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नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जारी की 32 उम्मीदवारों की लिस्ट, उमर अब्दुल्ला इस सीट से लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखें सामने चुकी हैं। सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं और उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी कर रहे हैं। इस बीच जम्मू -कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 32 उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी की है। इससे पहले पार्टी ने 18 प्रत्याशियों की सूची जारी की थी। खास बात ये भी है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला भी चुनाव लड़ेंगे।

नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा जारी दूसरी सूची के अनुसार, उमर अब्दुल्ला गांदरबल से, तनवीर सादिक जदीबल से, मियां मेहर अली कंगन से, सलमान सागर हजरतबल से, अली मोहम्मद सागर खानयार से, शमीमा फिरदौस हब्बा कदल से, मुश्ताक गुरु चनापोरा से चुनाव लड़ेंगे। लाल चौक से अहसान परदेसी और ईदगाह से मुबारक गुल चुनाव लडे़ंगे।

गांदरबल सीट काफी दिलचस्प होने वाली है।गंदेरबल को नेशनल कॉन्फ्रेंस का मजबूत गढ़ माना जाता है, क्योंकि इस सीट से अब्दुल्ला परिवार की तीन पीढ़ियों ने जीत दर्ज की है। 1977 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला यहां से जीते थे। 1983, 1987 और 1996 में उनके बेटे फारूक अब्दुल्ला और 2008 में उमर अब्दुल्ला ने यहां से जीत दर्ज की। 2014 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर ही शेख इश्फाक जब्बार ने गंदेरबल से सीट जीती थी। इससे पहले वे कांग्रेस के टिकट पर इसी सीट से हार चुके हैं।

कराब 5 साल बाद हो रहे जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है।दोनों पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। कुल 90 विधानसभा सीटों में से नेशनल कॉन्फ्रेंस 51 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस 32 सीटों पर फाइट करेगी, जबकि पांच सीटों पर फ्रेंडली फाइट होगी। इसके अलावा दो सीट सहयोगी दल सीपीआईएम और पैंथर्स के लिए छोड़ी गई है।

दिल्ली शराब घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने के. कविता को दी जमानत, 5 माह से जेल में हैं बंद

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दिल्ली आबकारी नीति मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बीआरएस नेता के कविता को जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ दी गई जमानत के साथ कुछ शर्तें भी लगाई हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी से भी कई सवाल उठाए हैं। जमानत का आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी को भी फटकार लगाई और उनकी जांच के तरीके पर सवाल उठाए। आपको बताते चलें कि के कविता को 15 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। कविता तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर की बेटी हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें हाईकोर्ट ने के. कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने के. कविता को दोनों मामलों में 10-10 लाख रुपये का जमानत बांड भरने, गवाहों से छेड़छाड़ न करने और गवाहों को प्रभावित न करने की शर्त पर जमानत देने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति बीआर गवई, केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों ईडी और सीबीआई से पूछा कि उनके पास के कविता के कथित घोटाले में शामिल होने के क्या सबूत हैं और जो सबूत हैं वो अदालत को दिखाएं।

एडवोकेट मुकुल रोहतगी के. कविता की ओर से पेश हुए।सुनवाई के दौरान एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने दलील देते हुए कहा कि के. कविता अभी विधायक है, सीबीआई और ईडी मामले में जांच पूरी हो चुकी है। दोनों मामलों में गवाहों की कुल संख्या 493 है और दस्तावेजों की कुल संख्या करीब 50,000 पन्नों की है। वह एक पूर्व सांसद हैं और इस बात की कोई संभावना नहीं है कि वह न्याय से भागकर कहीं चली जाएंगी।

रोहतगी ने आगे कहा कि इस मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत मिल चुकी है। सामान्य तौर पर महिलाओं को जमानत मिल जाती है। इस पर बेंच ने कहा कि आप कोई कमज़ोर महिला नहीं हैं। इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि आप एमएलए हैं या एमएलसी। आरोप है कि साउथ लॉबी से 100 करोड़ रुपये दिल्ली भेजे गए, लेकिन कोई रिकवरी नहीं हुई। मैंने कोई फोन फॉर्मेट नहीं किया है, जैसा आरोप लगाया जा रहा है।

इस पर एएसजी राजू ने अपनी दलील देते हुए कहा कि कविता का व्यवहार सबूतों से छेड़छाड़ करने और गवाहों को धमकाने जैसा रहा है। इनके फोन की जांच करने पर पता चला कि उसमें कोई डेटा नहीं था। इस पर बेंच ने कहा कि लोग मैसेज डिलीट कर देते हैं। मुझे भी डिलीट करने की आदत है। एएसजी राजू ने बेंच से आगे कहा कि लोग मैसेज डिलीट करते हैं, पूरा फ़ोन फ़ॉर्मेट नहीं करते।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फोन फॉर्मेट करना और सबूत मिटाना दोनों अलग-अलग बातें है। आप साबित करिए कि उन्होंने सबूत मिटाए है। जांच पूरी हो चुकी है, आरोपत्र दाखिल हो चुके है। इस मामले में 493 गवाह है। वो महिला हैं। उनको जमानत क्यों नहीं दी जाए? इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बीआरेस नेता के. कविता को ईडी और सीबीआई दोनों मामलों में जमानत दे दी।

श्रद्धा कपूर ने छुड़ाए सलमान से लेकर शाहरुख खान तक के पसीने! बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा रही ‘स्त्री 2’, बना दिए कई बड़े रिकॉर्ड

श्रद्धा कपूर और राजकुमार राव की हॉरर-कॉमेडी फिल्म ‘स्त्री 2’ का दुनियाभर के बॉक्स-ऑफिस पर कहर जारी है. साल 2024 की शुरुआत से ही फिल्म इंडस्ट्री के बॉक्स ऑफिस पर सूखे पत्ते फैले हुए थे. फिर 15 अगस्त को थिएटर में आंधी की तरह आई… ‘स्त्री 2’, जो अपने साथ इन पत्तों को उड़ा के ले गई. ‘स्त्री 2’ ने बॉक्स ऑफिस पर नोटों की ऐसी बारिश की है, जो कि थमने का नाम नहीं ले रही है. फिल्म अब तक भारत में 400 करोड़ से ज्यादा का केलेक्शन कर चुकी है. हाल ही में उसके दूसरे हफ्ते के वीकेंड का बॉक्स आफिस कलेक्शन सामने आया है. फिल्म की इस कमाई ने एक बार फिर एक नया रिकॉर्ड कायम कर लिया है.

‘स्त्री 2’ की सक्सेस से हर कोई वाकिफ है, इसने रिलीज के बाद से ही कई बड़ी फिल्मों का रिकॉर्ड तोड़ा है. इस फिल्म ने 386 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई कर ली है. हाल ही में फिल्म क्रिटिक्स तरण आदर्श ने अपने एक्स अकाउंट पर इस फिल्म के नए रिकॉर्ड के बारे में पोस्ट किया है. उन्होंने बताया कि ‘स्त्री 2’ ने अपने रिलीज के दूसरे वीकेंड में ‘गदर 2’, ‘एनिमल’, ‘जवान’, ‘बाहुबली 2 (हिंदी)’, ‘दंगल’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों को पछाड़ दिया है. श्रद्धा कपूर, राजकुमार राव स्टारर इस फिल्म ने काफी तारीफें बटोरी हैं. इस फिल्म में अक्षय कुमार, तमन्ना भाटिया और वरुण धवन ने कैमियो किया है, जिसने फिल्म में चार चांद लगा दिया है.

तरण ने अपने पोस्ट के जरिए बताया है कि ‘स्त्री 2’ ने दूसरे वीकेंड में इतिहास रच दिया है. इस फिल्म ने दूसरे शुक्रवार से रविवार के बीच 93 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की है. इतनी कमाई अभी तक बहुत कम फिल्मों ने की है. अक्सर फिल्में दूसरे हफ्ते में जाते हुए कमाई के मामले में ढीली पड़ जाती हैं, लेकिन ‘स्त्री 2’ इस मामले में कई फिल्मों से आगे निकल गई है. तरण ने इस फिल्म का रिव्यू देते हुए इसे 4.5 की रेटिंग दी थी. इस फिल्म ने हॉरर और कॉमेडी दोनों ही एलिमेंट का बैलेंस रखा है.

तरण ने ‘स्त्री 2’ के डायरेक्टर अमर कौशिक के बारे में बात करते हुए कहा कि हॉरर और कॉमेडी एलिमेंट को एक साथ इस्तेमाल करना मुश्किल होता है, लेकिन उन्होंने फिल्म में एक भी बीट को मिस नहीं किया है. तरण ने पहले ही कहा था कि ये फिल्म सुनामी लेकर आएगी. 15 अगस्त को तीन फिल्में रिलीज हुई, जिसमें ‘स्त्री 2’, ‘खेल-खेल में’ और ‘वेदा’ शामिल हैं. सभी फिल्मों में से सबसे शानदार कलेक्शन ‘स्त्री 2’ का है. पहले की फिल्मों की बात करें तो, अभी तक ‘गदर 2’ ने अपने दूसरे वीकेंड में सबसे ज्यादा कमाई की थी. लेकिन अब ‘स्त्री 2’ उससे आगे निकल गई है. आइए देखें कि ‘स्त्री 2’ ने किन-किन फिल्मों को पछाड़ा है.

दूसरे वीकेंड में सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्में-

स्त्री 2 – 93.85 करोड़ रुपए

गदर 2 – 90.47 करोड़ रुपए

एनिमल – 87.56 करोड़ रुपए

जवान – 82.46 करोड़ रुपए

बाहुबली 2 (हिंदी) – 80.75 करोड़ रुपए

दंगल – 73.70 करोड़ रुपए

द कश्मीर फाइल्स – 70.15 करोड़ रुपए

पठान – 63.50 करोड़ रुपए

संजू – 62.97 करोड़ रुपए

बजरंगी भाईजान – 56.10 करोड़ रुपए

द केरला स्टोरी – 55.60 करोड़ रुपए

केजीएफ 2 – 52.49 करोड़ रुपए

भारत में बैन होगा टेलीग्राम? CEO की गिरफ्तारी के बाद एक्शन मोड में भारत सरकार, मंत्रालय ने मांगी स्टेट्स रिपोर्ट

हाल ही में फ्रांस ने टेलीग्राम के सीईओ पावेल डुरोव को गिरफ्तार किया है. रूस में जन्मे डुरोव पर फ्रांसीसी सरकार ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनके साबित होने पर 20 साल की जेल की सजा हो सकती है. भारत सरकार भी टेलीग्राम के खिलाफ एक्शन मोड में आ गई है. केंद्र सरकार डुरोव के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ कदम उठाने की तैयारी कर रही है. कार्रवाई के दौरान अगर सरकार को सही लगा तो टेलीग्राम ऐप को भारत में बैन भी किया जा सकता है.

सरकार जानना चाहती है कि क्या इस ऐप का इस्तेमाल क्रिमिनल एक्टिविटीज में हो रहा है, जिसमें Extortion और Gambling आदि शामिल है. यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स से मिली है. रिपोर्ट्स में दावा किया है कि अगर ये जांच में दोषी पाया जाता है, तो इस पर बैन तक लग सकता है. भारत में यह जांच गृह मंत्रालय और मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रोनिक्स एंड इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी के तहत काम करने वाली एजेंसी Indian Cybercrime Coordination Centre (I4C) शुरू कर सकती है. Telegram के भारत में करीब 5 मिलियन रजिस्टर्ड यूजर्स हैं, ऐसे में पता चलता है कि इसका इस्तेमाल बड़े स्तर पर किया जाता है.

पावेल दुरोव पर आरोप है कि उनके मंच का इस्तेमाल काले धन को सफेद करने और ड्रग तस्करी जैसे अपराधों के लिए किया गया था. रिपोर्टों के मुताबिक, फ्रांस और रूस की दोहरी नागरिकता रखने वाले 39 वर्षीय दुरोव को शनिवार को अजरबैजान से फ्रांस में उतरने के बाद पेरिस-ले बॉर्गेट हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया. इस बीच, सूत्रों ने बताया कि फ्रांस के घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए आईटी मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से टेलीग्राम के खिलाफ लंबित शिकायतों की जांच करने और संभावित कार्रवाई के बारे में गौर करने को कहा है.

भारत सरकार की जांच गृह मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeetY) द्वारा की जा रही है. इस बात को जाहिर तौर पर कोई नहीं झुठला सकता कि टेलीग्राम की भूमिका वक्त-वक्त पर कई गलत गतिविधियों में देखी गई है. ऐसे में प्लेटफॉर्म बैन करने का सरकार के लिए कोई बड़ी बात भी नहीं है, भारत में टेलीग्राम का भविष्य जांच एजेंसियों की शुरुआती जांच पर निर्भर करेगा. टेलीग्राम की प्राइवेसी भी कई बार सवालों के घेरे में आ चुकी है

यूपी के गोंडा में स्कूल जा रही 2 छात्राओं का बदमाशों ने किया अपहरण, फिर दोनों के साथ किया सामूहिक दुष्कर्म

उत्तर प्रदेश के गोंडा में घर से स्कूल जा रही दो छात्राओं को स्कूल के गेट से अगवा कर चार आरोपी उसकी आबरू लूट लिया. खोड़ारे थानाक्षेत्र में दो छात्राओं को स्कूल गेट से अगवा करके सामूहिक दुष्कर्म किया. पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर दो नामजद सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है.

खोड़ारे थानाक्षेत्र में पुलिस चौकी गौरा चौकी के दो अलग-अलग गांवों की छात्राओं के परिजनों ने पुलिस को सामूहिक तहरीर देते हुए बताया है कि 24 अगस्त की सुबह मेरी 13 वर्षीय लड़की और 16 वर्षीय सहेली के साथ क्षेत्र के निजी स्कूल में पढ़ने गई थी. इसी दौरान स्कूल के बाहर से ही आरोपी अनस और उसके दोस्त शादाब अपने दो साथियों के साथ मिलकर दोनों को अपहरण कर लिया.

पुलिस ने पीड़ित परिजनों की तहरीर पर अपहरण, गैंगरेप सहित पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. थाना प्रभारी सर्वजीत गुप्ता ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर अनस पुत्र अबुल कलाम व शादाब अहमद पुत्र सोहराब को पकड़ लिया गया है. घटना में प्रयुक्त बाइक भी बरामद कर ली गई है. सीओ मनकापुर आरके सिंह ने बताया कि मामले के अन्य दोनों आरोपियों की तलाश की जा रही है.

कोलकाता में नबन्ना मार्च के दौरान बवाल, प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज

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कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बलात्कार-हत्या मामले को लेकर 'नबान्न अभियान' के दौरान जमकर बवाल हो रहा है। पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन (पानी की बौछारें) भी की है। पुलिस ने हावड़ा ब्रिज से कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया

नबान्न अभियान’ मार्च निकालते हुए प्रदर्शनकारी हावड़ा के संतरागाछी में पुलिस बैरिकेड्स पर चढ़ गए और बैरिकेड्स तोड़ दिए। कई जगहों पर पुलिस द्वार वाटर कैनन से पानी की बौछार करने के बाद भी प्रदर्शकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स को खींचकर हटा दिया और ‘नबन्ना अभियान’ मार्च निकाला।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की दरिंदगी से रेप के बाद हत्या करने के मामले में छात्र संगठनों ने राज्य सचिवालय 'नाबन्ना' का घेराव करने का ऐलान किया था। उन्हें रोकने के लिए 19 जगह बेरीकेडिंग की गई थी और 6,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। इसके बावजूद छात्र पीछे हटने को तैयार नहीं थे। कोलकाता पुलिस ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि छात्रों की भावनाएं भड़काकर पुलिस को उकसाने वाली कार्रवाई करने की साजिश रची जा रही है। ऐसे में हिंसक टकराव हो सकता है। इस बयान के बाद आशंका थी कि कोलकाता पुलिस छात्रों के आगे बढ़ने पर कड़ी कार्रवाई कर सकती है, जिससे प्रदर्शन उग्र हो सकता है। यही हुआ है।

छात्रों का यह आंदोलन एक फेसबुक पोस्ट से शुरू हुआ है, जिसे कल्याणी विश्वविद्यालय के छात्र शुभंकर हलदर और सयान लाहिड़ी तथा रवीन्द्रभारती विश्वविद्यालय के छात्र प्रबीर दास ने बुलाया है। पूरे आंदोलन को गैरराजनीतिक बताने वाले छात्र मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इस्तीफा मांग रहे हैं। साथ ही ट्रेनी डॉक्टर का रेप के बाद मर्डर करने वाले आरोपी के लिए मृत्यु दंड और पीड़िता डॉक्टर अभया (बदला हुआ नाम) के लिए न्याय की मांग की जा रही है। कोलकाता पुलिस ने फेसबुक पोस्ट करने वाले इन तीनों छात्र नेताओं समेत कुल 4 छात्र नेता हिरासत में लिए हैं। इससे प्रोटेस्ट और ज्यादा भड़क गया है।

मेटा सीईओ मार्क जकरबर्ग का बाइडेन सरकार पर बड़ा आरोप, बोले-कंटेंट सेंसर के लिए मेटा पर बार-बार दबाव डाला

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अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। इससे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मेटा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने बाइडन-कमला हैरिस प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया है।अमेरिकी कांग्रेस को लिखे एक लेटर में उन्‍होंने कहा है कि जो बाइडेन के नेतृत्व वाली अमेरिकी सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कुछ खास कंटेंट को सेंसर करने के लिए मेटा पर बार-बार दबाव डाला।

मार्क इलियट जकरबर्ग कहा कि उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर कुछ बदलाव तो करने ही पड़े। जकरबर्ग ने ये भी कहा कि उन्हें इस बारे में आउटस्पोकन न होने यानी और अधिक मुखर न होने का अफसोस है। उन्होंने कहा कि साल 2021 में वाइट हाउस समेत बाइडन प्रशासन के सीनियर अधिकारियों ने ह्यूमर और सैटायर समेत कुछ कोविड-19 से जुड़े मटीरियल को सेंसर करने के लिए हम पर महीनों तक दबाव डाला। जब हम इस पर सहमत नहीं हुए तो उन्होंने इसे लेकर अपनी निराशा भी व्यक्त की थी।

जुकरबर्ग ने कहा कि आखिरकार यह हमारा फैसला था कि कंटेंट को हटाना है या नहीं। हमारे फैसलों के लिए हम ही जिम्मेदार हैं। जुकरबर्ग ने पत्र में लिखा 'मेरा मानना है कि सरकार का दबाव गलत था, और मुझे खेद है कि हम इस बारे में अधिक मुखर नहीं थे। मुझे दृढ़ता से लगता है कि हमें किसी भी दशा में किसी भी प्रशासन के दबाव के कारण अपने कंटेंट मानकों से समझौता नहीं करना चाहिए और अगर ऐसा कुछ फिर से होता है तो हम पीछे हटने के लिए तैयार हैं।'

मेटा सीईओ ने पत्र में एफबीआई की उस चेतावनी पर भी बात की, जिसमें साल 2020 के राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले बाइडेन परिवार और बरसीमा के बारे में रूस के संभावित दुष्प्रचार अभियान की बात की गई थी। जुकरबर्ग ने कहा,'उस साल विंटर सीजन में जब हमने न्यूयॉर्क पोस्ट में तत्कालीन डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन के परिवार से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों की रिपोर्ट देखी, तो हमने उस स्टोरी को फैक्ट चेकर्स के पास समीक्षा के लिए भेजा और जवाब की प्रतीक्षा करते हुए उसे अस्थायी रूप से हटा दिया था। उन्होंने आगे लिखा, बाद में यह रिपोर्टिंग रूसी दुष्प्रचार नहीं निकली थी। पलटकर देखें तो हमें इस स्टोरी को डाउन नहीं करना चाहिए था। हमने अपनी नीतियों और प्रक्रियाओं में बदलाव किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसा दोबारा न हो।

जम्मू कश्मीर में भी किस्मत आजमाएंगे केजरीवाल, AAP ने की 7 उम्मीदवारों की घोषणा

दिल्ली और पंजाब की सत्ताधारी पार्टी, आम आदमी पार्टी (AAP) ने रविवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए सात उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची की घोषणा कर दी है। AAP ने पुलवामा से फैयाज अहमद सोफी, राजपोरा से मुद्दसिर हसन और देवसर से शेख फिदा हुसैन को मैदान में उतारा है। मोहसिन शफकत मीर को डूरू, मेहराज दीन मलिक को डोडा, यासिर शफी मट्टो को डोडा पश्चिम और मुसस्सिर अजमत मीर को बनिहाल से उम्मीदवार बनाया गया है।

उल्लेखनीय है कि, यह पहली बार होगा जब आप राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ेगी, जो 18, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में होने वाला है। इस बीच, गुलाम नबी आज़ाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (DPAP) ने भी 13 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची की घोषणा की। DPAP की ओर से जारी एक पोस्ट में कहा गया, "विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा कर रहे हैं। उन्हें हमारी शुभकामनाएं, क्योंकि वे हमारे लोगों की सेवा और प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार हैं!" वहीं, कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों के लिए फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के साथ गठबंधन किया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे की नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात के तुरंत बाद चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा की गई। बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस-एनसी गठबंधन विधानसभा चुनाव में सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। बता दें कि, अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा।

खड़गे परिवार को कैसे मिल गई डिफेंस एयरोस्पेस की जमीन ? विवादों में आई कर्नाटक सरकार तो मंत्री ने दिए ये तर्क

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार एक बार फिर विवादों में घिर गई है। वाल्मीकि घोटाला और MUDA घोटाले के बाद अब राज्य सरकार पर जमीन आवंटन में गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं, जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे राहुल खड़गे को फायदा पहुंचाने की बात कही जा रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद लाहर सिंह सिरोया ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (KIADB) की साइट नियमों के खिलाफ राहुल खड़गे को आवंटित की गई है।

सिरोया ने दावा किया कि बेंगलुरु के पास हाईटेक डिफेंस एयरोस्पेस पार्क में 5 एकड़ जमीन सिद्धार्थ विहार एजुकेशन ट्रस्ट को आवंटित की गई है, जिसका नेतृत्व राहुल खड़गे करते हैं। सिरोया ने कहा कि खड़गे परिवार द्वारा संचालित इस ट्रस्ट को SC कोटे के तहत यह जमीन मिली है, जो कि नियमों के खिलाफ है। उन्होंने सवाल उठाया कि उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने मार्च 2024 में इस आवंटन की अनुमति कैसे दी और पुछा कि खड़गे परिवार कब एयरोस्पेस उद्यमी बने ? बता दें कि सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट के ट्रस्टियों में मल्लिकार्जुन खड़गे, उनकी पत्नी राधाबाई खड़गे, उनके दामाद राधाकृष्ण डोड्डामणि, बेटे और कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे और राहुल खड़गे शामिल हैं। सिरोया ने इस मामले से जुड़े दस्तावेज भी पेश किए हैं और इसे सत्ता का दुरुपयोग, भाई-भतीजावाद और हितों के टकराव का मामला करार दिया है।

वहीं, कर्नाटक कांग्रेस के मंत्री एमबी पाटिल ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि जमीन आवंटन में कोई नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि साइट को निर्धारित मूल्य पर बिना किसी छूट के आवंटित किया गया है और यह आवंटन राज्य स्तरीय समिति की सिफारिशों के आधार पर हुआ है। पाटिल के अनुसार, राहुल खड़गे IIT ग्रेजुएट हैं और वे इस जमीन पर रिसर्च और डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करना चाहते हैं, जो KIADB के मानदंडों के अनुसार सही है। मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने भी सिरोया के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आवंटित स्थल औद्योगिक नहीं, बल्कि शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ट्रस्ट का इरादा मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने का है, जो कि पूरी तरह से वैध है।

एमपी के श्योपुर जिले में मटकी फोड़ने के लिए भीड़ के सामने परंपरा के नाम पर बंदूक से दागी गईं अनगिनत गोलियां, बेखबर रही पुलिस मध्यप्रदेश स

 मध्यप्रदेश से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ एक गांव में मटकी फोड़ने के लिए लोगों ने बंदूकों से अंधाधुंध गोलियां चलाईं। हैरान करने वाली बात यह है कि सैकड़ों लोगों की भीड़ की उपस्थिति में, परंपरा के नाम पर यह गोलीबारी की गई। इस के चलते कोई भी अनहोनी हो सकती थी, मगर पुलिस एवं प्रशासन इस पूरे मामले से बेखबर रहे। सोशल मीडिया पर अब इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है। पुलिस का कहना है कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है तथा वे अपनी सफाई में यही तर्क दे रहे हैं।

वायरल वीडियो श्योपुर जिले के विजयपुर क्षेत्र के इकलौद गांव का है, जहां प्रत्येक वर्ष रक्षाबंधन के मौके पर मटकी फोड़ प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। इस प्रतियोगिता में जवान, बुजुर्ग एवं यहां तक कि कई नाबालिग भी हिस्सा लेते हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि नदी में रखी मटकियों को बंदूकों से निशाना बनाया जा रहा है। इस प्रतियोगिता में कई बंदूकधारी लोग भी सम्मिलित होते हैं। 19 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन इकलौद गांव में क्वारी नदी के किनारे मटकी फोड़ प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। यहां परंपरा के मुताबिक, मटकी को लाठी-डंडे या नारियल से नहीं, बल्कि बंदूक की गोली से फोड़ा जाता है। इस बार भी नदी में 5 मटकियां रखी गईं, जिन पर पंचायत की ओर से इनाम भी रखा गया। तत्पश्चात, मटकी फोड़ने के लिए अंधाधुंध गोलीबारी की गई, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

गौरतलब है कि हर्ष फायरिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। इसके बाद भी विजयपुर के इकलौद गांव में पुरानी परंपरा के नाम पर गोलियां चलाई गईं। अब जिम्मेदार अफसर मामले से अनजान होने का दावा कर रहे हैं। विजयपुर अनुभाग के SDOP पीएन गोयल ने बताया कि वीडियो उनके संज्ञान में नहीं आया है तथा न ही उन्हें किसी प्रतियोगिता की जानकारी है। उन्हें इस बारे में मीडिया से पता चला है। यदि ऐसा कोई वीडियो वायरल हुआ है, तो वे इसे दिखवाएंगे तथा मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।