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बाबा कीनाराम जी का जीवन परिचय व चमत्कार* *श्रीप्रकाश यादव*

अघोराचार्य बाबा श्री कीनाराम अघोर सम्प्रदाय के अनन्य आचार्य थे। इनका जन्म सन् 1601 भाद्रपद शुक्ल को चंदौली के रामगढ़ गाँव में अकबर सिंह के घर हुआ। बारह वर्ष की अवस्था में विवाह अवश्य हुआ पर वैराग्य हो जाने के कारण गौना नहीं कराया। ये देश के विभिन्न भागों का भ्रमण करते हुए गिरनार पर्वत पर बस गये। कीनाराम सिद्ध महात्मा थे और इनके जीवन की अनेक चमत्कारी घटनाएं प्रसिद्ध हैं। सन् 1769 को काशी में अघोराचार्य बाबा श्री कीनाराम जी के 170 वर्ष की आयु में समाधिस्थ हो गए। *जीवन परिचय* बाबा किनाराम उत्तर भारतीय संत परंपरा के एक प्रसिद्ध संत थे, जिनकी यश-सुरभि परवर्ती काल में संपूर्ण भारत में फैल गई। वाराणसी के पास चंदौली जिले के ग्राम रामगढ़ में एक कुलीन रघुवंशी क्षत्रिय परिवार में सन् 1601 ई. में इनका जन्म हुआ था। बचपन से ही इनमें आध्यात्मिक संस्कार अत्यंत प्रबल थे। तत्कालीन रीति के अनुसार बारह वर्षों के अल्प आयु में, इनकी घोर अनिच्छा रहते हुए भी, विवाह कर दिया गया किंतु दो तीन वर्षों बाद द्विरागमन की पूर्व संध्या को इन्होंने हठपूर्वक माँ से माँगकर दूध-भात खाया। ध्यातव्य है कि सनातन धर्म में मृतक संस्कार के बाद दूध-भात एक कर्मकांड है। बाबा के दूध-भात खाने के अगले दिन सबेरे ही वधू के देहांत का समाचार आ गया। सबको आश्चर्य हुआ कि इन्हें पत्नी की मृत्यु का पूर्वाभास कैसे हो गया। अघोर पंथ के ज्वलंत संत के बारे में ऐक कथानक प्रसिद्ध है,कि ऐक बार काशी नरेश अपने हाथी पर सवार होकर शिवाला स्थित आश्रम से जा रहे थे,उन्होनें बाबा किनाराम के तरफ तल्खी नजरों से देखा,तत्काल बाबा किनाराम ने आदेश दिया दिवाल चल आगे,इतना कहना कि दिवाल चल दिया और काशी नरेश की हाथी के आगे - आगे चलने लगा। तब काशी नरेश को अपने अभिमान का बोध हो गया और तत्काल बाबा किनाराम जी के चरणों में गिर गये। *वैराग* यह विरक्त तो रहते ही थे, घर से भी निकल पड़े और घूमते-फिरते गाजीपुर (अब बलिया) जिले के कारों ग्राम के पास कामेश्वर धाम में रामानुजी संप्रदाय के संत शिवाराम की सेवा में पहुँचे। कुछ समय बाद दीक्षा देने के पूर्व महात्मा जी ने परीक्षार्थ इनसे स्नान ध्यान के सामान लेकर गंगातट पर चलने को कहा। यह शिवाराम जी की पूजनादि की सामग्री लेकर गंगातट से कुछ दूर पहुँच कर रुक गए तथा गंगाजी को झुककर प्रणाम करने लगे। जब सिर उठाया तब देखा कि भागीरथी का जल बढ़कर इनके चरणों तक पहुँच गया है। इन्होंने इस घटना को गुरु की महिमा मानी। शिवाराम जी दूर से यह सब देख रहे थे। उन्होंने किशोर किनाराम को असामान्य सिद्ध माना तथा मंत्र दीक्षा दी। जनश्रुतियों के अनुसार कारों के कामेश्वर धाम में साधना के दौरान बाबा किनाराम प्रतिदिन मध्यरात्रि में कारो से पैदल चलकर करीमुद्दीनपुर के कष्टहरणी भवानी मंदिर पहुंचकर दर्शन करते थे और भोर होने से पहले कारो पहुंच जाते थे। बाबा किनाराम को माता कष्टहरणी ने अपने हाथों से प्रसाद देकर सिद्धि प्रदान की थी।पत्नी की मृत्यु के बाद शिवाराम जी ने जब पुनर्विवाह किया तब कीनाराम जी ने उन्हें छोड़ दिया। घूमते-घामते नईडीह गाँव पहुँचे। वहाँ एक वृद्धा बहुत रो कलप रही थी। पूछने पर उसने बताया कि उसके एकमात्र पुत्र को बकाया लगान के बदले जमींदार के सिपाही पकड़ ले गए हैं। कीनाराम ने वृद्धा के साथ जमींदार के द्वार पर जाकर देखा कि वह लड़का धूप में बैठा रखा है। जमींदार से उसे मुक्त करने का आग्रह व्यर्थ गया तब कीनाराम ने जमींदार से कहा-जहाँ लड़का बैठा है वहाँ की धरती खुदवा ले और जितना तेरा रुपया हो, वहाँ से ले ले। हाथ दो हाथ गहराई तक खुदवाने पर वहाँ अशेष रु पए पड़े देखकर सब स्तंभित रह गए। लड़का तो तुरंत बंधनमुक्त कर ही दिया गया, जमींदार ने बहुत बहुत क्षमा मांगी। बुढ़िया ने वह लड़का कानाराम जी को ही सौंप दिया। बीजाराम उसका नाम था और संभवत: कीनाराम जी के शरीर त्याग पश्चात्‌ वाराणसी के उनके मठ की गद्दी पर वही अधिष्ठित हुआ। *गिरनार की यात्रा* औघड़ों के मान्य स्थल गिरनार पर कीनाराम जी को दत्तात्रेय के स्वयं दर्शन हुए थे जो रुद्र के बाद औघड़पन के द्वितीय प्रतिष्ठापक माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि परम सिद्ध औघड़ों को भगवान दत्तात्रेय के दर्शन गिरनार पर आज भी होते है वर्तमान काल में, किनारामी औघड़पंथी परमसिद्धों की बारहवीं पीढ़ी में, वाराणसीस्थ अघोरेश्वर भगवान राम को भी गिरनार पर्वत पर ही दत्तात्रेय जी का प्रत्यक्ष दर्शन हुआ था। गिरनार के बाद किनाराम जी बीजाराम के साथ जूनागढ़ पहुँचे। वहाँ भिक्षा माँगने के अपराध में उस समय के नवाब के आदमियों ने बीजाराम को जेल में बंद कर दिया तथा वहाँ रखी 981 चक्कियों में से, जिनमें से अधिकतर पहले से ही बंदी साधु संत चला रहे थे, एक चक्की इनको भी चलाने को दे दिया। कीनाराम जी ने सिद्धिबल से यह जान लिया तथा दूसरे दिन स्वयं नगर में जाकर भिक्षा माँगने लगे। वह भी कारागार पहुँचाए गए और उन्हें भी चलाने के लिए चक्की दी गई। बाबा ने बिना हाथ लगाए चक्की से चलने को कहा किंतु यह तो उनकी लीला थी, चक्की नहीं चली। तब उन्होंने पास ही पड़ी एक लकड़ी उठाकर चक्की पर मारी। आश्चर्य कि सब 981 चक्कियाँ अपने आप चलने लगीं। समाचार पाकर नवाब ने बहुत क्षमा माँगी और बाबा के आदेशानुसार यह वचन दिया कि उस दिन से जो भी साधु महात्मा जूनागढ़ आएँगे उन्हें बाबा के नाम पर ढाई पाव आटा रोज दिया जाएगा। नवाब की वंशपरंपरा भी बाबा के आशीर्वाद से ही चली। *अघोरपंथ के साधक* उत्तराखंड हिमालय में बहुत वर्षों तक कठोर तपस्या करने के बाद कीनाराम जी वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट के श्मशान पर रहनेवाले औघड़ बाबा कालूराम (कहते हैं, यह स्वयं भगवान दत्तात्रेय थे) के पास पहुँचे। कालूराम जी बड़े प्रेम से दाह किए हुए शवों की बिखरी पड़ी खोपड़ियों को अपने पास बुला-बुलाकर चने खिलाते थे। कीनाराम को यह व्यर्थ का खिलवाड़ लगा और उन्होंने अपनी सिद्धि शक्ति से खोपड़ियों का चलना बंद कर दिया। कालूराम ने ध्यान लगाकर समझ लिया कि यह शक्ति केवल कीनाराम में है। इन्हें देखकर कालूराम ने कहा-भूख लगी है। मछली खिलाओ। कीनाराम ने गंगा तट की ओर मुख कर कहा-गंगिया, ला एक मछली दे जा। एक बड़ी मछली स्वत: पानी से बाहर आ गई। थोड़ी देर बाद कालूराम ने गंगा में बहे जा रहे एक शव को कीनाराम को दिखाया। कीनाराम ने वहीं से मुर्दे को पुकारा, वह बहता हुआ किनारे आ लगा और उठकर खड़ा हो गया। बाबा कीनाराम ने उसे घर वापिस भेज दिया पर उसकी माँ ने उसे बाबा की चरणसेवा के लिए ही छोड़ दिया। इन सब के बाद, कहते हैं, कालूराम जी ने अपने स्वरूप को दर्शन दिया और कीनाराम को साथ, क्रींकुण्ड (भदैनी, वाराणसी) ले गए जहाँ उन्हें बताया कि इस स्थल को ही गिरनार समझो। समस्त तीर्थों का फल यहाँ मिल जाएगा। कीनाराम तबसे मुख्यश: उसी स्थान पर रहने लगे। अपने प्रथम गुरु वैष्णव शिवाराम जी के नाप पर उन्होंने चार मठ स्थापित किए तथा दूसरे गुरु, औघड़ बाबा कालूराम की स्मृति में क्रींकुंड (वाराणसी), रामगढ़ (चंदौली), देवल (गाजीपुर) तथा हरिहरपुर (जौनपुर) में चार औघड़ गद्दियाँ कायम कीं। इन प्रमुख स्थानों के अतिरिक्त तकिया भी कितनी ही हैं। सहज ही प्रश्न उठता है कि औघड़ कौन हैं ? औघड़ (संस्कृत रूप अघोर) शक्ति का साधक होता है। चंडी, तारा, काली यह सब शक्ति के ही रूप हैं, नाम हैं। यजुर्वेद के रुद्राध्याय में रुद्र की कल्याण्कारी मूर्ति को शिवी की संज्ञा दी गई है, शिवा को ही अघोरा कहा गया है। शिव और शक्ति संबंधी तंत्र ग्रंथ यह प्रतिपादित करते हैं कि वस्तुत: यह दोनों भिन्न नहीं, एक अभिन्न तत्व हैं। रुद्र अघोरा शक्ति से संयुक्त होने के कारण ही शिव हैं। संक्षेप में इतना जान लेना ही हमारे लिए यहाँ पर्याप्त है। बाबा किनाराम ने इसी अघोरा शक्ति की साधना की थी। ऐसी साधना के अनिवार्य परिणामस्वरूप चमत्कारिक दिव्य सिद्धियाँ अनायास प्राप्त हो जाती हैं, ऐसे साधक के लिए असंभव कुछ नहीं रह जाता। वह परमहंस पद प्राप्त होता है। कोई भी ऐसा सिद्ध प्रदर्शन के लिए चमत्कार नहीं दिखाता, उसका ध्येय लोक कल्याण होना चाहिए। औघड़ साधक की भेद बुद्धि का नाश हो जाता है। वह प्रचलित सांसारिक मान्यताओं से बँधकर नहीं रहता। सब कुछ का अवधूनन कर, उपेक्षा कर ऊपर उठ जाना ही अवधूत पद प्राप्त करना है।
बाबा कीनाराम जन्मोत्सव को लेकर चंदौली में रूट डायवर्जन, इन मार्गों पर आवागमन रहेगा प्रभावित, जानिये पुलिस का प्लान*


*श्रीप्रकाश यादव* चंदौली- बाबा कीनाराम के जन्मोत्सव के दृष्टिगत रामगढ मठ में आयोजित मेला में शान्ति व्यवस्था एवं यातायात व्यवस्था बनाये रखने के लिए चंदौली पुलिस की ओर से रूट डायवर्जन प्लान लागू किया गया है। रूट डायवर्जन शनिवार की सुबह आठ बजे से लागू होगा। *ये है रूट डायवर्जन प्लान* चहनियां चौराहा की तरफ से एवं धानापुर की तरफ से आने वाले समस्त प्रकार के वाहन जो सराय रसुलपुर तिराहे से बाबा कीनाराम मठ जाना चाहते हैं। वे सभी वाहन नवोदय विद्यालय बैराठ की पार्किंग में (खड़े/पार्क) होंगे। नवोदय विद्यालय से बाबा कीनाराम मठ की तरफ किसी प्रकार का वाहन(ट्रैक्टर, बस, चार पहिया वाहन, तीन पहिया वाहन, दो पहिया वाहन) नहीं जाएंगे। सभी प्रकार के वाहनों की पार्किंग नवोदय विद्यालय बैराठ में होगी। सड़क संकरी होने के कारण सराय रसूल पुर चौराहा से बाबा कीनाराम मठ तक जाने वाली सड़क के किनारे किसी भी प्रकार के वाहन खडे नहीं होंगे। चहनिया चौराहा की तरफ से एवं सैदपुर की तरफ से आने वाले वाहन चार पहिया ,तीन पहिया, दो पहिया, जो गुरेरा एवं पलिया की तरफ से बाबा कीनाराम मठ को जाना चाहते हैं, वे सभी वाहन टैम्पू स्टैण्ड तिराहा/यूनियन बैंक रामगढ़ तक ही जा पायेंगे। टैम्पू स्टैण्ड तिराहा/यूनियन बैक के आस-पास बनी प्राइवेट पार्किंग में ही अपना वाहन खड़ा करेंगे, तथा टैम्पू स्टैण्ड तिराहा/यूनियन बैक से बाबा कीनाराम मठ की तरफ किसी भी दशा में नहीं जा पायेंगे। पलिया के तरफ से आने वाले टै्रक्टर लोकनाथमहाविद्यालय, (आईटीआई कालेज के पास) खड़े/पार्क करेंगे। लक्ष्मणगढ से रंइया चौराहा होकर बाबा कीनाराम मठ की तरफ जाने वाली सड़क को इमरजेन्सी/कन्टीजेन्सी रूट बनाया गया है। इस मार्ग से किसी भी प्रकार के वाहनों का आवागमन पूर्णतः प्रतिबन्धित है। बाबा कीनाराम जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित मेले में आने वाले समस्त श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि अपने बड़े वाहनों को सराय रसूलपुर तिराहे से ले जाकर नवोदय विद्यालय बैराठ में खड़ा करें।
यूपी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच चौथे दिन की पुलिस भर्ती परीक्षा शुरू, फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ने के लिए एआई का हो रहा प्रयोग

लखनऊ । यूपी में सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा का आज चौथा दिन है। परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा के लिए केंद्रों पर अभ्यर्थियों का प्रवेश प्रारंभ हो गया है। इसमें करीब 19.20 लाख अभ्यर्थी हिस्सा ले सकते हैं। हालांकि 23, 24 व 25 अगस्त को आयोजित परीक्षा में करीब 30 फीसदी अभ्यर्थी अनुपस्थित थे। अगले दो दिन तक लाखों अभ्यर्थियों के साथ उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड को भी कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा। पेपर लीक को रोकने में अब तक सफल रहे भर्ती बोर्ड ने शुक्रवार और शनिवार को दो पालियों में सुबह 10 से 12 बजे तक और दोपहर तीन से पांच बजे तक परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुख्ता इंतजाम किया है।

अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने वालों रहेगी कड़ी नजर

भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष डीजी राजीव कृष्णा ने बताया कि बोर्ड द्वारा तकनीक की मदद से प्रश्न पत्रों की सुरक्षा से लेकर ओएमआर शीट को वापस सुरक्षित जमा कराने तक की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी का प्रबंध किया गया है। एसटीएफ और जिलों की पुलिस द्वारा सॉल्वर्स और परीक्षा में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने का प्रयास करने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने का प्रयास करने वालों को केंद्रों के मुख्य द्वार पर ही पकड़ने का इंतजाम किया गया है।

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का किया जा रहा प्रयोग

जानकारी के लिए बता दें कि 30 व 31 अगस्त को होने वाली परीक्षा में शामिल होने के लिए अब तक 10 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लिए हैं। जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेज उनके आधार कार्ड से मिलान नहीं कर रहे, उन्हें परीक्षा शुरू होने के करीब ढाई घंटे पूर्व केंद्र में जाकर ई केवाईसी कराना होगा। परीक्षा का सकुशल सम्पन्न कराने के लिए प्रदेश के सभी केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किये गये है। शुक्रवार को होने वाली परीक्षा से पहले  फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग किया जा रहा है। इस दौरान कड़ी जांच के बाद उन्हें प्रवेश दिया जा रहा है। एसटीएफ और जिलों की पुलिस द्वारा सॉल्वर्स और परीक्षा में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने का प्रयास करने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
बहराइच के बाद सीतापुर में भेड़िये का आतंक, हमले में एक वृद्धा की मौत, पांच लोग घायल
लखनऊ । सीतापुर जिले के सदरपुर थाना इलाके में तीन दिन के अंतराल पर भेड़िए ने कई लोगों पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं। भेड़िए के हमले में एक वृद्धा की मौत हो गई जबकि चार बच्चों समेत पांच लोग बुरी तरह से जख्मी हुए हैं। एक बकरे को भी भेड़िए ने निवाला बनाया है। आदमखोर भेड़िया इलाके में आतंक का पर्याय बना हुआ है। दहशतजदा लोग झुंड बनाकर लाठी-डंडों से लैस होकर बाहर निकल रहे हैं। बच्चों व जानवरों को घरों में कैद कर रखा है। वहीं, वन विभाग घटनाओं से अनभिज्ञता जता रहा है।

बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का पिछले काफी दिनों से आतंक है। भेड़ियों के हमलों की गूंज सीएम के दरबार तक पहुंच चुकी है। बहराइच से सटे सीतापुर जनपद में भी अब आदमखोर भेड़िए की आमद हो गई है। सदरपुर थाना इलाके में पिछले तीन दिनों से भेड़िए की दहशत है। दरअसल, भेड़िए ने यहां मासूमों समेत कई लोगों पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं। सबसे पहले सोमवार की शाम भेड़िए ने एक वृद्धा को शिकार बनाया। भरथरी गांव की रहने वाली सैफुल्ला (80) पर भेड़िए ने उस समय हमला किया जब वह शौच के लिए अकेली खेतों की ओर गई थी। भेड़िए के हमले में वृद्धा की मौके पर ही मौत हो गई।

मृतका के दामाद शरीफ ने बताया कि एक ही बेटी होने के कारण वह अकेली ही रहती थी। काफी देर तक जब वह नित्यक्रिया से वापस नहीं लौटी तो पड़ोसियों को चिंता हुई। तलाश करने पर गांव के बाहर वृद्धा का शव पड़ा मिला। मृतका के गले पर पंजे के निशान थे। शरीफ ने बताया कि वन विभाग व पुलिस को सूचना दिए बगैर अंतिम संस्कार कर दिया था। अगले दिन इसी गांव के वसीम का लड़का बकरा चराने खेत गया था। वसीम ने बताया कि अचानक भेड़िए ने बकरे पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। भेड़िया देख सभी भाग खड़े हुए।

धरमपुर के अतीक ने बताया कि दोपहर के समय आम की बाग में उसे भेड़िया दिखाई दिया। इस पर शोर मचाते हुए वह गांव की तरफ भागा। गांव से लोगों को आते देख भेड़िया खेतों में घुस गया। शौच गई कैसरजहां (50), पीपा पुल पर जा रहे मो. शफी (35), नदी के किनारे खेल रहे सरफराज (6), नाहिद (3), बाजार के पास मंजीत (10) व कन्हैया (8) पर एक के बाद एक सिलसिलेवार हमले भेड़िए ने किए। यह सभी भेड़िए के हमले में घायल हुए हैं।वन क्षेत्राधिकारी विक्रम जीत सिंह का कहना है कि ग्रामीणों ने इन घटनाओं की कोई सूचना नहीं दी। अगर सूचना देते तो विभाग कार्यवाही जरूर करता। इन सभी मामलों की जांच करवाएंगे। एक टीम भेजकर पूरे मामले की विस्तृत जांच कराई जाएगी।
सदस्यता अभियान के जरिए भाजपा ने लोकसभा चुनाव के परिणाम को पलटने की रणनीति पर काम किया शुरू

लखनऊ । उत्तर प्रदेश भर में दो सितंबर से शुरू हो रहे सदस्यता अभियान के जरिए भाजपा ने लोकसभा चुनाव के परिणाम को पलटने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए पार्टी ने हर बूथ पर लोकसभा चुनाव में मिले मतों का कम से कम 75 प्रतिशत नए सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किया है। वैसे तो पार्टी ने पहले से ही हर बूथ पर कम से कम 200-200 सदस्य बनाने का रखा ही है। इस संबंध में बृहस्पतिवार को भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में सदस्यता अभियान को लेकर पदाधिकारियों और जिला प्रभारियों की बैठक हुई, जिसमें सभी जिला प्रभारियों को 2 से 4 सितंबर तक मंडल और जिला मुख्यालय पर रात्रि निवास करने के निर्देश दिए गए हैं।

बैठक में पूरे प्रदेश में 31 अगस्त को बूथ स्तर पर सदस्यता अभियान को लेकर कार्यशालाएं आयोजित करने पर भी बैठक में चर्चा हुई। इस मौके पर पदाधिकारियों व प्रभारियों को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने कहा कि सदस्यता अभियान को एक महा जनसम्पर्क अभियान के रूप में लेते हुए जन-जन तक पहुंचने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सभी जनप्रतिनिधि फील्ड में उतरकर सदस्य बनाएं। उन्होंने सदस्यता अभियान की झूठी रिपोर्टिंग न करने की सलाह देते हुए कहा कि जितने वास्तविक सदस्य बनाएं, उतने ही बताएं।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल लगातार झूठ और भ्रम फैलाकर समाज को भ्रमित कर रहे हैं। इसलिए अभियान के दौरान विपक्षी साजिशों को भी बेनकाब करें। प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल ने कहा कि पार्टी की विचारधारा और नीति के आधार पर समाज के सभी वर्गों के लोगों को सदस्य बनाया जाना चाहिए। उन्होंने 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके नए मतदाताओं सहित प्रबुद्ध वर्ग और समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को विशेष रूप से सदस्य बनाने को कहा।

बैठक में तय किया गया कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिले 3.62 करोड़ से अधिक वोट का 75 प्रतिशत नए सदस्य बनाने हैं। इस लिहाज से 2.72 करोड़ से अधिक सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में कहा गया है कि यदि हम इस लक्ष्य को साध लेंगे तो इन सदस्यों के जरिए विधानसभा के उप चुनाव के साथ ही आगामी दिनों में होने वाले पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव में लोकसभा में मिली हार का बदला लिया जा सकता है।
डॉक्टर से 48 लाख की ठगी, कहा-मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बोल रहा हूं
लखनऊ।राजधानी में डिजिटल अरेस्ट कर लोगों से ठगी करने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक बार फिर ऐसा ही एक मामला सामने आया है। अलीगंज निवासी एक डॉक्टर को जालसाजों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर 48 लाख की ठगी को अंजाम दिया है। इस मामले में पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

जानकारी के मुताबिक अलीगंज में रहने वाले अशोक सोलंकी फिजिशियन डॉक्टर है। उनके पास फेडेक्स कोरियर कंपनी का कर्मचारी बनकर 20 अगस्त को एक साइबर ठग ने फोन किया। ठग ने उनसे कहा कि ईरान से आपके नाम पर एक पार्सल आया है। पार्सल में जाली पासपोर्ट, लैपटॉप, पेन ड्राइव और कुछ मादक पदार्थ हैं। इस मामले में आपके खिलाफ मुंबई क्राइम ब्रांच में मुकदमा दर्ज किया गया है। बकौल डॉक्टर अशोक, इसके बाद ठग ने डॉक्टर की मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बने दूसरे ठग से बात कराकर मामला सुलझाने की बात कही। इस पर डॉक्टर उसकी बातों में आ गए।

थोड़ी देर बाद डॉक्टर के पास दूसरे ठग ने स्काइप कॉल किया और खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। उसने कहा कि आपके खाते से करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेनदेन हुए हैं। इसकी जांच की बात कह कर डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट किया। डॉक्टर के खातों की रकम चेक करने के लिए आरबीआई का खाता बताकर एक खाते में रकम ट्रांसफर कराई। चेकिंग के बाद एक घंटे में रकम वापस ट्रांसफर करने का झांसा दिया। आरबीआई का खाता जानकर डॉक्टर सोलंकी ने 48 लाख रुपये उस खाते में ट्रांसफर कर दिए।
सपा विधायक  इरफान सोलंकी आज जेल में भोग रहा अपने कृत्यों की सजा: सीएम योगी
लखनऊ/कानपुर। कानपुर का एक समय था कि यहां कि चिमनियों से बराबर धुआं निकलता था। यहां के उद्योग धंधे पूरे देश में प्रसिद्ध थे। इसीलिए कानपुर को उत्तर पूर्व का मैनचेस्टर कहा जाता था लेकिन कांग्रेस की सरकार की वजह से यहां के उद्योग धंधे धीरे-धीरे बंद हो गए। इससे रोजगार के संकट पैदा हुए हैं और लोग बेरोजगार हो गए। अभी मैं अपने वरिष्ठ मंत्री सुरेश खन्ना के साथ कार से आ रहा था तो रास्ते में लाल इमली मिल देखा कि इतना बड़ा उद्योग धंधा कांग्रेस की नीतियों से कैसे बंद हो गया जो देश ही नहीं विदेश में भी अपना डंका बजवाता था। इस पर हमने तय किया है कि कांग्रेस के भ्रष्टाचार का स्मारक बन चुकी लाल इमली का पुनरुद्धार कराया जाएगा। यह बातें गुरुवार को 745 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करने कानपुर पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही।

लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर पहुंचे और सीसामऊ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को देखते हुए सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राजकीय इंटर कॉलेज चुन्नीगंज में जनसभा को संबोधित किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने आठ हजार से अधिक छात्रों को टैबलेट व स्मार्टफोन वितरित किया। इसके साथ ही एक हजार से अधिक अभ्यर्थियों को नियुक्त पत्र प्रदान किया और बाद में 745 करोड़ की विकास योजनाओं का बटन दबाकर शिलान्यास व लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने सुरक्षा, सुशासन और विकास का मॉडल दिया है। जबकि इसके पहले सपा सरकार में उत्तर प्रदेश अपनी पहचान के लिए मोहताज था।

गुंडागर्दी और अपराध व दंगे उनकी सरकार में होते थे। जो नौजवान बाहर जाता था, उसे अपनी पहचान का संकट होता था। साढ़े सात वर्ष के कार्यकाल में हमने विकास सुशासन और कानून व्यवस्था कैसी होनी चाहिए, आज उत्तर प्रदेश तय कर रहा है। अभी मैं रास्ते में अपने वरिष्ठ सहयोगी मंत्री सुरेश खन्ना के साथ आ रहा था तो रास्ते में एक इमारत मिली जिसका नाम है लाल इमली। यह लाल इमली जो कभी अपनी पहचान देश ही नहीं विदेशों में बनाई हुई थी। आज कांग्रेस के भ्रष्टाचार का स्मारक बन चुकी है। हमारी सरकार बड़े पैकेज के साथ इसका पुनरुद्धार करवाएगी और एक बार फिर लाल इमली के उत्पाद वैश्विक स्तर पर पहचान बनाएंगे। पूर्ववर्ती सपा सरकार पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सपा के लोग अपने इतिहास की पुनरावृति करने को आतुर हैं। इनकी पहचान गुंडागर्दी अपराध और व्यापारियों को परेशान करना है। इनका दिखावे का चेहरा और है। अंदर का चेहरा और है।

आज जो अपने कृत्य से सीसामऊ विधानसभा का विधायक इरफान सोलंकी जेल में बंद है। वह देश के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जो कानपुर के ही रहने वाले हैं, उनके आगमन पर दंगों की साजिश रच रहा था। अभी हाल ही में इनके तीन कांड सामने आए हैं। अयोध्या में एक निषाद बेटी के साथ इनका नेता बलात्कार की घटना को अंजाम दिया। दूसरी घटना लखनऊ में इन्हीं के लोगों ने किया। जब बारिश के दौरान पिता बेटी रास्ते से निकल रहे थे और उनके ऊपर पानी फेंका जा रहा था। तीसरी घटना कन्नौज की है जिसे नवाब कांड कहा जाता है। इसमें भी इन्हीं का नेता बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ कर रहा था। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमारी सरकार में सरकारी नौकरी में किसी को सिफारिश की जरूरत नहीं पड़ती है।

पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से होती है। हम लोग युवाओं को रोजगार देने के लिए उद्योगों को बढ़ावा दे रहे हैं। 2017 में हमने 20000 करोड़ का लक्ष्य ग्लोबल इन्वेस्टर समिति में रखा था जो अब 40000 करोड़ का हो गया है। आगामी साल में 2 लाख सरकारी नौकरी देने जा रहे हैं। इसमें 60 हजार पुलिस भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। पुलिस भर्ती की प्रक्रिया भी इस तरह चल रही है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता एक लाख पुलिस की भर्ती की जाएगी। उसमें 20 फीसदी बेटियों की भर्ती होगी। एक करोड़ से अधिक नौजवानों के लिए प्राइवेट क्षेत्र में नौकरी दी जाएगी। 50 लाख नौजवानों को योजनाओं के जरिए स्वत: रोजगार के लिए जोड़ा जाएगा।

उन्होंने कहा कि आज कानपुर मेट्रो सिटी बन चुका है। भाजपा सरकार में विकास भी होगा सुरक्षा भी होगी और सुशासन का मॉडल भी होगा। सीसामऊ सीट से सपा विधायक रहे इरफान के पाप का घड़ा फूट चुका है और वह आज जेल में है। हम सीसामऊ की जनता से अपील करते हैं कि विकास के साथ आएं। भाजपा सरकार में विकास की योजनाओं का लाभ सबको दिया जा रहा है। न किसी की जाति देखी जा रही है न धर्म देखा जा रहा है। अभी जो 745 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण हुआ है, यह सभी के लिए है। हमें उम्मीद है कि अबकी बार उपचुनाव में सीसामऊ की जनता विकास के साथ खड़ी होगी।
सीतापुर में पानी की टंकी गिरने वाले प्रकरण में अधिशासी अभियंता समेत दो निलंबित, जेई बर्खास्त,चितहला में पाैने चार कराेड़ की लागत से बनी थी पानी

लखनऊ। यूपी जल निगम ग्रामीण के महानिदेशक (आईएएस) डाॅ. राजशेखर ने सीतापुर में ट्रायल के दौरान पानी की टंकी धराशाही होने के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने मानक विहीन पानी टंकी बनाए जाने के मामले में अधिशासी अभियंता आलोक पटेल और सहायक अभियंता विनोद को निलंबित कर दिया है। जबकि जेई को बर्खास्त करने की कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराई जा रही है। ठेकेदार समेत अन्य जिम्मेदारों की लापरवाही के आधार पर कार्यवाही प्रचलित है।

उल्लेखनीय है कि उप्र के सीतापुर जनपद में जल जीवन मिशन के तहत विकासखंड महोली के गांव चितहला में पानी की टंकी का निर्माण किया गया था। इसमें तीन करोड़ 75 लाख रुपये की लागत आई थी। बीते रविवार को पानी की टंकी का पेयजल की सप्लाई को लेकर ट्रायल किया गया। ट्रायल के दौरान ही भरभराकर करोड़ों की लागत से बनी पानी की टंकी जमींदोज हो गई। पानी की टंकी के साथ ही बाउंड्री वॉल भी पूरा गिर गयी। गनीमत यह रही कि थोड़ी दूर पर मौजूद गार्ड इसकी चपेट में नहीं आए वर्ना बड़ा हादसा हो सकता था। इस मामले में जिला स्तर पर एसडीएम अभिनव यादव ने जांच कर पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी थी। इस रिपोर्ट को जिलाधिकारी द्वारा शासन को भेजा गया था। रिपोर्ट के आधार पर उप्र जल निगम ग्रामीण के महानिदेशक डाॅ. राजशेखर ने उक्त कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं।

बहराइच में खूंखार भेड़ियों के आगे पुलिस व प्रशासन का पूरा सिस्टम हुआ असहाय, गांवों में दहशत का माहौल

लखनऊ/बहराइच। अभी तक आप चीता, तेंदुआ, शेर व हाथी से परेशान होने ग्रामीणों को देंखे व सुने होंगे लेकिन यूपी के बहराइच जिले में तो भेड़ियों ने आतंक मचा कर रखा है। यहां महसी तहसील क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों में आतंक का पर्याय बने भेड़ियों ने दहशत के मामले में बाघ व तेंदुओं को भी पीछ़े छोड़ दिया है। इस साल जनवरी माह से अब तक तेंदुओं ने चार को निवाला और 17 लोगों को घायल किया है, लेकिन भेड़ियों ने नौ लोगों को निवाला तो वहीं 35 से अधिक लोगों को घायल कर दिया। इन्हें पकड़ने के लिए योगी सरकार ने सारा सिस्टम लगा लगा दिया है लेकिन भेड़िये सब पर भारी पड़ रहे है।

एक माह में सात बच्चों को मारा और 25 को किया घायल

17 जुलाई से 28 अगस्त के बीच ही सात बच्चों को मारा तो 25 को घायल कर दिया। महसी तहसील के हरदी थाना क्षेत्र में तबाही मचाने के साथ ही अब भेड़िया खैरीघाट क्षेत्र में भी सक्रिय हो गए हैं। दहशत का आलम यह है कि हरदी व खैरीघाट से सटे अन्य क्षेत्रों के ग्रामीणों की भी नींद हराम हो गई है।अभी तक के हालात को देखें तो मात्र चार से छह भेड़िये ही पूरे सिस्टम पर भारी पड़ रहे हैं। 17 जुलाई को हुए हमले के बाद से जिला प्रशासन, पुलिस व वन विभाग लगातार भेड़ियों को पकड़ने व हमले रोकने का दावा कर रहा है, लेकिन सफलता नहीं मिल रही है।

एक मादा भेड़िया की मौत होने के बाद हमले में आयी तेजी

वन विभाग ने तीन अगस्त को एक मादा भेड़िया को पकड़ा था। वन प्रभाग लाते समय उसकी मौत हो गई। इसके बाद भेड़ियों के हमले तेजी से बढ़े। वहीं इसके बाद आठ अगस्त को एक नर व 18 को एक मादा भेड़िया को भी वन विभाग ने पकड़ा, लेकिन हमलों में कोई कमी नहीं आई। हमले बढ़ते ही गए। इसके बाद ग्रामीण झुंड की मुखिया के मौत के बाद बदला स्वरूप हमला करने की भी बात कह रहे हैं।भेड़ियों को पकड़ने के लिए बाराबंकी के डीएफओ आकाशदीप बधावन को स्पेशल टास्क फोर्स के रूप में बुलाया गया। इसके बाद भी भेड़ियों ने रीता देवी, अयांश को निवाला बना लिया और तीन मासूम सहित चार को घायल किया। यही नहीं, भेड़ियों के आगे वन विभाग की ओर से लगाए गए 10 ट्रैप कैमरे, जाल, पिंजरा व ड्रोन कैमरे भी असहाय नजर आ रहे हैं।

डर के मारे बच्चे नहीं जा रहे स्कूल

महसी तहसील के गांवों में दहशत का आलम यह है कि किसान छुट्टा मवेशियों से फसल रखवाली के लिए खेत नहीं जा रहे हैं। इससे उनकी फसल मवेशी चट कर रहे हैं। वहीं नौनिहालों की पढ़ाई भी बाधित है। भेड़ियों के डर से अधिकतर अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। इस बीच जो बच्चे स्कूल जा भी रहे है, तो उनके अभिभावक साथ रह रहे हैं।भेड़ियों का डर इस कदर व्याप्त है कि लोगों की सुबह हांका व ड्रोन कैमरों की आवाज सुनने से हो रही। वहीं रात भी टार्च की दूधिया रोशनी व हांके की आवाज के बीच जागकर बीत रही है। खूंखार भेड़ियों की दहशत का आलम यह है कि बच्चे दिन के समय भी खेलते नजर नहीं आते हैं।

बदले की भावना वाला जानवर है भेड़िया : डीएफओ

कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के सेवानिवृत्त डीएफओ ज्ञान प्रकाश सिंह ने बताया कि भेड़िया काफी चालाक और बदले की भावना वाला जानवर है। नदी के कछार में मांद बनाकर स्थानीय जंतुओ का शिकार करता है। मनुष्यों पर बहुत की कम हमले करता है, लेकिन इसमें बदले की प्रबल भावना होती है। उन्होंने बताया कि इनके बच्चे को मारने पर कुनबे का नर या मादा मुखिया उग्र होकर हमले करता है। हरदी में भी हो सकता है किसी ने इनके बच्चे को छति पहुंचाई हो, जिसके बाद से सभी बदले की भावना से हमले कर रहे हों।

भेड़ियों ने नौ को मारा, 35 को किया घायल

हरदी थाना क्षेत्र में भेड़ियों ने 10 मार्च को मिश्रनपुरवा निवासी सायरा (03) व 23 मार्च को नयापुरवा निवासी छोटू (02) को शिकार बनाया। इस दौरान लगभग 10 लोगों को घायल भी किया, लेकिन 17 जुलाई के बाद हमले तेज कर दिए। भेड़ियों ने खैरीघाट के दीवानपुरवा निवासी अयांश (05), हरदी के कुम्हारन पुरवा निवासी रीता देवी(52), हरदी निवासी खुशबू(05), संध्या(04), कोलैला निवासी किशन(07), नकवा निवासी प्रतिभा (2) व मक्कापुरवा निवासी अख्तर रजा (डेढ़ वर्ष) को मौत के घाट उतार दिया।

इन्हें भेड़ियों ने किया घायल

वहीं कटैलापुरवा निवासी राजपत (08), सुखरामपुरवा निवासी सोनू (8), नथुवापुर निवासी फकीरे (70), संपत (20), सिसैया चूड़ामड़ि निवासी मखाना (80) व सोनम (10), खौरहवा बाबा निवासी छोटेलाल(60), दरैहिया निवासी उत्कर्ष(10), गंगापुरवा निवासी कांति(07), अजीत (12), बैरागीपुरवा निवासी पल्लवी(06), दिव्यांशी (5), अनुराधा (9), किलाची(07), काजल(25), वंश (08), शिवानी(09), हरियाली (06) आदि समेत 25 को घायल कर चुके हैं।


ऑपरेशन भेड़िया पर सीएम की नजर, बहराइच पहुंच पीड़ितों से मिले वन मंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहराइच में ऑपरेशन भेड़िया पर नजर बनाए हुए हैं। उनके निर्देश पर वन व पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना बुधवार को बहराइच पहुंचे। वन मंत्री ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों संग बैठक भी की।उन्होंने यहां के कई गांवों में पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि आमजन की सुरक्षा व भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम मुस्तैदी से जुटी है। वन विभाग सुरक्षा के लिए ड्रोन मैपिंग कर रहा है। साथ ही थर्मल ड्रोन से भी भेड़ियों को पकड़ने के लिए निगरानी जारी है। वहीं बीते दिनों चार मृतकों के आश्रितों को जिला प्रशासन की तरफ से पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि पहले ही दी जा चुकी है। शेष के परिजनों को जल्द ही राशि जारी की जाएगी।


तीन भेड़िए पकड़े जा चुके, तीन को पकड़ने में जुटी वन विभाग की टीम

प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव संजय श्रीवास्तव ने बताया कि भेड़ियों को पकड़ने के लिए 16 टीमें तैनात की गई हैं। यहां जिला स्तर के 12 अधिकारी भी कैंप कर रहे हैं। भेड़िया पकड़े जाने तक अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रेनू सिंह यहां कैंप करती रहेंगी। डीएफओ बाराबंकी आकाश बधावन व डीएफओ नवीन प्रकाश भी 'ऑपरेशन भेड़िया' को सकुशल पूरा करने में जुटे हैं।मुख्य वन संरक्षक व वन राज्यमंत्री ने सिर्फ तीन भेड़ियों के होने का दावा किया है। यही तीन भेड़िये बीते 41 दिनों से 32 राजस्व टीमों, 200 से अधिक पुलिसकर्मियों, मंडलीय समेत 10 से अधिक वन टीमों को चकमा दे रहे हैं और लगातार स्थान परिवर्तन कर उन्हें नचा रहे हैं।

भेड़ियों को ट्रैंकुलाइज करने के लिए दो डॉक्टर भी पहुंचे

भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग सजग है। ड्रोन व थर्मल ड्रोन से मैप किया जा रहा है। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डेन से भेड़ियों को ट्रैंकुलाइज करने की अनुमति मिल गई है। इसके लिए दो डॉक्टर भी बहराइच में टीम के साथ जुटे हैं।बैठक में जिलाधिकारी की ओर से बताया गया कि जिन घरों में दरवाजे नहीं हैं, वहां विभिन्न फंड के जरिए दरवाजे लगवाए जा रहे हैं। इसके लिए सीएसआर समेत अन्य फंड से पैसा दिया जा रहा है। गांवों में रात्रि गश्त किया जा रहा है। वहीं आमजन व महिलाओं को जागरूक करने के लिए आशा वर्कर्स की भी ड्यूटी लगाई गई है।

चार मृतकों के परिजनों को दिया जा चुका पांच-पांच लाख का चेक

भेड़ियों के हमले में जान गंवाने वाले चार मृतकों के परिजनों को सीएम योगी के निर्देश पर पांच-पांच लाख का चेक दिया जा चुका है, जबकि शेष पीड़ित परिवारों को जल्द ही अनुग्रह राशि दी जाएगी। अब तक जिला प्रशासन की तरफ से अख्तर रजा, प्रतिभा, किशन, संध्या के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का चेक प्रदान किया जा चुका है। शेष मामलों पर कार्रवाई की जा रही है।

लखनऊ में कुल्हाड़ी से काटकर बुजुर्ग की हत्या,हत्यारोपी को पकड़ने के लिए दो टीमें गठित

लखनऊ। बंथरा थाना क्षेत्र में मंगलवार की रात को एक बुजुर्ग व्यक्ति की हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई। पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का मौका मुआयना करते हुए मामले की जांच के लिए दो टीमें गठित कर दी है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया है। साथ ही गांव के दो संदिग्ध युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। पुलिस उपायुक्त दक्षिणी केशव कुमार ने बुधवार को बताया कि गांव का बलवंत (85) मंगलवार की शाम खेत जाने के लिए घर से निकला और रात तक वापस नहीं लौटा। इस पर परिजनों ने उनकी खोजबीन शुरू कर दी। गांव से बाहर बाग किनारे बलवंत का खून से सना हुआ शव पड़ा मिला।

परिजनों की सूचना पर पुलिस उपायुक्त, थाना की फोर्स मौके पर पुहंच गयी। घटनास्थल की जांच कर साक्ष्य के तौर बुजुर्ग जो अपने साथ कुल्हाड़ी लेकर आया था वो खून से सनी हुई शव के पास ही मिली है।डीसीपी साउथ ने बताया कि घटना के संबंध में परिवार से पूछताछ की गयी है। दो टीमें गठित की गई हैं, जल्द वारदात का खुलासा किया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ परिवार के लोगों ने बताया कि बलवंत सिंह मंगलवार की शाम को चार बजे घर से निकले थे। देर रात तक वापस नहीं आये तो तलाश की जाने लगी। पास के ही एक रास्ते पर उनका शव खून से लतपथ मिला। पास से एक कुल्हाड़ी भी बरामद हुई है। घटना के बारे में पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि तीन दिन पहले उनकी कुछ युवकों से लड़ाई हुई थी। इसी से आशंका जताई जा रही है उन्हीं द्वारा हत्या की गई होगी। पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।