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अनियमितता और भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बड़ी कार्रवाई, 28 चकबंदी अधिकारियों पर गिरी गाज

लखनऊ। पद के दुरुपयोग, काम में लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी सरकार का चाबुक लगातार जारी है। मुख्यमंत्री योगी के कड़े रुख के बाद चकबंदी विभाग में एक के बाद एक लापरवाह अधिकारियों पर गाज गिरने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में सीएम योगी के निर्देश पर चकबंदी संबंधी मामलों के निपटारे में लेटलतीफी, लापरवाही, अनियमितता पर आठ मंडल के दो दर्जन से अधिक चकबंदी अधिकारियाें पर गाज गिरी है।

संचालक चकबंदी अधिकारी से लापरवाही पर किया जवाब तलब

इसमें 13 बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी के खिलाफ निलंबन, जवाब-तलब और अनुशासनिक कार्रवाई की गयी है। वहीं एक उप संचालक चकबंदी अधिकारी को पद से हटाने के निर्देश दिये गये हैं, जबकि एक उप संचालक चकबंदी अधिकारी से लापरवाही पर जवाब तलब किया है। इसी तरह एक चकबंदी अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई, एक सहायक चकबंदी अधिकारी का वेतन रोकने के साथ स्पष्टीकरण तलब किया गया है। इसके अलावा तीन सहायक चकबंदी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गयी। इतना ही नहीं एक सेवानिवृत्त सहायक चकबंदी अधिकारी द्वारा सेवाकाल में अनियमितता पर पेंशन में 20 प्रतिशत की कटौती का प्रस्ताव शासन को भेजा गया। इसके अलावा कई अन्य के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की गई।

पेंशन में 20 प्रतिशत कटौती का प्रस्ताव शासन को भेजा

चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप समय-समय पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए विभाग की समीक्षा बैठक की जाती है। इसी क्रम में हाल ही में समीक्षा बैठक में कई अधिकारियों के काम में लापरवाही, अनियमितता और भ्रष्टाचार में लिप्त गतिविधियां पायी गई। इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजी गयी, जिस पर सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये गये।

चकबंदी अधिकारियाें के खिलाफ कार्रवाई की गई

इसी क्रम में आठ मंडल प्रयागराज, वाराणसी, मीरजापुर, आजमगढ़, गोरखपुर, बस्ती, अयोध्या और देवीपाटन के चकबंदी अधिकारियाें के खिलाफ कार्रवाई की गई। इनमें बरेली, हरदोई, ललितपुर, उन्नाव, चित्रकूट और जौनपुर के बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी क्रमश: पवन कुमार सिंह, श्रीप्रकाश चंद्र उत्तम, राकेश कुमार, सुरेश कुमार सागर, मनोहर लाल और स्वतंत्र वीर सिंह यादव को चकबंदी कार्यों में अपेक्षित प्रगति न होने पर जवाब तलब किया गया है।

20 प्रतिशत कटौती करने का प्रस्ताव शासन को भेजा

वहीं प्रतापगढ़ के उप संचालक चकबन्दी व मुख्य राजस्व अधिकारी राकेश कुमार गुप्ता को पर्यवेक्षणीय दायित्व का निर्वहन न करने पर स्पष्टीकरण तलब किया गया है जबकि गोरखपुर के उप संचालक चकबन्दी अधिकारी राज नारायण त्रिपाठी को कार्य की प्रगति संबंधी सूचना न देने पर पद से हटाने के लिए नियुक्ति विभाग को पत्र लिखा गया है। वहीं सेवानिवृत्त सहायक चकबंदी अधिकारी रमेश पाल सिंह राणा द्वारा सेवाकाल में अनियमितता पर पेंशन में 20 प्रतिशत कटौती करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

लापरवाही पर कुशीनगर बंदोबस्त अधिकारी निलंबित

राहत आयुक्त ने बताया कि कुशीनगर के बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी संतोष कुमार को कार्य में लापरवाही पर निलंबित कर दिया गया। साथ ही विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। इसके अलावा वाराणसी के बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी पवन कुमार सिद्धू को धारा-52 में लक्षित ग्राम अजगरा का कार्य पूर्ण न करने तथा स्थानान्तरित चकबन्दी लेखपालों को अवमुक्त न करने के कारण वेतन करने के साथ अनुशासनिक कार्यवाही की गयी। इसके साथ ही कार्य में शिथिलता पर शाहजहांपुर, मीरजापुर, गोरखपुर और देवरिया के बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी क्रमश: मोहन लाल तत्कालीन, नरेंद्र सिंह, शशिकांत शुक्ला और पवन पांडेय के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही की गई।

अनियमितता पर अनुशासनिक कार्यवाही की गई

यही नहीं कनौज के बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी धमेंद्र सिंह, बाराबंकी के चकबंदी अधिकारी शिव नारायन गुप्ता, बाराबंकी के कनिष्ठ सहायक उमाशंकर को जांच में अनियमितता पर अनुशासनिक कार्यवाही की गई। फतेहपुर के ग्राम ललौती का कार्य लक्ष्य के अनुसार पूर्ण न होने पर सहायक चकबंदी अधिकारी महेन्द्र सिंह का वेतन रोक दिया गया। साथ ही स्पष्टीकरण तलब किया गया है। इसी तरह बलरामपुर के सहायक चकबंदी अधिकारी संदीप यादव द्वारा ग्राम मस्जीदिया का कार्य पूर्ण न करने पर अनुशासनिक कार्यवाही की गयी।

चकबंदीकर्ता और चकबंदी लेखपाल को निलंबित करने के दिये निर्देश

प्रयागराज के ग्राम राजेपुर सराय अरजानी और प्रतापगढ़ के ग्राम धीमी का कार्य लक्ष्य के अनुसार पूर्ण न होने पर संबंधित सहायक चकबन्दी अधिकारी को चिन्हित कर अनुशासनिक कार्यवाही की गयी। जौनपुर के ग्राम तियरा का कार्य पूर्ण न होने पर सहायक चकबंदी अधिकारी संजय मौर्य के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही एवं चकबन्दीकर्ता, चकबन्दी लेखपाल को चिन्हित कर निलंबित कर विभागीय कार्यवाही के निर्देश दिये गये। आजमगढ़ के ग्राम महुआ का कार्य पूर्ण न होने पर संबंधित सहायक चकबन्दी अधिकारी का स्पष्टीकरण एवं चकबन्दीकर्ता, चकबन्दी लेखपाल का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए अनुशासनिक कार्यवाही के निर्देश दिये गये।

चीखती,पुकारती,अंतरात्मा की आवाज बहरों को सुनाती अपनी दास्तान

दिलीप उपाध्याय, खलीलाबाद।  कौन कहता है मुसाफिर जख्मी नही होते, रास्ते गवाह है पर कमबख्त गवाही नही देते। जीवन का ऋण जाने कोई कम ही नहीं हुए। कोई जाए तो कहाँ जाए किससे कहे?कौन समझेगा?कोई नहीं।बोझिल मन,सिसकियां कंठो में दबाए धीरे-धीरे अवसान की ओर जाने लगे तो थामे कौन.. पीड़ाओं के अंनत सागर में गोते लगवाते हुए कौन सा मोती दिलाना चाहते हो प्रभु।खुली आंखे छत की दीवारों से लग कर ख्वाब नहीं बुनता प्रार्थना करता है कि बस आंखों में आँसू सदा के लिए अवरोधित हो जाएं।

उम्र के इस पड़ाव पर गिरते हुए आंसुओं को किसके दामन में सौंप आऊँ?कौन मान रख पाएगा इन आँसुओं का? अन्तर्मन की अंतरंगता में पीड़ाओं का ज़ख्म भर चुका है उम्र के साथ घूटने घिसने लगते हैं, आंखों की रौशनी जाने लगती है सौ बीमारियां घेर लेती हैं सुना है मैनें,पर ये सब तो शारीरिक बदलाव हुए ना।उस कोरे से मन का क्या.? उस आत्मा का क्या..? जिस मन और आत्मा की उम्र हम खुद भी नहीं जानते।यह आत्मा तो अमर है पिछले कई जन्मों की यात्रा का उम्र और इस जीवन की यात्राओं के अनुसार आत्मा की उम्र कौन ही जाने..? आजन्म आपकी आत्मा गर बोझिल और द्रवित है तो कहीं ये भी अवसान के मार्ग पर तो नहीं? और यदि आत्मा भी अवसान की ओर है तो फिर आगे क्या? द्रवित हृदय से सिर्फ एक पुकार निकलती है जो अनन्त बह्मांड में जा कर समाहित हो जाती है ।"

जिन रास्तों से हो कर कदम मेरे गुजरे हैं, पैर चोटिल हुए हैं, ज़ख्म बने हैं इन सबने मुझे कब इम्प्लसिव बना दिया पता ही नहीं चला।फिर यूँ भी सोचने लगा कि क्या व्यक्तित्व के लिए यह एक नकारात्मक शब्द है? तो जवाब मिला जो भी है अगर आवेग को सही दिशा में मोड़ दो सकारात्मक और गलत दिशा में मोड़ दो नकारात्मक है, पर कई बार अफसोस हुआ बोलने वाली जगह पर चुप्पी साध लिया ! जीवन हर दिन नए पाठ पढ़ाती है आगे देखें कब कौन सा नया पाठ जीवन पढ़ाती है… लेखक -- शंभू नाथ तिवारी ( छात्र नेता) (वरिष्ठ समाज सेवी) खलीलाबाद संत कबीर नगर
कन्नौज : खनन माफियाओं ने राजस्व टीम को बंधक बनाकर पिटाई करने का मामला आया सामने, मुकदमा दर्ज

पंकज श्रीवास्तव ,जनपद कन्नौज के छिबरामऊ में खनन की शिकायत पर पहुंची राजस्व टीम को बंधक बनाकर मारपीट का मामला सामने आया है । पीड़ित पक्ष की तरफ से कोतवाली में खनन माफिया के खिलाफ तहरीर दी गई है । जिसमें बताया गया है कि 20 से 25 लोगों ने बंधक बनाकर मारपीट की है । मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है । वहीं पुलिस द्वारा दिए गए बयान में राजस्व टीम पर भी सवाल खड़े किए गए हैं।

कन्नौज जिले की छिबरामऊ तहसील के लेखपाल गजेंद्र सिंह ने छिबरामऊ कोतवाली में प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि रनवीरपुर गांव में खनन की शिकायत पर नायब तहसील के साथ हम लोग पहुंचे थे । इसी बीच खनन माफियाओं ने अपने 20-25 लोगों के साथ हम लोगों को बंधक बना लिया और एक कमरे में ले जाकर बंद कर पिटाई की ।मामले में लेखपाल की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है ।

मामले में छिबरामऊ सीओ ओंकार नाथ शर्मा ने बताया कि दिनांक 31.08.2024 को लेखपाल गजेंद्र सिंह द्वारा थाना छिबरामऊ पर प्रार्थना पत्र अभियोग पंजीकृत कराने को लेकर दिया गया, चार नामजद व्यक्ति और कुछ अज्ञात के नाम शामिल थे, जिस पर मारपीट और धमकी देने के संबंध में कार्रवाई की मांग की गई। जानकारी की गई तो जिसके खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया गया उनके द्वारा खनन विभाग से खनन की परमिशन ली गई थी, जिसकी जांच कराई जाएगी जहां पर खनन हो रहा था वह जगह ठीक है या नहीं। दूसरा राजस्व टीम के द्वारा खनन की सूचना पर जाने से पहले पुलिस को सूचना नहीं दी गई और ना घटना के बाद सूचना दी गई जो घटना 30 तारीख की शाम को हुई इस संबंध में घटना के बाद भी कोई सूचना नहीं दी गई। उपरोक्त प्रकरण में अभियुक्त पंजीकरण कर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

बाबा कीनाराम धाम आज आयेंगे सीएम योगी

सुरक्षा एवं सुचारू यातायात व्यवस्था हेतु तैनात किये पुलिस बल

पूर्ण चैतन्यता व निष्ठा पूर्वक दायित्व निर्वहन का निर्देश

लगातार सीसीटीवी कन्ट्रोल रूम से रखी जा रही निगरानी

श्रीप्रकाश यादव ,चंदौली। जनपद के थाना बलुआ अन्तर्गत स्थित बाबा कीनाराम मठ, रामगढ़ में 01-03 सितंबर तक मनाएं जाने वाले बाबा कीनाराम जन्मोत्सव मे शामिल होने रविवार को अपरान्ह 3 बजे सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ आ रहे हैं । सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिला पुलिस व प्रशासन द्वारा समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।एसपी द्वारा सुरक्षा व्यवस्था हेतु ड्यूटी में लगाये गये पुलिस बल को ब्रीफ कर अधिकारी व कर्मचारीगण को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।

एसपी द्वारा ड्यूटी में लगाए गए समस्त पुलिस बल को निर्देशित किया गया है कि सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नही होगी, सतर्क दृष्टि बनाये रखते हुये पूरी गम्भीरता से अपने कर्तव्य का निर्वहन करें। कोई भी अप्रिय सूचना अथवा संदिग्ध व्यक्ति/वस्तु की जानकारी मिलने पर अविलंब सम्बन्धित अधिकारियों को सूचित करें।

 यातायात व्यवस्था के दृष्टिगत बनाए गए वाहन पार्किंग में ही खड़े हो तथा मेले में आने वाले लोगों व दर्शनार्थियों को किसी प्रकार की समस्या न हो। मेले को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए सीसीटीवी कन्ट्रोल रूम बनाया गया है। मेले में सादे कपड़ों में पुरूष व महिला पुलिसकर्मी को भी तैनात किया गया है, जो चैन स्नेचरों व अवांछनीय तत्वों पर विशेष नजर बनाये रखेंगे।

कार्यक्रम स्थल पर आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं । हेलीपैड से लेकर कार्यक्रम स्थल पर बैरिकेडिग कराई गई है। वहीं वाहनों के पार्किंग का भी इंतजाम किया गया है। पुलिस प्रबंधन के साथ ही मन्दिर परिसर में आने वाले दर्शनार्थियों की सुविधाओं व उनके बैठने, पीने के पानी, महिला शौचालय सहित अन्य व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान दिया गया है।

यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा : पांच दिनों तक चली परीक्षा में 32 लाख से अधिक अभ्यर्थी हुए शामिल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के इतिहास की सबसे बड़ी पुलिस भर्ती परीक्षा आखिरकार शनिवार को सकुशल संपन्न हो गई। इस परीक्षा को संपन्न कराने के लिए प्रदेश सरकार ने ऐसी पुख्ता तैयारी की, जो पूरे देश के लिए एक नजीर बन गई। परीक्षा को संपन्न कराने के लिए सरकार ने मैनपावर से लेकर एडवांस टेक्नोलॉजी तक का उपयोग किया। परीक्षा केंद्र के अंदर और बाहर सुरक्षा के ऐसे कड़े इंतजाम रहे कि नकलची और सॉल्वर गैंग ने पूरी परीक्षा से ही दूरी बना ली।

योगी सरकार ने पेपर लीक को लेकर परीक्षा से पहले जो कानून सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम-24 बनाया, उसका भी असर देखने को मिला। इसके अलावा यूपी पुलिस ने वॉट्सएप से लेकर सोशल मीडिया तक अपनी पैनी नजर बनाए रखी। खुफिया एजेंसियों को 24 घंटें अलर्ट मोड में रखा गया, ताकि कहीं कोई कमी न रह जाए। दो चरणों में पांच दिन तक चली इस परीक्षा में 32 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए।

इस दौरान योगी सरकार के अभूतपूर्व इंतजामों के बीच पारदर्शिता और शुचिता का भी पूरा ध्यान रखा गया। इसके लिए परीक्षा को सरकारी स्कूलों पर ही संपन्न कराया गया। परीक्षा के आयोजन में सभी आवश्यक व्यवस्थाओं का पालन किया गया, जिससे परीक्षार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा। इसके लिए 2300 मजिस्ट्रेट और 1,97,859 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। वहीं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस सीसीटीवी का प्रयाेग किया गया।

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का किया गया इस्तेमाल

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए 1174 केंद्रों के 16,440 कमरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए, जो आर्टिफिशियल इंजेलीजेंस से आच्छादित थे। इससे हर परीक्षा कक्ष की गतिविधियां, जैसे कक्ष निरीक्षक का भ्रमण न करना आदि की सूचना रियल टाइम पर बोर्ड के कंट्रोल रूम में पहुंचती रही। वहीं, कहीं कोई संदेह होने पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट को तत्काल जानकारी दी गयी। बोर्ड ने परीक्षा से पहले ही 48 लाख सेअधिक कैंडीडेट्स का आधार सत्यापन कराया गया। इसमें 85 प्रतिशत कैंडीडेट्स का आधार सत्यापित हुआ, जबकि शेष 15 प्रतिशत कैंडीडेट्स का आधार सत्यापित न होने पर उन्हें ईकेवाईसी के लिए केंद्र पर परीक्षा से आधा घंटे पहले बुलाया गया। यह उनके एडमिट कार्ड पर प्रेषित किया गया। इससे फर्जी जानकारी देने वाले अभ्यर्थी हतोत्साहित हो गये और उन्होंने परीक्षा से दूरी बना ली। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरुप शुचितापूर्ण परीक्षा कराने के लिए अभ्यर्थियों का डाटा एनालिसिस किया गया। ऐसे में हर शिफ्ट में पेपर शुरू होने के आधे घंटे के अंदर डाटा मैच किया गया। डाटा मिस मैच मिलने पर ऐसे अभ्यर्थियों की सूची नोडल अधिकारी काे दी गयी। इस पर एग्जाम देेने के बाद संदिग्धों को दबोच लिया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की अलर्टनेस और चाक-चौबंद व्यवस्था का ही नतीजा रहा कि परीक्षा के दौरान एक परिंदा भी पर नहीं मार पाया।

परीक्षा केंद्रों पर तैनात किये गये 74 ऑब्जर्वर पुलिस अधिकारी

पुलिस भर्ती परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए 1,97,859 पुलिसकर्मियों और दो कंपनियों को तैनात किया गया। इसमें पीएसी की 25 और सीएपीएफ की 8 कंपनियों को तैनात किया गया। वहीं 137 अपर पुलिस अधीक्षक, 522 पुलिस उपाधीक्षक, 47,587 मुख्य आरक्षी, 86,844 आरक्षी और 26,582 महिला आरक्षी को तैनात किया गया। इसके अलावा 3876 निरीक्षक भी तैनात किये गये, जिसमें 3740 पुरुष और 136 महिला निरीक्षक शामिल हैं। इसके साथ ही 32,311 उपनिरीक्षक को तैनात किया गया। इसमें 30,220 पुरुष और 2091 महिला उपनिरीक्षक शामिल हैं। इतना ही नहीं परीक्षा केंद्रों पर 74 ऑब्जर्वर पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया।

इलेक्ट्राॅनिक गैजेट्स को निष्क्रिय करने के लिये लगाए गए जैमर

परीक्षा को पारदर्शी बनाने एवं सही अभ्यर्थियों को प्रवेश देने के लिए तकनीक का प्रयोग किया गया। इसके लिए परीक्षा केन्द्र पर अभ्यर्थियों की चेकिंग, फ्रिस्किंग एवं पर्यवेक्षण की उचित व्यवस्था की गई थी। केंद्र पर अभ्यर्थियों फिजिकल फ्रिस्किंग, एचएचएमडी द्वारा फ्रिस्किंग, बायोमैट्रिक फिंगर प्रिन्ट एवं फेशियल रिकॉग्निशन के बाद ही प्रवेश दिया गया। वहीं फेशियल रिकॉग्निशन न होने पर एफआरआईएस कैप्चर करने की भी व्यवस्था की गई। फेशियल रिकॉग्निशन में संशय होने पर अभ्यर्थी का आधार वेरिफिकेशन कराया गया। इसके अलावा सभी केन्द्रों पर इलेक्ट्राॅनिक डिवाइसेज जैसे मोबाइल, ब्लूटूथ को निष्क्रिय करने के लिये जैमर लगाए गए। परीक्षा कक्ष एवं केन्द्र में सीसीटीवी लगाकर निगरानी की गयी, जिसका लाइव फीड केन्द्र के कन्ट्रोल रूम, जनपद के कन्ट्रोल रूम एवं भर्ती बोर्ड मुख्यालय के कन्ट्रोल रूम में पहुंचता रहा।

साइबर कैफे को बंद कराया गया

पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए 67 जिलोंं के जिन थाना क्षेत्रों में परीक्षा केन्द्र बनाये गये, वहां यूपी-112 पीआरवी के वाहनों के चार्ट में परीक्षा केन्द्र के आस-पास के महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया गया। इन स्थानों पर लगातार पीआरवी की मूवमेंट रही, ताकि असामाजिक तत्वों को चिन्हित करते हुए अभिसूचना विभाग, एसटीएफ तथा जनपदीय पुलिस द्वारा परस्पर उच्च स्तरीय समन्वय स्थापित कर अतिरिक्त सतर्कता बरती गयी। इतना ही नहीं परीक्षा केन्द्रों के आस-पास ध्वनि विस्तारक यन्त्रों का प्रयोग तथा परीक्षा परिसर में मोबाइल, आईटी गैजेट्स एवं अन्य आपत्तिजनक सामग्री ले जाने के संबंध में दिये गये गाइडलाइन का पूर्णतः पालन सुनिश्चित कराया गया। वहीं परीक्षा केन्द्रों के प्रवेश स्थलों पर अभ्यर्थियों की तलाशी में सहयोग के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मी (महिला व पुरुष कर्मी) तैनात किये गये। इसके अलावा परीक्षा केन्द्रों के आस-पास स्थित फोटो काॅपी मशीन की दुकानों, साइबर कैफे, मोटरसाइकिल स्टैंड आदि के आस-पास विशेष निगरानी रखी गयी। साथ ही केंद्र के आस-पास की फोटो कॉपी मशीन दुकान और साइबर कैफे को बंद कराया गया।

जनपदीय पर्यवेक्षक के रूप में जिलाधिकारी को किया गया तैनात

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (यूपीपीआरपीबी) के अध्यक्ष राजीव कृष्णा ने शनिवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप परीक्षा के लिए विभिन्न प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों की तैनाती की गई। वहीं जनपद स्तर पर जिलाधिकारी जनपदीय पर्यवेक्षक (मजिस्ट्रेट) के रूप में तैनात रहे। उनके द्वारा परीक्षा केन्द्र ड्यूटी, सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती समेत अन्य प्रशासनिक व्यवस्थाएं की गयीं। इसके तहत जिलाधिकारी द्वारा हर सेंटर पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट के साथ सहायक केंद्र पर्यवेक्षक की तैनाती की गई। इसके अलावा अपर जिलाधिकारी को सहायक नोडल अधिकारी (प्रशासन) के रूप में नियुक्त किया गया, जबकि तीन परीक्षा केंद्रों पर एक सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी। इतना ही नहीं नकलविहीन परीक्षा संपन्न कराने के लिए उड़ान दस्तों को मुस्तैद किया गया। वहीं केंद्र पर्यवेक्षक के रूप में पुलिस उपाधीक्षक से लेकर सब इंस्पेक्टर की तैनाती की गयी। प्रदेश के जिन सेंटर पर 900 से अधिक अभ्यर्थी थे, वहां पुलिस उपाधीक्षक को तैनात किया गया। वहीं 900 से कम अभ्यर्थी वाले सेंटर पर इंस्पेक्टर और 700 तक अभ्यर्थी वाले सेंटर पर सब इंस्पेक्टर को नियुक्त किया गया। परीक्षा की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा केन्द्र पर नियुक्त कर्मियों में से 50 प्रतिशत जिलाधिकारी और शेष 50 प्रतिशत केन्द्र व्यवस्थापक (प्रधानाचार्य) नियुक्त किये गये। इनमें परीक्षा सहायक प्रथम एवं द्वितीय जिलाधिकारी और केन्द्र व्यवस्थापक नियुक्त किये गये, जबकि 12 अभ्यर्थियों पर एक अंतरीक्षक को तैनात किया गया। इसके साथ सहयाेगी अंतरीक्षक भी तैनात किये गये।

67 ड्रोन कैमरों से हॉटस्पॉट्स की चेकिंग की गई

मुख्यमंत्री योगी ने पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की थी, जिसमें उन्होंने परीक्षा की तैयारियों को लेकर बारीकी से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये थे कि परीक्षा को लेकर कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए हर एक छोटे-बड़े पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके तहत अपर पुलिस महानिदेशक एसटीएफ, यातायात, रेलवे, डायल-112 के साथ सभी जोन के एडीजी, पुलिस कमिश्नर, आईजी, डीआईजी, एसएसपी और एसपी अपने-अपने जिले में 23 घंटे अलर्ट रहे। इस बार परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए परीक्षा केन्द्रों के रास्ते के सीसीटीवी कैमरों पर विशेष नजर रखी गयी। इसके साथ ही अतिसंवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त नये सीसीटीवी लगाए गए। वहीं चिन्हित हॉटस्पॉट्स पर 67 ड्रोन कैमरों से चेकिंग की व्यवस्था की गई।

भीड़भाड़ वाले स्थानों पर रखी गयी विशेष नजर

परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम के लिए एसपी, एएसपी और सीओ को पर्यवेक्षक बनाया गया। इसके अलावा परीक्षा केंद्रों के अंदर एक सुरक्षा अधिकारी को तैनात किया गया। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की ओर से परीक्षा केंद्रों का बारीकी से भ्रमण किया गया। इस दौरान छोटी सी छोटी चीजों पर बारीकी से ध्यान दिया गया। वहीं परीक्षा केंद्रों पर भीड़ और अभ्यर्थियों की संख्या को देखते हुए पुलिस फोर्स को तैनात किया। इसके अलावा शिक्षा विभाग, परीक्षा केन्द्रों के प्रबंधकों तथा संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए प्लान के तहत कार्रवाई की गयी। परीक्षा के दो दिन पहले से लेकर परीक्षा खत्म होने के बाद तक अभ्यर्थियों व अभिभावकों के उनके गृह जनपद में पहुंचने तक की स्थिति का आंकलन किया गया ताकि उसके अनुसार पुलिस बल का प्रबंध किया जा सके।

परीक्षा केन्द्रों, रेलवे, मेट्रो स्टेशन, बस, टैक्सी स्टैंड, होटल, रेस्टोरेन्ट पर भीड़ को कंट्रोल करने के लिए भी पूरी व्यवस्था की गयी है। इसके लिए वहां के संचालकों, प्रबंधकों व अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों के साथ मिलकर एक प्लान बनाया गया। इन सभी के सहयोग से पल-पल की निगरानी की गयी। इसके अलावा परीक्षा केंद्रों पर राजपत्रित अधिकारियों एवं मजिस्ट्रेट की ड्यूटी अनिवार्य रूप से लगायी गयी। वहीं गोपनीय सामग्री की सुरक्षित अभिरक्षा के लिए विशेष स्थान ट्रेजरी, चिन्हित स्ट्रांग रूम पर पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाये गए, जिसका सातों दिन चौबीस घंटे लाइव मॉनीटरिंग किये जाने का प्राविधान किया गया। इसके अलावा गोपनीय सामग्री के सुरक्षित परिवहन के लिए प्रत्येक केन्द्र के लिए एक डेडिकेटेड वाहन एवं सेक्टर मजिस्ट्रेट पर्याप्त सशस्त्र पुलिस कर्मियों सहित का प्राविधान किया गया।

भर्ती बोर्ड ने मुख्यमंत्री योगी का जताया आभार

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्णा ने शनिवार को सभी चरणों की सकुशल परीक्षा संपन्न हाेने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया। साथ ही सभी अभ्यर्थियों के अच्छे भविष्य की कामना की। बोर्ड ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऊर्जावान नेतृत्व तथा मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आरक्षी भर्ती- 2023 की पांच दिवसीय परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न कराई गई। इस महती आयोजन में प्रतिभाग करने वाले सभी अभ्यर्थियों का उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड हार्दिक धन्यवाद करता है। अभ्यर्थियों ने बोर्ड के निर्देशों के अनुरूप पूर्ण अनुशासन और गंभीरता के साथ प्रतिभाग किया। भर्ती बोर्ड शीघ्र ही आगे की प्रक्रिया की ओर बढ़ेगा, जिसकी ससमय सूचना अभ्यर्थियों को वेबसाईट पर दी जाएगी। हम समस्त अभ्यर्थियों के अच्छे भविष्य की कामना करते हैं।

मिलकर लड़ेंगे जीतेंगे: अमरजीत

गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे में इस समय एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है जहां पेंशनविहीन युवा कर्मचारियों के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक परिवर्तन का गवाह बन रहा है। 

NPS, UPS और निजीकरण के खिलाफ बढ़ती एकता ने रेलवे कर्मचारियों के बीच एक नया जोश भर दिया है। इसके परिणामस्वरूप सभी की निगाहें आगामी मान्यता चुनाव पर टिकी हैं जहां SRBKU (स्वतंत्र रेलवे बहुजन कर्मचारी यूनियन) को भारी समर्थन मिल रहा है।

पूर्वोत्तर रेलवे के कर्मचारियों के बीच एकता और सहयोग की भावना का उदय इस तथ्य को दर्शाता है कि वे अब अपनी नौकरी की सुरक्षा, पेंशन व्यवस्था, और भविष्य को लेकर अधिक जागरूक हो गए हैं। मौजूदा ट्रेड यूनियन के लीडरशीप को लेकर कर्मचारियों के बीच में काफी असंतोष है। वे srbku की लीडरशीप में आगे रहना चाहते हैं। 

इन मुद्दों को देखते हुए SRBKU ने खुद को कर्मचारियों के अधिकारों के सशक्त संरक्षक के रूप में स्थापित किया है। इसने कर्मचारियों के बीच निजीकरण और NPS/UPS के खिलाफ एक मजबूत आवाज उठाई है जिसने युवाओं को मेन स्ट्रीम में लीडरशीप का अवसर दिया है यह युवाओं की ऊर्जा और जोश ही है जो इस बार SRBKU को जीत की ओर अग्रसर कर रहा है।

इस एकता और समर्थन ने साफ संदेश दे दिया है कि इस बार के मान्यता चुनाव में SRBKU अपनी जगह बनाने में सफल होगी। यह न सिर्फ एक चुनावी जीत होगी बल्कि रेलवे कर्मचारियों के अधिकारों और हितों के लिए एक बड़ी जीत भी होगी।

सीएम योगी करेंगे एशिया के पहले राजगिद्ध संरक्षण केंद्र का उद्घाटन

गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज रेंज में बना है जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र

स्मार्ट विलेज सोनबरसा में आयोजित कार्यक्रम में 634.66 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का होगा लोकार्पण-शिलान्यास

गोरखपुर। देश ही नहीं एशिया में राजगिद्ध (रेड हेडेड वल्चर) के संरक्षण के लिए गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज रेंज में स्थापित ‘जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र’ का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। इसके लिए 6 सितंबर की तिथि प्रस्तावित है। इस जटायु संरक्षण केंद्र का शिलान्यास भी मुख्यमंत्री ने 7 अक्टूबर 2020 को किया था। जटायु संरक्षण केंद्र का उद्घाटन करने के बाद 6 सितंबर को ही मुख्यमंत्री स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित मानीराम क्षेत्र के सोनबरसा गांव में 634.66 करोड़ रुपये की पांच विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी करेंगे। 

राजगिद्ध जटायु की गाथा तो रामायण काल से ही सभी जानते हैं लेकिन पर्यावरणीय खतरे के चलते जटायु के वंशजों के अस्तित्व पर ही संकट आ गया। योगी सरकार ने इस संकट को दूर करने का संकल्प लिया है। राजगिद्ध के संरक्षण व संवर्धन के लिए गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज (भारीवैसी) में जटायु संरक्षण व संवर्धन केंद्र बनाया गया है। इस केंद्र के जरिये राजगिद्धों की संख्या बढ़ेगी ही, विलुप्त होती प्रजातियों में शामिल इन जीवों को देखने के लिए सैलानियों की आमद बढ़ने से ईको टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।

जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र की स्थापना पर कुल 2 करोड़ 80 लाख 54 हजार रुपये की लागत आई है। इसमें ब्रीडिंग एवरी, होल्डिंग एवरी, हॉस्पिटल एवरी, नर्सरी एवरी, वेटनरी सेक्शन, प्रशासनिक भवन, रिकवरी एवरी, गार्डरूम, जेनरेटर रूम, पाथवे का निर्माण किया गया है। इस केंद्र में कुल 8 स्टाफ कार्यरत हैं। जटायु संरक्षण केंद्र में कुल 6 राजगिद्धों (नर एवं मादा) को लाया जा चुका है। यहां राजगिद्धों गिद्धों की निगरानी की सीसी कैमरों से की जाएगी। गोरखपुर के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) विकास यादव के मुताबिक पांच हेक्टेयर जमीन पर बनाए गए इस केंद्र के लिए बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी और प्रदेश सरकार के बीच में समझौता हुआ है। गोरखपुर वन प्रभाग द्वारा बनाई गई कार्ययोजना के अनुसार इस जटायु संरक्षण केंद्र से आगामी आठ-दस साल में 40 जोड़े राजगिद्ध छोड़े जाने का लक्ष्य है। 

रेल ओवरब्रिज, स्मार्ट स्कूल और स्मार्ट पंचायत भवन का होगा लोकार्पण

जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोनबरसा गांव में आयोजित समारोह में 88 करोड़ 46 लाख 98 हजार रुपये की दो विकास परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 546 करोड़ 19 लाख 11 हजार रुपये की तीन विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। लोकार्पण और शिलान्यास की इन परियोजनाओं की कुल लागत 634 करोड़ 66 लाख 9 हजार रुपये है। लोकार्पण की प्रमुख परियोजना बालापार-टिकरिया मार्ग स्थित रेल समपार संख्या-6 के स्पेशल टू लेन रेल ओवरब्रिज शामिल है। इसके निर्माण पर 84 करोड़ 87 लाख 58 हजार रुपये की लागत आई है। मुख्यमंत्री सोनबरसा गांव में हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के सीएसआर फंड से जीडीए द्वारा बनवाए गए स्मार्ट स्कूल और स्मार्ट पंचायत भवन का भी लोकार्पण करेंगे। इस पर 3 करोड़ 59 लाख 40 हजार रुपये की लागत आई है।

फोरलेन और नए थाना भवन के निर्माण कार्य का होगा शिलान्यास

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के हाथों बालापार-टिकरिया-गांगी बाजार मार्ग के फोरलेन में चौड़ीकरण (लागत 519.62 करोड़), रिपोर्टिंग पुलिस चौकी सिकटौर को उच्चीकृत कर थाना सिकटौर सोनबरसा हेतु प्रशासनिक व आवासीय भवनों (लागत 26.56 करोड़) के निर्माण कार्य का शिलान्यास भी करेंगे।

सीएम की मौजूदगी में उपराष्ट्रपति करेंगे पूर्वी यूपी के पहले सैनिक स्कूल का लोकार्पण

7 सितंबर को प्रस्तावित है कार्यक्रम, राज्यपाल भी रहेंगी उपस्थित

सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक है सैनिक स्कूल गोरखपुर

खाद कारखाना परिसर में 49 एकड़ में 176 करोड़ रुपये की लागत से बना है सैनिक स्कूल

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक और पूर्वी उत्तर प्रदेश के पहले सैनिक स्कूल का लोकार्पण उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे। सैनिक स्कूल गोरखपुर के लोकार्पण के लिए 7 सितंबर की तारीख संभावित है। इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी उपस्थित रहेंगी। लोकार्पण को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं। 

गोरखपुर का सैनिक स्कूल खाद कारखाना परिसर में आवंटित 49 एकड़ भूमि पर बना है। 176 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले इस स्कूल का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 जुलाई 2021 को किया था। ‘युवाओं को शिक्षा, देश की रक्षा’ के ध्येय से इस शैक्षिक प्रकल्प में कक्षा 6 से 12 तक बालक-बालिकाओं को आवासीय व्यवस्था के तहत शिक्षा प्रदान की जाने की व्यवस्था है। प्रवेश परीक्षा के जरिये कक्षा 6 और 9 में दाखिला लेने के बाद इस सैनिक स्कूल में पहली जुलाई से पढ़ाई शुरू हो चुकी है। प्रथम चरण में इस स्कूल में कक्षा 6 और 9 में 84-84 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है। इनमें कुल मिलाकर 40 छात्राएं और 128 छात्र हैं। यहां छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग कैंपस हैं। स्कूल का प्रशासनिक भवन प्राचीन भारतीय संस्कृति व परंपरा का दर्शन कराते है। सैनिक स्कूल के विद्यार्थियों के खेलकूद की गतिविधियों के लिए खेलों के कई कोर्ट व मैदान भी विकसित किए गए हैं। 

सैन्य सेवाओं में अवसर को क्षेत्रीय संतुलन बढ़ाएगा सैनिक स्कूल गोरखपुर

गोरखपुर का सैनिक स्कूल सीएम योगी के दिल के बहुत करीब है। इसके शिलान्यास के बाद भी वह कई बार इसके निर्माण कार्यों का भौतिक निरीक्षण करने आते रहे हैं। उन्होंने सैनिक स्कूल का उपहार देकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के मेधावियों को सैन्य सेवाओं में जाने के लिए एक सशक्त प्लेटफार्म उपलब्ध कराया है। पूर्वी उत्तर के इस सैनिक स्कूल से सैन्य सेवाओं में अवसर के लिए क्षेत्रीय संतुलन को भी बढ़ावा मिलेगा। 

सेना में होने वाले प्रशिक्षण के अनुरूप है समय सारिणी

सैनिक स्कूल का उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास कर उन्हें भारतीय सशस्त्र सेनाओं के अधिकारी वर्ग में चयन के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के लिए तैयार करना होता है। सामान्य विद्यालयों से अलग संकल्पना वाले इस स्कूल में प्रवेश हेतु चयन प्रक्रिया में बच्चों की बौद्धिक क्षमता के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और चिकित्सकीय क्षमता का भी विशिष्ट रूप से आकलन किया जाता है। इसका पूरा पैटर्न सैन्योन्मुखी शिक्षा पर आधारित है। सैनिक स्कूल की समय सारिणी सेना में होने वाले प्रशिक्षण के अनुरूप होती है।

यूपी सैनिक स्कूल सोसाइटी के तहत स्थापित दूसरा स्कूल

गोरखपुर का सैनिक स्कूल यूपी सैनिक स्कूल सोसाइटी के अंतर्गत स्थापित होने वाला दूसरा विद्यालय है। यहां 20 क्लासरूम, 4 लैब्स, छात्रावास, डायनिंग हाल, मल्टीपर्पज हाल, कांफ्रेंस हाल, 1014 सीटेड ऑडिटोरियम, योग सेंटर, इंडोर शूटिंग रेंज, इंडोर स्विमिंग पूल और सीएसडी कैंटीन की सुविधा है। इस सैनिक स्कूल में कुल प्रवेशित विद्यार्थियों को चार सदनों (हॉस्टल) में रखा गया है। इन सदनों का नामकरण शहीद भगत सिंह, शहीद पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, शहीद बंधु सिंह और रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर किया गया है। विद्यार्थियों के लिए भोजन की व्यवस्था अन्नपूर्णा भवन में की गई है। परिसर में क्रीड़ा गतिविधियों के लिए बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, फुटबॉल, टेनिस, बैडमिंटन कोर्ट बनाए गए हैं। 

गोरखपुर के विकास मॉडल में नगीना बनेगा सैनिक स्कूल

अस्सी और नब्बे के दशक में गोरखपुर की पहचान अपराध की नर्सरी के रूप में रही है। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में हासिल उपलब्धियों से बदनाम पहचान बदल गई है। अब गोरखपुर की पहचान विकास के मॉडल रूप में होती है। इस मॉडल में सैनिक स्कूल भी एक नगीने के रूप में है। यह स्कूल राष्ट्र रक्षा की नर्सरी बनेगा। इसके जरिये छात्र फौज में अफसर बनेंगे। देश की सीमाओं की रक्षा करेंगे। सैनिक स्कूल की सौगात सिर्फ युवा छात्रों के लिए ही नहीं, गोरखपुर की अपनी निजी पहचान और शान के लिहाज से भी बेहद खास है। सीएम योगी की मंशा है कि सैनिक स्कूल गोरखपुर किशोरों और युवाओं में राष्ट्रप्रेम, समर्पण, नेतृत्व कौशल जगाने का उत्कृष्ट मंच बने। बच्चों का शारीरिक, मानसिक और चारित्रिक विकास करते हुए समेत समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए गौरव स्तम्भ के रूप में दिखे। कारण, किसी भी क्षेत्र में सैनिक स्कूल का होना बड़ी उपलब्धि होती है।

पुलिस भर्ती परीक्षा का समापन: परीक्षा में भाग लेकर खिले परीक्षार्थियों के चेहरे

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आयोजित अब तक की सबसे बड़ी पुलिस आरक्षी भर्ती की लिखित परीक्षा प्रक्रिया शनिवार को सकुशल संपन्न हो गई। पूरे प्रदेश में पुलिस विभाग के 60,244 आरक्षी पदों के लिए जारी लिखित परीक्षा प्रक्रिया के समापन पर अभ्यर्थियों के चेहरे खिले हुए दिखे।

पुलिस बल के 60,244 पदों के लिए हुई लिखित परीक्षा का आयोजन प्रदेश के सभी जनपदों में पांच दिनों तक प्रतिदिन दो चरणों के अंतर्गत हुआ। मुख्यमंत्री योगी के विजन व कुशल मार्गदर्शन में परीक्षा के आयोजन के दौरान सभी आवश्यक व्यवस्थाओं का पालन किया गया, जिससे परीक्षार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा। प्रदेश के सभी सेंटरों पर 1,97,859 पुलिसकर्मियों को तैनाती की गई, वहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस सीसीटीवी के प्रयोग ने सॉल्वर गैंग व अराजक तत्वों के हौसलों को पस्त कर दिया।

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी बड़े स्तर पर पुलिस भर्ती

प्रक्रिया लिखित परीक्षा प्रक्रिया को सकुशल पूर्ण किया गया। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में परीक्षा केंद्रों का संचालन किया गया जहां चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली। कमोबेश, यही नजारा प्रदेश के हर जनपद में देखने को मिला जहां लिखित परीक्षा में भाग ले रही परीक्षार्थियों का हौसला देखते ही बनता था। खास बात ये भी है कि इस बार पुलिसबल में महिलाओं को 20 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान भी दिया गया है जिससे प्रदेश की नारी शक्ति की पुलिस बल में सहभागिता तो बढ़ेगी ही, साथ ही जमीनी स्तर पर उतर कर उन्हें प्रदेश की कानून व्यवस्था का अंग बनने और अराजकत तत्वों से मुकाबला करने का मौका मिलेगा। लिखित परीक्षा प्रक्रिया के अंतर्गत पेपर देने वाली ज्यादातर महिला परीक्षार्थियों ने भी इसी बात पर फोकस करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कदम की जमकर प्रशंसा की।

नारी शक्ति स्वावलंबन के साथ ही मील का पत्थर साबित होगा मुख्यमंत्री योगी का कदम

हरदोई की रहने वाली ज्योति पाल लखनऊ में बने परीक्षा सेंटर में लिखित परीक्षा प्रक्रिया में हिस्सा लिया। पूरी लिखित परीक्षा प्रक्रिया को लेकर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती प्रक्रिया में महिलाओं को 20 प्रतिशत आरक्षण देने की मुख्यमंत्री योगी की पहल ने न केवल नारी शक्ति का सम्मान बढ़ाया है बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि वह पुलिस बल का हिस्सा बन महिलाओं के प्रति होने वाले अपराथों और समाज के अराजक तत्वों से लोहा ले सकेंगी।

लखनऊ की पलक गुप्ता ने भी इस बात पर सहमति व्यक्त करते हुए पारदर्शी तरीके से हुए पुलिस भर्ती प्रक्रिया को लेकर सीएम योगी का आभार व्यक्त किया। कानपुर की सुजाता श्रीवास्तव ने इस बात पर जोर दिया कि भर्ती परीक्षाएं पहले भी होती रही हैं, मगर इस बार की पुलिस भर्ती परीक्षा में सीएम योगी के विजन अनुसार जिस प्रकार की व्यवस्था की गई वह सराहनीय है और एक सार्थक नजीर पेश कर रही है।

बिहार के बक्सर जिले से लखनऊ परीक्षा देने आई वंदना कुमारी का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही इस बार पेपर भी परीक्षार्थियों के लिए अच्छा आया था और रीजनिंग में स्कोर करने के पर्याप्त मौके क्वेश्चन पेपर में उपलब्ध थे। बिहार के ही गोपालगंज से परीक्षा देने परिजनों संग आई मुस्कान ने मुख्यमंत्री योगी के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा, योगी हैं तो मुमकिन है। उनके मुताबिक सुरक्षा व्यवस्था इतनी बढ़िया थी कि यह पूर्ण पारदर्शिता के साथ प्रदेश की पुलिसबल से जुड़ने के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा जिसमें बिना सोर्स व पैरवी के केवल टैलेंट को ही अवसर देने का मार्ग सुनिश्चित होगा।

अंबेडकर नगर के विवेक अग्रहरी ने लिखित परीक्षा प्रक्रिया के दौरान उत्तम परिवहन व्यवस्था को लेकर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकारी बसों में यात्रा के लिए परीक्षार्थियों को न केवल तरजीह दी जा रही है बल्कि उनसे यात्रा शुल्क भी नहीं लिया जा रहा है जो कि स्टूडेंट्स के लिए एक बड़ी मदद है। उनका यह भी मानना है कि परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए भी उन्हें या उनके ग्रुप में आए किसी अभ्यर्थी को कोई परेशानी नहीं हुई। जबकि, कानपुर के राजू पाल, बाराबंकी के सूरज सोनकर और उन्नाव के विवेक कुलश्रेष्ठ ने माना कि इस बार की लिखित परीक्षा बहुत हाइटेक स्तर पर आयोजित हुई। परीक्षा में नकल रोकने के लिए उच्च तकनीक के इस्तेमाल के साथ ही स्थानीय प्रशासन ने परीक्षार्थियों की हर प्रकार की मदद सुनिश्चित की। गोण्डा के सौरभ द्विवेदी, बिहार के नावादा से आए प्रदीप रंजन और सिवान से आए चंदन राय ने भी इस बात को स्वीकारते हुए प्रदेश सरकार द्वारा की गई उत्तम व्यवस्था की तारीफ की।

वहीं, बाराबंकी के विवेक सिंह का कहना है कि इस बार लिखित परीक्षा के आयोजन का आधार ही उच्च मानक रहे। एक अन्य परीक्षार्थी मोहित कुमार साहू ने कहा कि अगर इसी प्रकार प्रदेश में सभी परीक्षाओं का आयोजन होगा तो पेपर लीक जैसी समस्या कभी सर नहीं उठा सकेंगी। पेपर छूटने के बाद प्रदेश भर में रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर परीक्षार्थियों की भारी भीड़ देखने को मिली, मगर वह सभी सीएम योगी द्वारा की गई उत्तम व्यवस्था का लाभ लेकर अपने गंतव्यों पर सुरक्षित यात्रा को लेकर आश्वस्त दिखे।

यूपी-112 परियोजना के अन्तर्गत जन-जागरूक अभियान एक पहल के तहत कालर को किया गया सम्मानित

लखनऊ । पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशांत कुमार द्वारा पीड़ित की समय से मदद और अपराध की रिपोर्ट करने के लिए यूपी-112 ने सामुदायिक पुलिसिंग के लिए जन-जागरूकता अभियान एक पहल की शुरूआत 12 अगस्त से की गयी है। इस अभियान के तहत लोगों को दूसरों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ऐसे व्यक्ति जिनका घटना से कोई सम्बन्ध नहीं है और उनके द्वारा प्रकरण की सूचना दी जा रही है, तो उनको यूपी-112 के द्वारा प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह से कालर को सम्मानित किया जा रहा है। इस अभियान के अन्तर्गत दशरथ यादव पुत्र स्व. गया प्रसाद निवासी ग्राम खैरा थाना जिगना जनपद मीरजापुर द्वारा 14 अगस्त को यूपी-112 पर सूचना दी गयी कि एक नवजात शिशु असुरक्षित दशा में लावारिश हालत में मिला है।

सूचना पर यूपी-112 द्वारा सभी सम्बन्धित को सूचना देकर अपेक्षित कार्यवाही की गयी। लावारिश बच्चे को जिला चिकित्सालय मीरजापुर में उपचार के लिए दाखिल किया गया। उपचार बाद सी.डब्लू.सी मीरजापुर द्वारा बच्चे का नाम राज रखा गया और 21अगस्त को नवजात शिशु राज को राजकीय शिशु गृह प्रयागराज भेजा गया। नीरा रावत, अपर पुलिस महानिदेशक द्वारा जनपद मिर्ज़ापुर निवासी दशरथ यादव को सजग व सतर्क नागरिक के रूप में तृतीय पक्ष कालर चिन्हित किया गया और उनको यूपी-112 मुख्यालय लखनऊ द्वारा उनके गर मिर्ज़ापुर में प्रशस्ति पत्र, स्मृित चिन्ह भिजवाया सम्मानित कराया गया। दशरथ यादव को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह शुक्रवार को अपराहन में यूपी-112 प्रभारी मीरजापुर राणा प्रताप यादव द्वारा कालर के घर ग्राम खैरा थाना जिगना पहुँच कर उपलब्ध कराया गया। मौके पर अन्य ग्रामीण लोग भी उपस्थित रहे, यूपी-112 की इस पहल की सराहना सभी लोगों ने किया।