छठ पूजा में जरूर पढ़ें छठी मैया की आरती, संतान के जीवन से दूर होंगे सभी कष्ट
डेस्क:–इस साल छठ महापर्व की शुरुआत आज यानि 5 नवंबर से हो गई है और पहले दिन नहाय-खाय होता है। फिर दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन षष्ठी तिथि पर छठ पूजा होती है और इसके बाद अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत सम्पूर्ण होता है। छठ का यह महापर्व माताओं के लिए बहुत खास होता है । इस दिन महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना से 36 घंटे का निर्जला व्रत करती हैं.।
यह व्रत निसंतान दंपति के लिए भी बहुत ही फलदायी माना गया है। कहते हैं कि छठी मैया के आशीर्वाद से सूनी गोद भर जाती है। अगर आप भी छठ महापर्व मना रहे हैं तो पूजा करते समय छठी मैया की आरती जरूर करें। इससे वह प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देंगी और हर मनोकामना पूरी करेंगी ।
*छठ मैया की आरती*
जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥ जय छठी मैया…
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥ जय छठी मैया…
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥ जय छठी मैया…
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥ जय छठी मैया…
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥ जय छठी मैया…
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥ जय छठी मैया…
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥ जय छठी मैया…
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥ जय छठी मैया…
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥ जय छठी मैया…
Nov 08 2024, 10:19