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देवेंद्र फडणवीस ने जनता के नाम खुला पत्र लिखा, कहा- आपका विश्वास और प्यार हमेशा बना रहे,मैं महाराष्ट्र की जनता को नमन करता हूं.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति फिर से चुनाव में जीत हासिल की है. विधानसभा चुनाव में कुल 288 सीटों में महायुति को 230 सीटें मिली है. इसमें अकेले बीजेपी ने 132 सीटों पर जीत हासिल की है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जनता के नाम खुला पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने राज्य के नागरिकों को धन्यवाद दिया है और कहा है कि आपने जो विश्वास और प्यार दिखाया है, उसके लिए मैं महाराष्ट्र की जनता को नमन करता हूं.

देवेंद्र फडणवीस ने लिखा कि महाराष्ट्र विधानसभा 2024 के चुनाव में महायुति की महान विजय केवल भाजपा-महायुति की ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के प्रत्येक नागरिक के विश्वास की भी है. आपने जो विश्वास और प्यार दिखाया है, उसके लिए मैं महाराष्ट्र की जनता को नमन करता हूं.

उन्होंने लिखा किकड़ी मेहनत, एकजुटता, प्यारी बहनों का आशीर्वाद और सम्मान. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महाराष्ट्र की सभी जनता ने जो विश्वास दिखाया है, वही इस जीत का सच्चा शिल्पकार है. मैं निर्वाचन क्षेत्र की सभी पार्टियों के नेताओं, पदाधिकारियों, मित्रों और अपने प्रत्येक समर्पित कार्यकर्ताओं का हमेशा ऋणी रहूंगा, जिन्होंने पिछले कुछ दिनों में समय-समय पर मतदाताओं तक पहुंचने का प्रयास किया है!

महायुति को इस जीत ने दी एक नई दिशा

देवेंद्र फडणवीस ने लिखा किआप सभी के समर्थन के कारण महायुति की इस जीत ने एक नई दिशा दी है. यह सफलता हमारे महाराष्ट्र को एक प्रगतिशील और समावेशी भविष्य की ओर ले जाती है. पीएम मोदी के नेतृत्व में, विकसित भारत के साथ-साथ विकसित महाराष्ट्र के सपने को भी प्रेरणा मिलती रहेगी.

उन्होंने लिखा कि एक बार फिर आपका बहुत-बहुत धन्यवाद. आपका विश्वास और प्यार हमेशा बना रहे. यही ईश्वर के चरणों में प्रार्थना है.

महाराष्ट्र चुनाव में शरद पवार की करारी हार के बाद क्या अब लेंगे संन्यास? जानें क्या कहा

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान एनसीपी शरद चंद्र पवार पार्टी के नेता शरद पवार के रिटायरमेंट की बात हो रही थी. उनकी उम्र 83 साल हो गयी है. उनकी उम्र पर सवाल उठाए जा रहे थे. विपक्षी पार्टियों ने उनके उम्र पर सवाल किए थे. अब चुनाव में शरद पवार की पार्टी की हार हुई है. महाविकास अघाड़ी को भी करारी हार का सामना करना पड़ा है. शरद पवार ने स्वीकार किया कि इस चुनाव परिणाम की उन्हें आशा नहीं थी. वहीं फिर से उनके रिटायरमेंट पर भी सवाल उठने लगे हैं.

रविवार को चुनाव परिणाम के बाद शरद पवार ने पहली बार चुप्पी तोड़ी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव के नतीजों और उनके संन्यास को लेकर सवाल पूछे गये. इसका शरद पवार ने जवाब दिया.

उस सवाल पर बोलते हुए शरद पवार ने दो टूक शब्दों में जवाब दिया. उन्होंने कहा कि विरोधियों को मेरे रिटायरमेंट का समय नहीं बताना चाहिए.

मैं घर पर नहीं बैठूंगा-बोले शरद पवार

शरद पवार ने कहा किकल परिणाम घोषित हुआ, आज मैं कराड में हूं. इस नतीजे के बाद कोई भी घर बैठ गया होगा. लेकिन मैं घर पर नहीं बैठूंगा. हमने नहीं सोचा था कि हमारी युवा पीढ़ी को ये परिणाम मिलेगा. उनका आत्मविश्वास बढ़ना चाहिए. उन्हें फिर से खड़ा करना, उनका आत्मविश्वास बढ़ाना, नए जोश के साथ एक उत्पादक पीढ़ी तैयार करना मेरा कार्यक्रम होगा.

विपक्षी पार्टी के लिए विधायक नहीं होने पर जानें क्या बोले

शरद पवार ने एमवीए के पास विपक्षी पार्टी का दर्जा हासिल करने लिए पर्याप्त संख्या में विधायक नहीं होने पर कहा किविपक्षी दल के पास कोई नेता नहीं है, लेकिन एक विपक्षी नेता तो होना ही चाहिए. 1980 में हमारे 52 विधायक थे. तब विपक्ष का कोई नेता नहीं था. हम 6 विधायक थे. लेकिन हमने प्रभावी काम किया और चुनाव जीते. यह पहली बार नहीं है कि राज्य में कोई विपक्ष नहीं है. ऐसी ही स्थिति 1980 में भी बनी थी. ऐसा दो-तीन बार हुआ. बाद में उस समय दो या तीन दल एक साथ आ सकते थे और विपक्षी नेता बना सकते थे. एक बार मैं, एक बार निहाल अहमद और मृणालताई गोरे विपक्ष के नेता थे.

एनसीपी का संस्थापक कौन है? सभी जानते हैं

शरद पवार ने कहा किअजित पवार की सीटें बढ़ी हैं. इससे इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन महाराष्ट्र को पता होना चाहिए कि एनसीपी का संस्थापक कौन है. उन्होंने कहा कि हमारे सहयोगियों और कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की है. उस के साथ कोई समस्या नहीं. मुख्य नेताओं ने बहुत मेहनत की. मुझें नहीं पता ऐसा क्यों हुआ. इस पर विश्लेषण करने की जरूरत है.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की वापसी: अजित पवार की नजर शरद पवार के विधायकों पर, जानें क्या है अजित पवार की रणनीति

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में फिर से सत्ता में महायुति की वापसी हो गयी है. चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति ने 230 सीटें जीती हैं. बीजेपी 132 सीटें जीतने में कामयाब रही है, जबकि शिव सेना शिंदे ग्रुप ने 57 सीटों पर जीत हासिल की है. 41 सीटों पर एनसीपी अजित पवार गुट के उम्मीदवार निर्वाचित हुए हैं, वहीं, महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस को 16, शिवसेना उद्धव ठाकरे को 20 और एनसीपी शरदचंद्र पवार को केवल 10 सीटें मिली हैं. अब अजित पवार की नजर शरद पवार के विधायकों पर है.

इस बीच, एनसीपी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक हुई. इस बैठक में अजित पवार को एनसीपी के विधायक दल का नेता चुना गया है.रविवार को कई विधायक अजित पवार से मिलने उनके देवगिरी बंगले पर पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने सभी विधायकों के साथ बैठक की.

इस बैठक में एनसीपी के ग्रुप लीडर का चयन किया गया है. एनसीपी के कई नेताओं ने अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाने की इच्छा जताई है. साथ ही जगह-जगह अजित पवार के भावी मुख्यमंत्री के बैनर भी लगाए गए हैं. लेकिन अजित पवार ने कहा है कि मुख्यमंत्री पद का फैसला वरिष्ठ स्तर पर लिया जाएगा.

शरद पवार के विधायकों पर अजित की नजर

दूसरी, विधानसभा चुनाव में एनसीपी शरद पवार की पार्टी को करारी हार मिली है, लेकिन अजित पवार मोहोल विधानसभा सीट नहीं जीत सके. वहां एनसीपी शरद पवार गुट के उम्मीदवार की जीत हुई है. मालूम हो कि अजित पवार ने उस विजयी उम्मीदवार को फोन किया था.

बताया जाता है कि अजित पवार के उमेश पाटिल और शरद पवार के विजयी उम्मीदवार राजू खरे को बधाई के लिए फोन आए हैं. राष्ट्रवादी शरद पवार गुट के नेता उमेश पाटिल ने यह जानकारी दी है.

मोहोल विधानसभा सीट से जीते उम्मीदवार को किया फोन

मोहोल विधान सभा में राष्ट्रवादी अजित पवार गुट के विधायक यशवन्त माने हार गये. अजित पवार गुट के वरिष्ठ नेता राजन पाटिल के विरोधी उमेश पाटिल को राजू खरे की जीत का सूत्रधार माना जाता है. उन्हें बताया गया है कि अजित पवार ने उन्हें फोन किया था. इससे अटकलें शुरू हो गई हैं.

उमेश पाटिल ने कहा कि हमने राजन पाटिल के अत्याचारी, दमनकारी और सत्तावादी रवैये के प्रति अपने विरोध को एक राय में बदल दिया. राष्ट्रवादी शरद पवार समूह के नेता उमेश पाटिल ने कहा कि अजित पवार ने मुझे फोन किया और मुझे और हमारे उम्मीदवार राजू खरे को बधाई दी.

उत्तर प्रदेश के बरेली में बड़ा हादसा: निर्माणाधीन पुल से रामगंगा नदी में गिरी कार, तीन लोगों की मौके पर मौत, जानें क्या थी हादसे की वजह?

उत्तर प्रदेश के बरेली में बड़ा हादसा हो गया, जहां निर्माणाधीन पुल से रामगंगा नदी में अचानक कार जा गिरी, जिसमें सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस बरेली के फरीदपुर थाने और बदायूं के दातागंज थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने कार को जेसीबी की मदद से नदी से बाहर निकाला.

कार में सवार तीनों लोगों की मौत होने के बाद हड़कंप मच गया. पुलिस ने तीनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है. दरअसल यह हादसा जीपीएस नेविगेशन के चलते हुआ है. बताया जा रहा हैं कि पुल अधूरा है. बाढ़ के चलते पुल का अगला हिस्सा नदी में बह गया था, जिस वजह से तेज रफ्तार कार सीधे पुल से नीचे जा गिरी.

जेसीबी की मदद से निकाले शव

फिलहाल मौके पर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है. ये हादसा इतना खतरनाक था कि कार सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. कार से शवों को जेसीबी की मदद से बाहर निकाला गया. हादसे की खबर सुनकर आसपास के ग्रामीण भी मौके इकट्ठे हो गए और भारी भीड़ जुड़ गई, जिस वजह से लंबा जाम भी लग गया

गूगल मैप पर गलत डायरेक्शन

हम अक्सर गूगल मैप की मदद से एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं. इस हादसे में भी कार सवार युवक गूगल मैप का इस्तेमाल कर अपने किसी रिश्तेदार के यहां शादी में जा रहे थे. गूगल मैप पर गलत रास्ता दिखाए जाने से उनकी कार पुल से नीचे जा गरी और तीनों लोगों की मौत हो गई. तीनों मृतकों की पहचान हो गई है. इस हादसे में जान गंवाने वाले विवेक और कौशल कुमार दोनों भाई थे और उनके साथ तीसरा शख्स उनका दोस्त था. उनके परिवार वालों को जानकारी दे दी गई है.

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के बाद सोने की कीमतों में बड़ा उछाल, जानें दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में ताजा भाव

महाराष्ट्र में कल यानी शनिवार को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए, जिसमें महायुति की सरकार बन गई है. महाराष्ट्र में चुनावी हलचल के बीच गोल्ड के रेट में भी उछाल आया है. शनिवार को मुंबई में 24 कैरट सोने की कीमत में 870 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी.

एक्सपर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर गोल्ड रेट पर देखने को मिल सकता है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि सोने की कीमतों में सोमवार को और उछाल आ सकता है. मुंबई में सोने की कीमत 10 ग्राम के लिए 78857.0 रुपये है. जो एक दिन पिछले 10 ग्राम के लिए 77657.0 रुपये थी.

मुंबई में चांदी की कीमत

मुंबई में आज चांदी की कीमत 94300.0 रुपये प्रति किलोग्राम है, जो एक दिन पहले 94500.0 रुपये प्रति किलोग्राम थी. वहीं पिछले हफ्ते की बात करें तो चांदी की कीमत 91900.0 रुपये प्रति किलोग्राम थी.

दिल्ली में सोने की कीमत

दिल्ली में आज सोने की कीमत 10 ग्राम के लिए 79003.0 रुपये है, जो एक दिन पहले 77803.0 रुपये था. वहीं पिछले हफ्ते सोने का भाव 10 ग्राम के लिए 75823.0 रुपये था.

दिल्ली में आज चांदी का भाव

95000.0 रुपये प्रति किलोग्राम है, जो एक दिन पहले 95200.0 रुपये प्रति किलोग्राम था, जबकि पिछले सप्ताह चांदी का भाव 92600.0 रुपये प्रति किलोग्राम था.

चेन्नई में सोने का भाव

चेन्नई में आज सोने का भाव 10 ग्राम के लिए 78851.0 रुपये है, जो एक दिन पहले 10 ग्राम के लिए 77651.0 रुपये थी, और पिछले सप्ताह की सोने की कीमत 10 ग्राम के लिए 75671.0 रुपये थी.

चेन्नई में चांदी की कीमत

चेन्नई में आज चांदी की कीमत 103600.0 रुपये प्रति किलोग्राम है. जो एक दिन पहले 103600.0 रुपये प्रति किलोग्राम थी, और पिछले सप्ताह 101700.0 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही थी.

रुद्राक्ष धारण करने से पहले जानें ये जरूरी बातें, वरना हो सकते हैं नुकसान

हिन्दू धर्म में रुद्राक्ष को शिवजी का प्रतीक माना जाता है और इसे धारण करने से व्यक्ति को कई तरह के लाभ मिलते हैं, लेकिन रुद्राक्ष को धारण करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि देवों के देव महादेव को रुद्राक्ष बहुत प्रिय है. इसी कारण वे अपने शरीर पर इसे धारण करते हैं. महादेव की कृपा पाने के लिए जो भी उन्हें रुद्राक्ष (Rudraksha) अर्पित करता है उसे हर काम में सफलता मिलने लगती है.

माना जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को रक्तचाप, हृदय रोग से जुड़ी बीमारियां आसानी से नहीं जकड़ती. रुद्राक्ष अलग-अलग आकार और धारियों के होते हैं जिनकी अलौकिकता भी अगल होती है. क्योंकि रुद्राक्ष को बेहद ही पवित्र और शुभ माना है इसलिए इसे धारण करने के भी कुछ विशेष नियम हैं. यदि आप इसका पालन नहीं करेंगे तो इसके परिणाम आपको भुगतने पड़ सकते हैं.

सोते समयन पहनें रुद्राक्ष

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रुद्राक्ष को सोने से पहले उतार देना चाहिए. माना जाता है कि रुद्राक्ष धारण करके सोने पर वह अशुद्ध हो जाता है. इसको अगर दूसरे तौर पर देखा जाए तो सोते वक्त रुद्राक्ष टूटने का डर भी रहता है, इसलिए सोने से पहले इसको उतारने का विधान है. सुबह स्नान करने के बाद ही इसको दोबारा धारण करना चाहिए.

न करें मांस-मदिरा का सेवन

रुद्राक्ष को बेहद पवित्र माना जाता है इसलिए मांस-मदिरा का सेवन करते समय इसे नहीं पहनना चाहिए. मान्यता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव का प्रसाद होता है इसलिए इसकी पवित्रता खंडित करना व्यक्ति को विपरीत परिणाम दे सकता है.

बच्चे के जन्म पर न पहनें रुद्राक्ष

हिंदू धर्म में मान्यता है कि किसी भा नवजात के जन्म के बाद सूतक लग जाता है, जिससे कुछ दिनों तक चीजें अपवित्र रहती हैं. ऐसें में बच्चे के जन्म के बाद मां और बच्चे को रुद्राक्ष पहनने से बचना चाहिए.

राशि के अनुसार पहनें रुद्राक्ष

ज्योतिष के अनुसार सुख-समृद्धि और सौभाग्य की कामना को पूरा करने के लिए हमेशा अपनी राशि के अनुसार ही रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. आइए जानते हैं कि 12 राशियों के लिए कौन सा रुद्राक्ष मंगलकारी रहेगा.

मेष राशि – एक मुखी, तीन मुखी या फिर पांच मुखी रुद्राक्ष

वृष राशि – चार मुखी, छह मुखी या फिर चौदह मुखी रुद्राक्ष

मिथुन राशि – चार मुखी, पांच मुखी और तेरह मुखी रुद्राक्ष

कर्क राशि – तीन मुखी, पांच मुखी या फिर गौरी-शंकर रुद्राक्ष

सिंह राशि – एक मुखी, तीन किया मुखी और पांच मुखी रुद्राक्ष

कन्या राशि – चार मुखी, पांच मुखी और तेरह मुखी

तुला राशि – चार मुखी, छह मुखी या फिर चौदह मुखी रुद्राक्ष

वृश्चिक राशि – तीन मुखी, पांच मुखी या फिर गौरी-शंकर रुद्राक्ष

धनु राशि – एक मुखी, तीन मुखी या पांच मुखी रुद्राक्ष

मकर राशि – चार मुखी, छह मुखी अथवा चौदह मुखी रुद्राक्ष

कुंभ राशि – चार मुखी, छह मुखी या फिर चौदह मुखी रुद्राक्ष

मीन राशि – तीन मुखी, पांच मुखी या फिर गौरी-शंकर रुद्राक्ष

उत्तर प्रदेश: सीसामऊ से जीतने के बाद सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी का बड़ा बयान कहा, मंदिर, गुरुद्वारा और चर्च जाऊंगी...

उत्तर प्रदेश के कानपुर में सीसामऊ विधानसभा सीट पर एक बार फिर समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की. इस सीट पर सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी ने जीत का परचम फहराया. सीसामऊ सीट पर लगातार तीन बार जीत दर्ज करने वाले इरफान सोलंकी की पत्नी को पार्टी ने इस बार मौका दिया था. जीत दर्ज करने के बाद नसीम सोलंकी ने कहा, अपने समर्थकों के लिए वो मंदिर, गुरुद्वारों और चर्च में जाएंगी. वहीं, इस सीट से दूसरे पायदान पर रहे बीजेपी के सुरेश अवस्थी ने दावा किया कि हिंदू वोटों के बटने की वजह से वो हार गए.

इस सीट से सपा नेता इरफान सोलंकी लगातार तीन बार चुनाव जीते, लेकिन अग्निकांड में उनके जेल जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी, जिसके बाद अब उपचुनाव में उनकी पत्नी नसीम सोलंकी ने 69 हजार 714 वोटों के साथ जीत हासिल की. वहीं, बीजेपी के सुरेश अवस्थी ने 61150 वोट हासिल किए.

जीत के बाद मंदिर जाएंगी नसीम सोलंकी

जीत के बाद नसीम सोलंकी ने कहा, जिस तरीके से वोट डालने में लोगों को प्रताड़ित किया गया उनको मारा-पीटा गया उसके बाद भी लोगों ने अपना वोट डाला. मैं इसके लिए लोगों को सलाम करती हूं. मैं पार्टी के सभी कार्यकर्ता और खास कर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को मुझे यह मौका देने के लिए धन्यवाद करती हूं. साथ ही उन्होंने कहा, यह सीट मेरे पति इरफान सोलंकी की है.

जब नसीम सोलंकी से मंदिर जाने को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा, मुझे मेरे समर्थकों के लिए मंदिर, गुरुद्वारा और चर्च जाने में कोई परेशानी नहीं है. अगर यह उन्हें खुश करता है तो. साथ ही उन्होंने कहा मैं मंदिर, गुरुद्वारा और चर्च में भी काम करवाऊंगी. वहीं, बीजेपी के सुरेश अवस्थी ने दावा किया कि, हिंदू वोटों के बटवारे की वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

कुंदरकी सीट पर बीजेपी की जीत

कुंदरकी सीट पर बीजेपी के रामवीर सिंह को भारी मतों से जीत हासिल हुई. इस सीट पर 11 मुस्लिम उम्मीदवार खड़े थे और मुस्लिम समुदाय यहां पर निर्णायक भूमिका में था. इसके बाद मुस्लिम समुदाय ने रामवीर सिंह को 1 लाख 45 हजार वोटों से विजय बनाया. रामवीर सिंह ने अपनी जीत के लिए मुस्लिम समुदाय का धन्यवाद किया. रामवीर सिंह ने कहा, मैं 50 हजार वोटों से जीतने की उम्मीद कर रहा था, लेकिन मुझे 1 लाख 45 हजार वोटों के अंतर से जीत हासिल हुई. साथ ही उन्होंने कहा, मुस्लिम समुदाय ने ही उन्हें चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया था.

साथ ही उन्होंने कहा, लोग मुझ से प्यार करते हैं और वो समाजवादी पार्टी से नाखुश थे. इस सीट पर लोगों ने पीएम मोदी और सीएम योगी की ईमानदारी, विकास और सबका साथ, सबका विकास योजना के तहत वोट किया.

करहल, मीरापुर सीट पर क्या रहे नतीजे?

करहल सीट पर समाजवादी पार्टी के तेज प्रताप यादव ने जीत हासिल की. उन्होंने बीजेपी के अनुजेश प्रताप सिंह को मात दी. वहीं, मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट पर सपा के उम्मीदवार सुम्बुल राणा और रालोद के मिथलेश पाल के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा था. रालोद की मिथलेश पाल ने जीत दर्ज की. मिथलेश पाल से जब बटोगे तो कटोगे के नारे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, इस बात में कोई संदेह नहीं है कि एकता में ताकत है. साथ ही उन्होंने पार्टी प्रमुख जयंत चौधरी का भी धन्यवाद किया. खैर सीट पर बीजेपी के

खैर, गाजियाबाद सीट पर क्या रहे नतीजे?

खैर सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार सुरेंद्र दिलेर ने जीत हासिल की. उन्हें 100181 वोट मिले, जबकि सपा की चारू केन के खाते में 61788 वोट गए. गाजियाबाद में भी बीजेपी को जीत हासिल हुई. बीजेपी के संजीव शर्मा को कुल वोट 96946 मिले, जबकि सपा उम्मीदवार सिंह राज जाटव के खाते में 27595 वोट गए. संजीव शर्मा ने सपा के सिंह राज जाटव को 69351 वोटों के अंतर से हराया.

कटेहरी सीट पर बीजेपी की जीत

कटेहरी सीट पर एक बार फिर बीजेपी ने जीत हासिल की. यहां से बीजेपी के धर्मराज निषाद ने जीत हासिल की. वहीं, सपा की शोभावती वर्मा ने कड़ी टक्कर दी. प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की और समाजवादी पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा. इस सीट पर बीजेपी के दीपक पटेल को 78289 वोट हासिल हुए और समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार मोहम्मद एम सिद्दीकी के खाते में 66984 वोट गए.

उत्तर प्रदेश की मझवां विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी की सुचिस्मिता मौर्य को जीत हासिल हुई. उन्होंने सपा की ज्योति बिंद को हराया. बीजेपी की सुचिस्मिता मौर्य को 77737 वोट मिले, जबकि समाजवादी पार्टी की डॉ. ज्योति बिंद के खाते में 72815 वोट गए.

नांदेड़ लोकसभा सीट पर कांग्रेस के रवींद्र चव्हाण की रोमांचक जीत, हारते-हारते आखिर में BJP से जीत दर्ज की।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे कल सामने आए, इसके साथ ही देश की कई विधानसभा सीटों और 2 लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के भी नतीजे आए. महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रविन्द्र वसंतराव चव्हाण ने 1457 वोटों से जीत हासिल की है. बीजेपी के प्रत्याशी संतुकराव हंबर्डे एक समय तक 35000 वोटों की लीड लिए हुए थे, लेकिन आखिरी के कुछ राउंड ने पूरे चुनाव का पाला ही पलट गया. कांग्रेस को 586788 वोट मिले, जबकि बीजेपी प्रत्याशी हंबर्डे को 585331 वोट प्राप्त हुए.

दरअसल यह सीट कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण के निधन से खाली हो गई थी. लोकसभा चुनाव के 2 महीनों के बाद ही कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण का निधन हो गया था. उपचुनाव में कांग्रेस ने यहां से उनके बेटे को मैदान में उतारा था. बीजेपी ने यहां से संतुकराव मारोतराव को अपना प्रत्याशी बनाया था. हालांकि दोनों प्रत्याशियों के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिला.

पीएम मोदी के दावे के बाद हार गई बीजेपी

दिल्ली बीजेपी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नांदेड़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव का भी जिक्र किया. उन्होंने भाषण के दौरान दावा कि महाराष्ट्र की नांदेड़ में जीत के साथ महाराष्ट्र में बीजेपी के लोकसभा सीटों का आंकड़ा 9 से बढ़कर 10 हो गया है. हालांकि तब तक इस सीट का फाइनल रिजल्ट सामने नहीं आया था. पीएम की स्पीच की कुछ समय बाद रिजल्ट आया जिसमें बीजेपी यह सीट हार चुकी थी, पीएम मोदी के दावे के पीछे की वजह ये भी थी कि इस सीट पर बीजेपी एक समय पर बड़े मार्जिन से आगे चल रही थी.

कैसा था वसंतराव चव्हाण का राजनीतिक सफर

नांदेड़ जिले के नायगांव में जन्मे वसंतराव चव्हाण लंबे समय तक ग्राम पंचायत सदस्य रहे और बाद में 1990 और 2002 में जिला परिषद सदस्य बने थे. वे 2002 में महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए चुने गए और नायगांव विधानसभा सीट से राज्य विधानसभा के सदस्य बने. वे 2009 से 2014 तक विधायक भी रहे, वे 2021 से 2023 तक नांदेड़ जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष भी रहे.69 साल की उम्र में साल 2024 के लोकसभा चुनाव में नांदेड़ लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे थे, लेकिन चुनाव के दो महीने बाद ही किडनी की बीमारी के चलते उनका निधन हो गया था. अब इस लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उनके बेटे रवींद्र चव्हाण ने जीत दर्ज की है.

नांदेड़ में घट गया कांग्रेस के जीत का मार्जिन

लोकसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस ने वसंतराव चव्हाण को मैदान उतारा था, उस चुनाव में चव्हाण ने बीजेपी उम्मीदवार प्रतापराव चिखलीकर को 59 हजार से अधिक वोटों से चुनाव में शिकस्त दी थी, लेकिन यहां हुए उपचुनाव में कांग्रेस की जीत का मार्जिन सिमट गया. इस सीट से वसंतराव चव्हाण के बेटे रविन्द्र चव्हाण महज 1457 वोटों से चुनाव जीत पाए. मतगणना के दौरान एक समय ऐसा माना जा रहा था कि यह सीट कांग्रेस के हाथों से निकल गईं, लेकिन शाम होते होते यहां से कांग्रेस ने मामूली अंतर से जीत दर्ज कर ली.

क्या है नांदेड़ लोकसभा सीट का इतिहास

साल 2014 में नांदेड लोकसभा सीट पर बीजेपी के निवर्तमान सांसद प्रतापराव पाटिल चिखलीकर और कांग्रेस के प्रत्याशी वसंत चह्वाण के बीच मुकाबला था. वसंत चह्वाण ने 59,442 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. वसंत को चुनाव में 5,28,894 वोट मिले थे, जबकि प्रतापराव पाटिल चिखलीकर को 4,69,452 वोट आए थे. नांदेड़ राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से एक होने के साथ एक जिला भी है.

साल 2019 के संसदीय चुनाव में यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई और प्रतापराव गोविंदराव चिखलीकर सांसद बने. चिखलीकर को 486,806 वोट मिले जबकि कांग्रेस के अशोक चव्हाण को 4,46,658 वोट मिले.

नांदेड़ के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं. इस सीट पर 1952 में पहली बार लोकसभा चुनाव कराए गए थे, तब कांग्रेस के उम्मीदवार शंकरराव टेलकीकर को जीत हासिल हुई थी. फिर 1957 के चुनाव में कांग्रेस ने देवराव नामदेवराव कांबले को टिकट दिया और वो विजयी हुए. 1962 में कांग्रेस के तुलसीदास जाधव को जीत हासिल हुई. 1967 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां से अपना प्रत्याशी बदला और वेंकटराव तिरोडकर को मैदान में उतारा और वह भी विजयी रहे.

कर्नाटक: दहेज उत्पीड़न से तंग आकर गर्भवती महिला ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में बता गई दर्द

कर्नाटक के बेंगलुरु में दहेज उत्पीड़न से तंग आकर एक महिला ने आत्महत्या कर ली. महिला ने जिस समय आत्महत्या की, तब वह प्रेग्नेंट भी थी. यानी एक साथ दो जानें चली गईं. महिला की शादी को महज दो साल हुए थे. मामला बेंगलुरु के डोड्डाबल्लापुर से सामने आया है, जहां रूपा नाम की महिला की दो साल पहले तालुक के गुम्मनहल्ली निवासी सुरेश से शादी हुई थी.

रूपा और सुरेश ने पसंद से शादी की थी. शादी के कुछ दिन बाद ही रूपा के ससुराल वालों ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया था. बार-बार उससे अपने घर से पैसे मांगने के लिए कहा जाता. रूपा को उसके सास-ससुर के साथ साथ उसका पति भी पैसों के लिए प्रताड़ित करता था. रूपा से उसका पति सुरेश कहता था कि अगर किसी और से शादी की होती तो ज्यादा दहेज मिलता.

महिला का पति गिरफ्तार

रूपा ने आत्महत्या करने से पहले सुसाइड नोट लिखा और फोटो खींचकर अपने भाई को भेजी, जिसमें उसने दहेज उत्पीड़न की बात लिखी. उसने लिखा कि उसकी मौत के जिम्मेदार उसके ससुराल वाले हैं, जिन्होंने उसे इतना तंग किया कि उसने अपनी कोख में पल रहे बच्चे समेत अपने आप को खत्म कर लिया. मामले की जानकारी पुलिस को दी गई. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए रूपा के पति सुरेश को हिरासत में ले लिया है और पूछताछ कर रही है. रूपा के ससुर एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी हैं और उन्होंने दहेज उत्पीड़न के आरोप से इनकार कर दिया.

मेरी जिंदगी नरक…”

रूपा ने सुसाइड नोट में लिखा, “नमस्कार भाई, मैंने आपकी बात न मानकर गलती की और शादी कर ली. मेरी शादी को 2 साल हो गए हैं. मैं यहां सही नहीं हूं. मेरी जिंदगी नरक हो गई है. मैं अब जीना नहीं चाहती. हो सके तो मुझे माफ कर देना. अगले जन्म में, मैं आपका कर्ज चुकाऊंगी. मेरे पिता, माता और दादी को मेरा आखिरी प्रणाम. मेरी मौत के लिए मेरी सास, ससुर, मेरे पति और मेरे पति का परिवार जिम्मेदार है. मेरी सास देवम्मा, चाचा नरसिम्हा मूर्ति और पति सुरेश को सजा मिलनी चाहिए.”

रणथंभौर टाइगर रिजर्व में भालुओं की बढ़ती संख्या से ग्रामीणों में दहशत, रात में गांवों में घूमने वाले भालूओं से ग्रामीण परेशान।

राजस्थान के सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व में टाइगर के साथ पैंथर, लेपर्ड और भालुओं की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. रणथंभौर से सटे गांवों में जहां कई बार टाइगर मूवमेंट देखी जाती है. वहीं अब टाईगर के बाद पैंथर, लेपर्ड और भालुओं की मूवमेंट भी आबादी वाले क्षेत्रों देखी जाने लगी है. रणथंभौर से सटे खंडार क्षेत्र के तलावड़ा , गोठ बिहारी, निमली, जैतपुर, बहरावंडा, नायपुर समेत कई गांवों में भालू रात के समय रणथंभौर के जंगलों से निकल कर आबादी वाले क्षेत्र में घुस आते हैं, जिससे गांव वालों में दहशत बनी रहती है.

पिछले करीब 10-15 दिनों से रणथंभौर से सटे खंडार क्षेत्र के तलावड़ा के गोठ बिहारी गांव में भालू के भ्रमण से ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है. तलावड़ा और गोठ बिहारी गांव में तकरीबन हर रात भालू आ जाता है और दुकानों, घरों के दरवाजे तोड़ने की कोशिश करता है. गांव के आबादी वाले क्षेत्र में भालू की मूवमेंट की ग्रामीणों ने कई बार वन अधिकारियों को जानकारी दी है, लेकिन फिर भी कोई एक्शन नहीं लिया गया है.

गांव की गलियों में घूम रहा भालू

नीरज, कैलाश, मुकेश और बाकी गांव वालों ने बताया कि रात होते ही भालू रणथंभौर के जंगलों से निकलकर गांव के आबादी वाली क्षेत्र में आ जाता है और गांव की गलियों में घूमता रहता है. इससे गांव वालों में हर वक्त भय का माहौल बना रहता है. यही नहीं भालू रात को खाने पीने की तलाश में लोगों के घरों के दरवाजे तोड़ने की भी कोशिश करता है. भालू ने गांव के मुकेश योगी की दुकान का दरवाजा तोड़ दिया था और दुकान में रखी मिठाईयां, गुड़ समेत खाने का बाकी सामान खा गया था.

वन अधिकारियों से शिकायत

इसी तरह भालू गांव के भैरूजी के मंदिर का दरवाजा तोड़ कर मंदिर में घुस गया और मंदिर में रखा घी, गुड़ और मिठाईयां चट कर गया. गांव वालों का कहना है कि उन्होंने वन अधिकारियों से भालू को पकड़कर कहीं और छोड़ने की कई बार मांग की, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया. इसी तरह रणथंभौर दुर्ग स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर परिसर में बनी दुकानों में भी रात के समय भालू आ जाते हैं. कई बार दुकानों और गोदामों का दरवाजा तोड़कर भालू मिठाईयां, घी और अन्य खाद्द सामग्री खा जाता है.

दुकानों के अंदर घुस रहा भालू

दुकानदार रोज रात को रणथंभौर दुर्ग स्थित मिठाइयों और प्रसाद की दुकानों के दरवाजे मजबूती से बंद करते हैं. ऐसे में अगर किसी भी दुकान का दरवाजा थोड़ा भी कमजोर रह जाता है, तो रात को भालू उसे तोड़ देता है और मिठाईयां और घी चट कर जाता है. इतना ही नहीं भालू घी और मिठाईयां खाने के लिए कई बार कच्ची दुकान और गोदाम की दीवार में भी छेद कर देता है.

लोहे के ड्रम में रख रहे मिठाइयां

रणथंभौर दुर्ग स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर परिसर में भालुओं का मूवमेंट हमेशा बना रहता है. इससे परेशान होकर दुकानदार शाम होते ही मिठाईयां ओर घी गुड़ जैसी खाद्द सामग्री को लोहे के बक्सों, आलमारियों या लोहे के ड्रम में रखकर जाते हैं. ताकी भालुओं से बचाई जा सके. रणथंभौर दुर्ग में तो यह सिलसिला इसी तरह सालों से चल रहा है लेकिन रणथंभौर से सटे ग्रामीण इलाकों में अब धीरे धीरे भालूओं का मूवमेंट बढ़ने लगा है, जिससे ग्रामीणों में हमेशा दहशत बनी रहती है.