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तिरुपति मंदिर को मिला घी का नया वेंडर, हर रोज बनेगा 7-8 लाख लड्डू का प्रसाद
डेस्क :– आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बनने वाले लड्डू प्रसादम को लेकर काफी विवाद हो रहा है। जिस तरह से मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि पूर्व की सरकार के कार्यकाल में यहां बनने वाले लड्डू में एनिमल फैट पाया गया, उसके बाद इसको लेकर काफी हंगामा हो रहा है। लेकिन अच्छी बात यह है कि अब यहां एक बार फिर से बेहतर गुणवत्ता के लड्डू बनने जा रहे हैं।

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम जोकि मंदिर के प्रबंधन को देखता है, उसने जानकारी दी है कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन हमारे साथ नए वेंडर के तौर पर जुड़ा है, जोकि यहां घी की सप्लाई करेगा। टीटीडी ने आश्वासन दिया है कि यहां तत्काल प्रभाव से असल गुणवत्ता वाले लड्डू का उत्पादन शुरू होगा।

टीटीडी के एग्जेक्युटिव ऑफिसर जे श्यामला राव ने कहा कि अब यहां लड्डुओं की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा, ना ही घी की गुणवत्ता से कोई समझौता किया जाएगा हालांकि टीटीडी ने शनिवार को मंदिर में अस्थायी प्रभाव से प्रसाद बनाने में घी और दूध से बने उत्पाद का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी थी।

आगामी 4 से 12 अक्टूबर तक मंदिर में होने वाले ब्रह्मोत्सवम उत्सव में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। ऐसे में टीटीडी यह सुनिश्चित कर रहा है कि लड्डू बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले घी पर्याप्त मात्रा में यहां उपलब्ध हों।

तकरीबन 7-8 लाख श्रद्धालु इस उत्सव में शामिल होने के लिए आते हैं। यह भव्य आयोजन पवित्र प्रसाद के बड़े भंडार को बनाए रखने के महत्व को दर्शाता है।

मंदिर की रसोई जिसे 'पोटू' कहते हैं, उसकी देखरेख रखने वाले मुनि रत्नम ने बताया कि हम उत्सव के दौरान मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिदिन 8-9 लाख लड्डू बनाएंगे।

मंदिर में ब्रह्मोत्सव के दौरान आने वाले तीर्थयात्रियों की बड़ी संख्या के लिए तैयारी की जा रही है। खास तौर पर 8 अक्टूबर को गरुड़ सेवा के दिन यहां भक्तों की काफी भीड़ आती है । इस दौरान लोगों को कोई दिक्कत ना हो इसके लिए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की गई है।
उत्तर प्रदेश के बागपत में एक मंदिर ऐसा भी है जो 1100 साल से भी ज्यादा पुराना है। यहां पर दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु
डेस्क :– भगवान शिव का ये मंदिर 1100 साल पुराना है। इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है और भोलेनाथ की आराधना की जाती है। इस मंदिर के स्थापना से जुड़ी भी मान्यताएं हैं और इसे देश भर में भगवान शिव के चमत्कारी मंदिरों में से एक माना जाता है।

सोमवार का दिन शिव जी को समर्पित माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से उनकी कृपा बरसती है और इंसान का जीवन आनंदमय हो जाता है। लोग सोमवार को व्रत भी रखते हैं और भोलेनाथ की प्रार्थना करते हैं। शिवजी के कई सारे प्रसिद्ध मंदिर हैं। कुछ मंदिर तो बहुत पुराने भी हैं। उत्तर प्रदेश के बागपत में एक मंदिर ऐसा भी है जो 1100 साल से भी ज्यादा पुराना है। यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर की स्थापना से जुड़ी भी रोचक मान्यता है।

बागपत के पास स्थित पाबला गांव में ये मंदिर है। इस मंदिर की स्थापना के बाद ही इस गांव में बसाहट शुरू हुई।कहा जाता है कि पहले इस जगह पर सिर्फ जंगल-झाड़ियां थीं और ज्यादा लोग नहीं रहते थे। लोगों ने देखा कि उन झाड़ियों में एक गाय आती है और एक तय स्थान पर आकर खड़ी हो जाती है। उसे खड़े होते ही उसमें से दूध निकलने लगता था। जब लोगों की नजर पड़ी और पास जाकर देखा तो वहां पर धरती से एक पत्थर निकला हुआ था। तमाम कोशिशों के बाद भी उस पत्थर को नहीं हटाया जा सका।

इसके बाद ही अन्य गांव के लोगों ने मिलकर इस स्थान पर भव्य शिव मंदिर का निर्माण कराया। साधु-संत, महात्मा और नामी-गिरामी लोगों ने मिलकर इस मंदिर को बनवाया।1150 साल होने के बाद भी इस मंदिर में हर साल श्रद्धालुओं की भीड़ होती है और दर्शन मात्र से लोगों की मन मांगी मुरादें पूरी हो जाती हैं।बागपत का पाबला गांव इस मंदिर की वजह से मशहूर है । सोमवार का दिन शिव जी का दिन होता है। इस दिन चंद्र देव की पूजा करने से भी फल प्राप्ति होती है. इस दिन नहा-धोकर शिव जी की पूजा करने से फायदा होता है। इस दिन सफेद रंग की वस्तुओं का दान करना भी काफी शुभ माना जाता है। इससे मां लक्ष्मी की कृपा भक्तों पर बरसती है और जीवन में खुशहाली आती है।
आईए जानते हैं व्हाट्सएप पर आखिर फोटो और वीडियो को फोन में सेव होने से कैसे रोका जाए?
डेस्क :– बहुत से लोगों को शायद ये पता ही नहीं है कि WhatsApp में छुपा ये फीचर धीरे-धीरे आपके फोन की स्टोरेज खा रहा है। व्हाट्सऐप पर आपको जो भी फोटो और वीडियो मिलती है वो खुद-ब-खुद फोन की स्टोरेज में सेव होने लगती है जिससे फोन की स्टोरेज खत्म होने लगती है।आइए जानते हैं, इससे बचने के लिए क्या है रास्ता?

WhatsApp पर फोटो और वीडियो जो भी रिसीव होता है वह खुद-ब-खुद फोन की गैलरी में सेव होने लगा है जिससे फोन की स्टोरेज भरती जा रही है? तो परेशान नहीं होना है, आपको बस एक छोटी सी सेटिंग को चेंज करना होगा जिससे आपकी परेशानी दूर हो सकती है।

फोन की स्टोरेज भर जाने की वजह से फोन हैंग होने लगता है जिससे फोन की परफॉर्मेंस पर भी सीधा असर पड़ता है।अगर चलते-चलते फोन बार-बार हैंग होने लगे तो गुस्सा आना भी लाज़्मी है, लेकिन WhatsApp यूजर्स के मन में यही सवाल घूमता है कि आखिर फोटो और वीडियो को फोन में सेव होने से कैसे रोका जाए?

व्हाट्सऐप यूजर्स दो तरीकों से फोटो और वीडियो को फोन में सेव होने से रोक सकते हैं। पहला तो आपको ये सोचना है कि क्या आप सभी चैट्स के लिए ऐसा करना चाहते हैं या फिर किसी एक चैट के लिए, क्योंकि दोनों ही ऑप्शन्स आपको व्हाट्सऐप में ही मिल जाएंगे।

आप चाहते हैं कि कोई भी फोटो-वीडियो आए तो वो फोन में सेव न हो तो सबसे पहले व्हाट्सऐप ओपन करें । फिर राइट साइड में ऊपर की तरफ दिख रहे थ्री डॉट पर क्लिक कर सेटिंग्स पर टैप करें। इसके बाद चैट्स पर क्लिक कर Media Visibilty ऑप्शन को बंद कर दें।

आप किसी एक चैट के लिए इस सेटिंग को बंद करना चाहते हैं तो उस चैट को ओपन करें। चैट ओपन होने के बाद ऊपर की तरफ राइट साइड में दिख रहे थ्री डॉट पर क्लिक कर व्यू कॉन्टैक्ट पर टैप करें. इसके बाद मीडिया विजिबिलिटी ऑप्शन को बंद कर दें।
बार-बार हैंग होता है फ़ोन, बस चेंज करनी होगी ये सेटिंग
डेस्क :–क्या आप भी फोन के बार-बार हैंग होने की दिक्कत से जूझ चुके हैं? बिना मैकेनिक के पास गए आप खुद ही इस समस्या को ठीक कर सकते हैं। आगे जानिए ये दिक्कत आखिर क्यों होती है और फोन हैंग होने की समस्या का निपटारा कैसे किया जा सकता है।

स्मार्टफोन थोड़ा पुराना हो जाए तो उसकी परफॉर्मेंस स्लो पड़ जाती है। फोन बार-बार हैंग होने लगता है. ऐसा कई लोगों के साथ होता है, कि फोन में कोई ऐप इस्तेमाल करना चाह रहे हैं और प्रोसेस बीच में ही अटक जाती है। ऐसे में बहुत खीझ भी होती है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। थोड़ी सी समझदारी दिखाकर स्मार्टफोन के हैंग होने की समस्या सुलझाई जा सकती है।

फोन की स्टोरेज अगर भर गई है या पहले ही काफी कम है तो फोन स्लो होने की समस्या हो सकती है। फोन में जगह कम हो और आप उसपर लगातार काम कर रहे हों चीज़े प्रोसेस होने में समय लग सकता है।

फोन में अलग-अलग रैम दी जाती है और उस हिसाब से इसके दाम होते हैं। फोन में जितनी कम रैम होगी, उसका दाम उतना कम होगा। रैम कम है और आप हेवी ऐप चला रहे है या फोन पर भार डाल रहे हैं तो फोन स्लो होने लगेगा।

हर फोन के लिए लगातार नए OS अपडेट मिलते रहते हैं, ताकि बग फिक्स और परफॉर्मेंस को बेहतर किया जा सके। कुछ लोग फोन की स्पेस बचाने के लिए नए OS इंस्टॉल नहीं करते हैं। तो अगर आपका फोन पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम कर रहा है तो आपका फोन स्लो हो सकता है।

तपती गर्मी में अक्सर ये देखा जाता है कि फोन हैंग होने लगता है। ऐसा ओवरहीटिंग की वजह से होता है। अगर फोन बहुत गर्म हो रहा है तो तो इससे हैंग होने की समस्या हो सकती है।

अगर आपको लगता है कि ये सभी वजह नहीं हो सकती है तो ऐसा मुमकिन है कि कुछ मामलों में हार्डवेयर की समस्या की वजह से भी फोन स्लो होने लगता है।
Google का बड़ा एक्शन,  बंद कर देगा इन लाखों यूजर्स का अकाउंट,  जानें क्या है पूरा मामला?
डेस्क:– गूगल बड़ा एक्शन लेते हुए  लाखों जीमेल अकाउंट्स को बंद करने जा रहा है। अगर आप भी जीमेल का अकाउंट यूज करते हैं ये खबर आपके लिए जरूरी होने वाली है।

दरअसल कई सारे यूजर्स एक साथ कई जीमेल आईडी यूज करते हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर अकाउंट को यूं ही छोड़ दिए जाते हैं। अब गूगल की ओर से ऐसे जीमेल अकाउंट्स को बंद करने का फैसला लिया गया है।

यूजर्स को अपने जीमेल अकाउंट को एक्टिव रखने के लिए लगातार नोटिफाई करता रहता है। लेकिन इसके बावजूद ऐसे जीमेल अकाउंट्स की संख्या बढ़ती जा रही है, जो अब यूज में नहीं है। मतलब ये कि उनके जीमेल अकाउंट्स अब एक्टिव नहीं हैं। अगर आपके पास भी ऐसा कोई जीमेल अकाउंट है, जो काफी दिनों से एक्टिव नहीं है गूगल उसे जल्द ही बंद कर सकती है।

बता दें कि गूगल अपने सर्वर के स्पेस को बचाने के लिए ऐसा कदम उठा रहा है। जिन लोगों ने जीमेल या गूगल ड्राइव की सर्विस को इस्तेमाल किया है, लेकिन लंबे समय से उनका अकाउंट एक्टिव नहीं है उन्हें बैन किया जा सकता है। गूगल के पास इनएक्टिव पॉलिसी के तरह इस तरह का अधिकार मौजूद है।

अगर, आपने भी ऐसा कोई जीमेल अकाउंट बनाया हो, जिसे लंबे समय से यूज नहीं कर रहे हैं तो आपका जीमेल अकाउंट भी बंद हो सकता है। हालांकि, यूजर्स चाहे तो अपने इन अकाउंट्स को बचा सकते हैं। इसके लिए यूजर को अपने उस जीमेल अकाउंट में लॉग-इन करना होगा और इनबॉक्स में आए ई-मेल को पढ़ना होगा या फिर किसी को मेल करना होगा। ऐसे में यह अकाउंट एक्टिव हो जाएगा और गूगल की इस बड़ी कार्रवाई से बच सकता है।

इसके अलावा यूजर जीमेल अकाउंट में लॉग-इन करके गूगल के किसी भी सर्विस का इस्तेमाल करके भी अपने पुराने अकाउंट को एक्टिव कर सकते है। हालांकि, अगर आप चाहते हैं कि आपके सभी पुराने जीमेल अकाउंट बंद हो जाए तो आप उन्हें ऐसे ही छोड़ दें या फिर गूगल की सेटिंग्स में जाकर अकाउंट को डिएक्टिवेट कर दें।
कोलकाता के सेक्स वर्कर्स ने ‘मां दुर्गा प्रतिमा’ के लिए मिट्टी देने से किया इंकार।बोलीं- कोलकाता रेप-मर्डर में इंसाफ नहीं, तो मिट्टी भी नहीं,
डेस्क:– पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा  की तैयारियां शुरू हो गई है। हालांकि हर बार की तरह इस बार की रौनक में कमी दिखाई दे रही है। इसका कारण कोलकाता  के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ रेप और क्रूरता के साथ मर्डर है। वहीं कोलकाता के रेडलाइट एरिया  सोनागाछी  की सेक्स वर्कर्स ने भी ‘मां दुर्गा प्रतिमा’ के लिए मिट्टी देने से इंकार कर दिया है। सोनागाछी में हर साल दुर्गा प्रतिमा के लिए सेक्स वर्कर्स द्वारा मिट्टी देने की परंपरा है। इन्हीं के दिए हुए मिट्टी से मां दुर्गा की प्रतिमा बनती है। सेक्स वर्करों ने इस बार मिट्टी देने से साफ मना कर दिया है। दुर्गा प्रतिमा बनाने में लगने वाली 10 तरह की मिट्टी मे एक रेड लाइट एरिया की भी होती है। सेक्स वर्करों ने कहा कि कोलकाता के एक अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर मामले में अभी तक न्याय नहीं मिला है। लिहाजा हम दुर्गा प्रतिमा बनाने के लिए मिट्टी नहीं देंगे।

सेक्स वर्करों ने कहा कि आरजी कर हॉस्पिटल की उस महिला डॉक्टर को इंसाफ नहीं मिला। डॉक्टर तो भगवान जैसा होता है। लोग जब उसका सम्मान नहीं कर सकते, तो हम मिट्टी किसलिए दें। अगर अगले साल तक भी उस डॉक्टर को इंसाफ नहीं मिला, तो हम अगले साल भी मिट्टी नहीं देंगे।

बता दें कि पश्चिम बंगाल में हर साल दुर्गा पूजा धूमधाम से मनती है, लेकिन इस बार माहौल अलग है। 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर की घटना हुई। इसके विरोध में कोलकाता में रोज धरना, प्रदर्शन और मार्च निकाले जा रहे हैं है। इसका असर दुर्गा पूजा पर भी दिख रहा है।

ममता सरकार दुर्गा पूजा के लिए हर इलाके के लोकल क्लब को 85 हजार रुपए देती है। हालांकि कोलकाता कांड के चलते कई क्लब ने ये पैसे लेने से भी मना कर दिया है। हर साल इस समय तक दुर्गा पूजा पंडालों को 70-80% स्पॉन्सरशिप मिल जाती थी। इस बार सिर्फ 40-45% मिल पाई है।

*क्यों ली जाती है वेश्यालय की मिट्टी?*

बता दें कि दुर्गा पूजा के दौरान देवी की प्रतिमा को बनाने के लिए वेश्यालय के आंगन की मिट्टी का प्रयोग किए जाने की भी परंपरा है। पौराणिक कथा के अनुसार, एक वेश्या मां दुर्गा की बड़ी भक्त थी। लेकिन वो समाज में अपने तिरस्कार से बहुत दुखी थी। तब मां दुर्गा ने उसकी सच्ची श्रद्धा को देखते हुए ये वरदान दिया था कि जब तक उसकी प्रतिमा में वेश्यालय की मिट्टी को शामिल नहीं किया जाएगा, तब तक देवी का उस मूर्ति में वास नहीं होगा।

एक और मान्यता ये है कि पुरुषों के लोभ और वासना की वजह से ही वेश्यालयों की शरुआत हुई है। वेश्याएं पुरुषों की काम, वासना को धारण कर खुद को अशुद्ध और समाज को शुद्ध करती हैं, लेकिन इसके बदले वेश्यावृति करने वाली स्त्रियों को समाज से बहिष्कृत माना जाता है। वो अपनी पूरी जिंदगी तिरस्कार झेलती हैं। यही कारण है कि वेश्यालय की मिट्टी का उपयोग दुर्गापूजा जैसे पवित्र कार्यों में कर उन्हें थोड़ा ही सही लेकिन सम्मान देने के लिए किया जाता है।
मुकेश अंबानी सॉफ्ट ड्रिंक कारोबार में बड़ी रणनीति लेकर आए
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी ने सॉफ्ट ड्रिंक कारोबार में बड़ा कदम उठाया है।

50 साल पुराना कैंपा कोला पहले से ही बाजार में है। और इसे बेचने में नई-नई रणनीतियां अपनाई गई हैं मुकेश अंबानी का बिजनेस स्टाइल दूसरों से काफी अलग है। वे जहां भी उद्यम करते हैं, वस्तुत: मूल्य युद्ध छिड़ जाता है। यहां तक कि जब टेलीकॉम कंपनी जियो लॉन्च हुई तो हमने देखा कि रिलायंस के लिए दूसरी कंपनियों को अपनी कीमतों में कटौती करनी पड़ी। कैम्पा कोला अब उसी ओर इशारा कर रहा है।

कई लोग कहते हैं कि 70 और 80 के दशक में अमेरिका में शुरू हुआ 'कोला वॉर' अब भारत में भी हो रहा है। इस बार मैदान तो अलग है ही, विरोधी टीम के खिलाड़ी भी अलग हैं. मुकेश अंबानी उस खेल में हैं. रिलायंस कर्ता के नए कार्बोनेटेड शीतल पेय ब्रांड कैंपर के साथ, कोका-कोला और पेप्सिको के बीच प्रतिद्वंद्विता शुरू हो गई है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, त्योहारी सीजन से पहले प्राइस वॉर में रिलायंस ने कैंपा कोला लॉन्च किया है। रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने त्योहारी सीजन से पहले नई कैंपा रेंज लॉन्च की है। इतना ही नहीं, पेप्सी और कोका-कोला से मुकाबला करने के लिए मुकेश अंबानी ने अपने शीतल पेय ब्रांडों की कीमतों में प्रतिस्पर्धी कंपनियों की तुलना में लगभग आधी कटौती की है।

इस शीतल पेय बाजार में कोका कोला की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। पेप्सी दूसरे स्थान पर है. अन्य लोग कैम्पा कोला के इस बाज़ार में प्रवेश को लेकर कुछ हद तक चिंतित हैं। माना जा रहा है कि सॉफ्ट ड्रिंक बाजार में पेप्सी और कोका कोला जैसी बड़ी कंपनियों को अब कैंपा कोला से चुनौती मिलने वाली है.

अंबानी पहले भी यही रणनीति अपना चुके हैं. जब रिलायंस ने 2016 में Jio लॉन्च किया, तो टेलीकॉम सेक्टर के बड़े खिलाड़ी मुश्किल में थे। कुछ कंपनियां विलय करके खुद को बचाने में सक्षम हैं। विशेषज्ञों का दावा है कि जियो के बाजार में आने के बाद एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया, यूनिनॉर, बीएसएनएल जैसी कंपनियां मुश्किल में पड़ गईं। इन कंपनियों को अपने रिचार्ज प्लान की कीमतें कम करनी पड़ीं। साथ ही आकर्षक ऑफर भी लाने थे. जियो की फ्री डेटा और फ्री कॉलिंग जैसी पेशकशों ने बाकी कंपनियों को थोड़ा पीछे छोड़ दिया।
महाभारत के तीन 'कुटश्लोक'


डेस्क :– महाभारत किसने लिखा? महर्षि व्यास क्या ? महर्षि व्यास ने महाभारत कहा। गणेश जी द्वारा लिखी गई । ऋषि व्यास ने गणेश से महाभारत लिखने का अनुरोध किया और गणेश ने वह अनुरोध स्वीकार कर लिया। लेकिन गणेश जी ने एक शर्त रखी, वह शर्त यह है कि आप कहोगे और मैं लिखूंगा। मैं लिखना बंद नहीं करूंगा. महर्षि व्यास ने गणेश को एक शर्त भी दी, उन्होंने कहा, गणेश आपको भी  हर श्लोक का अर्थ  समझ कर लिखना होगा। महर्षि व्यास गणेश जी को कुछ पहेलियाँ दिया करते थे। गणेशजी को उस पहेली का अर्थ समझने में थोड़ा समय लगता था और उस अंतराल में महर्षि व्यास अगले श्लोक के बारे में सोचते थे। इन सभी पहेलियों को 'कुटश्लोक' कहा जाता है। ये 'कुटश्लोक' महाभारत में हैं।


ऐसे तीन 'कुटश्लोक' हैं- 1) क्या कोई ऐसा पेय है जो जूठा होता है, लेकिन फिर भी हम उसे भगवान को अर्पित करते हैं?
# जवाब है 'गाय का दूध'. क्योंकि दूध  तो  बछड़ा  मुंह से पीती है

2) ऐसा कोई  कपड़े हैं जो लाश के कपड़े हैं लेकिन धार्मिक उद्देश्यों के लिए भी उपयोग किए जाते हैं?

उत्तर है- 'रेशम' क्योंकि रेशम का जन्म छोटे-छोटे कीड़ों के मरने से होता है।

3) क्या कोई ऐसा भोजन है, जिसे किसी ने उल्टी कर दिया हो, जिसका उपयोग धार्मिक उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है?

# उत्तर है 'शहद'. क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि शहद मधुमक्खियों की उल्टी होती है।
भारत 376 रन पर ऑल आउट

डेस्क: चेन्नई टेस्ट में भारत 376 रन पर ऑल आउट हो गई। बांग्लादेश के हसन को 5 विकेट मिले। पहली पारी में हसन ने 5 विकेट लिए। भारत को पहली पारी में 376 रन पर ऑलआउट करने के अलावा हसन ने 92वें ओवर की दूसरी गेंद पर स्लिप में बुमराह को कैच कराकर बैक टू बैक पारी में 5 विकेट भी लिए।

हसन ने रावलपिंडी में दूसरे टेस्ट में पाकिस्तान की दूसरी पारी में 43 रन देकर 5 विकेट लिए। तब उन्होंने चेन्नई में भारत की पहली पारी में 83 रन देकर 5 विकेट लिए थे। भारत ने दूसरे दिन का खेल 80 ओवर में 6 विकेट पर 339 रन से शुरू किया। उनकी पारी आज 11.2 ओवर तक चली । इनमें तस्कीन ने 3 विकेट, हसन ने 1 विकेट लेकर भारत के बाकी 4 विकेट चटकाए।
आम की उपज और गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर। भारत, ऑस्ट्रेलिया और इजरायल मिलकर तैयार करेंगे आम की उपज
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, रहमानखेड़ा में 21 सितंबर को आम पर होने वाली नेशनल डायलॉग ऑन मैंगो इंप्रूवमेंट एंड स्ट्रैटेजिस में भारत, ऑस्ट्रेलिया और इजरायल के प्रसिद्ध वैज्ञानिक, प्रजनक और जैव प्रौद्योगिकी के एक्सपर्ट्स आम की उत्पादकता और गुवत्ता बनाए रखने के लिए भविष्य का रोडमैप तैयार करेंगे।

भारत में आम की उत्पादकता और गुवत्ता बनाए रखने के लिए भविष्य का रोडमैप पूरे देश में खासकर उत्तर भारत के आम के बागवानों के लिए उपयोगी होगी, उस पर आम का सर्वाधिक उत्पादन करने की वजह से उत्तर प्रदेश के लिए सबसे उपयोगी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस पर फोकस भी है। यहां मलिहाबाद (लखनऊ) के दशहरी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के आसपास के जिलों में होने वाले चौसा की खासी मांग है। गुणवत्ता में सुधार के बाद इनके निर्यात की भी खासी संभावना है। योगी सरकार जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक्सपोर्ट हब भी बना रही है। फलों और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों के उत्पाद की सुरक्षा के लिए मंडियों में कोल्ड स्टोरेज, रायपेनिंग चैंबर का भी निर्माण करवा रही है। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक टी. दामोदरन ने बताया कि संस्थान इस दिशा में क्लस्टर अप्रोच से काम भी कर रहा है। इस क्रम में उक्त दोनों प्रजातियों के कुछ क्लस्टर बनाकर इनसे करीब 4000 बागवानों को जोड़ा गया है। इनको बताया जा रहा है किस तरह ये अपने 15 साल से पुराने बागों का कैनोपी मैनेजमेंट के जरिए कायाकल्प कर सकते। इससे कालांतर में इनकी उपज भी बढ़ेगी और फलों की गुणवत्ता भी सुधरेगी।

संगोष्ठी के आयोजक सचिव आशीष यादव ने बताया कि संस्थान ने फ्रूट प्रोटेक्शन और वाटर रेजिस्टेंस टेक्निक का भी बागवानों को अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। इसमें फलों को कागज के बैग से ढक दिया जाता है। इससे इनमें रोगों और कीड़ों का संक्रमण नहीं होता। दाग धब्बे नहीं आते। साथ ही परिपक्व फलों का रंग भी निखर आता है। प्रति बैग मात्र दो रुपए की लागत से ये फल बाजार में दोगुने दाम पर बिक जाते हैं।

आशीष यादव ने बताया कि आम यूं भी यूपी के लाखों लोगों के रोजगार का जरिया है। फ्रूट प्रोटेक्शन और वाटर रेजिस्टेंस टेक्निक के चलन में आने पर स्थानीय स्तर पर रोजगार की संभावना और बढ़ेगी। शुरू में ऐसे बैग चीन से आते थे। अब भी अधिकांश बैग कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से आते है। यूपी में मेरठ और कुछ अन्य शहरों से भी आपूर्ति शुरू हुई है। मांग बढ़ने पर ये स्थानीय स्तर पर भी तैयार किए जाने लगेंगे। इससे रोजगार भी मिलेगा। आशीष यादव के अनुसार, गोष्ठी में ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड और इजरायल के आम वैज्ञानिक भी आ रहे हैं। यह गोष्ठी वैज्ञानिकों और बागवानों के लिए मार्गदर्शन साबित होगी।