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छत्तीसगढ़ में कृषि और पशुपालन को नई दिशा देने वाला उपकरण फोल्डस्कोप, राज्य के 20 जिलों के किसान कर रहे हैं फोल्डस्कोप का उपयोग

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ में खेती को उन्नत और लाभकारी बनाने के लिए लगातार नित नए नवाचार किए जा रहे हैं। किसानों को उन्नत कृषि उपकरणों के उपयोग और वैज्ञानिक पद्धति को अपनाने के लिए लगातार प्रोत्साहित किए जा रहा है, जिसके सार्थक परिणाम भी सामने आने लगे है। छत्तीसगढ़ राज्य कृषि प्रधान राज्य है। यहां की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी खेती किसानी पर निर्भर है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की धुरी भी कृषि है। छत्तीसगढ़ को खुशहाल और समृद्ध बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को हर संभव मदद दे रही है।

छत्तीसगढ़ में फसलों के कीट प्रकोप प्रबंधन और उन्नत नस्ल के पशुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों को फोल्डस्कोप माइक्रोस्कोप के उपयोग के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है। राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान के सहयोग से राज्य के 20 जिलों के किसानों को ’’फोल्डस्कोप’’ नामक पोर्टेबल माइक्रोस्कोप वितरित किया गया है, जिसका उद्देश्य किसानों को खेती और पशुपालन में वैज्ञानिक तकनीकों से सशक्त बनाना है। रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार-भाटापारा, रायपुर, धमतरी, दुर्ग, राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, कोरिया, सरगुजा, जशपुर, कोरबा, सक्ती, महासमुंद, बिलासपुर, मुंगेली, कबीरधाम, बेमेतरा, कांकेर और बस्तर जिलों के 30 से अधिक गांवों में फैले इस कार्यक्रम को आईसीएआर - राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

फोल्डस्कोप एक किफायती और पोर्टेबल माइक्रोस्कोप है, जिसे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक प्रोफेसर मनु प्रकाश और उनकी टीम ने विकसित किया है। इसे 2014 में लॉन्च किया गया था और तब से इसका उपयोग शिक्षा, शोध और निदान के लिए किया जा रहा है। यह उपकरण खेती और वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में बेहद उपयोगी और किफायती है। फोल्डस्कोप का उपयोग किसान कीट और रोग का पता लगाने, मिट्टी की गुणवत्ता की जांच और पानी के विश्लेषण के लिए कर रहे हैं। इसकी मदद से फसलों में पाउडरी फफूंदी, पत्ती झुलसा, पत्ती धब्बा और कटाई के बाद होने वाली बीमारियों की पहचान की जा रही है। अब तक, फोल्डस्कोप की मदद से 16 प्रकार के फफूंद रोगों और उनके कारक जीवों की पहचान हो चुकी है। उदाहरण के लिए, गोलोविनोमाइसेस सिचोर-एसेरम और एरीसिफे पॉलीगोनी जैसे रोगजनकों का पता लगाया गया है। फोल्डस्कोप केवल खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे पशुपालन में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। मवेशियों के कृत्रिम गर्भाधान के लिए वीर्य की गुणवत्ता का आकलन करने में इसका प्रयोग किया गया है। इससे गर्भधारण दर में सुधार हुआ है और देशी मवेशियों की नस्लों की ग्रेडिंग बेहतर हो रही है।

फोल्डस्कोप का उपयोग पांच जैविक कीटनाशकों और दो जैव एजेंटों का परीक्षण करने के लिए भी किया गया है। इससे रसायनों पर निर्भरता घटाने और पर्यावरण-अनुकूल खेती को बढ़ावा देने में मदद मिल रही है। फोल्डस्कोप को बनाने का विचार तब आया जब प्रोफेसर मनु प्रकाश ने खेतों का दौरा किया और पाया कि वैज्ञानिक उपकरणों की अनुपलब्धता किसानों के लिए एक बड़ी बाधा है। उन्होंने एक ऐसा उपकरण विकसित किया जो सस्ता, टिकाऊ और ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोग के लिए आदर्श हो। फोल्डस्कोप ने छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए कृषि और पशुपालन को सरल और वैज्ञानिक बना दिया है। यह उपकरण न केवल खेती में लागत कम कर रहा है, बल्कि फसल और मवेशियों की गुणवत्ता में सुधार कर उनकी आय बढ़ाने में मदद कर रहा है।

मिडिल क्लास को मिलेगी राहत, छत्तीसगढ़ में ‘हाईराइज’ के नियम में बदलवा से फ्लैट्स और मकानों की कीमतें कम होने की संभावना

रायपुर- राज्य सरकार ने बड़े आवासीय और कमर्शियल कांप्लेक्स के निर्माण के लिए ग्राउंड कवरेज एरिया 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया है. यह कदम छत्तीसगढ़ राज्य बनने के 24 साल बाद पहली बार उठाया गया है. अब तक बिल्डरों को अपने प्रोजेक्ट के कुल एरिया की 70 प्रतिशत जमीन विभिन्न कार्यों के लिए छोड़नी पड़ती थी, लेकिन अब सिर्फ 60 प्रतिशत जमीन छोड़नी होगी.

इस नए नियम के तहत अब 40 फीसदी प्लॉट एरिया में मकान या फ्लैट बनाए जा सकेंगे. इसके अलावा, हाईराइज बिल्डिंग बनाने के नियमों में भी बदलाव किया गया है. नए नियम के तहत, यदि किसी प्रोजेक्ट में सड़क की चौड़ाई 12.5 मीटर तक है, तो बिल्डरों को 8 मंजिल तक कमर्शियल बिल्डिंग बनाने की अनुमति दी जाएगी. इससे पहले सिर्फ 5-6 मंजिल की इमारतों की अनुमति मिलती थी.

इन दोनों बदलावों से सबसे बड़ा फायदा आम लोगों को होगा. निर्माण के लिए बिल्डर्स को ज्यादा जमीन मिलने से फ्लैट्स और मकानों की निर्माण लागत में कमी आएगी, जिसका सीधा असर उनकी कीमतों पर पड़ेगा. इसके परिणामस्वरूप मिडिल क्लास परिवारों को अफोर्डेबल हाउसिंग की सुविधा मिलेगी. इस निर्णय को मिडिल क्लास के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है. नियमों में संशोधन की अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई है.

कवासी लखमा बोले- अधिकारियों ने मेरे अनपढ़ होने का फायदा उठाया, कहा- विधानसभा में घोटाला उजागर किया, इसलिए पड़े छापे…

रायपुर-    छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव से पहले जांच एजेंसी एक्शन मोड में है. कथित 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा और कांग्रेसी नेताओं के घर पर ईडी ने दबिश दी. इससे प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया. पूरी कार्रवाई पर पूर्व मंत्री लखमा का बयान सामने आया है. उन्होंने ईडी के छापे को राजनीति से प्रेरित बताया है.

पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि सुबह से रात तक ईडी की कार्रवाई चलती रही. एक भी कागज निवास से नहीं मिला. अधिकारियों ने मेरे अनपढ़ होने का फायदा उठाया. अधिकारियों ने जो कागज लाए उसमें दस्तखत करता रहा. अधिकारी ही कागज को पढ़ते लिखते थे, पूरे मामले में अधिकारियों ने गड़बड़ी की है. ईडी का छापा राजनीति से प्रेरित है. कांग्रेस ने विधानसभा में बहुत से मुद्दे उठाए, विधानसभा में जब बड़ा घोटाला को उजागर हुआ, सरकार ने आनन-फानन में दबाव बनाया. भाजपा चुनाव को देखते हुए बदनाम कर राजनीति करने का काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि एपी त्रिपाठी जैसे अधिकारियों ने मुझको अंधेरे में रखा. मुझे इस घोटाले के बारे में कोई जानकारी नहीं है. मुझसे संपत्ति की जानकारी मांगी है मैंने समय मांगा है पूरी जानकारी दूंगा. ED के अफसर मेरा और बेटे का मोबाइल अपने साथ ले गए है.

मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय बृजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव को दी श्रद्धांजलि
रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर के व्हीआईपी रोड स्थित रामस्वरूप निरंजन धर्मशाला में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में स्वर्गीय बृजेंद्र श्रीवास्तव को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय बृजेंद्र श्रीवास्तव ने जो कार्य किये वे चिरस्थाई रहेंगे। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
इस अवसर पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक सुनील सोनी, विधायक धरमलाल कौशिक, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, स्वर्गीय बृजेंद्र श्रीवास्तव के परिवारजन उपस्थित थे।
 
मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ प्रदेश शौंडिक समाज के प्रतिनिधि मंडल ने की भेंट
रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से कल शाम मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में शौंडिक समाज के प्रतिनिधि मण्डल ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय को प्रतिनिधि मण्डल ने राजधानी रायपुर में 11 जनवरी 2025 को आयोजित होने वाले अखिल भारतीय शौंडिक सामाजिक सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर शिवरतन प्रसाद गुप्ता, श्याम किशोर गुप्ता, ओम प्रकाश गुप्ता और सुरेश प्रसाद गुप्ता सहित शौंडिक समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने सड़क एवं सेतु कार्य की नवीन दर अनुसूची का किया विमोचन

रायपुर-    उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने आज सड़क एवं सेतु कार्य की नवीन दर अनुसूची (SOR) का विमोचन किया। राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग द्वारा 2015 से प्रचलित पुराने एसओआर को अद्यतन किया गया है। नए एसओआर में नई मशीनरी और निर्माण की नई तकनीकों को भी शामिल किया गया है। इनसे गुणवत्तापूर्ण कार्यों के साथ ही ठेकेदारों का वित्तीय जोखिम कम होगा। राज्य में 1 जनवरी 2025 से नया एसओआर लागू होगा। सड़कों के प्रभावी संधारण के लिए छत्तीसगढ़ में भी पी.बी.एम.सी./ओ.पी.आर.एम.सी. (Peformance Based Maintenance Contract/Output and Performance Based Maintenance Contract) लागू किया जाएगा। इसके लिए विभाग द्वारा जल्दी ही पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नए एसओआर के विमोचन के मौके पर आयोजित प्रेस-कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और उन्हें समय-सीमा में पूर्ण करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। नए एसओआर के लागू होने के बाद इनमें और आसानी होगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रचलित एसओआर 1 जनवरी 2015 से लागू है। उस समय इसमें 2014 में प्रचलित श्रमिकों की दर, सामग्री की दर एवं मशीनरी की दर शामिल की गई थी, जिनमें अब दस वर्षों के बाद बहुत अधिक परिवर्तन आ चुका है। नवीन दर अनुसूची वर्तमान में प्रचलित श्रमिकों की दर, सामग्रियों की दर एवं मशीनरी की दर के आधार पर तैयार किया गया है।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बताया कि वर्ष-2015 में जारी की गई दर अनुसूची उस समय प्रचलित सभी टैक्सेस (Taxes) को समावेशित करते हुये तैयार की गई थी। नए एसओआर में देश में 1 जुलाई 2017 से लागू जी.एस.टी. को समाहित किया गया है। ठेकेदार अपनी निविदा दर जी.एस.टी. सहित देंगे जिससे ठेकेदार को पृथक से जी.एस.टी. का भुगतान नहीं करना होगा, परन्तु कार्य की लागत में जी.एस. टी. का प्रभाव सम्मिलित रहेगा। दरों को जी.एस.टी. के प्रभाव के बिना रखे जाने से समय-समय पर जी.एस.टी. की दरों में होने वाले परिवर्तन के कारण ठेकेदार को कार्य करने में जोखिम नहीं रहता है। जी.एस.टी. का प्रभाव सम्मिलित प्रचलित जी.एस.टी. की दरों को प्राक्कलन में जोड़ा जाएगा। ऐसा करने से ठेकेदारों पर वित्तीय जोखिम नहीं आएगा।

श्री साव ने प्रेस-कॉन्फ्रेंस में बताया कि विगत 10 वर्षों में कई नवीन तकनीक (New technology), नए मटेरियल एवं आई.आर.सी. द्वारा विभिन्न कार्यों की कार्यविधि में परिवर्तन किया गया है। इन नवीन तकनीकों और मटेरियल्स के उपयोग का प्रावधान भी नवीन एस.ओ.आर. में किया गया है। इनमें सीमेंट एवं केमिकल से स्वाइल स्टेबलाईजेशन, पेव्हमेंट व्हाइट टॉपिंग, रोड साइनेज में एल्युमिनियम कम्पोजिट मटेरियल शीटिंग का उपयोग, प्रीकास्ट आर.सी.सी. ड्रेन, प्रीकास्ट बाक्स कल्वर्ट, फाउंडेशन कार्य में आर.सी.सी. के उच्च ग्रेड एम-40, एम-45, एम-50 का उपयोग, सब-स्ट्रक्चर कार्य में प्री-स्ट्रेसिंग, बम्बू क्रैश बैरियर और नॉइज बैरियर जैसी नई चीजें शामिल हैं।

श्री साव ने बताया कि नवीन दर अनुसूची लागू होने से निर्माण कार्यों के डी.पी.आर./ प्राक्कलन में कार्य लागत का आंकलन वास्तविक होगा एवं कार्यों हेतु प्रशासकीय स्वीकृति की जाने वाली राशि कार्य करते समय पुनरीक्षित स्वीकृति की आवश्यकता कम होगी। कार्यों की गुणवत्ता एवं समय-सीमा में पूर्ण करने में सार्थक परिणाम मिलेगा।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बताया कि सड़कों के संधारण के लिए वर्तमान पद्धति में सड़क के वर्षा ऋतु में क्षतिग्रस्त होने की संभावना के अनुसार पूर्वानुमान लगाकर निविदाएं आमंत्रित कर ठेकेदारों का चयन कर संधारण कार्य किया जाता है। कई बार ऐसी स्थिति होती है कि सड़क खराब रहती है, परन्तु संधारण हेतु एजेंसी उपलब्ध नहीं होने के कारण सड़कों के गड्ढे भरने एवं संधारण में विलम्ब होता है। कई बार एजेंसी निर्धारित होने के बाद भी ठेकेदार द्वारा संधारण कार्य समय पर नहीं करने के कारण भी सड़कें गड्ढायुक्त एवं क्षतिग्रस्त रहती हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा कई राज्यों के लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों के संधारण हेतु पी.बी.एम.सी. (Peformance Based Maintenance Contract)/ओ.पी.आर.एम.सी. (Output and Performance Based Maintenance Contract) पद्धति से सड़कों का संधारण कार्य किया जा रहा है। इसके संधारण हेतु सड़कों का चयन कर 5 वर्ष से 7 वर्ष तक लगातार संधारण हेतु एक ही एजेंसी निर्धारित की जाती है एवं सड़क खराब होने पर या आकस्मिक किसी तरह का सुधार/अति क्षति होने पर सुधार कार्य हेतु निर्धारित एजेंसी द्वारा अनुबंधित निर्धारित समय-सीमा में सड़क का सुधार कार्य किया जाता है। सड़क का नियमित संधारण भी ठेकेदार द्वारा समय-सीमा में किया जाता है। यदि ठेकेदार निर्धारित समय-सीमा में सड़क सतह सुधार का कार्य नहीं करते हैं तो प्रत्येक दिन विलम्ब हेतु पेनाल्टी का भी प्रावधान है। इस प्रक्रिया की मॉनिटरिंग ऑनलाइन भी की जाती है, जिससे सड़क कहां-कहां पर अच्छी या खराब स्थिति में है, यह कंट्रोल रूम में बैठकर ही देखा जा सकता है। छत्तीसगढ़ में भी इस पद्धति से कार्य करने का निर्णय लोक निर्माण विभाग द्वारा लिया गया है। जल्दी ही पायलेट आधार पर कुछ जिले चयनित कर इसे लागू किया जाएगा। पायलेट प्रोजेक्ट्स के सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने पर पूरे राज्य में सड़कों के संधारण के लिए इसे लागू किया जाएगा।

शराब घोटाला मामला : हाईकोर्ट ने अनवर ढेबर की जमानत याचिका की खारिज, कहा- आरोपी को नहीं दिया जा सकता जमानत का लाभ

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ के कथित 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में आरोपी अनवर ढेबर की जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कठोर टिप्पणी भी की है.

कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए आदेश में कहा, कि सर्वोच्च न्यायालय का मानना है कि भ्रष्टाचार केवल एक मामला नहीं है, यह दंडनीय अपराध है. यह अप्रत्यक्ष रूप से मानवाधिकारों को भी कमजोर करता है. व्यवस्थित भ्रष्ट्राचार आर्थिक अपराधों को जन्म देता है. आर्थिक अपराध गंभीर अपराध है. जिसका पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है. कोर्ट ने कहा, कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है. इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी की जमानत आवेदन को खारिज किया है.

बता दें, कि कारोबारी अनवर ढेबर के खिलाफ ईओडब्ल्यू एवं एसीबी ने 11 जुलाई 2023 को सह अभियुक्त अनिल टुटेजा, अरूणपति त्रिपाठी एमडी सीएसएमसीएल, विकास अग्रवाल, संजय दीवान एवं अन्य आबकारी अधिकारियों से सेंडिकेट बनाकर प्रदेश में शराब बिक्री से अवैध कमिशन वसूली के मामले में धारा 420, 468, 471 एवं 120 बी के तहत अपराध दर्ज कर अप्रैल 2024 को गिरफ्तार किया. इस मामले में ईडी ने नवंबर 2024 को अलग से अपराध दर्ज किया है. इसके अलावा आयकर विभाग ने भी उसके अलग अलग परिसर में छापामार कार्रवाई की है. जेल में बंद अनवर ढ़ेबर ने हाईकोर्ट में जमानत हेतु आवेदन पेश किया था. जिस पर जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि विभिन्न व्यक्तियों के बयान दर्ज किए गए जिन पर आरोप हैं. छत्तीसगढ़ राज्य में शराब सिंडिकेट का एक हिस्सा है. आरोप लगाया कि शराब के व्यापार रिश्वत राशि का भुगतान प्राप्त किया गया है. डिस्टिलर्स, होलोग्राम निर्माताओं, बोतल निर्माताओं की सक्रिय भागीदारी, ट्रांसपोर्टर, जनशक्ति प्रबंधन और जिला उत्पाद शुल्क अधिकारी शामिल हैं. डिस्टिलर्स को काम करने की अनुमति देने के लिए वार्षिक कमीशन का भुगतान किया गया. सिंडिकेट द्बारा साजिश को अंजाम दिया गया.

राज्य में शराब की बिक्री से अलग-अलग तरीकों से पैसा लिया गया. सिडिकेट अवैध वसूली करता था. शराब से लिया गया अवैध कमीशन और ऑफ-द-रिकॉर्ड बेहिसाब देशी शराब की बिक्री राज्य द्बारा संचालित दुकानों से किया गया.

ED की ECIR में दावा, कवासी लखमा को हर महीने मिलते थे 50 लाख रुपए

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में हुआ शराब घोटाला काफी लंबे समय से प्रदेश की राजनीति में सुर्खियों पर है. इस मामले में शनिवार को भी पूर्व मंत्री कवासी लखमा समेत कई अन्य के खिलाफ ईडी ने दबिश देकर कार्रवाई की. सूत्रों के हवाले से अब खबर है कि ईडी ने अपनी ECIR में दावा किया है कि इस घोटाले में बतौर कमीशन हर महीने 50 लाख रुपए पूर्व मंत्री कवासी लखमा को भी मिलते थे. हालांकि कवासी लखमा ने हर महीने कमीशन मिलने की बात से इनकार किया है.

इस घोटाले में अन्य नेताओं और अफसरों का भी नाम सामने आया है. आपको बता दें कि ईडी ने अब तक इस मामले में करीब 65 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. वहीं कवासी लखमा ने अब खुद अपने आप को अनपढ़ बता दिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि कांग्रेस शासनकाल में राजस्व के लिहाज से सबसे अहम आबकारी विभाग से जुड़े तमाम काम क्या कवासी लखमा खुद करते थे ? या उनकी आड़ में कोई और…

छत्तीसगढ़ में बढ़ेगी ठंड, अगले 4 दिनों में तेजी से गिरेगा पारा..

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में आज से तापमान में गिरावट का दौर शुरू हो जाएगा. पहले ही देश के विभिन्न राज्यों में ठंड का कहर जारी है. कपकपी ठंड से लोग परेशान है तो कुछ हिस्सों में बारिश हो रही है. छत्तीसगढ़ में अब मौसम मिजाज बदलने वाला है. मौसम विभाग के अनुसार, आज से 2 जनवरी तक तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी. 6 से 8 डिग्री तक तापमान में गिरावट हो रही है, इस दौरान शुरू में तेजी से पारा गिरेगा. शनिवार को प्रदेश में रायपुर समेत कई क्षेत्रों में बारिश हुई.

छत्तीसगढ़ में अगले 24 घंटो तक न्यूनतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन होने की सम्भावना नहीं है. आज से मौसम ड्राई होने लगेगा. सबसे ज्यादा तापमान 32.3 डिग्री तो बलरामपुर में सबसे कम 12.6 डिग्री रहा.

मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण के रूप में पश्चिमी विक्षोभ समुद्र तल से 3.1 और 7.6 किमी ऊपर बना हुआ है. ऊपरी क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में बनी द्रोणिका, जिसकी धुरी समुद्र तल से 9.1 किमी ऊपर है, अब लगभग अक्षांश 17°N के उत्तर में देशांतर 72°E के साथ चल रही है.

राजधानी में मौसम का हाल

मौसम विभाग के अनुसार, राजधानी रायपुर में आज आसमान में बादल छाए रहेंगे. सबसे ज्यादा तापमान 31°C और सबसे कम 19°C के आसपास रहने की संभावना है.

राजधानी की इन सड़कों पर ऑटो और ई-रिक्शा की एंट्री बैन! यातायात पुलिस ने रोडमैप किया जारी

रायपुर-  राजधानी रायपुर के शास्त्री चौक पर सवारी ऑटो और ई-रिक्शा वाहनों के कारण बढ़ते यातायात दबाव को कम करने और यातायात व्यवस्था को सुरक्षित बनाने के लिए 29 दिसंबर से इन वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा। इस निर्णय के बारे में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) डॉ. अनुराग झा ने ऑटो चालक संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक की है, जिसमें उन्हें यातायात नियमों का पालन करने और व्यवस्था को सुगम बनाने के निर्देश दिए गए।

अधिकारियों ने किया प्रमुख सड़कों का निरीक्षण

बता दें कि एक दिन पहले, कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह, एस.एस.पी. डॉ. लाल उमेंद सिंह, नगर निगम आयुक्त अविनाश मिश्रा सहित अन्य अधिकारियों की एक टीम ने शहर की प्रमुख सड़कों पर पैदल निरीक्षण किया और ट्रैफिक व्यवस्था की स्थिति का जायजा लिया था। इसके बाद शास्त्री चौक पर सवारी ऑटो और ई-रिक्शा के कारण बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए यह फैसला लिया गया कि यहां सभी प्रकार के सवारी ऑटो और ई-रिक्शा वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाएगा।

चालक संघ का समर्थन

शहर की प्रमुख सड़कों पर निरीक्षण के बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात डॉ. अनुराग झा ने रायपुर में संचालित सवारी ऑटो और ई-रिक्शा चालक संघ के पदाधिकारियों से बैठक की और इस फैसले की जानकारी दी। चालक संघ के पदाधिकारियों ने इस निर्णय को सहमति दी और शास्त्री चौक पर सुगम एवं सुरक्षित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रकार के सवारी ऑटो और ई-रिक्शा वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर सहमती जताई है।

सवारी ऑटो और ई-रिक्शा के नए मार्ग

1. टाटीबंध से शास्त्री चौक की ओर आने वाले सवारी ऑटो: ये वाहन शहीद स्मारक भवन तक जा सकते हैं और वहां से बाम्बे मार्केट कटिंग से यू-टर्न लेकर टाटीबंध की ओर वापस लौट सकते हैं।

2. रेलवे स्टेशन से शास्त्री चौक आने वाले सवारी ऑटो: ये वाहन कचहरी चौक तक जा सकते हैं और वहां से खालसा स्कूल टर्निंग से होकर रेलवे स्टेशन की ओर लौट सकते हैं। यदि यात्रियों को तेलीबांधा या कालीबाड़ी की दिशा में जाना हो, तो वे ऑक्सीजन से अम्बेडकर चौक मार्ग से जा सकते हैं।

3. तेलीबांधा से शास्त्री चौक आने वाले सवारी ऑटो: ये वाहन नगर घड़ी चौक तक जा सकते हैं और वहां से बंजारी चौक, राजभवन चौक, और अम्बेडकर चौक मार्ग से होकर वापस जा सकते हैं। जय स्तंभ चौक की ओर जाने वाले ऑटो बंजारी चौक-डीकेएस अस्पताल-लाल गंगा शॉपिंग मॉल रोड से होकर आवागमन कर सकते हैं।

4. पचपेड़ी नाका से शास्त्री चौक आने वाले सवारी ऑटो/ई-रिक्शा: ये वाहन बंजारी चौक में सवारी उतार सकते हैं और यू-टर्न लेकर वापस जा सकते हैं। रेलवे स्टेशन जाने के लिए बंजारी चौक से राजभवन चौक, अम्बेडकर चौक, ऑक्सीजन होकर खालसा स्कूल चौक और मरही माता चौक होते हुए यात्रा कर सकते हैं।

गौरतलब है कि इस बैठक में गुरजीत सिंह एवं सतीश ठाकुर उप पुलिस अधीक्षक यातायात रायपुर, शहर ऑटो संघ से कमल पांडेय, ई रिक्शा संघ से सुरेश तिवारी, स्कूल ऑटो संघ से जगदीश तिवारी, रेल्वे स्टेशन ऑटो संघ से नारायण दास सोनी सहित सईद उद्दीन, मो. इस्लाम, संदीप कुमार, बिसेक जगत, शेख़ अ. रसीद, दीपक मुदलियार,पवन यदु, मुन्ना, शब्बीर आदि उपस्थित थे।