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कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ रिलीज से पहले ही काफी विवादों में घिरी,सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप

कंगना रनौत की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘इमरजेंसी’ (Emergency) रिलीज से पहले ही काफी विवादों में घिर गई है. फिल्म की रिलीज पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. दरअसल सिख समुदाय इस फिल्म के ट्रेलर के आने के बाद से इसके खिलाफ आब्जेक्शन उठा रहा है और इसकी रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर रहा है.

इन सबके बीच मंगलवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने कंगना समेत फिल्म के निर्माताओं को नोटिस भेजकर इस महीने की शुरुआत में रिलीज हुए ट्रेलर को हटाने के लिए कहा है.

एसजीपीसी सचिव प्रताप सिंह ने फिल्म पर आपत्ति जताई और खुलासा किया कि ‘इमरजेंसी’ पर बैन लगाने के लिए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री और सीबीएफसी के अध्यक्ष को अलग-अलग पत्र भी लिखे गए थे. उन्होंने रनौत पर सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया और दावा किया कि फिल्म का ट्रेलर जारी होने के बाद कई ''सिख विरोधी दृश्य सामने आए थे.'

जीडीपीसी और अकाल तख्त ने भी जताई आपत्ति

वहीं पिछले हफ्ते, जीडीपीसी और अकाल तख्त ने फिल्म पर फौरन बैन लगाने की मांग की थी और दावा किया था कि यह सिखों के खिलाफ नेरेटिव बनाकर उनका "चरित्र हनन" करने की कोशिश करती है. एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को दौरान बताया था कि उन्होंने रानौत के खिलाफ एफआईआर की मांग की और फिल्म के खिलाफ आपत्ति जाहिर की. उन्होंने कहा कि पहले भी ऐसे कई उदाहरण हैं जब फिल्मों में समुदाय की गलत प्रस्तुति के कारण सिख भावनाएं आहत हुईं. फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए उन्होंने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को 'पक्षपातपूर्ण' बताया और सेंसर बोर्ड में सिख सदस्यों को शामिल करने का आग्रह किया था.

कंगना की फिल्म पर सिख समुदाय के कैरेक्टर असासिनेशन का आरोप

दूसरी ओर, अकाल तख्त के जत्थेदार (प्रमुख) ज्ञानी रघबीर सिंह ने दावा किया कि फिल्म में "जानबूझकर अलगाववादियों के रूप में सिखों के चरित्र को गलत तरीके से दिखाया गया है, जो एक गहरी साजिश का हिस्सा है." उन्होंने तर्क दिया कि फिल्म समुदाय का "अपमान" करती है और कंगना पर सिखों का "जानबूझकर चरित्र हनन" करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, “समुदाय जून 1984 की सिख विरोधी क्रूरता को कभी नहीं भूल सकता है और रानौत की फिल्म जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले के कैरेक्टर असासिनेशन करने की कोशिश कर रही है, जिसे श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा कौमी शहीद (समुदाय का शहीद) घोषित किया गया है.”

इमरजेंसी’ कब होगी रिलीज?

कंगना रनौत ने 2021 में ‘इमरजेंसी’ की अनाउंसमेंट की थी. बाद में एक्ट्रेस ने क्लियर किया था कि भले ही यह एक पॉलिटिकल ड्रामा है, लेकिन यह इंदिरा गांधी की बायोपिक नहीं है. बता दें कि ‘इमरजेंसी’ में कंगना ने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है. उन्होंने इस फिल्म का निर्देशन भी किया है. ‘इमरजेंसी’ में कंगना के अलावा अनुपम खेर, मिलिंद सोमन, महिमा चौधरी और श्रेयस तलपड़े भी अहम भूमिका में है. दिवंगत अभिनेता सतीश कौशिक भी भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री जगजीवन राम की भूमिका में नजर आएंगे. ये फिल्म 6 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है.

राहुल गांधी के अमेरिकी दौरे में किया गया बदलाव

राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपनी पहली विदेश यात्रा करने जा रहे हैं. वह सितंबर के पहले सप्ताह में अमेरिका यात्रा पर जाएंगे, जहां वे भारतीय प्रवासियों को संबोधित करेंगे. इस बीच विधानसभा चुनावों को देखते हुए राहुल गांधी के अमेरिकी दौरे में बदलाव किया गया है और इसे 10 से 12 दिन छोटा कर दिया गया है. कांग्रेस नेता के 5 से 6 सितंबर की दरमियानी रात अमेरिका जाने का कार्यक्रम है.

अमेरिका यात्रा के दौरान राहुल गांधी टेक्सास में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करेंगे. उसके बाद वाशिंगटन डीसी में लॉ मेकर्स से तमाम मुलाकातें होंगी, बाकी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है. इस दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी विधानसभा चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगी और पार्टी के पक्ष में माहौल तैयार करने की कोशिश करेंगी.

कांग्रेस महासचिव सितंबर के दूसरे हफ्ते से जम्मू कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए कैंपेन का आगाज कर सकती हैं. प्रियंका चुनाव प्रचार की शुरुआत जम्मू कश्मीर से करेंगी और वह दोनों ही राज्यों में 5 से 7 रोड शो करेंगी. इसके अलावा 15 से ज्यादा चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगी. अकेले हरियाणा में प्रियंका गांधी एक दर्जन से ज्यादा रैलियां करेंगी.

जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव

विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस से गठबंधन किया है, जबकि हरियाणा में उसने आम आदमी पार्टी (AAP) से गठबंधन की सभी अटकलों को खारिज करते हुए अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. जम्मू-कश्मीर में 18, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में वोटिंग करवाई जाएगी. वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी. जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटें हैं और केंद्र शासित प्रदेश में 88.06 लाख मतदाता हैं.

हरियाणा में होगी चौतरफा लड़ाई

वहीं, 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा के लिए 1 अक्टूबर को चुनाव होने हैं, जिसके नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित होने की उम्मीद है. इस साल लोकसभा चुनावों में दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी को केवल 0.87 प्रतिशत वोट मिले थे और उसका कोई भी उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर सका था. 2019 के विधानसभा चुनावों में हरियाणा में बीजेपी ने 40 सीटों पर जीत हासिल की थी और जेजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी. जेजेपी ने 10 सीटों पर विजय पताका फहराई थी, जबकि कांग्रेस के खाते में 31 सीटें गई थीं. इस साल की शुरुआत में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन टूट गया था. इस बार हरियाणा में बीजेपी, कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच चौतरफा मुकाबला होने की संभावना है.

ओडिशा के पुरी में भीषण आग लगने से 30 से ज्यादा घर जलकर राख,15 परिवार हुए बेघर,लाखों का हुआ नुकसान

ओडिशा के पुरी जिले के सत्यवादी ब्लॉक के अलिसा गांव में सोमवार देर रात भीषण आग लगने से 15 परिवारों के 30 से ज्यादा घर जलकर राख हो गए. इन घरों में रखे एक-एक सामान कुछ देर में आग की चपेट में आ गए. इस भयानक हादसे में लाखों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा. देखते ही देखते, आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और आसपास के दूसरे घरों को भी अपनी चपेट में ले लिया. इस हादसे में एक व्यक्ति गंभीर रूप से झुलस गया और आग की लपटों में तीन मवेशियों की जान चली गई.

इन घरों में आग की लपटों को उठता देख मौके पर अफरा-तफरी मच गई. अपने आशियाने को जलता हुआ देख सभी की चीखने चिल्लाने लगे. लोगों की जान को बचाने के लिए सभी को एक-एक करके वहां से लाया गया. बच्चे-बूढ़े युवा सभी को मौके से सुरक्षित बाहर निकाला गया. प्रारंभिक जांच में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट को माना जा रहा है. गांव में आग की लपटों को उठता देख गांववालों ने तुरंत आग बुझाने की कोशिश शुरू कर दी. आग को बढ़ता देख अग्निशमन विभाग को इसकी सूचना दी गई. सूचना मिलने पर अग्निशमन सेवा कर्मी की सहायता से आग पर काबू पा लिया गया.

घर एक ऐसी पूंजी है, जिसे सभी बनाना चाहते हैं. सभी का सपना होता है कि उनका खुद का एक घर हो. सालों की जमा पूंजी के बाद एक-एक सामान को जुटाकर घर में रखने की कोशिश होती है, लेकिन अलिसा गांव में 30 से ज्यादा घर आग में जलकर खाक हो गए. इस घटना के बाद से हर कोई स्तब्ध है. 15 परिवारों में रहने वाले लोग अब बेघर हो गए. घर में रखे सारे सामान पूरी तरह से जलकर खाक हो गए. अलिसा गांव में इस आग से हुए विनाश ने स्थानीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया है. प्रशासन द्वारा घटना की जांच की जा रही है. फिलहाल इन घरों में आग लगने का असली कारण पता नहीं चल पाया है. घायल शख्स का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव,पहले चरण में 279 उम्मीदवारों ने किया अपना नामांकन पत्र दाखिल

जम्मू-कश्मीर के सात जिलों के 24 विधानसभा क्षेत्रों में 279 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं, जहां 18 सितंबर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान होने जा रहा है. विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का 27 अगस्त आखिरी दिन था. मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के मुताबिक उन उम्मीदवारों के बारे में जानकारी दी गई है, जिन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया है.

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में कुल 72 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया है. इसके अलावा पुलवामा जिले में 55, डोडा जिले में 41, किश्तवाड़ जिले में 32, शोपियां जिले में 28, कुलगाम जिले में 28 जबकि रामबन जिले में 23 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है. जम्मू संभाग में किश्तवाड़ जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों के लिए कुल 13 उम्मीदवारों ने, 48 इंद्रवाल विधानसभा क्षेत्र से 11 उम्मीदवारों ने और 49 किश्तवाड़ विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल किए गए हैं, जबकि 8 उम्मीदवारों ने 50 पड्डर-नागसेनी विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल किया है.

इतने लाख वोटर्स

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान 23.27 लाख से ज्यादा वोटर हैं, जिनमें 11.76 लाख पुरुष वोटर और 11.51 लाख महिला वोटर और 60 थर्ड जेंडर वोटर शामिल हैं, जो अपने चुनावी मताधिकार का इस्तेमाल करने के पात्र हैं. इनमें 5.66 लाख युवा वोटर्स भी मतदान के लिए पात्र हैं. पहले चरण के लिए अधिसूचना 20 अगस्त को जारी की गई थी और इस चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी 27 अगस्त 3:00 बजे तक थी.

नामांकन वपास लेने की तारीख

अब नामांकन पत्रों की जांच संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों की ओर से 28 अगस्त को की जाएगी. उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र 30 अगस्त, 2024 को दोपहर 3:00 बजे तक रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में वापस ले सकते हैं. अब देखना होगा कि इस बार जम्मू-कश्मीर में सिक्का चलता है, क्योंकि जहां एक ओर बीजेपी इस बार वहां अपने दम पर चुनाव लड़ने जा रही है, तो वहीं कांग्रेस ने भी नेशनल कॉन्फ्रेंस से हाथ मिला लिया है.

गुजरात में भारी बारिश के कारण 636 सड़कों पर आवाजाही बंद,मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

मूसलाधार बारिश ने गुजरात को हिलाकर रख दिया है. भारी बारिश से राज्य के ज्यादातर जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कई जगहों पर पावर सप्लाई ठप हो गई है. तो कुछ जगहों पर जलभराव की वजह से सड़कें बंद करनी पड़ी हैं. राजकोट के जसदण के कमलापुर गांव में तेज हवा और बारिश के चलते बिजली के 6 खंभे गिर गए हैं. इससे पूरा सूबा अंधेरे में डूब गया है. तेज हवाओं के चलते कई इलाकों में पेड़ गिरने की भी खबरें हैं. पिछले 48 घंटे से हो रही भारी बारिश के चलते पूरा राजकोट शहर मानो टापू बन गया है. 24 घंटों में 10 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है. आजी नदी का रौद्र रूप भी देखने को मिल रहा है. वहीं आणंद के खंभात में दीवार गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई है.

गुजरात में भारी बारिश से बड़े पैमाने पर सड़कें ध्वस्त हो गई हैं. लोगों का आना जाना बाधित हो गया है. आंकड़े के मुताबिक राज्य में भारी बारिश की वजह से 636 सड़कों पर आवाजाही बंद है. यहां तक कि 34 स्टेट हाईवे बंद कर दिए गए हैं. जिसमें खेड़ा 6, आणंद 2, कच्छ 1, वडोदरा 6, नर्मदा 1, पचमहल 4, भरूच 2, दाहोद 2, सूरत 1, वलसाड 1, राजकोट 1, मोरबी 4, सुरेंद्रनगर 3 सड़कें बंद हैं. वहीं पचायत की कुल 557 सड़कों पर आना जाना ठप है. 7 हजार से ज्यादा गांवों की बिजली प्रभावित हुई है.

कच्छ का समखियाली मालिया हाईवे भी बंद

भारी बरसात के चलते कच्छ का समखियाली मालिया हाईवे भी बंद कर दिया गया है. सुरक्षा को देखते हुए इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर डायवर्जन की व्यवस्था की गई है. मच्छू बांध से पानी छोड़े जाने की वजह से यह फैसला लिया गया है. प्रशासन ने आम लोगों से अपील की है कि कच्छ-अहमदाबाद जाने के लिए राधनपुर मार्ग को अपनाएं. उन रास्तों पर जाने से बचें, जिनको सुरक्षा के मद्देनजर बंद कर दिया गया है.

प्रशासन ने आम लोगों को दी हिदायत

इसके अलावा छोटाउदेपुर के पाविजेतपुर के शिहोद में पुल दो भागों में टूट गये हैं. भारज नदी में पानी का तेज बहाव आने से यह पुल टूट गया है. जानकारी के मुताबिक सुखी बांध से पानी छोड़े जाने से नदी का प्रवाह बढ़ा, नेशनल हाईवे-56 पर पुल के खंभे डूब गये. यहां तक कि पास में बना 2.39 करोड़ का डायवर्जन भी बह गया. कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने मौके का मुआयना करके लोगों को आवाजाही न करने की हिदायत दी है.

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

पिछले रविवार से ही हो रही तेज बारिश से गुजरात को फिलहाल राहत नहीं मिल पाई है. राज्य सरकार ने राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम को अलर्ट कर दिया है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अधिकारियों को प्रभावित इलाकों से पीड़ित लोगों को ऊंचे स्थानों पर ले जाने का निर्देश दिया है. लेकिन मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिनों तक गुजरात के लिए अभी और भारी है. सौराष्ट्र कच्छ तटीय क्षेत्र में भारी बारिश की संभावना है.

हिमाचल प्रदेश में अब बेटियों की शादी की उम्र 18 नहीं बल्कि 21 साल से होगी

हिमाचल प्रदेश में अब बेटियों की शादी की उम्र 18 नहीं बल्कि 21 साल होगी. सरकार ने इसके लिए विधानसभा के मानसून सत्र में ‘हिमाचल प्रदेश बाल विवाह प्रतिषेध विधेयक-2024’पेश किया, जो बिना चर्चा के सर्वसम्मति से पास कर दिया गया. अब इस बिल को मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा.अभी तक प्रदेश में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल है.

स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल ने बाल विवाह प्रतिषेध (हिमाचल प्रदेश संशोधन विधेयक, 2024) पेश किया. प्रदेश में अभी लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है. राज्य सरकार इसमें तीन साल की बढ़ोतरी कर रही है. इसके संशोधित ड्राफ्ट को राज्य मंत्रिमंडल ने 7 महीने पहले ही मंजूरी दे दी थी. मंगलवार को सदन में संशोधन विधेयक पारित हो गया.

विधानसभा के मानसून सत्र में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हमारी सरकार ने कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है. हिमाचल प्रदेश में अपराध के लिए कोई स्थान नहीं है. सदन में सरकार सार्थक चर्चा के लिए पूरी तरह से तैयार है, लेकिन विपक्ष इससे भाग रहा है. दिशाहीन विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है.

केंद्र सरकार ने कठिन समय में मदद नहीं की

उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में आपदा आई, हमारी सरकार ने तुरंत राहत और बुनियादी सुविधाएं प्रदान करके आपदा प्रभावितों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने का काम किया. इसके विपरीत केंद्र सरकार ने इस कठिन समय में भी कोई मदद नहीं की. उनका यह भेदभावपूर्ण रवैया उनकी असंवेदनशीलता को दिखाता है.

सीएम ने कहा कि आपदा के कठिन समय में जब हर तरफ चुनौतियां थीं, हमारे अधिकारियों, कर्मचारियों, युवाओं और छोटे बच्चों ने एकजुट होकर हमारा साथ दिया. हम उनके प्रति हृदय से कृतज्ञ हैं. यह एकता और समर्पण की भावना हमें और भी मजबूत बनाती है

देश भर में जन्माष्टमी पर हुआ इतना करोड़ रुपये का कारोबार

देश भर में जन्माष्टमी का त्यौहार सोमवार को बेहद धूम धाम से मनाया जा रहा है. देश भर के मंदिरों में सजावट हुई. साथ ही लोगों ने भी अपने घरों के मंदिरों एवं पूजा स्थलों को सुंदर तरीके से सजाया. जन्माष्टमी अपने साथ कारोबारियों के लिए खुशियां लेकर आई है. इस पर्व पर देश भर के बाजारों में करीब 25 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है.

शास्त्रों के अनुसार, जन्माष्टमी भाद्रपदा की अमावस्या के आठवें दिन मनाई जाती है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था.

कैट ने जारी किया त्योहार पर कारोबार का आंकड़ा

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महामंत्री तथा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि इस महत्वपूर्ण त्यौहार पर फूल, फल, मिठाई, भगवान की पोशाक, शृंगार का सामान, व्रत की मिठाइयां, दूध-दही, माखन तथा ड्राई फ्रूट की बड़े पैमाने पर बिक्री हुई. जन्माष्टमी जैसे त्यौहार देश की इकोनॉमी के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. इनसे इकोनॉमी को मजबूत करने में मदद मिलती है.

देशभर में आयोजित किए गए अलग-अलग कार्यक्रम

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने बताया कि देश भर में जन्माष्टमी का त्यौहार बेहद उत्साह से मनाया गया. उत्तर एवं पश्चिम भारत में यह त्यौहार खूब उल्लास से मना. मंदिरों में आकर्षक सजावट की गई. लोगों में दर्शन करने का उल्लास अलग नजर आ रहा था. जन्माष्टमी का विशेष आकर्षण डिजिटल झांकियां, भगवान कृष्ण के साथ सेल्फी प्वॉइंट और अन्य अनेक प्रकार की मनोरम झांकियां रहीं. भजन, धार्मिक नृत्य तथा संतों एवं महात्माओं के प्रवचनों का सिलसिला भी जारी रहा. सामाजिक संगठनों ने भी कई जगह जन्माष्टमी समारोह का आयोजन किया.

कोलकाता पुलिस ने बताई संजय रॉय की बाइक पुलिस कमिश्नर के नाम पर क्यों थी रजिस्टर,जाने वजह

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक 31 साल की जूनियर डॉक्टर के साथ रेप हुआ और उसका मर्डर कर दिया गया. जब यह घटना हुई जूनियर डॉक्टर उस समय नाइट शिफ्ट कर रही थी और पिछले 36 घंटे से ड्यूटी पर थी. इस अपराध में कोलकाता पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया है.

यह केस जांच के लिए सीबीआई के हाथ में दे दिया गया था, जिसके बाद सीबीआई केस को सुलझाने के लिए केस की हर परत खोल रही है और हर-छोटी से लेकर बड़ी चीज की जांच कर रही है. इसी कड़ी में सीबीआई ने आरोपी संजय रॉय की बाइक को जब्त किया था, जिसके बाद सामने आया कि संजय रॉय की बाइक पुलिस कमिश्नर के नाम पर रजिस्टर थी.

कोलकाता पुलिस ने दी सफाई

यह बात सामने आने के बाद सीबीआई इस बात का पता लगाने लगी थी कि संजय रॉय का कोलकाता पुलिस से क्या कनेक्शन है. जिस पर अब कोलकाता पुलिस ने सफाई पेश की. कोलकाता पुलिस ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर बयान जारी कर कहा, यह बात सही है कि संजय रॉय की बाइक पुलिस कमिश्नर के नाम पर रजिस्टर थी, लेकिन यह जान लेना भी जरूरी है कि संजय रॉय पुलिस वेलफेयर विभाग में था, ये बाइक संजय रॉय की निजी नहीं है बल्कि उसे पुलिस वेलफेयर विभाग की तरफ से दी गई थी.

पुलिस विभाग ने कहा, जो भी सरकारी वाहन पुलिस की किसी भी यूनिट को दिया जाता है वो कमिश्नर के नाम पर ही रजिस्टर होता है. हालांकि, संजय रॉय 6 सितंबर 2024 तक सीबीआई की निगरानी में न्यायिक हिरासत में है.

कोलकाता में नबन्ना मार्च

कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ हुए इस भयावह अपराध को लेकर पूरे देश में आंदोलन की लहर उठी, हर तरफ लोग कोलकाता की निर्भया को इंसाफ दिलाने की मांग करने लगे, साथ ही महिलाओं की सुरक्षा पर भी एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया. हालांकि, कोलकाता और हावड़ा में 27 अगस्त को लोग भारी तादाद में सड़कों पर आकर नबन्ना मार्च कर रहे हैं, यानी वो एक साथ राज्य सचिवालय की ओर बढ़ेंगे. इस मार्च में आंदोलनकारी राज्य की सीएम ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

कोलकाता डॉक्टर केस: CBI के बाद अब ED की एंट्री,जाने इस मामले में ED करेगी जांच

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को एक जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर हुआ. 31 साल की डॉक्टर के साथ हुए इस दुष्कर्म ने पूरे देश में एक आंदोलन को जन्म दे दिया है. न सिर्फ कोलकाता बल्कि पूरे देश में जूनियर डॉक्टर को इंसाफ दिलाने और महिलाओं की सुरक्षा की मांग उठने लगी है. कोलकाता का केस पहले पुलिस के हाथ में था और पुलिस ने संजय रॉय नाम के आरोपी को मामले में गिरफ्तार कर लिया है.

कोलकाता पुलिस के बाद यह केस सीबीआई के हाथ में चला गया, सीबीआई मामले की हर परत को खोल रही है और मामले की हर छोटी से लेकर बड़ी चीज की जांच की जा रही है. हालांकि,आरजी कर अस्पताल में भ्रष्टाचार का मामला भी सामने आया है, जिसमें अब सूत्रों के हवाले से सामने आया है कि मेडिकल कॉलेज की वित्तीय अनियमितताओं के मामले को सीबीआई के बाद अब ED के हाथ में दे दिया गया है. इस मामले की जांच ईडी कर सकती है

ED करेगी करप्शन की जांच

अस्पताल के वित्तीय मामलों की जांच करने के लिए ईडी बहुत जल्द ECIR दर्ज कर सकती है. इससे पहले सीबीआई ने वित्तीय मामलों में गड़बड़ी का पता लगाने के लिए कोलकाता और आसपास के जिलों में कई जगहों पर छापेमारी की थी. आरजी कर मेडिकल कॉलेज के कई पूर्व अधिकारियों के घरों और दफ्तरों तक सीबीआई पहुंची और छापेमारी की.

CBI ने की संदीप घोष के घर रेड

आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर पर भी सीबीआई ने रविवार को छापेमारी को अंजाम दिया. संदीप घोष के घर पर लगभग 13 घंटे तक सीबीआई के अधिकारी जांच-पड़ताल करते रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक वे वहां से कई दस्तावेज लेकर लौटे. निकलते समय सीबीआई के अधिकारियों ने संदीप घोष से कई दस्तावेज पर हस्ताक्षर भी कराये, जिसके बाद अब यह मामला ईडी के हाथ में चला गया.

पॉलीग्राफ टेस्ट, पूछताछ, रेड

सीबीआई ने अब तक कोलकाता रेप केस में कई खुलासे किए हैं. इस केस की हर परत सीबीआई दिन-ब-दिन खोल रही है. सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के चार सदस्यों का पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया, जिससे केस को सुलझाने में मदद मिले. इसमें उन 4 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया जो जूनियर डॉक्टर से इस घटना के पहले मिले थे. इसमें 2 फर्स्ट ईयर पीजीटी डॉक्टर (अर्का और सौमित्र), 1 हाउस स्टाफ (गुलाम) और 1 इंटर्न (सुभदीप) शामिल हैं.

नबन्ना मार्च

पश्चिम बंगाल में आज कोलकाता और हावड़ा में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है, जिसमें लोग सीएम ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. यह लोग एक साथ नबन्ना यानी कि राज्य सचिवालय की ओर बढ़ेंगे. इन सब लोगों का मकसद कोलकाता की बेटी को इंसाफ दिलाना है जिसके लिए यह लोग सड़कों पर उतर कर अपना आक्रोश जता रहे हैं.

आखिर क्यों मनाते हैं दही हांडी? देश में किन जगहों पर फेमस है ये कार्यक्रम?

देशभर में बड़ी धूमधाम से श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया गया. भगवान कृष्ण को लेकर लोगों का उत्साह चरम पर था. आज भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी में ही दही हांडी का कार्यक्रम रखा जाता है. ये कार्यक्रम बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन मटकी तोड़ने की परंपरा है. ऊंचाई पर मटकी में दही-मक्खन बांध देते हैं और लोगों का एक समूह पिरामिड बनाकर उसे फोड़ता है. ऐसा एक बार में नहीं हो पाता क्योंकि ये एक मुश्किल काम है. ऐसा करने में काफी समय लगता है और इसका सारा रोमांच ही पिरामिड के बनने में है. आइये जानते हैं कि दही हांडी का पौराणिक महत्व क्या है और भारत में किन जगहों पर दही हांडी का कार्यक्रम होता है.

क्या है पौराणिक महत्व?

दही हांडी का प्रकरण भगवान कृष्ण की बाल्यावस्था से जुड़ा हुआ है. दरअसल कृष्ण को माखन बहुत प्रिय था. वे घरों में चुपके से घुसकर अपनी मित्र मंडली के साथ सारा माखन चट कर जाते थे. उन्हें इस वजह से माखन चोर कहकर भी बुलाया जाता था. उनकी इस लीला को समर्पित है दही हांडी का कार्यक्रम.

कहां-कहां है फेमस?

दही हांडी का कार्यक्रम कई जगहों पर फेमस है और इसे काफी जोर-शोर से मनाने की प्रक्रिया है. देश की कुछ-कुछ जगहें तो ऐसी भी हैं जहां पर दही हांडी का उत्साह हैरान कर देने वाला होता है. बता रहे हैं वो जगहें जहां पर दही हांडी का कार्यक्रम दुनियाभर में लोकप्रिय है.

दिल्ली

देश की राजधानी दिल्ली में दही-हांडी का प्रोग्राम बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. कई सोसाइटीज में लोग इस कार्यक्रम का आयोजत लेते हैं और भारी संख्या में लोग दही-हांडी की प्रतियोगिता का आनंद उठाने के लिए एकत्रित होते हैं.

वृंदावन

भगवान कृष्ण वृंदावन में पले-बढ़े थे और यहीं पर उनका बचपन बीता था. वैसे तो ये जगह हमेशा ही कृष्णमय रहती है लेकिन जन्माष्टमी पर ब्रजवासियों का उत्साह अलग लेवल पर ही होता है. वृंदावन में जन्माष्टमी के 10 दिन पहले से ही इस कार्यक्रम को धूमधाम से मनाना शुरू कर दिया जाता है. यहां पर भी कृष्ण के जन्म को बड़ी धूम-धाम से सेलिब्रेट करते हैं और दही-हांडी का कार्यक्रम रखा जाता है.

मुंबई

महाराष्ट्र में अलग-अलग जगहों पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. खासकर की दही हांडी के दिन तो लोगों का क्रेज एकदम अलग लेवल पर होता है. इस दिन लोग दही हांडी की प्रतियोगिता भी रखते हैं. महाराष्ट्र में मुंबई की दही हांडी दुनियाभर में प्रचलित है और इस उत्सव के दौरान लोगों का भारी हुजूम नजर आता है. ठाणे, घाटकोपर और खारगर जैसी जगहों पर भी कृष्ण जन्माष्टमी और दही हांडी का कार्यक्रम धूमधाम से मनाया जाता है.