स्टारशिप रॉकेट का पांचवां टेस्ट सफल, एलन मस्क ने कहा - यह दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट है"
एलन मस्क और उनकी कंपनी स्पेसएक्स एक बार फिर सुर्खियों में है और इसकी वजह है उनका स्टारशिप रॉकेट. यह रॉकेट अपने नाम की ही तरह एक स्टार साबित हुआ है. रविवार को स्पेसएक्स ने अपने सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप का पांचवां टेस्ट किया जो कि सफल रहा है.
इसकी खास बात यह रही कि इस रॉकेट को न केवल लॉन्च किया गया बल्कि लॉन्चिंग पैड पर वापस लाया गया जहां पर बने एक टावर ने इस रॉकेट को कैच किया. रॉकेट को पकड़ने के लिए इस टावर में दो मेटल आर्म लगाए गए हैं, जिसे ‘चॉपस्टिक’ नाम दिया गया है.
स्टारशिप का पांचवां टेस्ट कामयाब
स्टारशिप रॉकेट की लॉन्चिंग, रीएंट्री और टावर पर वापस लौटने की यह पूरी प्रक्रिया करीब एक घंटे 5 मिनट में पूरी हुई. 13 अक्टूबर की शाम 5:55 मिनट पर स्टारशिप रॉकेट को टेक्सास के बोका चिका से लॉन्च किया गया था. उड़ान के कुछ मिनट बाद रॉकेट का सुपर हैवी बूस्टर दूसरे हिस्से (स्पेसक्राफ्ट) से अलग हो गया.
इस स्पेसक्राफ्ट की जहां हिंद महासागर में कंट्रोल्ड लैंडिंग कराई गई. तो वहीं इस दौरान रॉकेट का सुपर हैवी बूस्टर पृथ्वी से करीब 96 किलोमीटर दूर जाकर दोबारा लॉन्चपैड पर वापस लौटा और टावर ने इसे कैच किया. स्पेसएक्स ने इसे इंजीनियरिंग के इतिहास का सबसे बड़ा दिन बताते हुए स्टारशिप को दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट बताया है.
दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट है स्टारशिप
जानकारी के मुताबिक स्टारशिप पृथ्वी की कक्षा में 150000 किलोग्राम तक पेलोड ले जाने में सक्षम होगा. इसके अलावा यह मून मिशन, अर्थ टू अर्थ ट्रांसपोर्टेशन और इंटरप्लेनेटरी ट्रांसपोर्टेशन में भी सक्षम है. इसकी दूसरी खासियत की बात करें तो स्टारशिप की ऊंचाई 164 फीट की है और डायमीटर 9 मीटर का है. इसकी पेलोड कैपिसिटी 100 से 150 टन है तो वहीं इसमें 6 इंजन लगाए गए हैं. इसमें से 3 रैप्टर और तीन रैप्टर वैक्यूम इंजन हैं.
वहीं इसके बूस्टर की बात करें तो यह पूरी तरह से रियूजेबल है. यह रॉकेट लॉन्चिंग के थोड़ी देर बाद पृथ्वी के वायुमंडल में दोबारा लौट सकता है साथ ही इस लॉन्चिंग साइट पर बने टावर के जरिए कैच किया जा सकता है. इसमें 33 रैप्टर इंजन लगे हैं.
खास बात यह है कि स्टारशिप एलन मस्क और उनकी स्पेसएक्स का एक बहुत अहम प्रोजेक्ट है. नासा के आर्टेमिस प्रोग्राम (इसके जरिए चांद पर एक बार फिर इंसानों को भेजा जाएगा) में भी स्टारशिप एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया जाना है साथ ही एलन मस्क इसे मंगल पर भेजने की भी योजना बना रहे हैं
पहले 3 टेस्ट में फेल हुआ था स्टारशिप
20 अप्रैल 2023 को स्टारशिप का पहला ऑर्बिटल टेस्ट किया गया था, तब यह फेल हो गया था. दरअसल लॉन्चिंग के कुछ ही मिनटों पर स्टारशिप हवा में ब्लास्ट कर गया. हालांकि तब स्पेसएक्स ने लॉन्च पैड से इसकी उड़ान को ही बड़ी सफलता मानी थी.
वहीं दूसरे टेस्ट में भी स्टारशिप कोई खास कमाल नहीं कर पाया था. 18 नवंबर 2023 को हुए दूसरे टेस्ट में सेपरेशन स्टेज में खराबी आ गई थी. तब बूस्टर जिसे की वापस लॉन्चिंग पैड पर उतरना था वह पृथ्वी में 90 किलोमीटर की ऊंचाई पर विस्फोट हो गया. वहीं थोड़ी देर बाद दूसरे हिस्से यानी स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट में भी तकनीकी खामी आ गई जिससे उसे नष्ट करना पड़ा.
तीसरे टेस्ट की बात करें तो 14 मार्च 2024 को इसे अंजाम दिया गया था. इस दौरान यह काफी हद तक सफल रहा लेकिन रीएंट्री के बाद स्टारशिप से संपर्क टूट गया. इस दौरान स्टारशिप ने ऑर्बिट में पहुंचने के बाद पेलोड डोर को खोला और बंद दिया साथ ही वायुमंडल में रीएंट्री करने में भी यह कामयाब रहा लेकिन संपर्क टूट जाने के लिए कारण यह टेस्ट पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया.
चौथे टेस्ट में मिली थी सफलता
करीब 3 महीने बाद 6 जून को स्पेसएक्स ने स्टारशिप का चौथा टेस्ट किया. स्टारशिप की यह टेस्टिंग पूरी तरह कामयाब रही. टेक्सास के बोका चिका से इसे लॉन्च किया गया था, करीब एक घंटे के मिशन के दौरान स्टारशिप को अंतरिक्ष में ले जाकर वापस पृथ्वी में कंट्रोल्ड लैंडिंग कराई गई. तब इसके बूस्टर को मैक्सिको की खाड़ी में लैंड कराया गया था.
Oct 15 2024, 18:13