बीजेपी के विरोध के बाद भी नवाब मलिक को क्यों दिया टिकट? अजीत पवार ने बताई वजह
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। यहां विधानसभा के लिए 20 नवंबर को मतदान होने वाला है। सभी पार्टियां जोर-शोर से चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। वहीं, वोटर्स को लुभाने की कोशिश में महाराष्ट्र सरकार और महायुति के सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अजीत पवार गुट भी लगी हुई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार) ने दाऊद इब्राहिम के करीबी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल जाने वाले नवाब मलिक को मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से टिकट दिया है। सहयोगी दलों के नहीं चाहने के बाद भी अजीत पवार ने नवाब मलिक को अंतिम समय टिकट दे ही दिया। अब अजीत पवार ने इस मामले में अपनी सफाई दी है।
अजित पवार ने एनसीपी से नवाब मलिक को टिकट क्यों दिया, इस बारे में भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, मैं उम्मीदवार देने के समय मुस्लिम समाज को अपनी पार्टी के कोटे से 10 फीसदी टिकट देने का वादा किया था। मुम्ब्रा से नजीमुल्लाह को उम्मीदवार बनाया, नवाब मलिक को टिकट दिया। इस बात का बहुत से लोगों ने विरोध किया, फिर भी मैंने टिकट दिया और प्रचार में भी गया। उनकी बेटी सना को भी टिकट दिया गया है। इसके अलावा, बाबा सिद्दीकी के बेटे ज़ीशान सिद्दीकी को भी चुनावी मैदान में उतारा है। हसन मुशरिफ और शेख को भी एनीसीपी प्रत्याशी बनाया गया है।
बीड जिले में चुनाव प्रचार करने पहुंचे उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने अपनी चुनावी जनसभा के दौरान यह दावा किया कि उनकी पार्टी से 10 फीसदी मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है। अजीत पवार ने कहा, मैंने उम्मीदवार तय करने के दौरान मुस्लिम समाज का भी ख्याल रखा। मैंने अपनी पार्टी के कोटे से 10 प्रतिशत टिकट मुस्लिम नेताओं को दिया है।
वहीं, कई गंभीर आरोपों का सामना कर रहे नवाब मलिक को टिकट दिए जाने को लेकर अजित पवार ने कहा, "नवाब मलिक के खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए हैं, तो उन्हें टिकट क्यों नहीं दिया जाता?" अजित पवार ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए अपने इंटरव्यू में नवाब मलिक की स्थिति की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से की, जिन पर पद पर रहते हुए आरोप लगे थे। पवार ने कहा, "राजीव गांधी के खिलाफ बोफोर्स जैसे कई आरोप लगाए गए थे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे आरोपी हैं। यह लोकतंत्र है, हम बिना सबूत के किसी को दोषी नहीं ठहरा सकते।" इसके बाद पवार ने इस बात पर जोर दिया कि किसी को दोषी घोषित करने से पहले आरोपों को अदालत में साबित किया जाना चाहिए।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। साल 2022 में मलिक को कुख्यात आतंकी और भगोड़े दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों के साथ संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा भी कई मुकदमे चल रहे हैं। हालांकि, अभी तक किसी भी अदालत ने नवाब मलिक पर लगे किसी आरोपों को साबित नहीं किया है।
Nov 15 2024, 17:28