गैंगरेप की कोशिश करने वाला डॉक्टर 12वीं पास
समस्तीपुर में 11 सितंबर को एक अस्पताल में नर्स के साथ गैंगरेप की कोशिश की गई। सर्जिकल ब्लेड से डॉक्टर का प्राइवेट पार्ट काटकर वो वहां से अपनी जान बचाकर भाग निकली। पुलिस ने इस मामले में आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। उसके 2 दोस्तों को भी आरोपी बनाया गया है।
पूरे मामले की पड़ताल के लिए स्ट्रीट बज के बेगूसराय संवाददाता के द्वारा आरोपी संजय के घर बेगूसराय और उसके हॉस्पिटल समस्तीपुर पहुंची। यहां हमें पता चला कि संजय सिर्फ 12वीं तक ही पढ़ा हुआ है। उसने किसी अस्पताल में रहकर ये काम सीखा फिर समस्तीपुर आकर अपना हॉस्पिटल खोल लिया। ये बात भी सामने आई कि उसने क्लिनिक का रजिस्ट्रेशन तक नहीं करवाया था। आरोपी एक झोलाछाप डॉक्टर है।
हमने आसपास के लोगों से भी बात की, उन्होंने बताया कि वो बाउंसर्स रखता था। गले में रुद्राक्ष की कई माला पहनकर वो खुद को सात्विक बताता था। उसके अस्पताल में अक्सर लड़कियों का आना-जाना लगा रहता था। हमने पीड़िता, आरोपी, उसके परिवार और पुलिस से भी इस मामले में बात की।
बेगूसराय के तेघड़ा नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर-23 में मुख्य सड़क से 50 मीटर अंदर जाने पर दिखता है सफेद पुटी से रंगा भव्य मकान। दो मंजिला इस घर में सुख-सुविधा की हर चीज उपलब्ध हैं। यहां एक बुजुर्ग महिला है, जो अब मुश्किल से चल पाती है। यह घर है समस्तीपुर में नर्स के साथ गैंगरेप की कोशिश के आरोपी संजय कुमार उर्फ संजू का।
बुजुर्ग महिला संजय की मां है, जो घर में अकेले ही रहती है। संजय खुद को डॉक्टर कहता और घूम-घूमकर लोगों का इलाज करता। वो ऑपरेशन करने से भी पीछे नहीं हटता था।
संजय के चचेरे भाई रवि शेखर सिंह ने बताया कि 'स्व. राम भजन सिंह के एकलौते बेटे संजय कुमार ने मैट्रिक तक गांव में ही पढ़ाई की। उसके बाद बाहर चला गया। 2012 में वापस आया तो घर पर ही RBS हॉस्पिटल खोला। दो साल तक यहीं काम किया। इसके बाद संजय समस्तीपुर के गंगापुर चला गया और वहां RBS हॉस्पिटल नाम से क्लिनिक खोल लिया। संजय के दो बेटा और एक बेटी है। सभी मुंबई में पढ़ाई करते हैं। उनकी पत्नी कभी गांव में तो कभी बच्चों के पास मुंबई में रहती है।'
रवि शेखर सिंह ने बताया कि 'संजय किसी पर्व-त्योहार या घर में जरूरी काम होने पर ही अपने गांव आता था। बीते दिनों चाचा का निधन हुआ तो वह अपने दो दोस्तों के साथ यहां आया था और 9 सितंबर को जनकपुर और नेपाल चला गया। वहां से 11 सितंबर की रात करीब 10 बजे लौटा और गुरुवार की दोपहर हम लोगों को घटना की जानकारी हुई। हमारी मुसरीघरारी थाना में संजय से मुलाकात हुई। इसमें संजय ने उन्हें बताया कि साजिश के तहत घटना को अंजाम देने के बाद उल्टे मुझे ही फंसाया गया है।'
रवि शेखर ने बताया कि 'हिंदू समाज पार्टी के संस्थापक कमलेश तिवारी की हत्या के बाद मुसरीघरारी थानाध्यक्ष ने संजय को करीब 2 साल पहले दो-तीन बार अलर्ट किया था कि आप सतर्क रहिए, खतरा हो सकता है।'
बेगूसराय के बाद हम संजय के समस्तीपुर स्थित गंगापुर के उसके क्लिनिक पहुंचे। यहां ताला दिखाई दिया। गांव वालों ने बताया कि 'संजय ने करीब 5 साल पहले तेघरा से आकर यहां जमीन खरीदी और हॉस्पिटल बनवाया। उसके पीछे ही उसने घर भी बना रखा है। पहले वो घूम-घूमकर गांव में इलाज किया करता था। संजय ने फेसबुक पर हिंदू समाज पार्टी का संगठन मंत्री लिख रखा है।'
ग्रामीण बताते हैं कि 'यहां दलाल के माध्यम से मरीजों को पहुंचाया जाता था। संजय ने पहले बेगूसराय के ही एक डॉक्टर के यहां रहकर कंपाउंडर का काम किया। बाद में काम सीखने के बाद वह वहां से निकलकर समस्तीपुर के गंगापुर और आसपास के इलाके में घूम-घूमकर लोगों का उपचार करने लगा। क्योंकि, यह इलाका शहर से करीब 8 किलोमीटर दूर है और आसपास कोई हॉस्पिटल भी नहीं है।'
लोगों ने बताया कि 'इस अस्पताल में कर्मचारियों के नाम पर संजय के अलावा उसके सहयोगी सुनील कुमार गुप्ता, अवधेश कुमार जो ऑपरेशन में उसकी मदद करते थे। करीब 17 महीने पहले महिला भी इस अस्पताल में नौकरी के लिए आई थी। वह मूलतः मोहिउद्दीन नगर थाना क्षेत्र की रहने वाली है। वह यहां पर ओटी का काम सीखने लगी और ऑपरेशन में डॉक्टर का सहयोग भी करती थी। इस कारण लोग उसे नर्स बोलते हैं।'
पीड़ित लड़की ने बताया कि '11 सितंबर की रात करीब 9 बजे संजय, सुनील और अवधेश शराब पीकर बाहर से लौटे थे और फिर कमरे में शराब पी रहे थे। इसी दौरान संजय की नजर मुझ पर पड़ी और मुझे अपने कमरे में बुलाया। मैं उसकी गलत मनसा को भांप चुकी थी। हालांकि, मैं कमरे में गई। फिर 5 मिनट का समय मांगा। वह अस्पताल की ओटी में आई और वहां से सर्जिकल ब्लेड लेकर संजय के पास पहुंची। इसके बाद सुनील और अवधेश को दूसरे कमरे में ले गई। वहां से फिर संजय के पास पहुंची और जैसे ही उसने गलत करने का प्रयास किया, सर्जिकल ब्लेड से उसका प्राइवेट पार्ट काट दिया।
इसके बाद मैं वहां से भाग निकली। इस दौरान मैंने संजय का मोबाइल भी लिया था। क्योंकि, मुझे डर था कि संजय का यहां कई गलत लोगों के साथ उठना-बैठना है। वो फोन पर उन्हें बुलाकर मेरी हत्या करवा देगा। वहां से भाग कर मैं करीब 100 मीटर दूर सामने में मक्के के खेत में जाकर छिप गई और वहीं से पुलिस को फोन किया।
सिविल सर्जन एसके चौधरी ने बताया कि 'समस्तीपुर जिले में 115 रजिस्टर्ड अस्पताल हैं, लेकिन इस RBS हेल्थ केयर नामक क्लिनिक का लिस्ट में कहीं भी नाम नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार, संजय अपने को फिजियोथैरेपिस्ट कहता था। लेकिन मूलतः वह प्रैक्टिशनर है।'
बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
Sep 14 2024, 19:37