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ड्वेन ब्रावो ने टी20 से लिया संन्यास,प्रोफेशनल टूर्नामेंट नहीं खेलेंगे

ड्वेन ब्रावो ने टी20 से संन्यास का ऐलान कर दिया है. वो अब से प्रोफेशनल टूर्नामेंट नहीं खेलेंगे. ब्रावो ने बताया कि कैरेबियन प्रीमियर लीग 2024 सीजन उनके लिए आखिरी प्रोफेशनल टूर्नामेंट होगा. इस सीजन के बाद वो किसी भी टी20 टूर्नामेंट में नजर नहीं आएंगे. उन्होंने इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर दी है. सीपीएल में ट्रिनबागो नाइट राइडर्स के लिए खेलने वाले ब्रावो ने अपने संन्यास के बारे में बताते हुए लिखा कि सीपीएल 2024 उनका आखिरी सीजन होगा. वो अपना आखिरी प्रोफेशनल टूर्नामेंट अपने कैरेबियन फैंस के सामने खेलना चाहते हैं. ट्रिनबागो नाइट राइडर्स के साथ सीपीएल के सफर की शुरुआत हुई थी और अब इसी टीम के साथ वो इसे खत्म करना चाहते हैं.

जीत चुके हैं 5 CPL ट्रॉफी

ब्रावो ने 2021 में टी20 इंटरनेशनल से संन्यास लिया था. यूएई में हुए टी20 वर्ल्ड कप में टीम के बुरे प्रदर्शन के बाद उन्होंने इंटरनेशनल टी20 को अलविदा कह दिया था. वहीं 2023 में आईपीएल से भी संन्यास ले लिया था. अब उन्होंने सीपीएल में भी अपने सफर को विराम देने का फैसला किया है. इस तरह वो 4 साल में 3 बार संन्यास का ऐलान कर चुके हैं. ड्वेन ब्रावो कैरेबियन प्रीमियर लीग के सबसे सफल खिलाड़ी हैं. इस लीग में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड उन्ही के नाम है. ब्रावो ने सीपीएल के 103 मुकाबलों में 128 विकेट चटकाए हैं. इतना ही नहीं वो 5 बार सीपीएल ट्रॉफी भी जीत चुके हैं.

टी20 में 600 से ज्यादा विकेट

ड्वेन ब्रावो को टी20 का स्पेशलिस्ट माना जाता है. वो इस फॉर्मेट में दुनिया की लगभग हर लीग हिस्सा लेकर अपने टैलेंट का लोहा मनवा चुके हैं. वो टी20 में सबसे पहले 500 विकेट लेने वाले पहले खिलाड़ी हैं. ब्रावो इस फॉर्मेट में 578 मुकाबले खेल चुके हैं और केवल गेंदबाजी ही नहीं बल्कि बल्लेबाजी में भी कमाल दिखा चुके हैं. ब्रावो डेथ ओवर में अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से मैच जिताने के लिए मशहूर हैं. वहीं अंतिम के ओवरों में छक्के लगाकर भी मैच जिताने की भी काबिलियत रखते हैं. टी20 में ब्रावो अब तक 630 विकेट चटका चुके हैं. वहीं बल्ले से 6970 रन भी बना चुके हैं.

पेरिस पैरालंपिक 2024: शीतल देवी का अभियान समाप्त, प्री क्वार्टर फाइनल में हारी

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत अभी तक 5 मेडल जीत चुका है, इसमें एक गोल्ड मेडल भी शामिल है. खेलों के तीसरे दिन शूटर रुबीना फ्रांसिस ने 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 इवेंट के फाइनल में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. लेकिन अब भारत को एक बड़ा झटका भी लगा है. आर्चर शीतल देवी एक करीबी मुकाबले में हारकर पेरिस पैरालंपिक 2024 से बाहर हो गई हैं. प्री क्वार्टर फाइनल में उनका सामना चिली की मारियाना जुनिगा से हुआ. इस मुकाबले में शीतल देवी को सिर्फ 1 प्वॉइंट से हार का सामना करना पड़ा.

1 प्वॉइंट से शीतल देवी का टूटा सपना

टोक्यो पैरालंपिक की सिल्वर मेडल विजेता मारियाना ने इस करीबी मुकाबले में शीतल देवी को 138-137 से हराया. दोनों खिलाड़ियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. शुरुआती तीन राउंड के बाद दोनों ही खिलाड़ी बराबरी पर थीं. लेकिन चौथे राउंड में विजेता मारियाना ने 1 प्वॉइंट की बढ़त हासिल की. उन्होंने ये बढ़त पांचवें राउंड में भी बरकरार रखी, जिसके चलते शीतल देवी ने इस मुकाबले को 1 प्वॉइंट से गंवा दिया.

डेब्यू मैच में रच दिया था इतिहास

महज 17 साल की आर्चर शीतल देवी ने पैरालंपिक के डेब्यू मैच में इतिहास रचा था. दुनिया की पहली आर्मलेस यानि बिना हाथों वाली आर्चर शीतल देवी ने आर्चरी के रैंकिंग राउंड के दौरान 703 प्वॉइंट हासिल किए थे और वर्ल्ड रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया था. शीतल ने 720 में से 703 अंक हासिल किए थे. इसके साथ ही वो 700 अंक पाने वाली भारत की पहली महिला आर्चर बन गई हैं. हालांकि, कुछ देर बाद ही तुर्किए की ओजनूर गिर्डी क्यूर ने 704 अंक के साथ शीतल के इस रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया.

शीतल देवी जम्मू कश्मीर की एक छोटे गांव किश्तवाड़ की रहने वाली हैं. 7 साल की शीतल के जन्म से ही दो हाथ नहीं हैं. वह फोकोमेलिया नाम की बीमारी से जन्मजात पीड़ित हैं. लेकिन उन्होंने अपने जीवन में कभी भी हार नहीं मानी. शीतल देवी कुर्सी पर बैठी हैं, अपने दाहिने पैर से धनुष उठाती हैं, फिर दाहिने कंधे से डोरी खींचती हैं और अपने जबड़े की ताकत से तीर छोड़ती हैं. उनकी इस कला को देखकर हर कोई हैरान रह जाता है. शीतल देवी बिना हाथों के प्रतिस्पर्धा करने वाली दुनिया की पहली और एकमात्र सक्रिय महिला तीरंदाज भी हैं.

भारत को 5वां मेडल शूटर रुबीना फ्रांसिस ने दिलवाया,211.1 अंक के साथ ब्रॉन्ज मेडल किया अपने नाम

पेरिस पैरालंपिक 2024 के तीसरे दिन भारत को पहला मेडल शूटर रुबीना फ्रांसिस ने दिलाया है. रुबीना फ्रांसिस ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 इवेंट के फाइनल में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. ये उनका पहला पैरालंपिक मेडल है. वहीं, पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत के कुल 5 मेडल हो गए हैं. इनमें से 4 मेडल शूटिंग में आए हैं. रुबीना ने 211.1 अंक के साथ ये मेडल जीता है.

रुबीना फ्रांसिस का ब्रॉन्ज पर निशाना

रुबीना फ्रांसिस फाइनल के स्टेज 1 के बाद तीसरे स्थान पर थी. उन्होंने इस स्टेज के 10 शॉट में कुल 97.6 (10.7, 10.3, 10.3, 9.7, 9.0, 8.4, 10.0, 9.8, 9.6, 9.8) का स्कोर किया. स्टेज 2 में रुबीना फ्रांसिस ने अपने शानदार खेल को जारी रखा. ये मेडल रुबीना फ्रांसिस के साथ-साथ भारत के लिए भी काफी ऐतिहासिक है. दरअसल, वह पिस्टल शूटिंग में पैरालंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं हैं.

मैकेनिक की बेटी का बड़ा कारनामा

मध्य प्रदेश के जबलपुर की पैरा पिस्टल शूटर रुबीना फ्रांसिस ने पिछले कुछ समय में भारत के लिए दमदार खेल दिखाया है. वह इससे पहले भी कई इवेंट में भारत का नाम रोशन कर चुकी है.इससे पहले रुबीना फ्रांसिस ने वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट्स वर्ल्ड कप- 2023 में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में सिल्वर मेडल जीता था. वह पैराशूटिंग वर्ल्ड कप में पी- 6 एयर पिस्टल मिश्रित टीम इवेंट में गोल्ड मेडल भी जीत चुकी है. बता दें कि रुबीना की मां सुनीता फ्रांसिस जबलपुर के प्रसूतिका गृह में नर्स हैं,वहीं उनके पिता साइमन मोटर मैकेनिक का काम करते हैं.

पेरिस पैरालंपिक 2024 में मेडल जीतने वाले भारतीय

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत का खाता शूटर अवनि लेखरा ने खोला था. अवनि ने 10 मीटर एयर राइफल SH1 में गोल्ड मेडल जीता था. वहीं, मोना अग्रवाल ने इस इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता. इसके बाद भारत के लिए तीसरा मेडल प्रीति पाल ने जीता. प्रीति पाल ने 100m T35 कैटेगिरी में देश को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया. प्रीति पहली भारतीय एथलीट भी हैं जिन्होंने ट्रैक इवेंट में मेडल जीता. इसके बाद चौथा मेडल मनीष नरवाल ने दिलाया. मनीष नरवाल ने 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 में सिल्वर मेडल अपने नाम किया

साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स की टीम ने रच दिया इतिहास,20 ओवर में बना दिया 300 से ज्यादा रनों का आंकड़ा

टी20 क्रिकेट में 200 रन का स्कोर बनाना आसान नहीं माना जाता है, पिछले कुछ समय से हालांकि कई टीमों ने 250 रन का आंकड़ा भी पार किया है. इस बार आईपीएल में भी कई टीमों ने ये कारनामा किया था. वहीं, अब दिल्ली प्रीमियर लीग 2024 में तो इससे भी बड़ा कारनामा देखने को मिला है. यहां एक टीम ने 20 ओवर में 300 से ज्यादा रन बनाकर सभी को चौंका दिया. ये टीम ओर कोई नहीं बल्कि साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स है. इस टीम की कमान आयुष बडोनी के हाथों में है.

साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स का बड़ा रिकॉर्ड

साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स ने नॉर्थ दिल्ली की टीम के खिलाफ खेले जा रहे मैच में लीग के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिया. साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स ने मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर 308 रन बनाए. ये इस लीग के इतिहास का अभी तक का सबसे बड़ा स्कोर है. बता दें, साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स ने इस स्कोर तक पहुंचने के लिए 31 छक्के जड़े और सिर्फ 19 चौके ही लगाए. इस पारी के दौरान साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स के दो बल्लेबाजों ने शतक भी जड़ा.

प्रियांश-बडोनी की तूफानी पारियां

साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स की ओर से ओपनर प्रियांश आर्य ने एक बार फिर तूफानी पारी खेली. उन्होंने 240 की स्ट्राइक रेट से रन बनाते हुए 50 गेंदों पर 10 चौके और 10 छक्के की मदद से 120 रन बनाए. ये इस लीग में उनका दूसरा शतक भी था. वहीं, टीम के कप्तान आयुष बडोनी ने 55 गेंदों पर 165 रनों की पारी खेली. इस दौरान बडोनी के बल्ले से 19 छक्के और 8 चौके निकले. आयुष बडोनी ने ये रन 300 की स्ट्राइक रेट से बनाए, जिसने सभी को हैरान कर दिया. दोनों खिलाड़ियों के बीच दूसरे विकेट के लिए 286 रन भी साझेदारी भी हुई, जो इस लीग में अभी तक की सबसे बड़ी साझेदारी भी है.

नॉर्थ दिल्ली के गेंदबाजों का बुरा हाल

प्रांशु विजयरन को छोड़कर नॉर्थ दिल्ली के हर एक गेंदबाज ने 10 से ज्यादा की इकॉनमी के साथ रन दिए. मनन भारद्वाज टीम के सबसे महंगे गेंदबाज रहे, उन्होंने 2 ओवर में 60 रन खर्च किए. वैभव कांडपाल ने 2 ओवर में 41 रन दिए और सुयश शर्मा के 4 ओवर में 66 रन बने. सिद्धार्थ सोलंकी 3 विकेट के साथ टीम के सबसे सफल गेंदबाज रहे, लेकिन उन्होंने भी 52 रन लुटाए.

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलेंगे राहुल द्रविड़ का बेटा,बीसीसीआई ने दिया मौका

राहुल द्रविड़ की गिनती भारत ही नहीं दुनिया के महान बल्लेबाजों में होती है. सॉलिड टेक्निक और कई भरोसेमंद पारियों के कारण उन्हें टीम इंडिया में ‘द वॉल’ की उपाधि मिली हुई थी. उनके बेटे समित द्रविड़ भी क्रिकेट खेलते हैं. फैंस को पिता की तरह उनसे भी काफी उम्मीदें हैं. समित ने हाल में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ की टी20 लीग महाराजा टी20 ट्रॉफी में हिस्सा लिया था. इस लीग में समित मैसूरू वॉरियर्स का हिस्सा थे. इस दौरान उनका प्रदर्शन तो कुछ खास नहीं रहा लेकिन उन्होंने अपने टैलेंट की झलकियां जरूर दिखाई थीं. अब उनका सेलेक्शन भारत के अंडर-19 टीम में हो गया है. बीसीसीआई ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होम सीरीज में उन्हें मौका दिया है. ये पहली बार है जब समित भारत के अंडर-19 टीम का हिस्सा होंगे.

दो सीरीज में मिला मौका

बीसीसीआई ने भारत और ऑस्ट्रेलिया की अंडर-19 टीम के बीच वनडे और फोर डे सीरीज का ऐलान किया है. ये सीरीज भारत में ही खेली जाएगी. 21 सिंतबर से शुरू होने वाले इस सीरीज में 3 वनडे और 2 फोर डे मुकाबले खेले जाएंगे. इसके लिए बीसीसीआई की जूनियर सेलेक्शन कमेटी ने भारतीय टीम का चयन किया है. राहुल द्रविड़ के बेटे को इन दोनों ही सीरीज में मौका मिला है. बता दें समित के लिए महाराजा ट्रॉफी अच्छा नहीं रहा था. वो एक भी बड़ा स्कोर बनाने में कामयाब नहीं रहे थे. टूर्नामेंट में उनका सर्वाधिक स्कोर 33 रहा था. लगातार फ्लॉप होने के बाद समित को टीम से भी बाहर कर दिया गया था.

कब और कहां होंगे मुकाबले?

ऑस्ट्रेलिया की अंडर-19 टीम भारत दौरे पर पहले वनडे सीरीज खेलेगी. इसका पहला मुकाबला 21 सितंबर, दूसरा 23 और तीसरा मैच 26 को खेला जाएगा. वहीं फोर डे सीरीज का पहला मैच 30 सितंबर से 30 अक्टूबर तक और दूसरा मुकाबला 7 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक खेला जाएगा. बता दें वनडे सीरीज जहां पुड्डचेरी में, वहीं फोर डे सीरीज चेन्नई में खेली जाएगी.

मोहम्मद अमान (कप्तान), रुद्र पटेल (उपकप्तान), साहिल पारख, कार्तिकेय केपी, किरण चोरमले, अभिज्ञान कुंडू, हरवंश सिंह पंगालिया (विकेटकीपर), समित द्रविड़, युधाजीत गुहा, समर्थ एन, निखिल कुमार, चेतन शर्मा, हार्दिक राज, रोहित राजावत, मोहम्मद एनान.

फोर डे सीरीज के लिए भारत का स्क्वॉड:

सोहम पटवर्धन (कप्तान), विहान मल्होत्रा (उपकप्तान), वैभव सूर्यवंशी, नित्या पंड्या, कार्तिकेय केपी, समित द्रविड़, अभिज्ञान कुंडू, हरवंश सिंह पंगालिया, चेतन शर्मा, समर्थ एन, आदित्य रावत, निखिल कुमार, अनमोलजीत सिंह, आदित्य सिंह, मोहम्मद एनान

रिटायरमेंट के बाद शिखर धवन ने खुद एक चौंकाने वाला किया खुलासा

भारतीय टीम के दिग्गज ओपनर शिखर धवन ने 2010 में टीम इंडिया में कदम रखा था. 12 साल तक टीम की ओपनिंग का कमान संभालने के बाद उन्होंने 24 अगस्त को इंटरनेशनल और घरेलू क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया था. रिटायरमेंट के बाद धवन ने खुद एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. दिग्गज ओपनर ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें भारत के मौजूदा उपकप्तान शुभमन गिल से काफी जलन होती थी. उनके इस खुलासे ने सभी को हैरान कर दिया है. धवन ने इसके पीछे एक बड़ी वजह भी बताई.

शुभमन से क्यों जलते थे धवन?

शिखर धवन का भारतीय टीम में दबदबा था. उन्होंने रोहित शर्मा के साथ मिलकर टीम को कई अहम मैच जिताए. खासतौर से आईसीसी टूर्नामेंट में उनका प्रदर्शन उम्दा होती थी. हालांकि, 2019 में शुभमन गिल के आने के बाद उनकी अहमियत धीरे-धीरे कम होने लगी. गिल ने पहले वनडे टीम में एंट्री मारी, फिर 2020 में टेस्ट टीम के भी रेगुलर सदस्य हो गए. इस दौरान उन्होंने कई शतक जड़े थे. गिल का विराट उत्तराधिकारी बताया जाने लगा था.

दूसरी ओर धवन धीरे-धीरे टीम से बाहर रहने लगे. उनके शतक भी नहीं लग रहे थे. उन्होंने संन्यास के बाद खुद माना कि गिल से उन्हें जलन होती थी, क्योंकि उन्होंने पहले ही 2 फॉर्मेट में जगह बना ली थी और खूब शतक लगा रहे थे. जबकि वो एक फॉर्मेट में खेल रहे थे और अर्धशतक पर ही अटक जाते थे. हालांकि, बाद में टीम इंडिया के ‘गब्बर’ ने गिल के प्रदर्शन को स्वीकार करते हुए खुद उन्हें मौके दिए जाने की वकालत की थी. धवन के इस इमानदारी भर जवाब को सुनकर फैंस भी गदगद हो गए.

लेजेंड्स लीग में खेलेंगे धवन

शिखर धवन ने भले ही संन्यास ले लिया है, लेकिन उनके फैंस को निराश होने की जरूरत नहीं है. वो अभी भी क्रिकेट खेलते हुए नजर आएंगे. सितंबर में लेजेंड्स लीग क्रिकेट के तीसरे सीजन का आयोजन 20 सितंबर से किया जाएगा, जिसमें 6 टीमें हिस्सा लेंगी. धवन ने रिटायर्ड क्रिकेटर्स की इस लीग में गुजरात की टीम का हाथ थामा है. इस लीग में वो क्रिस गेल के साथ ओपनिंग करते हुए नजर आ सकते हैं.

पेरिस पैरालंपिक 2024 में अवनि लेखरा ने गोल्ड मेडल किया अपने नाम

पेरिस पैरालंपिक 2024 में अवनि लेखरा पैरालंपिक रिकॉर्ड तोड़कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया. अवनि ने फाइनल में 249.7 अंक हासिल किए जो एक नया पैरालंपिक रिकॉर्ड है. अवनी लेखरा और दक्षिण कोरिया की युनरी ली के बीच आखिरी शॉट तक बेहद कड़ी टक्कर देखने को मिली. हालांकि अवनि लेखरा बाजी मारने में कामयाब रहीं. इसी के साथ उन्होंने अपने टाइटल का बचाव भी किया है. इससे पहले अवनि लेखरा ने 2020 पैरालंपिक में भी 10 मीटर एयर स्पर्धा एसएच-1 में गोल्ड मेडल जीता था. बता दें, वह अब भारत की पहली खिलाड़ी भी बन गई हैं,

जिसने पैरालंपिक में अपने मेडल का बचाव किया है और अब पैरालंपिक में उनके कुल 3 मेडल हो गए हैं. ये भी एक रिकॉर्ड है, क्योंकि इससे पहले किसी भी भारतीय ने 3 पैरालंपिक मेडल नहीं जीते थे.

अवनि को पैरालंपिक अवॉर्ड्स 2021 में बेस्ट फीमेल डेब्यू के खिताब से सम्मानित किया गया था.

साल 2022 में अवनि लेखरा ने पैरा शूटिंग वर्ल्ड कप में भी गोल्ड जीतकर इतिहास रचा था. यहां उन्होंने 2 गोल्ड मेडल अपने नाम किए थे. इसके अलावा एशियन पैरा गेम्स में भी अवनि एक गोल्ड मेडल जीत चुकी है. अभी तक अवनि को खेल रत्न पुरस्कार, यंग इंडियन ऑफ द ईयर, पद्मश्री और पैराएथलीट ऑफ द ईयर जैसे अवार्ड्स मिल चुके हैं.

पाकिस्तान के एक पूर्व खिलाड़ी ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया को जाने क्या दी सलाह

आईसीसी 2025 चैंपयिंस ट्रॉफी पाकिस्तान में खेली जानी है. पीसीबी ने इस टूर्नामेंट के लिए शेड्यूल भी तैयार कर लिया है और जमकर तैयारी कर रहा है. लेकिन टीम इंडिया इस दौरे के लिए पाकिस्तान का दौरा करेगी या नहीं ये अभी तक साफ नहीं हुआ है. खबर है कि बीसीसीआई टीम इंडिया को पाकिस्तान भेजने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में हाइब्रिड मॉडल की बात भी सामने आ रही है. इन सब के बीच पाकिस्तान के एक पूर्व खिलाड़ी का बड़ा बयान सामने आया है. इस खिलाड़ी ने भारत को पाकिस्तान ना आने की सलाह दी है.

टीम इंडिया को मिली पाकिस्तान ना जाने की सलाह

पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी दानिश कनेरिया ने बड़ा बयान दिया है. दानिश कनेरिया का मानना है कि पाकिस्तान का माहौल इस समय सही नहीं है, ऐसे में टीम इंडिया को वहां का दौरा नहीं करना चाहिए. भारत पिछले कई सालों से पाकिस्तान में खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर भी चिंतित है और इसलिए वह अपनी टीम पाकिस्तान नहीं भेजता है. इन दोनों टीमों के बीच कोई सीरीज भी नहीं खेली जाती है. ये दोनों टीमें सिर्फ एशिया कप या फिर आईसीसी इवेंट में आमने-सामने होती हैं.

दानिश कनेरिया का बड़ा बयान

दानिश कनेरिया ने स्पोर्ट्स तक से बात करते हुए टीम इंडिया के पाकिस्तान दौरे पर कहा, ‘पाकिस्तान की इस समय की स्थिति को देखते हुए, मुझे कहना होगा कि भारतीय टीम को पाकिस्तान नहीं जाना चाहिए. पाकिस्तान को इस बारे में सोचना चाहिए और फिर आईसीसी अपना फैसला लेगा. सबसे ज्यादा संभावना है कि ये टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल में खेला जाएगा. यह दुबई में हो सकता है, जो अच्छी चीज होगी. कनेरिया ने आगे कहा, ‘खिलाड़ियों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है. सम्मान दूसरी प्राथमिकता है. मुझे लगता है कि बीसीसीआई बहुत अच्छा काम कर रहा है. हालांकि सभी देश अंतिम निर्णय को स्वीकार करेंगे.

कौन हैं दानिश कनेरिया?

दानिश कनेरिया का जन्म 16 दिसंबर, 1980 को कराची में गुजराती फैमिली में हुआ. दानिश कनेरिया पाकिस्तान क्रिकेट का एक बड़ा नाम है. लेकिन ये खिलाड़ी अब गुमनाम-सी जिंदगी जी रहा है. कनेरिया के अनुसार जब वह टीम का हिस्सा थे तो हिंदू होने के कारण उनके साथ पाकिस्तान में भेदभाव हुआ था. उन पर लाइफटाइम बैन भी लगाया गया था. पाकिस्तान के पूर्व विकेटकीपर अनिल दलपत उनके कजिन हैं. अनिल और कनेरिया ही पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेलने वाले दो हिंदू क्रिकेटर हैं.

पेरिस पैरालंपिक,निशानेबाज मनीष नरवाल ने दिलाया भारत को मिला चौथा मेडल,जीता सिल्वर

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों का दमदार खेल जारी है. खेल के दूसरे ही दिन भारत की झोली में चौथा मेडल भी आ गया है.

ये मेडल भी शूटिंग में आया है. भारतीय निशानेबाज मनीष नरवाल ने 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 के फाइनल में सिल्वर मे़डल जीता है.

मनीष नरवाल ने पिछले पैरालंपिक में भी कमाल का प्रदर्शन किया था और गोल्ड मेडल जीता था. मनीष ने फाइनल में 234.9 का स्कोर किया

17 साल की शीतल देवी ने पेरिस पैरालंपिक में रचा दिया इतिहास,703 अंक किए हासिल

पेरिस में पैरालंपिक खेलों की शुरुआत हो चुकी है. पहले दिन भारतीय एथलीट्स ने शानदार खेल दिखाया. कई एथलीट्स ने अगले राउंड के लिए क्वालिफाई किया. इसमें सबसे उम्दा प्रदर्शन महज 17 साल की आर्चर शीतल देवी का रहा. दुनिया की पहली आर्मलेस यानि बिना हाथों वाली आर्चर शीतल देवी पैरालंपिक में डेब्यू करने के लिए उतरीं और उतरते ही इतिहास रच दिया. बता दें पेरिस में आर्चरी के रैंकिंग राउंड के दौरान उन्होंने 703 अंक हासिल किए और वर्ल्ड रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया. हालांकि, कुछ देर बाद ही तुर्किए की ओजनूर गिर्डी क्यूर ने 704 अंक के साथ शीतल को पछाड़कर आगे निकल गईं और ये रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया

शीतल की वाहवाही

शीतल देवी जम्मू कश्मीर की एक छोटे से गांव किश्तवाड़ की रहने वाली हैं. 17 साल की शीतल फोकोमेलिया नाम की जन्मजात बीमारी से पीड़ित हैं. बचपन से उनके दोनों हाथ नहीं हैं, लेकिन उन्होंने अपने जीवन में कभी भी हार नहीं मानी. अब उन्होंने पेरिस में भारत का नाम रोशन किया है. शीतल ने 720 में से 703 अंक हासिल किए और रैंकिंग राउंड में दूसरे नंबर पर रहीं. ये उनका पर्सनल बेस्ट स्कोर भी है. इसके साथ ही वो 700 अंक पाने वाली भारत की पहली महिला आर्चर बन गई हैं. उनके प्रदर्शन और जज्बे को देखते हुए उनकी जमकर वाहवाही हो रही है. भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह समेत कई फैंस और सेलिब्रिटी ने उनके हुनर को सलाम कर रहे हैं.

वर्ल्ड और पैरालंपिक रिकॉर्ड

शीतल देवी का व्यक्तिगत वर्ल्ड रिकॉर्ड भले ही तुरंत टूट गया लेकिन मिक्स्ड टीम इवेंट कामयाब रहीं. शीतल देवी और राकेश कुमार की टीम ने मिलकर पेरिस पैरालंपिक में आर्चरी में वर्ल्ड और पैरालंपिक रिकॉर्ड बनाया. शीतल के 703 अंक के बाद राकेश कुमार ने अपने व्यक्तिगत रैंकिंग राउंड में 696 अंक हासिल किए. इस तरह अपने-अपने रैंकिंग राउंड खत्म होने के बाद दोनों ने मिलकर कुल 1399 अंक बटोरे. मिक्स्ड टीम इवेंट में ये अब तक सर्वाधिक स्कोर है. इसके साथ ही दोनों की जोड़ी अब क्वार्टरफाइनल में पहुंच चुकी है. अब उनका क्वार्टरफाइनल मुकाबला 2 को रात 8:40 बजे से होगा.

ऐसे हुई थी करियर की शुरुआत

17 साल की उम्र में इतिहास रचने वाली शीतल ने 15 साल की उम्र तक धनुष-बाण देखा तक नहीं था. 2022 उनके लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आया. शीतल ने अपनी एक परिचित के कहने पर जम्मू के कटरा में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड खेल परिसर का दौरा किया. ये उनके घर से लगभग 200 किमी (124 मील) की दूरी पर है. वहां उनकी मुलाकात अभिलाषा चौधरी और उनके दूसरे कोच कुलदीप वेदवान से हुई, जिन्होंने उन्हें आर्चरी की दुनिया से परिचित कराया. इसके बाद वो जल्द ही कटरा शहर में शिफ्ट होकर ट्रेनिंग करने लगीं और 2 साल के अंदर पैरालंपिक में वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है