/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif StreetBuzz वर्ल्‍ड बैंक ने छत्‍तीसगढ़ की इस महती योजना को किया बंद, उद्देश्य के साथ-साथ बजट भी था बहुत बड़ा,पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था शुभारंभ cg streetbuzz
वर्ल्‍ड बैंक ने छत्‍तीसगढ़ की इस महती योजना को किया बंद, उद्देश्य के साथ-साथ बजट भी था बहुत बड़ा,पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था शुभारंभ

रायपुर-  छत्तीसगढ़ समावेशी ग्रामीण एवं त्वरित कृषि विकास (चिराग) परियोजना के उद्देश्य और प्रगति पर असंतोष जताते हुए विश्व बैंक ने इसे बंद करने की घोषणा की है. इस संबंध में बैंक के भारत में कार्यवाहक निदेशक ने केंद्रीय वित्‍त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के अलावा छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍य सचिव, कृषि विभाग की एसीएस और चिराग परियोजना के डॉयरेक्‍टर को पत्र भेजा है. 

अंतरराष्‍ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी) और विश्व बैंक द्वारा सह-वित्तपोषित इस परियोजना को बोर्ड ने 15 दिसंबर, 2020 को मंजूरी दी थी. लेकिन बीते चार सालों के दौरान योजना के तहत लगभग 1.44 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 1 प्रतिशत) का वितरण हुआ है, और न ही लक्षित समुदायों में से किसी को भी परियोजना अनुदान का लाभ नहीं मिला है. अक्टूबर 2022 से परियोजना विकास उद्देश्य और कार्यान्वयन प्रगति दोनों को असंतोषजनक दर्जा दिया गया है.

सितंबर 2024 में त्रिपक्षीय पोर्टफोलियो समीक्षा बैठक के दौरान बात पर सहमति बनी कि परियोजना को किसी भी पुनर्गठन को उचित ठहराने के लिए 2024 के अंत तक प्रदर्शन में काफी सुधार करने और 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का वितरण करने की आवश्यकता है. लेकिन इनमें से कोई भी बात पूरी नहीं हुई, लिहाजा प्रस्तावित पुनर्गठन और आंशिक निरस्तीकरण पर परियोजना के क्रियान्वयन को जारी रखने को असंभव बताया.

इस संबंध में, 23 दिसंबर, 2024 को आयोजित बैठक के दौरान हुई चर्चाओं के आधार पर, IFAD और विश्व बैंक दोनों ने यह विचार व्यक्त किया कि परियोजना के कार्यान्वयन की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, परियोजना की शेष अवधि के भीतर परियोजना विकास उद्देश्यों को प्राप्त करना असंभव है. नतीजतन, IFAD और विश्व बैंक दोनों ने DEA के परामर्श से इस बात पर सहमति व्यक्त की कि परियोजना को जल्द से जल्द बंद करना सर्वोत्तम हित में होगा.

पूर्ववर्ती सरकार ने शुरू की थी परियोजना

बता दें कि पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने Chhattisgarh Inclusive Rural and Accelerated Agriculture Growth (चिराग) परियोजना का शुभारंभ किया था. परियोजना के तहत किसानों की आमदनी को बढ़ाना, गांवों में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना और युवाओं को विभिन्न तरह की फसलों के उत्पादन में मदद के उद्देश्य से परियोजना को विश्व बैंक ने आर्थिक मदद भी दी है.

युवाओं को मिलती ट्रेनिंग

परियोजना के अंतर्गत आदिवासी इलाकों के स्थानीय युवाओं को मछली पालन, पशु-पालन, उद्यानिकी, विशेष प्रजातियों की फसलों के उत्पादन, क्षेत्रीय जलवायु आधारित पौष्टिक खाद्य पदार्थों के उत्पादन के कामों से जोड़े जाने के अलावा युवाओं को सेल्स और मार्केटिंग का प्रशिक्षण दिया जाना था. युवाओं को अत्याधुनिक कृषि तकनीकों की शिक्षा दी जानी थी, इसके साथ उन्हें स्टार्टअप के लिए प्रशिक्षित और प्रोत्साहित भी किया जाता.

इन जिलों में लागू होनी थी परियोजना

चिराग परियोजना को बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, सुकमा, मंगेली, बलौदाबाजार, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया, सुरजपुर और सरगुजा के आदिवासी विकासखंडों में लागू किया जाना था.

पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के शताब्दी वर्ष पर सालभर होगा कार्यक्रम, दिल्ली में भाजपा की बैठक में हुआ फैसला…

रायपुर-  दिल्ली में भाजपा पदाधिकारियों की हुई बैठक में शामिल होने होकर लौटे प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का शताब्दी वर्ष अलग-अलग चरणों में मनाया जाएगा. 25 दिसंबर 2025 तक जन्मदिन कार्यक्रम चलेगा.

किरण सिंहदेव ने बताया कि कल दिल्ली में महत्त्वपूर्ण बैठक हुई है. बैठक में पार्टी के सारे प्रदेश के अध्यक्ष, प्रभारी, वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए. संगठन चुनाव को लेकर चर्चा हुई. नगरीय निकाय चुनाव और आगामी वर्ष की कार्ययोजना पर चर्चा हुई.

सिंहदेव ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का शताब्दी वर्ष अलग-अलग चरणों में मनाया जाएगा. इसके अलावा संविधान के 75वें वर्ष में विभिन्न चरणों में कार्यक्रमों का आयोजन होगा. विचार गोष्ठी, गुड गवर्नेंस और विकास के दृष्टि से कार्यक्रम होंगे.

कांग्रेस में बागियों की घर वापसी का विरोध, पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा ने आनंद और अजीत कुकरेजा के खिलाफ पीसीसी चीफ बैज को सौंपा पत्र

रायपुर- कांग्रेस में बागियों की घर वापसी का विरोध होने लगा है. पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा ने अजीत और आनंद कुकरेजा पर विधानसभा चुनाव में उन्हें हराने का आरोप लगाते हुए पार्टी में वापसी पर विरोध जताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज से मुलाकात कर पत्र सौंपा है.

पूर्व विधायक कुलदीप सिंग जुनेजा ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के नाम से लिखे पत्र में कहा कि हमारी पार्टी ने सदैव हमें एकता का पाठ पढ़ाया और सूत्र में बांधे रखा है, लेकिन कुछ विघ्न संतोषी लोग पैसे के दंभ पर पार्टी को खरीदने का काम करते हैं, ऐसे ही कुछ लोग में आनंद कुकरेजा अजीत कुकरेजा का परिवार है।

2013 में जब मैं विधानसभा चुनाव लड़ा था, तब लोगों को भड़काने और क्षेत्र से बाहर भेजने का काम किया था जिससे पार्टी को नुकसान हुआ था. उसके बाद 2018 के चुनाव में भी उन्होंने इसी क्रियाकलाप को अपनाया था, मगर हम पार्टी के अन्य वफ़ादार कार्यकर्ताओं की मेहनत से चुनाव जीत गये थे. 2023 के विधानसभा चुनाव के समय भी उनकी यह मानसिकता फिर से उभर के सामने आई.

अजीत कुकरेजा ने निर्दलीय चुनाव मेरे खिलाफ लड़ा और लोगो को मेरे खिलाफ भड़काया जिससे कांग्रेस का गढ़ उत्तर विधानसभा में मुझे हार का सामना करना पड़ा. अजीत कुकरेजा, आनंद कुकरेजा को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया था, मगर उन्होंने फिर से कांग्रेस प्रवेश कर लिया था और इस चुनाव के बाद भी पैसे के बल पर पार्टी में प्रवेश के लिए प्रयासरत है.

कुलदीप जुनेजा ने कहा कि अजीत कुकरेजा, आनंद कुकरेजा के कारण मैं चुनाव हार गया नहीं तो आज भी कांग्रेस का एक और प्रत्याशी जीत कर विधानसभा में होता.

छत्तीसगढ़ में कृषि और पशुपालन को नई दिशा देने वाला उपकरण फोल्डस्कोप, राज्य के 20 जिलों के किसान कर रहे हैं फोल्डस्कोप का उपयोग

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ में खेती को उन्नत और लाभकारी बनाने के लिए लगातार नित नए नवाचार किए जा रहे हैं। किसानों को उन्नत कृषि उपकरणों के उपयोग और वैज्ञानिक पद्धति को अपनाने के लिए लगातार प्रोत्साहित किए जा रहा है, जिसके सार्थक परिणाम भी सामने आने लगे है। छत्तीसगढ़ राज्य कृषि प्रधान राज्य है। यहां की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी खेती किसानी पर निर्भर है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की धुरी भी कृषि है। छत्तीसगढ़ को खुशहाल और समृद्ध बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को हर संभव मदद दे रही है।

छत्तीसगढ़ में फसलों के कीट प्रकोप प्रबंधन और उन्नत नस्ल के पशुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों को फोल्डस्कोप माइक्रोस्कोप के उपयोग के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है। राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान के सहयोग से राज्य के 20 जिलों के किसानों को ’’फोल्डस्कोप’’ नामक पोर्टेबल माइक्रोस्कोप वितरित किया गया है, जिसका उद्देश्य किसानों को खेती और पशुपालन में वैज्ञानिक तकनीकों से सशक्त बनाना है। रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार-भाटापारा, रायपुर, धमतरी, दुर्ग, राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, कोरिया, सरगुजा, जशपुर, कोरबा, सक्ती, महासमुंद, बिलासपुर, मुंगेली, कबीरधाम, बेमेतरा, कांकेर और बस्तर जिलों के 30 से अधिक गांवों में फैले इस कार्यक्रम को आईसीएआर - राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

फोल्डस्कोप एक किफायती और पोर्टेबल माइक्रोस्कोप है, जिसे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक प्रोफेसर मनु प्रकाश और उनकी टीम ने विकसित किया है। इसे 2014 में लॉन्च किया गया था और तब से इसका उपयोग शिक्षा, शोध और निदान के लिए किया जा रहा है। यह उपकरण खेती और वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में बेहद उपयोगी और किफायती है। फोल्डस्कोप का उपयोग किसान कीट और रोग का पता लगाने, मिट्टी की गुणवत्ता की जांच और पानी के विश्लेषण के लिए कर रहे हैं। इसकी मदद से फसलों में पाउडरी फफूंदी, पत्ती झुलसा, पत्ती धब्बा और कटाई के बाद होने वाली बीमारियों की पहचान की जा रही है। अब तक, फोल्डस्कोप की मदद से 16 प्रकार के फफूंद रोगों और उनके कारक जीवों की पहचान हो चुकी है। उदाहरण के लिए, गोलोविनोमाइसेस सिचोर-एसेरम और एरीसिफे पॉलीगोनी जैसे रोगजनकों का पता लगाया गया है। फोल्डस्कोप केवल खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे पशुपालन में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। मवेशियों के कृत्रिम गर्भाधान के लिए वीर्य की गुणवत्ता का आकलन करने में इसका प्रयोग किया गया है। इससे गर्भधारण दर में सुधार हुआ है और देशी मवेशियों की नस्लों की ग्रेडिंग बेहतर हो रही है।

फोल्डस्कोप का उपयोग पांच जैविक कीटनाशकों और दो जैव एजेंटों का परीक्षण करने के लिए भी किया गया है। इससे रसायनों पर निर्भरता घटाने और पर्यावरण-अनुकूल खेती को बढ़ावा देने में मदद मिल रही है। फोल्डस्कोप को बनाने का विचार तब आया जब प्रोफेसर मनु प्रकाश ने खेतों का दौरा किया और पाया कि वैज्ञानिक उपकरणों की अनुपलब्धता किसानों के लिए एक बड़ी बाधा है। उन्होंने एक ऐसा उपकरण विकसित किया जो सस्ता, टिकाऊ और ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोग के लिए आदर्श हो। फोल्डस्कोप ने छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए कृषि और पशुपालन को सरल और वैज्ञानिक बना दिया है। यह उपकरण न केवल खेती में लागत कम कर रहा है, बल्कि फसल और मवेशियों की गुणवत्ता में सुधार कर उनकी आय बढ़ाने में मदद कर रहा है।

मिडिल क्लास को मिलेगी राहत, छत्तीसगढ़ में ‘हाईराइज’ के नियम में बदलवा से फ्लैट्स और मकानों की कीमतें कम होने की संभावना

रायपुर- राज्य सरकार ने बड़े आवासीय और कमर्शियल कांप्लेक्स के निर्माण के लिए ग्राउंड कवरेज एरिया 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया है. यह कदम छत्तीसगढ़ राज्य बनने के 24 साल बाद पहली बार उठाया गया है. अब तक बिल्डरों को अपने प्रोजेक्ट के कुल एरिया की 70 प्रतिशत जमीन विभिन्न कार्यों के लिए छोड़नी पड़ती थी, लेकिन अब सिर्फ 60 प्रतिशत जमीन छोड़नी होगी.

इस नए नियम के तहत अब 40 फीसदी प्लॉट एरिया में मकान या फ्लैट बनाए जा सकेंगे. इसके अलावा, हाईराइज बिल्डिंग बनाने के नियमों में भी बदलाव किया गया है. नए नियम के तहत, यदि किसी प्रोजेक्ट में सड़क की चौड़ाई 12.5 मीटर तक है, तो बिल्डरों को 8 मंजिल तक कमर्शियल बिल्डिंग बनाने की अनुमति दी जाएगी. इससे पहले सिर्फ 5-6 मंजिल की इमारतों की अनुमति मिलती थी.

इन दोनों बदलावों से सबसे बड़ा फायदा आम लोगों को होगा. निर्माण के लिए बिल्डर्स को ज्यादा जमीन मिलने से फ्लैट्स और मकानों की निर्माण लागत में कमी आएगी, जिसका सीधा असर उनकी कीमतों पर पड़ेगा. इसके परिणामस्वरूप मिडिल क्लास परिवारों को अफोर्डेबल हाउसिंग की सुविधा मिलेगी. इस निर्णय को मिडिल क्लास के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है. नियमों में संशोधन की अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई है.

कवासी लखमा बोले- अधिकारियों ने मेरे अनपढ़ होने का फायदा उठाया, कहा- विधानसभा में घोटाला उजागर किया, इसलिए पड़े छापे…

रायपुर-    छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव से पहले जांच एजेंसी एक्शन मोड में है. कथित 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा और कांग्रेसी नेताओं के घर पर ईडी ने दबिश दी. इससे प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया. पूरी कार्रवाई पर पूर्व मंत्री लखमा का बयान सामने आया है. उन्होंने ईडी के छापे को राजनीति से प्रेरित बताया है.

पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि सुबह से रात तक ईडी की कार्रवाई चलती रही. एक भी कागज निवास से नहीं मिला. अधिकारियों ने मेरे अनपढ़ होने का फायदा उठाया. अधिकारियों ने जो कागज लाए उसमें दस्तखत करता रहा. अधिकारी ही कागज को पढ़ते लिखते थे, पूरे मामले में अधिकारियों ने गड़बड़ी की है. ईडी का छापा राजनीति से प्रेरित है. कांग्रेस ने विधानसभा में बहुत से मुद्दे उठाए, विधानसभा में जब बड़ा घोटाला को उजागर हुआ, सरकार ने आनन-फानन में दबाव बनाया. भाजपा चुनाव को देखते हुए बदनाम कर राजनीति करने का काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि एपी त्रिपाठी जैसे अधिकारियों ने मुझको अंधेरे में रखा. मुझे इस घोटाले के बारे में कोई जानकारी नहीं है. मुझसे संपत्ति की जानकारी मांगी है मैंने समय मांगा है पूरी जानकारी दूंगा. ED के अफसर मेरा और बेटे का मोबाइल अपने साथ ले गए है.

मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय बृजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव को दी श्रद्धांजलि
रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर के व्हीआईपी रोड स्थित रामस्वरूप निरंजन धर्मशाला में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में स्वर्गीय बृजेंद्र श्रीवास्तव को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय बृजेंद्र श्रीवास्तव ने जो कार्य किये वे चिरस्थाई रहेंगे। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
इस अवसर पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक सुनील सोनी, विधायक धरमलाल कौशिक, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, स्वर्गीय बृजेंद्र श्रीवास्तव के परिवारजन उपस्थित थे।
 
मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ प्रदेश शौंडिक समाज के प्रतिनिधि मंडल ने की भेंट
रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से कल शाम मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में शौंडिक समाज के प्रतिनिधि मण्डल ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय को प्रतिनिधि मण्डल ने राजधानी रायपुर में 11 जनवरी 2025 को आयोजित होने वाले अखिल भारतीय शौंडिक सामाजिक सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर शिवरतन प्रसाद गुप्ता, श्याम किशोर गुप्ता, ओम प्रकाश गुप्ता और सुरेश प्रसाद गुप्ता सहित शौंडिक समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने सड़क एवं सेतु कार्य की नवीन दर अनुसूची का किया विमोचन

रायपुर-    उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने आज सड़क एवं सेतु कार्य की नवीन दर अनुसूची (SOR) का विमोचन किया। राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग द्वारा 2015 से प्रचलित पुराने एसओआर को अद्यतन किया गया है। नए एसओआर में नई मशीनरी और निर्माण की नई तकनीकों को भी शामिल किया गया है। इनसे गुणवत्तापूर्ण कार्यों के साथ ही ठेकेदारों का वित्तीय जोखिम कम होगा। राज्य में 1 जनवरी 2025 से नया एसओआर लागू होगा। सड़कों के प्रभावी संधारण के लिए छत्तीसगढ़ में भी पी.बी.एम.सी./ओ.पी.आर.एम.सी. (Peformance Based Maintenance Contract/Output and Performance Based Maintenance Contract) लागू किया जाएगा। इसके लिए विभाग द्वारा जल्दी ही पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नए एसओआर के विमोचन के मौके पर आयोजित प्रेस-कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और उन्हें समय-सीमा में पूर्ण करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। नए एसओआर के लागू होने के बाद इनमें और आसानी होगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रचलित एसओआर 1 जनवरी 2015 से लागू है। उस समय इसमें 2014 में प्रचलित श्रमिकों की दर, सामग्री की दर एवं मशीनरी की दर शामिल की गई थी, जिनमें अब दस वर्षों के बाद बहुत अधिक परिवर्तन आ चुका है। नवीन दर अनुसूची वर्तमान में प्रचलित श्रमिकों की दर, सामग्रियों की दर एवं मशीनरी की दर के आधार पर तैयार किया गया है।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बताया कि वर्ष-2015 में जारी की गई दर अनुसूची उस समय प्रचलित सभी टैक्सेस (Taxes) को समावेशित करते हुये तैयार की गई थी। नए एसओआर में देश में 1 जुलाई 2017 से लागू जी.एस.टी. को समाहित किया गया है। ठेकेदार अपनी निविदा दर जी.एस.टी. सहित देंगे जिससे ठेकेदार को पृथक से जी.एस.टी. का भुगतान नहीं करना होगा, परन्तु कार्य की लागत में जी.एस. टी. का प्रभाव सम्मिलित रहेगा। दरों को जी.एस.टी. के प्रभाव के बिना रखे जाने से समय-समय पर जी.एस.टी. की दरों में होने वाले परिवर्तन के कारण ठेकेदार को कार्य करने में जोखिम नहीं रहता है। जी.एस.टी. का प्रभाव सम्मिलित प्रचलित जी.एस.टी. की दरों को प्राक्कलन में जोड़ा जाएगा। ऐसा करने से ठेकेदारों पर वित्तीय जोखिम नहीं आएगा।

श्री साव ने प्रेस-कॉन्फ्रेंस में बताया कि विगत 10 वर्षों में कई नवीन तकनीक (New technology), नए मटेरियल एवं आई.आर.सी. द्वारा विभिन्न कार्यों की कार्यविधि में परिवर्तन किया गया है। इन नवीन तकनीकों और मटेरियल्स के उपयोग का प्रावधान भी नवीन एस.ओ.आर. में किया गया है। इनमें सीमेंट एवं केमिकल से स्वाइल स्टेबलाईजेशन, पेव्हमेंट व्हाइट टॉपिंग, रोड साइनेज में एल्युमिनियम कम्पोजिट मटेरियल शीटिंग का उपयोग, प्रीकास्ट आर.सी.सी. ड्रेन, प्रीकास्ट बाक्स कल्वर्ट, फाउंडेशन कार्य में आर.सी.सी. के उच्च ग्रेड एम-40, एम-45, एम-50 का उपयोग, सब-स्ट्रक्चर कार्य में प्री-स्ट्रेसिंग, बम्बू क्रैश बैरियर और नॉइज बैरियर जैसी नई चीजें शामिल हैं।

श्री साव ने बताया कि नवीन दर अनुसूची लागू होने से निर्माण कार्यों के डी.पी.आर./ प्राक्कलन में कार्य लागत का आंकलन वास्तविक होगा एवं कार्यों हेतु प्रशासकीय स्वीकृति की जाने वाली राशि कार्य करते समय पुनरीक्षित स्वीकृति की आवश्यकता कम होगी। कार्यों की गुणवत्ता एवं समय-सीमा में पूर्ण करने में सार्थक परिणाम मिलेगा।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बताया कि सड़कों के संधारण के लिए वर्तमान पद्धति में सड़क के वर्षा ऋतु में क्षतिग्रस्त होने की संभावना के अनुसार पूर्वानुमान लगाकर निविदाएं आमंत्रित कर ठेकेदारों का चयन कर संधारण कार्य किया जाता है। कई बार ऐसी स्थिति होती है कि सड़क खराब रहती है, परन्तु संधारण हेतु एजेंसी उपलब्ध नहीं होने के कारण सड़कों के गड्ढे भरने एवं संधारण में विलम्ब होता है। कई बार एजेंसी निर्धारित होने के बाद भी ठेकेदार द्वारा संधारण कार्य समय पर नहीं करने के कारण भी सड़कें गड्ढायुक्त एवं क्षतिग्रस्त रहती हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा कई राज्यों के लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों के संधारण हेतु पी.बी.एम.सी. (Peformance Based Maintenance Contract)/ओ.पी.आर.एम.सी. (Output and Performance Based Maintenance Contract) पद्धति से सड़कों का संधारण कार्य किया जा रहा है। इसके संधारण हेतु सड़कों का चयन कर 5 वर्ष से 7 वर्ष तक लगातार संधारण हेतु एक ही एजेंसी निर्धारित की जाती है एवं सड़क खराब होने पर या आकस्मिक किसी तरह का सुधार/अति क्षति होने पर सुधार कार्य हेतु निर्धारित एजेंसी द्वारा अनुबंधित निर्धारित समय-सीमा में सड़क का सुधार कार्य किया जाता है। सड़क का नियमित संधारण भी ठेकेदार द्वारा समय-सीमा में किया जाता है। यदि ठेकेदार निर्धारित समय-सीमा में सड़क सतह सुधार का कार्य नहीं करते हैं तो प्रत्येक दिन विलम्ब हेतु पेनाल्टी का भी प्रावधान है। इस प्रक्रिया की मॉनिटरिंग ऑनलाइन भी की जाती है, जिससे सड़क कहां-कहां पर अच्छी या खराब स्थिति में है, यह कंट्रोल रूम में बैठकर ही देखा जा सकता है। छत्तीसगढ़ में भी इस पद्धति से कार्य करने का निर्णय लोक निर्माण विभाग द्वारा लिया गया है। जल्दी ही पायलेट आधार पर कुछ जिले चयनित कर इसे लागू किया जाएगा। पायलेट प्रोजेक्ट्स के सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने पर पूरे राज्य में सड़कों के संधारण के लिए इसे लागू किया जाएगा।

शराब घोटाला मामला : हाईकोर्ट ने अनवर ढेबर की जमानत याचिका की खारिज, कहा- आरोपी को नहीं दिया जा सकता जमानत का लाभ

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ के कथित 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में आरोपी अनवर ढेबर की जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कठोर टिप्पणी भी की है.

कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए आदेश में कहा, कि सर्वोच्च न्यायालय का मानना है कि भ्रष्टाचार केवल एक मामला नहीं है, यह दंडनीय अपराध है. यह अप्रत्यक्ष रूप से मानवाधिकारों को भी कमजोर करता है. व्यवस्थित भ्रष्ट्राचार आर्थिक अपराधों को जन्म देता है. आर्थिक अपराध गंभीर अपराध है. जिसका पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है. कोर्ट ने कहा, कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है. इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी की जमानत आवेदन को खारिज किया है.

बता दें, कि कारोबारी अनवर ढेबर के खिलाफ ईओडब्ल्यू एवं एसीबी ने 11 जुलाई 2023 को सह अभियुक्त अनिल टुटेजा, अरूणपति त्रिपाठी एमडी सीएसएमसीएल, विकास अग्रवाल, संजय दीवान एवं अन्य आबकारी अधिकारियों से सेंडिकेट बनाकर प्रदेश में शराब बिक्री से अवैध कमिशन वसूली के मामले में धारा 420, 468, 471 एवं 120 बी के तहत अपराध दर्ज कर अप्रैल 2024 को गिरफ्तार किया. इस मामले में ईडी ने नवंबर 2024 को अलग से अपराध दर्ज किया है. इसके अलावा आयकर विभाग ने भी उसके अलग अलग परिसर में छापामार कार्रवाई की है. जेल में बंद अनवर ढ़ेबर ने हाईकोर्ट में जमानत हेतु आवेदन पेश किया था. जिस पर जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि विभिन्न व्यक्तियों के बयान दर्ज किए गए जिन पर आरोप हैं. छत्तीसगढ़ राज्य में शराब सिंडिकेट का एक हिस्सा है. आरोप लगाया कि शराब के व्यापार रिश्वत राशि का भुगतान प्राप्त किया गया है. डिस्टिलर्स, होलोग्राम निर्माताओं, बोतल निर्माताओं की सक्रिय भागीदारी, ट्रांसपोर्टर, जनशक्ति प्रबंधन और जिला उत्पाद शुल्क अधिकारी शामिल हैं. डिस्टिलर्स को काम करने की अनुमति देने के लिए वार्षिक कमीशन का भुगतान किया गया. सिंडिकेट द्बारा साजिश को अंजाम दिया गया.

राज्य में शराब की बिक्री से अलग-अलग तरीकों से पैसा लिया गया. सिडिकेट अवैध वसूली करता था. शराब से लिया गया अवैध कमीशन और ऑफ-द-रिकॉर्ड बेहिसाब देशी शराब की बिक्री राज्य द्बारा संचालित दुकानों से किया गया.