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जोगिंदर शर्मा की अनोखी कहानी: टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाले हीरो से डीएसपी तक का सफर, जानें

टीम इंडिया के लिए वर्ल्ड कप जीतने का सपना हर एक भारतीय खिलाड़ी देखता है. भारत ने इसी साल 17 साल के इंतजार के बाद टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता है. इससे पहले भारत ने साल 2007 में इस ट्रॉफी को अपने नाम किया था. तब एमएस धोनी की कप्तानी ने एक युवा भारतीय टीम ने ये कारनामा किया था. उस टीम में जोगिंदर शर्मा भी शामिल थे. जोगिंदर शर्मा आज यानी 23 अक्तूबर को 41 साल के हो गए हैं. उनका जन्म 1983 को हरियाणा के रोहतक जिले में हुआ था. जोगिंदर शर्मा वही खिलाड़ी हैं जिन्होंने टी20 वर्ल्ड कप 2007 के फाइनल मैच का आखिरी ओवर फेंका था और टीम इंडिया को जीत दिलाई थी.

एक ओवर ने जोगिंदर शर्मा को बनाया हीरो

जोगिंदर शर्मा के इंटरनेशनल करियर की शुरुआत साल 2004 में हुई थी. लेकिन उनका करियर काफी उतार चढ़ाव से भरा रहा. उन्हें देश के लिए कम ही क्रिकेट खेलने का मौका मिला. धोनी और जोगिंदर दोनों का इंटरनेशनल करियर एक ही दिन में शुरू हुआ था. दोनों ने बांग्लादेश के खिलाफ साल 2004 में डेब्यू किया था. लेकिन इस सीरीज के बाद वह 3 साल तक अपनी जगह नहीं बना सके थे. इसके बाद उन्होंने साल 2007 में टीम इंडिया में वापसी की और टी20 वर्ल्ड कप 2007 में भी अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे.

जोगिंदर शर्मा ने टी20 वर्ल्ड कप 2007 के दौरान ही टी20 में अपना डेब्यू किया था. इस टूर्नामेंट में उन्हें कुल 4 मैच खेलने को मिले, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ खेला गया फाइनल मैच भी शामिल है. उन्होंने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन ओवर में 37 रन देकर 2 विकेट लिए थे. जिसके बाद फाइनल मैच में पाकिस्तान के खिलाफ धोनी ने जोगिंदर को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए मैच का आखिरी ओवर करने का मौका दिया था. इस ओवर ने ही उन्हें पूरे भारत में मशहूर कर दिया था.

पाकिस्तान के खिलाफ भारत को दिलाई जीत

जोगिंदर शर्मा ने फाइनल मैच के आखिरी ओवर में 13 रन का बचाव करके टीम इंडिया को जीत दिलाई थी. उन्होंने ओवर की चौथी गेंद पर मिस्बाह उल हक को आउट करके पाकिस्तान की वर्ल्ड कप जीतने की उम्मीद तोड़ दी थी. इस ओवर ने उनकी जिंदगी बदलकर रख दी. भारत में हर जगह जोगिंदर शर्मा की ही बात हो रही थी, लेकिन चौंकाने वाली बात है कि इस मैच के बाद उन्हें फिर से टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका नहीं मिला.

कार एक्सीडेंट के चलते बदल गई जिंदगी

जोगिंदर शर्मा ने टीम इंडिया में जगह ना मिलने पर घरेलू क्रिकेट में खेलना जारी रखा. लेकिन साल 2011 में जोगिंदर शर्मा का एक्सीडेंट हो गया था. पश्चिम दिल्ली में यह दुर्घटना हुई जब उनकी कार एक कॉल सेंटर से टकरा गई थी. इस एक्सीडेंट में उनके सिर पर गंभीर चोट आई थी और वह लंबे समय तक आईसीयू में रहे थे. लंबे समय तक बिस्तर पर रहने के बाद उन्होंने मैदान में वापसी की थी. लेकिन इसके बाद उन्होंने बड़ा फैसला लिया और क्रिकेट छोड़कर पुलिसवाले बन गए. दरअसल, टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद हरियाणा सरकार ने जोगिंदर शर्मा को हरियाणा पुलिस में डीएसपी की पोस्ट पर नियुक्ति दी. वह इस समय डीएसपी के तौर पर देश की सेवा कर रहे हैं.

जोगिंदर ने भारत के लिए कुल 4 वनडे और 4 टी20 मैच ही खेले हैं. इन मैचों में उन्होंने 5 विकेट हासिल किए. वहीं, जोगिंदर घरेलू क्रिकेट में हरियाणा के लिए खेला करते थे. उन्होंने अपने घरेलू करियर में 77 फर्स्ट क्लास मैच खेले और 2804 रन बनाने के साथ 297 विकेट लिए. 80 लिस्ट ए मैचों में भी उनके नाम 1040 रन और 115 विकेट दर्ज हैं.

भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज: टीम इंडिया के लिए दो नए चेहरे होंगे शामिल?

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के शुरू होने के दिन जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, उसे लेकर उत्साह भी बढ़ रहा है. सबसे बड़ा सवाल ये कि वो कौन से चेहरे होंगे, जो इस हाई-प्रोफाइल सीरीज का हिस्सा बनेंगे? इस बड़े सवाल का जवाब पुणे में भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरे टेस्ट के बाद मिल सकता है. दरअसल, ऐसी खबर है कि सेलेक्टर्स पुणे टेस्ट के बाद मीटिंग कर टीम का चयन कर सकते हैं. हालांकि, उससे पहले दो ऐसे खिलाड़ियों के नाम सामने आए हैं, जो बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दावेदार बन सकते हैं.

नीतीश कुमार रेड्डी को मिल सकता है मौका

ऐसी रिपोर्ट है कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी को टीम में जगह मिल सकती है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेलेक्टर्स को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए एक तेज गेंदबाज ऑलराउंडर की तलाश है. टीम की इस जरूरत को पूरा करने के लिए अजीत अगरकर एंड कंपनी नीतीश कुमार रेड्डी के नाम पर मुहर लगा सकती है. IPL में SRH से खेलने वाले नीतीश ने अभी हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ T20 सीरीज भी खेला है. वहीं उनका चयन ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए, इंडिया ए टीम में भी हुआ है.

शार्दुल ठाकुर भी हैं दावेदार

हालांकि, तेज गेंदबाज ऑलराउंडर के लिए चुने जाने की रेस में नीतीश कुमार रेड्डी को शार्दुल ठाकुर से कड़ी टक्कर मिल सकती है. रिपोर्ट की मानें तो शार्दुल भी पेस ऑलराउंडर के रोल में टीम में जगह बनाने के प्रबल दावेदार है. 33 साल के शार्दुल ने पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गाबा टेस्ट में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. अभी हाल ही में उन्होंने इंजरी से रिकवरी की है और घरेलू मैचों में अच्छा प्रदर्शन भी कर रहे है. फिलहाल वो मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी खेल रहे हैं. ऐसे में भले ही शार्दुल पिछले साल साउथ अफ्रीका दौरे के बाद से भारतीय टीम से दूर रहे हों, लेकिन, बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में सेलेक्टर्स उनके नाम पर विचार कर सकते हैं.

हार्दिक पंड्या के रेड बॉल क्रिकेट से दूरी बना लेने के बाद एक तेज गेंदबाज ऑलराउंडर की कमी भारतीय टीम को रही है. विदेशी दौरों पर शार्दुल ठाकुर अब तक इस रोल में नजर आ रहे थे. लेकिन, इस बार ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए 33 साल के अनुभवी खिलाड़ी को 23 साल के युवा जोश यानी नीतीश कुमार रेड्डी से कड़ी टक्कर मिलती दिख सकती है.

10 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रवाना होगी टीम इंडिया

टीम इंडिया के ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए 10 नवंबर को रवाना होने की उम्मीद है. इस बार का ऑस्ट्रेलिया दौरा खास होगा क्योंकि 1992 के बाद पहली बार दोनों टीमों के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जा रही है. भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज की शुरुआत 22 नवंबर से होगी.

खेल के मैदान में खूनी खेल: जमैका में फुटबॉल मैच के दौरान गोलीबारी,5 लोगों की मौत, कई घायल

फुटबॉल जगत से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. जमैका में एक फ्रेंडली फुटबॉल मैच के दौरान दिल दहला देने वाली घटना घटी है. मैदान में कई बार फैंस अपने टीम को सपोर्ट करने के लिए आपस में भिड़ जाते हैं, ऐसी घटना कई बार देखने को मिली है. लेकिन किंग्स्टन के रॉकफोर्ट स्थित प्लीजेंट हाइट्स में एक फुटबॉल मैच के दौरान धना धन गोलियां चलाई गईं. इस दौरान मौके पर ही 5 लोगों की मौत हो गई. वहीं, कई लोग घायल भी बताए जा रहे हैं.

Live मैच में गोली मारकर 5 लोगों की हत्या

स्थानीय पुलिस के मुताबिक, सोमवार 21 अक्टूबर को शाम किंग्स्टन के रॉकफोर्ट स्थित प्लीजेंट हाइट्स में एक फुटबॉल मैच के दौरान हुए हमले में पांच लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. किंग्स्टन ईस्टर्न पुलिस के प्रमुख अधीक्षक टॉमिली चेम्बर्स ने बताया कि गोलीबारी की घटना रात 8 बजे घटी. जमैका कांस्टेबुलरी फोर्स की सूचना शाखा, कांस्टेबुलरी कम्युनिकेशन यूनिट ने भी घटना की पुष्टि की है. वहीं, इस घटना में कितने लोग घायल हुए हैं, इसकी जानकारी पुलिस की ओर से नहीं दी गई है

प्लीजंट हाइट्स को पहले वारेका हिल्स के नाम से जाना जाता था. इस जगह का अतीत हिंसक रहा है, विशेष रूप से घातक गिरोह झगड़ों के कारण, ये जगह बदनाम है. किंग्स्टन ईस्टर्न डिवीजन के अधीक्षक टॉमीली चैंबर्स ने जमैका ऑब्जर्वर ऑनलाइन के हवाले से कहा, ‘सात लोगों को गोली मारी गई और पांच लोगों की मौत हो गई.’ रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पुलिस ने गोली मारकर मारे गए पांच लोगों में से चार की पहचान कर ली है. इसके अलावा पुलिस ने इस घटना के बाद इलाके में 48 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया है.

पुलिस को गैंगवार की आशंका

अधीक्षक चैंबर्स ने कहा कि यह निर्धारित करना जल्दबाजी होगी कि यह ताजा घटना किसी गैंगवार से जुड़ी है या नहीं. लेकिन उन्होंने कहा कि क्षेत्र में अपराध और हिंसा को कम करने के लिए प्रगति की जा रही है. उन्होंने कहा, ‘रॉकफोर्ट समुदाय में दो सालों से अधिक समय से शांति बनी हुई है.’ बता दें, वेस्टइंडीज के दिग्गज क्रिकेटर क्रीस गेल का जन्म भी जमैका के किंगस्टन में ही हुआ था. क्रिकेट की दुनिया में जमैका क्रीस गेल की वजह से ही जाना जाता है.

न्यूजीलैंड महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार जीता टी20 वर्ल्ड कप,अफ्रीका को 32 रन से हराया

महिला टी20 क्रिकेट में 8 साल के बाद एक नये चैंपियन का जन्म हुआ है. पिछले कई साल से चली आ रही ऑस्ट्रेलियाई महिला टीम की बादशाहत खत्म करते हुए न्यूजीलैंड ने पहली बार महिला टी20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर लिया. दुबई में रविवार 20 अक्टूबर को खेले गए फाइनल में न्यूजीलैंड ने साउथ अफ्रीका को 32 रन से हरा दिया और इसके साथ ही अपना तीसरा फाइनल खेलते हुए पहली बार चैंपियनशिप पर कब्जा किया. न्यूजीलैंड को एक चमचमाती वर्ल्ड कप की ट्रॉफी मिली और साथ ही मिला करीब 20 करोड़ रुपये का इनाम. वहीं साउथ अफ्रीका को भी 10 करोड़ रुपये मिले जबकि पहले राउंड में ही बाहर होने वाली टीम इंडिया की झोली में भी कुछ रकम आई.

यूएई में 3 अक्टूबर को शुरू हुए टूर्नामेंट का समापन 20 अक्टूबर को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में हुए फाइनल के साथ हुआ. इस फाइनल में न्यूजीलैंड ने पहले बैटिंग की और 20 ओवर में 158 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया. ये लक्ष्य साउथ अफ्रीका के लिए बहुत बड़ा साबित हुआ और पूरी टीम 20 ओवर में सिर्फ 126 रन ही बना सकी. इस तरह न्यूजीलैंड ने पहली बार टी20 वर्ल्ड कप जीतने में सफलता हासिल की. वहीं साउथ अफ्रीका एक बार फिर खिताब से चूक गई. उसे पिछले साल भी फाइनल में ही ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था.

वर्ल्ड चैंपियन न्यूजीलैंड मालामाल

इस जीत के साथ ही पहली बार महिला टी20 वर्ल्ड कप की खूबसूरत सी ट्रॉफी न्यूजीलैंड के हाथ में आई लेकिन सिर्फ ट्रॉफी ही नहीं, बल्कि टूर्नामेंट की बेस्ट टीम बनने का जबरदस्त इनाम भी न्यूजीलैंड को मिला. आईसीसी ने इस बार महिला टी20 वर्ल्ड कप के प्राइज मनी को दोगुना कर दिया था. इस तरह चैंपियन न्यूजीलैंड को 2.34 मिलियन डॉलर यानि करीब 19.67 करोड़ रुपये का इनाम भी मिला. ये महिला टी20 वर्ल्ड कप के इतिहास में किसी भी चैंपियन टीम को मिली सबसे बड़ी इनामी रकम है. इसके अलावा ग्रुप स्टेज के एक मैच जीतने पर हर टीम को 26.19 लाख रुपये भी दिए जाएंगे. न्यूजीलैंड ने ग्रुप स्टेज में 3 मैच जीते थे, इसलिए उसे 78 लाख रुपये अतिरिक्त मिलेंगे. इस तरह न्यूजीलैंड को करीब 20.45 करोड़ रुपये इनाम में मिलेंगे.

साउथ अफ्रीका और भारत को कितनी रकम?

वहीं उपविजेता रही साउथ अफ्रीका को फाइनल तक पहुंचने के बदले 1.17 मिलियन डॉलर यानि 9.83 करोड़ रुपये इनाम में मिलेंगे. साउथ अफ्रीका ने भी ग्रुप स्टेज में 3 मैच जीते थे और इसलिए उसे भी 78 लाख रुपये अतिरिक्त मिलेंगे. यानि साउथ अफ्रीकी टीम कुल मिलाकर करीब 10.62 करोड़ रुपये अपने घर लेकर जाएगी. जहां तक टीम इंडिया की बात है तो टूर्नामेंट में निराशाजनक प्रदर्शन का नतीजा उसे मिलने वाली रकम पर भी पड़ा. भारतीय टीम ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गई थी. हालांकि टीम इंडिया ने अपने ग्रुप में श्रीलंका और पाकिस्तान को हराया था और इसलिए ये 2 मैच जीतने के बदले टीम इंडिया की झोली में सिर्फ 52 लाख रुपये आएंगे.

टीम इंडिया में वॉशिंगटन सुंदर की वापसी, न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में शामिल"

टीम इंडिया के लिए न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज की शुरुआत काफी खराब रही. भारतीय टीम को सीरीज के पहले मैच में 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा. इस मैच की पहली पारी में टीम इंडिया की बल्लेबाजी पुरी तरह फ्लॉप रही. वहीं, गेंदबाज भी कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सक. ऐसे में सीरीज के अगले मैच से पहले टीम इंडिया ने बड़ा फैसला लिया है. भारतीय टीम के स्क्वॉड में एक ऑलराउंडर की एंट्री हुई है.

टीम इंडिया में स्टार खिलाड़ी की एंट्री

टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के आखिरी दो मैचों के लिए स्क्वॉड में स्टार ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर को शामिल किया है. वॉशिंगटन सुंदर ने टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी टेस्ट मैच साल 2021 में खेला था. यानी वह एक लंबे समय के बाद भारतीय टेस्ट टीम में वापसी करने जा रहे हैं. सुंदर टीम इंडिया के लिए अभी तक 4 टेस्ट मैच खेल चुके हैं. इस दौरान उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में छह पारियों में तीन अर्धशतक लगाए हैं और उनका औसत 66.25 है. इसके अलावा 6 विकेट भी झटके हैं.

रणजी ट्रॉफी में दिल्ली के खिलाफ जड़ा शतक

वॉशिंगटन सुंदर फिलहाल रणजी ट्रॉफी के एलीट ग्रुप D में तमिलनाडु और दिल्ली की टीमों के बीच हो रहे मैच में खेल रहे हैं. इस मैच में वॉशिंगटन सुंदर ने कमाल का प्रदर्शन किया है. उन्होंने मुकाबले की पहली पारी में शतक जड़ा. ये पिछले 7 सालों में उनका पहला फर्स्ट क्लास शतक था. उन्होंने तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 269 गेंदों पर 152 रन बनाए, इस दौरान उन्होंने 19 चौके और 1 छक्का जड़ा. इसके बाद उन्होंने पहली पारी में दिल्ली के दो बल्लेबाजों को भी आउट किया.

वॉशिंगटन सुंदर को हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ खेली गई टी20 सीरीज में खेलने का मौका मिला था. इससे पहले वह श्रीलंका दौरे पर वनडे टीम का भी हिस्सा थे. वॉशिंगटन सुंदर टीम इंडिया के लिए अभी तक 22 वनडे और 52 टी20 मैच भी खेल चुके हैं. वनडे में उन्होंने 23 विकेट लिए हैं और 315 रन भी बनाए हैं. दूसरी ओर टी20 में वॉशिंगटन सुंदर टीम इंडिया के लिए अभी तक 47 विकेट ले चुके हैं और बल्ले से 161 रनों का योगदान भी दिया है.

आखिरी दो टेस्ट मैचों के लिए टीम इंडिया

रोहित शर्मा (कप्तान), जसप्रीत बुमराह, यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, विराट कोहली, केएल राहुल, सरफराज खान, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), ध्रुव ज्यूरेल (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव , मो सिराज, आकाश दीप, वॉशिंगटन सुंदर.

टीम इंडिया के लिए लकी स्कोर: 107 रन, क्या न्यूजीलैंड को हरा पाएगी?

बेंगलुरु टेस्ट में जीत और हार का फैसला 107 रन से होना है. इस टारगेट को अब न्यूजीलैंड चेज कर लेता है या फिर टीम इंडिया उसे डिफेंड करेगी, ये देखना दिलचस्प रहने वाला है. दिलचस्प इसलिए क्योंकि 107 रन वो टारगेट है, जो टीम इंडिया के लिए लकी रहा है. मतलब, उस टारगेट को उसने डिफेंड किया है. और, ऐसा करते हुए जीत भी दर्ज की है. ऐसे में अगर इस स्कोर को हासिल करने की चाह में न्यूजीलैंड खुद मुसीबत में उलझती दिखे तो हैरान मत होइएगा.

10 विकेट हाथ में फिर भी न्यूजीलैंड की जीत पक्की नहीं!

भारत के खिलाफ बेगलुरु में खेले जा रहे टेस्ट मैच के 5वें दिन न्यूजीलैंड जब 107 रन के टारगेट को चेज करने उतरेगी तो उसके हाथ में 10 विकेट होंगे. लेकिन, वैसे तो पूरी टीम के लिए मिलकर 107 रन बनाना कोई बड़ी बात नहीं. लेकिन, जिस तरह से इस स्कोर पर टीम इंडिया ने पहले जीत का चोला पहना है, उससे हाथ में 10 विकेट बचे होने के बाद भी न्य़ूजीलैंड की जीत सुनिश्चचित नहीं है.

2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था 107 रन डिफेंड

अब ये जान लीजिए कि टेस्ट मैच में पहले 107 रन का टारगेट किस टीम के खिलाफ डिफेंड किया था? उसने किस टीम को हराया था? और, ऐसा कब हुआ है? इसके तार 20 साल पहले से जुड़ते हैं. साल 2004 के नवंबर महीने में खेले टेस्ट में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के सामने भी 107 रन का लक्ष्य रखा था, जिसे हासिल करने में कंगारू टीम नाकाम रही थी. 107 रन डिफेंड करते हुए भारत ने वो मैच 13 रन से जीता था.

2024 में न्यूजीलैंड का हो सकता है वही हाल

20 साल बाद यानी 2024 में अब वही सिचुएशन और टारगेट न्यूजीलैंड के सामने है जो भारत ने उसके सामने रखे हैं. अब जब टीम इंडिया 107 के स्कोर पर ऑस्ट्रेलिया को हरा सकती है तो न्यूजीलैंड को भी हरा ही सकती है.

भारत-न्यूजीलैंड बेंगलुरु टेस्ट

भारत और न्यूजीलैंड के बीच बेंगलुरु टेस्ट में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिले. भारत की पहली पारी 46 रन पर सिमट गई, जो कि घरेलू जमीन पर उसका सबसे छोटा स्कोर रहा. तो वहीं न्यूजीलैंड ने पहली पारी में 402 रन बना दिए. न्यूजीलैंड को 356 रन की बढ़त मिली. सरफराज खान ने 150 रन बनाए और ऋषभ पंत ने 99 रन की पारी खेली, जिसकी बदौलत भारत ने दूसरी पारी में 462 रन बनाए. इस तरह न्यूजीलैंड को 107 रन का टागेट मिला.

महिला टी20 वर्ल्ड कप: न्यूजीलैंड ने वेस्टइंडीज को हराकर फाइनल में किया प्रवेश "



यूएई में खेले जा रहे महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल की लाइन-अप का फैसला हो चुका है. रविवार 20 अक्टूबर को होने वाले खिताबी मुकाबले में साउथ अफ्रीका का सामना होगा 2 बार की उप-विजेता न्यूजीलैंड से. शुक्रवार को खेले गए दूसरे सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने अपने स्पिनर्स के दम पर वेस्टइंडीज को 8 रन से हरा दिया. ईडन कार्सन और एमेलिया कर्र की बेहतरीन गेंदबाजी ने वेस्टइंडीज की डिएंड्रा डॉट्टिन के हैरतअंगेज ऑलराउंड प्रदर्शन को भी फीका कर दिया और 14 साल बाद कीवी टीम को फाइनल में पहुंचाया. इससे पहले टीम 2009 और 2010 के शुरुआती दोनों वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी लेकिन दोनों बार उसे हार का सामना करना पड़ा था. वहीं वेस्टइंडीज का दूसरी बार खिताब जीतने का सपना टूट गया.

डॉट्टिन के आगे कीवी बैटिंग फेल

शारजाह में खेले शुक्रवार 18 अक्टूबर को खेले गए इस लो-स्कोरिंग सेमीफाइनल में दोनों टीमों के बल्लेबाजों को रन बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा. न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी की और वो 20 ओवर में 9 विकेट खोकर सिर्फ 128 रन ही बना सकी. न्यूजीलैंड के लिए ओपनर जॉर्जिया प्लिमर ने सबसे ज्यादा 33 रन बनाए, जबकि सूजी बेट्स ने भी 26 रन की पारी खेली. हालांकि, बेट्स ने 28 गेंदें खर्च की. टीम की कप्तान सोफी डिवाइन भी खास असर नहीं डाल सकीं और 12 रन पर आउट हो गईं.

न्यूजीलैंड की टीम ने वैसे तो शुरुआती 8 ओवर में 48 रन बना लिए थे लेकिन इसके बाद रनों की रफ्तार कम होने लगी और एक वक्त टीम का 120 रन तक पहुंचना भी मुश्किल लग रहा था. ऐसे वक्त में ब्रूक हैलीडे ने सिर्फ 9 गेंदों में 18 रन ठोक दिए, जबकि इसाबेला गेज ने भी 14 गेंद में 20 रन बनाकर टीम को यहां तक पहुंचाया. कीवी टीम बड़े स्कोर तक नहीं पहुंच पाई तो इसकी अहम वजह डॉट्टिन रहीं, जिन्होंने 4 ओवर में सिर्फ 22 रन खर्च किए और 4 विकेट अपने नाम किए.

कार्सन-एमेलिया की स्पिन ने फंसाया

वेस्टइंडीज की शुरुआत तो और भी ज्यादा धीमी और खराब रही. न्यूजीलैंड के लिए रोजमैरी मायर और फ्रैन जोनास ने पावरप्ले में ही विंडीज बल्लेबाजों पर लगाम कस दी और इडेन कार्सन ने विकटों की झड़ी लगा दी. वेस्टइंडीज ने 11वें ओवर तक सिर्फ 51 रन बनाए थे और उसके शीर्ष-4 बल्लेबाज आउट हो गए थे. इसमें से 3 का शिकार स्पिनर कार्सन (3/29) ने ही किया था. 14वें ओवर में 63 रन पर पांचवां विकेट भी गिर गया था और ऐसे में सारी जिम्मेदारी अनुभवी बल्लेबाज डॉट्टिन पर आ गई. डॉट्टिन ने भी एक ही ओवर में 3 छक्के जमाकर टीम की वापसी कराई और जीत की उम्मीद जगाई.

फिर 17वें ओवर में स्पिनर एमेलिया कर्र (2/14) ने मैच ही पलट दिया. उनकी गेंद पर छक्का जमाने की कोशिश में डॉट्टिन (33 रन, 22 गेंद) आउट हो गईं और विंडीज टीम की उम्मीदें धूमिल हो गईं. इसके बाद तो न्यूजीलैंड ने मैच पर पकड़ बना ली और वेस्टइंडीज को 120 रन पर रोककर 8 रन से मुकाबला जीत लिया. इसके साथ ही न्यूजीलैंड की टीम तीसरी बार टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची है. इस बार टीम अपना पहला खिताब जीतने की उम्मीद करेगी लेकिन उसके सामने साउथ अफ्रीका की बेहद मुश्किल चुनौती है, जिसने खिताब की सबसे बड़ी दावेदार ऑस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल में हराकर सबको चौंका दिया था.

पाकिस्तान ने 1348 दिन बाद घरेलू जमीन पर टेस्ट मैच जीता, इंग्लैंड को 152 रन से हराया"

पाकिस्तान की टीम को आखिरकार जीत नसीब हो ही गई. घरेलू जमीन पर टेस्ट मैच जीतने का उसका इंतजार आखिर थम गया. बाबर आजम को जिस मैच में पाकिस्तान ने बाहर किया, उसी में उसने 152 रन से बड़ी जीत दर्ज की. मुल्तान में खेले गए सीरीज के दूसरे टेस्ट में पाकिस्तान ने इंग्लैंड को सिर्फ 4 दिन में चित कर दिया. पाकिस्तान की इस जीत में हीरो उसके स्पिनर रहे, जिन्होंने सभी 20 विकेट अपने नाम किए. इस शानदार जीत के साथ पाकिस्तान के 1338 दिन से चले आ रहे इंतजार पर भी विराम लग गया.

पाकिस्तानी स्पिनर्स का कमाल, 4 दिन में इंग्लैंड चित

मुल्तान में खेले दूसरे टेस्ट मैच में पाकिस्तान ने इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 297 रन का लक्ष्य रखा था. इस लक्ष्य का पीछा करने उतरे इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने मुल्तान की पिच पर पाकिस्तानी स्पिनरों के सामने सरेंडर कर दिया. अकेले नोमान अली ही इंग्लैंड के 8 बल्लेबाजों पर भारी पड़ गए. नतीजा ये हुआ कि पूरी टीम मिलकर 150 रन भी नहीं बना सकी. लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की टीम अपनी दूसरी पारी में सिर्फ 144 रन ही बना सकी और मुकाबला हार गई.

मुल्तान में कैसे जीत की ओर बढ़ा पाकिस्तान?

मुल्तान टेस्ट में पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी की थी. उसने अपनी पहली पारी में बाबर आजम की जगह लेने और टीम में डेब्यू करने वाले बल्लेबाज कामरान गुलाम के शतक के दम पर 366 रन बनाए. कामरान गुलाम ने 118 रन की पारी खेली. इसके बाद इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 291 रन का स्कोर खड़ा किया. पाकिस्तान के लिए सलमान आगा ने दूसरी पारी में 63 रन बनाए. पाकिस्तान की दूसरी पारी 221 रन पर खत्म हुई. इस तरह इंग्लैंड को 297 रन का लक्ष्य मिला.

नोमान और साजिद की फिरकी इंग्लैंड समझ नहीं पाया

इंग्लैंड के पास 297 रन के लक्ष्य को हासिल करने का पूरा समय था, लेकिन, समय होने के बावजूद वो मंजिल तक नहीं पहुंच सके क्योंकि पाकिस्तानी स्पिनरों का बुना माया जाल उनकी समझ से बाहर रहा. नोमान अली और साजिद खान ने मिलकर दोनों पारियों में इंग्लैंड के बल्लेबाजों की नाक में दम कर दिया. पहली पारी में साजिद खान ने 7 विकेट और नोमान अली ने 3 विकेट लिए तो दूसरी पारी में नोमान अली ने 8 विकेट जबकि साजिद ने 2 विकेट अपने नाम किए. यानी 20 में से 11 विकेट नोमान अली ने अपने नाम किए तो वहीं 9 विकेट साजिद खान ने झटके.

1348 दिन का इंतजार खत्म

मुल्तान में खेला पहला टेस्ट इंग्लैंड ने जीता था. वहीं दूसरे टेस्ट में पाकिस्तान ने इंग्लैंड को हरा दिया. इसी के साथ 3 टेस्ट मैचों की सीरीज 1-1 से बराबरी पर आ खड़ी हो गया है. मुल्तान में खेला दूसरा टेस्ट जीतकर पाकिस्तान ने घरेलू जमीन पर 1348 दिन से टेस्ट मैच ना जीत पाने का अपना इंतजार भी खत्म किया. उसने आखिरी टेस्ट घरेलू जमीन पर फरवरी 2021 में जीता था.

बेंगलुरु टेस्ट: रोहित शर्मा का एक फैसला पलट सकता है 36 साल का इतिहास

बेंगलुरु टेस्ट में पहला दिन बारिश की भेंट चढ़ गया और दूसरे दिन के खेल में टीम इंडिया घरेलू जमीन पर बनाए अपने सबसे लोएस्ट टोटल 46 रन पर ढेर हो गई. ऐसे में सवाल ये है कि क्या रोहित शर्मा का उठाया एक कदम 36 साल का इतिहास पलट सकता है. क्योंकि, आसार तो इसी के जगे दिख रहे हैं. और, अगर ऐसा हो गया तो फिर हेड कोच गंभीर के लिए ये कभी ना भूला सकने वाला टेस्ट मैच साबित हो सकता है. अब आप सोच रहे होंगे कि रोहित शर्मा का उठाया कदम क्या है? और, क्या है उसका 36 साल के इतिहास से कनेक्शन?

रोहित शर्मा ने उठाया कौन सा कदम?

टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा के उठाए कदम से यहां मतलब उनके टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने के फैसले से है. भारतीय कप्तान के उस फैसले का ही नतीजा रहा कि टीम 46 रन पर लुढ़क गई. दूसरे दिन के खेल के बाद रोहित शर्मा ने अपनी गलती मानते हुए कहा भी कि उनसे पिच को पढ़ने में चूक हुई. उन्होंने टॉस जीतकर गलत फैसला कर लिया.

रोहित का कदम पलट सकता है 36 साल का इतिहास

इसमें कोई दो राय नहीं कि टॉस जीतकर रोहित शर्मा का पहले बल्लेबाजी करने का फैसला टीम इंडिया के लिए आत्मघाती रहा. अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार लेने जैसा रहा. उनके उसी फैसले ने अब 36 साल के इतिहास को पलटने की उम्मीद जगा दी है. यहां 36 साल के इतिहास से मतलब न्यूजीलैंड के भारत में टेस्ट मैच जीतने से है.

न्यूजीलैंड ने भारतीय जमीन पर आखिरी बार टेस्ट मैच 36 साल पहले यानी 1988 में जीता था. वो मुकाबला मुंबई के वानखेड़े मैदान पर खेला गया था. उसके बाद कीवी टीम भारत में एक टेस्ट मैच जीतने को तरस रही है. अब जिस तरह से उसने बेंगलुरु टेस्ट को मजबूती से जकड़ा है, उसे देखकर लगता है कि रोहित शर्मा के उठाए कदम के चलते 36 साल का इतिहास पलट सकता है. मतलब, न्यूजीलैंड जीत सकती है.

गौतम गंभीर नहीं भूल सकते फिर ये टेस्ट मैच!

अब एक तो अपने ही देश की जमीन पर टेस्ट मैच में 46 रन पर लुढ़कने का रिकॉर्ड बना. अब ऊपर से 36 साल बाद भारत में न्यूजीलैंड ने टेस्ट मैच भी जीत लिया तो हेड कोच गौतम गंभीर की कोचिंग में वो सब होता दिखेगा, जो पहले नहीं दिख रहा था. जाहिर है कि अगर ऐसा हुआ तो गौतम गंभीर के कोचिंग करियर में कभी ना भूला पाने जैसा होगा बेंगलुरु टेस्ट.

बहरहाल, टीम इंडिया के पास अभी भी एक पारी है. बेंगलुरु टेस्ट मेंं अभी काफी खेल भी बचा है. और, सबसे बड़ी बात की क्रिकेट अनिश्चताओं का खेल है. हो सकता है कि टीम इंडिया ये टेस्ट मैच बचा भी ले. लेकिन, ताजा समीकरण में जो दिख रहा है, उसके मुताबिक इतिहास पलटने का पलड़ा ज्यादा भारी है.

भारत vs न्यूजीलैंड: टीम इंडिया की शर्मनाक हार के बाद रोहित शर्मा ने दी बड़ी प्रतिक्रिया

बेंगलुरु में गुरुवार 17 अक्टूबर की सुबह जो हुआ, उसे भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा के लिए याद रखा जाएगा. टीम इंडिया को न्यूजीलैंड के हाथों पहली पारी में ऐसी जिल्लत झेलनी पड़ी, जिसका जरा भी अंदाजा शायद ही कभी किसी ने लगाया होगा. पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन टीम इंडिया पहली पारी में सिर्फ 46 रन पर ढेर हो गई. उसके बल्लेबाजों ने पूरी तरह सरेंडर कर दिया. टीम इंडिया की इस हालत के लिए अब खुद कप्तान रोहित शर्मा ने जिम्मेदारी ली है और माना कि उनका एक फैसला गलत साबित हुआ. दिन का खेल खत्म होने के बाद कप्तान रोहित ने माना कि उन्होंने पिच को समझने में गलती की, जिसके कारण टीम इंडिया का ये हाल हुआ.

चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले जा रहे इस टेस्ट मैच का पहला दिन तो पूरी तरह बारिश से धुल गया था. फिर दूसरे दिन सुबह भी स्थिति बारिश वाली ही बनी थी लेकिन फिर भी मुकाबला शुरू हुआ और यहां भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीत लिया लेकिन सबको चौंकाते हुए पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. जल्द ही इसका असर दिखा और टीम इंडिया दूसरे सेशन की शुरुआत में ही सिर्फ 46 रन पर ढेर हो गई. टॉप ऑर्डर के 4 बल्लेबाज अपना खाता तक नहीं खोल सके. न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ने कहर से भारत के धुरंधर बल्लेबाज ढेर हो गए.

पिच पढ़ने में हुई बड़ी गलती

टॉस के बाद से ही लगातार ये सवाल उठ रहे थे कि टीम इंडिया ने पहले बॉलिंग क्यों नहीं चुनी? पूरे दिन भर सोशल मीडिया पर भी फैंस यही चर्चा करते रहे. आखिर दिन का खेल खत्म होने के बाद कप्तान रोहित खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए आए और उनके सामने पत्रकारों ने ये सवाल रख दिया. रोहित ने बिना कोई बहाना बनाए सीधे मान लिया कि उन्होंने पिच को पढ़ने में गलती की. भारतीय कप्तान ने कहा कि उन्हें लगा था कि पिच फ्लैट होगी, क्योंकि उसमें ज्यादा घास नहीं दिख रही थी और इसलिए ही उन्होंने पहले बैटिंग का फैसला किया.

रोहित ने कहा कि उनकी इस गलती के कारण टीम इस हाल में फंसी है. उन्होंने टीम के 46 रन पर ऑल आउट होने को दिल दुखाने वाला कहा क्योंकि उनकी गलती के कारण ऐसा हुआ था. रोहित ने हालांकि ये भी कहा कि पूरे साल में एक या दो गलती फिर भी चलती है.

इस वजह से नहीं लिया तीसरा पेसर

वहीं पिछली टेस्ट सीरीज में 3 तेज गेंदबाजों के साथ उतरने के बाद इस मुकाबले में सिर्फ 2 पेसर शामिल करने के फैसले पर रोहित ने कहा कि स्पिनर कुलदीप यादव को इसलिए शामिल किया गया था क्योंकि पिच फ्लैट नजर आ रही थी और ऐसी पिच पर वो विकेट लेने में माहिर हैं. लेकिन सारे दांव उल्टे पड़ गए और न्यूजीलैंड ने सिर्फ 3 विकेट खोकर 180 रन बना लिए. हालांकि कुलदीप को एक विकेट जरूर मिला लेकिन कीवी बल्लेबाजों ने उन पर अटैक भी किया और 4.75 की औसत से रन बटोरे.