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विश्व गुलाब दिवस: कैंसर रोगियों के लिए आशा और समर्थन का प्रतीक।

साल का वह समय फिर आ गया है, जब गुलाब तो नहीं, लेकिन थोड़ा प्यार तो दिखाया ही जाना चाहिए। यह दिन कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने वालों के सम्मान में है। यह दिन उन्हें समर्पित है और उनके साहस और बहादुरी की सराहना करता है। कैंसर के मरीज़ अक्सर उपचार प्रक्रिया के दौरान बहुत मानसिक आघात से गुज़रते हैं। इसलिए, इस दिन को मनाने का उद्देश्य खुशी लाना और जागरूकता पैदा करना है कि वे दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ भयानक बीमारी का सामना कर सकते हैं।

विश्व गुलाब दिवस,जिसे कैंसर रोगियों के कल्याण दिवस के रूप में भी जाना जाता है, हर साल की तरह 22 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन के पीछे का विचार रक्त कैंसर के रोगियों को खुश करना और उन्हें मजबूत बने रहने और अपनी लड़ाई लड़ने की नई उम्मीद देना है। गुलाब इस दिन का प्रतीक है, क्योंकि हम इसे प्यार, देखभाल और चिंता से जोड़ते हैं। 

विश्व गुलाब दिवस मनाने की अवधारणा मेलिसा रोज़ द्वारा शुरू की गई थी, जो जन्म से कनाडाई थीं और 1996 में इस बीमारी से उनकी मृत्यु हो गई थी। उनके कार्यों ने कैंसर से पीड़ित कई अन्य लोगों को प्रभावित किया और उनकी याद में, यह दिवस हर साल मनाया जाता है ताकि रोगियों का उत्साह बढ़ाया जा सके और उन्हें जीवंत रखा जा सके। यह उन लोगों के संघर्ष की ओर ध्यान आकर्षित करता है जो कैंसर से पीड़ित हैं। 

"मानव आत्मा किसी भी चीज़ से अधिक शक्तिशाली है जो उसके साथ घटित हो सकती है।" मिस रोज़ ने अपने जीवन की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ते हुए, जीवन को पूर्णता से जीने का उदाहरण प्रस्तुत किया।

आज, विभिन्न देखभालकर्ता, परिवार और मित्र कैंसर रोगियों को कार्ड, गुलाब, संदेश, पत्र और उपहार देते हैं और उन्हें एहसास दिलाते हैं कि कैंसर के खिलाफ लड़ाई में वे अकेले नहीं हैं। 

दुनिया भर में ऐसे कई संगठन हैं जो कैंसर रोगियों की सेवा के लिए खुद को समर्पित करते हैं तथा उन्हें निरंतर समर्थन, संसाधन, सूचना और वित्त पोषण प्रदान करके उनकी मदद करते हैं।

विश्व गुलाब दिवस का महत्व

इस दिन को मनाने का उद्देश्य कैंसर के मरीजों के लिए समर्थन और सहयोग प्रदान करना है. गुलाब का फूल, जो प्यार और आशा का प्रतीक है, इस दिन को और भी खास बनाता है. ये दिन कैंसर से प्रभावित लोगों को ये संदेश देता है कि वे अकेले नहीं हैं बल्कि पूरा समाज उनके साथ हैं. लोगों का मानना है कि विश्व गुलाब दिवस कैंसर रोगियों के लिए प्रेरणा और साहस का स्रोत है. इस दिन कई संगठन और संस्थाएं विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं, जिसमें कैंसर जागरूकता, हेल्थ चेकअप और इससे बचाव की जानकारी दी जाती है. 

बता दें कि इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करना और रोगियों को मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाना है।

क्यों मनाया जाता है विश्व गुलाब दिवस?  

समाज के प्रत्येक सदस्य की ये जिम्मेदारी बनती है कि वे कैंसर के रोगियों के प्रति सहानुभूति दिखाएं. उनके संघर्ष को समझें और उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाने में मदद करें. इसलिए इस दिन सभी कैंसर के मरीजों को गुलाब का फूल दिया जाता है. इसके पीछे का संदेश ये है कि प्रेम और समर्थन से किसी भी मुश्किल समय को पार किया जा सकता है. यह दिन बीमारी के खिलाफ लड़ाई के बारे में जागरूकता बढ़ाने और पीड़ितों को सकारात्मक रहने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रतीक है। यह कैंसर रोगियों को जल्द ठीक होने की उम्मीद देने का एक अवसर है. 

कैंसर दुनिया भर में मौत का एक प्रमुख कारण है, और लोगों को इस बीमारी और इससे बचाव के तरीकों के बारे में शिक्षित करना बेहद जरूरी है.

CBSE ने जारी की CTET 2024 की अधिसूचना, 16 अक्टूबर तक करें आवेदन; 1 दिसंबर को परीक्षा

सीबीएसई द्वारा आयोजित सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटीईटी) की अधिसूचना जारी कर दी गई है। उम्मीदवार 16 अक्टूबर तक ctet.nic.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। परीक्षा एक दिसंबर 2024 को आयोजित होगी।

जनरल या ओबीसी के उम्मीदवार पेपर वन या पेपर टू में से कोई एक दे रहे हैं तो उन्हें 1000 रुपए शुल्क देना होगा। पेपर वन और पेपर टू दोनों दे रहे हैं तो 1200 रुपए शुल्क लगेगा। वहीं, एससी, एसटी व दिव्यांग के लिए पेपर वन या पेपर टू में से कोई एक दे रहे हैं तो 500 रुपए और पेपर वन और पेपर टू दोनों दे रहे हैं तो 600 रुपए शुल्क लगेगा।

कितने बजे होगी परीक्षा?

पेपर टू की परीक्षा सुबह 9.30 बजे से दोपहर 12 बजे तक और पेपर वन की परीक्षा दोपहर 2.30 बजे से शाम पांच तक चलेगी।केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों को सीटीईटी परीक्षा में उनके अंकों के आधार पर शार्टलिस्ट किया जाएगा।

चयनित होने के लिए 60 प्रतिशत से अधिक या बराबर अंक प्राप्त करने होंगे।सीबीएसई द्वारा सीटीईटी की परीक्षा साल में दो बार आयोजित होती है। पहला सत्र जून में और दूसरा दिसंबर में आयोजित होती है।

डाटा एंट्री ऑपरेटर बनाए जाएंगे मास्टर ट्रेनर

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ऑनलाइन सेवाओं से संबंधित विभागीय पोर्टल, बिहार भूमि की जानकारी एवं प्रशिक्षण के लिए अंचलों में नियोजित डाटा एंट्री ऑपरेटर प्रशिक्षित किए जाएंगे। प्रत्येक अंचल के एक-एक डाटा एंट्री आपरेटर को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।

यह प्रशिक्षण दशरथ मांझी श्रमिक कौशल विकास केंद्र में 21 एवं 28 सितंबर तथा पांच अक्टूबर को दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद ये मास्टर ट्रेनर अपने अंचल के अन्य डाटा एंट्री ऑपरेटरों, सीएससी व साइबर कैफे संचालकों को ऑनलाइन सेवाओं व पोर्टल के संबंध में प्रशिक्षित करेंगे।

छुट्टी पर घर आया जवान ने कर लिया आत्महत्या, परिजन लगा रहे हैं ब्लैकमेलिंग का आरोप


सागर :- रहली थाना क्षेत्र अंतर्गत देवलपानी के जंगल में सेना के एक जवान का शव मिलने से सनसनी फैल गई. भारतीय सेना में सिग्नल इंजीनियर के पद पर पदस्थ 28 वर्षीय जवान देवेंद्र पिता अजमेर सिंह लोधी 15 दिन की छुट्टी पर अपने घर देवलपानी आया था. 

देवेंद्र लोधी वर्तमान में सिकंदराबाद में पदस्थ था, जहां से मेरठ तबादला होने पर ज्वॉइन करने जाने वाला था. परिजनों के मुताबिक देवेंद्र पिछले कई दिनों से किसी महिला द्वारा ब्लेकमेलिंग किए जाने से परेशान था।

देवेंद्र को ब्लैकमेल कर रही थी कुछ लड़कियां

परिजनों के मुताबिक गिरोह की लड़कियों ने कई बार देवेंद्र से पैसे भी ऐंठे. देवेन्द्र के परिजनों ने बताया है कि एक युवती के पास देवेन्द्र के कुछ वीडियो और फोटो थे, जिनके जरिए उसे बार-बार ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठे जा रहे थे. करीब 12 लाख रूपए ऐंठने के बाद एक महिला देवेन्द्र और उसके परिजनों को लगातार परेशान कर रही थी. मृतक की भाभी और बहन ने बताया कि एक लड़की के जरिए देवेंद्र से करीब 12 से 15 लाख रुपए वसूले गए. फिर भी पैसों की मांग का सिलसिला बंद नहीं हुआ. गिरोह में युवती के अलावा मृतक के दोस्त भी शामिल बताए जा रहे हैं.

देवेंद्र ने परिवार को बताई थी सारी बात

परिजनों के मुताबिक देवेन्द्र जब बहुत ज्यादा परेशान हो गया, तो उसने अपने परिवार को सबकुछ बताया. जानकारी लगने पर उसके भाई ने ब्लैकमेलिंग करने वाले लोगों से बात की और देवेंद्र की सिम को भी बंद करा दिया. लेकिन इसके बावजूद गिरोह द्वारा मृतक के भाई और घर की महिलाओं समेत अन्य रिश्तेदारों को भी ब्लैकमेल किया जाने लगा. लंबे समय से इसी मामले को लेकर देवेंद्र काफी मानसिक तनाव में था.

एडिशनल एसपी लोकेश सिन्हा ने बताया है, '' फौज में काम करने वाले देवेंद्र लोधी द्वारा गांव के पास जंगल में आत्महत्या की गई है. इस मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू की गई है. परिजनों ने ब्लैकमेलिंग के जो आरोप लगाए गए हैं उसके आधार पर जांच की जाएगी और आगे कार्रवाई की जाएगी।

तिरुपति लड्डू विवाद पर पूर्व सीएम जगन रेड्डी ने तोड़ी चुप्पी कहा:फायदे के लिए भगवान का इस्तेमाल कर रहे है,मंदिर प्रसाद के विवाद को बताया मनगढ़ंत


तिरुपति मंदिर के प्रसादम में मिलावट के मुद्दे पर आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी का बड़ा बयान सामने आया है.

वाईएसआरसीपी प्रमुख वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने तिरुमाला में घी में मिलावट को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर निशाना साधा और कहा कि वे अपने 100 दिनों के शासन से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जगन रेड्डी ने कहा कि नायडू ऐसे व्यक्ति हैं, जो राजनीतिक लाभ के लिए भगवान का भी इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा, 'यह ध्यान भटकाने की राजनीति है। एक तरफ लोग चंद्रबाबू नायडू के सौ दिनों के शासन पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। वे पूछ रहे हैं कि उनके सुपर सिक्स (चुनावी वादे) का क्या हुआ। लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह मनगढ़ंत कहानी गढ़ी जा रही है।'

एनडीए सरकार के कार्यकाल में हुए परीक्षण: नायडू

उन्होंने कहा कि घी में मिलावट के आरोप निंदनीय हैं और पूछा कि क्या दुनिया भर के करोड़ों भक्तों की भावनाओं के साथ खेलना उचित है। उन्होंने कहा कि लैब टेस्ट रिपोर्ट में साक्ष्य के तौर पर बताए गए सभी नमूने, परीक्षण और नतीजे एनडीए सरकार के कार्यकाल में हुए। घी आपूर्तिकर्ता का चयन टीटीडी द्वारा हर छह महीने में की जाने वाली एक नियमित प्रक्रिया है।

नायडू ने किया था जानवरों की चर्बी मिले होने का दावा

वाईएसआरसीपी प्रमुख ने कहा कि यह दशकों से चल रहा है, इसमें कुछ भी नया नहीं है। गौरतलब है कि 18 सितंबर को एनडीए विधायक दल की बैठक के दौरान, टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं छोड़ा और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ FIR, धारा 302 और 299 के तहत मामला दर्ज; दिल्ली-भोपाल में भी शिकायत

नई दिल्ली :- लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के अमेरिका में दिए बयान का मामला पुलिस तक पहुंच गया है। सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भाजपा नेता अमरजीत छाबड़ा की शिकायत पर सिविल लाइन थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 और 302 (BNS 103) के तहत एफआइआर दर्ज कर ली गई है।

उधर, दिल्ली में भाजपा सिख प्रकोष्ठ के संयोजक चरणजीत सिंह लवली ने तिलक नगर थाने में शिकायती पत्र दिया है। उनके आरक्षण खत्म करने को लेकर दिए बयान के विरुद्ध दिल्ली भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के संयोजक सीएल मीणा ने संसद मार्ग थाने में और अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल गिहारा ने पंजाबी बाग थाने में शिकायत की है।

मध्य प्रदेश भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति अभद्र शब्दों का प्रयोग किए जाने को लेकर राहुल पर विधिक कार्रवाई की मांग की है। प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश प्रभारी डा. महेंद्र सिंह एवं सह प्रभारी सतीश उपाध्याय ने गुरुवार को भोपाल में क्राइम ब्रांच थाना एमपी नगर पहुंचकर एफआइआर दर्ज करने का शिकायती पत्र दिया।

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि राहुल के बयान से सिखों के साथ ही अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लोगों में रोष है।

बता दें कि राहुल गांधी ने पिछले दिनों अमेरिका में कहा था कि भारत में सिख सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने आरक्षण को लेकर भी विवादस्पद बयान दिया था। वहीं, हिमाचल में भी भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश डोगरा ने छोटा शिमला थाना में राहुल गांधी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निवेदन पत्र दिया है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला,अंतिम वर्ष के लॉ छात्रों को अखिल भारतीय बार परीक्षा में बैठने की अनुमति


नयी दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने अंतिम वर्ष के विधि छात्रों को अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) में बैठने की अनुमति दे दी है, जो 24 नवंबर को होने वाली है। न्यायालय ने यह अंतरिम आदेश बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा अंतिम वर्ष के विधि छात्रों को अखिल भारतीय बार परीक्षा में पंजीकरण से बाहर रखने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।

याचिकाकर्ताओं ने प्रस्तुत किया कि बीसीआई का निर्णय बार काउंसिल ऑफ इंडिया बनाम बोनी फोई लॉ कॉलेज एवं अन्य में संविधान पीठ के निर्णय के विपरीत है, जिसके अनुसार अंतिम वर्ष के विधि छात्रों को अखिल भारतीय बार परीक्षा में उपस्थित होने की अनुमति दी जानी चाहिए।

आज भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा कि, उन्हें अंतिम वर्ष के विधि छात्रों के संबंध में नियम बनाने के लिए समय चाहिए। 

पीठ ने कहा कि वे नियम बनाने में समय ले सकते हैं, लेकिन उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अंतिम वर्ष के विधि छात्रों का एक साल बर्बाद न हो।

तदनुसार, पीठ ने अंतरिम निर्देश पारित किया। पीठ ने स्पष्ट किया कि यह आदेश सभी अंतिम वर्ष के विधि छात्रों पर लागू होगा, न कि केवल याचिकाकर्ताओं पर।

पीठ ने आदेश में कहा, "हम निर्देश देते हैं कि बीसीआई उन सभी छात्रों के पंजीकरण की अनुमति देगा जो बोनी फोई निर्णय के पैराग्राफ 38 के दायरे में आते हैं। एआईबीई के लिए उपरोक्त निर्देश 24 नवंबर के लिए निर्धारित है।"

संविधान पीठ ने टिप्पणी की

संविधान पीठ का निर्णय बोनी फोई लॉ कॉलेज के फैसले के पैराग्राफ 38 में संविधान पीठ ने कहा कि जिन छात्रों ने अपने लॉ कोर्स के अंतिम सेमेस्टर को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक सभी परीक्षाएं पास कर ली हैं, उन्हें अखिल भारतीय बार परीक्षा देने की अनुमति दी जा सकती है, बशर्ते वे सबूत पेश करें। 

हालांकि, परीक्षा के परिणाम तभी मान्य होंगे जब उम्मीदवार ने अपने कोर्स के सभी घटक पास कर लिए हों और वे एक निर्दिष्ट अवधि तक वैध रहेंगे।

31 वर्षों बाद थिएटर्स में दोबारा गूंजेगा ‘जय श्री राम’ का जयकारा,18 अक्टूबर को रिलीज होगी 1993 में बनी फिल्म

नयी दिल्ली : एनिमे फिल्म रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस रामा 31 साल बाद सिनेमाघरों में दस्तक देने के लिए तैयार है. फिल्म का निर्देशन कोइची सासाकी और राम मोहन ने मिलकर किया था.

भगवान राम पर आधारित साल 1993 की एनीमे फिल्म ‘रामायण : द लीजेंड ऑफ प्रिंस रामा’ एक बार सिनेमाघरों में ‘जय श्री राम’ की जयकारे लगाने के लिए तैयार है. यह फिल्म 18 अक्टूबर को हिंदी, अंग्रेजी, तमिल और तेलुगू भाषा में थिएटर्स में री-रिलीज होगी।

इस फिल्म को मूल रूप से साल 1993 में भारत के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में रिलीज किया गया था. अब यह फिल्म 31 साल बाद फिर से रिलीज होने के लिए तैयार है.

फैंस में दौड़ी खुशी की लहर

रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस रामा के री रिलीज की अनाउंसमेंट के बाद दर्शकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. इस एनिमे फिल्म की भव्यता को बढ़ाते हुए बाहुबली, बजरंगी भाईजान और आरआरआर जैसी सिनेमाई ब्लॉकबस्टर फिल्मों के लिए मशहूर महान पटकथा लेखक श्रीवी विजयेंद्र प्रसाद ने फिल्म में अपनी रचनात्मक दृष्टि से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

इस शुक्रवार ओटीटी पर लगेगा

एंटरटेनमेंट का जबरदस्त तड़का, एक नहीं, दो नहीं, पूरी 6 फिल्में-सीरीज होंगी रिलीज

रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस रामा को जापान और भारत के मेकर्स ने साथ मिलकर तैयार किया है. यह फिल्म भारतीय महाकाव्य ‘रामायण’ पर आधारित एनीमे फिल्म है. फिल्म का निर्देशन कोइची सासाकी और राम मोहन ने मिलकर किया था. वहीं, इसका संगीत वनराज भाटिया ने दिया था.

रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस रामा की कहानी

रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस रामा फिल्म की कहानी भगवान विष्णु के अवतार राम पर आधारित है, जो अपनी पत्नी सीता की रक्षा राक्षस राजा रावण से करने के लिए एक यात्रा पर निकलते हैं. 

गीक पिक्चर्स इंडिया, एए फिल्म्स और एक्सेल एंटरटेनमेंट की यह फिल्म दशहरा और दीपावली जैसे दो बड़े भारतीय त्योहारों के सीजन को और खास बनाने के लिए आ रही है।

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में पशुओं की चर्बी? लैब रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

नई दिल्ली:- तिरुपति मंदिर के प्रसाद में फिश ऑयल मिलने की पुष्टि हो गई है तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम से भेजे गए नमूनों की प्रयोगशाला रिपोर्ट में गुरुवार को कहा गया है कि तिरुपति मंदिर के प्रसाद में फिश ऑयल मिलाया गया था लड्डुओं के नमूनों को परीक्षण के लिए गुजरात में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को भेजा गया था।

विश्व प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू की तैयारी में घटिया सामग्री और पशु वसा के कथित उपयोग पर विवाद के बीच सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी ने गुरुवार को दावा किया कि गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला द्वारा मिलावट की पुष्टि की गई है।

लैब रिपोर्ट में किया गया दावा

टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कथित लैब रिपोर्ट दिखाई, जिसमें दिए गए घी के नमूने में "बीफ टैलो" की मौजूदगी की पुष्टि की गई है। कथित लैब रिपोर्ट में नमूनों में "लार्ड" (सूअर की चर्बी से संबंधित) और मछली के तेल की मौजूदगी का भी दावा किया गया है। नमूना प्राप्ति की तारीख 9 जुलाई 2024 थी और लैब रिपोर्ट 16 जुलाई की थी।

घी को तैयार करने में जानवरों की चर्बी

टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने कहा कि नमूनों की प्रयोगशाला रिपोर्ट प्रमाणित करती है कि तिरुमाला को आपूर्ति किए गए घी को तैयार करने में जानवरों की चर्बी और पशु वसा-लार्ड और मछली के तेल का उपयोग किया गया था।

सीबीआई जांच की हुई मांग

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद के घी में जानवरों की चर्बी मिलाने का आरोप लगाया था। सीएम चंद्रबाबू नायडू के आरोप के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने गुरुवार को इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।वहीं, वाईएसआरसीपी अध्यक्ष और पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बहन, राज्य कांग्रेस प्रमुख वाईएस शर्मिला ने नायडू के दावे की पुष्टि के लिए सीबीआइ जांच की मांग की है।

तिरुपति लड्डू विवाद पर भाजपा नेता और टीटीडी बोर्ड के पूर्व सदस्य भानुप्रकाश रेड्डी कि हम बहुत दुखी हैं और हम इस मुद्दे की निंदा करते हैं। हम जगन मोहन रेड्डी, टीटीडी के चेयरमैन भुमना करुणाकर रेड्डी, वाईवी सुब्बा रेड्डी और तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी धर्म रेड्डी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा रहे हैं। अभी हम लड्डू प्रसाद बनाने के लिए शुद्ध गाय के घी का इस्तेमाल कर रहे हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट ने आप विधायक अमानतुल्लाह खान की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर ED को नोटिस जारी किया


दिल्ली:- दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपी अमानतुल्लाह खान के ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान हाईकोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया है. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने ईडी को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।अब मामले की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी।

सुनवाई के दौरान ईडी ने अमानतुल्लाह की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिका में याचिकाकर्ता ने ये नहीं बताया है कि उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।

तब कोर्ट ने कहा कि याचिका के सुनवाई योग्य होने का सवाल हमेशा खुला हुआ है. ईडी ने अमानतुल्लाह खान को 2 सितंबर को गिरफ्तार किया था. फिलहाल न्यायिक वो हिरासत में हैं.

राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अमानतुल्लाह को 23 सितंबर तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था. 9 सितंबर के पहले अमानतुल्लाह खान ईडी की हिरासत में थे. ईडी के मुताबिक, दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती मामले में अमानतुल्लाह खान ही मुख्य आरोपी है।

ED के मुताबिक, अमानतुल्लाह खान ने आपराधिक गतिविधियों से काफी संपत्ति अर्जित की और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदी है. छापे के दौरान कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य ऐसे मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि वोमनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में लिप्त हैं.

जमीन की बिक्री से जुड़ा है।

मामला: बता दें, ईडी ने 9 जनवरी को चार्जशीट दाखिल की थी. करीब पांच हजार पेजों के चार्जशीट में ईडी ने जिन लोगों को आरोपी बनाया है उनमें जावेद इमाम सिद्दीकी, दाऊद नासिर, कौसर इमाम सिद्दीकी और जीशान हैदर शामिल है. ईडी ने पार्टनरशिप फर्म स्काई पावर को भी आरोपी बनाया है।ईडी के मुताबिक ये मामला 13 करोड़ 40 लाख रुपए की जमीन की बिक्री से जुड़ा हुआ है।

ईडी के मुताबिक आप विधायक अमानतुल्लाह खान के अज्ञात स्रोतों से अर्जित संपत्ति से जमीनें खरीदी और बेची गई. आरोपी कौसर इमाम सिद्दीकी की डायरी में 8 करोड़ रुपए की एंट्री की गई है।

जावेद इमाम को ये संपत्ति सेल डीड के जरिए मिली. जावेद इमाम ने ये संपत्ति 13 करोड़ 40 लाख में बेची. जीशान हैदर ने इसके लिए जावेद को नकद राशि दी. इस मामले में पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था.

सीबीआई की केस में आप विधायक अमानतुल्लाह खान समेत 11 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है।

सीबीआई ने इस मामले में 23 नवंबर 2016 को एफआईआर दर्ज किया था. जांच के बाद सीबीआई ने 21 अगस्त 2022 को चार्जशीट दाखिल किया था. सीबीआई के मुताबिक, दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ और संविदा पर दूसरी नियुक्तियों में गड़बड़ियां की गई।

सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि इन नियुक्तियों के लिए अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम और दूसरे आरोपियों के साथ साजिश रची जिन्हें वक्फ बोर्ड में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था. चार्जशीट के मुताबिक इन नियुक्तियों में अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम ने अपने पद का दुरुपयोग किया।

जानिए कौन हैं आतिशी मार्लेना जिसने दिल्ली की आम लड़की से सत्ता के गलियारे की रानी तक का सफर तय किया

नयी दिल्ली : आतिशी दिल्ली की एक प्रभावशाली नेता हैं जिन्होंने अपनी योग्यता और समर्पण से सत्ता के गलियारों में अपनी जगह बनाई है।आतिशी मार्लेना सिंह दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण नाम हैं और उनकी यात्रा 'आम आदमी पार्टी' के गठन के साथ ही जुड़ी हुई है। 

अरविंद केजरीवाल के दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा के बाद, सबकी नजरें इस बात पर लगी हैं कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।

दिल्ली के शराब घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस पद के उम्मीदवार नहीं होंगे।

अब सबके मन में सवाल है कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। हालांकि कई दावेदारों के नाम चर्चा में हैं, लेकिन इन दावेदारों में दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी मार्लेना का नाम सबसे आगे माना जा रहा है।

आतिशी का जीवन परिचय

आतिशी को अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का विश्वसनीय सहयोगी माना जाता है। वह दिल्ली सरकार में सबसे ताकतवर मंत्री मानी जाती हैं और महिला होने के नाते भी उनकी स्थिति मजबूत होती है। 

स्वाति मालीवाल के मामले के बाद उन्होंने पार्टी के पक्ष में मजबूती से खड़ा हुआ था। अब जानना जरूरी है कि आतिशी कौन हैं, जो दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के रूप में सबसे मजबूत उम्मीदवार मानी जा रही हैं।

आतिशी का जन्म और शिक्षा

आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय सिंह और तृप्ता वाही के घर हुआ था।

उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के स्प्रिंगडेल स्कूल से पूरी की। पढ़ाई के दौरान, आतिशी एक मेधावी छात्रा रही और दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास की पढ़ाई की। सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक होने के बाद, उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड का रुख किया।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन

चेवेनिंग स्कॉलरशिप प्राप्त करने पर, उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री प्राप्त की। बाद में, रोड्स स्कॉलर के रूप में, उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से शैक्षिक अनुसंधान में दूसरी मास्टर डिग्री प्राप्त की।

इसके बाद, जैविक खेती और प्रगतिशील शिक्षा प्रणालियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए, उन्होंने मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में सात साल बिताए। गैर लाभकारी संगठनों के साथ काम करते समय, उनकी मुलाकात कुछ ऐसे सदस्यों से हुई जो आम आदमी पार्टी से जुड़े थे।

आतिशी की शादी

आतिशी की शादी प्रवीण सिंह से हुई है, जो पंजाबी परिवार से हैं और क्षत्रिय समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।

'आप' से जुड़ाव

आतिशी का राजनीतिक करियर 'आम आदमी पार्टी' के गठन के समय से ही जुड़ा हुआ है। AAP ने 2013 में पहली बार दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा था और उस समय आतिशी पार्टी के घोषणापत्र की मसौदा समिति की प्रमुख सदस्य थीं।

'आप' आतिशी को पार्टी की प्रतिबद्ध कार्यकर्ता मानती है। पार्टी का मानना है कि पार्टी के गठन के बाद उसकी नीतियों के निर्धारण में आतिशी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

पार्टी को मजबूत करने में भूमिका

पार्टी के प्रवक्ता के रूप में, आतिशी ने पार्टी को मजबूत करने और उसकी नीतियों को स्पष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने दिल्ली के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता और वर्तमान में पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं।

पार्टी ने उन्हें पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी भी दी थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में, उन्होंने पूर्वी दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा के गौतम गंभीर से हार गईं।

स्कूलों की स्थिति सुधारने के लिए काम

जब मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री थे, तब आतिशी ने उनके सलाहकार के रूप में काम किया। उन्होंने 2015 से 2018 तक सिसोदिया के शिक्षा सलाहकार के रूप में कार्य किया।

'आप' ने राष्ट्रीय राजधानी के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की स्थिति में सुधार के लिए एक बड़ा दावा किया है और इस अभियान में आतिशी की भूमिका को महत्वपूर्ण माना जाता है।

आतिशी का राजनीतिक ग्राफ

हाल के दिनों में, आम आदमी पार्टी के भीतर आतिशी की स्थिति तेजी से उन्नत हुई है। अरविंद केजरीवाल ने पिछले साल 8 मार्च को अपनी कैबिनेट में फेरबदल किया और आतिशी को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई।

यह उल्लेखनीय है कि वह दिल्ली कैबिनेट में एकमात्र महिला मंत्री हैं और उनके पास सबसे अधिक मंत्रालय हैं। दिल्ली शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद, आतिशी की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद जेल में होने के कारण इस साल 15 अगस्त को आतिशी को झंडा फहराने की जिम्मेदारी दी थी, हालांकि उपराज्यपाल ने इसे खारिज कर दिया था। इससे स्पष्ट होता है कि केजरीवाल आतिशी को कितना महत्व देते हैं।