/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif StreetBuzz कल मनाया जाएगा जीवित्पुत्रिका पर्व, बच्चों के लिए मां करती है ये कठिन व्रत Bhadohi
कल मनाया जाएगा जीवित्पुत्रिका पर्व, बच्चों के लिए मां करती है ये कठिन व्रत

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सनातन धर्म में जीवित्पुत्रिका पर्व का विशेष महत्व है। इस व्रत को करने से संतान की आयु लंबी होती है। इस व्रत में महिलाएं 24 घंटे तक अनवरत निर्जला उपवास रखती हैं। इस व्रत के पुण्य प्रताप से व्रती के बच्चे तेजस्वी ओजस्वी और मेधावी होते हैं। सनातन पंचांग के अनुसार इस बार 24 सितंबर को दिन बुधवार यानी कल है। यह जीवित्पुत्रिका व्रत है। पूर्वांचल की महिलाएं इसे जिउतिया भी कहती हैं। यह पर्व हर वर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

इस दिन विवाहित स्त्रियां व्रत रखती हैं।इस व्रत के पुण्य प्रताप से संतान दीर्घायु होता है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि जितिया करने वाले व्रती के संतान की रक्षा स्वंय भगवान श्रीकृष्ण करते हैं। जिले में जिउतिया व्रत को लेकर महिलाओं ने तैयारियां शुरू कर दी है। महिलाएं बाजारों में खरीदारी करने के साथ ही व्रत की तैयारियाें में जुटी हैं। 24 घंटे तक निर्जला उपवास का यह कठिन व्रत महिलाएं अपने संतान की लंबी और आरोग्य पूर्ण आयु के लिए रखती हैं।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत युद्ध के दौरान अश्वत्थामा ने पिता की मौत से नाराज होकर पांच लोगों को पांडव समझकर मार डाला।

यह सभी द्रौपदी की पांच संतानें थी। जिसपर अर्जुन अश्वत्थाम को बंदी बनाकर उनकी दिव्य मणि छिन ली। जिस पर अश्वत्थामा ने अभिमन्यु की पत्नी के गर्भ में पल रहे बच्चे को मार डाला। जिसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने पुण्य प्रताप के बल पर अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा की अजन्मी संतान को देकर उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को पुन: जीवित किया। भगवान श्रीकृष्ण के आशीर्वाद से उत्पन्न बच्चे नाम जीवित्पुत्रिका रखा गया। आगे चलकर यहीं राजा परीक्षित के नाम से प्रचलित हुए। तभी से इस व्रत को माताएं संतान की लंबी आयु के लिए रखती हैं।

मां दुर्गा की प्रतिमाओं को सजा रहे कलाकार ,बंगाल से आए कारीगर बना रहें आकर्षक मां की मूर्ति

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। शारदीय नवरात्र को लेकर पूजनोत्सव सीमित की तैयारियां युद्ध स्तर से शुरू हो गई है। आकर्षक पंडाल बनाने का काम चल रहा है। ऐसे में बंगाल से आए कारीगर मां दुर्गा की प्रतिमाएं तैयार कर सजावट का काम कर रहे हैं। पटेल नगर में छह माह पूर्व से ही आदि शक्ति की प्रतिमाएं बनाने का काम शुरू हो गया है। कोलकाता से आए मिलन पाल ने बताया कि छह माह से पटेल नगर में मूर्ति बनाने का काम चल रहा है। भगवान श्री गणेश की मूर्तियां बनाई गई। आर्डर मिलने पर भगवान विश्वकर्मा की भी मूर्तियां बनकर तैयार कर दी गई थी।

मां दुर्गा की आकर्षक प्रतिमाओं को बनाने का काम चल रहा है। एक अक्टूबर से ही मूर्तियों की बिक्री शुरू हो जाएगी। पूजनोत्सव सीमित के लोग पूर्व में ही प्रतिमाएं बनाने का आर्डर दे चुके हैं। उसी अनुसार कारीगर द्वारा प्रतिमाओं को बनाया जा रहा है। बाहरी कारीगर छह माह पूर्व ही जिले में आ गए थे। विभिन्न स्थानों पर किराए पर भवन लेकर मूर्ति बनाने का काम चल रहा है। पंडाल में स्थापित होने वाली मूर्तियां इस वर्ष दस से चालीस हजार रुपए तक की बनाई जा रही है। पटेल नगर में इन दिनों 70 से ज्यादा मूर्तियों बनाएं जा रहे हैं। नवरात्र शुरू होते ही मां दुर्गा जिले के विभिन्न स्थानों पर विराजमान हो जाएंगी। समय नजदीक आते ही मूर्ति कलाकार भी मां दुर्गा की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। विभिन्न आकर्षक रंगों से मां की प्रतिमाओं को सजानेका कार्य कर रहे हैं। पूजा समितियां भी जोर-शोर से प्रतिमाओं के स्थापना को लेकर तैयारियों में जुट गई है।

*दुर्गा पंडाल में दिखेगा न्यूजर्सी के अक्षरधाम मंदिर का स्वरुप. 70 लाख में तैयार हो रहा है भव्य पूजा पंडाल*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- गोपीगंज नगर के काली महाल में ऐतिहासिक दुर्गापूजा की तैयारी हो गई है। मां सिंह वाहिनी श्रृंगार सीमित ( शिवम् क्लब) के नेतृत्व में 70 लाख रुपए की लागत से ऐतिहासिक पूजा पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है। सीमित इस बार श्री अक्षरधाम मंदिर रॉबिंस बिले न्यू जर्सी अमेरिका के प्रतिरुप में दुर्गा पूजा पंडाल तैयार करवा रहा है। श्री अक्षरधाम मंदिर का माटडल तैयार करने के लिए 25 सहयोगियों के साथ नेपाल दादा, शिवकांत दादा, प्रशांत दादा करीब एक महीने से तैयारी में जुटे हैं।

पहले भी बन चुके हैं कई मॉडल

इसके पहले इसी स्थान पर पंडाल के रुप में अयोध्या में प्रस्तावित राम जन्मभूमि,महा कालेश्वर मंदिर उज्जैन, कोणार्क का सूर्य मंदिर, उड़ीसा स्वामी नारायण मंदिर इंग्लैंड,श्री रामेश्वर मंदिर तमिलनाडु, मां वैष्णो देवी गुफा जम्मू-कश्मीर, अक्षरधाम मंदिर गांधी नगर गुजरात, श्री सोमनाथ मंदिर, गुजरात, केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड, श्री पशुपति नाथ मंदिर काठमांडू नेपाल, दक्षिणेश्वर काली मंदिर कोलकाता वेस्ट बंगाल, श्री बिरला मंदिर कोलकाता,श्री वेलूर मठ कलकत्ता आदि मंदिर का स्वरुप तैयार किया जा चुका है। प्रबंधन रामकृष्ण खट्टू ने बताया कि मां दुर्गा महा पूजनोत्सव समारोह आठ अक्टूबर से मंगलवार से 16 अक्टूबर बुधवार तक भव्यता के साथ मनाया जाएगा।

पंडाल निखारने में जुटे 10 कारीगर

मूर्तिकार सूर्या सरदार और सुजीत पाल 10 सहयोगियों को लेकर काम कर रहे हैं। शेर पर सवार होकर महिषासुर का मर्दन करती हुई मां दुर्गा की मूर्ति, साथ में कार्तिक, गणेश, लक्ष्मी, सरस्वती आदि देवी - देवताओं की मूर्ति का कार्य कर रहे हैं। अध्यक्ष डॉ उदयभान सिंह, संरक्षण प्रहलाद दास गुप्ता, उपाध्याय संदीप सिंह उर्फ पिंटू,लोहा सिंह, अजीत सिंह, बृजेश सिंह,कौशल,डबलू मौर्य सहित अन्य प्रमुख सहयोगी है।

न्यू जर्सी के अक्षरधाम मंदिर का इतिहास

अमेरिका की न्यू जर्सी में सबसे बड़े हिंदू मंदिर अक्षरधाम का निर्माण हुआ है। मंदिर को तैयार होने में लगभग 12 साल का समय लगा था, जिसमें 12500 लोगों ने मंदिर निर्माण में श्रम किया, स्वयं सेवकों ने दिन रात काम किया था। मंदिर में जो पत्थर लगे हैं। वह 29 देशों से लाए गए हैं। इसे भारतीय संस्कृति कला और अध्यात्म का संगम कहा जा रहा है। यह मंदिर भगवान स्वामी नारायण को समर्पित है।

मनोरोगी को जिला अस्पताल के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर

नितेश श्रीवास्तव

भदोही।जिले के मनो रोगियों को अब दवा के लिए जिला अस्पताल का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। उनके घर के पास सीएचसी पर बेहतर उपचार के साथ दवाएं मिलेंगी। जिला अस्पताल में मनोचिकित्सक को दिखाने के बाद फॉलोअप मरीज नजदीक के स्वास्थ्य केंद्रों पर दवा प्राप्त कर सकते हैं। इससे मरीज और तीमारदारों का अतिरिक्त खर्च और समय दोनों बचेगा।

जिले में कुल 500 मानसिक मरीजों का उपचार चल रहा है।बदलते जीवन शैली के बीच लोग तेजी से मानसिक बीमारी के चपेट में आ रहे हैं। मानसिक बीमारी को लेकर जिला चिकित्सालय में मानसिक प्रकोष्ठ टीम की ओर से सप्ताह में तीन दिन कैंप लगाकर मरीजों का जांच कर दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। ज्ञानपुर के महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में ओपीडी भवन के प्रथम मंजिला पर मनोचिकित्सक बैठते हैं।

वहां निरंतर 20 से 25 मरीजों को ओपीडी की जाती है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में 500 मानसिक मरीजों का उपचार चल रहा है। मनोचिकित्सक डॉ. अभिनव पांडेय ने बताया कि बदलती दिनचर्या मानसिक बीमारी का सबसे बड़ा कारण है। चिकित्सकीय परामर्श पर दवाओं का सेवन करें।

भदोही सांसद विनोद बिंद के वाहनों का काफिला आपस में टकराया, बाल-बाल बचे

भदोही/वाराणसी। हरहुआ रिंगरोड के पास गुरुवार को भदोही के सांसद विनोद कुमार बिंद के काफिले की तीन तेज रफ्तार गाड़ियां आपस में टकरा गईं। हादसे में कोई घायल नहीं हुआ और सांसद विनोद कुमार बिंद भी सुरक्षित हैं। सूचना पाते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।

भदोही सांसद विनोद बिंद वाहनों के काफिले में घर से बाबतपुर एयरपोर्ट के लिए निकले। वाहनों का काफिला जैसे ही हरहुआ से रिंगरोड पर पहुंचा अचानक सामने आई आल्टो गाड़ी को बचाने के लिए काफिले में आगे चल रहे वाहन चालक ने ब्रेक लगा दिया। गाड़ी के रुकते ही तेज रफ्तार से पीछे चल रहे दो वाहन आपस में टकरा गए। हादसे में आल्टो कार सवार के साथ सांसद और उनके साथ के लोग भी बाल-बाल बच गए। दुर्घटना में दोनों वाहनों के आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। इसके बाद सांसद दूसरी गाड़ी में सवार होकर एयरपोर्ट रवाना हो गए।

भदोही में आंगनबाड़ी केंद्रों में लगेंगे आकर्षक झूले,हर केंद्र के लिए 50 हजार की दर 40.50 लाख स्वीकृत

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले के परिषदीय विद्यालयों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए झूले लगाए जाएंगे। इसके लिए 81 केंद्रों का चयन किया गया है। इन आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के लिए आउटडोर गेम की सुविधा के लिए जिले को 40.50 लाख रुपए की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। इससे सभी केंद्रों पर 50-50 हजार की दर से पांच प्रकार के झूले लगाएं जाएंगे।

जिले में 1496 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है। जिनमें 1.25 लाख बच्चे पंजीकृत हैं। इसमें 725 को - लोकेटड आंगनबाड़ी केंद्र परिषदीय स्कूलों में संचालित होते हैं। जबकि शेष पंचायत भवन,किराये के भवन एवं विभाग के भवनों में संचालित है।केंद्रों पर बच्चों को इस तरह से तैयार किया जाएगा कि वह प्राथमिक विद्यालय की पहली कक्षा में प्रवेश लें तो उन्हें पढ़ना लिखना आ जाए। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकताओं के साथ ही प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को भी प्रशिक्षण दिया गया है।

इसी के तहत बच्चों को लुभाने के लिए झूले खरीदे जाएंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि शासन ने आउटडोर खेल सामग्री क्रय करने को प्रत्येक केंद्र के लिए 50 हजार रुपए का बजट निर्धारित है। पहले चरण में 81 केंद्रों का चयन किया गया है।

भदोही में विभिन्न स्थानों पर किया गया भगवान विश्वकर्मा की पूजा

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले के विभिन्न नगरों व बाजारों स्थित प्रतिष्ठानों में भगवान विश्वकर्मा की विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया । जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण विश्वकर्मा पूजन पर आयोजित होने वाले संस्कृत कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया।

आज भगवान विश्वकर्मा के पूजन अवसर पर जिले के ज्ञानपुर भदोही दुर्गागंज, सुरियावा ,गोपीगंज समेत ग्रामीण इलाकों में भी विधान से वैदिक मंत्रोचार के बीच प्रतिष्ठानों में पूजन किया गया। विगत वर्षों की भाति इस वर्ष कीर्तन व संस्कृति कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया। बीती रात तेज हवा के साथ शुरू हुई बारिश मंगलवार को पूरे दिन होती रही।

जिसके कारण जगह-जगह आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम व भजन संध्या कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा। ज्ञानपुर पावर हाउस में विद्युत विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भगवान विश्वकर्मा का पूजन कर विश्व शांति की कामना किया। पूजन के बाद प्रतिष्ठान संचालकों द्वारा लोगों में प्रसाद वितरण किया गया।

जिला अस्पताल की लैब में रिकॉर्ड 3200 मरीजों की हुई जांच

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिला अस्पताल की ओपीडी में जहां मरीजों की संख्या बढ़ रही है। वहीं लैब में भी जांच के लिए मरीज आ रही है।शुक्रवार को लैब में रिकार्ड 3200 से अधिक मरीजों की जांच की गई। इसमें 160 मलेरिया, 25 डेंगू, टाइडफाइड के संदिग्ध मरीजों की जांच की गई। लेकिन सभी की रिपोर्ट निगेटिव रही।

रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सक दवा उपलब्ध कराए। ज्ञानपुर स्थित जिला अस्पताल संग स्वास्थ्य केंद्रो पर कुछ दिनों से बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। चिकित्सक डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड जैसी बीमारियों की दवा देने से पहले जांच कराने की सलाह दे रहे हैं। वैसे तो अस्पताल में 1500 से लेकर दो हजार के करीब ही मरीज जांच कराने के लिए आते, लेकिन बृहस्पतिवार को रिकार्ड 3200 ने जांच की गई। जांच कराने के लिए घंटो भर मरीज को कतार में खड़े रहना पड़ा।

सुबह दस बजे जांच के लिए लाइन में लगे मरीज का नंबर पौने 11 बजे आया। लैब में तैनात एक कर्मी ने बताया कि इस तरह की भीड़ गर्मी के सीजन में होती थी। सितंबर ऐसी भीड़ पहली बार देखा गया है। फिजिशियन डॉ. प्रदीप यादव ने बताया कि मौसम में हो रहे बादलाव के कारण मरीजों की संख्या बढ़ी है। लोग मौसमी बीमारी के चपेट आ रहे हैं। बुखार, सर्दी, जुकाम के मरीजों अधिक अस्पताल पहुंच रहे हैं। मरीज को जांच पड़ताल कर दवा उपलब्ध कराई गई। ऐसे मौसम में सतर्क रहने की नसीहत अस्पताल आने वाले मरीज को चिकित्सक दे रहे हैं

भदोही में डायलिसिस यूनिट में एक सप्ताह में बढ़े मरीज

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिला मुख्यालय के पास स्थित सौ बेड के अस्पताल में डायलिसिस यूनिट के में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। यूनिट में अब संख्या लगी है। यूनिट में अब 81 मरीज रजिस्टर हो चुके हैं। यूनिट में एक सप्ताह में छह मरीज बढ़े हैं। अच्छी बात यह है संख्या बढ़ने के बाद भी मरीजों को डायलिसिस के लिए इंतजार नहीं करना पड़ रहा है।

13 बेड पर नियमित मरीजों की डायलिसिस चल रही है। जिसमें भदोही, प्रयागराज, मिर्जापुर, और वाराणसी के भी मरीज शामिल हैं। जिला मुख्यालय के पास स्थित सौ शैय्या अस्पताल में 2022 में डायलिसिस यूनिट की शुरुआत की गई थी।

तत्कालीन जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने इसे संचालित कराया था। जिले के इकलौते डायलिसिस यूनिट में तब से लेकर अब तक मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पहले यह यूनिट 10 बेड का था। लेकिन बाद में बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए इसे 13 बेड कर दिया गया। 13 बेड में 11 बेड सामान्य और दो बेड एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के लिए आरक्षित हैं। यूनिट संचालन के बाद से लगातार यहां मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। यहां न सिर्फ भदोही, बल्कि मिर्जापुर, जौनपुर, प्रयागराज और वाराणसी के भी मरीज डायलिसिस कराने पहुंचते हैं।

चिकित्सक आवश्यकतानुसार मरीजों को तीन,चार या सप्ताह भर के अंतराल में डायलिसिस के लिए बुलाते हैं। एक सप्ताह पहले यहां 75 मरीजों की डायलिसिस होती थी, लेकिन एक सप्ताह के भीतर छह मरीज बढ़े हैं। इस समय 81 मरीजों की डायलिसिस की जा रही है। मरीज बढ़ने के बाद भी डायलिसिस के लिए मरीजों नहीं करना पड़ रहा है। यूनिट के मैनेजर अमित राय और टेक्निशियन विनय कुमार सरोज ने बताया एक मरीज का डायलिसिस करने में करीब तीन से साढ़े तीन घंटे लगते हैं। इसके बाद अगले मरीज को डायलिसिस के लिए बुलाया जाता है। एक बेड पर एक दिन में तीन मरीजों का डायलिसिस किया जाता है।

भदोही में बेटे ने पिता को पीटकर मार डाला,लोहे की रॉड से सिर पर किया हमला

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। भदोही में स्थानीय कोतवाली क्षेत्र के डुडवा नेवादा गांव में बुधवार को एक युवक ने अपने पिता की पीटकर हत्या कर दी। बेटे अपने हिस्से की जमीन की पिता से मांग की जिस पर पिता ने मना कर दिया। दोनों के बीच कहा सुनी हो गई। गुस्साए बेटे ने लोहे के रॉड से पीटकर पिता की हत्या कर दी। मृतक की पहचान अशोक गौतम उम्र 48 के रुप में है। आरोपी बेटे का नाम वीरेंद्र गौतम 22 वर्ष है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने वीरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया।

परिजन ने बताया कि अशोक अपने घर में आराम कर रहे थे। अचानक पुत्र वीरेंद्र घर आया और जमीन को अपने नाम करने की मांग करने लगा। जब पिता ने इस पर असहमति जताई, तो पिता - पुत्र के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। बहस बढ़ते - बढ़ते हाथापाई में बदल गई और वीरेंद्र ने अपने पिता की पिटाई कर दी। जिससे अशोक गंभीर रूप से घायल हो गए और खून बहने लगा। घर में मौजूद कुछ लोग बीच-बचाव के लिए आए, लेकिन वीरेंद्र ने उन्हें धक्का देकर गिरा दिया। जब तक लोग अशोक के पास पहुंचे, तब तक वीरेंद्र गंभीर रूप से घायल कर भाग चुका था। घायक को राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मुआयना किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए और फारेंसिक टीम भी जांच की। बता दें कि 9 सितंबर को भी पिता - पुत्र के बीच इसी जमीन को लेकर विवाद हुआ था। दोनों ने कोतवाली में तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने शांति बनाए रखने की सलाह दी थी। इसके बावजूद भी विवाद नहीं थम सका और अंतत: इस भयावह घटना को जन्म दे दिया। मृतक अशोक के चार पुत्रियां और तीन पुत्र हैं, जिनमें से दो पुत्रियों की शादी हो चुकी है, जबकि बाकी अविवाहित हैं।