बीपी के मरीजों के लिए नई दवा की उम्मीद: एम्स की स्टडी में 70 फीसदी मरीजों में दिखा असर
बीपी के मरीजों के लिए एक राहत भरी खबर है. दरअसल एम्स और इंपीरियल लंदन की रिसर्च टीम ने दो दवाओं के कॉम्बिनेशन से एक सिंगल डोज दवाई तैयार किया है जो कि बीपी को कंट्रोल कर सकता है. स्टडी में दावा किया गया है कि अनकंट्रोल ब्लड प्रेशर के लिए ये काफी प्रभावशाली है.
स्टडी के निष्कर्ष बताते हैं कि यह कॉम्बेनिशेन बीपी के 70 फीसदी मरीजों में कारगर पाई गई. वहीं पहले की तुलना में यह दवा पांच गुना अधिक फायदेमंद साबित हुई है. स्टडी को इंटरनैशनल जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी कार्डियोवैस्कुलर रिस्त एंड प्रिवेंशन ने अपने हाल के अंक में प्रकाशित किया है.
इस स्टडी का महत्व कितना बड़ा है?
ICMR-इंडिया डायबिटीज की स्टडी कहती हैं कि भारत में 3 करोड़ 15 लाख लोग हाई ब्लड प्रेशर के पेशेंट हैं. बीपी से कई दूसरी बीमारियां भी होती है, जैसे हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक वगैरह. ठंड में तो ये और बढ़ जाती है. इसलिए इसे काबू करना अहम है.
1,981 लोगों पर आधारित एम्स की स्टडी भारत के 35 जगहों पर की गई जिसमें ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र शामिल थे. भाग लेने वाले मरीजों की उम्र 30 से 79 वर्ष के बीच थी. और ये पहली बार भी है कि इस भारत की जनसंख्या के लिए इस तरह की रिसर्च की गई है.
मार्केट में बीपी की कई दवाएं मौजूद है. दो दवाओं के कॉम्बिनेशन से बनी डोजा भी दी जाती है. मगर अभी तक इस पर स्टडी नहीं की गई थी कौन सी दवा किस मरीज पर कारगर है. इससे पहले अफ्रीकन कॉम्बिनेशन वाली डोज की मदद से इलाज किया जाता था. इसलिए इस स्टडी की मदद से डॉक्टरों को हाई बीपी के इलाज के लिए सही कॉम्बिनेशन चुनने में मदद मिलेगी.
70 फीसदी मरीजों का बीपी हुआ कंट्रोल
इस स्टडी में तीन प्रमुख कॉमन कॉम्बिनेशन दवा का इस्तेमाल किया गया. एमलोडिपाइन+पेरिंडोप्रिल, एमलोडिपाइन+ इंडापामाइड और पेरिंडोप्रिल+इंडापामाइड. रिसर्च के मुताबिक सिंगल पिल से 70 फीसदी मरीजों में बीपी कंट्रोल करने में सफलता मिली. लगभग 70 फीसदी मरीजों का बीपी <140/90 mmHg तक पहुंच गया जो कि भारत की मौजूदा कंट्रोल की दर से 5 गुना बेहतर है. 3 फीसदी से भी कम लोगों ने साइड इफेक्ट्स के कारण दवा छोड़ी.
Nov 20 2024, 17:17