श्रमिकों के वेतन चोरी एवं मनरेगा जॉब कार्ड हेतु 15 दिवसीय अभियान का समापन
मुज़फ्फरनगर। ज़िले के चरथावल, बघरा एवं सदर ब्लाक में 15 से अधिक गांवो में श्रमिकों के वेतन चोरी के मामलो एवं मनरेगा जॉब कार्ड बनाने हेतु 15 दिवसीय अभियान चलाया गया है। एक्शन ऐड़ इंडिया द्वारा संचालित श्रमिक सुविधा केंद्र द्वारा चल रहे इस अभियान के अंतर्गत ग्राम पंचायत लकडसन्धा, अलीपुर, मलीरा, छातैला, अमीरनगर, मंधेड़ा, कल्लरपुर, लड़वा, रसूलपुर, अज़ीज़पुर समेत दर्ज़नो गांवों में असंगठित मजदूरो को उनके अधिकारों एवं उनके लिए चल रही योजनाओं के प्रति जागरूक किया गया है। इस दौरान करीब 3200 श्रमिकों तक संस्था ने पहुँच बनायी। जिसमें सैकड़ो श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं से जोड़ा गया है।
अभियान के माध्यम से गांवो में श्रमिकों ने अपनी कानूनी समस्याए बताई जिनको वकीलो के समूह को सौंपा गया। कही श्रमिकों के वेतन चोरी के मुद्दे थे तो कही हिंसा के केस निकलकर आये। गाँवो में मजदूरों की लाइफ लाइन मनरेगा में कुछ ही श्रमिकों को 10-12 दिन की मजदूरी मिल रही है। जिनको काम मिलता है उनका समय से भुगतान नही होता है। मजदूर को काम न मिलने पर मनरेगा कानून के अंतर्गत उसे भत्ता देने का प्रावधान है। लेकिन आज तक किसी भी श्रमिक को इसका लाभ नही मिला है।
संस्था की प्रोग्राम लीडर एडवोकेट मानविका शिवहारे ने कहा कि मुज़फ्फरनगर में मनरेगा कानून का धरातल पर सही से क्रियानवन करना श्रमिकों के हित में अत्यंत ज़रूरी है। जहाँ उसे साल में 100 दिन का काम और उसका 237 रुपया मेहनताना मिलना तय है। इसलिए मजदूर के लिए मनरेगा अत्यंत लाभदायी योजना है। संस्था के जिला समन्वयक कमर इंतखाब ने बताया कि मनरेगा को लेकर अधिकारियो एवं ग्राम प्रधानों से बैठक हो रही है ताकि मजदूरों के हित साधने में कोई दिक्कत न आये। संस्था के माध्यम से अब मजदूर जॉब कार्ड्स बनवा रहे है और काम की मांग भी कर रहे है। साथ ही कार्यस्थल पर हिंसा और लेबर केस भी सेंटर पर लेकर आ रहे है। इस अभियान में संस्था के कार्यकर्ता गीता, कविता रेशमा, कोपिन, शुऐब एवं सलोनी समेत असंगठित क्षेत्र में कार्यरत सैकड़ो श्रमिक उपस्थित रहे।
Sep 13 2024, 18:27