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आगामी त्यौहार के मद्देनजर यूपी पुलिस कर्मियों की छुट्टी पर रोक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सभी पुलिस कर्मियों की छुट्टी पर 08 नवम्बर तक रोक लगा दी गई है। पुलिसकर्मी विषम परिस्थितियों में अपने उच्चाधिकारियों को सूचित कर और उनकी अनुमति से छुट्टी ले सकते हैं।

पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने शनिवार को इस संबंध में पत्र जारी किया है। दुर्गा पूजा, दशहरा, दिवाली और छठ पूजा के मद्देनजर आठ अक्टूबर से 08 नवम्बर तक सभी प्रकार के पुलिस कर्मियों की छुट्टी पर रोक लगा दी गई है। इस आदेश का सभी को पालन करना होगा।
अमेठी हत्याकांड:रायबरेली पुलिस की भूमिका की जांच का सीएम योगी ने दिया निर्देश,परिजनों की सभी मांगे मानी



लखनऊ- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अमेठी हत्याकांड के पीड़ित परिवार के सदस्यों से शनिवार को मुलाकात की और उन्हें मदद का भरोसा दिलाया।सीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पीड़ितों की सभी मांगों को मान लिया है।साथ ही मामले में रायबरेली पुलिस की भूमिका की भी जांच का निर्देश दिया है।बता दें कि समाजवादी पार्टी के बागी विधायक मनोज पांडेय मृतक दलित शिक्षक के परिवार के सदस्यों को लेकर सीएम आवास पर पहुंचे थे।सीएम ने इसकी जानकारी खुद सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपने एक्स एकाउंट पर शेयर की है।



सीएम योगी ने अमेठी हत्याकांड के पीड़ित परिवार के सदस्यों से घटना के बारे में जानकारी ली।सीएम ने पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री आवास,एक सदस्य को सरकारी नौकरी,खेती के लिए 5 बीघा जमीन,आयुष्मान कार्ड,लापरवाह पुलिस पर कार्रवाई और उच्च स्तर पर जांच कराने की बात कही है।



सीएम योगी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि आज लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर ऊंचाहार विधान सभा क्षेत्र के माननीय विधायक श्री मनोज पांडेय जी की उपस्थिति में जनपद अमेठी में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के पीड़ित परिजनों से भेंट की।उत्तर प्रदेश सरकार पूरी संवेदना एवं प्रतिबद्धता के साथ शोक संतप्त परिजनों के साथ है।आश्वस्त रहें, पीड़ितों को अवश्य न्याय मिलेगा, दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।



बता दें कि रायबरेली जिले की ऊंचाहार विधानसभा से विधायक डॉ. मनोज पांडेय ने पहले भी कहा था कि पुलिस ने मृतक शिक्षक की पत्नी से हुई छेड़छाड़ के मामले को गंभीरता से नहीं लिया था सिर्फ मुकदमा दर्ज किया था। अगर उसी समय कड़ी कार्रवाई करती तो हत्याकांड को रोका जा सकता था।मनोज पांडेय ने ये मुद्दा सीएम के सामने भी उठाया।कहा जा रहा है कि इस पर ही सीएम ने रायबरेली पुलिस की भूमिका की जांच का निर्देश दिया है।



बता दें कि अमेठी जिले के शिवरतनगंज थाना क्षेत्र में अहोरवा भवानी चौराहे पर सरकारी टीचर सुनील भारती अपनी पत्नी पूनम भारती (30), बेटी दृष्टि (6) और बेटी लाडो (2) के साथ किराए पर रहते थे।सुनील भारती,पत्नी पूनम भारती और दो बच्चों की गुरुवार देर शाम चंदन वर्मा ने घर में घुसकर गोलियों से भून दिया था।चंदन ने मासूम बच्चों को भी नहीं बख्शा।हत्यारे चंदन को एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है।शुक्रवार सुबह चंदन की पुलिस से मुठभेड़ भी हुई,जिसमें उसके पैर में गोली लगी है।
अमेठी हत्याकांड का आरोपी चंदन वर्मा गिरफ्तार, शिक्षक के पिता ने दर्ज कराया था हत्या का मुकदमा
लखनऊ । अमेठी में एक शिक्षक उसकी पत्नी व दो बच्चों की हत्या के आरोपी चंदन वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके खिलाफ शुक्रवार को शिक्षक के पिता रामगोपाल ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। तीन जिलों की पुलिस उसकी तलाश में लगी हुई थी। इस घटना को लेकर पुलिस ने एक संदिग्ध युवक को भी हिरासत में लिया है।

रायबरेली के गदागंज थाना क्षेत्र के सुदामापुर गांव निवासी शिक्षक सुनील कुमार, उसकी पत्नी पूनम भारती, बेटी सृष्टि व लाडो की बृहस्पतिवार देर शाम शिवरतनगंज थाना क्षेत्र के अहोरवा भवानी कस्बे में किराए के मकान में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। मामले में शिक्षक के पिता रामगोपाल ने कल देर रात थाने में तहरीर दी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने रायबरेली कोतवाली तेलियाकोट निवासी चंदन वर्मा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया।

एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या का सुराग जुटाना पुलिस के लिए चुनौती था, लेकिन मृतक महिला और चंदन वर्मा की फेसबुक प्रोफाइल ने पूरे घटनाक्रम से परदा उठा दिया। दोनों की प्रोफाइल में एक दूसरे की फोटो पड़ी थी। दोनों की फेसबुक प्रोफाइल से कोई छेड़खानी न कर सके, इसलिए एसटीएफ ने प्रोफाइल लॉक कर दिया। प्रोफाइल की जांच के बाद एसटीएफ और पुलिस को शुरूआती जांच में पता चल गया कि दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग चल रहा था। प्रेम-प्रसंग हत्या की वजह हो सकता है। हालांकि पहले आशंका जताई जा रही थी कि लुटेरों ने घटना को अंजाम दिया है। आरोपी चंदन वर्मा जिस मटिहा गांव में किराए के मकान में रहता था, वहां आसपास रहने वाले लोगों से भी उसके संबंध अच्छे नहीं थे। पड़ोसियों ने बताया कि हम लोगों का चंदन से ज्यादा कोई मतलब नहीं रहता था। उसके घर पर किसी बात को लेकर आए दिन झगड़ा हुआ करता था।

फेसबुक से खुला राज, एसटीएफ ने किया लॉक

अमेठी में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या का सुराग जुटाना पुलिस के लिए चुनौती था, लेकिन मृतक महिला और चंदन वर्मा की फेसबुक प्रोफाइल ने पूरे घटनाक्रम से परदा उठा दिया। दोनों की प्रोफाइल में एक दूसरे की फोटो पड़ी थी। दोनों की फेसबुक प्रोफाइल से कोई छेड़खानी न कर सके, इसलिए एसटीएफ ने प्रोफाइल लॉक कर दिया।प्रोफाइल की जांच के बाद एसटीएफ और पुलिस को शुरूआती जांच में पता चल गया कि दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग चल रहा था।

प्रेम-प्रसंग हत्या की वजह हो सकता है। हालांकि पहले आशंका जताई जा रही थी कि लुटेरों ने घटना को अंजाम दिया है। आरोपी चंदन वर्मा जिस मटिहा गांव में किराए के मकान में रहता था, वहां आसपास रहने वाले लोगों से भी उसके संबंध अच्छे नहीं थे। पड़ोसियों ने बताया कि हम लोगों का चंदन से ज्यादा कोई मतलब नहीं रहता था। उसके घर पर किसी बात को लेकर आए दिन झगड़ा हुआ करता था।
पटाखा फैक्ट्रियों में विस्फोट को लेकर डीजीपी गंभीर ,अभियान चलाकर कार्रवाई करने के दिये निर्देश

लखनऊ । प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की घटनाओं को देखते हुए पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशांत कुमार गंभीर हो चले है। डीजीपी द्वारा बैठक करके समस्त जिलों के पुलिस अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किया है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पटाखा बनाने वाली फैक्ट्रियों एवं गोदामों की चेकिंग करने के लिए विशेष चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश जारी किया है। लाइसेंस धारी फैक्ट्रियों का हो निरीक्षण डीजीपी ने कहा कि जिन फैक्ट्रियों को लाइसेंस दिया गया है, उन सभी का निरीक्षण संबंधित क्षेत्राधिकारी, उपजिलाधिकारी, थाना प्रभारी और अग्निशमन सेवा की संयुक्त टीम द्वारा किया जाये। जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण की वीडियोग्राफी कराते हुए अपर पुलिस अधीक्षक व अपर जिलाधिकारी पुलिस आयुक्त, पुलिस उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक एवं जिलाधिकारी द्वारा अभिलेखीकरण करके उनका क्रॉस-सत्यापन भी अवश्य किया जाये। समीक्षा तथा तद्नुसार यथोचित कार्रवाई हो आकस्मिक आग की दुर्घटनाओं, खासकर रासायनिक आग से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा विशेष ध्यान देकर सुनिश्चित करायी जाये। प्रत्येक निरीक्षण में दुर्घटनाओं के समय काम करने वाले कर्मचारियों और प्रबंधकों द्वारा की जाने वाली तैयारियों की भी गहनता पूर्वक जांच, समीक्षा तथा तद्नुसार यथोचित कार्रवाई हो। पटाखों आदि के भण्डारन, बिक्री के स्थानों पर पर्याप्त मात्रा में अग्निशमन यत्रों की व्यवस्था सुनिश्चित हो। चेकिंग व निरीक्षण के दौरान बालश्रम की उपस्थिति एवं बालश्रम की किसी भी घटना के मामले में तत्काल प्रभावी कार्रवाई की जाये। पटाखों के भण्डारण और बिक्री के स्थान को चेक कर लें किसी भी अवैध या अनधिकृत कारखानों, भंडारण व अवैध बिक्रय,परिवहन की जानकारी के लिए राजस्व अधिकारियों, सम्बन्धित थाना और एलआईयू द्वारा गोपनीय रूप से जानकारी एकत्र कराना सुनिश्चित किया जाये। अवैध फैक्ट्री व भण्डारण पाये जाने की स्थितियों पर सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत उन्हें बंद करने के संबंध में तत्काल कार्रवाई की जाय। पटाखों के भण्डारण और बिक्री के स्थान उनके लाईसेंस व अनुमति के आधार पर निर्धारित व चिन्हित स्थानों पर ही हो। अन्यथा उनके विरूद्ध समुचित वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाये। जांच के नाम पर अनावश्यक किसी को न किया जाए परेशान बिक्री के प्रत्येक स्थान को स्पष्ट रूप से चिह्नित और सीमांकित किया जाना चाहिए ताकि यह आबादी और व्यस्त बाजार व रिहाइशी इलाकों से उचित दूरी पर व्यस्थापित किया जाये। यह विशेष रूप से ध्यान रखा जाये कि इस प्रकार के जांच विशेष तौर पर थोक विक्रेताओं के लिए की जानी चाहिए, छोटे व पार्ट टाइम विक्रेताओं को जांच के दौरान अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाये। उक्त कार्रवाई के पश्चात भविष्य में अगर आग, विस्फोट जैसी कोई घटना होती है तो संबंधित चौकी प्रभारी, बीट प्रभारी, थाना प्रभारी और वरिष्ठ अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करके तद्नुसार उनके विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाये।
मीरजापुर सड़क हादसा: मृतक मजदूराें के परिजनों को दो-दो लाख की आर्थिक मदद,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को लिया संज्ञान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जिले के कछवां थाना क्षेत्र में हुए दर्दनाक सड़क हादसे में वाराणसी जनपद के रहने वाले 10 लोगों की मौत पर पूरा प्रदेश मर्माहत है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मिर्जापुर की सांसद केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने दुख जताया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों और घायलों के परिजनों को हर संभव मदद का निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने मौके पर वरिष्ठ अफसरों को भी भेजा है। मृतकों को नियमानुसार आर्थिक सहायता दी जाएगी। हादसे में मृतक मजदूरों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से तत्काल दो-दो लाख रुपये और तीनों घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। सहायता राशि के एलान की जानकारी वाराणसी जिला प्रशासन द्वारा दी गई है।

ट्रक ने ट्रैक्टर-ट्राली में मारी टक्कर, दस मजदूरों की मौत

गौरतलब हो कि मीरजापुर जिले के कछवां थाना क्षेत्र के प्रयागराज-वाराणसी मार्ग पर कटका गांव के समीप गुरूवार देर रात छत की ढलाई कर वापस आ रहे ट्रैक्टर ट्राली सवार मजदूरों को पीछे से एक ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में 10 मजदूरों की मौत हो गई। वहीं, तीन मजदूर घायल हो गए। घायलों को बीएचयू ट्रामा सेंटर रेफर किया गया। मौके पर मीरजापुर एसपी सहित प्रशासन और पुलिस के अधिकारी पहुंचे। सुबह तक बचाव कार्य चलता रहा।

सभी मृतक मजदूर वाराणसी के निवासी थे

सभी मृतक वाराणसी मिर्जामुराद के निवासी थे। मृतकों में भानू प्रताप (25) पुत्र हीरालाल, विकास कुमार (20) पुत्र अखिलेश, अनिल कुमार (35) पुत्र हुबलाल, सूरज कुमार (22) पुत्र हुबलाल, सनोहर (25) पुत्र नन्दू, राकेश कुमार (25) पुत्र कन्हैया लाल, प्रेम कुमार (40) पुत्र महंग, राहुल कुमार उर्फ टिल्लू (26) पुत्र मुन्ना लाल, नितिन कुमार (22) पुत्र दौलत राम, रोशन कुमार (17) पुत्र दीनानाथ हैं। वहीं घायलों में आकाश कुमार (18) पुत्र नन्दलाल, जमुनी (26) पुत्र सहती व अजय सरोज (50) पुत्र छब्बन हैं।

लखनऊ में नीदरलैंड की महिला मार्गरेथा की मौत

लखनऊ। राजधानी के हुसैनगंज क्षेत्र में एक निजी होटल में परिवार के साथ ठहरी नीदरलैंड की महिला मार्गरेथा (75) की मौत हो गयी। उसकी तबियत बिगड़ने पर उसे आलमबाग क्षेत्र के अजंता हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां पर उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी।

नीदरलैंड देश की महिला की मौत की सूचना पर त्वरित गति से हास्पिटल में आलमबाग थाना की पुलिस पहुंची। घटना के बारे में जानकारी लेने के बाद विदेशी मूल की महिला के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस के मीडिया सेल ने गुरुवार को बताया कि नीदरलैंड की महिला की तबियत खराब होने के बाद उसे एक निजी हास्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां पर गुरुवार की सुबह महिला को मृत घोषित किया गया। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय को इस बाबत सूचना दे दी गयी है। महिला के साथ उसके पति अंगोई, बेटी अनीसा, भतीजी नीदरलैंड से भारत बीस सितम्बर 2024 को आये थे। मुम्बई, गोवा, आगरा घूमते हुए पूरा परिवार लखनऊ आया था।
उप्र के चार हिस्सों में विभाजन को फिर मिली हवा, नरेश टिकैत और बालियान ने मांगा अलग पश्चिमी उप्र

लखनऊ। केन्द्र सरकार में पूर्व मंत्री और पश्चिमी उप्र के दमदार नेता संजीव बालियान ने पश्चिमी उप्र को अलग राज्य बनाए जाने की मांग कर उप्र के विभाजन की चर्चाओं को आगे बढ़ाया है। संजीव के अनुसार पश्चिमी उप्र आज मांग नहीं जरुरत है। उन्होंने यह भी कहा कि वे खुद इस मांग को सरकार तक ले जाएंगे। बता दें कि पश्चिमी उप्र को उप्र से बांटने का मुद्दा नया नहीं है। दिवंगत नेता चौधरी चरणसिंह के पुत्र अजित सिंह हरित प्रदेश के नाम से इस क्षेत्र को अलग किये जाने के बाक़ायदा संगठन बनाकर मांग करते रहे है।

हालांकि अब सरकार में और एनडीए में शामिल उनके पुत्र रालोद नेता जयंत चौधरी इस मामले में चुप हैं लेकिन बालियान अगर इस मांग पर मुखर होते है तो जयंत अधिक समय तक चुप नहीं रह सकते क्योंकि बालियान को इस मुद्दे पर क्षेत्र के किसानों का खुलकर समर्थन मिल रहा है। दरअसल बात केवल पश्चिमी उप्र की नहीं, बल्कि उप्र के बंटवारे की है जिसे लेकर मोदी सरकार में 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले से सुगबुगाहट है। कहा जा रहा है कि उप्र को बुंदेलखंड, पूर्वांचल और पश्चिमी उप्र जैसे तीन राज्यों में बाँटा जाना है।

अंदरूनी सूत्रों के अनुसार संघ का भी इस मुद्दे पर केन्द्र को समर्थन प्राप्त है। कहा तो यह भी जा रहा है कि केन्द्र महाराष्ट्र को काटकर अलग विदर्भ राज्य की भी तैयारी में है। सरकार के अंदरूनी सूत्र बताते है कि सम्भवत लोकसभा के परिसीमन के पहले यानी 2026 में केन्द्र सरकार इसकी घोषणा भी कर सकती है। बहुजन समाज पार्टी 2012 में ही उप्र के विभाजन का प्रस्ताव विधानसभा से पारित कर केन्द्र को भेज चुकी है और सरकार उसी प्रस्ताव में थोड़ा बहुत फेरबदल कर ऐसा कर सकती है। कांग्रेस भी इस प्रस्ताव के समर्थन में खुलकर साथ दे सकती है क्योंकि अगर ऐसा होता है तो उसे सपा -बसपा जैसी पार्टियों के तेवरों से छुटकारा मिल सकता है। वजह छोटे -छोटे क्षेत्रों में बंटे उप्र के इन नए राज्यों में दो ही बड़े दल कांग्रेस और भाजपा अस्तित्व में दिखाई देंगे।

जैसे छत्तीसगढ़, तेलंगाना और उत्तराखंड जैसे राज्यों में हो रहा है। बहरहाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री बालियान के बाद किसान नेता नरेश टिकैत ने भी उप्र के विभाजन की मांग की है और इसे चार राज्यों में बाटने की बात की है। कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर उप्र को बांटने को लेकर जबरदस्त अभियान चला था। अब यह अभियान भी पुनः जोर पकड़ रहा है। बुंदेलखंड में भी पृथक राज्य बनाए जाने को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस मांग को लेकर आंदोलित संगठन रथयात्रा, रैलियां कर रहे हैं।

भाजपा नेता और बुंदेलखंड विकास बोर्ड के निवर्तमान उपाध्यक्ष राजा बुंदेला 12 अक्टूबर से बुंदेलखंड की पदयात्रा पर निकल रहे हैं तो पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत भी एकाएक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर मुखर है। हमीरपुर से चुनाव हार गए तत्कालीन भाजपा सांसद तो लोकसभा में इसके लिए निजी प्रस्ताव तक ले आए थे पर समयाभाव में उस पर बहस नहीं हुई। पूर्वांचल में भी अलग राज्य की सुगबुगाहट है लेकिन उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके समर्थन में नहीं है जिसके चलते यह मांग फिलहाल वहां जोर नहीं पकड़ पा रही। बहरहाल, इतना तय है कि इस मांग को अंदरूनी स्तर पर भाजपा की ओर से शह जरूर मिल रही है। हो सकता है भविष्य में उप्र के स्वरुप को लेकर केन्द्र सरकार कोई निर्णय ले भी ले तो आश्चर्य की बात नहीं।
प्रदेश में सड़कों के ढांचे को दुरुस्त करने को मुख्यमंत्री की पहल,10 अक्टूबर तक सभी सड़कें होंगीं गड्ढामुक्त


लखनऊ। बारिश से बदहाल हुई  प्रदेश की सड़कों के सुधार के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीर नज़रिया अपनाते हुए आगामी 10 अक्टूबर के पहले चुस्त दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं ताकि नागरिकों को चलने के लिए बेहतर सड़कें मिलें। सूत्रों के अनुसार प्रदेश में बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और प्रदेश के लोगों को भलाई के लिए एक महत्वाकांक्षी कदम के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़कों की गुणवत्ता, जन कल्याण और महिला सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक व्यापक योजना की रूपरेखा तैयार की है जिसके तहत सरकार प्रदेश के नागरिकों को हर संभव बेहतर यातायात का अनुभव देने के लिए कदम उठा रही है। इसी दिशा में योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश की सभी सड़कों को 10 अक्तूबर तक गड्डामुक्त करने का निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रदेश की सभी सड़कों को बेहतर बनाया जाए ताकि उस पर चलने वाले यात्रियों को किसी भी तरह की कोई असुविधा ना हो। यही नहीं सीएम योगी इस निर्देश से सिर्फ खानापूर्ति नहीं करना चाहते हैं, उन्होंने स्पष्ट किया है कि कोई भी सड़क 5 साल से पहले खराब नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सभी सड़कों को कम से कम 5 साल की गारंटी के साथ ठीक किया जाए और अगर कोई सड़क खराब होती है तो उसे त्वरित ठीक किया जाए। उन्होंने सभी नई सड़कों पर उनकी दीर्घायु सुनिश्चित करने के लिए पांच साल की गारंटी की आवश्यकता पर जोर दिया है और निर्देश दिया है कि निर्माणाधीन राजमार्गों पर टोल लागू नहीं किया जाना चाहिए।

सड़क निर्माण और रखरखाव में गुणवत्ता और जवाबदेही को बनाए रखने के लिए, मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण कार्यों की जियो-टैगिंग और पीएम गतिशक्ति पोर्टल के साथ उनके एकीकरण को अनिवार्य कर दिया है। वे मरम्मत में मैनुअल श्रम के बजाय मशीनीकरण के उपयोग की वकालत करते हैं और इन परियोजनाओं के लिए विस्तृत योजना और कुशल बजट आवंटन के महत्व को रेखांकित करते हैं। नियमित निरीक्षण के महत्व पर जोर देते हुए आदित्यनाथ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सभी निर्माण अनुबंधों में रखरखाव की ज़िम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए। आदित्यनाथ की दृष्टि सड़क निर्माण से आगे बढ़कर व्यापक बुनियादी ढांचे की जरूरतों और  कल्याण को संबोधित करने तक फैली हुई है। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री का लक्ष्य किसानों के लिए बाजारों में खाद्य पहुंच में सुधार करना है। साथ ही अवैध कॉलोनियों से बचने और नए विकास में बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए शहरी क्षेत्रों में सुरक्षा, स्वच्छता और स्मार्ट सड़कों के विकास की आवश्यकता पर भी मुख्यमंत्री जोर दे रहे हैं।
प्रदेश सरकार के लिये कारू का खजाना साबित हो रहा अयोध्या का राम मंदिर, वैष्णो देवी और शिरडी के बराबर पहुंची सालाना कमाई


लखनऊ। राम नगरी अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अभी तक तीन करोड़ भक्तों ने रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई है। रामलला के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंच रहे भक्त रामलला को निधि समर्पण भी करते हैं, जिससे राम मंदिर निर्माण शुरू होने के कुछ ही वर्षों में राम मंदिर की सालाना कमाई देश के प्रतिष्ठित मंदिरों वैष्णोदवी, शिरडी साई मंदिर और स्वर्ण मंदिर के बराबर पहुंच गई है। भक्त रामलला को दिल खोलकर दान कर रहे हैं।बीते वित्तीय वर्ष में रामलला को 363 करोड़ का दान विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुआ है।

इस पर मिले ब्याज को मिलाकर मंदिर की सालाना आय 400 करोड़ पहुंच गई है। उल्लेखनीय है कि 9 नवंबर 2019 को रामलला के हक में निर्णय आने के बाद पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए आधारशिला रखी थी। जब से राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन शुरू हुआ उसी दिन से रामभक्तों ने निधि समर्पित करनी शुरू दी। पिछले पांच सालों में रामलला को विभिन्न माध्यमों से 55 अरब का दान प्राप्त हुआ। जबकि 13 क्विंटल चांदी और 20 किलो सोना भी मिला है। रामलला को ऑनलाइन, नगदी, चेक, आरटीजीएस के माध्यम से दान प्राप्त होता है। साथ ही विदेशी दान भी रामलला को प्राप्त होने लगा है। पिछले एक साल में लगभग 15 करोड़ का विदेशी दान भी रामलला को प्राप्त हुआ है।

राम मंदिर के ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र बताते हैं कि रामलला को भक्त राम जन्मभूमि सेवा केंद्र स्थित दान काउंटर पर दान अर्पित करते हैं। इसके अलावा दर्शन पथ पर दान काउंटर बने हैं। राम कचहरी स्थित मंदिर में स्थित ट्रस्ट कार्यालय पर दान लिए जाते हैं।मंदिर परिसर में रामलला के दान पात्र में भक्त चढ़ावा अर्पित करते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन माध्यमों से भी भक्त श्रद्धा अर्पित करते हैं। राममंदिर में सभी सुविधाएं नि:शुल्क हैं। किसी भी सुविधा के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।

उप्र उत्तराखंड एकोनॉमिक एसोसिएशन के अध्यक्ष व अयोध्या की अर्थव्यवस्था पर शोध कर रहे अवध विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर विनोद श्रीवास्तव के अनुसार देश के प्रमुख मंदिरों की सालाना आय की बात करें तो सबसे आगे आंध्र प्रदेश का तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर है। इस मंदिर की सालाना आय करीब 1600 करोड़ है। यह दान के अलावा भी आय के अन्य माध्यम हैं। इसके बाद केरल पद्मनाभस्वामी मंदिर की आय करीब 700 करोड़ सालाना है। फिलहाल राम मंदिर की सालाना आय कुछ ही वर्षों में वैष्णो देवी, शिरडी साई मंदिर के बराबर पहुंच गई है। जबकि दशकों पुराने अक्षरधाम, सोमनाथ व जगन्नाथ मंदिर कमाई में पीछे हो गए हैं।

यह है देश के टॉप टेन कमाऊ मंदिर
(आंकड़े करोड़ में )

* तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर आंध्रप्रदेश - 1450-1613

* पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल- 650-700

* स्वर्ण मंदिर पंजाब - 500

* श्रीरामलला मंदिर, अयोध्या (उप्र)- 400 करोड़

* वैष्णो देवी मंदिर जम्मू-कश्मीर- 400

* शिरडी साई मंदिर महाराष्ट्र-400

* जगन्नाथ मंदिर पुरी, उड़ीसा-230-240

* श्री सिद्धि विनायक मंदिर महाराष्ट्र-100-150

* अक्षरधाम मंदिर नई दिल्ली -60-100

* सोमनाथ मंदिर गुजरात- 50-100
गोचर भूमि को कब्जा मुक्त कराने के लिए विशेष अभियान चलाएगी योगी सरकार

लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश भर में गोचर भूमि को अवैध कब्जाधारियों से मुक्त कराने के लिए विशेष अभियान चलाने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी ने इसके लिए नोडल अधिकारियों को नियुक्त करने के निर्देश
दिये हैं। साथ ही अभियान की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराने के भी आदेश दिये हैं। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान लापरवाही बदार्शत नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोवंश को हरा चारा, भूसा और पौष्टिक पशुआहार उपलब्ध कराने के लिए फैसला लिया है। इसी क्रम में प्रदेश के 12 जिलों में 27 हजार से अधिक गोचर भूमि को शत प्रतिशत कब्जामुक्त किया जा चुका है।

अभियान की प्रतिदिन रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे नोडल अधिकारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को गोचर भूमि को अवैध कब्जाधरियों से मुक्त कराने के निर्देश दिये हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप अभियान को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए नोडल अधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है ताकि अभियान की प्रॉपर मानीटरिंग हो सके। वहीं नोडल अधिकारियों को प्रतिदिन अभियान की रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश भर में गोचर भूमि की सूची तैयार की जा रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कितनी गोचर भूमि पर कब्जा है। इसी के अनुसार जिलावार अभियान चलाया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि समय-समय पर गोचर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जाता है। इसी क्रम में एक बार फिर वृहद स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। योगी ने यह भी निर्देश दिये हैं कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में निराश्रित गोवंश का वास्तविक आंकलन करें और गो-आश्रय स्थलों में अतिरिक्त शेड का निर्माण करें। गोआश्रय स्थलों की साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था हो, कहीं पर भी कीचड़ और जल भराव की स्थिति उत्पन्न न हो। सभी आश्रय स्थलों में भूसा, हरा चारा, पानी आदि की समुचित व्यवस्था होनी चाहिये। मृत गोवंश को ससम्मान एवं ठीक विधि से दफनाने की व्यवस्था हो।

प्रदेश भर में 65 हजारहेक्टेयर से अधिक गोचर भूमि, 27 हजार से अधिक अब तक कब्जा मुक्त

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश भर में राजस्व अभिलेखों के अनुसार 65,177 हेक्टेयर गोचर भूमि है। इनमें हरदोई में 4,599 हेक्टेयर, कानपुर नगर में 3,678 हेक्टेयर, रायबरेली में 3349 हेक्टेयर, लखनऊ में 3,077 हेक्टेयर, फतेहपुर में 2805 हेक्टेयर और अमेठी में 2,005 हेक्टेयर गोचर भूमि है। वहीं अब तक 27,688.75 हेक्टेयर गोचर भूमि कब्जामुक्त करायी जा चुकी है, जिसका प्रतिशत कुल गोचर भूमि का 42.48 प्रतिशत है। वहीं 37,488.25 हेक्टेयर गोचर भूमि को कब्जामुक्त कराने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।