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‘उपचाराधीन टीबी और कुष्ठ रोगी से बीमारी के संक्रमण का खतरा नहीं

गोरखपुर, एक बार टीबी और कुष्ठ मरीज का इलाज जब शुरू हो जाता है तो दो से तीन हफ्ते बाद उसके जरिये दूसरे लोगों तक बीमारी पहुंचने की आशंका कम हो जाती है। दोनों बीमारियों की शीघ्र पहचान हो जाए और इलाज करवा दिया जाए तो महज छह माह में ठीक हो जाती हैं। बीमारी की पहचान और इलाज में देरी होने पर ही जटिलताएं बढ़ती हैं। साथ ही इलाज की अवधि भी बढ़ जाती है।

यह संदेश शहरी क्षेत्र की सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के अभिमुखीकरण कार्यक्रम में विकास भवन सभागार में गुरूवार को दिया गया। इस संदेश को उन्हें जन जन तक पहुंचाने के लिए कहा गया है। जिला विकास अधिकारी राज मणि वर्मा की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में जिला क्षय और जिला कुष्ठ उन्मूलन अधिकारी डॉ गणेश यादव ने दोनों बीमारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव कुमार मिश्र ने स्वास्थ्य विभाग को आश्वस्त किया कि अभिमुखीकरण कार्यक्रम के बाद दोनों बीमारियों के उन्मूलन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मददगार बनेंगी।

डॉ यादव ने कहा कि दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी, तेजी से वजन गिरना, कुपोषण, भूख न लगना, शाम को पसीने के साथ बुखार आना, बलगम में खून आना, सांस फूलना और सीने में दर्द टीबी के प्रमुख लक्षण हैं। यह लक्षण दिखने पर त्वरित जांच और इलाज करवाना चाहिए। एक बार इलाज शुरू हो जाने के बाद मरीज का खुद का तो जीवन सुरक्षित होता ही है, साथ में दूसरे लोग भी इस बीमारी के संक्रमण से बच जाते हैं।

उप जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव ने कहा कि बच्चे कई बार टीबी के लक्षण बता नहीं पाते हैं। ऐसे में अगर उनका तेजी से वजन गिर रहा हो, वह अति कुपोषित दिख रहे हों, भूख न लग रही हो और सुस्ती दिखती हो तो टीबी की जांच जरूर करानी चाहिए।

अगर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता किसी नये टीबी मरीज को नोटिफाई करवाती हैं तो उन्हें भी इफार्मेंट योजना के तहत पांच सौ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। एक बार टीबी का इलाज शुरू होने के बाद बीच में मरीज की दवा न बंद हो, इस बात का खासतौर से ध्यान रखना है। दवा बंद हो जाने के बाद वह ड्रग रेसिस्टेंट टीबी में बदल जाती है और ऐसी जटिल टीबी का इलाज करने में डेढ़ से दो साल तक का समय लग जाता है।

इस मौके पर डॉ यादव ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से अपील की कि वह पंद्रह सितम्बर तक चलने वाले कुष्ठ रोगी खोजी अभियान और बीस सितम्बर तक प्रस्तावित सक्रिय क्षय रोग खोजी अभियान में मदद करें। दोनों बीमारियों के नये मरीजों को खोजने में सहयोग करें। इस अवसर पर पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्रा, मिर्जा आफताब बेग, एसटीएलएस राघवेंद्र तिवारी,एनएमएस पवन कुमार श्रीवास्तव, मुख्य सेविका मोहित सक्सेना, शक्ति पांडेय, इंद्रनील कुमार और आशा मुनि प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

सुन्न दाग धब्बे की करनी है पहचान

शहरी क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शमा ने बताया कि पहली बार टीबी और कुष्ठ के बारे में विस्तृत जानकारी मिली है। अगर किसी के शरीर पर उसके चमड़ी के रंग से हल्का व सुन्न दाग धब्बा है तो उसे कुष्ठ भी हो सकता है। ऐसे मरीजों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच के लिए भेजेंगे। कुष्ठ के इलाज में देरी होने पर वह दिव्यांगता का रूप ले सकता है। शीघ्र इलाज से मरीज के साथ परिवार और समाज को भी इस बीमारी से बचाया जा सकता है।

सरयू की कटान से मिट सकता हैं बगहा गांव का अस्तित्व,आबादी का एक हिस्सा नदी के धारा में हुआ विलीन

गोला गोरखपुर। विकास खण्ड बड़हलगंज के दियारा क्षेत्र के बगहा में सरयू नदी का कटान दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा हैं ।कटान से अब तक आबादी का एक हिस्सा नदी के धारा में विलीन हो चुका हैं यदि कटान की यही गति रही तो आने वाले दो से तीन दिन के भीतर प्राथमिक विद्यालय भी नदी के धारा में समा जाएगा ।उधर कटान को रोकने के लिए बाढ़ खण्ड सिचाई विभाग अपने सभी हथकण्डे अपना रहा हैं ।

कल के रात्रि सरयु नदी तेजी से कटान की जिससे लोगो मे दहशत बढ़ गयी हैं ।

जिलाधिकारी का आदेश सिचाई विभाग के लिए बना चुनौती

बता दे कि कटान की खबर प्रतिदिन सहारा द्वारा मुख्य रूप से प्रकाशित किया जा रहा हैं जिसका संज्ञान लेकर जनप्रतिनिधि से लेकर जिलाधिकारी तक बगहा पहुँच कर् कटान की स्थिति से रूबरू हो चुके हैं ।जिलाधिकारी ने अपने निरीक्षण के दौरान बगहा गांव स्थिति कटान के मुहाने पर खड़ा शिक्षा का मंदिर प्राथमिक विद्यालय को हर हाल में बचाने के लिए बाढ़ खण्ड सिचाई विभाग को कड़े शब्दों में निर्देश दिया है जिसका असर यह हैं कि सिचाई विभाग कटान रोधी बचाव कार्य तेजी से कर् रहा हैं ।

कटान के दहशत से कम बच्चे पहुँच रहे विद्यालय

कटान के मुहाने पर खड़े प्राथमिक विद्यालय में कटान की दहशत से पढ़ने आने वाले बच्चों की संख्या कम हो गयी हैं ।गांव के शिवानन्द सूरज गेनिया देवी का कहना है कि विद्यालय के समीप नदी कटान कर् रही हैं ।उसी भय के से अभिवावक बच्चों को विद्यालय नही भेज रहे हैं ।

रात्रिजगा कर् रहे ग्रामीण

बगहा गांव में सरयू नदी के कटान से ग्रामीणों इतना भय बढ़ गया हैं कि लोग रात्रिजगा कर् रहे हैं एक लोग सो रहे हैं तो एक पहरा दे रहे हैं ।

गांव की बेचनी देवी ममता देवी फुला देवी पानमती देवी का कहना है कि कटान के भय से सोना हराम हो गया हैं ।

स्वैच्छिक भागीदारी से सुपोषण बन रहा जनांदोलन, सुपोषित हुए इक्यासी बच्चे

गोरखपुर। मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना के दिशा निर्देशन में पिछले वर्ष शुरू किये गये नवाचार ‘‘मिशन खिलखिलाहट’’ के जरिये इक्यासी बच्चे सुपोषित हो गये हैं। इस नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न विभागों के भागीदारों का अभिमुखीकरण विकास भवन सभागार में बुधवार को किया गया। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी ने मिशन खिलखिलाहट के तहत सुपोषित हुए छह बच्चों के अभिभावकों और उनकी देखभाल करने वाले भागीदारों समेत कुल 39 भागीदारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया । उन्होंने जिला पोषण समिति की बैठक दौरान सितम्बर में मनाये जा रहे पोषण माह की गतिविधियों की समीक्षा भी की।

जिला विकास अधिकारी राज मणि वर्मा, परियोजना निदेशक नागेंद्र नारायण मिश्र, डीसी एनआरएलएम राजेंद्र प्रसाद सिंह और जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव कुमार मिश्र ने भी अभिमुखीकरण सत्र को संबोधित किया और अपने अनुभव साझा किये। इस मौके पर पार्षद उपेंद्र सिंह, जिला विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी नीलेश प्रताप सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला युवा कल्याण अधिकारी अंमित सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी धर्मेंद्र पांडेय, सहायक आयुक्त उद्योग रवि कुमार शर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) वेद प्रकाश मिश्र, जिला समाज कल्याण अधिकारी वशिष्ठ नारायण सिंह, जिला कृषि अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह समेत कुल 39 ऐसे भागीदार सम्मानित हुए जिन्होंने स्वैच्छा से कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने में मदद किया है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि मिशन खिलखिलाहट के तहत इस समय कुल 178 कुपोषित बच्चों को विभिन्न विभागों के भागीदार गोद लेकर देखभाल कर रहे हैं । इन बच्चों के लिए पोषण पोटली देने के साथ साथ यह भागीदार उनके परिवार से मिल कर फॉलो अप करते हैं। उन्हें परामर्श देकर बच्चे के लिए सम्पूर्ण और सुपोषित खानपान को सुनिश्चित कराया जा रहा है। मिशन खिलखिलाहट के तहत समुदाय स्तर पर सैम (गंभीर तीव्र कुपोषण) और मैम (मध्यम तीव्र कुपोषण) से ग्रसित बच्चों को स्वेच्छा से गोद लेकर उन्हें पूर्णतः स्वस्थ और सुपोषित होने तक अपनी निगरानी में चिकित्सकीय और पोषण सेवाएं प्रदान करवाना होता है। साथ ही पांच वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों का कुपोषण से बचाव, कुपोषण दर में कमी लाने के लिए पोषण संबंधी व्यवहारों के प्रति जागरूकता लाना और विभागीय सेवाओं को सुदृढ़ करना भी इसका उद्देश्य है।

विश्वविद्यालय भी बना भागीदार

डॉ मिश्र ने बताया कि दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के शिक्षकगण ने भी करीब 20 बच्चों को गोद लेने का निर्णय लिया है। विश्विद्यालय की शिक्षक डॉ दिव्या रानी सिंह ने इसके लिए अभिमुखीकरण कार्यक्रम में हिस्सा भी लिया ।

हुआ अन्नप्राशन और गोदभराई

कार्यक्रम के दौरान दो बच्चों का अन्नप्राशन और एक गर्भवती की गोदभराई भी की गई। साथ ही हैलो डॉक्टर दीदी कार्यक्रम के बारे में भी चर्चा हुई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के जरिये 07878781003 नंबर पर फोन कर पोषण और स्वच्छता के लिए शून्य से छह वर्ष तक के बच्चों की माताओं को जोड़ने पर बल दिया गया। इस अवसर पर यूनिसेफ के मंडलीय प्रबंधक सुरेश तिवारी, डॉक्टर दीदी कार्यक्रम के प्रभारी अरविंद सिंह और यूनिसेफ के डीएमसी डॉ हसन फहीम समेत विभिन्न ब्लॉक के बीडीओ, सीडीपीओ और मुख्य सेविका मौजूद रहीं।

स्वास्थ्य विभाग के एलसीडीसी अभियान में कुष्ठ रोगियों की तलाश

खजनी गोरखपुर। केंद्र एवं प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग के निदेर्शानुसार क्षेत्र में कुष्ठ रोगियों की पहचान और समय रहते उनके संपूर्ण उचित निदान के लिए विशेष एलसीडीसी अभियान चलाया गया है। अभियान के तहत क्षेत्र के सभी गांवों कस्बों में हर घर तक पहुंच कर कुष्ठ रोगियों की पहचान की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, हेल्थ सुपरवाइजर,एएनएम, आशाओं और सीएचओ को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। बीते दिनों खजनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचे क्षेत्रीय विधायक प्रदीप शुक्ला के द्वारा पीएचसी से टीम रवाना करते हुए इस अभियान की शुरूआत की गई है।

विधायक प्रदीप शुक्ला ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ हर व्यक्ति को मिले, विशेष कर वंचित और गरीब तबके के लोगों को गंभीर बिमारियों से बचाया जा सके उसके लिए सरकार प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान हो या फिर टीबी, हेपेटाइटिस-बी, कुष्ठ रोगियों की पहचान और उनके उचित निदान के लिए सरकार के द्वारा नि: शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन किया गया है। समय रहते अपनी जांच करा कर गंभीर रोगों से अपना और अपने परिवार के लोगों का बचाव किया जा सकता है। बताया गया कि जानकारी और जागरूकता के अभाव में लोग कुष्ठ रोग को छिपाते हैं, जिससे उनका उचित इलाज नहीं हो पता है।

पीएचसी के एचईओ जुमराती अहमद ने बताया कि एलसीडीसी अभियान में कुष्ठ रोगियों की पहचान की जा रही है, उसके लिए विशेष अभियान चलाया गया है। पीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉक्टर प्रदीप तिवारी ने बताया कि कुष्ठ रोगियों की पहचान हो जाने पर उनका इलाज किया जा सकता है, क्षेत्र में सिर्फ एक कुष्ठ रोगी की पहचान हुई है।

बैनामा खतौनी में अंश निर्धारण हेतु चलाया गया विशेष अभियान

खजनी गोरखपुर। प्रदेश शासन राजस्व विभाग के निदेर्शानुसार तहसीलों में अविवादित कागजात दुरूस्ती और अंश निर्धारण के लिए आगामी 15 सितंबर से 30 सितंबर तक विशेष अभियान चलाया गया है। जिसमें अंश निर्धारण हेतु त्रुटीपूर्ण फसली वर्ष की खतौनी, बैनामा, अभिलेखों से वर्तमान फसली वर्ष वर्तमान फसली वर्ष में अंश निर्धारण का कार्य किया जा रहा है।

तहसील क्षेत्र के निवासी यदि किसी किसान खातेदार के अंश में कोई त्रुटी हुई हो तो वह निर्देशित अंकित अभिलेखों सहित कार्यालय में उपस्थित हो कर अपना अंश सही करा सकते हैं। इस कार्य के लिए अनावश्यक रूप से इधर उधर भटकने की आवश्यकता नहीं है।

उक्त जानकारी देते हुए एसडीएम कुंवर सचिन सिंह तथा तहसीलदार गोपाल कृष्ण तिवारी ने बताया कि तहसील के सभी लेखपालों को इस संदर्भ में निर्देशित किया गया है। सभी किसान अपना अंश निर्धारण सहजता से करा सकते हैं।

सिकरीगंज में चोरों का आतंक बरकरार,एक गांव के दो घरों में लाखों की चोरी

सिकरीगंज गोरखपुर। बीती रात थाना क्षेत्र के सहुआ गांव के निवासी रामप्रवेश मौर्य और पुजारी नायक के घरों को अज्ञात चोरों ने निशाना बनाया और ताला काट कर लाखों के कीमती गहने और नकद उठा ले गए। थाने में दी गई तहरीर में बताया गया है कि बीती रात रामप्रवेश मौर्य के परिवार के लोग छत पर सोए हुए थे।

घर के मुख्य दरवाजे पर लगा ताला काट कर भीतर घुसे अज्ञात चोरों ने बक्से आलमारी का ताला तोड़ कर 10 हजार नकद तथा सोने की अंगूठी चेन आदि उठा ले गए। दूसरी घटना उसी गांव के निवासी पुजारी नायक का परिवार घर में ताला बंद कर गोरखपुर गया था। ताला काट कर घर में घुसे अज्ञात चोरों ने सोने की चेन, अंगूठी,कान की बाली और 50 हजार रुपए नकद उठा ले गए। पीड़ितों को घटना की जानकारी सबेरे हुई।

पुलिस को सूचना दिए जाने के बाद घटनास्थल पर पहुंचे थानाध्यक्ष कमलेश कुमार ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि लगातार चोरियां हो रही हैं, इलाके में दहशत है। चोर पकड़े नहीं जा रहे हैं। शातिर चोरों के सामने पुलिस लाचार बनी हुई है।

आकाशीय बिजली की चपेट में आ कर विवाहिता की मौत

खजनी गोरखपुर।।आकाशीय बिजली की चपेट में आ कर खजनी थाने के नगर पंचायत कस्बा संग्रामपुर उनवल के वार्ड संख्या 2 की निवासी प्रभावती देवी पत्नी राजकुमार बेलदार की मौत हो गई।

प्रभावती रक्षाबंधन पर्व पर अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए अपनी ससुराल गोपालपुर थाना महुली जिला संतकबीरनगर से मायके में आई हुई थी। मंगलवार 09 सितंबर को लगभग दोपहर बाद अपने खेत में काम कर रही थी। इस दौरान अचानक जोर से कड़कते हुए आकाशीय बिजली गिरी और प्रभावती उसकी चपेट में आ गई। हादसे में उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतका के पति दिल्ली में पेंट पॉलिश का काम करते हैं। प्रभावती की मौत ने पूरे परिवार को हिला कर रख दिया मायके और ससुराल पक्ष में इस घटना से मातम छाया हुआ है।

घर के सामने निजी जमीन में जबरन रास्ता बनाने पर जमकर मारपीट, लाठी डंडे ईंट पत्थर से हुए हमले में दो गंभीर

खजनी गोरखपुर। बांसगांव थाने की हरनहीं चौकी क्षेत्र के हरिहरपुर ग्रामसभा में ग्रामप्रधान प्रतिनिधि के द्वारा घर के सामने निजी जमीन में सार्वजनिक रास्ता बनाने पर उसका विरोध करने वाले लोगों पर लाठी डंडे से लैश लोगों ने हमला कर दिया। घर के भीतर मौजूद लोगों ने हमले का विरोध किया तो घर में ईंट पत्थर फेंक कर महिलाओं और बच्चों को भी निशाना बनाया गया।

बांसगांव थाने में दी गई तहरीर में पीड़ित राजू सिंह पुत्र स्वर्गीय अवधेश सिंह ने बताया है कि गांव में मेरे घर के सामने मेरी निजी जमीन में गांव का सार्वजनिक रास्ता बनाया जा रहा था। जब हमने इसका विरोध किया तो ग्राम प्रधान प्रतिनिधि पंच बहादुर सिंह ने अपने समर्थकों अरविंद उर्फ सोविंद सिंह, शंभू सिंह, देवव्रत सिंह,जय सिंह, महेश सिंह, गंगेश सिंह, विनोद सिंह के साथ गोलबंद हो कर लाठी डंडों से लैश होकर हमला कर दिया। घर के लोगों का बीच बचाव करने पहुंची महिलाओं और बच्चों को भी हमलावरों ने निशाना बनाया जिसमें कई लोगों के घायल होने की जानकारी दी गई है। घटना में गंभीर रूप से घायल अरविंद सिंह और राजू सिंह को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया जहां से उन्हें बीआरडी मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है।

घटना की सूचना पुलिस को दिए जाने के लगभग आधे घंटे बाद पहुंची पुलिस ने विवाद को शांत कराया और घायलों को इलाज के लिए भेजने के साथ ही आरोपितों को लेकर बांसगांव थाने पर पहुंची। इस संदर्भ में थानाध्यक्ष बांसगांव ने बताया कि तहरीर मिली है, विधिक कार्रवाई की जा रही है।

बहुत सारी सरकारी योजनाएं यहां उपलब्ध, जानकारी से दिव्यांगजन हो सकते हैं लाभान्वित

गोरखपुर। सीआरसी गोरखपुर और नई दिशा हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में दिव्यांगजनों हेतु उपलब्ध सरकारी योजनाओं की जानकारी विषय पर एक दिवसीय जन-जागरूकता कार्यक्रम आज सीआरसी-गोरखपुर में आयोजित किया गया।

बतौर रिसोर्सपर्सन नई दिशा हैदराबाद की सुश्री अर्चना सिंह ने बताया कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य दिव्यांगजनों हेतु उपलब्ध सरकारी योजनाओं को की जानकारी दिव्यांगजनों तक पहुंचना है। सीआरसी गोरखपुर के निदेशक जितेंद्र यादव ने कहा कि दिव्यांगजनों हेतु बहुत सारी सरकारी योजनाएं उपलब्ध है जिनकी जानकारी से वे लाभान्वित हो सकते हैं।

इनमें से एडिप, पीएमडीके, एम्पलाईेबिलिटी स्किल्स जैसी योजनाओं से संबंधित कार्यक्रम सीआरसी गोरखपुर में संचालित भी हो रहे हैं। एक अन्य कार्यक्रम में सीआरसी गोरखपुर में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का भी आयोजन किया गया। जिसमें आत्महत्या के रोकथाम और स्वस्थ मनोसामाजिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने पर चिंतन किया गया। सीआरसी की पुनर्वास सेवाओं से संबंधित जानकारी के लिए कनक त्रिपाठी डिग्री कॉलेज भटहट की बीएड की छात्र-छात्राओं और संकाय सदस्यों ने सीआरसी का भ्रमण भी किया।

कार्यक्रम समन्वयक राजेश कुमार और राजेश कुमार यादव ने कार्यक्रम का संचालन किया। इन कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में दिव्यांगजन उनके अभिभावक और मानव संसाधन विकास के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। नागेंद्र पांडे और अरविंद पांडे ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

जलवायु संरक्षण में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण: एडीएम वित्त

गोरखपुर। 11वीं वाहिनी एनडीआरएफ गोरखपुर में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं यूनिसेफ उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वाधान में आपदा मित्र, आपदा सखी, विश्वविद्यालय के आपदा प्रबंधन के विद्यार्थियों तथा एनडीआरएफ के जवानों का जलवायु परिवर्तन तथा आपदा न्यूनीकरण विषयक एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम को डॉ० उर्वशी चंद्रा, प्रोग्राम ऑफिसर आपदा प्रबंधन यूनिसेफ उत्तर प्रदेश ने संबोधित करते हुए युवाओं से अपील की जल और वायु के दृष्टिगत अपने घरों से प्रयास प्रारंभ किया जा सकता है। पानी का दोहन, ऊर्जा का सही रूप से इस्तेमाल तथा पौधारोपण का कार्य युवा कर सकते हैं।

संतोष कुमार डिप्टी कमांडेंट एनडीआरएफ ने बताया कि संयुक्त रूप से कार्य करने की आवश्यकता है। जलवायु परिवर्तन के कारण मानव जीवन पर पड़ रहे प्रभाव तथा आपदाओं के स्वरूप में हो रहे बदलाव के संबंध में प्रतिभागियों को अवगत कराया।

महिलाओं की जलवायु संरक्षण में भूमिका विषय पर घनश्याम मिश्रा सलाहकार यूनिसेफ ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया। साथ ही केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न परियोजनाओं, जिनसे आपदा में प्रभावित व्यक्ति सहायता प्राप्त कर सकते हैं के संबंध में अवगत कराया।

गौतम गुप्ता जिला आपदा विशेषज्ञ ने बढ़ते तापमान का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए युवाओं से अपेक्षा व्यक्त कि अपने आसपास विद्यालयों, सार्वजनिक स्थलों, ग्राम चौपाल तथा विभिन्न सोसाइटी में जाकर जागरूकता कार्य करें।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विनीत कुमार सिंह अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व)/ प्रभारी अधिकारी (आपदा) गोरखपुर ने युवाओं से अपील की कि अपनी शक्ति को आप पहचाने और आपदा न्यूनीकरण हेतु कार्य करें। इसमें जिला प्रशासन आपको यथोचित सहयोग प्रदान करेगा।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में 62 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।