बाबा सिद्दीकीःहत्यारोपी धर्मराज कश्यप नाबालिग नहीं, ऑसिफिकेशन टेस्ट में हुआ खुलासा
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मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में अबतक तीन आरोपियाों को गिरफ्तार किया है, जबकि तीन आरोपी अबतक फरार हैं। शनिवार को एनसीपी अजित गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की उनके कार्यालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में फरार चल रहे तीनों आरोपियों की पुलिस ने पहचान कर ली है। गिरफ्तार किए गए दो हमलावरों की पहचान 19 वर्षीय धर्मराज राजेश कश्यप और 23 वर्षीय गुरमेल बलजीत सिंह के रूप में हुई है, जिन्हें मौके पर ही पकड़ लिया गया और बाद में गिरफ्तार कर लिया।पुलिस ने 28 वर्षीय प्रवीण लोनकर नाम के एक अन्य शख्स को भी गिरफ्तार कर लिया है। प्रवीण लोनकर के भाई शुभम ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की ओर से हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए एक सोशल मीडिया पोस्ट किया था।
इस बीच बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस ने कहा है कि हत्या के आरोप में गिरफ्तार संदिग्ध धर्मराज कश्यप नाबालिग नहीं है। दरअसल, कोर्ट ने आरोपी धर्मराज कश्यप का ऑसिफिकेशन टेस्ट कराने को कहा, जिसके बाद टेस्ट कराया गया और सच सामने आ गया। मुंबई पुलिस का कहना है कि कोर्ट ने आरोपी धर्मराज कश्यप का ऑसिफिकेशन टेस्ट करवाने के लिए इस वजह से कहा है क्योंकि उसके वकील ने दावा किया था कि वह नाबालिग है। टेस्ट कराया गया और यह साबित हुआ कि वह नाबालिग नहीं है। उसे कोर्ट में पेश किया गया और कोर्ट ने 21 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
क्या होता है ऑसिफिकेशन टेस्ट?
ऑसिफिकेशन टेस्ट एक मेडिकल प्रोसीजर, जो किसी व्यक्ति की आयु का अनुमान लगाने के लिए हड्डी की मैच्योरिटी का मूल्यांकन किया जाता है। इसमें हड्डियों की एक्स-रे इमेज का विश्लेषण किया जाता है। खासकर हाथों और कलाई की ग्रोथ प्लेटों के डेवलेपमेंट और फ्यूजन को ट्रैक किया जाता है। बच्चों और किशोरों में ऑसिफिकेशन हड्डियों के विकास की प्रगति को दर्शाता है, जिसमें कुछ हड्डियां विशिष्ट उम्र में सख्त हो जाती हैं। इस टेस्ट का इस्तेमला आमतौर पर फोरेंसिक विज्ञान और कानूनी संदर्भों में किसी व्यक्ति की सटीक उम्र का पता लगाने के लिए किया जाता है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता और पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी को मुंबई के वीवीआईपी इलाकों में शुमार बांद्रा में शनिवार रात करीब 9 बजे गोली मारी गई थी। लीलावली अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें रात 11.27 बजे मृत घोषित कर दिया। शनिवार शाम धर्मराज, शिव और गुरमेल मुंबई के बांद्रा इलाके में बाबा सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर पहुंचे। जिस समय बाबा सिद्दीकी को गोली मारी गई, वे कार्यालय के पास पटाखे चला रहे थे। मुंबई पुलिस के मुताबिक, आरोपी मिर्ची स्प्रे लेकर आया था और बाबा सिद्दीकी पर गोली चलाने से पहले उसका इस्तेमाल उन पर करने की योजना थी। लेकिन, शिव ने उन पर सीधे फायरिंग शुरू कर दी। जबकि बाबा सिद्दीकी के सुरक्षाकर्मी धर्मराज और गुरमिल को पकड़ने में कामयाब रहे, शिव भागने में कामयाब रहा।
रविवार को पुणे के शुभम लोनकर नाम के एक शख्स ने सोशल मीडिया पोस्ट कर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की ओर से हत्या की जिम्मेदारी ली। 28 वर्षीय शुभम और उसके भाई प्रवीण ने कथित तौर पर बाबा सिद्दीकी को मारने के लिए शिव कुमार और धर्मराज कश्यप को सुपारी दी थी। प्रवीण उस कबाड़ी की दुकान के पास डेयरी चलाता है जहां शिव और धर्मराज काम करते थे। रविवार शाम पुलिस ने प्रवीण को गिरफ्तार कर लिया और उसके भाई की तलाश कर रही है। हालांकि, पुलिस ने अब तक हत्या में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के शामिल होने की पुष्टि नहीं की है और दावों की जांच कर रही है।
Oct 14 2024, 12:11