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खालिस्तान समर्थकों ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के लिए जिम्मेदार हमलावर को दी श्रद्धांजलि

कनाडा में खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी समूहों का भारत विरोधी प्रदर्शन जारी है. वैंकूवर में साल 1995 में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के लिए जिम्मेदार हमलावर को श्रद्धांजलि दी गई. वैंकूवर में निकाली गयी झांकियों में हत्या के ग्राफिक चित्रण किया गया. इसमें खून से लथपथ कार और मारे गए सीएम की तस्वीरें भी प्रदर्शित की गयी

झांकी में बेअंत को बम से उड़ाया गया के नारे के पोस्टर भी लगाये गये और इस रैली के दौरान आत्मघाती हमलावर दिलावर सिंह बब्बर को भी श्रद्धांजलि दी गई. पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिह की 31 अगस्त, 1995 को हत्या कर दी गई थी. इस बार वैंकूवर में उनके हत्यारे को श्रद्धांजलि दी गई.

बता दें कि इसके पहले टोरंटो में इंद्रजीत सिंह गोसल के नेतृत्व में एक रैली निकाली गई थी. उस रैली में भी खालिस्तान जनमत संग्रह के समर्थकों को बब्बर सिंह की “संतान” बताया गया था.

वैंकूवर में खालिस्तान समर्थकों ने किया प्रदर्शन

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सिख फॉर जस्टिस के जनरल काउंसलर और जनमत संग्रह के मुख्य आयोजक गुरपतवंत पन्नून के करीबी सहयोगी गोसल को जान के खतरे के बारे में चेतावनी दी गई थी. कनाडा की पुलिस ने इस बाबत चेतावनी दी थी.

रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस और ओंटारियो प्रांतीय पुलिस ने इसके पहले भी चेतावनी जारी की थी. पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में हरदीप सिंह निज्जर की सरेआम में हत्या कर दी गई थी. चंडीगढ़ में आत्मघाती बम विस्फोट में 17 लोगों जान चली गयी थी. इस बम विस्फोट की जिम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने ली थी.

9 जून को ग्रेटर टोरंटो एरिया (GTA) के हिस्से ब्रैम्पटन में एक परेड में इंदिरा गांधी के पुतले को उनके अंगरक्षकों द्वारा गोली मारते हुए दिखाया गया था. इस झांकी में पोस्टर शामिल थे, जिसमें कहा गया था कि उनकी सज़ा 31 अक्टूबर, 1984 को दी गई थी, जो उनकी हत्या की तारीख थी.

प्रदर्शन पर कनाडा सरकार ने कही ये बात

यह परेड ऑपरेशन ब्लूस्टार की 40वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित की गई थी, जिसके दौरान भारतीय सेना ने खालिस्तानी चरमपंथियों को खत्म करने के लिए अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में प्रवेश किया था, जिसमें उनके नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले भी शामिल थे.

यह झांकी वैंकूवर में भारत के वाणिज्य दूतावास के सामने एक विरोध प्रदर्शन के दौरान इसी तरह के प्रदर्शन के ठीक तीन दिन बाद दिखाई दी. जवाब में, कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री, डोमिनिक लेब्लांक ने शुक्रवार को एक्स पर पोस्ट किया कि कनाडा में हिंसा को बढ़ावा देना कभी भी स्वीकार्य नहीं है.

पिछले साल, 4 जून को, gta में एक शहीदी दिवस कार्यक्रम में इसी तरह की झांकी दिखाई गई थी. यह कार्यक्रम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद की घटनाओं को दर्शाता है, जिसके कारण दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में सिख विरोधी दंगे हुए, जिसके परिणामस्वरूप हज़ारों लोग मारे गए और बड़े पैमाने पर लूटपाट हुई थी.

अलगाववादी नेता सैयद सलीम गिलानी ने थामा पीडीपी का दामन,महबूबा मुफ्ती बोलीं- इसके पास कश्मीर के लोगों का विजन है

कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है. दलों ने कई उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी. सियासत के समीकरण को समझते हुए कई नेताओं का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाना शुरू कर दिया है.

इसी बीच कश्मीर के अलगाववादी हुर्रियत नेता सैयद सलीम गिलानी ने अपनी राजनीति में एक बड़ा फैसला लिया है.

ठीक विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने रविवार को महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी यानी पीडीपी का दामन थाम लिया है.

अलगाववादी नेता सैयद सलीम गिलानी पीडीपी इससे पहले मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाली ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के सदस्य थे.

पीडीपी में शामिल होने के बाद सलीम गिलानी ने कहा कि उनका मकसद जम्मू कश्मीर के लोगों की सेवा करना है फिर चाहे वो अलगाववादी नेता के तौर पर करें या फिर मुख्यधारा की राजनीति में आकर करें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिन कश्मीर के लोगों के मुद्दों के लिए वो अलगाववादी नेता के तौर पर लड़ रहे हैं,

वहीं मुद्दे इस समय मुख्यधारा की राजनीति में हावी हैं. इसलिए उन्होंने मुख्यधारा की राजनीति में आने का फैसला किया है.

गिलानी के शामिल होने पर क्या बोलीं मुफ्ती?

अलगाववादी नेता सलीम गिलानी के शामिल होने पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनके पास पहले से ही एक विजन है. पीडीपी सत्ता के लिए चुनाव नहीं लड़ रही है, बल्कि जम्मू कश्मीर के लोगों की पीड़ा को दूर करने के लिए लड़ रही है.

सैयद सलीम गिलानी वो नेता हैं, जिनके पास जिनके पास कश्मीर के लोगों के लिए एक विजन है. माना जा रहा है कि सलीम के पार्टी ज्वाइन करने से कहीं न कहीं पीडीपी की ताकत जरूर बढ़ेगी. सलीम गिलानी के साथ-साथ कश्मीर के कई और बड़े नेताओं ने भी मुफ्ती की पार्टी का दामन थामा है.

भाजपा पर भी जमकर निशाना साधा

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सभी नेताओं को पार्टी में ज्वाइन होने पर कहा, “हम क्या कह सकते हैं? आपको याद होगा कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र में भी जब मैंने चुनाव लड़ा था, तो उन्होंने बिना किसी कारण के तारीख बदल दी थी, इसलिए उनके पास भाजपा का अपना हिसाब है और उसी के अनुसार वे चुनाव की तारीख तय करते हैं. सब कुछ भाजपा और उनकी प्रॉक्सी पार्टियों के लिए काम करता है. मुझे खुशी है कि यहां सभी अधिकारी स्थानीय हैं. मुझे उम्मीद है कि सभी कर्मचारी, जो भी चुनाव प्रक्रिया से जुड़े हैं, वे स्वतंत्र निष्पक्ष चुनाव कराने में अपनी भूमिका निभाएंगे”

कोलकाता मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की मौत: सीबीआई जांच के 19 दिन बाद भी बना हुआ है रहस्य

नौ अगस्त की सुबह कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्टिल में ट्रेनी डॉक्टर का सेमिनार हॉल में शव मिला था. कोलकाता पुलिस ने रेप-मर्डर के आरोप में सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय को वारदात के दूसरे दिन बाद ही गिरफ्तार कर लिया. ट्रेनी डॉक्टर की रेप और मर्डर मामले की न्याय की मांग को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन हुआ. कलकत्ता हाईकोर्ट में मामला दायर किया गया तो सीबीआई जांच के आदेश दिये गये. वारदात के 5 दिनों के बाद से सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की.

सीबीआई जांच शुरू हुए 19 दिन बीत चुके हैं, लेकिन ट्रेनी डॉक्टर की मर्डर का रहस्य अभी तक रहस्य ही बना हुआ है. संजय रॉय के अतिरिक्त न किसी शख्स की कोई गिरफ्तारी हुई और न ही सीबीआई ने इस मामले की प्रगति को लेकर कोई बयान ही दिया है.

हालांकि इस मामले में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से 16 अगस्त से लगातार पूछताछ हो रही है. कभी 10 घंटे, कभी 11 घंटे, कभी 12 घंटे सीबीआई ने संदीप घोष से पूछताछ की. संदीप घोष, आरोपी संजय रॉय सहित कुल 10 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया.

संदीप घोष सहित उनके करीबियों के 15 ठिकानों पर सीबीआई ने आरजी कर भ्रष्टाचार मामले में छापेमारी की. छापेमारी के बाद सीबीआई के अधिकारी ने कहा था कि बहुत कुछ मिला है, लेकिन छापेमारी के भी करीब एक हफ्ते बीत चुके हैं. अभी तक सीबीआई का कोई बयान नहीं आया. अब भ्रष्टाचार मामले की जांच ईडी ने भी शुरू की है और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच शुरू की है.

संदीप घोष से 15 दिन तक पूछताछ

चाहे रेप केस हो या आरजी कर में भ्रष्टाचार का मामला संदीप घोष की भूमिका पर सवाल उठाया गया है. पहले मामले में, एक प्रशासक के रूप में घटना की जिम्मेदारी उन पर आई. दूसरे मामले में उन पर सीधे आरोप हैं. संदीप घोष के पूर्व सहयोगी और आरजी कर के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने अदालत को बताया कि संदीप घोष मेडिकल ऑर्गेनिक कचरा भ्रष्टाचार, सरकारी धन का गबन, विक्रेताओं के चयन में भाई-भतीजावाद, कानून तोड़कर ठेकेदारों की नियुक्ति के अलावा कई वित्तीय अनियमितताएं शामिल हैं. सीबीआई उनसे 15 दिनों तक हर दिन पूछताछ की.

सीबीआई जांच के 19 दिन हुए पूरे

उधर, डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या की जांच सीबीआई को सौंपे हुए रविवार को 19 दिन हो गए हैं. 13 अगस्त को कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम की डिवीजन बेंच ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया. 14 अगस्त को सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की. दिल्ली से एक विशेष टीम ने कोलकाता जाकर जांच शुरू की.

9 दिन बीत जाने के बावजूद भी सीबीआई ने मामले की जांच के बारे में सार्वजनिक रूप से कुछ भी घोषित नहीं किया है. जांचकर्ताओं ने मामले से जुड़े कई लोगों से पूछताछ की है. लेकिन इन 19 दिनों में सीबीआई ने किसी नये को गिरफ्तार नहीं किया है. गिरफ्तार सिविक वालंटियर को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी.

संजय रॉय सहित 10 का हुआ पॉलीग्राफ टेस्ट

फिलहाल, संजय रॉय अदालत के आदेश पर प्रेसीडेंसी जेलहिरासत में है. वहां उसका पॉलीग्राफ टेस्ट भी हुआ. जांचकर्ताओं द्वारा कुल 10 लोगों का परीक्षण किया गया, लेकिन सीबीआई यह नहीं बताया कि पॉलीग्राफ़ टेस्ट से उन्हें क्या पता चला. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पहल पर मामले की सुनवाई की.

मामले में जांच की प्रगति पर सीबीआई से ‘स्टेटस रिपोर्ट’ मांगी. सीबीआई ने वह रिपोर्ट भी लिफाफे में जमा कर दी है. लेकिन इसमें क्या है, इसका खुलासा होना अभी बाकी है.

जानें कहां अटका है मामला

सीबीआी जांच के 19 दिन हो गये हैं, लेकिन इस मामले में अभी तक कोई बड़ा खुलासा नहीं हुआ हेै. सीबीआई केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला द्वारा उपलब्ध कराई गई डीएनए रिपोर्ट के आधार पर अंतिम निर्णय लेने के लिए तैयार नहीं है.

13 अगस्त को सीएफएसएल कोलकाता में कलकत्ता पुलिस द्वारा डीएनए रिपोर्ट के लिए नमूना प्रस्तुत किया गया. नमूनों में मृतका के प्राइवेट पार्ट से बरामद नमूने, नाखूनों से त्वचा और बालों के नमूने, घटनास्थल पर पाए गए बालों के नमूने शामिल हैं. साथ ही मृतका के कपड़े, कंबल, चादरें नमूने के तौर पर जमा कर लिए गए.

सीएफएसएल रिपोर्ट पर घमासान

मुख्य आरोपी संजय रॉय के खून के नमूने, उस रात पहने गए उसके कपड़े नमूने के तौर पर जमा किए गए. कोलकाता पुलिस की ओर से अतिरिक्त पुलिस आयुक्त स्तर के एक अधिकारी द्वारा अनुरोध पत्र दिया गया था. सीएफएसएल अथॉरिटी ने शुरुआत में रिपोर्ट तैयार करने के लिए 10 दिन का समय मांगा.

लेकिन कोलकाता पुलिस के अनुरोध पर सीएफएसएल 6 दिन में रिपोर्ट देने को तैयार हो गई, लेकिन कोर्ट के आदेश पर जैसे ही सीबीआई ने जांच का जिम्मा संभाला, उसी दिन उलझनें पैदा हो गईं कि सीएफएसएल कौन सी जांच एजेंसी रिपोर्ट सौंपेगी, चूंकि कोलकाता पुलिस ने जांच नहीं कर रही है, इसलिए उन्होंने सीएफएसएल से संपर्क नहीं किया, इसलिए रिपोर्ट सीएफएसएल अधिकारियों के पास ही रह गई.

आखिरकार 26 अगस्त को कोर्ट की अनुमति से सीबीआई ने डीएनए रिपोर्ट इकट्ठा की. सीबीआई इस रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती थी. सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने जांच का जिम्मा संभालने के बाद कुछ सैंपल सीएफएसएल को भी सौंपे थे. उस नमूने की रिपोर्ट अभी तक तैयार नहीं की गई है.

एम्स से सीएफएसएल रिपोर्ट की होगी जांच

सूत्रों के अनुसार कोलकाता पुलिस द्वारा प्रस्तुत नमूनों के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, संजय रॉय का डीएनए मृतका के प्राइवेट पार्ट से मिले स्वैब से मेल खाता है. संजय रॉय के शरीर पर लगी चोटों से लिए गए सैंपल का मिलान मृतका के नाखूनों से मिले सैंपल से किया गया. मौका-ए-वारदात पर मिले बालों से मैच संजय के डीएनए से कराया गया. मृतका के लार के नमूने में भी संजय का डीएनए पाया गया. सीएफएसएल रिपोर्ट में किसी दूसरे व्यक्ति के अस्तित्व का जिक्र नहीं है.

सीएफएसएलकी इस रिपोर्ट को समीक्षा के लिए एम्स विशेषज्ञों के पास भेजा गया है.सूत्रों के मुताबिक, जब तक सीबीआई द्वारा भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक सीबीआई कोई भी फैसला लेने को तैयार नहीं है.

5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई

सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद परिस्थितिजन्य साक्ष्यों का मिलान करने के बाद सीबीआई आगे की कार्रवाई करेगी. 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले सीबीआई को रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है. उसके बाद इस रहस्य के सिरे का संकेत मिल सकेगा. अब यह देखना अहम होगा कि पांच सितंबर को सीबीआई सुप्रीम कोर्ट में क्या रिपोर्ट सौंपती है.

इंडिगो फ्लाइट को बम की धमकी, नागपुर में इमरजेंसी लैंडिंग,सभी यात्री सुरक्षित

मध्य-प्रदेश के जबलपुर से हैदराबाद जा रही इंडिगो की एक फ्लाइट को रविवार को बम की धमकी मिली. यह धमकी कैसे दी गई. इसकी जानकारी नहीं हैं लेकिन इसके बाद फ्लाइट को डायवर्ट कर लिया गया.

इसके बाद सभी यात्रियों को फ्लाइट से उतारा गया. फ्लाइट की लैंडिंग नागपुर में कराई गई. इसके बाद सभी जरूरी सुरक्षा जांच की गई. राहत की बात यह है कि फ्लाइट में सफर कर रहे सभी यात्री सुरक्षित हैं.

पिछले कुछ दिनों से एयरपोर्ट और हॉस्पिटल को बम से उड़ाने की झूठी धमकियां मिलने की घटनाएं कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक इससे पहले 18 जून को जयपुर, चेन्नई और वाराणसी समेत 41 एयरपोर्ट को ईमेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली. इसके बाद कई घंटों तक जांच की गई. लेकिन सभी धमकियां झूठी निकलीं. बम की झूठी धमकियां और मैसेज फ्लाइट के शेड्यूल को बाधित करते हैं और सभी यात्रियों, उनके सामान और पूरी फ्लाइट को चेक करना जरूरी हो जाता है.

पहले भी मिली थी धमकी

अभी 22 अगस्त को ही मुंबई से आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट में बम की धमकी मिलने के बाद तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी. फ्लाइट को सुबह करीब 8 बजे एयरपोर्ट पर उतारा गया और उसे एक आइसोलेशन बे में ले जाया गया. इसके बाद यात्रियों को 9 बजे करीब सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था. उस वक्त भी फ्लाइट में 135 यात्री सवार थे. 17 जून को अधिकारियों ने एक 13 साल के लड़के को दिल्ली एयरपोर्ट पर एक ईमेल भेजने के आरोप में हिरासत में लिया था, जिसमें झूठा दावा किया गया था कि दुबई जाने वाली फ्लाइट में बम रखा गया है.

60 अस्पतालों को भी मिली

ईमेल मिलने के बाद एयरपोर्ट पर इमरजेंसी घोषित कर दी थी. इसके साथ ही दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी हाई अलर्ट पर रखा गया था. एयरपोर्ट या फ्लाइट ही नहीं बम रखने की धमकी मुंबई के करीब 60 हॉस्पिटलों को भी फर्जी ईमेल के जरिए दी गई है. मुंबई पुलिस ने कहा था कि इसमें प्राइवेट और सरकारी दोनों अस्पताल शामिल थे और सभी ईमेल वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का इस्तेमाल करके हॉस्पिटल के पब्लिक मेल आईडी पर भेजे गए थे.

BHU गैंगरेप के आरोपियों की रिहाई पर भड़के अखिलेश यादव,बीजेपी पर किया हमला

वाराणसी में आईआईटी बीएचयू की स्टूडेंट से गैंगरेप के दो आरोपियों को जेल से छूटने के बाद सियासत गरमा गई है. तीन में से दो आरोपियों को जेल से छूटने पर अब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने राज्य की बीजेपी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी की आईटी सेल के पदाधिकारियों के रूप में काम करने वाले बीएचयू गैंग रेप के तीन आरोपियों में से दो को जमानत मिलने की खबर निंदनीय भी और चिंतनीय भी है.

पूर्व सीएम ने कहा कि सवाल ये है कि दुष्कर्म करने वालों की कोर्ट में लचर पैरवी करने के लिए दबाव किसका था. देश की बेटियों का मनोबल गिरान की शर्मनाक बात है. उन्होंने कहा कि न केवल ये बलात्कारी बाहर आ गए बल्कि ऐसी भी खबरें हैं कि भाजपाई परंपरानुसार इनका फूल-मालाओं से स्वागत भी हुआ है.

‘बीजेपी देश की बहन-बेटियों से कुछ कहना चाहेगी क्या?’

अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी इस बारे में देश की बहन-बेटियों से कुछ कहना चाहेगी क्या? उम्मीद है सच्ची पत्रकारिता करने वाली सभी महिला एंकर इसके बारे में अपना एक शो जरूर करेंगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी स्पष्ट करे कि क्या देश के ‘प्रधान संसदीय’ क्षेत्र में भाजपाई कार्यकर्ताओं को दुष्कर्म करने की विशेष छूट और स्वतंत्रता मिली हुई है?

सोशल मीडिया पर लोगों का जबरदस्त रिएक्शन

गैंगरेप के आरोपियों के जेल से छूटने के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों का जबरदस्त रिएक्शन देखने को मिला है. दो आरोपियों में से एक को 2 जुलाई और दूसरे को 4 जुलाई को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी. आरोपियों के जेल से छूटने पर यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने भी कहा कि यूपी सरकार ने अदालत में ठीक तरीके से केस नहीं लड़ी. आरोरियों के खिलाफ मजबूती से सबूत नहीं पेश किए गए.

पिछले साल की घटना, 3 आरोपी हुए थे गिरफ्तार

साल 2023 में BHU कैंपस में छात्रा के साथ रेप के आरोप में तीन लोग पकड़े गए थे. सक्षम पटेल, अभिषेक चौहान और कुणाल पांडे. सक्षम पटेल बीजेपी से जुड़ा है. पार्टी के कई सीनियर लीडरों के साथ उसकी फोटो भी है. तीनों की जमानत याचिका वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट ने खारिज कर दी थी. पिछले साल नवंबर के महीने में IIT BHU की छात्रा के साथ रात में रेप की घटना को लेकर बहुत हंगामा हुआ था.

पटाखा फैक्टरी के गोदाम में विस्फोट, दो श्रमिकों की मौत,चार लोग घायल CM ने किया मदद का ऐलान

तमिलनाडु में तुत्तुक्कुडी जिले के नाजरथ के पास एक पटाखा फैक्टरी के गोदाम में शनिवार शाम विस्फोट हो जाने के कारण दो श्रमिकों की मौत हो गई और दो महिलाओं समेत चार अन्य लोग घायल हो गए. पुलिस ने जानकारी दी कि पटाखों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते समय अचानक विस्फोट हो गया.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने घटना पर दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को तीन-तीन लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की.

पुलिस ने बताया कि घटना में दो लोगों की मौत हो गई, जिनकी पहचान कन्नन और विजय के रूप में हुई है. जबकि चार अन्य लोगों को इलाज के लिए तिरुनेलवेली राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल ले जाया गया है. प्रेस रिलिज के मुताबिक, घटना में सेल्वम, प्रशांत, सेंधुरकानी और मुथुमारी गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है.

सीएम ने किया मदद का ऐलान

मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि एक प्राइवेट पटाखा फैक्टरी में अप्रत्याशित विस्फोट के कारण मौतों की खबर सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ है. उन्होंने कहा कि दुर्घटनावश हुए विस्फोट में घायल हुए लोगों को एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी.

छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस पर किया पलटवार,जाने क्या कहा

पिछले साल पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा का अनावरण किया था, जिसको अभी साल भर भी नहीं हुआ था कि यह प्रतिमा गिर गई. 27 अगस्त को प्रतिमा ढही थी. हालांकि इस मामले में 2 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और 1 को गिरफ्तार भी कर लिया गया है

लेकिन अब यह मुद्दा और गर्माता जा रहा है. जहां विपक्ष लगातार राज्य सरकार पर हमलावर है. इसी को लेकर महा विकास अघाड़ी आज मुंबई में विरोध मार्च भी निकाल रहा है. इस पर देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार कर कहा कि नेहरू ने शिवाजी महाराज का अपमान किया था.

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह आंदोलन पूरी तरह से राजनीतिक है. चाहे महा विकास अघाड़ी हो या कांग्रेस पार्टी, उन्होंने कभी भी छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्मान नहीं किया. नेहरू जी ने ‘द डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ में छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान किया. क्या कांग्रेस और एमवीए इसके लिए माफी मांगेंगे. मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने बुलडोजर से छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को ध्वस्त कर दिया.

जूता मारो आंदोलन

फडणवीस ने आगे सूरत का जिक्र किया और कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि आजादी के सालों बाद भी उसी कांग्रेस ने हमें सिखाया कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने सूरत को लूटा. उन्होंने सूरत को कभी नहीं लूटा. लोगों ने वहां छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति स्थापित की है. क्या कांग्रेस इसके लिए माफी मांगेगी? महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ महा विकास अघाड़ी के घटक दल आज दक्षिण मुंबई में हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक ‘जूता मारो आंदोलन’ कर रहे हैं. लेकिन इससे पहले ही देवेंद्र फडणवीस ने एमवीए समेत कांग्रेस पर पलटवार कर तीखा हमला बोल दिया.

एक बड़ी प्रतिमा बनाएंगे

हालांकि छत्रपति शिवाजी महारजा की प्रतिमा गिरने पर एकनाथ शिंदे से लेकर अजित पवार तक जनता से माफी मांग चुके हैं. यहां तक की पीएम नरेंद्र मोदी ने इसको लेकर कहा था कि छत्रपति महाराज हमारे लिए सिर्फ राजा नहीं बल्कि आराध्य देव हैं. मैं उनके चरणों में गिर कर उनसे माफी मांगता हूं. वहीं एकनाथ शिंदे ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा था कि मैं 100 बार माफी मांगने को तैयार हूं. साथ ही ये भी कहा कि वो एक बड़ी प्रतिमा बनाएंगे.

असम में मिला 1962 के युद्ध का 62 साल पुराना मोर्टार स्मोक बम, सेना ने किया नष्ट

असम के सोनितपुर में 62 साल पुराना मोर्टार स्मोक बम मिला है. पुलिस ने बताया कि यह 1962 के भारत-चीन युद्ध के समय का बम है. यह मोर्टार स्मोक बम असम के ढेकियाजुली इलाके में मिला है. हालांकि, सेना ने इस स्मोक बम को ब्लास्ट कर दिया

सोनितपुर के एसपी बरुण पुरकायस्थ ने बताया कि दो इंच लंबा विस्फोटक जौगापुर गांव में एक व्यक्ति को शुक्रवार शाम सेसा नदी में मछली पकड़ते समय मिला. उन्होंने कहा कि यह इलाका मिसामारी थाना क्षेत्र में है. यह बम चाइना मेड बम है और 1962 के युद्ध का है. भारत और चीन के बीच यह लड़ाई असम के पड़ोसी राज्य अरुणाचल प्रदेश में लड़ी गई थी.

एसपी ने कहा कि लेफ्टिनेंट कर्नल अभिजीत मिश्रा के नेतृत्व में मिसामारी कैंप से आई सेना की टीम की मदद से इसे सुरक्षित रूप से नष्ट कर दिया गया है. मोर्टार स्मोक बम एक प्रकार का गोला-बारूद होता है. 1962 के युद्ध में इसका इस्तेमाल दुश्मन की गोलीबारी से बचने के लिए धुआं फैलाने के लिए किया गया था. वैसे इसका इस्तेमाल अलग-अलग उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है.

छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में विपक्ष का हमला, 'जूता मारो आंदोलन' का आह्वान

26 अगस्त को महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग के मालवन में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा अचानक ढह गई थी. तब से लेकर अब तक ये मामला लगातार गर्माया हुआ है. हालांकि मूर्ति गिरने के केस में दो लोगों पर केस भी दर्ज किया जा चुका है लेकिन विपक्ष लगातार इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर है. अब महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ महा विकास अघाड़ी के घटक दल आज सितंबर को दक्षिण मुंबई में हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक ‘जूता मारो आंदोलन’ करेगा.

विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी ने इस पर महाराष्ट्र सरकार की तीखी आलोचना की थी. जहां उद्धव गुट ने पहले राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की मांग की थी. वहीं अब ‘जूता मारो आंदोलन’ करने का आह्वान किया है. ऐसे में लग रहा है कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र में जबरदस्त हंगामा देखने को मिल सकता है. हालांकि छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना के लिए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने माफी मांगी है.

अजित पवार ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं, सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. इस घटना को लेकर मैं 100 बार माफी मांगने को तैयार हूं. शिंदे ने कहा कि वह जल्द ही शिवाजी महाराज की एक बड़ी प्रतिमा बनाएंगे. शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा का निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार चेतन पाटिल को गिरफ्तार भी कर लिया है. उसे महाराष्ट्र के कोल्हापुर से गिरफ्तारी किया गया है.

सालभर भी नहीं टिक पाई

पिछले साल ही 4 दिसंबर को पीएम मोदी ने 8 महीने पहले शिवाजी महाराज की इस मूर्ति का अनावरण किया था. अभी प्रतिमा को बने सालभर भी नहीं हुआ था कि यह प्रतिमा गिर गई. इस मामले पर न सिर्फ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जनता माफी मांग चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के पालघर में संबोधित करते हुए कहा कि छत्रपति महाराज हमारे लिए सिर्फ राजा नहीं बल्कि आराध्य देव हैं. मैं उनके चरणों में गिर कर उनसे माफी मांगता हूं.

हरियाणा मॉब लिंचिंग,बीफ खाने के शक में मजदूरों की पिटाई: एक की मौत, एक घायल,7 लोगो को किया गिरफ्तार

हरियाणा के चरखी दादरी में बीफ खाने के शक में दो प्रवासी मजदूरों की बेरहमी से पिटाई कर दी गई. इनमें से एक की मौत हो गई जबकि एक बुरी तरह घायल हो गया. हरियाणा पुलिस ने घटना में शामिल सात लोगों को अरेस्ट कर लिया है. इनमें से तीन को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. बाकी पुलिस रिमांड पर हैं. सभी से पूछताछ की जा रही है.

पुलिस ने प्रतिबंधित मांस के सैंपल को टेस्ट के लिए फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) में भेज दिया. यह पूरी घटना 27 अगस्त की है. बाढड़ा के डीएसपी भरत भूषण ने इस पूरी घटना की जानकारी देते हुए बताया कि 27 अगस्त को हमें सूचना मिली थी कि हंसावास खुर्द गांव की झुग्गियों में कुछ लोग प्रतिबंधित मांस खा रहे हैं. वहां पर उस संस्था के लोग भी शामिल थे, जिन्होंने शिकायत की थी.

मांस के सैंपल को पुलिस ने FSL लैब भेजा

हमने वहां जाकर खाए जा रहे मांस का सैंपल लिया और उसे टेस्ट के लिए एफएसएल लैब में भेज दिया है. अगली कार्यवाही लैब रिपोर्ट पर निर्भर करेगी. डीएसपी ने बताया कि इस सब के बीच शक के आधार पर शिकायतकर्ताओं ने अन्य झुग्गियों में जाकर दो लोगों का किडनैप कर उनकी पिटाई की, जिस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई और दूसरा घायल है.

अब तक 7 आरोपियों की गिरफ्तारी

उन्होंने आगे बताया कि पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जिनमें से 3 को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और 4 पुलिस रिमांड पर हैं. पूछताछ जारी है और अगर अन्य नाम सामने आते हैं, तो उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा. पीड़ित पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना का रहने वाला है और यहां कूड़ा बीनने का काम करता था.

एसएसबी और राज्य पुलिस की

एक-एक कंपनी यहां तैनात की गई है. हम सोशल मीडिया पोस्ट पर भी लगातार नजर रख रहे हैं. हालांकि, अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि व्यक्ति ने मांस खाया था या फिर उसकी हत्या केवल शक के आधार पर की गई.

मॉब लिंचिंग ठीक नहीं- CM सैनी

हरियाणा बीफ केस को लेकर हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि मॉब लिंचिंग जैसी बातें ठीक नहीं हैं. हमने गोमाता के संरक्षण के लिए विधानसभा के अंदर भी कड़ा कानून बनाया है. गोमाता पर कोई समझौता नहीं है. गांव के अंदर गोमाता के लिए इतनी श्रद्धा है कि अगर उनको पता चल जाए कि इस प्रकार का ये हालात कर रहे हैं, तो वो गांव के लोग हैं, इनको कौन रोकता है, फिर उसके अंदर क्या हुआ क्या नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं नहीं होनी चाहिए. ये घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं.

क्या है पूरा मामला?

चरखी दादरी जिले के बाढड़ा गांव में 27 अगस्त को गोरक्षा दल के लोगों ने दो प्रवासी मजदूरों की लाठी और डंडों से जमकर पिटाई की थी. इस हमले में पश्चिम बंगाल के रहने वाले साबिर मलिक की मौत हो गई और दूसरा मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया था. आरोप लगाया गया कि दोनों मजदूरों ने बीफ खाया किया है. जिन सात लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उसमें दो नाबालिग हैं.