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बुलडोजर एक्शन पर चला ‘सुप्रीम कोर्ट एक्शन तो बोल पड़े असदुद्दीन ओवैसी, पीएम मोदी को लेकर कहा दी ये बड़ी बात

अगर बिना नियम किसी का घर तोड़ा तो संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी. पीड़ित को मुआवजा देने के लिए अधिकारियों से ही जुर्माना वसूला जाएगा. सभी राज्य बुलडोजर एक्शन को लेकर सर्कुलेशन जारी करें. अधिकारियों को हिदायत दें. ऐसा न करना कोर्ट की अवमानना होगी. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बुलडोजर एक्शन पर ये फैसला सुनाया है, जिसे एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी स्वागत योग्य बताया है. साथ ही उन्होंने पीएम मोदी पर हमला बोला है.

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में सबसे महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश हैं. उम्मीद है कि राज्य सरकारों को मुसलमानों और उन अन्य समूहों को सामूहिक रूप से दंडित करने से रोकेंगे, जो हाशिए हैं. हमें याद रखना चाहिए कि किसी और ने नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी ने बुलडोजर राज का जश्न मनाया है, जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने अराजक स्थिति कहा है.

वृंदा करात ने भी किया कोर्ट के फैसले का स्वागत

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट फैसले का सीपीएम नेता वृंदा करात ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि काश यह फैसला पहले आ जाता. उन्होंने कहा, मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करती हूं, जिसमें बुलडोजर एक्शन को अवैध और दुर्भावनापूर्ण बताया गया है. मैं चाहती थी कि यह फैसला पहले आ जाता, क्योंकि इससे बीजेपी के नेतृत्व वाले राज्यों में कई घरों को तोड़ने की नौबत नहीं आती.

वृंदा करात ने कहा कि अब आए फैसले ने उन लोगों को इंसाफ दिलाया है जो पीड़ित हैं और जो भविष्य में बीजेपी द्वारा गरीबों और विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाए जाने के कारण पीड़ित होते.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कार्यपालक अधिकारी जज नहीं हो सकते. वो आरोपी को दोषी करार नहीं दे सकते. उसका घर नहीं गिरा सकते. अगर कार्यपालक अधिकारी किसी का घर मनमाने तरीके से गिराते हैं तो यह कानून के खिलाफ है.कारण बताओ नोटिस जारी किए बिना कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी.

कौन है नरेश मीणा, जिसने SDM को ही जड़ दिया थप्पड़?

राजस्थान के देवली उनियारा विधानसभा सीट पर हो रहे चुनाव में इस समय केवल थप्पड़ की गूंज सुनाई दे रही है. यह थप्पड़ एसडीएम अमित चौधरी के गाल पर पड़े हैं और मारा निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने है. इस थप्पड़ की गूंज ऐसी है कि अब हर कोई यह जानना चाहता है कि इतनी फोर्स के बीच में घुसकर एसडीएम को थप्पड़ मारने वाला व्यक्ति है कौन? ऐसे में लोगों के मन में उठ रहे सवालों को ध्यान में रखते हुए हम यहा नरेश मीणा की पूरी प्रोफाइल आपके सामने पेश कर रहे हैं.

देवली उनियारा विधानसभा सीट पर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे नरेश मीणा कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं और इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी से टिकट भी मांग रहे थे. हालांकि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया. ऐसे में कांग्रेस के दिग्गज सचिन पायलट के करीबी नरेशा मीणा ने निर्दलीय ही मैदान में खम ठोंक दिया. उन्होंने चुनाव आयोग को दिए शपथ पत्र में बताया है कि वह मूल रूप से नया गांव अररू जिला बांरा के रहने वाले हैं. भारत की राजनीति में वह सचिन पायलट से प्रेरित हैं.

कांग्रेस के बागी हैं नरेश मीणा

बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें उपचुनाव में टिकट देने का वादा भी किया था, लेकिन टिकट बंटवारे के समय उन्हें नजरअंदाज किया गया. इसके बाद जब नरेश मीणा ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया तो कांग्रेस पार्टी ने उनके ऊपर नाम वापसी के लिए काफी दबाव बनाया. हालांकि वह भी अपनी जिद पर अड़े रहे. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में उनके ऊपर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए पार्टी से बाहर कर दिया है.

मालपुरा बूथ पर एसडीएम को मारा थप्पड़

इसके बावजूद उनकी इतनी चर्चा कभी नहीं हुई, जितनी एसडीमए को थप्पड़ मारने से हुई है. दरअसल राजस्थान में हो रहे उपचुनाव में एसडीएम अमित चौधरी एक पोलिंग बूथ पर निरीक्षण करने पहुंचे थे. इसी दौरान निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा भी वहां पहुंच गए. बताया जा रहा है कि मालपुरा के बूथ में जाने को लेकर एसडीएम और नरेश मीणा में बहस हो गई. देखते ही देखते नरेश मीणा इतने आवेश में आ गए कि उन्होंने एसडीएम को करारा थप्पड़ जड़ दिया.

अब तक साफ नहीं घटना की वजह

इसके बाद मौके पर मौजूद पुलिस वालों ने उन्हें अलग तो कर दिया, लेकिन कई बार वह पुलिस को धक्का देकर एसडीएम की ओर बढ़ते नजर आए. इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है. हालांकि अब तक ना तो एसडीएम ने इस घटना को लेकर कोई बयान दिया है और ना ही नरेश मीणा ने ही प्रतिक्रिया दी है. ऐसे में अब तक साफ नहीं हो सका है कि इस घटना की असली वजह क्या थी.

दिल्ली में खराब मौसम के कारण 7 फ्लाइट किए गए डाइवर्ट, यात्रियों को हुई परेशानी

दिल्ली में खराब मौसम के चलते एयरपोर्ट पर आने-जाने वाली कई सारी उड़ानों को डायवर्ट किया गया है. आज, बुधवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट से कुल 7 विमानों को डायवर्ट किया गया है. इसमें से छह जयपुर की तरफ और एक फ्लाइट को लखनऊ की ओर डायवर्ट किया गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि दिल्ली में सुबह 5.30 बजे से दिल्ली एयरपोर्ट के आसपास बहुत घना कोहरा छाना शुरू हो गया था.

दिल्ली एयरपोर्ट पर सुबह 8:30 बजे के वक्त सबसे कम दृश्यता की स्थिति थी. दिल्ली एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी 0 मीटर थी. दिल्ली एयरपोर्ट अधिकारी के अनुसार कम दृश्यता की वजह से कुछ उड़ानों के रूट को बदल दिया गया. दिल्ली एयरपोर्ट पर अभी फॉग का असर देखने को मिल रहा है, जिस वजह से 7 फ्लाइट्स के रूट्स को डायवर्ट करना पड़ा है.

फ्लाइट शेड्यूल आगे पीछे

दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड और टेक ऑफ करने वाले विमान का शेड्यूल आगे पीछे हो गया है. जिसके कारण दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों की भीड़ बढ़ गई है. दिल्ली में आज मौसम का मिजाज बदला हुआ है, जहां आज सुबह की शुरुआत ही घने कोहरे के साथ हुई. हर तरफ घना कोहरा छाया हुआ था. इसी वजह से जहां कुछ फ्लाइट को डायवर्ट किया गया, तो वहीं कुछ फ्लाइट्स की टाइमिंग में भी तब्दीलियां की गईं.

यात्रियों को हुई परेशानी

रूट डायवर्ट होने और समय बदलने की वजह से दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. मौसम का मिजाज बदलने से यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. नवंबर का महीना शुरू हो गया है लेकिन दिल्ली में ठंड ने दस्तक नहीं दी है. ऐसे में बुधवार को अचानक छाए कोहरे से ठंड तो नहीं बढ़ी लेकिन हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को दिक्कत झेलनी पड़ी. नवंबर में आमतौर पर दिल्ली में ठंड पड़ने लगती है लेकिन इस बार हालात थोड़े अलग हैं. अब देखना होगा कि दिल्ली में ठंड की कब एंट्री होती है.

दरभंगा एम्स के शिलान्यास पर कांग्रेस के तीखे सवाल: जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछे 4 महत्वपूर्ण प्रश्न,जाने

प्रधानमंत्री मोदी ने आज बिहार में दरभंगा एम्स का शिलान्यास किया और इसी के साथ कांग्रेस ने बड़ा सवाल उठाया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने इस बाबत सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर करके प्रधानमंत्री मोदी से 4 सवालों के जवाब पूछे हैं.

उन्होंने सबसे पहला सवाल पूछा है दरभंगा में एम्स में इतनी देरी क्यों हुई? उन्होंने कहा कि दरभंगा में एम्स की घोषणा तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015-2016 के केंद्रीय बजट में ही थी. स्थानीय लोग अपने शहर में एम्स का इंतजार तब से कर रहे हैं, लेकिन नौ साल लग गए.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसी के साथ तंज भी कसा. उन्होंने पूछा कि क्या केंद्र सरकार इसका राजनीतिक श्रेय लेना चाहती है? और क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इससे लाभ पहुंचाना चाहती है? क्या प्रधानमंत्री इस देरी की वजह बताएंगे?

मैथिली भाषा की उपेक्षा पर सवाल

कांग्रेस पार्टी ने इसी के साथ मैथिली भाषा की उपेक्षा का भी सवाल उठाया है. जयराम रमेश ने अपनी पोस्ट में लिखा है- पिछले 20 साल में मैथिली भाषा के विकास, संरक्षण या संवर्धन के लिए कुछ नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि मैथिली अनुसूचित भाषा है, यह संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज है लेकिन ना तो केंद्र सरकार ने और बिहार सरकार ने मैथिली के संरक्षण-संवर्धन पर ध्यान दिया. उन्होंने कहा कि राज्य की मैथिली अकादमी के पास आज न तो फंड है, न ही कोई अध्यक्ष, न ही कोई कर्मचारी और सालों से कोई प्रकाशन नहीं हो रहा है.

इन शहरों के एयरपोर्ट पर पूछे सवाल

कांग्रेस ने इसी के साथ बिहार के अन्य प्रमुख शहर मसलन मुजफ्फरपुर, पूर्णिया या भागलपुर के लिए किए गए हवाई अड्डे को लेकर भी सवाल पूछा है. जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 18 अगस्त, 2015 को पूर्णिया में एयरपोर्ट शुरू करने का वादा किया था, वहीं साल 2019 में प्रधानमंत्री मोदी ने मुजफ्फरपुर के पताही एयरपोर्ट को लेकर भी वादा किया था, इसके बाद 2023 में गृह मंत्री अमित शाह ने भी पताही एयरपोर्ट पर परिचालन शुरू करने का वादा किया था, जिसके बाद दिवाली 2023 पर इसे चालू करने का भी वादा किया गया, लेकिन मार्च 2024 में ग्राउंड टीम ने वहां तमाम कमियां पाईं.

जाति जनगणना को लेकर भी सवाल

जयराम रमेश ने सवाल उठाया है कि आखिर सरकार 10 साल से क्या कर रही है? उन्होंने चौथा सवाल जाति जनगणना को लेकर किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और आरजेडी के दबाव में नीतीश कुमार की सरकार ने अक्टूबर 2023 में बिहार जाति जनगणना के आंकड़े जारी किए, अब क्या केंद्र सरकार इसे राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाएंगी? जो जनगणना 2021 में होनी थी, उसमें अब कितनी देरी होगी?

कांग्रेस का बड़ा अभियान,राहुल, प्रियंका और मल्लिकार्जुन की 75 रैलियां, रोड शो करने की योजना

सियासी भविष्य का सवाल बने महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस आखिरी 5 दिनों में अपने अहम चेहरों को झोंकने की तैयारी में है, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और प्रियंका गांधी समेत इन नेताओं की 75 रैलियां-रोड शो करने की योजना है. इनमें से करीब 20 कार्यक्रम इन्हीं तीन बड़े नेताओं के बनाए गए हैं

राहुल गांधी की मराठवाड़ा, पश्चिम महाराष्ट्र और उत्तरी महाराष्ट्र में 6 सभाएं होंगी, तो प्रियंका की 13 नवंबर को वायनाड में मतदान के बाद राज्य में 4 सभाएं तय हैं. साथ ही पार्टी अध्यक्ष खरगे करीब 10 रैलियों को संबोधित करेंगे. विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र पर कांग्रेस ने अपना ज्यादा फोकस रखा है.

कई दिग्गज करेंगे रैली

कांग्रेस के तीन शीर्ष नेताओं के अलावा महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा डिमांड सचिन पायलट और इमरान प्रतापगढ़ी की है. मुस्लिम बहुल इलाकों समेत प्रतापगढ़ी की राज्य में 20 से ज्यादा सभाएं तय हैं, तो युवा नेता सचिन पायलट की कुल 8 सभाएं. हालांकि, कुछ विशेष इलाकों में तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी और कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया भी प्रचार में कूदेंगे.

कांग्रेस चुनाव में झोंक रही ताकत

वहीं राज्य के अहम नेताओं की बात करें तो प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले की 20 और विधायक दल के नेता बाला साहेब थोराट की 15 रैलियां फिलहाल तय की गईं हैं. 17 नवंबर को मुंबई में कांग्रेस, शिवसेना उद्धव और एनसीपी शरद पवार के शीर्ष नेताओं की एक बड़ी संयुक्त सभा के कार्यक्रम को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके अलावा मुंबई में आखिरी वक्त में राहुल या प्रियंका का एक बड़ा रोड शो भी प्रस्तावित है, जिसके रोड मैप को फाइनल किया जा रहा है.

रैलियों और रोड शो के साथ ही कांग्रेस ने महाविकास अघाड़ी की 5 गारंटियों वाला कार्ड भी 5 करोड़ लोगों तक ले जाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए डोर टू डोर अभियान चलाकर आम जनता के बीच विशेषकर 3 लाख की किसान कर्ज माफी और महिलाओं को तीन हजार प्रति माह के वादे को पहुंचाने का लक्ष्य है, जिससे बीजेपी के बंटेंगे तो कटेंगे जैसे मुद्दे से जनता को उनकी जरूरत के मुद्दे से जोड़ा जा सके.

राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा एक्शन,थाने के अंदर फाइलों में छिपी थीं 500-500 के नोटों की गड्डियां, जानें कितना मिला कैश

राजस्थान के जयपुर से एक पुलिस कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार करने का मामला सामने आया है, जहां एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम औचक निरीक्षण के लिए निकली और भरतपुर के महिला पुलिस थाने पहुंची. यहां एंटी करप्शन ब्यूरो को 4.54 लाख रुपये की संदिग्ध नकदी बरामद हुई. इस पूरे मामले की जानकारी एक अधिकारी ने दी है, जहां से कैश बरामद हुआ, वहां के थाना अधिकारी के ऑफिशियल आवास की भी तलाशी ली गई, तो वहां से भी एक लाख से ज्यादा का कैश बरामद हुआ.

दरअसल राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो को जानकारी मिली कि महिला थाने के अधिकारी सब इंस्पेक्टर भंवर सिंह और उनके ही रीडर कॉन्स्टेबल जय सिंह ने रिश्वत ली है. इसके बाद औचक निरीक्षण किया गया. थाने में अलग-अलग कई फाइलें एक अलमारी में रखी हुई थी. इन फाइलों में 15 लिफाफे रखे हुए मिले, जिनके अंदर 500-500 के नोटों की गड्डियां छिपी थीं. इससे 4.54 लाख रुपये की नकदी बरामद की गई.

सरकारी आवास से भी नकदी बरामद

रिश्वत लेने की जानकारी पुलिस डायरेक्टर जनरल रवि प्रकाश मेहरदा को मिली थी. उन्होंने बताया कि पुलिस स्टेशन इंचार्ज के सरकारी आवास से एक लाख से ज्यादा का कैश बरामद हुआ. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अब आगे की जांच की जा रही है. इस तरह महानिदेशक रवि प्रकाशमेहरदा को मिली सूचना के आधार पर पुलिस कांस्टेबल को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया गया.

अब आगे की कार्रवाई करेगी एसीबी की टीम

पुलिस के अधिकारी ने ही पुलिस कॉन्स्टेबल की गिरफ्तारी की जानकारी दी. फाइलों के अंदर रखे लिफाफे और उनके अंदर से निकले पैसों को लेकर अब एंटी करप्शन ब्यूरोकी टीम आगे की कार्रवाई करेगी. राजस्थान में आज 13 नवंबर (बुधवार) को सात सीटों पर उपचुनाव हो रहा है, जिसके लिए वोटिंग भी शुरू हो गई है. सात सीटों के लिए 69 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में उतरे हैं. राज्य में चुनावी माहौल के बीच एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने ये कार्रवाई की है.

दमोह का वायरल शादी कार्ड: मतदान के लिए प्रेरित करता यह अनोखा निमंत्रण"

देश भर में 12 नवंबर से शादियों का सीजन शुरू हो गया है. देश में शादियों को त्योहार की तरह काफी धूमधाम से आयोजित किया जाता है. सोशल मीडिया पर भी आपको शादी से जुड़ी कई रील्स और वीडियो नजर आ जाएंगे. इसके अलावा सोशल मीडिया पर अलग अलग वजह से कई शादियों के कार्ड भी वायरल हो रहे हैं. ऐसे में सोशल मीडिया पर झारखंड चुनाव के बीच एक कार्ड जमकर वायरल हो रहा है, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे है.

वायरल कार्ड मध्यप्रदेश के दमोह का बताया जा रहा है, जिसे एक पुलिस वाले ने अपनी बहन की शादी के लिए छपवाया था. कार्ड को लोकसभा चुनाव के दौरान छपवाया था. कार्ड में मेहमानों से शादी में बुलाने की जगह वोटिंग करने की अपील की गई थी. इस कार्ड ने सभी का दिल जीत लिया था. इससे पहले भी शादियों के कई कार्ड वायरल हो चुके हैं, जिसमें देश के सच्चे नागरिक होने का फर्ज निभाते हुए शादी के इनविटेशन कार्ड के जरिये ही लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करते हैं.

लोगों ने की थी जमकर तारीफ

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस आरक्षक का नाम मनीष है. मनीष की बहन की शादी 23 अप्रैल को थी. वहीं वोटिंग 26 अप्रैल को वोटिंग को होनी थी. ऐसे में मनीष ने लोगों को प्रेरित करने के लिए किसी स्लोगन, या पर्ची का उपयोग न करते हुए करते हुए अपनी बहन की शादी के कार्ड में इनविटेशन के साथ साथ लोगों से मतदान का उपयोग करने के भी बात लिखी . शादी के कार्ड के लिए लोगों ने मनीष की जमकर तारीफ की थी.

पहले भी एक कार्ड हो चुका है वायरल

इससे पहले राजस्थान का भी एक ऐसा कार्ड वायरल हुआ था. जोधपुर के बेलवा गांव में एक शादी के कार्ड में लोकसभा चुनावों को लेकर एक प्रत्याशी के समर्थन में मतदान करने की अपील की गई थी. बेलवा राणाजी गांव में भाजपा के पूर्व विधायक स्व. मनोहरसिंह इन्दा के भाई के बेटे रघुवीरसिंह इन्दा पुत्र गायड़सिंह इन्दा की शादी के कार्ड पर एक प्रत्याशी के समर्थन में वोटिंग करने की अपील की गई थी. इसके अलावा कार्ड पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही कई दिग्गज नेताओं की भी फोटो बनी हुई थी.

महेंद्र सिंह धोनी को झारखंड हाई कोर्ट का नोटिस: जानें क्या है मामला

महेंद्र सिंह धोनी को झारखंड हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान को ये नोटिस 12 नवंबर को मिला, जिसमें उन्हें धोखाधड़ी के मामले में अपना पक्ष रखने का आदेश दिया गया है. मिहिर दिवाकर और सौम्या दास जो कि धोनी पूर्व साझेदार रहे हैं और आरका स्पोर्ट्स एंड मैनेजमेंट लिमिटेड के निवेशक हैं. उनके खिलाफ धोनी ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया हुआ है.

धोनी ने ये केस 5 जनवरी को किया था. धोनी की इसी शिकायत के खिलाफ मिहिर और सौम्या ने भी याचिका दायर की थी, जिस पर 12 नवंबर को सुनवाई हुई.

इस मामले में सुनवाई जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की कोर्ट में हुई. सुनवाई पूरी होने के बाद धोनी को अपना पक्ष रखने का नोटिस भेजा गया, जिसमें उन्हें उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया गया है.

15 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में धोनी ने दर्ज कराया था केस

सौम्या दास और मिहिर दिवाकर, जो कि ना सिर्फ धोनी के बिजनेस पार्टनर बल्कि एक अच्छे दोस्त भी रह चुके हैं, उनके खिलाफ पूर्व भारतीय कप्तान ने इस साल जनवरी में जो शिकायत की थी, उसमें ये आरोप लगाया था कि दोनों ने उनके नाम का गलत उपयोग किया है और 15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी भी की है.

मिहिर-सौम्या की दायर याचिका पर सुनवाई के बाद नोटिस

मिहिर दिवाकर और सौम्या दास ने इस पूरे मामले में झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां उन्होंने रांची के एक न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के लिए फैसले को चुनौती दी है. उसी मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अब ये देखने वाली बात होगी कि धोनी, नोटिस मिलने के बाद कब तक अपना पक्ष रखते हैं. क्योंकि उन्हें किस तारीख तक अपना पक्ष रखने का आदेश दिया गया है, इस मामले में कोई ठोस जानकारी नहीं है.

IPL 2025 में खेलेंगे धोनी

IPL 2025 में खेलने के लिए तैयार धोनी जल्दी ही उसकी तैयारियों में भी मशगूल दिखेंगे. CSK ने अगले सीजन के लिए उन्हें 4 करोड़ में रिटेन किया है.

चलती ट्रेन में सांप ने यात्री को काटा, मची भगदड़:यात्री की इलाज जारी

उत्तर प्रदेश के झांसी से एक ऐसा मामला सामने आया, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. झांसी से दिल्ली की ओर जा रही ट्रेन में उस वक्त भगदड़ मच गई. जब चलती ट्रेन में एक युवक को सांप ने डस लिया. सांप जनरल डिब्बे में था, जिसे देखकर डिब्बे में सफर कर रहे बाकी यात्री अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे और पूरे डिब्बे में अफरा-तफरी मच गई.

दरअसल 30 साल का भगवानदास नाम का शख्स दिल्ली के जाने के लिए निकला था, जो मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ का रहने वाला है. वह रविवार, 10 नवंबर को खजुराहो-झांसी मेमू से झांसी पहुंचा. अब यहां से उसे अपना आगे का सफर तय करना था, जिसके लिए उसने दादर-अमृतसर एक्सप्रेस झांसी ट्रेन पकड़ी, जो दिल्ली की ओर जा रही थी और वह उसके जनरल कोच में चढ़ गया.

चलती ट्रेन में उसे सांप ने काटा

जनरल डिब्बों में अक्सर देखा जाता है कि वह यात्रियों से भरे हुए होते हैं और जब भगवानदास ट्रेन में चढ़ा, तो भी कुछ ऐसा ही आलम था, जिस वजह से उसे बैठने की जगह नहीं मिली तो वह दरवाजे के पीछे खड़ा हो गया लेकिन जब ट्रेन डबरा और ग्वालियर के बीच चल रही थी, तभी चलती ट्रेन में उसे सांप ने काट लिया. उसकी चीख सुनकर डिब्बे में सफर कर रहे बाकी यात्री आ गए.

मेडिकल कॉलेज में इलाज जारी

सांप को देखकर मची भगदड़ के बीच किसी ने रेलवे हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया और इस घटना की जानकारी रेलवे प्रशासन को दी. इसके बाद जब ट्रेन ग्वालियर पहुंची, तो भगवानदास को RPF की मदद से एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उसका इलाज जारी है. इस मामले को लेकर पीआरओ मनोज कुमार सिंह ने कहा कि ट्रेन में ऐसे सांप नहीं निकलते. ये किसी अराजक तत्व की साजिश है.

डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा में रोबोटिक डॉग की तैनाती" जाने इनका खासियत

अमेरिका में प्रेसिडेंट चुनाव जीतने वाले डोनाल्ड ट्रंप अगले साल राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. 2025 में उनकी ताजपोशी होगी. ट्रंप की सुरक्षा को लेकर अब खास इंतजाम किए गए हैं. प्रेसिडेंशियल इलेक्शन कैंपेन के दौरान उनपर कई बार हमले हो चुके हैं, और अब जब वह चुनाव जीत चुके हैं, तो यूएस सीक्रेट सर्विस ने उनकी सुरक्षा को और भी पुख्ता किया है. सीक्रेट सर्विस ने ट्रंप की सिक्योरिटी में एक नए मेहमान को शामिल किया है. यह एक रोबोटिक डॉग है, जो ट्रंप की हिफाजत का जिम्मा उठाएगा.

2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप की पर्सनल सिक्योरिटी को बढ़ाया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी सिक्योरिटी में सबसे नया सदस्य एक ‘रोबोट डॉग‘ है. इस हाई-टेक कुत्ते का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी सामने आया है, जिसमें इसे टहलते हुए देखा जा सकता है.

टहलता दिखा ‘रोबोटिक डॉग’

वीडियो में दावा किया गया कि ट्रंप की सिक्योरिटी में तैनात रोबोटिक डॉग, फ्लोरिडा के पाम बीच में उनके मार-ए-लागो एस्टेट में गश्त कर रहा है. इसे हाल ही में एस्टेट के लॉन में आराम से टहलते हुए देखा गया, जिस पर एक साफ वार्निंग ‘पालतू जानवर न पालें’ का बोर्ड लगा था.

जानलेवा हमले के बाद बढ़ी सुरक्षा

ट्रंप के सिक्योरिटी अरेजमेंट में मॉडर्न टेक्नोलॉजी को शामिल करने का कदम उनके चुनाव अभियान के दौरान हुए हमले के बाद उठाया गया. चुनाव के समय कथित तौर पर उनकी दो बार हत्या करने की कोशिश की गई.

इन घटनाओं ने उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर खतरे की घंटी बजा दी है. ट्रंप की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार यूएस सीक्रेट सर्विस ने कंफर्म किया कि रोबोटिक डॉग, ट्रंप की सिक्योरिटी के लिए उनकी स्ट्रेटेजी का हिस्सा है.

रोबोटिक डॉग की खासियत

इस रोबोटिक डॉग को बोस्टन डायनेमिक्स नामक कंपनी ने बनाया है. इसमें मॉडर्न सेंसर और टेक्नोलॉजी के साथ एक रिमोट-कंट्रोल सर्विलांस यूनिट है, जिससे इसकी निगरानी की जाती है.

हालांकि सीक्रेट सर्विस ने इसका खुलासा नहीं किया कि रोबोटिक डॉग में क्या खूबियां हैं, और ये क्या कर सकता है. यह साफ है कि रोबोटिक डॉग को इसकी सर्विलांस और सेंसर टेक्नोलॉजी के साथ सेफ्टी और सिक्योरिटी ऑपरेशंस के लिए डिजाइन किया गया है.