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प्रशांत किशोर का बड़ा एलान ; जनसुराज की बनी सरकार तो बच्चों की शिक्षा मुफ्त, वृद्धा पेंशन मिलेगा 2 हजार

डेस्क : चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज के संस्थापक बिहार की सियासत में एंट्री के ऐलान के साथ ही अब हर दिन बड़े-बड़े एलान कर रहे है। इस कड़ी में आज शुक्रवार को बड़ा एलान किया है।

उन्होंने कहा कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद उनके दल की सरकार बनेगी तो 15 साल से कम के बच्चो की पूरी पढ़ाई का खर्च जिसमें उनकी किताबें से लेकर विद्यालय के कपड़े सब कुछ बिहार के बच्चो के लिए मुफ्त कर दी जाएगी। यह व्यवस्था केवल सरकारी स्कूलों में ही नहीं बल्कि सभी प्राइवेट स्कूलों में भी लागू होगी। प्राइवेट स्कूल में भी 15 वर्ष तक के बच्चों की पढ़ाई का खर्च सरकार देगी, ऐसी व्यवस्था हम करेंगे। इस तरह की व्यवस्था पूरे देश के किसी भी राज्य में अभी तक नहीं है।

उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार पढ़ाई के नाम पर हर वर्ष 50 हज़ार करोड़ खर्च कर रही है, पर आप ही बताइए की उन 50 हज़ार करोड़ से क्या 50 बच्चे भी पढ़े हैं? लेकिन हमारा यह संकल्प है की हम इन्हीं 50 हज़ार करोड़ को सही तरीके से खर्च करके आपके बच्चो को अच्छी गुणवत्ता की पढ़ाई कराएंगे ताकि 15 वर्ष के बाद वह सरकार और व्यवस्था पर बोझ नहीं बने।

इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने वृद्ध पेंशन को लेकर भी बड़ा ऐलान करते हुए मौजूदा वृद्धा पेंशन की राशि को लेकर नीतीश कुमार पर भी तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि इस महंगाई के दौर में मात्र 400 रूपए देकर क्या वह आप पर कोई एहसान कर रहे है? इस महंगाई के दौर में मात्र 400 रूपए में अपना जीवन व्यापन करना नामुमकिन है।

पीके ने कहा कि बिहार के गाँवो में अकेले जीवन व्यापन कर रहे हमारे बुजुर्गो लेकर कहा कि जन सुराज अगले वर्ष के अंत से यह सुनिश्चित करेगा की हर महिला-पुरुष, जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है, उन्हें कम से कम हर महीने 2000 रुपए की पेंशन मिले।

पूरा इंडी गठबंधन के मजाक उड़ाने के बाद भी डिजिटल दुनिया में विश्व गुरु बन रहा है भारत :- अरविन्द सिंह

डेस्क :- भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि कांग्रेस के नेता एक समय यूपीआई और डिजिटल इंडिया का मजाक उड़ाते थे। आज अब वही डिजिटल इंडिया आम आदमी की ताकत बन चुकी है। आज फल सब्जि विक्रेता यूपीआइ से लेनदेन कर रहे है, छोटे व्यापारी, छोटे उद्यमी, फिर लोकल कलाकार, या कारीगर हों, डिजिटल इंडिया ने सबको मंच दिया है। आज लोकल मार्केट या सब्जी मंडी में, रेहड़ी-पटरी वाले छोटा दुकानदार भी आपसे कहेंगे, कैश नहीं यूपीआई कर दीजिए। डिजिटल इंडिया ने सभी कार्य सुलभ बनाया है, ये देश के विकास का बहुत बड़ा विज़न है।

उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब कांग्रेसी नेता गरीब लोगों की क्षमता पर संदेह करते थे, उनका मजाक उड़ाते थे, उन्हें शक था कि गरीब लोग डिजिटल का मतलब भी नहीं समझ पाएंगे। लेकिन मोदी सरकार ने देश के सामान्य मानविकी समझ पर भरोसा था। मोदी सरकार ने खुद आगे बढ़कर डिजिटल पेमेंट्स का रास्ता आसान बनाया हैं। मोदी सरकार ने खुद ऐप के जरिए सिटीजन सेंट्रिक डिलीवरी सर्विस को बढ़ावा देने का काम किया हैं।

श्री अरविन्द ने कहा कि वहीं एक जमाना हमने देखा है, की 2जी के लिए हम कैसा संघर्ष करते थे। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में 2 जी, 3 जी, 4 जी के समय भारत टेक्नोलॉजी के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहता था। लेकिन आज मा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने यह दिखा दिया कि आज का नया भारत टेक्नोलॉजी का सिर्फ कंज्यूमर बनकर नहीं रहेगा बल्कि भारत उस टेक्नोलॉजी के विकास में, उसके इंप्लीमेंटेशन में एक्टिव भूमिका निभाने का काम करेगा। और भविष्य की वायरलेस टेक्नोलॉजी को डिजाइन करने में, उस से जुड़ी मैनुफैक्चरिंग में भारत की बड़ी भूमिका होगी।

वहीं दूसरी ओर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने 5 जी के साथ भारत ने एक नया इतिहास रच दिया हैं। और 5जी के साथ ही भारत पहली बार मोदी सरकार में टेलीकॉम टेक्नोलॉजी में ग्लोबल स्टैंडर्ड तय करने का काम किया है। और अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मोदी सरकार 6जी पर अभी से मिशन मोड में काम कर रहीं हैं और आने वाले समय में विश्‍व में भारत इसमें भी अपनी धमक जमाने का काम करेगा।

पीएम मोदी के हनुमान का केन्द्र में मंत्री बनते ही बदल गया है सुर, क्या अपने पिता की तरह राजनीति का मौसम वैज्ञानिक बनना चाह रहे चिराग पासवान !

डेस्क : लोजपा (आर) के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष व केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान के मन में क्या है, यह लोगों के लिए अबूझ पहेली बन गई है। चिराग की पार्टी एनडीए का हिस्सा है। वे खुद नरेंद्र मोदी सरकार में बहैसियत मंत्री शामिल हैं। इसके बवजूद तकरीबन तीन महीने के एनडीए सरकार के कार्यकाल में चिराग पासवान के बयान-आचरण से नहीं लग रहा कि वे पीएम मोदी के हनुमान रह गए हैं। जिन दिनों चिराग पासवान अपनी पार्टी लोजपा में टूट के बाद अकेले पड़ गए थे, वे अपने को नरेंद्र मोदी का हनुमान बताते थकते नहीं थे। मोदी भी उन्हें काफी लाड़-दुलार देते थे। अब मोदी सरकार के फैसलों या एनडीए के स्टैंड पर ही चिराग हमलावर हो गए हैं।

एनडीए में रहते हुए चिराग पासवान की भूमिका विपक्ष जैसी हो गई है। वे विपक्ष के कई मुद्दों पर सुर में सुर मिलाते नजर आ रहे है। कांग्रेस के नेतृत्व में बना इंडिया ब्लाक जातिगत जनगणना की मांग कर रहा है। उनके ही सुर में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी सुर मिलाने लगे हैं। जातिगत जनगणना का समर्थन और अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने की उनकी घोषणा मोदी सरकार और भाजपा के खिलाफ उनके ताजा स्टैंड हैं। इससे पहले आरक्षण पर सरकार के स्टैंड के खिलाफ वे रहे। विपक्ष के भारत बंद का समर्थन किया। लैटरल एंट्री पर भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाया। वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर भी भाजपा के सहयोगी अन्य दलों से चिराग अलग अंदाज में दिखे।

इतना ही नहीं पार्टी कार्यकारिणी की बैठक के बाद चिराग ने कहा कि कई प्रादेशिक इकाइयां अपने राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं। वे चाहें तो लड़ सकती हैं। इसके लिए पहले गठबंधन (एनडीए) में बात होगी। जरूरत पड़ने पर अकेले भी पार्टी मैदान में उतर सकती है। झारखंड में इस साल विधानसभा का चुनाव होना है। इस बारे में उनका कहना है कि लोजपा (आर) झारखंड की कुल 81 में 40 सीटों पर मजबूत स्थिति में है। भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने की पहली कोशिश होगी। गठबंधन न होने पर पार्टी अकेले भी चुनाव लड़ सकती है।

2019 में ऐसा हुआ भी है। जाहिर है कि पहले से ही जेडीयू ने 12 सीटों की दावेदारी कर रखी है। चिराग उससे भी अधिक 40 सीटों की दावेदारी कर रहे हैं। भाजपा और आजसू तो पहले से ही साथ चुनाव लड़ने का निर्णय ले चुके हैं। ऐसे में चिराग की मांग भाजपा के लिए मुसीबत ही खड़ी करेगी। हद तो यह है कि उनकी पार्टी ने बिहार में एनडीए की ओर से चिराग पासवान को सीएम चेहरा घोषित किये जाने तक की बात कर रही है।

लोजपा (आरवी) के राज्य युवा विंग के अध्यक्ष वेद प्रकाश पांडे ने कहा कि "चिराग एनडीए का सबसे अच्छा सीएम चेहरा है। वह सिद्धांतों के आदमी हैं, नीतीश के विपरीत जिन्होंने उन ताकतों से हाथ मिलाया जिनके खिलाफ उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा और लोगों का जनादेश हासिल किया।" पांडे ने कहा कि चिराग ने कुरहानी में भाजपा को सीट जीतने में मदद करके अपनी राजनीतिक ताकत साबित की। उन्होंने कहा, "भाजपा 2020 के विधानसभा चुनावों में जेडी(यू) के साथ गठबंधन में चुनाव हार गई थी। हालांकि, चिराग ने इस बार भाजपा उम्मीदवार के लिए प्रचार किया। परिणाम सभी के सामने हैं।"

सवाल उठ रहा है कि आखिर चिराग चाहते क्या हैं ? क्या वोटों का समीकरण चिराग को एनडीए से अलग लाइन लेने पर मजबूर कर रहा है? चिराग के कोर वोटर पासवान हैं। बिहार में पासवान वोटर्स करीब पांच फीसद हैं। ऐसे में सवाल यह भी है कि क्या चिराग को लग रहा है कि बिना किसी दूसरे वर्ग के समर्थन के राजनीति में कुछ बड़ा कर पाना संभव नहीं है? अलग रुख अपनाने के पीछे कुछ और कारण तो नहीं?

वैसे सवाल तो यह भी है कि लोकसभा चुनाव में 100% स्ट्राइक रेट रखने वाली पार्टी एलजेपी रामविलास के चीफ चिराग पासवान क्या भारी भरकम मंत्रालय चाहते हैं? क्या झारखंड विधानसभा चुनाव व अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अधिक सीटें चाहिए इसलिए क्या प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं? या फिर वे अपने दिवंगत पिता रामविलास की तरह राजनीति का मौसम वैज्ञानिक बनना चाहते है।

आपको बता दे कि चिराग पासवान के पिता बिहार की राजनीति के दिग्गज नेता रामविलास पासवान को राजनीति का मौसम वैज्ञानिक भी कहा जाता था। ये उपाधि उन्हें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने दी थी। लेकिन पहले आपको बताते हैं कि आख़िर उन्हें राजनीति के मौसम वैज्ञानिक की उपाधि कैसे मिली?

दरअसल जब नीतीश कुमार ने लालू यादव के ख़िलाफ़ विद्रोह कर साल 1994 में समता पार्टी बनायी तो रामविलास पासवान लालू यादव के क़ब्ज़े में चली गयी जनता दल में ही रहे और अगले साल 1995 में विधान सभा चुनावों में जब भारी बहुमत से लालू यादव की जीत हुई तो लोगों को समझ आ गया कि पासवान अपने उस फैसले पर सही थे। उसके बाद जब लालू यादव ने चारा घोटाले में नाम आने पर 1997 में अपनी नई पार्टी (राजद) बना ली उसके बाद भी पासवान शरद यादव के साथ जनता दल में ही बने रहे और 1998 का लोक सभा चुनाव जीतने में कामयाब रहे।

एक नहीं छह- वी पी सिंह, एचडी देवगौड़ा, आई के गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी- प्रधान मंत्री की कैबिनेट में काम करने वाले रामविलास पासवान ने करीब बारह वर्षों तक बिहार और पूरे देश में गुजरात दंगों और उस समय गुजरात के मुख्य मंत्री और वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ जमकर प्रचार किया था। बाद में उन्हीं की सरकार में मंत्री भी बने। बिहार से लालू-राबड़ी को राज्य की सता से बाहर करने में भी उनकी अहम भूमिका रही थी।

चिराग पासवान के वर्तमान राजनीतिक पैतरे को देखकर ऐसा लग रहा है कि कही न कही वे अपने पिता की नीति पर चलने की कोशिश कर रहे है।

बड़ी खबर : राजधानी पटना में प्रेम प्रसंग में युवक-युवती की गला काटकर हत्या, युवती के भाई ने घटना को दिया अंजाम

डेस्क : राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां एक युवक-युवती की गला काटकर हत्या कर दी गई है। दोनो की लाश एक खंडहरनुमा मकान से बरामद हुआ है। हत्या का आरोप युवती के भाई पर लगा है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।

घटना के संबंध में बताया गया है कि आज शुक्रवार के अहले सुबह पटना के बिहटा थाने के कुंजवा गांव में एक खंडहर नुमा मकान से युवक- युवती का शव पुलिस ने बरामद किया। दोनो प्रेमी और प्रेमिका बताये गए है। दोनो की चाकू से गला काटकर निर्मम हत्या की गई है। घटना की सूचना के बाद इलाके में सनसनी फैल गयी। वही मृतक के स्वजनों में कोहराम मच गया।

इस मामले की जानकारी देते हुए दानापुर एसडीपीओ 2 ने बताया कि बरामद शवों की पहचान कर ली गई है। मृतक युवक की पहचान अवनीश कुमार उर्फ रौशन और मृतका प्रतिमा रानी के रूप में किया गया है। दोनो कुंजवा गांव के निवासी है।

उन्होंने बताया कि कि दोनों के बीच पूर्व से जान पहचान थी जिसकी भनक मृतका के परिजनों को लग गई थी। मिली जानकारी के अनुसार मृतका प्रतिमा रानी के भाई विशाल को दोनों के संबंध के बारे में पता चल गया था। जिसके बाद विशाल ने खौफनाक कदम उठाते हुए दोनों की हत्या कर दी है।

फिलहाल पुलिस ने इस मामले में आरोपित विशाल को गिरफ्तार किया है जिसने पूछताछ में अपना जुर्म कबूला है।

दरभंगा एम्स के लिए मिली 37 एकड़ और जमीन, जल्द शुरु होगा निर्माण कार्य

डेस्क : बिहार के दरभंगा जिले एम्स निर्माण का कार्य जल्द शुरू होने की संभावना बढ़ गई है। एम्स के निर्माण के लिए 37 एकड़ और जमीन मिल गई है। राज्य सरकार शीघ्र ही 37.31 एकड़ और जमीन केंद्र सरकार को सौंप देगी। इसके पहले 12 अगस्त को राज्य सरकार ने 150.13 एकड़ जमीन केंद्र सरकार को सौंप दी थी। शिलान्यास की तिथि भी जल्द तय होने के आसार हैं।

राजस्व व भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने दरभंगा एम्स निर्माण को लेकर कहा कि बिहार सरकार ने इसके लिए 37 एकड़ और जमीन चिह्नित कर ली है। मैंने इससे संबंधित फाइल पर हस्ताक्षर कर दिया है। इसका नोटिफिकेशन भी तुरंत हो जाएगा। दरभंगा एम्स निर्माण का डिजाइन आईआईटी के स्तर पर तैयार कराया जा रहा है। एम्स का शिलान्यास कार्यक्रम भी जल्द ही तय हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि बिहार में दूसरा एम्स मिलना बड़ी बात है। केंद्र सरकार इसका निर्माण कार्य जल्द कराने के लिए पूरी तरह तत्पर है। इसके अलावा बिहार के पांच मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी सेंटर बन रहा है। इससे राज्य के लोगों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी सुविधाएं मिलेंगी।

दरभंगा एम्स निर्माण को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को 25 जुलाई को पत्रभेज कर जमीन हस्तांतरित करने के लिए कहा था। इसके बाद राज्य सरकार ने 12 अगस्त को 150 एकड़ जमीन हस्तांरित कर दी थी। केंद्र ने यहां की नीचे जमीन को समतल कर मांगा है। राज्य सरकार जमीन समतल कराने के साथ ही बिजली और पानी की आवश्यक व्यवस्था करने के लिए तैयार है।

सीएम नीतीश कुमार ने खेल दिवस पर प्रदेश को दिए यह दो बड़े तोहफे, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण शीघ्र पूरा करने का दिए निर्देश

डेस्क : राष्ट्रीय खेल दिवस पर बीते गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश को दो बड़े तोहफे दिये। राजगीर में राज्य खेल अकादमी और बिहार खेल विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया। यह देश का इकलौता परिसर है, जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर के 24 खेलों के आयोजन की व्यवस्था के साथ ही खेल अकादमी और खेल विश्वविद्यालय एक साथ स्थित हैं। यहां देश का दूसरा सबसे बड़ा खेल पुस्तकालय भी होगा। अब यहां सहजता से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैचों का आयोजन कराया जा सकेगा।

वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर में निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण शीघ्र पूरा करने को कहा है। इसके पहले गुरुवार को उन्होंने राजगीर खेल परिसर स्थित मुख्य प्रशासनिक भवन का निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री ने राजगीर खेल परिसर में नवनिर्मित स्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान में आयोजित मैच का शुभारंभ किया और खिलाड़ियों से मुलाकात की। उन्होंने तरणताल का भी निरीक्षण किया। इसके पश्चात निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का भी निरीक्षण किया। इसके पूर्व सीएम ने निर्माणाधीन जरासंध स्मारक का निरीक्षण किया और निर्माण कार्य जल्द पूर्ण करने का निर्देश दिया। साथ ही वहां निर्माणाधीन संग्रहालय का भी जायजा लिया। कहा कि यहां पर जो भी प्रदर्शनी लगाई जाएगी उसके विषय में ऊपर में हिंदी और नीचे अंग्रेजी में जानकारी दें ताकि लोग प्रदर्श से अवगत हो सकें।

नीतीश कुमार ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक स्थल है जिसके विकसित होने से अधिक संख्या में लोग इसे देखने आएंगे। मुख्यमंत्री ने वहां निर्माण कराए जा रहे पार्क और तालाब किनारे रेलिंग का निर्माण कराने का निर्देश दिया। कहा कि इससे लोग सुरक्षित रहेंगे। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने रोप-वे के पास निर्माणाधीन इंटीग्रेटेड भवन का निर्माण कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया।

कल 31 अगस्त को रिटायर हो रहे बिहार के मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, ये वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बन सकते है अगले चीफ सेक्रेटरी



डेस्क : बिहार के वर्तमान मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा का कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है। उनके सेवा विस्तार के लिए केंद्र सरकार को कोई प्रस्ताव बिहार सरकार ने नहीं भेजा है। ऐसे में अगले मुख्य सचिव को लेकर कई नाम चर्चा में हैं।

अगले मुख्य सचिव 1989 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अमृत लाल मीणा के बनाये जाने के आसार हैं। आज शुक्रवार को राज्य सरकार अधिसूचना जारी कर सकती है। श्री मीणा अभी कोयला मंत्रालय में सचिव हैं। वह अगस्त 2025 में सेवानिवृत्त होंगे।

मिली जानकारी के अनुसार इनमें अमृत लाल मीणा का नाम सबसे आगे है। वे बिहार सरकार के कई विभागों में महती जिम्मेवारी संभाल चुके हैं। इनके अतिरिक्त संभावित कई नाम हैं, जिनमें 1990 बैच के दो आईएएस तथा वर्तमान विकास आयुक्त चैतन्य प्रसाद और केंद्रीय स्कूली शिक्षा के सचिव संजय कुमार भी हैं।

शुक्रवार को सरकार मुख्य सचिव के अतिरिक्त अन्य बड़े विभागों के प्रधान पदों पर स्थानांतरण का आदेश जारी कर सकती है। वहीं नए डीजीपी की भी घोषणा होगी।

*राजधानी पटना में डेंगू का कहर : 1 किशोर की मौत, 18 नए मरीज मिले*

डेस्क : राजधानी पटना में डेंगू का कहर बढ़ रहा है। डेंगू से जहां बीते गुरुवार को एक किशोर की मौत हो गई। वहीं पटना में कुल 18 नए संक्रमित मिलने के बाद अब प्रदेश में कुल डेंगू पीड़ितों की संख्या बढ़कर 230 हो गई है। जिस किशोर की डेंगू से मौत हुई है उसकी पहचान नौबतपुर निवासी 16 वर्षीय किशोर आर्यन कुमार के रुप में हुई है। आर्यन को को बीते 24 अगस्त को भर्ती कराया गया था। वह किशोर पीलिया रोग से भी पीड़ित था। इस वर्ष जिले में डेंगू से यह तीसरी मौत है। इससे पहले एक बुजुर्ग और एक महिला की भी मौत हो चुकी है। मिली जानकारी के अनुसार पटना में डेंगू का प्रकोप उन्हीं जलजमाव वाले इलाके में ज्यादा है, जो पिछले वर्ष भी हॉट स्पॉट रहे थे। जिला संक्रामक रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीसीओ) डॉ. सुभाष चंद्र प्रसाद ने बताया कि गुरुवार को मिले पीड़ितों में सबसे अधिक अजीमाबाद में पांच, कंकड़बाग में तीन, बांकीपुर में दो पीड़ित मिले हैं। इसके अलावा पाटलिपुत्रा, एनसीसी, अथमलगोला, धनरुआ, दानापुर, पटना सदर में एक-एक मरीज मिला। एक पीड़ित का पता सही नहीं होने से उससे संपर्क नहीं हो पाया। सभी पीड़ितों की जांच एनएमसीएच में हुई थी। वहीं, एनएमसीएच के नोडल पदाधिकारी डॉक्टर संजय कुमार ने बताया कि आर्यन का प्लेटलेट्स लगातार कम होने से उसकी मौत हो गई। गौरतलब है कि इस साल एक जनवरी से 28 अगस्त तक राज्य में 646 लोग डेंगू से पीड़ित हो चुके हैं।
चीफ इनकम टैक्स कमिश्नर संतोष कुमार संस्पेंड, 10 लाख रुपए के घूसखोरी मामले में हुई कार्रवाई*

डेस्क : पिछले दिनों 10 लाख रुपए घूस लेते पकड़े गए प्रधान आयकर आयुक्त बिहार-झारखंड संतोष कुमार को दस लाख रुपये के घूसखोरी मामले में गुरुवार को निलंबित कर दिया गया। संतोष कुमार पटना के साथ-साथ धनबाद डिवीजन के प्रभार में भी थे। उनकी जगह पर प्रधान आयकर आयुक्त रांची डॉ प्रभाकांत को धनबाद डिवीजन का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। गिरफ्तार प्रधान आयकर आयुक्त संतोष कुमार समेत 5 आरोपियों को गुरुवार को सीबीआई ने रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। सीबीआई सभी आरोपियों को बेऊर जेल से निकालकर सुबह करीब साढ़े 11 बजे पटना स्थित अपने कार्यालय पहुंची। यहां सभी से पूछताछ की प्रक्रिया शुरू हुई। दिल्ली से आई सीबीआई की विशेष टीम ने गिरफ्तारी के पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया था। पूछताछ की प्रक्रिया भी विशेष टीम स्थानीय अधिकारियों के सहयोग से कर रही है। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ की शुरुआत संतोष कुमार से की गई। इसके बाद एक-एक करके चार अन्य से पूछताछ हुई। अभी सभी से शुरुआती स्तर की पूछताछ हुई है। वहीं संतोष कुमार के बाद घूसकांड में फंसे आईटीओ प्रभाकर प्रसाद और आईटीओ देवघर विकास कुमार पर भी विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
राजधानी पटना में झपटामार गिरोह का शिकार हुई राजद विधायक की पत्नी, बाइक सवार बदमाश ने गले से उड़ाया सोने का चेन

डेस्क : राजधानी पटना में झपटमारों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा। आए दिन झपटामार गिरोह के सदस्य लोगों को खासकर महिलाओं को अपना शिकार बना रहे है। ये बदमाश महिलाओं के गले से सोने की चेन झपट फरार हो जा रहे है। आज इन बदमाशों ने राजद विधायक की पत्नी को ही अपना शिकार बना डाला।

दरअसल रोज की तरह आज गुरुवार के मॉर्निंग वॉक कर रहीं राजद विधायक सुदय यादव की पत्नी को आर ब्लॉक के पास झपटमारों ने अपना निशाना बनाया और उनके गले से सोने की चेन छीनकर भाग गए। इस दौरान झपटमार के हमले में राजद विधायक की पत्नी को गर्दन के करीब खरोचें भी आयी हैं। उन्होंने सचिवालय थाना पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज करायी।

मीडिया से बातचीत के दौरान पीड़िता ने बताया कि वो मॉर्निंग वॉक करने निकली थीं। आर ब्लॉक के पास वो सड़क पार करने के लिए खड़ी थीं। अचानक बाइक पर सवार झपटमार आए और पीछे से आकर उनके गले से सोने की चेन छीनकर भाग गए। उन्होंने अपने शरीर पर आए जख्म को भी दिखाया।

वहीं विधायक की पत्नी से जब मीडिया ने सवाल किया कि क्या अब जनप्रतिनिधि की पत्नी भी सुरक्षित नहीं हैं। इसपर उन्होंने असहमति जतायी और कहा कि वो सुरक्षित हैं। लेकिन बाहर में कुछ अवारा लोग ऐसी घटना को अंजाम दे देते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस पेट्रोलिंग भी वहां पर थी लेकिन पुलिस कुछ दूरी पर थी।