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छत्तीसगढ़ PCC चीफ बैज के खिलाफ अहमदाबाद में FIR, गुजरात की स्वास्थ्य सेवाओं पर गलत जानकारी फैलाने का आरोप

रायपुर-   कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज की मुश्किलें बढ़ सकती है। बैज के खिलाफ अहमदाबाद साइबर सेल ने मामला दर्ज किया है। आरोप है कि दीपक बैज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर गुजरात में स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में भ्रामक जानकारी फैलाई। इस मामले को लेकर अहमदाबाद साइबर सेल ने गहन जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक दरअसल, दीपक बैज ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें एक मरीज को दिखाया गया था, जिसे कथित तौर पर समय पर इलाज नहीं मिला और उसकी मृत्यु हो गई। बैज ने यह दावा किया कि वीडियो गुजरात के एक अस्पताल का है।

हालांकि, जांच में सामने आया कि यह वीडियो वास्तव में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के एक अस्पताल का है। इधर, एफआईआर दर्ज होने पर पीसीसी चीफ बैज ने कहा, मुझे मीडिया के जरिए एफआईआर की जानकारी मिली है। सरकार सच को दबाने का प्रयास कर रही है। छत्‍तीसगढ़, मध्‍य प्रदेश और गुजरात में भाजपा की सरकार है।

राज्योत्सव - 2024 : आदिमजाति विभाग की प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री ने की प्रशंसा, आम लोगों में विभाग की स्टॉल बनी विशेष आकर्षण का केन्द्र

रायपुर-     अटल नगर नवा रायपुर स्थित पंडित श्यामाप्रसाद मुखर्जी व्यावसायिक परिसर में आयोजित 24 वां राज्योत्सव में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग की स्टॉल लोगों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा है। राज्योत्सव प्रारंभ होने के साथ ही लोगों की भारी भीड़ आदिम जाति विकास विभाग की स्टॉल पर देखने को मिला। वहीं दूसरे दिन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी विभागीय स्टॉल का अवलोकन कर प्रशंसा की। इस दौरान उन्होंने स्टॉल में बनाए गए सेल्फी जोन में परिवार संग एक फोटो भी खिचवाई। प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने उनका अभिवादन करते हुए उन्हें प्रदर्शनी के थीम के बारे में विस्तार से बताया।

उल्लेखनीय है कि विभागीय मंत्री रामविचार नेताम के निर्देश के अनुसार इस बार की झांकी ’’जनजातीय गौरव शौर्य और संस्कृति का बखान’’ थीम पर बनाई गई थी। प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा एवं सचिव सह आयुक्त नरेन्द्र कुमार दुग्गा स्वयं पूरे स्टॉल की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। स्टॉल की खूबसूरती, जनजातीय शौर्य एवं जनजातीय संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन के कारण प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग इसे देखने पहुंच रहे थें।

स्टॉल में स्वतंत्रता काल के दौरान छत्तीसगढ़ में हुए जनजातीय विद्रोहों की एक झलक दिखाई गई है, जो कि जनजातीय शौर्य को दर्शाती है। साथ ही जनजातीय समृद्ध संस्कृति को भी झांकी के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा जनजातियों के परंपरागत आभूषणों एवं विभागीय योजनाओं को भी फ्लैक्स के माध्यम से बखूबी प्रदर्शित किया गया। साथ ही आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा जनजातीय क्षेत्र में किए गए शोध प्रकाशन को भी अवलोकन हेतु प्रदर्शित किया गया। आमजन को आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही विभागीय गतिविधियों की जानकारी देने के लिए विभागीय योजनाओं का ब्रोशर भी स्टॉल से उपलब्ध कराया गया। स्टॉल पर जनजातीय गौरव दिवस तथा धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान को सेल्फी जोन के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। स्टॉल में आने वाले लोग उक्त सेल्फी जोन अंतर्गत लिखी हुई जानकारी से जहां उक्त अभियान की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सेल्फी जोन में जाकर फोटो खिंचवाकर इस पल को यादगार बना रहे हैं।

भगवान बिरसा मुण्डा जयंती के अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस 14-15 नवंबर को, रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर में होगा राज्य स्तरीय भव्य आयोजन

रायपुर-    भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर 14 एवं 15 नवंबर को राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर में राज्य स्तरीय भव्य आयोजन किया जाएगा। विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी कलेक्टरों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और आदिम जाति विकास विभाग के सहायक आयुक्तों को सभी आवश्यक तैयारी करने निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में इस वर्ष जनजातीय गौरव दिवस को प्रदेश में व्यापक रूप से कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि जनजातीय गौरव दिवस, आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान और बलिदानों को सम्मानित करने तथा आमजन एवं भावी नागरिकों को उनके बलिदान से प्रेरणा लेने के लिए मनाया जाता है। वर्ष 2021 को केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 15 नवंबर को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में इसे जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया था, तभी से प्रतिवर्ष 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

राज्य स्तर पर जनजातीय गौरव दिवस के व्यापक आयोजन के संबंध में प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा द्वारा जिला स्तरीय अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम आयोजन की आवश्यक तैयारियों के संबध में निर्देशित किया गया है। श्री बोरा ने बताया कि जनजातीय गौरव दिवस का राज्य स्तरीय आयोजन 14 एवं 15 नवंबर को राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर में होगा। कार्यक्रम आदिम जाति विकास विभाग एवं आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के मुख्य निर्देशन में किया जायेगा।

श्री बोरा ने बताया कि कार्यक्रम का थीम ’’सामाजिक, आर्थिक विकास, आजीविका एवं उद्यमिता, कला-संस्कृति एवं धरोहर, शिक्षा और कौशल विकास, स्वास्थ्य एवं जीवन शैली’’ है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आदिवासियों के हितों का संरक्षण एवं संवर्धन करना है। इसमें राज्य के 17 विभाग और 25 योजनाओं को शामिल किया गया है। इस आयोजन में राज्य स्तर पर संचालन समिति के लिए प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है एवं क्रियान्वयन समिति मुख्यालय स्तर पर आयुक्त, आदिम जाति विकास की अध्यक्षता में 17 सदस्यीय क्रियान्वयन समिति का गठन किया गया है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बाहुल्य राज्य है जनगणना 2011 के अनुसार कुल जनसंख्या का लगभग 30.62 प्रतिशत आदिवासी निवास करते हैं। इसके अलावा राज्य में 43 प्रमुख जनजातियां एवं 162 उप जातियां हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से जनजातीय महापुरूषों के कार्यों तथा बलिदान के गौरवपूर्ण स्मरण के साथ ही आदिवासियों के हितों का संरक्षण एवं इन्हें प्रोत्साहित करने का अवसर मिलेगा। इस हेतु जिला स्तर पर भी कार्यकम आयोजित किये जाएंगे एवं राज्य स्तर पर भी वृहद रूप से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

शिवलिंग में तोड़फोड़, बजरंग दल ने थाने में की नारेबाजी, आरोपी गिरफ्तार

दुर्ग-   भिलाई के जामुल नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड एक के शिव मंदिर में शिवलिंग में तोड़फोड़ का मामला सामने आया है. छग बजरंग दल के सदस्यों और जामुल के निवासियों ने जामुल थाने जाकर नारेबाजी की और मामले की शिकायत की. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

जामुल थाना प्रभारी कपिल देव पाण्डेय ने बताया, मामला जामुल एसीसी चौक वार्ड एक स्थित बटूकेश्वर महादेव मंदिर है. एक चबूतरे में शिवलिंग के साथ नंदी और शिवजी के त्रिशूल का उपयोग किया गया है. मोहल्ले का रहने वाला मुर्तजा अली नाम के युवक ने शिवलिंग और त्रिशूल को तोड़ने का प्रयास किया है. प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि वो बीते बुधवार रात अपने घर से एसीसी चौक की तरफ आ रहा था. उसने देखा कि मुर्तजा भगवान शंकर के चबूतरे में चढ़ा हुआ है. वो पत्थर से शिवलिंग को तोड़ने का प्रयास कर रहा था. जैसे ही उसने लोगों को देखा तो वो वहां से भागने लगा.

बजरंग दल ने थाने में जमकर की नारेबाजी

जब लोगों ने मुर्तजा से पूछा तो वो काफी नशे में था. छग बजरंग दल के सदस्यों और जामुल के निवासियों ने जामुल थाने जाकर मामले की शिकायत की. इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर थाने लाया. जैसे ही मामले की सूचना छग बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को हुई वो लोग बड़ी संख्या में जामुल थाने पहुंच गए. उन्होंने मामले को लेकर जमकर नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि बजरंगी किसी विशेष संप्रदाय के धर्म और उनके देवता पर आक्षेप नहीं करते हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हिंदू देवी देवताओं के साथ इस तरह आगे से किसी ने कुछ किया तो वो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें. बजरंगी उनका मुहतोड़ जाब देंगे.

बीएड-डीएड डिग्री विवाद पर हाईकोर्ट में सुनवाई : कोर्ट ने कहा – किसी की नौकरी छीनना किसी समस्या का समाधान नहीं, सरकार को दिया ये सुझाव…

रायपुर-    6 नवम्बर 2024 को हाईकोर्ट बिलासपुर में डीएड पक्ष की ओर से सरकार के विरुद्ध दाखिल किए गए कंटेम्प्ट केस की सुनवाई हुई. न्यायाधीश नरेंद्र कुमार व्यास ने कहा कि किसी की नौकरी छीनना किसी समस्या का समाधान नहीं है. उन्होंने सरकार को बीएड प्रशिक्षित नवनियुक्तों को वर्ग-2 में शिक्षक पद पर समायोजित करने का सुझाव देते हुए कहा कि ये चयनित हैं, मिडिल स्कूल में शिक्षण की योग्यता रखते हैं और इन्हें 1 वर्ष शिक्षण का अनुभव भी प्राप्त है.

जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बीएड प्रशिक्षितों को प्राथमिक के लिए योग्य नहीं माना है, लेकिन माध्यमिक स्कूलों में शिक्षण के लिए ये योग्य हैं. इन 2900 सहायक शिक्षकों के प्रति सरकार की ज़िम्मेदारी है. सरकार के पास अपनी शक्तियां है, जिनका प्रयोग कर इनकी सेवा सुरक्षित रखी जा सकती है.

गौरतलब है कि 2 अप्रैल 2024 को हाईकोर्ट और 28 अगस्त 2024 को सुप्रीमकोर्ट के फैसले से लगभग 2900 बीएड प्रशिक्षित नवनियुक्त सहायक शिक्षकों की नौकरी ख़तरे में आ गई है. ये सभी सहायक शिक्षक बस्तर और सरगुजा सम्भाग के सुदूर अंचल में विगत एक वर्ष से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. अप्रत्याशित रूप से नियमों में बदलाव की वजह से इन पर पदमुक्ति का ख़तरा मंडरा रहा है. सभी बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों ने पूर्व में भी वर्ग 2 (मिडिल) में समायोजन के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को विभिन्न शिक्षक संगठनों के माध्यम से ज्ञापन सौंपा है.

बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों का कहना है कि सहायक शिक्षकों को शिक्षक पद पर समायोजित कर दिया जाए, क्योंकि पूरी प्रक्रिया में अभ्यर्थियों का कोई भी दोष नहीं है. आज सभी 3000 शिक्षक सहित पूरे परिवार की आजीविका इसी नौकरी पर आश्रित है. मामले की अगली सुनवाई 28 नवम्बर को होगी. हाईकोर्ट ने सरकार को इन बिंदुओं पर विचार करने कहा है.

छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर पर गरमाई सियासत

रायपुर-     नवा रायपुर में तीन दिवसीय भव्य छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का आयोजन किया गया, लेकिन इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर न होने से विवाद खड़ा हो गया है. इसको लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए इसे छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा का अपमान बताया है. तो वहीं भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि बीजेपी ने हमेशा छत्तीसगढ़ महतारी के मान-सम्मान को बढ़ाने का काम किया है।

बीजेपी को छत्तीसगढ़ महतारी की इज़्ज़त नहीं – महंत

नेताप्रतिपक्ष चरणदास महंत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी को छत्तीसगढ़ महतारी की इज़्ज़त नहीं है. इन्हें न संस्कृति, न हमारे परंपरा, छत्तीसगढ़ियों के अचार-विचार किसी की इज़्ज़त नहीं है. जिनकी सेवा कर रहे हैं उनकी ही तस्वीर नहीं है. यह बयान उन्होंने रायपुर दक्षिण उपचुनाव के लिए जनसंपर्क अभियान के दौरान दिया.

बीजेपी ने छत्तीसगढ़ महतारी के मान-सम्मान को बढ़ाने का किया काम – अरुण साव

डिप्टी सीएम अरुण साव ने कांग्रेस के आरोपों का खंडन करते हुए कहा, बीजेपी ने छत्तीसगढ़ महतारी के मान-सम्मान को बढ़ाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि आज देश और दुनिया में छत्तीसगढ़ की पहचान बनी है वो केवल बीजेपी के कारण बनी है. कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ को कुपोषण, अशिक्षा और भुखमरी के कगार पर छोड़ दिया था. छत्तीसगढ़ को कांग्रेस ने देशभर में भ्रष्टाचार, अपराध और नशे के गढ़ के रूप में बदनाम करवाया. छत्तीसगढ़ के मान सम्मान और गौरव की बात इनके मुंह से शोभा नहीं देती. छत्तीसगढ़ का मान सम्मान बढ़ाने का काम हमारी सरकार विष्णुदेव साय के नेतृत्व में कर रही है.

धर्मांतरण पर उपमुख्यमंत्री के बयान पर महंत ने किया पलटवार

धर्मांतरण के मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव के बयान पर नेताप्रतिपक्ष चरणदास महंत ने पलटवार करते हुए कहा कि धर्मांतरण की परिभाषा क्या है, यह मंत्री बताएं. संविधान के अनुसार अगर कोई व्यक्ति पूजा करता है या मंदिर-मस्जिद जाता है, तो उसे धर्मांतरण का नाम देकर कांग्रेस को बदनाम करते है ,ये उचित नहीं है.

चुनाव में धार्मिक मुद्दों के उपयोग पर महंत की आपत्ति

महंत ने चुनाव के दौरान धार्मिक बाबाओं और संतों के छत्तीसगढ़ दौरों पर भी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि धार्मिक एजेंडे पर काम नहीं करना चाहिए, हमारा लोकतंत्र है, संविधान है. उन्हें लोकतंत्र, भाईचारा और एकता के नाम से वोट मांगना चाहिए. तब सही चुनाव कहा जाएगा है.

रायपुर दक्षिण उपचुनाव के लिए जनसंपर्क अभियान में निकले नेता प्रतिपक्ष महंत ने ब्राह्मण समाज के लोगों से मुलाकात की और कहा कि “पहली बार ब्राह्मण युवा के लिए समाज से आशीर्वाद लेने निकले हैं. इनके पारिवारिक संबंधी के अनुसार प्रत्याशी हमने दिया. माहौल देखकर प्रसन्नता हुई. सबके आशीर्वाद से प्रत्याशी को विजय प्राप्त होगा.

महंत ने उपचुनाव के मुद्दों पर भी सरकार को घेरा और कहा, “यहां की गलियों और नालियों की हालत पांच साल पहले जैसी ही है, कोई सुधार नहीं हुआ है. ब्रजमोहन मंत्री रहे हैं, लेकिन क्षेत्र की स्थिति जस की तस बनी हुई है.”

शर्मनाक! ओवर ब्लीडिंग पर नर्स ने प्रसूता के परिजनों से कराई पूरे वार्ड की धुलाई…

बलरामपुर-    सरकार एक तरफ संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए तमाम प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर अस्पतालों में तैनात स्टॉफ सरकार के प्रयास को पलीता लगाती नजर आ रही है. ऐसा ही मामला वाड्रफ नगर सिविल अस्पताल में आया है, जहां प्रसूता के प्रसव के बाद उसके परिजनों से वार्ड की धुलाई कराई गई.

जानकारी के अनुसार, गैना गांव की गर्भवती महिला अपने परिजनों के साथ सिविल अस्पताल में प्रसव के लिए आई थी. प्रसव के दौरान ओवर ब्लीडिंग होने से ड्यूटी नर्स भड़क गई, और परिजनों से पूरे प्रसव वार्ड की धुलवाई करवाई.

अब सवाल यह है कि जब अस्पताल में सफाई के लिए पूरा अमला मौजूद है, तो फिर प्रसूता के परिजनों से सफाई क्यों कराई गई. मामले में बीएमओ शशांक गुप्ता ने परिजनों की शिकायत और मीडिया के जरिए मिली खबरों पर जांच करावा कर दोषी पाए जाने पर स्टाफ नर्स के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.

डिप्टी कलेक्टर जय उरांव को हाईकोर्ट की डबल बेंच से मिली राहत, सिंगल बेंच के 2 फैसलों पर लगाई रोक

बिलासपुर-    भू अभिलेख शाखा से रिकार्ड गयाब होने के मामले में डिप्टी कलेक्टर जय उरांव को हाई कोर्ट की डबल बेंच से राहत मिली है. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के दो महत्वपूर्ण फैसले जिसमें सरकारी जमीन की अफरा-तफरा में हाथ काला करने वाले तब के अतिरिक्त तहसीलदार और वर्तमान में डिप्टी कलेक्टर व एक सरपंच के खिलाफ न्यायालयीन आदेश की अवहेलना के आरोप में नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. इन दोनों फैसले पर जस्टिस रजनी दुबे व जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की डिवीजन बेंच ने आगामी आदेश तक रोक लगा दी है. डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले पर त्रुटि पाते हुए यह आदेश जारी किया है.

याचिकाकर्ता लक्ष्मी वैष्णव ने सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए अपील की है, मामले की सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच को बताया गया, कि सिंगल बेंच ने न्यायालयीन अवमानना का दोषी पाते हुए उसे सरपंच पद से हटाते हुए अमरिका बाई अजगले को ग्राम पंचायत का कार्यवाहक सरपंच नियुक्त करने का निर्देश जारी किया है. ऐसा आदेश या निर्देश न्यायालय की अवमानना अधिनियम के तहत पारित नहीं किया जा सकता है. याचिकाकर्ता को बहुमत से कार्यवाहक सरपंच के रूप में विधिवत चुना गया था और 16.01.2024 से वह बिना किसी चूक के अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रही है. इसलिए 18.09.2024 को सिंगल बेंच द्वारा जारी विवादित आदेश के प्रभाव और संचालन पर अन्य पक्षों को नोटिस दिए जाने तक रोक लगाई जाए. इधर अमरिका बाई अजगले के अधिवक्ता ने याचिकाकर्ता की प्रार्थना का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता अवमानना मामले में पक्षकार नहीं है और अवमानना मामले में अवमाननाकर्ता ने 23.04.2024 को पारित सिंगल बेंच के आदेश का पालन नहीं किया है, इसलिए अवमानना न्यायालय ने सही ढंग से आदेश पारित किया है और यह अपील स्वीकार्य खारिज किए जाने योग्य है.

मामले में दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में लिखा है कि हमने दोनों पक्षों की दलील सुनी और कोर्ट द्वारा पारित 18.09.2024 के विवादित आदेश का भी अवलोकन किया है. अवमाननाकर्ता को सरपंच पद से हटाने का निर्देश जारी किया गया था और याचिकाकर्ता के अनुसार, वह जनवरी, 2024 से काम कर रही है. मामले में अंतरिम उपाय के रूप में, यह निर्देश दिया जाता है कि 18.09.2024 के आदेश का प्रभाव और संचालन सुनवाई की अगली तारीख तक स्थगित रहेगा.

वहीं डिप्टी कलेक्टर जय शंकर उरांव के अधिवक्ता ने डिवीजन बेंच से कहा कि याचिकाकर्ता उस समय उस पद पर तैनात नहीं था, जब सिंगल बेंच द्वारा 12.08.2024 को आदेश पारित किया गया था. यहां तक कि अवमानना मामले में 25.10.2024 को विवादित आदेश पारित करने के समय भी याचिकाकर्ता कहीं और पदस्थ था. सरकारी मजीन की हेरा-फेरी के संबंध में मुख्य आरोप संबंधित न्यायालय के रीडर के खिलाफ है कि उसने संबंधित रिकॉर्ड को गलत जगह रख दिया है. इसलिए याचिकाकर्ता को जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता. मामले में कोर्ट ने 25.10.2024 को अपीलकर्ता के खिलाफ जारी एफआईआर दर्ज करने के निर्देश को डिवीजन बेंच ने अगली सुनवाई तक प्रभाव और संचालन पर रोक लगा दिया है.

ये है पूरा मामला

पौंसरा की 2.15 एकड़ जमीन की खरीदी बिक्री 2013-14 में की गई थी. तब इसे लेकर जमकर विवाद हुआ था. विवाद सुलझने के बाद जमीन का नामांतरण कर दिया गया. नामांतरण आदेश में तात्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार जय शंकर उरांव के हस्ताक्षर हैं. पेखन लाल शेंडे ने रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण आदेश के दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध कराने की मांग करते हुए 31 अगगस्त 2024 को तहसीलदार बिलासपुर के समक्ष आवेदन पेश किया. लगातार स्मरण करने के बाद भी जब दस्तावेज नहीं उपलब्ध कराया गया. तो पेखन लाल शेंडे ने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका लगाई. मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने तहसीलदार बिलासपुर को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता को पूरे प्रकरण के दस्तावेज उपलब्ध कराने कहा. कोर्ट के निर्देश के बाद भी याचिकाकर्ता को दस्तावेज नहीं मिले. इस मामले में कोर्ट ने एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया था. जिसे लेकर अपील की गई थी, डीबी ने इस आदेश पर रोक लगाई है.

औद्योगिक विकास के लिए 118 एकड़ जमीन की मिली मंजूरी, उद्योगपतियों ने कहा- बस्तर में आर्थिक विकास में आएगी तेजी…

जगदलपुर-     राज्य सरकार ने बस्तर के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए जगदलपुर के नियानार गांव में 118 एकड़ भूमि के आवंटन की मंजूरी दे दी है. इस कदम से बस्तर क्षेत्र में सहायक उद्योगों की स्थापना को बल मिलेगा, खासकर नगरनार इस्पात संयंत्र के आसपास. इससे स्थानीय रोजगार में वृद्धि और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (BCCI) ने लंबे समय से इस भूमि आवंटन की मांग की थी, जिसे अब मुख्यमंत्री के नेतृत्व में स्वीकार किया गया और केबिनेट की स्वीकृति भी मिल गई है. इस भूमि आवंटन से छोटे और मध्यम उद्योगों की स्थापना को सरल बनाने में मदद मिलेगी.

बीसीसीआई के अध्यक्ष श्याम सोमानी ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम बस्तर में औद्योगिक और व्यवसायिक वातावरण को और सशक्त बनाएगा. उनका मानना है कि इससे न केवल स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. इसके साथ ही, बस्तर का औद्योगिक क्षेत्र और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था तेजी से विकास की दिशा में बढ़ेगी.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय पहुंची श्री गुरुनानक की शोभायात्रा
रायपुर-     सिखों के पहले गुरू पूज्य श्री गुरुनानक के 555 वें प्रकाश पर्व के निमित्त रायपुर में आज भव्य शोभायात्रा निकाली गई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालय जागृति मंडल में शोभा यात्रा-प्रभात फेरी का भव्य स्वागत किया गया. यहां मातृशक्ति द्वारा श्रद्धेय श्री गुरुनानक देव जी के जीवन कृतित्व को व्यक्त करने वाले अत्यंत प्रेरक कीर्तन प्रस्तुत किए गए. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने पालकी साहब में पुष्प अर्पित कर आशीर्वाद लिया. इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रांत संघचालक टोपलाल वर्मा जी अपने उद्बोधन में कहा कि “श्रीगुरुनानक देवजी का संपूर्ण जीवन हिंदुत्व और धर्म की रक्षा में बीता.

उन्होंने कहा कि आज संपूर्ण समाज को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र हित में कार्य करने की आवश्यकता है. श्रीगुरुनानक देव भारत मां के सच्चे सुपुत्र व प्रेरणापुंज हैं.” इस अवसर पर बड़ी संख्या में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने पालकी साहब में पुष्प अर्पित कर उनके बताए मार्ग पर चलते हुए राष्ट्रहित में कार्य करने की मंगलकामना की. प्रभात फेरी के अवसर पर नारायण नामेदव ने पीता वारया ते लाल चारो वारे ओ हिंदू तेरी शान….गीत गाया, जिससे लोग राष्ट्रभक्ति के रंग में रंग गए.

कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ प्रचारक शांताराम सर्राफ, प्रांत कार्यवाह चंद्रशेखर देवांगन जी, प्रांत प्रचारक अभय राम वर्मा, सह प्रांत प्रचारक नारायण नामदेव, सह प्रांत प्रचार प्रमुख संजय तिवारी, महानगर संघचालक घनश्याम बिड़ला जी, सज्जन सिंह, जागीर सिंह, कुलविंदर सिंह तथा ज्ञानी सिंह समेत बड़ी संख्या में संघ के कार्यकर्ता व समाजसेवी उपस्थित रहे.