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बड़ी खबर : सीतामढ़ी जिले के इस इलाके मे टूटा बागमती नदी पर बना तटबंध, कई गांव में घूसा पानी

डेस्क : नेपाल की तराई क्षेत्र में दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश और नेपाल की ओर से पानी छोड़े जाने के बाद बिहार के कई जिले जलमग्न हो गए है। सीमांचल के गंगा समेत सभी नदिया उफान पर है। वहीं कई जिलों में बाढ़ का पानी घूस गया है। लाखों की आबादी बाढ़ से प्रभावित है।

इसी कड़ी में सीतामढ़ी जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां जिले में बहने वाली बागमती, अधवारा समूह की नदियां उफान पर है। बेलसंड के मधकौल में बागमती नदी के उत्तर तरफ के तटबंध टूट जाने से गांव मढ़कौल, मरार, जाफरपुर, ओलीपुर गांव में बागमती का पानी तेजी से फैल रहा है।

ग्रामीणों में द्वारा उक्त बांध के टूट जाने की जानकारी वरीय अधिकारी को दे दी गई है। हालाँकि लोगों को अभी अभी सरकारी मदद का इन्तजार है।

मिली जानकारी के अनुसार आस पास के तकरीबन आधा दर्जन गांव उक्त बाढ़ से प्रभावित हो गए है। जिसमें सैकड़ो घर प्रभावित हुए है।

बिहार में बाढ़ : सीमांचल इलाके के इन रेल खंडों पर स्टेशनों पर चढ़ा बाढ़ का पानी, रेल परिचालन बाधित

डेस्क : नेपाल में भारी बारिश और दोनों बराजों से रिकार्ड पानी के डिस्चार्ज से बिहार के सीमांचल में कोसी-गंडक ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। इनमें पानी लबालब है। इसके कारण चंपारण से किशनगंज और सुपौल से कटिहार तक के 20 से अधिक जिलों में बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए हैं। निचले इलाके में तेजी से पानी फैलने भी लगा है।

आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार 13 जिलों के करीब 1.41 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। बागमती के जलस्तर में बढ़ोतरी से शनिवार देर शाम सीतामढ़ी में बैरगनिया के रिंग बांध से दो जगहों पर रिसाव शुरू हो गया। उधर, नेपाल के करवाना व धर्मपुर में बागमती का बांध टूट गया। इससे बैरगनिया के लोग भी दहशतजदा हैं।

वही बाढ़ के कारण रेल सेवा भी प्रभावित हुई है। भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित जोगबनी रेलवे स्टेशन और रेलवे ट्रैक पर पानी आ जाने के कारण कटिहार-जोगबनी और दरभंगा सहरसा जोगबनी रेलखंड पर चलने वाली सभी ट्रेनों का परिचालन फारबिसगंज रेलवे स्टेशन से ही होगा।

ट्रेनों के जोगबनी स्टेशन पर जाने पर आज रोक लगा दी गई है और बकायदा फारबिसगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक पर हेल्प डेस्क बनाकर यात्रियों को हो रही असुविधाओं को लेकर जानकारी दी जा रही है।

जोगबनी से खुलने और पहुंचने वाली सभी यात्री और एक्सप्रेस ट्रेनों को फारबिसगंज स्टेशन पर ही रोककर फारबिसगंज से परिचालन किया जा रहा है,जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रवासी बिहारियों के लिए राज्य सरकार का बड़ा निर्णय, तत्काल मदद के लिए बनेगा विशेष कोषांग

डेस्क : देश के दूसरे राज्यों में काम करने वाले प्रवासी बिहारियों के लिए सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। आपदा के दौरान की उनकी तत्काल मदद करने का श्रम संसाधन विभाग ने निर्णय लिया है। इसके तहत दिल्ली में अवस्थित बिहार भवन से लेकर राज्य मुख्यालय में मौजूद अधिकारी अनवरत एक-दूसरे से जुड़े रहेंगे। एक विशेष कोषांग का भी गठन किया जाएगा। इसको लेकर नये पदों का सृजन भी किया गया है ताकि विशेष सेल का गठन किया जा सके।

बताया जा रहा है कि जाति आधारित गणना के अनुसार बिहार से बाहर रहकर 45 लाख 78 हजार से अधिक लोग देश के दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं। पांच लाख 52 हजार बिहारी छात्र दूसरे राज्यों में पढ़ाई करते हैं। वहीं विदेशों में पढ़ाई करने वालों की संख्या 23 हजार 738 है। यदा-कदा इन प्रवासी बिहारियों को कुछ न कुछ समस्या होते रहती है।

ऐसे में दिल्ली में अवस्थित स्थानिक आयुक्त के माध्यम से प्रवासियों को बिहार लाने का इंतजाम किया जाता है। लेकिन इसमें परेशानी होती है। इस समस्या का स्थायी निदान के लिए ही विभाग प्रवासी सेल बनायेगा। अभी वहां श्रम अधीक्षक कार्यरत हैं।

श्रम संसाधन विभाग के मुख्यालय में भी प्रवासी कोषांग बनाकर श्रम अधीक्षक, सहायक श्रमायुक्त और उप श्रमायुक्त का पद सृजित किया गया है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक इस सेल में एक टेलीफोन नंबर रहेगा जिसे सार्वजनिक किया जाएगा।

बिहार के बालू माफियाओं के खिलाफ कसेगा शिंकजा, 13 जिलों के माफियाओं को ईओयू करेगा तड़ीपार

डेस्क : बिहार में बालू का अवैध कारोबार कर अकूत संपत्ति हासिल किए माफियाओं को खिलाफ अब शिकंजा कसने जा रहा है। प्रदेश 13 जिलों के बालू माफिया को आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) तड़ीपार करेगा। इसके अलावा गैरकानूनी अर्थिक गतिविधि में संलिप्त वाले भी नपेंगे। आर्थिक अपराध इकाई ने संबंधित जिलों के डीएम से प्रस्ताव मांगा है। 

ईओयू के पुलिस अधीक्षक ने पटना, गया, छपरा, आरा, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, लखीसराय, बांका, खगड़िया, नवादा और जहानाबाद के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा है। पत्र के मुताबिक अब हरेक दो माह में इन जिलों से मिली रिपोर्ट की समीक्षा भी की जाएगी। ईओयू को प्रस्ताव भेजने से पहले डीएम ने भागलपुर के एसएसपी और नवगछिया के एसपी से चिह्नित अपराधियों के खिलाफ प्रस्ताव भेजने को कहा है। डीएम ने एक सप्ताह का वक्त दिया है। ताकि समय से आर्थिक अपराध इकाई को बालू माफिया के खिलाफ बिहार अपराध नियंत्रण कानून 2024 में प्रस्ताव भेजा जा सके।

गौरतलब है कि इसी साल राज्य सरकार ने नया कानून बनाकर डीएम को बालू माफिया और गैरकानूनी अर्थिक गतिविधि में संलिप्त रहने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने संबंधित प्रस्ताव देने की शक्ति दी है। नए कानून में डीएम को जेल भेजने तक का पावर दिया गया है। अपराधी यदि कई संगीन मामले में वांछित हैं तो ऐसे लोगों के खिलाफ छह माह तक जिला-राज्य से बेदखली का अधिकार भी डीएम को मिला है। गया है। पुलिस विभाग ने विभिन्न थानों में बालू के अवैध कारोबार में संलिप्त रहने वाले अपराधकर्मियों के खिलाफ दर्ज केस को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

मौसम का मिजाज : बिहार में आज भी होगी बारिश, मौसम विभाग ने इन 8 जिलों में भारी बारिश का जारी किया अलर्ट

डेस्क : बिहार में एकबार फिर से मानसून के सक्रिय होने के कारण पूरे प्रदेश में पिछले चार-पांच दिनों से झमाझम बारिश हो रही है। इसी बीच मौसम विभाग ने आज रविवार को बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है।

मौसम विभाग ने आज रविवार को सात जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट है तो उत्तर बिहार के साथ ही दक्षिण-पश्चिम और पटना सहित दक्षिण-मध्य भागों के एक या दो स्थानों पर गरज व तड़क के साथ बारिश के आसार जारी किया है।

बीते शनिवार को राजधानी सहित प्रदेश के अधिकतर शहरों में बारिश हुई। इस कारण राज्य में औसतन 29.1 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। पश्चिमी चंपारण में 163.9, पूर्वी चंपारण में 126.3, गोपालगंज में 91.7, किशनगंज में 79.8, सुपौल में 54.9, सीवान में 53.3 मिमी वर्षा हुई।

50 साल बाद 'कोसी' ने फिर मचाया हाहाकार, उत्तर बिहार के बाढ़ में डूबने का डर, गंगा और कोसी उफान पर

डेस्क: बिहार में गंगा और कोसी नदी एक बार फिर पूरे उफान पर है जिस वजह से राज्य पर गंभीर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. एक तरफ जहां गंगा में बढ़ते जल स्तर की वजह से 13 जिले बुरी तरह प्रभावित हैं अब वहीं कोसी नदी में जल स्तर में भारी वृद्धि की वजह से उत्तर बिहार और सीमांचल के भी जलमग्न होने की आशंका है.

रिपोर्ट के मुताबिक 50 साल बाद कोसी नदी में इतना पानी देखा जा रहा है जो उत्तर बिहार के कई जिलों को डुबा सकता है. लोगों में इसको लेकर हाहाकार मचा हुआ है.

वहीं इसको लेकर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बिहार सरकार ने शनिवार को वाल्मिकीनगर और बीरपुर बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद राज्य के उत्तरी और मध्य हिस्सों में उफनती कोसी, गंडक और गंगा नदियों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है.

राज्य जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने बताया कि कोसी नदी पर बीरपुर बैराज से दोपहर तक कुल 5.7 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो हाल के दिनों में सबसे अधिक है. उन्होंने कहा कि तटबंधों की सुरक्षा के लिए सभी उपाय सुनिश्चित किये जा रहे हैं. इसी तरह वाल्मिकीनगर बराज से दोपहर तक 4.20 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.

पिछले दो-तीन दिनों से लगातार बारिश के बाद राज्य भर में कई नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है. नेपाल के कई क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण कई स्थानों पर नदियां खतरे के स्तर को छू रही हैं या खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं.

इन दोनों बैराजों से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद नदी का अतिरिक्त पानी पश्चिम चंपारण के जोगापट्टी, नौतन, गौनाहा, बगहा-1, बगहा-2, रामनगर, मझौलिया और नरकटियागंज ब्लॉकों के निचले इलाकों और पूर्वी चंपारण के कई इलाकों में प्रवेश कर गया है. बिहार के कई जिलों में पहले ही अलर्ट जारी कर दिया गया है क्योंकि आईएमडी ने भारी बारिश की चेतावनी दी है और कहा है कि कई हिस्सों में कम से मध्यम बाढ़ आ सकती है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा शुक्रवार को जारी बुलेटिन में कहा गया है कि पश्चिम और पूर्वी चंपारण, सीतामढी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, पटना, जहानाबाद, मधुबनी और भोजपुर जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है. कहा गया है कि इन इन जिलों में अगले 24 घंटों में कम से मध्यम बाढ़ का खतरा है.'

वहीं दूसरी तरफ लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ से नेपाल में कम से कम 39 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है. नेपाल के कुछ हिस्से शुक्रवार से भारी बारिश की वजह से जलमग्न हो गए हैं, जिससे आपदा प्रबंधन अधिकारियों को अचानक बाढ़ की चेतावनी देनी पड़ी है.

भारी बारिश की वजह से काठमांडू में नौ, ललितपुर में 16, भक्तपुर में पांच, कावरेपालनचौक में तीन, पंचथर और धनकुटा में दो-दो और झापा और धाडिंग से एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई है जबकि कुल 11 लोग लापता हैं.

यूट्यूबर को गोली मारने की धमकी देने का आरोप: पवन सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज!

भोजपुरी सह पावर स्टार पवन सिंह के खिलाफ बिहार में एफआईआर दर्ज कराया गया है. पवन सिंह पर हत्या की धमकी देने का आरोप लगाया गया है. मामला पवन सिंह और उनकी पत्नी से जुड़ा हुआ है. इस मामले में एक महिला यूट्यूबर को गोली मारने की धमकी दी जा रही है.

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के पावर स्टार पवन सिंह एक बार फिर विवाद में आ गए हैं. पटना के कदमकुआं थाना में पावर स्टार के खिलाफ हत्या की धमकी देने के आरोप में केस दर्ज किया गया है. दर्ज केस में पवन सिंह के ऊपर एक महिला यूट्यूबर को गोली मारने की धमकी देने का आरोप है. इस मामले में महिला यूट्यूबर के आवेदन पर केस दर्ज होने के बाद पुलिस छानबीन में जुट गयी है.

"महिला रिपोर्टर के लिखित बयान कर केस दर्ज किया गया है. मामले की छानबीन की जा रही है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी." -राजीव कुमार, थानाध्यक्ष, कदमकुआं

पवन सिंह की पत्नी से जुड़ा है मामलाः बता दें कि यह विवाद पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह से जुड़ा हुआ है. एक यूट्यूब चैनल पर एक फोन कॉल का रिकॉर्डिंग वायरल हो रहा है जिसमें पवन सिंह की पत्नी और एक शख्स की बातचीत हो रही है. जिसमें सामने वाला शख्स से बात करते हुए कथित रूप से ज्योति सिंह पवन सिंह पर कई आरोप लगा रही है. यह ऑडियो वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ लिया है. इसी सिलसिले में पवन सिंह के समर्थक और यूट्यूबर दोनों ओर से मामला दर्ज कराया गया है.

दोनों ओर से दर्ज एफआईआर का आवेदन

पवन सिंह के खिलाफ केस दर्जः पवन सिंह के खिलाफ पटना के कदमकुआं थाना में आवेदन दिया गया है. जिसमें पवन सिंह के समर्थक के द्वारा हत्या की धमकी देने का आरोप है. यूट्यूब चैनेल की मालिक बबिता मिश्रा ने यह एफआईआर दर्ज करायी है. उसने आवेदन में बताया कि 23 सितंबर की शाम 9:30 बजे न्यूज की गाड़ी से ड्राइवर के साध घर लौट रही थी. इसी दौरान 2 बाइक सवार 4 लोग हेलमेट पहने हुए गाड़ी के आगे आ गए और गाड़ी रोक दी.

कपार में गोली मार देंगे

हथियार दिखाते हुए उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि 'ज्योति सिंह और पवन सिंह के बारे में किसी भी न्यूज वाले को इंटरव्यू देना बंद करो. अपने सोशल मीडिया एकाउंट से भी पावर स्टार पवन भैया के बारे में कुछ नहीं बोलेगी. पवन भैया बहुत गुस्सा हैं. अपना मुंह बंद रखोगी नहीं तो तुम्हारे कपार में गोली मार देंगे.' बबिता मिश्रा ने आरोप लगाया है कि पवन सिंह के निर्देश पर इस घटना को अंजाम दिया गया है.

पवन सिंह के समर्थक भी दर्ज कराया केसः

एक और एफआईआर पवन सिंह के समर्थक के द्वारा लखनऊ पुलिस में की गयी है. बलवंत सिंह नामक शख्स ने एक यूट्यूब चैनेल, उसके एंकर सहित कई लोगों पर पवन सिंह की शादीशुदा जिंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया है. बलवंत सिंह ने कहा कि बबिता मिश्रा, एंकर अमित झा के द्वारा पवन सिंह के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उनकी छवि को धूमिल किया जा रहा है.

ज्योति सिंह को आत्महत्या के लिए उकसा रहे हैं

: बलवंत सिंह ने आरोप लगाया है कि चैनल के मालिक के द्वारा पवन सिंह की पत्नी को आत्महत्या करने के लिए उकसाया जा रहा है. कहा कि पवन सिंह की जिंदगी साजिश के तहत बर्बाद किया जा रहा है. कहा कि पवन सिंह और उनकी पत्नी का कुछ वीडियो यूट्यूब पर दिखाकर उनकी शादीशुदा जिंदगी खराब कर रहे हैं.

कौन है ज्योति सिंह?

बता दें कि पवन सिंह और उनकी पत्नी के बीच तलाक का केस आरा कोर्ट में चल रहा है. लोकसभा चुनाव से पहले तलाक को लेकर लगातार सुनवाई हो रही थी लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही मामला शांत होने लगा. पवन सिंह काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े थे. इस दौरान उनकी पत्नी ज्योति सिहं उनके लिए खूब प्रचार-प्रसार की थी. चर्चा थी कि पवन सिंह और उनकी पत्नी के बीच सबकुछ ठीक हो गया है. बता दें कि पवन सिंह और ज्योति सिंह की शादी 2018 में हुई थी.

पहली पत्नी की हो चुकी है मौतः बता दें कि पवन सिंह की ज्योति सिंह के साथ दूसरी शादी है. इससे पहले 2014 में पवन सिंह की शादी प्रिया कुमारी से हुई थी, लेकिन एक साल के अंदर ही प्रिया सिंह ने मुंबई स्थित फ्लैट में आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद पवन सिंह की जिंदगी में ज्योति सिंह आयी. धूमधाम से पवन सिंह ने शादी की थी लेकिन अब दोनों में तलाक का केस चल रहा है.

बड़ी खबर : बिहार में एकबार फिर बड़ा प्रशासनिक फेर-बदल, सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी की अधिसूचना

डेस्क : बीते कुछ दिनों से बिहार मे बड़े पैमाने पर अधिकारियों के स्थानांतरण का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी आज एकबार फिर बड़ा प्रशासनिक फेर-बदल किया है। बिहार प्रशासनिक सेवा के 29 अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से तबादले की अधिसूचना जारी कर दी गई है।

प्रदेश की नीतीश सरकार ने बिहार प्रशासनिक सेवा के 29 अधिकारियों का तबादला किया है। गोपालगंज में नए जिलाधिकारी की पोस्टिंग की गई है। समाज कल्याण विभाग के निदेशक प्रशांत कुमार सी.एच. को गोपालंगज का नया डीएम बनाया गया है।

वहीं पूर्वी चंपारण की वरीय उप समाहर्ता रश्मि सिंह को आरा सदर का एसडीओ बनाया गया है। पटना के वरीय उप समाहर्ता सतीश रंजन को सुपौल का जिला भू अर्जन पदाधिकारी बनाया गया है। शशांक राज को जहानाबाद का जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, अजमल खुर्शीद को कटिहार का जिला भू अर्जन पदाधिकारी बनाया गया है।

वहीं जहानाबाद में नए अनुमंडल पदाधिकारी की पोस्टिंग हुई है। सारण के वरीय उपसमाहर्ता राजीव रंजन सिंह जहानाबाद के एसडीओ होंगे जबकि जहानाबाद के एसडीओ विकास कुमार को स्थानांतरित कर पटना का वरीय उप समाहर्ता बनाया गया है।

बिहार के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारियों के सेंट्रल डेप्युटेशन और रिजाइन करने का सिलसिला जारी, आखिर क्या है इसके पीछे वजह !

डेस्क : बिहार में गिरती कानून व्यवस्था और कामकाज जहां विपक्ष के निशाने पर है, वहीं अब सरकार के बड़े अधिकारी भी बिहार से मुंह मोड़ने लगे हैं। पिछले कुछ दिनों में हुई घटनाक्रम पर नजर डाले तो बिहार से बड़े अधिकारियों की रुखसती इस बात की गवाही दे रही है। खासकर बिहार कैडर के तेज-तर्रार और ईमानदार छवि के लिए लोगों के बीच जाने जाने वाले आईएएस और आईपीएस अधिकारी या तो रिजाईन कर रहे है या फिर सेंट्रल डेप्युटेशन पर जा रहे है।

आईएएस अधिकारियों की बात बाद में करेगे। पहले आईपीएस अधिकारियों की बात करते है। हाल फिलहाल में बिहार के डीजीपी राजविंदर सिंह भट्टी अपना कार्यकाल पूरा होने से एक साल पहले ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए हैं। दरभंगा में ग्रामीण एसपी के पद पर तैनात तेज-तर्रार आईपीएस काम्या मिश्रा जिन्हें बिहार में 'लेडी सिंघम' के नाम से जाना जाता था। उन्होंने आईपीएस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। वहीं उसके बाद बिहार में सिंघम के नाम से जाने जानेवाले पूर्णिया रेंज के शिवदीप लांडे ने अचानक अपने सोशल मीडिया के फेसबुक पर आईपीएस की नौकरी से इस्तीफा देने का एलान कर तहलका मचा दिया।

आइए सबसे पहले जानते है हाल फिलहाल में बिहार के इन तीन आईपीएस अधिकारियों के विषय में जिन्होने या तो आईपीएस की नौकरी से त्याग-पत्र दे दिया है। या फिर केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए।

सबसे पहले हम बात करते है बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक राजविंदर सिंह भट्टी की। जिन्होंने अपने डीजीप के डेढ़ साल बचे होने के बाद भी केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए।

राजविंदर सिंह भट्टी

बिहार में जब भी अपराध और पुलिस की चर्चा होती है, तो उसमें 1990 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस राजविंदर सिंह भट्टी का नाम भी लिया जाता है। अपने कार्यकाल में बिहार के अपराधियों के लिए वह खौफ थे जिनका नाम सुनते ही बड़े से बड़े अपराधी कांप जाते थे। आईपीएस आरएस भट्टी अपने प्रोबेशन में वर्ष 1991-92 में भागलपुर पहुंचे थे। यह वह दौर था जब बिहार में अपराध अपने चरम पर था और उस समय अपराधियों से पुलिस वाले भी खौफ खाते थे। ऐसा ही हाल भागलपुर का भी था। यहां भी अपराधियों की तूती बोलती थी। यहां कई गिरोह सक्रिय थे। उस समय आरएस भट्टी ने यहां के अपराधियों पर जो नकेल कसी, जिसे आज तक याद किया जाता है।

काम्या मिश्रा

बिहार में लेडी सिंघम के नाम मशहूर आईपीएस काम्या मिश्रा 2019 की आईपीएस अधिकारी है। पहले उन्हें हिमाचल कैडर मिला, लेकिन उन्होंने बाद में अपना कैडर बिहार करा लिया। महज पांच साल के अपने कार्यकाल में काम्या मिश्रा ने ऐसे ऐसे केस सुलझाए जिसके बाद उन्हे लेडि सिंघम कहा जाने लगा। नौकरी से त्याग-पत्र उन्होंने दरभंगा के ग्रामीण एसपी के पद पर रहते हुए दिया है। हालांकि अभी उनका इस्तीफा मंजूर नही हुआ है। वहीं बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता के जघन्य हत्याकांड का केस भी वही देख रही हैं।

शिवदीप लांडे

2006 बैच के IPS शिवदीप लांडे वो आईपीएस अधिकारी है जिन्हें आज भी राजधानी पटना की लड़कियां याद करती है। अपने राजधानी पटना के वतौर पुलिस कप्तान स्कूल-कॉलेज की लड़कियों के लिए वो काम किया जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। लड़कियों के अलावे उनके माता-पिता के लिए लांडे देवता समान हो गए थे। लांड की पहली पोस्टिंग बिहार के नक्सल प्रभावित जिले मुंगेर के जमालपुर में की गई। इसके बाद उन्होंने बिहार की राजधानी पटना समेत पूर्णिया, अररिया और रोहतास में बड़े पदों पर नौकरी की। कुछ ही सालों में IPS शिवदीप की छवी सुपरकॉप की बन गई। उन्होंने कई आरोपियों को सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

क्यों बिहार छोड़ रहे नीतीश के भरोसेमंद अफसर?

सबसे बड़ी बात यह है कि ये सभी अधिकारी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पसंदीदा और भरोसेमंद रहे है। ऐसे में बड़ा सवाल उठ रहा है कि आखिर नीतीश कुमार के भरोसेमंद अधिकारी इन दिनों दिल्ली पलायन और त्याग-पत्र क्यों दे कर रहे हैं? वो भी ऐसे अधिकारी, जिन्हें नीतीश कुमार ने बड़े-बड़े विभागों की जिम्मेदारी सौंप रखी थी।

वैसे तो त्याग-पत्र देने वाले अधिकारियों ने अपना निजी और पारिवारिक कारण बताया है। अमूमन जैसा कि त्याग-पत्र देने वाले बड़े अधिकारी हमेशा कहते है। कोई अधिकारी त्याग-पत्र देने के पीछे की असली वजह को सामने नहीं लाता। फिर भी अधिकारियों के पलायन और त्याग-पत्र देने के पीछे 3 मुख्य वजहें बताई जा रही हैं।

पहली सबसे बड़ी वजह राजनीति बताई जा रही है। पिछले 10 साल में बिहार में 3 पार्टियां ही बिहार में समय समय पर शासन करती आ रही है। वहीं किसी भी मुद्दे पर इन पार्टियों की रडार में नेता और मंत्री से ज्यादा अधिकारी ही होते हैं। सत्ता का परिवर्तन होते ही अधिकारियों पर दबाव बढ़ जाता है।

दूसरी वजह प्रशासनिक है। कहा जा रहा है कि बिहार में सीएम नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द जो पावरफुल अफसर हैं, उनमें अधिकांश रिटायर हो चुके हैं। इतना ही नहीं, सीएमओ के करीब कई अफसर तो लंबे वक्त से बड़े पदों पर बैठे हुए हैं। इन्हीं के कामकाज के हस्तक्षेप की वजह से अधिकारी पटना से दिल्ली की ओर पलायन कर रहे हैं या फिर रिजाइन कर रहे है।

तीसरी वजह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में मिलने वाला पद, राजनीति में प्रवेश या फिर किसी बड़े कंपनी में बड़ा ओहदा भी है। कहा जा रहा है कि बिहार से दिल्ली आ रहे अधिकारियों को तुरंत केंद्र में बड़े पद मिल जा रहे हैं। जैसे कि राजविंदर सिंह भट्टी को सीआईएसफ की कमान मिल गई है। वैसे ही बीते कुछ वर्षो में देखे तो कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी राजनीतिक पार्टी ज्वाईन किये है। या फिर किसी बड़ी कंपनी में बड़े पद पर आसीन है।

बिहार पुलिस के सभी अधिकारियों और कर्मियों की छुट्टियां 5-16 अक्टूबर तक रद्द, पुलिस मुख्यालय ने जारी किया आदेश

डेस्क : दुर्गा पूजा के दौरान कानून-व्यवस्था और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए राज्य पुलिस मुख्यालय ने बड़ा निर्णय लिया है। पुलिस मुख्यालय ने 5 से लेकर 16 अक्टूबर तक सभी अधिकारियों और कर्मियों की छट्टियां रद्द कर दिया है। इसको लेकर आज शुक्रवार को आदेश जारी हुआ है।

मुख्यालय की ओर से जारी आदेश मे कहा गया है कि दुर्गा पूजा के दौरान बड़ी संख्या में लोग घूमने निकलेंगे। पूजा के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। वहीं मेला घूमने निकलने वाले लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसके लिए सभी अधिकारियों और कर्मियों की छुट्टियां 5 से 16 अक्टूबर तक रद्द की जाती है। हालांकि किसी की विशेष परिस्थिति में छुट्टी दी जा सकती है।

बता दें अगले माह तीन अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो रही है। ऐसे में दुर्गा पूजा के मौके पर बिहार भर में मेले का आयोजन होता है। लोग पूजा-पंडाल और मूर्ति देखने के लिए जाते हैं। ऐसे में दुर्गा पूजा के दौरान कानून-व्यवस्था और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए राज्य पुलिस मुख्यालय की ओर से आज शुक्रवार 27 सितंबर को आदेश जारी किया गया है।