भारत में मेटा पर लगा 213 करोड़ का जुर्माना, यूजर्स के डेटा से जुडा है मामला
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फेसबुक और वाट्सऐप की पेरेंट कंपनी मेटा पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सोमवार को 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। मेटा पर सीसीआई ने यह जुर्माना 2021 में वाट्सऐप प्राइवेसी अपडेट के संबंध में अनुचित व्यावसायिक तरीकों को अपनाने पर लगाया है। वहीं दूसरी ओर व्हाट्सएप पर मेटा की दूसरी कंपनियों के साथ डेटा शेयर करने पर बैन लगा दिया है। इसके साथ ही, सीसीआई ने मेटा को प्रतिस्पर्धा-रोधी व्यवहार को रोकने और इस तरह की हरकत से दूर रहने का भी निर्देश दिया है।
एक आदेश में कहा गया कि प्रतिस्पर्धा नियामक ने सोमवार को मेटा पर अपनी दबदबे का दुरुपयोग करने के लिए 213.14 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। सीसीआई ने डॉमिनेंस का दुरुपयोग करने के खिलाफ आदेश पारित करते हुए कहा कि यह जुर्माना इस बात से जुड़ा है कि व्हॉट्सएप की 2021 की निजता नीति को कैसे लागू किया गया, उपयोगकर्ता डेटा कैसे जमा किया गया और इसे मेटा की अन्य कंपनियों के साथ साझा किया गया।
वहीं दूसरी ओर सीसीआई ने व्हाट्सएप को अपने प्लेटफॉर्म पर कलेक्ट किए गए यूजर डेटा को विज्ञापन उद्देश्यों के लिए अन्य मेटा प्रोडक्ट्स या कंपनियों के साथ पांच साल की अवधि के लिए शेयर ना करने का भी निर्देश दिया है। यह रोक 5 साल के लिए लगाई गई है।विज्ञापन के अलावा दूसरे मकसद से वट्सऐप यूजर डेटा शेयर करने के मामले में वट्सऐप पॉलिसी में मेटा की दूसरी कंपनियों के साथ शेयर किए गए डेटा की विस्तृत जानकारी देनी होगी। इसमें बताना होगा कि किस उद्देश्य से डेटा साझा किया गया। हर डेटा की साझेदारी का मकसद साफ करना होगा।
सीसीआई ने मार्च 2021 में व्हाट्सएप की रिवाइज्ड प्राइवेसी पॉलिसी की जांच शुरू की, जिसने डेटा कलेक्शन के विस्तारित दायरे के साथ-साथ फेसबुक (अब मेटा) और उसकी कंपनियों के साथ अनिवार्य डेटा शेयरिंग को सक्षम बनाया। इससे पहले, 2016 से यूजर्स के पास यह तय करने का विकल्प था कि उन्हें अपना डेटा कंपनी के साथ शेयर करना है या नहीं। जनवरी 2021 से यूजर्स के लिए लागू होने वाली पॉलिसी फरवरी 2021 से प्रभावी होने वाली थी। व्हाट्सएप को चालू रखने के लिए यूजर्स को नई शर्तों को स्वीकार करने की आवश्यकता थी।
उसके बाद इसको लेकर काफी आलोचना की गई और मेटा ने इस रोलआउट को कैंसल कर दिया था। व्हाट्सएप ने बाद में स्पष्टीकरण भी जारी किया जिसमें कहा गया कि पॉलिसी अपडेट यूजर्स के अपने दोस्तों या परिवार के साथ पर्सनल मैसेज की प्राइवेसी को प्रभावित नहीं करेगा और इस बात पर जोर दिया कि बदलाव एप्लिकेशन द्वारा पेश की गई वैकल्पिक व्यावसायिक सुविधाओं से संबंधित थे।साढ़े तीन साल से अधिक की जांच के बाद, सीसीआई ने पाया कि व्हाट्सएप की ‘टेक-इट-या-लीव-इट’ पॉलिसी अपडेट फेयर नहीं थी।
9 hours ago