नवादा :- फिर से फुदकने लगे अवैध कोयला व्यवसायी, उड़ती धूल बन रहा सड़क दुर्घटनाओं का कारण
नवादा जिले के नेशनल हाईवे 20 पर रजौली थाना क्षेत्र के हरदिया में सड़क किनारे बरसात खत्म होते ही कोयले के डस्ट का अवैध कारोबार एक बार फिर पनपने लगा है।
रजौली पुलिस की नाक के नीचे काले हीरे की चोरी का कारोबार माफियाओं व दलालों की सांठगांठ के बाद पुलिस के भय को नकारते हुए एक बार पुनः पैर पसारना शुरू कर दिया है। काले हीरे बेचने के नाम पर कोयला माफियाओं द्वारा कोयले के डस्ट का कारोबार किया जाता रहा है।झारखंड की ओर से आने वाले कोयला लदे ट्रकों को एनएच-20 पर सड़क के किनारे बने कोयला माफियाओं के डंपिंग यार्ड में रोक कर ट्रक चालक की मिलीभगत से काले हीरे के नाम से कोयले को उतार लिया जाता है।
कोयला उतारने के बाद झारखंड के कोल फिल्ड क्षेत्र से आने वाले कोयले के फेंके हुए डस्ट को बराबर की मात्रा में इसमें मिलाकर व पानी डाल कर बगल के आगे-पीछे स्थित धर्मकांटे पर उसका वजन कराकर उसे निर्धारित गंतव्यों की ओर रवाना कर दिया जाता है । मिलावटी कोयले की भनक कोयला मंगाने वाले व्यवसाइयों को भी नहीं होती। उन्हें यह जानकारी नहीं होती कि लाया गया कोयला ऑरिजनल है या मिलावटी।
उन्हें तब पता चलता जब इंट भट्ठेदार उसे इंट पकाने के काम में लगाने लगते हैं। देर से जलने वाले कोयले के कारण ईंट अच्छा से नहीं पक पाता है। जब तक उन्हें समझ में आता है,तब तक काफी देर हो चुकी होती है। ट्रक वाले पैसे लेकर जा चुके होते हैं।मिली जानकारी के मुताबिक पटना- रांची एनएच सड़क के किनारे रजौली से फतेहपुर तक दर्जनों लोगों द्वारा अवैध कोयले डिपो का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है।
अवैध कोयला डिपो पर पुलिस की कार्रवाई नहीं होने से बेखौफ होकर कोयला का अवैध कारोबार चल रहा है व सरकार के राजस्व को चुना लग रहा है। एनएच-20 के किनारे प्रतिदिन हजारों बाइक सवारों का आवागमन होता है। ऐसे में अवैध कोयला डिपो में डस्ट के मिलावट के दौरान अत्यधिक मात्रा में डस्ट उड़ते रहता है,जिससे बाइक सवारों का चलना दूभर हो गया है। कोयले के डस्ट बाइक सवारों के नाक एवं आंख में घुस जा रहा है जिससे बाइक सवारों की सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही है।
ग्रामीण गोपाल सिंह,सूरज कुमार,पिन्टू कुमार के अलावे दर्जनों लोगों ने बताया कि कोयले के छोटे-छोटे कण हवा में बिखर जाते हैं, जिससे वातावरण में अधिक दिनों तक सांस लेने से कई तरह की श्वास संबंधी बीमारियां होती हैं। कोयले की धूल के लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों को फेफड़े के कैंसर और अन्य बीमारियां होने की संभावना होती है। बावजूद पुलिस एवं प्रशासन चुप्पी साधे बैठी है।
नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
Sep 25 2024, 15:37