नवरात्रि 2024: क्या आप जानते है क्यों होती है मां दुर्गा की सवारी शेर? जानें पौराणिक मान्यताएं
नवरात्रि 2024 चल रही है. शनिवार को नवरात्रि का तीसरा दिन है. इस दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. 9 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में भक्तों का खूब बढ़-चढ़कर उत्साह देखने को मिलता है.
एक बात आपने जरूर गौर की होगी. जितने भी मां दुर्गा के मंदिर हैं या प्रतिमा है उसमें मां हमेशा शेर पर ही सवार नजर आती हैं. मां दुर्गा की सवारी शेर है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मां दुर्गा की सवारी शेर कैसे पड़ी. नवरात्रि 2024 के मौके पर बता रहे हैं कि आखिर मां दुर्गा शेर पर ही क्यों सवार रहती हैं और शेर उनकी सवारी कैसे बनी.
क्या है पौराणिक मान्यता
ऐसा माना जाता है कि मां की सबसे पसंदीदा सवारी शेर है. वैसे तो मां देवी के 9 रूपों की नौ अलग-अलग सवारियां हैं. लेकिन मां दुर्गा की मूल सवारी तो शेर ही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मां दुर्गा की सवारी शेर क्यों है. इसके पीछे की पौराणिक मान्यताएं हैं जब मां पार्वती का वाहन शेर बना. दरअसल मां पार्वती ने भागवान शिव को पाने के लिए कड़ी मेहनत की थी. उनकी तपस्या से मां पार्वती का रंग काला पड़ गया था. एक दफा हंसी-मजाक में शिव जी ने पार्वती को चिढ़ा दिया और काली कहकर बुला लिया. इससे मां पार्वती काफी ज्यादा क्रोधित हो गईं और गुस्से में कैलाश पर्वत छोड़ कर चली गईं.
शेर कैसे बना मां की सवारी
जब शिव से गुस्सा कर और कैलाश छोड़कर माता पार्वती तपस्या कर रही थीं उस दौरान वहां पर एक भूखा शेर आया. मां पार्वती को तपस्या करता देख शेर वहीं पर बैठ गया. मां पार्वती की तपस्या से भगवान शिव बहुत खुश हुए और उन्होंने मां पार्वती को गोरी होने का वरदान दिया. जब मां पार्वती तालाब में स्नान करने गईं तो उनका रंग फिर से गोरा हो गया और उस तालाब से सांवले रंग की एक देवी प्रकट हुईं. उन्हें मां कौशकी का नाम दिया गया और माता पार्वती को इस दौरान से ही मां गौरी के नाम से जाना जाने लगा. जब मां तालाब में नहाने के बाद फिर से आईं तो उस दौरान उन्हें वो शेर वहीं पर बैठा मिला. मां भी शेर से काफी पसंद हुईं और उन्होंने उस शेर को अपनी सवारी बना लिया.
Oct 05 2024, 18:04