हैदराबाद: उपद्रवियों ने मां दुर्गा की प्रतिमा तोड़ी, पुलिस ने अज्ञात पर दर्ज किया केस, पुलिस ने दर्ज किया केस, जांच जारी
हैदराबाद के नामपल्ली एग्ज़ीबिशन ग्राउंड में दुर्गा माता की मूर्ति के साथ तोड़फोड़ की घटना ने स्थानीय लोगों और भक्तों में गुस्सा भर दिया है। यह घटना गुरुवार, 10 अक्टूबर 2024 को उस समय हुई जब नवरात्रि उत्सव के दौरान स्थापित दुर्गा माता की मूर्ति को अज्ञात व्यक्तियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। इस पंडाल का आयोजन हर साल एग्ज़ीबिशन सोसाइटी द्वारा किया जाता है और यह हैदराबाद के सबसे प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना की सूचना मिलते ही बेगम बाज़ार पुलिस स्टेशन से अधिकारियों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची और जांच शुरू की। एसीपी चंद्रशेखर ने इस बात की पुष्टि की कि अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है। पुलिस ने पंडाल पर अपनी उपस्थिति तब तक बनाए रखी, जब तक कि उसी रात को दांडिया कार्यक्रम बिना किसी बाधा के सफलतापूर्वक पूरा नहीं हो गया। इस घटना से स्थानीय निवासियों और भक्तों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है, क्योंकि यह नवरात्रि जैसे बड़े त्योहार के दौरान हुआ है। पुलिस इंस्पेक्टर विजय ने बताया कि कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने पंडाल के अंदर रखी हंडी (दानपात्र) को हटाने का प्रयास किया, जिससे देवी दुर्गा की मूर्ति का हाथ टूट गया। आयोजकों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, और पुलिस ने कहा है कि इस घटना के दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
घटना के बाद, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता अभिषेक अग्रवाल ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्वीट करते हुए लिखा, “नामपल्ली ग्राउंड में माँ दुर्गा की मूर्ति को खंडित कर दिया गया है। यह बेगम बाज़ार पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आता है। जब मैंने भाग्यलक्ष्मी मंदिर के लिए आवाज उठाई थी, तो मुझे ‘X’ के माध्यम से नोटिस दिया गया और मेरा अकाउंट ब्लॉक कर दिया गया। लेकिन मैं पीछे नहीं हटूँगा। यह भाग्यनगर है, पाकिस्तान नहीं। हम नवरात्रि के दौरान हैं, जो देवी माँ को समर्पित है। इस समय ऐसा कृत्य निंदनीय है।”
यह पहली बार नहीं है जब हैदराबाद में इस प्रकार की घटना सामने आई है। दो साल पहले भी, दो महिलाओं ने हथौड़ों का इस्तेमाल कर माँ दुर्गा की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया था। बाद में, कुछ इस्लामिक कट्टरपंथियों ने इन महिलाओं को मंदबुद्धि बताकर इस घटना पर पर्दा डालने की कोशिश की थी, हालांकि बाद में उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई थी। इस बार की घटना तब हुई है जब शहर में नवरात्रि का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस प्रकार की तोड़फोड़ ने भक्तों और स्थानीय निवासियों की धार्मिक भावनाओं को गहरा आघात पहुँचाया है। ये भी देखने लायक होगा कि, अक्सर छोटे-मोटे बयानों को लेकर समुदाय विशेष की भावनाएं आहत होने की बात कहने वाले हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी इस मामले पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं ? वैसे इस पर संशय है कि वे प्रतिक्रिया देंगे भी या नहीं, क्योंकि इससे उनके समुदाय की भावनाएं आहत नहीं हुईं हैं, ये हिन्दू आस्था का सवाल है।
Oct 12 2024, 14:09