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कंगना रनौत के बयान पर बीजेपी नाराज, जेपी नड्डा ने की मुलाकात

किसान आंदोलन के खिलाफ दिए गए बयान के बाद एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रनौत की मुश्किलें कम नहीं हो रही है. किसान संगठन और विपक्ष उनके इस बयान पर हमलावर है. इसके अलावा उनकी पार्टी ने भी इस पर नाराजगी जताई है.

इस दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार (29 अगस्त) को मंडी सांसद से मुलाकात की थी. जानकारी के अनुसार, कंगना रनौत करीब आधे घंटे तक वहां पर रुकी थी.

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की कंगना रनौत से मुलाकात

कंगना रनौत से भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने करीब आधे घंटे तक बात की है. इस बातचीत को खुलकर कुछ सामने नहीं आया है. जानकरी के अनुसार, जेपी नड्डा ने कंगना को बिना सोचे समझे कुछ भी बोलने से मना किया है. इसे कंगना के लिए एक रिमांइडर के रूप में देखा रहा है. आने वाले समय में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में पार्टी कोई भी बड़ा खतरा नहीं उठाना नहीं चाहती है.

कांग्रेस है कंगना पर हमलवार

हाल में ही एक इंटरव्यू में कंगना रनौत ने जाति जनगणना का विरोध जताया था. जिस पर अब कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा, हाल में ही एक इंटरव्यू में कंगना रनौत ने जाति जनगणना का विरोध जताया था. जिस पर अब कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा, 'आज फिर BJP MP कंगना ने कहा कि जातिगत जनगणना बिलकुल नहीं होनी चाहिए.करनी ही क्यों है? क्यों पता करनी हैं जाति? मेरे आस पास जाति जैसा कुछ है नहीं. मैडम आप ठहरीं सवर्ण, अमीर, स्टार, सांसद. आप क्या जानें एक दलित पिछड़ा आदिवासी या गरीब जनरल कास्ट की हालत?'

कंगना ने कही थी ये बात

बता दें कि हाल में ही कंगना रनौत से जाति जनगणना को लेकर सवाल पूछा गया था. जिस पर उन्होंने कहा था, 'मेरी स्थिति वही है जो योगी आदित्यनाथ की है. साथ रहेंगे नेक रहेंगे, बटेंगे कटेंगे.' उन्होंने आगे कहा था, 'जाति जनगणना नहीं होनी चाहिए. हम बॉलीवुड स्टार्स की जाति पूछते हैं या? किसी को कुछ नहीं पता होता है. मेरे आसपास के लोग जाति की परवाह नहीं करते हैं. देश में महिलाओं पर हिंसा बढ़ रही है. हमें इस पर ध्यान देना होगा.

असम सरकार ने जुमा के दिन मुस्लिम सदस्यों को मिलने वाले 2 घंटे के ब्रेक को किया खत्म

असम विधानसभा में मुस्लिम सदस्यों को अब दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. शुक्रवार को हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार ने सत्र के दौरान जुमा के दिन मुस्लिम सदस्यों को मिलने वाले 2 घंटे के ब्रेक को खत्म कर दिया है.

शुक्रवार को असम विधानसभा के अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी की हुई बैठक में यह फैसला लिया गया. इस फैसले को लेकर सरकार का कहना है कि इससे विधानसभा में प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी और शुक्रवार के दिन भी आम दिनों की तरह कार्यवाही चलती रहेगी

राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने विधानसभा अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी के फैसले का स्वागत किया है. मुख्यमंत्री ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि अध्यक्ष ने विधानसभा में 2 घंटे के ब्रेक को खत्म करके प्रोडक्टिविटी को प्राथमिकता दी है और औपनिवेशिक बोझ के एक और निशान को हटा दिया है.

यह प्रथा मुस्लिम लीग के सैयद सादुल्ला ने 1937 में शुरू की थी. इस ऐतिहासिक फैसले के लिए अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी और हमारे विधायकों के प्रति मेरा आभार.

अभी तक जुमा के लिए मिलता था 2 घंटे का ब्रेक

आमतौर पर असम विधानसभा की कार्यवाही सोमवार से गुरुवार तक सुबह 9.30 पर शुरू होती है. शुक्रवार को जुमा होता है इसलिए उस दिन सदन की कार्यवाही में 2 घंटे का ब्रेक दिया जाता था. ब्रेक की वजह से सदन की कार्यवाही सुबह 9 बजे से शुरू होती थी, लेकिन अब ब्रेक का समय खत्म होने के बाद विधानसभा की कार्यवाही हर दिन 9.30 बजे से शुरू होगी.

एक दिन पहले पारित हुआ था अहम विधेयक

एक दिन पहले यानी 29 अगस्त को असम विधानसभा ने मुस्लिम विवाह और तलाक कानून को निष्प्रभावी बनाने वाले विधेयक को पारित किया. इस बिल को राज्य के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन मोहन ने 22 अगस्त को विधानसभा में पेश किया था. इस बिल में असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 और असम निरसन अध्यादेश 2024 को रद्द करने का प्रावधान था.

सरकार बोली- काजी व्यवस्था से छुटकारा पाना लक्ष्य

विधेयक पर चर्चा के वक्त मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य न केवल बाल विवाह को खत्म करना है बल्कि काजी व्यवस्था से छुटकारा पाना भी है. हम मुसलमानों के विवाह और तलाक के लिए रजिस्ट्रेशन को सरकारी प्रणाली में लाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि विवाहों का रजिस्ट्रेशन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार करना होगा. राज्य सरकार काजियों की तरह अलग से किसी निजी व्यवस्था का समर्थन नहीं कर सकती.

गाजियाबाद में चादर गैंग ने चुराई थी 3 करोड़ की घड़ियां,दो गिरफ्तार

गाजियाबाद के पॉश इलाके में स्थित एक घड़ी शोरूम से कुछ दिन पहले तीन करोड़ों की ब्रांडेड घड़ियों की चोरी का मामला सामने आया था. इस सनसनीखेज घटना में गाजियाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच और थाना इंदिरापुरम पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए दो शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए चोरों के कब्जे से अंतरराष्ट्रीय ब्रांड की 125 घड़ियां बरामद की गई हैं, जिनकी कुल कीमत 46 लाख 36 हजार रुपये है. पकड़े गए बदमाश पर एक लाख का इनाम भी है.

घटना 10 अगस्त 2024 की रात हुई थी, जब थाना इंदिरापुरम क्षेत्र के साईं क्रिएशन शोरूम का शटर उखाड़कर तकरीबन 3 करोड़ रुपए की 675 घड़ियां चोरी की थी. चोरी के बाद पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू की. जांच में पता चला कि चोरों का संबंध अंतर्राज्यीय 'चादर गैंग' से है, जो विभिन्न राज्यों में इसी प्रकार की चोरी की घटनाओं को अंजाम देता है.

पूछताछ के दौरान मुख्य आरोपी संतोष कुमार जायसवाल ने बताया कि वह बिहार के घोड़ासहन का रहने वाला है और वहां पर ठेले पर मुर्गा-मछली बेचने का काम करता था. चोरी में ज्यादा लाभ दिखने पर वह अपराध की दुनिया में शामिल हो गया. उसने बताया कि उनका गैंग चोरी के बाद नेपाल भाग जाता है, जहां वे चोरी का माल बेचते हैं और पैसों का बंटवारा करते हैं.लग्जरी कंपनी की गाड़ियां बरामदःगिरफ्तार आरोपियों में संतोष कुमार जायसवाल और रोहित कुमार पासवान शामिल हैं. इनके कब्जे से टिसॉट, सिटीजन, गेस, बालमैन, जीसी, सेको, वर्साचे, जैसी कंपनियों की 125 घड़ियां बरामद की गई हैं. पुलिस ने अन्य फरार आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.

गर्ल्स हॉस्टल के टॉयलेट में मिला हिडन कैमरा, छात्राओं ने किया विरोध प्रदर्शन

आंध्र प्रदेश के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल के टॉयलेट में हिडेन कैमरा मिलने के बाद छात्राओं में आक्रोश है. छात्राओं ने इस घटना को लेकर कॉलेज में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. वहीं, इस घटना की जानकारी छात्राओं ने कॉलेज प्रबंधन को दी है. कॉलेज के अधिकारियों का कहना है कि जांच की जा रही है, जिसने भी ये हरकत की है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

यह घटना आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में स्थित गुडलवालेरु कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की है. यहां गर्ल्स हॉस्टल के टॉयलेट में हिडन कैमरा लगा हुआ था. तभी एक छात्रा की नजर इस पर पड़ी. उसने तत्काल अपने दोस्तों को ये बात बताई. इसके बाद छात्राओं ने नाराजगी जताए हुए स्कूल प्रबंधन को मामले से अवगत कराया.

छात्राओं ने कॉलेज में किया प्रदर्शन

नाराज छात्राएं कॉलेज में ही विरोध प्रदर्शन करने लगीं. गुरुवार की रात छात्राओं का एक ग्रुप कॉलेज परिसर में इकट्ठा हुआ और ‘हमें न्याय चाहिए’ कहते हुए नारे लगाए. छात्राओं का आरोप है कि शुरुआत में कॉलेज प्रबंधन ने इस बात को छिपाने की कोशिश की, इसलिए कॉलेज के गेट बंद कर दिए गए थे.

पुलिस पहुंची कॉलेज

वहीं, जैसे ही इस बात का पता पुलिस को लगा, एक टीम कॉलेज परिसर पहुंची. पुलिस ने बीटेक अंतिम वर्ष के छात्र को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ की. पुलिस ने छात्र का मोबाइल भी जब्त कर लिया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

कॉलेज प्रबंधन ने सख्त कार्रवाई की बात कही

कॉलेज प्रबंधन ने भी छात्राओं को भरोसा दिलाया है कि जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. वहीं, पुलिस के मुताबिक, कॉलेज के कर्मियों के मोबाइल और कंप्यूटर जांचे गए हैं. उन्हें कोई संदिग्ध वीडियो या फोटो नहीं मिला है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

बड़ी संख्या में अजगरों के मिलने से मच गया हड़कंप,अब तक 25 का किया गया रेस्क्यू

उत्तर प्रदेश के इटावा चंबल क्षेत्र में बड़ी संख्या में अजगरों के मिलने से हड़कंप मच गया. इलाके के ग्रामीण अजगरों की उपस्थिति से भयवीत हो गए. डर की वजह से किसानों ने खेतों पर जाना छोड़ दिया. उन्होंने इसकी जानकारी आगरा चंबल सेंचुरी वन विभाग और इटावा के वन विभाग के अफसरों को दी. सूचना मिलने के बाद चंबल सेंचुरी के अफसरों ने रेस्क्यू अभियान चलाकर अजगर पकड़े. अजगरों को जन्म देने वाली मादा और नर अजगर अब तक रेस्क्यू टीम की पहुंच से बाहर है. टीम का कहना है कि पहली बार अजगरों का सबसे बड़ा आशियाना मिला है.

चंबल सेंचुरी की टीम के साथ रेस्क्यू करने पहुंचे ओशन संस्था के प्रतिनिधि डॉ. आशीष त्रिपाठी ने बताया कि, वह करीब 10 वर्षों से विभिन्न प्रकार के सांपों का रेस्क्यू कर रहे हैं. लेकिन पहली दफा कितनी बड़ी संख्या में उन्हें सांपों का रेस्क्यू करने का मौका मिला है. स्थानीय ग्रामीण अजय मिश्रा का कहना है कि, उनकी जानकारी में जैसे ही यह बात आई की पाली गोपालपुर गांव में अजगरों का बसेरा है.

24 अजगर, 1 करैत सांप

ग्रामीणों ने तत्काल यह जानकारी चंबल सेंचुरी के अफसर को दी. जिसके बाद उन्होंने मौके पर आकर के अजगरों का रेस्क्यू किया गया. चंबल सेंचुरी के वन क्षेत्राधिकारी के के त्यागी ने गुरुवार को यह जानकारी दी कि, स्थानीय ग्रामीणों की सूचना के आधार पर चंबल सेंचुरी की टीम ने वन्य जीव प्रतिनिधियों की मदद से पाली गोपालपुर गांव में स्थित सरकारी ट्यूबवेल की पानी की टंकी से रेस्क्यू अभियान चला करके 24 अजगर और एक करैत सांप का लाइव रेस्क्यू किया.

4-4 फुट के अजगर

उन्होंने बताया कि रेस्क्यू किए गए, सभी सांप 4 फुट से अधिक लंबाई के है. रेस्क्यू किए गए एक साथ दो दर्जन सांपों को प्राकृतिक आवास में छोड़ा दिया गया है. त्यागी ने बताया कि उन्होंने पहली दफा चंबल इलाके में इतनी बड़ी तादाद में एक साथ अजगरों का बसेरा पाया है. जिसको स्थानीय ग्रामीणों की सूचना के आधार पर रेस्क्यू करके प्राकृतिक वास में छोड़ दिया गया है. स्थानीय ग्रामीणों ने अजगरों की सक्रियता के बाद भयभीत होकर इलाके में खेती करना छोड दी थी. रेस्क्यू के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है.

मिलाद-उन नबी का जुलूस दो दिन के लिए टाला,अब निकले जाएंगे 19 सितंबर को,जानें क्यों लिया गया ये फैसला...?

इस साल पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिन 16/17 सितंबर को मनाया जाएगा. उनके जन्मदिन यानी मिलाद-उन-नबी के पाक मौके पर तेलंगाना में जुलूस निकलने वाला था लेकिन इसे दो दिन के लिए टाल दिया गया है.

पहले यह जुलूस 17 सितंबर को निकलने वाला था. मगर अब मिलाद-उन नबी का यह जुलूस 19 सितंबर को निकलेगा. तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने गुरुवार को हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के भाई और AIMIM के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में यह फैसला लिया.

17 सितंबर को गणेश विसर्जन

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने गुरुवार को मिलाद-उन-नबी जुलूस की व्यवस्था और 17 सितंबर को गणेश मूर्तियों के विसर्जन के मुद्दे पर एक बैठक की. इस बैठक में सीएम रेड्डी ने मिलाद समिति के सदस्यों को मिलाद-उन-नबी जुलूस को स्थगित करने को लेकर कहा.

बैठक में राज्य के मंत्री पोन्नम प्रभाकर और डी श्रीधर बाबू, एआईएमआईएम विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी और मिलाद समिति के सदस्य शामिल थे. इस बैठक में सभी मसलों पर चर्चा हुई. इसके बाद मिलाद के सदस्यों ने जुलूस को स्थगित करने के सरकार की अपील पर अपनी सहमति जताई.

कोरोना महामारी के कारण मेंटल हेल्थ की चुनौती: रिसर्च में चौंकाने वाले नतीजे

कोरोना महामारी को कोई चाहकर भी भूल नहीं सकता है. इस महामारी को 4 साल गुजर गए हैं लेकिन आज भी इसके खतरनाक साइडइफेक्ट्स लोगों पर दिखाई दे रहे हैं. हाल ही में एक रिसर्च सामने आया है. जिसमें दावा किया गया है कि कोरोना महामारी के कारण आज भी 40 प्रतिशत लोगों की मेंटल हेल्थ की समस्या से जूझ रहे हैं.

इन 40 प्रतिशत लोगों में वो लोग हैं जो कोरोना से बिल्कुल ठीक हो चुके हैं लेकिन इतने साल बितने के बाद भी कोरोना वे पीछा नहीं छोड़ा है.

कोविड के कारण मेंटल पर पड़ा है बुरा असर

इस रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि कोरोना ने लोगों की मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डाला है. भारत सहित दूसरे देशों के लोग भी इस बीमारी के कारण कई महीनों तक घर के अंदर बंद रहे. इसे एक ग्लोबल समस्या बताते हुए पूरी दुनिया में आपातकाल घोषित किया गया था. लेकिन 4 साल बितने के बाद भी इसका असर पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है.

सर्वे में किन बातों का हुआ खुलासा

अगर हम भारत की बात करें तो भारत के 40 प्रतिशत से भी ज्यादा लोग मेंटल हेल्थ की प्रॉब्लम से गुजर रहे हैं. यह वो लोग है जो कोरोना से पूरी तरह से ठीक हो गए हैं. लेकिन जब इनसे पूछा गया कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी आपको किस तरह की समस्या रहती है तो इन्होंने कहा कि काफी ज्यादा स्ट्रेस, एंग्जायटी जैसा अनुभव होता है. दिन पर दिन ये चीजें बढ़ ही रही है. कोलकाता के कोविड मरीजों को भी इस सर्वे में शामिल किया गया. जिसमें से देखा गया कि 45 प्रतिशत लोगों की मेंटल हेल्थ दिन पर दिन खराब होते जा रही है. वहीं 41 प्रतिशत से ज्यादा ऐसे लोग हैं जिन्हें दूसरी तरह की मानसिक समस्याएं हैं.

कोरोना से ठीक होने के बाद यह मानसिक समस्या से गुजर रहे हैं सर्वाइवर

इस सर्वे में पाया गया कि 84 प्रतिशत सर्वाइवर से जब उनकी मेंटल हेल्थ को लेकर बात कि गई तो पता चला कि उन्हें डिप्रेशन, एंग्जायटी, इंसोमिनीया जैसी दिक्कतें हो रही है. इसमें से ज्यादातर सर्वाइवर ने तीनों बार सवाल पूछने पर यही उत्तर दिया. साल 2022 की लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के दौरान 35 प्रतिशत लोगों ने अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि वह महामारी के दौरान गंभीर डिप्रेशन से गुजर रहे थें.

कोलकाता रेप-मर्डर केस में संजय रॉय ने खुद किया ये बड़े खुलासा,जाने

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई रेप और मर्डर की वारदात में नया खुलासा हुआ है. ट्रेनी महिला डॉक्टर की जान बच सकती थी, लेकिन चिल्लाने की वजह से आरोपी ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. ये खुलासा खुद आरोपी संजय रॉय ने किया है. उसका कहना है कि पीड़िता चिल्ला रही थी, जिसकी वजह से उसने डॉक्टर को गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया. सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) ने इस खौफनाक वारदात का पूरा सच जानने के लिए संजय रॉय का पोलीग्राफ टेस्ट करवाया था, जिसमें उसने इस दरिंदगी का खुलासा किया है.

संजय रॉय ने टेस्ट में बताया कि जब पीड़िता सेमिनार हॉल में सो रही थी तो वह वहां गया और रेप करने की कोशिश की. उसने कहा कि डॉक्टर उस वक्त गहरी नींद में थी और संजय रॉय ने वहां जाते ही बलात्कार करने का प्रयास किया. इस दौरान पीड़िता ने खुद को बचाने की कोशिश की, जिसमें संजय को चोटें भी आईं. आरोपी ने पूछताछ में आगे बताया कि उसने इसलिए पीड़िता की हत्या कर दी क्योंकि वह शोर मचा रही थी.

संजय रॉय को डर था कि सेमिनार हॉल से गुजरते हुए कोई पीड़िता की आवाज सुनकर न आ जाए. वैसे इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि संजय रॉय को हॉल में जाते समय किसी ने उसको रोका क्यों नहीं.

संजय रॉय ने कहा कि उसने पीड़िता का गला दबाया और जब तक महिला डॉक्टर ने दम नहीं तोड़ दिया तब तक उसने गला दबाकर रखा. संजय रॉय से पूछताछ में यह भी पता चला कि वह बॉक्सिंग का अच्छा खिलाड़ी रह चुका है, जिसकी वजह से पीड़िता ताकत में संजय रॉय से जीत नहीं पाई और उसके हाथों से खुद को बचाने में नाकाम रही.

पीड़िता ने खुद को बचाने की पूरी कोशिश की और वह चिल्लाई भी, लेकिन संजय ने उसकी आवाज दबा दी और सेमिनार हॉल से बाहर उसकी आवाज नहीं पहुंच सकी. 9 अगस्त की सुबह ट्रेनी डॉक्टर का शव सेमिनार हॉल में मिला था. इसके अगले दिन संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया.

आप भी ट्रेन के डिब्बे में खोल सकते हैं अपना रेस्टोरेंट,रेलवे ने शुरू कर दी है इस योजना पर काम

यदि आप कैटरिंग का कारोबार करना चाहते हैं तो यह आपके लिए अच्छी खबर हो सकती है. अब आप भी रेलवे के डिब्बों में अपना रेस्टोरेंट खोल सकते हैं. रेलवे ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है. इसके लिए जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होने वाली है. इस योजना का शुभारंभ अभी छत्तीसगढ़ से होने जा रहा है. यदि योजना सफल रही तो देश के अन्य हिस्सों में भी इस तरह के रेस्टोरेंट शुरू किए जा सकते हैं.

रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक यह रेस्टोरेंट रेलवे परिसर में खड़े कंडम कोच में खोले जाएंगे. इस तरह के कोच अभी रायपुर और दुर्ग रेलवे स्टेशन पर हैं. इन दोनों स्टेशनों पर खड़े कोच को रेस्टोरेंट खोलने के लिए ऐसी जगह पर लगाया जाएगा, जहां लोग आसानी से पहुंच सकें. इन सभी कोच में कुर्सियां इस तरह से लगाई जाएंगे, जिनसे लगेगा कि यह बर्थ हैं और यहां आने वाले लोगों को ट्रेन में बैठकर ही खाने पीने की अनुभूति हो सके.

यूनिक कांसेप्ट है कोच में रेस्टोरेंट

रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक इन कोच के एक हिस्से में रेलवे का इतिहास बताने वाली प्रदर्शनी और स्टॉल भी लगेंगे. इससे यहां आने वाले लोग रेलवे का इतिहास और इसकी प्रगति की कहानी आसानी से देख और समझ सकेंगे. रायपुर मंडल के सीनियर डीसीएम अवधेश कुमार के मुताबिक कोच में रेस्टोरेंट का कांसेप्ट थोड़ा अलग है, लेकिन मजेदार है. फिलहाल यह कोच 10 साल की लीज पर दिए जाएंगे.

आप भी खोल सकते हैं अपना रेस्टोरेंट

इसके लिए जल्द ही टेंडर जारी किया जाएगा. इसके लिए वह सभी लोग आवेदन के पात्र होंगे, जो कैटरिंग के कारोबार में आगे बढ़ना चाहते हैं और कुछ नया करना चाहते हैं. वहीं इस तरह से शहर के लोगों को नहीं, बल्कि इन स्टेशनों से यात्रा शुरू करने वाले या यहां ट्रेन से उतरने वालों को भी अलग तरह के रेस्टोरेंट में बैठकर खाने का आनंद आएगा.

केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार विरोध प्रदर्शन में हुए शामिल, कहा 29 अगस्त से सात दिवसीय धरना करेंगे शुरू

कोलकाता में एक विरोध रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों पर कथित पुलिस कार्रवाई के विरोध में भाजपा द्वारा बुलाए गए 12 घंटे के 'बंगाल बंद' के बीच 28 अगस्त को केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। भाजपा नेता ने कोलकाता के बागुईआटी में एक रैली में भाग लिया ।

मौके पर हेलमेट पहने पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी भी मौजूद थे। सुकांत मजूमदार, जो राज्य भाजपा अध्यक्ष भी हैं, ने संवाददाताओं से कहा कि वे कोलकाता उच्च न्यायालय द्वारा अनुमति दिए जाने के बाद 29 अगस्त से सात दिवसीय धरना शुरू करेंगे।

" कोलकाता HC ने हमें सात दिवसीय धरना की अनुमति दी है। हम इसे कल से शुरू करेंगे...हम उनके फैसले का स्वागत करते हैं

यहां कोई लोकतंत्र नहीं है, पुलिस गोलीबारी नहीं रोक सकती, लेकिन केवल भाजपा के विरोध को रोक सकती है। पुलिस भाजपा नेताओं को गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन आरोपियों को नहीं," उन्होंने संवाददाताओं से कहा।

इससे पहले आज, तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भाजपा के 'बंगाल बंद' के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर बंगाल में अराजकता फैलाने का आरोप लगाया।

हम सभी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बलात्कार - हत्या मामले में न्याय चाहते हैं। ममता बनर्जी भी न्याय चाहती हैं... मामला अब सीबीआई के हाथ में है... एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है... अब सीबीआई मामले की जांच कर रही है

वे (भाजपा) यहां अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, कल उन्होंने पुलिस पर हमला किया और आज उन्होंने बंद बुलाया है... बंगाल में सब कुछ सामान्य है... पश्चिम बंगाल के लोगों ने भाजपा के बंद को खारिज कर दिया है,"

टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा। पश्चिम बंगाल में, भाजपा ने 'नबन्ना अभिजन' रैली में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोलकाता पुलिस द्वारा लाठीचार्ज, पानी की बौछारों और आंसू गैस के इस्तेमाल के बाद '12 घंटे का बंगाल बंद' बुलाया । 27 अगस्त को कोलकाता की सड़कों पर अराजकता फैल गई ।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार - हत्या मामले को लेकर बढ़ते विरोध के बीच,

पश्चिम बंगाल राज्य सचिवालय नबान्न की ओर मार्च कर रहे हावड़ा ब्रिज पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस के गोले दागे, पानी की बौछारें कीं और लाठीचार्ज किया। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की हत्या और कथित यौन उत्पीड़न ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया और देश के विभिन्न राज्यों में कई रैलियां निकाली गईं।