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गोविंदा की सेहत में सुधार, पत्नी सुनीता आहूजा ने बताया - कल तक मिलेगी अस्पताल से छुट्टी

एक्टर गोविंदा को मंगलवार 1 अक्टूबर को पैर में गोली लगने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. गोविंदा की ही लाइसेंसी रिवॉल्वर से गलती से गोली चल गई थी. हालांकि इस थ्योरी पर पुलिस को शक भी है. डॉक्टरों ने गोली सफलतापूर्वक निकाल ली है और उनकी हालात में काफी सुधार है. ऐसे में अब गोविंदा की पत्नी सुनीता आहूजा ने एक्टर की हेल्थ पर अपडेट दिया है. साथ ही बताया है कि उन्हें छुट्टी कब मिलेगी.

गोविंदा की पत्नी सुनीता आहूजा इस पूरे मामले में उनके साथ हैं और उनकी स्थिति के बारे में जानकारी देती रहती हैं. सुनीता ने कहा, “अभी उनकी हालत में सुधार है और डॉक्टर उन्हें कल तक छुट्टी दे देंगे. उनकी बेहतर तरीके से देखभाल की जा रही है. आप लोग भी ज्यादा परेशान मत होइए.”

भगवान के आशीर्वाद से वह ठीक हो रहे हैं’

सुनीता आहूजा ने कहा कि वह उनके शीघ्र स्वस्थ होने के लिए पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान कर रही हैं. सुनीता ने कहा, “मैंने उनके लिए पूजा-पाठ किया और भगवान के आशीर्वाद से वह ठीक हो रहे हैं. वो हीरो है, वैसे भी जल्दी ठीक हो जाएगा.” गोविंदा को जिस वक्त गोली लगी उस दौरान उनकी पत्नी मुंबई में नहीं थीं. पति को गोली लगने की खबर सुनकर सुनीता आहूजा तुरंत मुंबई आ गईं.

फैन्स से मिले प्यार के साथ-साथ उनका समर्थन गोविंदा और उनके परिवार के लिए बहुत बड़ी ताकत रहा है. सुनीता ने कहा, “हमें जो चिंता और समर्थन मिला है, उसके लिए हम बहुत आभारी हैं. यह हमारे लिए बहुत मायने रखता है और इससे गोविंदा को जल्दी ठीक होने में मदद मिल रही है.”

कैसे हुआ हादसा?

गोविंदा को गोली लगने की घटना को सुनकर शत्रुघ्न सिन्हा, डेविड धवन और जैकी भगनानी सहित कई बॉलीवुड हस्तियां एक्टर के हालचाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे. गोविंदा जब अपनी बंदूक साफ कर रहे थे, तभी वो गिर गई और गोली चल गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक्टर की बंदूक के लॉक का एक छोटा-सा हिस्सा पहले से टूटा हुआ था, इस वजह से ये हादसा हुआ है. हालांकि मामला संदेहास्पद है

फोन की स्टोरेज फुल होने की समस्या का समाधान: जानें कैसे बढ़ाएं अपने फोन की स्टोरेज

Smartphone तो हम लोग बहुत सालों से इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन फिर भी बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी भी नहीं है कि ऐप चलाते-चलाते भी फोन की स्टोरेज भर सकती है. जी हां, आपने सही पढ़ा ऐसा हो सकता है. आज हम आपको इसी बात की जानकारी देंगे कि ऐसा होता क्यों है, कैसे आप इस बात का पता कर सकते हैं और कैसे आप फोन की स्टोरेज को भरने से रोक सकते हैं?

फोन खरीदने के बाद हम लोग मोबाइल में जरूरत के हिसाब से ऐप्स इंस्टॉल करने लगते हैं, लेकिन इन ऐप्स को जैसे ही आप खोलते हैं इन ऐप्स की टेंपरेरी फाइल्स और कैशे फाइल्स क्रिएट होने लगती हैं. इन्हीं कैशे फाइल्स की वजह से धीरे-धीरे आपके फोन की स्टोरेज कम होने लगती है और आपको इस बात का पता भी नहीं चलता.

कैशे और टेंपरेरी फाइल्स के अलावा और भी कई कारण हैं जिस वजह से फोन की स्टोरेज भरने लगती है. ऐप का नया अपडेट आने के साथ ही ऐप का फाइल साइज धीरे-धीरे बढ़ने लगता है जिससे ऐप्स ज्यादा स्पेस घेरने लगते हैं.

स्टोरेज भरने की दिक्कत को ऐसे करें दूर

कैशे, टेंपरेरी फाइल्स को क्लियर करना ही काफी नहीं है. फोन में स्टोरेज बनाने के लिए जिन ऐप्स की अब आपको जरूरत नहीं है, उन मोबाइल ऐप्स को अनइंस्टॉल करें. फोटो और वीडियो स्टोर करने के लिए क्लाउड स्टोरेज का इस्तेमाल करें. इस काम के लिए आप Google Photos और OneDrive जैसे क्लाउड स्टोरेज का इस्तेमाल कर सकते हैं.

फोन में स्टोरेज को बचाने के लिए आप माइक्रोएसडी कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर आपके फोन में SD कार्ड स्लॉट है, तो आप फोटो, वीडियो और अन्य फाइल्स को SD कार्ड में ट्रांसफर कर सकते हैं. ऑटोमैटिक डाउनलोड्स को बंद करें, नहीं तो कई ऐप्स ऑटोमैटिकली फोटो, वीडियो और अन्य फाइल्स डाउनलोड कर लेते हैं.

फोन में स्टोरेज बचाना चाहते हैं तो ऑटोमैटिक डाउनलोड्स ऑप्शन को बंद कर दें. फोन को क्लीन करने के लिए किसी थर्ड-पार्टी क्लीनिंग ऐप का इस्तेमाल करके अपने फोन को नियमित रूप से क्लीन करें.

पुणे में बीजेपी को बड़ा झटका: हर्षवर्धन पाटिल शरद पवार की पार्टी एनसीपी में हो सकते हैं शामिल

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले पुणे जिले में भारतीय जनता पार्टी को झटका लग सकता है. सूत्रों के अनुसार इंदापुर से पूर्व बीजेपी विधायक हर्षवर्धन पाटिल शरद पवार की पार्टी एनसीपी में शामिल हों सकते हैं.

सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार सुबह 10 बजे हर्षवर्धन पाटिल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एनसीपी (एसपी) में शामिल हो सकते हैं. मुंबई में हर्षवर्धन पाटिल और उनकी बेटी अंकिता पाटिल ने शरद पवार से मुलाकात की. उनकी मुलाकात शरद पवार के सिल्वर ओक आवास पर हुई. संभावना है कि पार्टी में एंट्री को लेकर चर्चा हुई.

पाटिल बीजेपी में पुणे ही नहीं, महाराष्ट्र के लिए एक बड़ा चेहरा हैं. ऐसे में उनका जाना बीजेपी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है, क्योंकि पाटिल लगातार चार कार्यकाल 1995 से लेकर 2014 तक मंत्री पद पर रहने वाले कुछ मंत्रियों में से एक थे.

हालांकि साल 1995, 1999, 2004 में पाटिल निर्दलीय विधायक चुने गए थे, लेकिन सरकार का हिस्सा थे. लेकिन साल 2009 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में विधायक चुने गए थे. उन्हें मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के मंत्रिमंडल में एक बार फिर जगह मिली और सहकारिता और संसदीय मामलों का मंत्री नियुक्त किया गया.

2019 में बीजेपी में शामिल हुए थे हर्षवर्धन पाटिल

लेकिन 2014 में सत्ता आघाड़ी के हाथ से जाने के बाद पाटिल ने 5 साल का इंतजार किया और 5 साल बाद 2019 में हर्षवर्धन पाटिल ने बीजेपी का दामन थाम लिया. लेकिन महायुति में दरार पड़ी और नई आघाड़ी बनी और उद्धव सीएम बन गए, बीजेपी सत्ता से दूर हो गई ऐसे में पाटिल खाली हाथ रह गए, लेकिन ढ़ाई साल बाद समय बदला और उद्धव की सरकार गिर गई.

एकनाथ शिंदे सीएम बन गए बीजेपी के सहयोगी के रूप में, लेकिन मंत्री मंडल विस्तार आज तक नहीं हो पाया और पाटिल के दुबारा मंत्री बनने की ख्वाहिश अधूरी रह गई. अब उन्हें दुबारा आघाड़ी सत्ता में आती दिख रही है तो एनसीपी शरद गुट की तरफ झुकाव हुआ है. इंदापुर सीट पर उनकी खासी पकड़ है. उनकी मेल मुलाकात के बीच उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया में अपने स्टेट्स बदलने शुरू कर दिए और कमल या बीजेपी के बजाय तुतारी रख रहे हैं.

सात अक्तूबर को इंदापुर में रैली करेंगे शरद पवार

कुछ दिन पहले ही हर्षवर्धन पाटिल ने भी कहा था कि वह पितृपक्ष के बाद अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे. इसके बाद घट स्थापना के पहले दिन हर्षवर्धन पाटिल अपनी बेटी अंकिता पाटिल के साथ शरद पवार के मुंबई स्थित सिल्वर ओक आवास पहुंचे. वहां उन्होंने शरद पवार से चर्चा की. इस चर्चा के दौरान सुप्रिया सुले मौजूद रहीं.

एनसीपी शरद चंद्र पवार पार्टी के नेता शरद पवार 7 अक्टूबर को इंदापुर में रैली करेंगे. उस सभा में क्या हर्षवर्धन पाटिल एनसीपी में शामिल होंगे या नहीं? अगले एक-दो दिन में यह स्पष्ट हो जायेगा. लेकिन कहा जा रहा है कि इंदापुर से शरद पवार की पार्टी के उम्मीदवार हर्षवर्धन पाटिल होंगे.

सहरसा की 13 साल की प्राची कुमारी की अनोखी कविता: बेटी के सपने पर आधारित कविता ने जिले में मचाया धूम

सहरसा: एक तरफ जहां बच्चे किताबों से दूर और मोबाइल के गिरफ्त में आते जा रहे हैं, तो वहीं कई बच्चे ऐसे भी हैं, जो अपने जिज्ञासा को जगाकर एक नई उड़ान भर रहे हैं. सहरसा की रहने वाली 13 साल की छात्रा प्राची कुमारी आईपीएस अफसर बनना चाहती है और देश की सेवा करना चाहती है. जितना बड़ा प्राची का सपना है, उतना बड़ा काम प्राची कर रही हैं. काफी कम उम्र में ही प्राची ने कविता लिखना शुरू कर दिया है.

प्राची भले ही देखने में छोटी हैं, लेकिन उनकी कविता सुन आप भी दंग रह जाएंगे. उनकी कविता में वह कहानी है, जिसे सुन हर एक बेटी का हौसला खुद पर खुद बढ़ जायेगा.

दरअसल प्राची कुमारी ने बेटी के सपने पर एक कविता लिखी है, जिस कविता की चर्चा जिले में खूब हो रही है. यह कविता बेटी के सपने पर आधारित है. बेटी क्या सपना देखती हैं, आगे क्या बनना चाहती हैं और कैसे अपने परिवार का नाम रौशन करना चाहती हैं, इस कविता में वो तमाम उत्तर आपको मिल जायेगा.

इस बेटी की कविता को अगर आप पूरा सुन लेंगे, तो हर बेटी के मन में वह जुनून खुद पर खुद पैदा हो जाएगा और वह बेटी जरूर आगे कुछ कर पाएगी.

हौसलों से भरी अनोखी है कविता

मैं भी दुनिया में कुछ करना चाहती हूं, कुछ बनना चाहती हूं, चांद की तरह में चमकता चाहती हूं, नदी की तरह मुश्किलों का सामना करना चाहती हूं, अंधेरे में अपनी कामयाबी से उजाला करना चाहती हूं, मैं भी इस दुनिया में कुछ करना चाहती हूं कुछ बनना चाहती हूं. मैं किसी से कम नहीं, जो किसी के सामने झुक जाऊं, मैं अपने पापा की शेरनी हूं, तो क्यों मैं किसी से डर जाऊं. कुछ ऐसा बन के दिखलाऊं मैं, सब शान ऊंची कराऊं मैं, भगवान बस आपसे यही विनती कि कुछ बनकर दिखलाऊं मैं, कुछ कर के दिखलाऊं मैं. मैं सोचती हूं कि जब कुछ बनकर मैं आऊंगी, सब की शान में ऊंची कराआऊंगी.

हरियाणा विधानसभा चुनाव: नेताओं का दलबदलने का सिलसिला जारी, अशोक तंवर ने फिर थामा कांग्रेस का हाथ

हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार (5 अक्टूबर) को वोटिंग कराई जानी है, और इसके लिए चुनाव प्रचार अपने अंतिम चरण में है. लेकिन नेताओं का दलबदलने का सिलसिला चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तक बना हुआ है. एक दिन पहले बुधवार को हरियाणा में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी ने पाला बदलते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया. वहीं चुनाव प्रचार के अंतिम दिन अशोक तंवर ने भी पाला बदल लिया. तंवर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का साथ महज 8 महीने में छोड़ते हुए फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए.

इससे पहले इस साल 20 जनवरी को अशोक तंवर ने नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे. वह अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान सिरसा सीट से बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतरे थे. हालांकि उन्हें कांग्रेस की दिग्गज नेता कुमारी सैलजा के हाथों 2.50 लाख से अधिक मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था.

हरियाणा विधानसभा चुनाव: आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका, प्रत्याशी ने थामा कांग्रेस का दामन

हरियाणा में विधानसभा चुनाव प्रचार का आज गुरुवार को आखिरी दिन है. सभी प्रमुख दलों की ओर से चुनावी प्रचार तेज कर दिया गया है. हालांकि चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में आम आदमी पार्टी (AAP) को जोर का झटका लगा क्योंकि उसके प्रत्याशी ने पाला बदलते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया. पिछले 10 दिनों में AAP को इस तरह से यह दूसरा झटका है.

राज्य में शनिवार (5 अक्टूबर) को होने वाली वोटिंग से पहले करनाल जिले की सुरक्षित नीलोखेड़ी विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अमर सिंह अपनी पार्टी को झटका देते हुए बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस में शामिल होने के बाद अमर सिंह ने कहा कि केवल कांग्रेस ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार को हरा सकती है, जो लगातार “महिलाओं, किसानों, दलितों और अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय कर रही है.”

चुनाव को लेकर नहीं हो सका गठबंधन

पार्टी की ओर से जारी बयान में बताया गया कि अमर सिंह पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए. बाजवा ने अमर को औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल कराया.

आम आदमी पार्टी विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन पिछले महीने अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी और कांग्रेस के बीच विधानसभा चुनाव को लेकर गठबंधन नहीं हो सका और दोनों दल हरियाणा में अपने दम पर चुनाव लड़ रहे हैं.

चुनाव से पहले AAP को यह दूसरा झटका

हरियाणा में केजरीवाल की पार्टी को इससे पहले झटका फरीदाबाद के उम्मीदवार प्रवेश मेहता के रूप में लगा था जब पिछले महीने 28 सितंबर को AAP छोड़कर सत्तारूढ़ बीजेपी में शामिल हो गए थे. प्रवेश मेहता फरीदाबाद में केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, जो फरीदाबाद से बीजेपी के सांसद हैं, और हरियाणा बीजेपी नेता विपुल गोयल की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए.

इस बीच, अमर सिंह का स्वागत करते हुए बाजवा ने कहा कि वह बिना शर्त पार्टी में शामिल हुए हैं और “कांग्रेस उम्मीदवार (नीलोखेड़ी से) धर्मपाल गोंदर का पूरा समर्थन कर रहे हैं.” बाजवा ने यह भी उल्लेख किया कि अमर सिंह नीलोखेड़ी में सिख समुदाय के बीच खासे लोकप्रिय हैं.

वोट न बंटे इसलिए कांग्रेस से जुड़ाः अमर

नई पार्टी में शामिल होने के बाद अमर सिंह ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है. नीलोखेड़ी में भी यही स्थिति है. इस समय मुख्य लक्ष्य बीजेपी सरकार से छुटकारा पाना है, “जो किसानों, महिलाओं, दलितों और अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय कर रही है और केवल कांग्रेस ही इसे हासिल कर सकती है.”

अमर सिंह ने कहा कि अगर वह चुनाव लड़ते तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को होता. यह सुनिश्चित करने के लिए कि वोट बंटे नहीं, उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया.

नवरात्रि स्पेशल: मां दुर्गा के चमत्कार पर बनी 6 हिंदी फिल्में जो आपको देखनी चाहिए, देखे लिस्ट

हिंदी सिनेमा में एक्शम, ड्रामा और साई फाई फिल्मों के साथ-साथ हिंदुस्तानी कल्चर को ध्यान में रखकर भी कई फिल्में बनती रहती हैं. त्योहार हो या कोई बड़ी पूजा, इनके ईर्द-गिर्द राइटर्स कई सारी कहानियां बुन चुके हैं. 80 से 90 के दशक के लोग आज भी उन फिल्मों को देखना पसंद करते हैं, जिनमें भक्ति और भगवान पर आस्था देखाई देती है. आज से नवरात्रि शुरू हो रहे हैं. आज नवरात्रि का पहला दिन है. ऐसे में हम आपके लिए मां दुर्गा के रूपों के चमतकार पर बनी 6 हिंदी फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं.

जय संतोषी मां – हिंदी सिनेमा में मां संतोषी पर कई फिल्में बनी हैं, लेकिन 49 साल पहले रिलीज हुई फिल्म जय संतोषी मां के आज भी चर्चे होते रहते हैं. माता की भक्ति में लीन होने के लिए इस फिल्म को लोग आज भी देखना पसंद करते हैं. लोगों को यकीन है कि मां संतोषी उनपर भी वैसे ही कृसा बनाए रखेंगी, जैसे उन्होंने फिल्म में अपनी भक्त पर कृपा बनाए रखी थी. नवरात्रि में ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए.

जय माता की – माता वैष्णो पर तो न जाने कितनी फिल्में, टीवी शो और कितने गाने बनाए जा चुके हैं. कई फिल्मों में तो वैष्णो मां की पूरा कथा भी दिखाई गई है. लेकिन टीवी शो जय माता की में हेमा मालिनी ने माता रानी का किरदार निभाया है. इस सालों पुराने शो को आज भी लोग देखना पसंद करते हैं.

मां वैभव लक्ष्मी – साल 1989 में मां वैभव लक्ष्मी फिल्म रिलीज हुई थी. इस फिल्म में माता रानी की शक्ति ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया था. आदिर ईरानी और मीरा माधुरी ने अपने बेहतरीन काम से सभी को इंप्रेस किया था. भक्त और भगवान पर बनी इस फिल्म को आप नवरात्रि में जरूर देखें

मां का चमत्कार – साल 2004 में फिल्म मां का चमत्कार बड़े पर्दे पर रिलीज हुई थी. इस फिल्म में जया प्रदा और सौंदर्या जैसी दिग्गज एक्ट्रेसेस ने काम किया था. इस पिक्चर में साउथ की कई हस्तियां मौजूद थीं. नवरात्रि के दिनों में भक्ति में लीन होने के लिए आप इस फिल्म को फिर से देख सकते हैं. MX Player पर आपको ये फिल्म आसानी से मिल जाएगी

किसान और भगवान – दारा सिंह, फिरोज खान, जय श्री गाडकर और योगिता बाली जैसे दिग्गज कलाकारों से सजी फिल्म किसान और भगवान को काफी पसंद किया गया था. फिल्म के नाम से ही आधी कहानी समझ आ जाती है. आज भी इस पिक्चर को माता रानी के भक्त देखना पसंद करते हैं.

मां दुर्गा दिव्य हाथी – साउथ से लेकर हिंदी फिल्मों तक में काम कर चुकी दिग्गज एक्ट्रेस राम्या कृष्णन ने फिल्म मां दुर्गा दिव्य हाथी में मां दुर्गा का किरदार बड़े ही शानदार तरीके से निभाया था. इस पिक्चर को दर्शकों ने काफी पसंद किया था.

इजराइल के हमले में हसन नसरल्लाह के बाद दामाद हसन जाफर कासिर की मौत

इजरायल के हमले में लेबनान में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत हो गई थी। इस बीच खबर आई है कि हमले में कथित तौर पर हसन नसरल्लाह के दामाद हसन जाफर कासिर की मौत हो गई। 

स्काई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया के दमिश्क शहर के करीब हवाई हमले में उसके मारे जाने की संभावना है। हसन जाफर कासिर बुधवार को बेरूत में एक हवाई हमले में मारे गए मुहम्मद जाफर कासिर का भाई है। हसन की मौत हिजबुल्लाह के लिए एक और बड़ा झटका है। क्योंकि इजरायल के खिलाफ उसका नेतृत्व कमजोर हो रहा है।

कासिर बंधु 1982 के लेबनान युद्ध के बाद से आतंकवाद में गहराई से शामिल रहे हैं। अहमद कासिर अपनी कार में विस्फोटक भरकर एक इजरायली बेस में घुस गया था। इससे उसमें मौजूद विस्फोटक फट गया। लेबनान के इतिहास में यह पहला आत्मघाती हमला था। 

अहमद को हिजबुल्लाह के संस्थापकों में से एक इमाद मुगनिया की ओर से निर्देशित किया गया था। 2008 में दमिश्क में इसकी रहस्यमय तरीके से हत्या कर दी गई थी।

हिजबुल्लाह चीफ की बेटी से की शादी

हिजबुल्लाह के आधिकारिक समाचार बुलेटिन अल-अहद के मुताबिक, 'अहमद के हमले ने सभी शहीद अभियानों की शुरुआत को बढ़ाया। युवाओं के बीच प्रतिरोध की मशाल थी, जो अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए उत्सुक थे।' हिजबुल्लाह हर साल अहमद की मौत को शहीद दिवस के साथ मनाया जाता है। अहम के भाई मोहम्मद और हमास दोनों हिजबुल्लाह के रैंक में उभरे। मोहम्मद सीरिया से ईरानी हथियारों की डिलीवरी करवाता था। हसन ने हसन नसरल्लाह की बेटी से निकाह किया, जिससे ईरान और हिजबुल्लाह में उसके संबंध बढ़े।

अमेरिका ने घोषित किया था इनाम

मुहम्मद जाफर कासिर इतना कुख्यात था कि अमेरिका ने उसके मरने या पकड़वाने के लिए सूचना देने वाले को 10 मिलियन डॉलर के इनाम का ऐलान कर दिया। साल 2018 में अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने उसे विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकी घोषित किया। इसके मुताबिक अगर उसकी कोई भी संपत्ति अमेरिका में है तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।

खेत में खुदाई के दौरान मिली ऐतिहासिक मूर्ति: किसान के ट्रैक्टर से टकराया तो खुला इतिहास का राज

आंध्र प्रदेश के पालनाडु जिले में अमरेश्वर मंदिर के पास एक बौद्ध स्तूप है. वैसे तो सातवाहनों के समय यहां बौद्ध धर्म आया था, लेकिन यहां एक बार फिर से बौद्ध धर्म से जुड़े कुछ अवशेष पाए गए हैं. दरअसल, धरणी कोटा में हर दिन की तरह खेत में किसान काम कर रहे थे. खेत में ट्रैक्टर से जुताई के दैरान कुछ सामान ट्रैक्टर से टकराया तो पिचैया किसान के बेटे वेंकटराव ने वहां खुदाई की.

खुदाई के बाद मौके से दूधिया पत्थर मिला, जिसमें मूर्ति के कुछ आकार बने हुए हैं. इसे देखकर वेंकेटराव ने पुरातत्व विभाग के अधिकारी को इसकी सूचना दी. पुरातत्व विभाग के अधिकारी पिचैया किसान के खेत में गए, जहां उन्होंने मूर्ति को देखा तो बताया कि ये क्रिपू है. मूर्ति में बुद्ध की मां माया की पूजा होती हुई दिखाई दे रही है. मूर्ति के नीचे उस समय का एक शिलालेख भी बना हुआ दिखाई दिया है.

बौद्ध संग्रहालय में रखा जाएगा

किसान के खेत में मिली मूर्ति किस काल की है और मूर्ति पर लिखी हुई चीजें किस भाषा में हैं, इन सभी बातों का पता अभी नहीं चल पाया है. पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि अभी इसके बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है, जांच के बाद ही इसका पता चल पाएगा.

इस मूर्ति को अमरावती के बौद्ध

संग्रहालय में रखा जाएगा. पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने कहा कि धारणी किले में खुदाई किए जाने पर यहां और भी मूर्तियों के पाए जाने की संभावना है. यहां मिली मूर्ति संगमरमर कला से जुड़ी हुई है.

दुनिया भर से आते हैं लोग

अमरेश्वर मंदिर के पास बौद्ध स्तूप को दुनिया भर से लोग देखने के लिए आते हैं. सातवाहन काल में यहां बौद्ध धर्म के अनुयायी आए हुए थे. यहां से पाए गए बहुत से अवशेषों को संग्रहालय में सुरक्षित रखा जाता है. पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने कहा किया इसे संग्रहालय में लोगों को देखने के लिए रखा जाएगा

दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल का नया घर मिला, अशोक मित्तल के घर में रहेंगे पूर्व सीएम

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नया ठिकाना मिल गया है. कल यानी शुक्रवार को वो सीएम आवास खाली करेंगे. वह आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल के घर में रहेंगे. अशोक मित्तल का घर नई दिल्ली विधानसभा में है. सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल अगले एक से दो दिन में अपने नए घर में शिफ्ट हो जाएंगे.

आम आदमी पार्टी के नेताओं, पार्षदों, विधायकों और सांसदों ने केजरीवाल को अपना घर देने की पेशकश की थी. पूरी दिल्ली से जनता ने पूर्व सीएम को अपना घर देने की पेशकश की थी. 17 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपना सरकारी आवास और सभी सुविधाएं छोड़ने का ऐलान कर दिया था.

CM बनने के 10 साल बाद भी दिल्ली में अपना घर नहीं’

दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद ही केजरीवाल ने नए घर की तलाश तेज कर दी थी. आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया था कि पितृ पक्ष के खत्म होने और नवरात्र शुरू होने के बाद केजरीवाल वाल सीएम आवास छोड़ देंगे. वहीं, पिछले दिनों जंतर मंतर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा था कि सीएम बनने के 10 साल बाद भी उनके पास दिल्ली में अपना कोई घर नहीं है. इन 10 साल में मैंने आपके प्यार और आशीर्वाद के अलावा कुछ नहीं कमाया है

17 सितंबर को केजरीवाल ने दिया था CM पद से इस्तीफा

आम आदमी पार्टी (AAP) ने पत्र लिखकर केंद्र सरकार से उन्हें सरकारी आवास अलॉट करने की मांग की थी लेकिन इसको लेकर सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला. केजरीवाल 2015 से सिविल लाइंस के फ्लैगस्टाफ रोड स्थित आवास में रह रहे थे, जब वह दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आए थे. इस्तीफा देने से दो दिन पहले केजरीवाल ने कहा था कि दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा दे दूंगा. सीएम की कुर्सी पर तब तक नहीं बैठूंगा, जब तक दिल्ली की जनता दोबारा चुनकर ईमानदारी का सर्टिफिकेट नहीं दे देती.