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*जो समाज अपनी कविता, कला, भाषा को नहीं बचा सकता, वह गुलामी से नहीं बच सकता:प्रो.चित्तरंजन मिश्र*

आलोचना का काम जड़ता से टकराना है : प्रो. चित्तरंजन मिश्र

मौलिक मेधा अपनी भाषा में पनपती है : प्रो. नन्दकिशोर पाण्डेय

सत्ता और जनता की भाषा एक होनी चाहिए: प्रो.नंदकिशोर पाण्डेय

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में चल रहे तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन प्रो. चित्तरंजन मिश्र ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आलोचना सहृदय संवाद है, और यह सह्रदय संवाद करते हुए रचना की अर्थ मीमांसा में उतरना पड़ता है. अर्थ की मीमांसा में उतरे बिना यदि रचना पर आप कुछ अपने मन का थोपते हैं तो आप रचना के साथ न्याय नहीं कर सकते हैं. समकालीन आलोचना समसामयिकता के गहरे दबाव में है. जिसकी वजह से वह अपनी परंपरा के प्रति अपरिचय का भाव पैदा करती है.

उन्होंने कहा कि कविता को घटना की तरह नहीं पढ़ना चाहिए. जो समाज अपनी कविता, कला, भाषा को नहीं बचा सकता वह गुलामी से भी नहीं बच सकता. आलोचना का काम जड़ता से टकराना है. एकरूपता को तोड़ना है. सारी दुनिया परस्पर विनिमय से चलती है. विचार विश्व भर के होते हैं. बुद्ध इस धरती के थे लेकिन उनका विचार दुनिया में फैला

प्रो. नन्दकिशोर पाण्डेय ने कहा कि मौलिक मेधा अपनी भाषा में पनपती है. जब हम भारतीय भाषाओं में पढ़ते थे तब कई वैज्ञानिक उपलब्धियां हासिल किए. परंतु, जबसे देश में फारसी और अंग्रेजी का प्रचलन बढा तब से हमें कोई वैज्ञानिक या तकनीकी उपलब्धि हासिल नहीं हुई. उन्होंने आगे कहा कि भाषा को बचाने के लिए उसका व्याकरण, शब्दकोश और उसके लोक साहित्य का संग्रह होना चाहिए.

प्रो. पांडेय ने अंग्रेजी का जिक्र करते हुए कहा कि जिन राज्यों में, विशेष तौर पर पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में, राज-काज की भाषा अंग्रेजी है, वहां की स्थानीय भाषा समाप्त हो रही है। सत्ता और जनता की भाषा एक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज हिन्दी विश्व की जरूरत है. इसे नकारने की सामर्थ्य किसी में नहीं है। यहां तक कि संयुक्त राज्य संघ में भी हिन्दी को सम्मान से सुना जाता है।

प्रो. दीपक प्रकाश त्यागी ने अपने संबोधन में कहा कि भाषाओं का सवाल न्याय और अन्य का सवाल है हम कैसा समाज बनाना चाहते हैं यह सवाल भाषा से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा तभी बचेगी जब भारतीय भाषाएं बचेंगी. वंचित व हाशिए की भाषाओं को जब महत्व मिलेगा. उन्होंने कहा की भाषा का सवाल सदैव हास्य पर रखा गया. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय भाषा का क्षरण, असल में भारतीय संस्कृति और भारतीयता के क्षरण से जुड़ा हुआ सवाल है.

नासिक के प्रो.विजय प्रसाद अवस्थी ने कहा कि हिंदी भाषा के विकास में आम आदमी का सबसे बड़ा योगदान है आम बोलचाल की हिंदी को कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि हिंदी का भविष्य टेक्नोलॉजी एवं भारत की सांस्कृतिक भावात्मक एकता से जुड़ा हुआ है.

इग्नू के प्रोफेसर नरेंद्र मिश्रा ने कहा हिंदी शिक्षा जगत में सिकुड़ रही है लेकिन बाजार में बढ़ रही है इसका उदाहरण फिल्म और मीडिया में देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि भारत में 25 में से 21 हाईकोर्ट की भाषा भारतीय भाषा नहीं है.अफसर शाही नहीं चाहती कि हिंदी ऊपर उठे.उन्होंने कहा कि शिक्षा और सरकारी कामकाज की भाषा एक होनी चाहिए.जब हिंदी में सॉफ्टवेयर होगा, तभी हिंदी वैश्विक भाषा बन सकेगी.

प्रो.रामदरश राय ने आचार्य रामचंद्र तिवारी का स्मरण करते हुए कहा वह ऐसे आलोचक थे जिनकी आलोचनाएं मौलिक थीं। प्रों राय ने हिन्दी की दशा पर चिंता जताते हुए कहा कि इसका वर्तमान अच्छा नहीं है।

प्रो. राजेश मल्ल ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी आलोचना का आरंभ दो प्रश्न तथा दो दिशाओं में विभाजित है. एक पुरानी रीतिवादी कलावादी सामंती दृष्टि से संचालित है तो दूसरी आधुनिक जनवादी और सामंतवादी सौंदर्याभिरुचि के खिलाफ या सामंतवाद विरोधी चेतना से संचालित.

उन्होंने कहा कि आचार्य रामचंद्र तिवारी हम लोगों को आचार्य रामचंद्र शुक्ल के निबंध और कबीर पढ़ते थे आचार्य शुक्ल उनके प्रिय लेखक थे तो कबीर उनके प्रिय कवि लेकिन उनका मानो जगत तथा आलोचना दृष्टि के पीछे तुलसीदास की समन्वयवादी इसलिए वे दो प्रश्न दो दिशाओं दो धाराओं के बीच में गहरा संतुलन और समन्वय करते चलते थे.

डॉ.दमयंती तिवारी ने कहा कि त्याग में भी आनंन्द है । स्व से पर को जोड़ने का भाव है। अनन्यता बोध से वसुधैव कुटुम्बकम की भावना निःसृत है।

त्रिपुरा की प्रो. मिलन रानी जमातिया ने कहा कि आचार्य रामचंद्र शुक्ल के निबंधों से हम सभी परिचित हैं, जिनमें भारतीय दृष्टिकोण व्यक्त हुआ है। हमारे जीवन मूल्यों को ध्यान में रखकर रामचंद्र तिवारी ने रामचंद्र शुक्ल के सिद्धांतों का विश्लेषण किया ।

प्रो.गौरव तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी आलोचना के शिखर पुरुष माने जाने वाले आलोचक जितना कलात्मक कसौटियों के प्रति सजग हैं उतनी ही वे साहित्य में सभ्यता समीक्षा के प्रति संवेदनशीलता भी रखते हैं। इन दोनों को साध लेने के कारण ही आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हजारी प्रसाद द्विवेदी, रामविलास शर्मा और मुक्तिबोध हिंदी के शिखर आलोचक हैं। आलोचकों की दूसरी कोटि वह है जो शास्त्रीय कसौटियों से साहित्य की आलोचना को अपनी प्राथमिकता में रखते हैं। तीसरी कोटि वह है जिसमें साहित्य के मूल्यांकन की कलात्मक कोटियां अनावश्यक मानी जाती हैं और आलोचना शुद्ध रूप से सभ्यता समीक्षा का रूप धारण कर चुकी है। समकालीन हिंदी आलोचना सभ्यता समीक्षा का रूप धारण कर चुकी है।

डॉ. श्रीराम परिहार ने कहा कि हमारी ज्ञान परंपरा में विज्ञान और ज्ञान अलग नहीं है। बिना प्रकृति के मनुष्य का श्रृंगार नहीं हो सकता। कवियों को भी हमारे धरती की संस्कति को समझना होगा । संस्कृति की भूमि पर ही रामचंद्र तिवारी की कलम चली थी. निबंध ने अपनी जमीन कभी नहीं छोड़ी।

प्रो. मंजु त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा कि राम के घटक तत्वों का विश्लेषण किया जाए तो इसमें राम कथा का लोक मानस रचित आदिरूप, ऐतिहासिक यथार्थ का पोषण करने वाली दो जातियों की संघर्ष गाथा का रूप तथा नैसर्गिक ऋत से आरंभ होकर मानव समाज के विकास के साथ अनेक धार्मिक, सांस्कृतिक व नैतिक मूल्यों से संश्लेषित धर्म गाथा का रूप एकसाथ सुरक्षित है.यही नहीं वाल्मीकि से लेकर तुलसीदास तक अनेक महाकवियों की रचनात्मक प्रतिभा का संस्पर्श पाकर यह कथा भाव और रस की अनेक भूमियों तथा सौंदर्य चेतना के अनेक स्तरों से समृद्ध होकर पूरे विश्व के लिए आकर्षण तथा प्रेरणा का विषय बन गई है. अतः राम कथा की गूढता स्वभावतः सिद्ध होती है.

हैदराबाद के प्रो. आर.एस.सर्राजू ने कहा कि भाषा का प्रयोग वक्ता और श्रोता के बीच होता है, जिसके बीच एक समाज होता है. आलोचना को हम गद्य की एक विधा के रूप में देखते हैं, जबकि भाषाई चेतना के साथ भी इसका संबंध है. आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने अंग्रेजी और हिंदी की परंपरा को मिलकर अपनी बात कही.

केंद्रीय हिंदी निदेशालय एवं दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 'हिंदी भाषा और साहित्य: आलोचना का मूल्य और डॉ. रामचंद्र तिवारी' विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का दूसरा दिन तकनीकी सत्रों का था.इसके पहले सत्र का विषय 'हिंदी भाषा : वर्तमान एवं भविष्य' तथा दूसरे सत्र का विषय 'हिंदी निबंध : सांस्कृतिक मूल्य' तथा तीसरे संयुक्त सत्र का विषय 'हिंदी आलोचना का स्वरूप' था. इन सभी तकनीकी सत्रों का सफल संयोजन हुआ.

आज के विभिन्न सत्रों का संचालन डॉ अखिल मिश्र, डॉ. नरेंद्र कुमार, डॉ. अभिषेक शुक्ल ने किया. डॉ.विजयानंद मिश्र ने किया. संगोष्ठी के संयोजक प्रो.विमलेश मिश्र और हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. कमलेश कुमार गुप्त ने इस दौरान संपूर्ण व्यवस्था को बनाए रखने में अपनी भूमिका का विधिवत निर्वाह किया.

प्रो.टीवी कट्टीमनी की पुस्तक का हुआ विमोचन

प्रो. टी.वी. कट्टीमनी की पुस्तक 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति: गेमचेंजर' का आज संगोष्ठी के दौरान विमोचन हुआ. इस पुस्तक का विमोचन प्रो. सुरेंद्र दुबे की केंद्रीय उपस्थिति में संपन्न हुआ. प्रोफेसर टीवी कट्टीमनी जनजातिय केंद्रीय विश्वविद्यालय, हैदराबाद के कुलपति हैं. इसके पहले वह इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं.

*"लिटिल स्टार एकेडमी" प्ले-वे स्कूल में नन्हे मुन्ने खेलेंगे डांडिया*

गोरखपुर- कस्बे में स्थित "लिटिल स्टार एकेडमी" प्ले-वे स्कूल में नन्हें-मुन्हें बच्चों के द्वारा रविवार 6 सितंबर को सामुहिक डांडिया नृत्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। आयोजन की जानकारी देते हुए प्रतिभा गुप्ता एवं मीना उपाध्याय ने बताया कि शारदीय नवरात्र पर्व हर तरफ धूमधाम से मनाया जाता है। पांडालों में मां दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। रामलीला, देवी जागरण जैसे आयोजनों की धूम रहती है। इसके साथ ही देश में डांडिया नृत्य के कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।

छोटे बच्चों को अपनी परंपराओं, धार्मिक मान्यताओं तथा देश भर में होने वाले आयोजनों से परिचित कराने के लिए दिन में 12 बजे से अपराह्न 5 बजे तक संगीतमय सामुहिक डांडिया नृत्य का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में राधा कृष्ण की वेशभूषा में सजे छोटे बच्चों का सामुहिक डांडिया नृत्य आकर्षण का केंद्र रहेगा।

*व्यावसाई के घर 10 लाख की चोरी. थाने से लगभग 150 मीटर दूर हुई घटना*

गोरखपुर- कस्बे में स्थित थाने से महज लगभग 150 मीटर की दूरी पर चोरी की घटना को अंजाम देकर पुलिस की हनक से बेखौफ चोर नकदी और लाखों रुपए के गहने चुरा कर फरार हो गए।

कस्बे में थाने के दक्षिण स्थित डॉ.सी.बी.सिंह गली मार्ग पर कस्बे के पुराने व्यावसाई हरिनारायण शर्मा का आवास है। बीती रात लगभग 12 बजे से 3 बजे के बीच बेखौफ चोर उनके घर में घुसे और गहने की सेफ खोल कर लगभग 6 लाख रूपए मूल्य के कीमती गहने और 3 लाख 85 हजार रूपए नकद चुरा ले गए।

हरिनारायण शर्मा के पुत्र सतीश भट्ट ने थाने में तहरीर दे दी है उन्होंने बताया कि आगामी नवम्बर माह में छोटे भाई की शादी है, परिवार में उसी की तैयारियां चल रही हैं। पत्नी के गहने गोल्ड लोन के लिए बैंक में जमा किए थे, जिसे बीते दिनों घर ले आए थे। घटना के दौरान रात में परिवार के लोग सोते रहे, उन्हें अल् सुबह सो कर उठने के बाद चोरी की जानकारी हुई। पुलिस को सूचना दिए जाने के बाद स्थानीय पुलिस घटना की छानबीन में जुट गई है।

*समाधान दिवस में दिखा त्योहार का असर, पहुंचे सिर्फ 42 फरियादी*

गोरखपुर- शारदीय नवरात्र पर्व के अवसर पर तहसील मुख्यालय में आयोजित सितंबर माह के पहले समाधान दिवस में अपनी समस्याएं लेकर पहुंचने वाले फरियादियों की संख्या अपेक्षाकृत कम रही। उप जिलाधिकारी कुंवर सचिन सिंह की अध्यक्षता में कुल 42 फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पेश हुए। जिनमें उरूवां ब्लॉक के पुरवां गांव के ग्राम प्रधान धर्मेन्द्र ने दो प्रार्थनापत्र देकर गांव के कोटेदार पर मनोज कुमार दूबे पर खाद्यान्न वितरण में धांधली का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की,इसी प्रकार गांव के दो सरकारी चकमार्ग आराजी संख्या-59 और 62 पर गांव के निवासी व्यक्तियों द्वारा किए गए अतिक्रमण हटाने और सीमांकन कराने की मांग की।

एसडीएम ने दोनों मामलों में संबंधित विभागों को जांच और निस्तारण का आदेश दिया है। इसी प्रकार खजनी ब्लॉक के पिपरा गंगा गांव के ग्राम प्रधान सत्येंद्र बहादुर सिंह ने संपर्क मार्ग निर्माण के लिए गाजर वंशमन गांव में आबादी की भूमि आराजी संख्या-158 का सीमांकन कराने की मांग की, जिसमें एसडीएम द्वारा जांच और कार्रवाई का आदेश दिया गया।

मौके पर किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सका। ज्यादातर मामले भूमि विवादों से संबंधित पेश हुए। समाधान दिवस में दिवस प्रभारी तहसीलदार कृष्ण गोपाल तिवारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

*सपा जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में राष्ट्रीय महासचिव, विधायक रामअचल राजभर का जोरदार स्वागत*

गोरखपुर- समाजवादी पार्टी के बेतियाहाता स्थित कार्यालय पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विधायक रामअचल राजभर का जोरदार स्वागत पार्टी के जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम सहित पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया। नाई सविता सलमानी समाज को एकजुट करने के लिए हुए कार्यक्रम में शामिल होने समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुंचे रामअचल राजभर ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार में निजीकरण को बढ़ावा देकर पूँजीपतियों के हाथ में देश की अर्थव्यवस्था को गिरवी रखने का काम किया जा रहा है। सरकारी नौकरियों के पेपर लीक हो रहे हैं। यह एक सोंची समझी साजिश है। भाजपा सरकार आरक्षण को खत्म करने पर तुली हुई है। देश का किसान, नौजवान परेशान है। महिलाएं असुरक्षित हैं। आये दिन हत्या, लूट, डकैती एवं बलात्कार की घटनायें आम हो चुकी है।

भाजपा सरकार में निरंतर बढ़ती महंगाई, किसानों की उपेक्षा, बढ़ते भ्रष्टाचार, महिलाओं के उत्पीड़न आदि पर अंकुश लगाने में फेल साबित होने का आरोप लगाते हुए सपा सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए आगामी 2027 में अखिलेश यादव के नेतृत्व में प्रदेश में सरकार बनाने के लिये पूरी शिद्दत के साथ समाजवादी पार्टी की नीतियों, सिद्धांतो को घर घर तक पहुँचाने का आग्रह किया।

इस दौरान प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी जिला महासचिव रामनाथ यादव अवधेश यादव नगीना प्रसाद साहनी रामभवन शर्मा राहुल यादव अजय कन्नौजिया छोटे लाल राजभर अर्जून यादव रामप्रसाद शर्मा आविद अली धर्म राज शर्मा दुर्गेश मास्टर हीरा यादव रविन्द्र यादव परशुराम यादव रितेश शर्मा मोहम्मद अली अली हुसैन आनन्द राय विजय शर्मा आर के शर्मा रमेश शर्मा अब्दुल सलमानी श्रवण शर्मा आदि मौजूद रहे।

*पैगंबरे इस्लाम की शान में गुस्ताखी करने वाले नरसिंहानंद के ख़िलाफ़ एसपी सिटी को सौंपा ज्ञापन*

गोरखपुर- पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की शान में गुस्ताखी करने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती के ख़िलाफ़ मुसलमानों में बहुत आक्रोश है। यति नरसिंहानंद पर मुकदमा दर्ज कर जल्द गिरफ़्तारी की मांग को लेकर शनिवार को समाजवादी अल्पसंख्यक सभा, एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं व मुस्लिम धर्मगुरुओं ने सिविल लाइन स्थित एसएसपी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। एनएसए के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन एसपी सिटी अभिनव त्यागी को सौंपा। एसपी सिटी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। पैगंबरे इस्लाम ज़िंदाबाद, नरसिंहानंद मुर्दाबाद का नारा लगाया गया। वहीं पैग़ंबरे इस्लाम की शान में बेअदबी करने वाले नासिक के रामगिरी नामक व्यक्ति की भी जल्द गिरफ्तारी की मांग की गई।

कारी शराफत हुसैन कादरी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की तौहीन व गुस्ताख़ी नाकाबिले बर्दाश्त है। भारत का संविधान किसी भी धर्म के मजहबी पेशवा व किताब की तौहीन करने की इजाजत नहीं देता है। इसके बावजूद यति नरसिंहा नंद सरस्वती ने अभी हाल ही में पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के बारे में घोर अपशब्द कहा है। नरसिंहा नंद का गैर जिम्मेदाराना बयान दो समुदाय में नफ़रत फैलाने वाला है। नरसिंहा नंद ने भारतीय गंगा जमुनी तहजीब पर हमला किया है। विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। नरसिंहा नंद ने दुनियाभर के मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया है। नरसिंहा नंद ने मुल्क के अमनो अमान को भंग करने की कोशिश की है। नरसिंहा नंद ने भारत के संविधान की खिलाफ़वर्जी करके हिन्दू मुसलमान में दुश्मनी पैदा करने की कोशिश की है। नरसिंहा नंद पर मुकदमा दर्ज कर फौरन गिरफ्तार किया जाए। सख्त से सख्त सजा दी जाए।

एआईएमआईएम के महानगर अध्यक्ष मो. कैस अंसारी ने कहा कि आये दिन इस्लाम धर्म की मुकद्दस हस्तियों पैगंबरे इस्लाम, क़ुरआन, खुलफा-ए-राशिदीन, सहाबा, अहले बैत व औलिया किराम की शान में गुस्ताखी की जा रही है। जो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसी भी मजहब की मुकद्दस हस्तियों व किताबों की बेहुरमती करने का किसी को हक़ नहीं है।

नायब काजी मुफ्ती मो. अज़हर शम्सी ने कहा कि देश में फसाद फैलाने वाले लोगों का आए दिन हौसला बुलंद हो रहा है इसलिए इन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि यह लोग फिर कभी ऐसी हरकत न करें। किसी भी धर्म के पेशवा व किताब की तौहीन पर लगाम लगाने के लिए कानून बनाया जाए। समाज में नफ़रत फैलाने वालों पर देशद्रोह के तहत मुकदमा चलाया जाए।

सपा अल्पसंख्यक सभा के जिलाध्यक्ष रफीउल्लाह सलमानी ने कहा गुस्ताख नरसिंहा नंद ने देश में फसाद फैलाने की कोशिश की है तथा मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं आहत करने का काम किया है। इसलिए उस पर एनएसए के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। पैगंबरे इस्लाम के लिए जान और माल सब क़ुर्बान है। उनका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

चौकी इंचार्ज ने पैदल गस्त कर दुर्गा पूजा पांडालों का हाल जाना

खजनी गोरखपुर।तहसील क्षेत्र के बांसगांव थाने की हरनहीं चौकी प्रभारी एसआई राकेश कुमार पांडेय ने आज इलाके के हरनहीं, बहुरीपार, भैंसा बाजार तथा हरिहरपुर में स्थित शारदीय नवरात्र के दुर्गा पूजा पांडालों में पहुंच कर सुरक्षा व्यवस्था और समस्याओं की जानकारी ली।

साथ ही स्थानीय लोगों और आयोजकों से शांति सुरक्षा व्यवस्था में सहयोग की अपील करते हुए प्रेम और सौहार्द्रपूर्ण तरीके से त्योहार मनाने की अपील करते हुए व्यवधान डालने वालों से सख्ती से निपटने की चेतावनी दी। इस दौरान कांस्टेबल श्रीनिवास, पप्पू कुमार, संजय यादव एसआई हिमांशु तथा आयोजक मौजूद रहे।

पिकप से गोवंश ले जा रहे 2 तस्कर भेजे गए जेल

खजनी गोरखपुर। जिले में गो-तस्करी के अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने पुलिस कप्तान एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर के निदेर्शानुसार क्षेत्राधिकारी बांसगांव के मार्गदर्शन में तथा थानाध्यक्ष बाँसगांव के नेतृत्व में एसआई वीर बहादुर सिंह ने पुलिस टीम के साथ मुखबिर की सूचना पर पिकप वाहन पर गो-वंश लाद कर ले जा रहे अभियुक्त उग्रसेन चौरसिया और मजहर अली उर्फ भोला को 02 गोवंश और घटना में प्रयुक्त 01 पिकप वाहन के साथ गिरफ्तार किया गया।

उक्त गिरफ्तारी बरामदगी के आधार पर थाने में मुकदमा अपराध संख्या 627/2024 की धारा 3/5/8 उप्र गोवध निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया। आज चेकिंग के दौरान बाँसगांव की तरफ से आ रही पिकप को चेक करने हेतु रोका गया तो पिकअप में बैठे 02 अभियुक्त पीछे से उतरकर भाग गए तथा पिकअप में बैठे 02 अन्य अभियुक्तों को 02 राशि गोवंश और घटना में प्रयुक्त पिकप वाहन के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। थानाध्यक्ष के अनुसार पकड़े गए दोनों अभियुक्तों की शिनाख्त उग्रसेन चौरसिया पुत्र दयालु चौरसिया निवासी ग्राम उचेर थाना गगहा गोरखपुर और मजहर अली उर्फ भोला पुत्र हमीद निवासी डांगीपार (गजपुर) थाना गगहा गोरखपुर के रूप में हुई है।

स्कूल के किचन के सभी सामान ले गया चोर, शिक्षिका ने दी नामजद तहरीर

खजनी गोरखपुर। बांसगांव थाने की हरनहीं चौकी क्षेत्र में आने वाले पगार गांव के कंपोजिट स्कूल में बीती रात किचन के दरवाजे की कुण्डी तोड़कर चोर सभी सामान उठा ले गया।

स्कूल की इंचार्ज प्रधानाध्यापिका सरोज राय ने हरनहीं चौकी प्रभारी को लिखित तहरीर देकर बताया है कि स्कूल में पहले भी चोरी हो चुकी है जिसमें चोर सबमर्सिबल पंप और गैस सिलेंडर उठा ले गए थे। धुसवां गांव के निवासी पंकज कुमार पुत्र दिनेश पर चोरी की घटनाओं को अंजाम देने की नामजद तहरीर देकर शिक्षिका ने बताया है कि इस बार किचन के दरवाजे की कुण्डी तोड़कर चोर वहां पर रखे सभी बर्तन, गैस सिलेंडर, चुल्हा, तेल, मसाले, दाल, चावल, गेहूं आदि सारे सामान चुरा ले गया है।

बता दें कि गुरुवार को छुट्टी के बाद स्कूल में ताला लगा कर सभी लोग चले गए थे। बीती रात किचन के दरवाजे की कुण्डी तोड़कर भीतर घुसे चोर ने इत्मीनान से घटना को अंजाम दिया। जिसकी जानकारी आज स्कूल पहुंचने के बाद हुई। हरनहीं चौकी इंचार्ज राकेश कुमार पांडेय ने बताया कि स्कूल में चोरी की घटना की तहरीर मिली है कार्रवाई की जा रही है।

शारदीय नवरात्र में रामलीला मंचन की तैयारियां

खजनी। क्षेत्र के भरोहिया गाँव के जएश्वरनाथ महादेव शिव मंदिर परिसर में बीते 100 वर्षों से भी पहले से शारदीय नवरात्र में रामलीला होती चली आ रही है। परंपरा के अनुसार इस वर्ष भी रामलीला मंचन की सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। बीती एक सदी से तमाम संकटों, अवरोधों और कठिनाईयों के बाद भी यहां पर होने वाली रामलीला कभी बंद नहीं हुई।

क्षेत्र के बुजुर्गवार बताते हैं कि गांव में रामलीला कब से हो रही है इसकी सटीक जानकारी किसी को भी नहीं है। गाजर जगदीश गांव के निवासी 78 वर्षीय दयाशंकर तिवारी और रूद्रपुर गांव के निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक शारदा प्रसाद शुक्ल (80 वर्ष) ने बताया कि हमारे दादा जी बताते थे कि उनके भी जन्म से पहले से भरोहियां गांव में रामलीला हो रही है।

ग्रामवासियों का कहना है कि कभी मामूली खर्च में ही रामलीला का कार्यक्रम हो जाता था, लेकिन अब यह खर्च बढ़ कर लाखों में पहुंच गया है। यहां के रामलीला की खास बात यह है कि गाँव के सभी पढ़े लिखे लोग इसमें शामिल होते हैं तथा गांव के लोग ही रामलीला के सभी पात्रों की भूमिका निभाते हैं। इस प्रकार यहां की रामलीला मयार्दा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के प्रति स्थानीय भक्त श्रद्धालुओं की अगाध भक्ति, श्रद्धा और आस्था की प्रतीक बनी हुई है।

मंदिर के महंत शिवनाथ दास ने बताया कि यहां की रामलीला बहुत ही मशहूर है, आसपास क्षेत्र के गांव कस्बों के लोग बड़ी संख्या में यहां प्रतिदिन रामलीला देखने के लिए पहुंचते हैं। वरिष्ठ लोकगायक बृजकिशोर उर्फ गुलाब त्रिपाठी ने बताया कि जएश्वरनाथ महादेव शिव मंदिर अति प्राचीन है, इसका उल्लेख अग्नि पुराण में भी मिलता है। प्रति वर्ष शारदीय नवरात्र में यहां पर होने वाली रामलीला आसपास के पूरे इलाके में मशहूर है।इस साल यह 4 अक्टूबर से प्रारम्भ होकर दशहरे के दिन रावण वध, राम राज्याभिषेक की लीला के मंचन के साथ सम्पन्न होगी। यहाँ की रामलीला में रावण का पुतला दहन नहीं किया जाता।

रामलीला समिति के अध्यक्ष शैलेन्द्र त्रिपाठी, मंत्री इंजीनियर हरीश त्रिपाठी एवं एडवोकेट अरविंद राम त्रिपाठी ने बताया कि सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। आयोजन मण्डल में दीपनारायण त्रिपाठी, राजेश त्रिपाठी, संतोष त्रिपाठी, श्रवण कुमार त्रिपाठी, अभय त्रिपाठी, आशुतोष उर्फ गगन, विपिन कुमार त्रिपाठी, विनोद तिवारी, बंशु यादव, प्रसून, मनीष पाठक, सत्यम, संदीप उर्फ सानू, अखिलेश त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हैं।