चीन की जासूसी कार्रवाई को भारत ने किया विफल: वायुसेना ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के ऊपर उड़ रहे गुब्बारे को मार गिराया
भारतीय वायु सेना ने पूर्व मोर्चे पर करीब 55,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर उड़ रहे चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया है. सेना की ओर से इस ऑपरेशन को हाल ही में अंजाम दिया गया था, लेकिन जानकारी अब सामने आई है. सूत्रों की मानें तो भारतीय वायुसेना ने जिस बैलून को मार गिराया था उसका आकार पिछले साल अमेरिकी वायुसेना की ओर से मार गिराए गए जासूसी गुब्बारे की तुलना में छोटा था. पिछले साल अमेरिकी वायु सेना नेचीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराने के लिए F-22 रैप्टर फाइटर जेट का इस्तेमाल किया था.
2023 की शुरुआत में, अमेरिकी वायु सेना अपने F-22 रैप्टर विमान से दक्षिण कैरोलिना के तट पर एक चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था. शुरुआती जांच में पता चला था कि अमेरिकी के ऊपर उड़ रहा गुब्बारा चीन का था और उसमें हाई रेजोल्यूशन के कैमरे लगे थे. हालांकि, चीन ने अमेरिकी दावे को खारिज कर दिया था.
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के ऊपर उड़ रहा गुब्बारा
भारतीय वायु सेना ने जिस गुब्बारे को मार गिराया है वो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र के ऊपर उड़ रहा था. माना जा रहा है कि गुब्बारों का उपयोग एक बड़े क्षेत्र पर निगरानी रखने के लिए किया जाता है. चर्चा इस बात की भी होती है कि चीनी जासूसी गुब्बारों में स्टीयरिंग मैकेनिजम होता है इसका इस्तेमाल वो अपने हित के क्षेत्रों पर नजर रखने के लिए करते हैं.
आसान नहीं था वायुसेना का ऑपरेशन
भारतीय वायु सेना ने राफेल लड़ाकू जेट का उपयोग करके पूर्वी वायु कमान क्षेत्र के ऊपर उड़ रहे गुब्बारे को मार गिराकर अपनी क्षमता साबित कर दी है. यह ऑपरेशन इसलिए आसान नहीं था क्योंकि गुब्बारा 55000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर उड़ रहा था. वायुसेना का यह प्रयास चीनी जासूसी गुब्बारों के खिलाफ अमेरिका के पहले के प्रयासों के समान भारत की क्षमताओं को दिखाता है.
Oct 06 2024, 21:26