विधानसभा उपचुनाव के दौरान चल रही जुबानी जंग के बीच अखिलेश यादव ने भाजपा पर  हमला, कहा एनकाउंटर वाली सरकार का काउंटडाउन शुरू
 
 
   
  
डेस्क:–विधानसभा उपचुनाव के दौरान चल रही जुबानी जंग के बीच सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर तीखा हमला बोला। कहा, एनकाउंटर वाली सरकार का काउंटडाउन शुरू हो गया है इसलिए उनकी भाषा बदल गई है। इतना घबराए हैं कि अधिकारियों को अपना पदाधिकारी समझ रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी तीक्ष्ण शब्द बाण चलाए।
  
  
नोटबंदी के दौरान कानपुर देहात के एक बैंक में जन्मे बालक खजांची का जन्मदिन सपा कार्यालय में मनाने के बाद अखिलेश यादव ने मीडियाकर्मियों से कहा कि नोटबंदी दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक भ्रष्टाचार के रूप में सामने आई है। नोटबंदी का एक भी लक्ष्य पूरा नहीं हुआ।
  
  
सपा मुख्यालय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमलावर अखिलेश ने कहा कि मन की कुटिलता ही वचन की कटुता बनती है। जिन्होंने अपने ऊपर दर्ज सच्चे मुकदमे हटाए हैं, दूसरों पर उतने ही झूठे मुकदमे लगवाए हैं। जो जितना बड़ा संत होता है, वह उतना ही कम बोलता है। 
  
कहा, इनकी योग्यता की परीक्षा करानी पड़ेगी। व्यक्ति वस्त्र से नहीं, वचन से योगी होता है, जिनका काम सरकार चलाना होना चाहिए, वो बुलडोजर चला रहे हैं। मृदुभाषी कटुभाषी बन गए हैं।
  
  
सपा अध्यक्ष ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है जब बुलडोजर की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सरकार अहंकार में संविधान भी भूल गई है। पूरी तरह से जंगलराज है। सरकार अत्याचार कर रही है, जिन्हें संविधान से चलना चाहिए, वे मन विधान से चल रहे हैं। जिन्हें सौहार्द के पुल बनाने चाहिए, वे नीचे-नीचे बारूदी सुरंग बिछा रहे हैं। जिनके राज में साधु संतों के बीच झगड़े करवाए जा रहे हैं, वे कैसे योगी हैं?
  
  
भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अखिलेश यादव के हमले को लेकर तगड़ा पलटवार किया। एक्स अकाउंट पर लिखा कि ‘आदरणीय सपा प्रमुख जी, हिंदू धर्म में संत व सन्यासी सर्वश्रेष्ठ होते हैं, आपको इन मान्यताओं की जानकारी होनी ही चाहिए।’ ‘योगी जी प्रदेश के सर्वप्रिय मुख्यमंत्री हैं, गोरक्षपीठाधीश्वर हैं, सत्य सनातन के धवल प्रतिबिंब हैं, सज्जनों को सम्मान देने वाले श्रेष्ठ सन्यासी हैं। राजनीति में व्यक्तिगत टिप्पणियां ठीक नहीं हैं, आपने अपने बड़ों को कैसा सम्मान दिया उसका उल्लेख करना ठीक नहीं, परंतु एक सर्वमान्य संत पर व्यक्तिगत आक्षेप करना भी ठीक नहीं है। श्रद्धेय योगी अदित्यनाथ जी का व्यक्तित्व बड़ा है, कृतित्व बड़ा है, धार्मिक उत्तरदायित्व बड़ा है, वे श्रेष्ठ हैं, वे पूज्य हैं।’
 
Nov 12 2024, 12:03
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