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तुरंत करें चेक, कहीं आपके नाम पर तो नहीं चल रहे फर्जी SIM

डेस्क:–नया सिम खरीदते वक्त आधार कार्ड मांगा जाता है। एक व्यक्ति कितने सिम खरीद सकता है। इसके लिए वकायदा नियम बनाया गया है। एक आधार कार्ड पर सिर्फ 9 सिम खरीदी जा सकती हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर, असम और नॉर्थ-ईस्ट में यह संख्या 6 है।

कई बार होता है कि व्यक्ति अपने आधार पर केवल एक ही सिम खरीदता है, लेकिन उसके आधार पर एक्टिव सिम की संख्या काफी ज्यादा होती है। ऐसे में अगर आपको भी नहीं पता है कि असल में आपके आधार पर कितनी सिम एक्टिव हैं, तो इसके बारे में पता करने का एक आसान तरीका है, जो इस खबर में बता रहे हैं।

टेलीकॉम डिपार्टमेंट की sancharsaathi.gov.in साइट से अपने आधार कार्ड पर एक्टिव सिम की संख्या के बारे में पता किया जा सकता है। साथ ही अगर कोई संदिग्ध सिम एक्टिव पाई जाती है, तो उसे ब्लॉक और रिपोर्ट करने की सुविधा भी यहां मिलती है।

सबसे पहले sancharsaathi.gov.in पर जाएं।

होम पेज पर Citizen Centric Services में Know Your Mobile Connections पर टैप करें।

अपना मोबाइल नंबर और कैप्चा फिल करें।

नंबर एक ओटीपी भेजा जाएगा। जिसे फिल करें और आगे बढ़ जाएं।

अब आपके सामने सभी सिम कार्ड की डिटेल आ जाएगी, जो आधार कार्ड पर लिए गए हैं।

अगर आपको कोई नंबर संदिग्ध लगता है, तो ‘Not required’ पर क्लिक करके उसकी रिपोर्ट की जा सकती है।

सिम कार्ड डिएक्टिवेट होने में कुछ दिन का वक्त लगता है। सिम को ब्लॉक करने के लिए किसी भी तरह की फीस नहीं ली जाती है।

9 से ज्यादा सिम एक्टिव हुए तो जुर्माना।

नए टेलीकॉम एक्ट (New telecom law) के नियमों के मुताबिक, एक व्यक्ति के आधार कार्ड पर कुल 9 ही सिम चालू रखने की परमिशन है। अगर इससे ज्यादा सिम एक्टिव पाए जाते हैं तो 50,000 हजार से लेकर 2 लाख रुपये तक जुर्माना भरना पड़ सकता है।

संचार साथी पोर्टल पर अनेकों तरह की सर्विस मिलती हैं। जिनका आप फायदा उठा सकते हैं। इसके जरिये साइबर फ्रॉड व ठगी के मामलों की शिकायत की जा सकती है। संचार साथी पोर्टल पर की गई शिकायत पर तुरंत कार्रवाई होती है। अगर आपका फोन चोरी हो जाता है तो इस पोर्टल के जरिये उसे ब्लॉक भी किया जा सकता है। इस पोर्टल का मकसद स्कैम पर लगाम लगाना है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों को गौरव वल्लभ ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण

डेस्क:–बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों को गौरव वल्लभ ने बहुत दुर्भाग्यपूर्ण कहा। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में धर्म के आधार पर हमला हो रहा है, इससे ज़्यादा दुर्भाग्यपूर्ण घटना कोई हो नहीं सकती। भारत की सरकार और आम लोग इस पर अपनी चिंता जता चुके हैं। जिस तरह से हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं, आने वाले समय में सरकार उसको बर्दाश्त नहीं करेगी। बांग्लादेश की हुकूमत से कहना चाहूंगा कि भारत में कांग्रेस की सरकार नहीं है कि आप हिंदुओं पर हमले करो और वह खामोशी से बैठकर ताली मारते रहें। यहां नरेंद्र मोदी की सरकार है। हिंदू समाज पर हो रहे किसी भी तरह के हमले और शोषण को भारत सरकार और यहां के लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे।


गैस सिलेंडर के फिर बढ़े दाम, जानें नई कीमत

डेस्क:–दिसंबर के पहले दिन ही महंगाई की मार पड़ी है। सरकारी तेल कंपनियों ने कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ाए हैं। यह सिलेंडर होटल, रेस्टोरेंट, शादियों में इस्तेमाल किया जाता है, जिसका सीधा असर खाने-पीने की चीजों में महंगाई के रूप में दिखेगा। राहत की बात है कि घरेलू गैस सिलेंडर के दाम में बदलाव नहीं किया गया है। इंडियन ऑयल के मुताबिक 19 किलो वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 16.50 रुपए बढ़ाई गई है। नवंबर की पहली तारीख को भी कीमत में इजाफा हुआ था। बता दें, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को रसोई गैस सिलेंडर पर 300 रुपए की सब्सिडी मिलती है। सब्सिडी साल में 12 सिलेंडरों तक मिलती है।

अब दिल्ली में 19 किलो वाला कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर 1818.50 रुपए में मिलेगा। नवंबर में कीमत में 62 रुपए का इजाफा किया गया था। अक्टूबर में दाम 1740 रुपए था। यह लगातार पांचवां महीना है, जब तेल कंपनियों ने सिलेंडर की कीमत बढ़ाई गई है। दिल्ली के अलावा कोलकाता में अब कमर्शियल गैस सिलेंडर 1927.00 रुपए का हो गया है। यह गैस सिलेंडर मुंबई में 1771 रुपए और चेन्नई में 1980.50 रुपए में मिल रहा है। कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में 1 नवंबर को 62 रुपए की बढ़ोतरी हुई थी। इससे पहले 1 अक्टूबर को 48.50 रुपए, 1 सितंबर को 39 और 1 अगस्त को 6.50 रुपए की बढ़ोतरी की गई थी।

घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में इजाफा नहीं किया गया है। 14.2 किलो वाले रसोई गैस सिलेंडर के दिल्ली में दाम 803 रुपए, कोलकाता में 829 रुपए, मुंबई में 802.50 रुपए, चेन्नई में 818.50 रुपए हैं।
1 जनवरी से महंगी हो जाएगी बाइक, इस कंपनी के मॉडल के बढ़ेंगे दाम


डेस्क:–नया साल आने में एक महीना बचा है। नए साल के पहले दिन से काफी कुछ बदल जाता है। कई ऑटो मेकर्स अपनी पॉलिसी में बदलाव कर देते हैं। कुछ गाड़ी महंगी तो कई सस्ती होती हैं। 1 जनवरी से बीएमडब्ल्यू अपनी बाइक के दाम बढ़ाने वाली है। बीएमडब्ल्यू मोटोराड इंडिया भी सभी मॉडल की कीमत में इजाफा करने वाली है। बाइक की कीमत में 2.5 फीसदी तक इजाफा होने वाला है।

भारत में बीएमडब्ल्यू की बाइक्स भी लोगों को पसंद आ रहे हैं। अब 1 जनवरी से बीएमडब्ल्यू मोटोराड अपने सभी टू-व्हीलर की कीमत बढ़ाएगी। कंपनी का कहना है कि इनपुट कॉस्ट के बढ़ने से और महंगाई के दबाव में सभी रेंज की बाइक की कीमत बढ़ाई जा रही है।

देश में बीएमडब्ल्यू मोटोराड के 27 मॉडल हैं। इनमें 24 मोटरसाइकिल और तीन स्कूटर हैं। तीन स्कूटर की लिस्ट में CE 02, CE 04, C 400 GT शामिल हैं। इसमें बीएमडब्ल्यू CE 04 देश का सबसे महंगा इलेक्ट्रिक स्कूटर है। इस स्कूटर के बाद CE 02 लॉन्च किया गया, जो पांच लाख रुपए का है।

बीएमडब्ल्यू की सबसे सस्ती बाइक G 310 R है। इसकी कीमत 2.90 लाख रुपए से शुरू होती है। भारत में बीएमडब्ल्यू की सबसे महंगी बाइक M 1000 RR है, जिसकी कीमत 55 लाख रुपए है।
टाइट सिक्योरिटी के बाद भी कैसे हैक हो जाता है WhatsApp?

डेस्क:–क्या आप लोगों ने कभी सोचा है कि आखिर व्हॉट्सऐप पर इतनी तगड़ी और टाइट सिक्योरिटी के बाद भी कैसे आसाी से अकाउंट हैक हो जाता है? आज हम आपको कुछ ऐसे कारण बताने वाले हैं जिनकी वजह से आपका अकाउंट भी हैक हो सकता है।

दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp में यूजर्स की सेफ्टी और प्राइवेसी के लिए ढेरों शानदार फीचर्स दिए गए हैं। लेकिन कई बार हम लोग कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिस वजह से व्हॉट्सऐप अकाउंट पर खतरा मंडराने लगता है। आज हम आप लोगों को कुछ ऐसे कारण बताने वाले हैं, जिनकी वजह से टाइट सिक्योरिटी के बावजूद भी आप लोगों का व्हाट्सएप अकाउंट हैक हो सकता है।

*पहली गलती*

व्हाट्सएप में आफ लोगों की सेफ्टी के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन फीचर दिया गया है। लेकिन बहुत से लोग तो ऐसे हैं जिन्हें इस फीचर का पता तो है लेकिन लोगों ने इस फीचर को अब तक ऐनेबल ही नहीं किया है। इस फीचर की मदद से आपके अकाउंट पर सेफ्टी की एक एक्स्ट्रा लेयर क्रिएट हो जाती है और अकाउंट हैक करना मुश्किल हो जाता है।

अब ऐसे में इस फीचर को ऑन न करने की गलती भारी पड़ जाती है और हैकर्स आसानी से अकाउंट को अपने कंट्रोल में ले लेते हैं।

*दूसरी गलती*

अगर आप भी पब्लिक WiFi नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं, तो डिवाइस के हैक होने का खतरा आप पर मंडरा सकता है. फ्री वाई-फाई के चक्कर में अक्सर लोग इस तरह की गलती कर बैठते हैं जिस वजह से अकाउंट आसानी से हैक हो जाता है। ऐसे में सलाह दी जाती है कि ऐसे नेटवर्क पर व्हाट्सएप का इस्तेमाल करें जो सिक्योर हो।

*तीसरी गलती*

कभी-कभी व्हाट्सएप अकाउंट को हैक करने के लिए मैलवेयर और स्पाइवेयर का भी यूज किया जाता है।ऐप्स को थर्ड पार्टी के जरिए इंस्टॉल करते वक्त मैलवेयर आपके डिवाइस में घुस सकता है जिससे अकाउंट हैक होने का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में यही सलाह दी जाती है कि ऐप को गूगल प्ले स्टोर या फिर ऐपल ऐप स्टोर जैसे ऑफिशियल स्टोर से ही इंस्टॉल करें।

*चौथी गलती*

कई बार हैकर्स लोगों को इस तरह का लालच देते हैं कि लोग व्हॉट्सऐप पर आए किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने को मजबूर हो जाते हैं। इस बात की सलाह दी जाती है कि अगर कोई व्यक्ति आपको कोई लिंक भेजे तो उस लिंक पर आंख बंद करके भरोसा न करें क्योंकि अनजान लिंक पर क्लिक करने से अकाउंट हैक होने का खतरा बढ़ सकता है। इन गलतियों से बचकर आप अपने व्हाट्सएप अकाउंट को हैक होने से बचा सकते हैं।
सरकार ने फ्रॉड करने वाले स्कैमर्स की  बजाई बैंड, आम आदमी के बचाए 3,431 करोड़
डेस्क:–Cyber Crime के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने आम जनता को बचाने के लिए सख्ती से कारवाई करते हुए 6 लाख 69 हजार सिम कार्ड्स और 1 लाख 32 हजार IMEI को ब्लॉक कर दिया है।पुलिस अधिकारियों का कहना है कि डिजिटल फ्रॉड करने वाले स्कैमर्स इन सिम कार्ड्स का इस्तेमाल कर रहे थे, यही वजह है कि सरकार ने बिना समय गंवाए एक्शन लेते हुए इन्हें ब्लॉक करने का फैसला लिया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने सही समय पर एक्शन लिया जिस वजह से 3431 करोड़ रुपये बचा लिए गए हैं। सरकार के इस कदम से लोगों को काफी हद तक राहत की सांस मिली है।

गृह राज्य मंत्री Bandi Sanjay Kumar ने राज्यसभा में बताया कि, फाइनेंशियल फ्रॉड और धोखेबाजों द्वारा पैसों की हेराफेरी को रोकने के लिए, I4C के तहत सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम को 2021 में शुरू किया था।अब तक 9.94 लाख से ज्यादा शिकायतों में 3431 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राशि को बचया गया है।

सरकार ने साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की शिकायत के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 1930 भी शुरू किया था। आप डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन द्वारा शुरू की गई सर्विस Chakshu के जरिए फ्रॉड की शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

शिकायत के लिए https://sancharsaathi.gov.in/ पर जाना होता है और फिर साइट पर Citizen Centric Services पर क्लिक करना होता है। इसके बाद रिपोर्ट सस्पेक्टेड फ्रॉड कम्युनिकेशन ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद नेक्स्ट पेज पर कंटीन्यू फॉर रिपोर्टिंग ऑप्शन दिखेगा। इस ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।

अगले स्टेप पर कुछ जरूरी सवाल पूछे जाते हैं जैसे कि एसएमएस, कॉल या वॉट्सऐप आपके साथ किस तरह से ठगी हुई है। कुछ जरूरी सवालों के जवाब देने के बाद आपकी शिकायत ऑनलाइन दर्ज हो जाएगी। साइबर क्राइम से बचने के लिए हमेशा याद रखें कि अनजान लिंक पर क्लिक न करें और मजबूत पासवर्ड बनाएं।
फरीदाबाद: NCR के रियल एस्टेट परिदृश्य में विकास के लिए तैयार एक संपन्न केंद्र

डेस्क:–लंबे समय से अपने पड़ोसी शहरों गुरुग्राम और दिल्ली की छाया में रहने वाला फरीदाबाद अब उभरते हुए रियल एस्टेट गंतव्य के रूप में सुर्खियों में आ रहा है। बुनियादी ढांचे और वाणिज्यिक विकास में उछाल के साथ, शहर आवासीय और वाणिज्यिक अवसरों के केंद्र में बदल रहा है, जो कार्यालय स्थानों, खुदरा केंद्रों और आवासीय परियोजनाओं की मांग को आकर्षित कर रहा है। किफायती से लेकर प्रीमियम तक आवास विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला को पूरा करते हुए, फरीदाबाद का रणनीतिक स्थान और NCR के साथ कनेक्टिविटी इसे घर खरीदारों और निवेशकों दोनों के लिए तेजी से आकर्षक बनाती है।

फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद (एफएनजी) एक्सप्रेसवे जैसी प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाएं फरीदाबाद में रियल एस्टेट बाजार को नया रूप दे रही हैं। एक बार पूरा हो जाने पर, एफएनजी एक्सप्रेसवे पहुंच में काफी सुधार करेगा, यात्रा के समय को कम करेगा और शहर के भीतर विकास के नए अवसर खोलेगा। ग्रेटर फरीदाबाद, जिसे नहरपार फरीदाबाद के नाम से जाना जाता है, के विस्तार ने भी रियल एस्टेट विकास को बढ़ावा दिया है, जिससे आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं के लिए नए रास्ते खुल रहे हैं। इसके अतिरिक्त, दिल्ली-मथुरा रोड शहर की कनेक्टिविटी को बढ़ाता है, जिससे फरीदाबाद एक व्यापक परिवहन नेटवर्क में एकीकृत हो जाता है।

आगामी फरीदाबाद-जेवर एक्सप्रेसवे एक और परिवर्तनकारी परियोजना है जो फरीदाबाद को भारत की सबसे बड़ी हवाई अड्डा परियोजनाओं में से एक, जेवर हवाई अड्डे से सीधे जोड़ने का वादा करती है, जिससे पहुँच और निवेश क्षमता को और बढ़ावा मिलेगा। यह कनेक्टिविटी फरीदाबाद में संपत्ति के मूल्यों को बढ़ाने में मदद करेगी, जिससे इस क्षेत्र में अधिक डेवलपर्स, व्यवसाय और घर खरीदने वाले आकर्षित होंगे। खरीदारों और निवेशकों के बीच फरीदाबाद की बढ़ती अपील एनारॉक की एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि फरीदाबाद में H1 2024 में लगभग 6,205 इकाइयाँ बिकीं, जो आगामी बुनियादी ढाँचे द्वारा मजबूत माँग को प्रदर्शित करती है। भविष्य की संभावनाएँ

फरीदाबाद का रणनीतिक स्थान, इसके बढ़ते बुनियादी ढाँचे और कनेक्टिविटी के साथ मिलकर, पर्याप्त आर्थिक विकास के लिए मंच तैयार करता है। 2030 तक 8% वार्षिक जीडीपी विकास दर हासिल करने का अनुमान है, शहर एनसीआर के भीतर एक प्रमुख आर्थिक चालक के रूप में स्थित है। बुनियादी ढाँचे, औद्योगिक क्षेत्रों और वाणिज्यिक परियोजनाओं में निरंतर निवेश इस विकास को बढ़ावा देता है, जो फरीदाबाद के रियल एस्टेट बाजार के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण में योगदान देता है। शहर का विकास पथ एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था में आवास विकल्पों की तलाश करने वाले लोगों को आकर्षित करता है, जिससे यह रियल एस्टेट निवेशकों और घर खरीदने वालों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन जाता है।
नाडा प्रतिबंध पर बजरंग पूनिया की टिप्पणी पर हरियाणा के खेल मंत्री की प्रतिक्रिया

डेस्क:–पहलवान बजरंग पुनिया पर राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा लगाए गए चार साल के प्रतिबंध पर बोलते हुए, हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम ने कहा कि संगठन किसी एक व्यक्ति विशेष की पहचान करके काम नहीं करता है और आरोप लगाया कि पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) और उसके पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान इस दिग्गज पहलवान ने खेलों को राजनीति में घसीटा।

बजरंग ने डोपिंग रोधी नियम के उल्लंघन के लिए राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा लगाए गए चार साल के प्रतिबंध पर "राजनीतिक साजिश" का आरोप लगाया है, जिसमें कहा गया है कि यह प्रतिबंध भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) और उसके पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न के विरोध में शामिल होने के कारण लगाया गया था।

मंत्री ने कहा, "नाडा अपने नियमों और विनियमों के अनुसार काम करता है; यह किसी एक व्यक्ति विशेष की पहचान करके काम नहीं करता। विरोध किस दिशा में गया? खेल में राजनीति हुई, राजनीति में खेल हुआ। उन्होंने खेलों को राजनीति में कैसे घसीटा; सभी ने देखा। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक हथियार बनाने की कोशिश की। मुझे लगता है कि खेलों में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। यह समाज और खिलाड़ियों दोनों को प्रभावित करता है।" नाडा के अनुसार, पहलवान ने शासी निकाय को अपने मूत्र के नमूने देने से इनकार कर दिया था क्योंकि उसने नाडा द्वारा कथित रूप से "एक्सपायर हो चुकी किट" के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई थी और इस बारे में शासी निकाय से जवाब चाहता था। नाडा ने कहा कि डोपिंग नियंत्रण अधिकारी (डीसीओ) द्वारा मूत्र का नमूना न देने के परिणामों के बारे में चेतावनी दिए जाने के बावजूद, बजरंग ने अभी भी आवश्यक कदम नहीं उठाए।

अप्रैल में नाडा द्वारा निलंबन के बाद, पुनिया ने मई में ट्वीट किया था कि उन्होंने नाडा अधिकारियों को अपना नमूना देने से "कभी इनकार नहीं किया"। पहलवान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घटनाओं के बारे में विस्तृत विवरण दिया। "यह स्पष्ट करना है कि मैंने किसी भी स्तर पर डोपिंग नियंत्रण के लिए अपना नमूना देने से इनकार नहीं किया है।
बजरंग पुनिया पर लगे प्रतिबंध को गौरव गौतम ने जायज बताया

डेस्क:–पहलवान बजरंग पुनिया पर एंटी-डोपिंग संहिता के उल्लंघन के लिए नाडा द्वारा लगाए गए चार साल के प्रतिबंध को उचित बताते हुए हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम ने गुरुवार को कहा कि यह एक मानक प्रक्रिया है, जो नाडा के नियमों और विनियमों के अनुसार है। गौरव गौतम ने कहा, इस तरह के परीक्षण पहले भी किए गए हैं। यह हमेशा से एक प्रक्रिया का हिस्सा रहा है। मेरा मानना है कि उन्होंने जो किया है वह नियमों के भीतर है, और इसमें कोई राजनीतिक द्वेष शामिल नहीं है। खेलों में राजनीति लाना उचित नहीं है। हर चीज को राजनीतिक चश्मे से देखना न तो खेलों के लिए अच्छा है और न ही इसके विकास के लिए।

बजरंग पुनिया ने प्रतिबंध के विरोध में सोशल मीडिया पर लंबा पोस्ट लिखा। पोस्ट में बजरंग ने लिखा है कि यह चार साल का प्रतिबंध उनके खिलाफ व्यक्तिगत द्वेष और राजनीतिक साजिश का परिणाम है। उन्होंने लिखा, मेरे खिलाफ यह कार्रवाई उस आंदोलन का बदला लेने के लिए की गई है, जो हमने महिला पहलवानों के समर्थन में चलाया था। उस आंदोलन में हमने अन्याय और शोषण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैंने कभी भी डोपिंग टेस्ट कराने से मना नहीं किया। नाडा की टीम जब मेरे पास टेस्ट के लिए आई थी, तो उनके पास जो डोप किट थी, वह एक्सपायर हो चुकी थी। यह एक गंभीर लापरवाही थी, और मैंने केवल यह आग्रह किया कि एक वैध और मान्य किट के साथ परीक्षण किया जाए। यह मेरे स्वास्थ्य और करियर की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक था। लेकिन, इसे जानबूझकर मेरे खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार और फेडरेशन ने उन्हें फंसाने और उनका करियर खत्म करने के लिए यह चाल चली है। यह फैसला निष्पक्ष नहीं है, बल्कि उनके और उन जैसे अन्य खिलाड़ियों को चुप कराने की कोशिश है। अंतर्राष्ट्रीय पहलवान ने कहा कि नाडा की इस हरकत ने यह साबित कर दिया है कि उनका निष्पक्षता से कोई लेना-देना नहीं है। इस तरह के तमाम संस्थान सरकार के इशारे पर चल रहे हैं। इस प्रतिबंध के पीछे का असली मकसद उन्हें चुप कराना और गलत के खिलाफ आवाज उठाने से रोकना है। बजरंग ने कहा, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि चाहे मुझे जिंदगी भर के लिए निलंबित कर दिया जाए, लेकिन मैं अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाना बंद नहीं करूंगा।

यह लड़ाई सिर्फ मेरी नहीं, हर उस खिलाड़ी की है जिसे सिस्टम ने चुप कराने की कोशिश की है। मैं इस फैसले के खिलाफ अपील करूंगा और अपने हक की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा। एक सवाल के जवाब में मंत्री गौरव गौतम ने कहा है कि हरियाणा सरकार लगातार खेलों को बढ़ावा देने का काम कर रही है। आने वाले दिनों में अच्छे स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स बनाए जाएंगे और यहां के खिलाड़ी राज्य के साथ अपने देश का नाम भी रौशन करेंगे।
Jio, Airtel, Voda और BSNL के लिए बदलने वाले हैं नियम, स्पैम ओटीपी से मिलेगी निजात

डेस्क –एक दिसंबर से टेलीकॉम से जुड़े कई जरूरी नियम बदलने वाले हैं। TRAI ने सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स को इन नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है। पहले यह नियम एक नवंबर से ही प्रभावी रूप से लागू होने वाले थे, लेकिन फिर इनमें एक महीने का एक्सटेंशन कर दिया गया। जिसके बाद अब यह नियम 1 दिसंबर से लागू हो रहे हैं।

इन नियमों का जियो, एयरटेल, वोडा और बीएसएनएल समेत सभी यूजर्स पर प्रभाव पड़ेगा। स्पैम कॉल और मैसेज पर लगाम लगाने के मकसद से ट्राई ने इन नियमों को लागू करने की बात कही है।

हाल ही में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने लोगों को धोखाधड़ी और ऑनलाइन स्कैम से बचाने के लिए कई नियम लागू किए हैं। ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों को 'मैसेज ट्रेसेबिलिटी' लागू करने का निर्देश दिया है। इस बड़े फैसले की घोषणा अगस्त में की गई थी, जिसमें कमर्शियल मैसेज और OTP (वन-टाइम पासवर्ड) पर फोकस था। ये नियम पहले जल्दी लागू होने थे, लेकिन फिर टाइमलाइन को बढ़ा दिया गया।

बता दें, शुरुआत में टेलीकॉम कंपनियों को ट्रेसेबिलिटी नियमों को लागू करने के लिए 31 अक्टूबर की समयसीमा दी गई थी, लेकिन Jio, Airtel, VI और BSNL जैसी प्रमुख कंपनियों के अनुरोध के बाद समयसीमा को बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया। यानी कंपनियों को अब इन नियमों को लागू करने का वक्त आ गया है।

एक दिसंबर से सभी कंपनियों को कमर्शियल और OTP मैसेज को ट्रैक करने के लिए TRAI के नियमों का पालन करना होगा। ध्यान रखने वाली बात है कि अगर Jio, Airtel, VI और BSNL 1 दिसंबर से इन ट्रेसेबिलिटी नियमों को लागू करते हैं, तो यह यूजर्स के लिए बड़ी राहत होगी।

1 जनवरी 2025 से भी एक नया नियम लागू किया जाएगा, जो Jio, Airtel, Vi और BSNL के ग्राहकों को प्रभावित करेगा। इन नियमों का मकसद देशभर में 5G के बुनियादी ढ़ांचे का विस्तार करना है। सरकार ने हाल ही में टेलीकॉम एक्ट के तहत कहा है कि अब कंपनियों को नया टावर लगाने के लिए ज्यादा झंझट नहीं करना होगा। राइट ऑफ वे (RoW) लागू होने से यह पूरी प्रक्रिया पहले की तुलना में आसान हो जाएगी।