाद तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति के साथ भी ब्रजेश ठाकुर का नाम जुड़ा था। इसके बाद मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था। सरकार ने ब्रजेश ठाकुर के तीनों अखबार पर बैन लगा दिया। बालिका गृह को प्रशासन ने तोड़ दिया और ब्रजेश के नाम पर मौजूद चल और अचल संपत्ति को जब्त कर लिया गया।
बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को पिछले वर्ष 23 नवंबर को दिल्ली की तिहाड़ जेल से विशेष सुरक्षा व्यवस्था के तहत मुजफ्फरपुर लाया गया था। 25 नवंबर को विशेष एससी-एसटी कोर्ट में उनकी पेशी की गई थी।
Jan 03 2025, 09:37