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पत्नी गईं मायके इधर पति प्रेमिका संग पकड़ाया, ग्रामीणों ने करवा दी शादी रात को प्रेमिका से मिलने उसके घर जाना शिक्षक को पड़ा भारी





सरकारी शिक्षक को लड़की के संग लोगों ने रंगे हाथों पकड़ लिया और हो हंगामे के बीच दोनों की शादी पास के ही मंदिर ले जाकर करा दी गईं. ग्रामीण ये पहले से जानते थे कि शिक्षक पहले से ही शादीशुदा हैं। जिससे उसके दो बच्चे भी हैं। पूरा मामला के.नगर थाना क्षेत्र के परोरा पंचायत के वार्ड 8 के बेलघट्टी गांव के आदिवासी टोला की है। शादीशुदा शिक्षक का अफेयर इसी गांव के आदिवासी टोले की रहने वाली सबिता कुमारी से चल रहा था। लड़की से मिलने गये शिक्षक को ग्रामीणों ने रंगे हाथ पकड़ लिया और ग्रामीणों के द्वारा पूरी वारदात को कैमरा में कैद कर लिया और वीडियो वायरल हो गया इस वीडियो में शिक्षक भगवान भोलेनाथ के मंदिर में लड़की के मांग में सिंदूर भरता दिखाई दे रहा है। लड़का पेशे से सरकारी शिक्षक हैं

     लड़के की पहचान के.नगर के परोरा पंचायत के वार्ड 12 के रहने वाले वैद्यनाथ पासवान के पुत्र शेखर पासवान उर्फ राजेश कुमार के रूप में हुई है। राजेश झून्नी इस्तंबरार पंचायत के मध्य विद्यालय बेगमपुर खाता में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। जबकि उसके पिता वैद्यनाथ पासवान PDS डीलर हैं। पुरे मामले का पता लगाने पत्रकार की टीम आदिवासी टोला गांव स्थित उसी शिव मंदिर में पहुंची। जहां कुछ लोगों ने कुछ भी कहने से साफ मना कर दिया। स्थानीय कुछ लोगों ने बताया की दोनों के बीच पिछले 6 से 7 साल से अफेयर चल रहा था। वो अक्सर उससे मिलने आया करता था। इससे लड़की के घर वाले और आस पड़ोस के ग्रामीण काफी परेशान थे। लोगों ने यह भी बताया की लडके ने लड़की को जमीन खरीदने के लिए रुपया भी दिया था. कुछ ही दिनों पहले ही ख़रीदे गये जमीन को घेरा बंदी किया था, दोनों रात गए करीब 10 बजे इसी जगह मिलने पहुंचे थे। कुछ देर बाद ही उसके घर वाले वहां आ पहुंचे।

        हंगामा होने पर लोगों की भीड़ जुट गई। घंटे भर के हंगामे के बाद दोनों को गांव के शिव मंदिर में लाया गया और फिर शिक्षक से जबरन लड़की की मांग भरवा दी। ज़ब वारदात की जानकारी लेने शिक्षक लडके के घर के.नगर के परोरा पंचायत के वार्ड 12 स्थित घर पहुंचे तो माँ ने जो सच्चाई बताई उसे सुन आपके भी होश उड़ जायेंगे, मां बिंदू देवी ने बताई की लड़की के घर वाले काफी साल पहले उनके यहां से राशन लेने आते थे। लड़की और लड़की के परिवार वालों को पता था कि लड़का सरकारी शिक्षक और पिता पीडीएस डीलर। लड़की से वो कैसे संपर्क में आया उन्हें इस बात की कोई जानकारी नही थी, हंगामा के बाद परिवार वालों को पता चला कि दोनों के बीच अफेयर चल रहा था। माँ ने बताया की मेरा बेटा पहले से शादीशुदा है, दो बच्चे भी हैं. किसी भी कीमत पर लड़की को एक्सेप्ट नहीं कर सकते हैं. लड़के के माँ ने बताया की जब बहु रक्षा बंधन पर तीन दिन पहले ही अपने मायके गई थी इसी बीच इस तरह का हंगामा हुआ हैं । इस घटना के बाद से उनके घर में कलह और अशांति फैल गई है। वही पूरी घटना की जानकारी लेने के लिए लड़की वालों के घर पर पहुंचे तो घर में सबिता की दीदी और पिता राजू सोरेन मिले । मगर कुछ बताने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने इतना ही बताया कि दोनों के बीच 7 साल से अफेयर चल रहा था। लड़का उससे मिलने घर भी आया करता था। इसी को देखते हुए उनकी शादी कराई गई हैं । पूरी घटना के बाद से परिवार में हाहाकार मचा हुआ हैं.
आईएमए के बयान का सांसद पप्पू यादव ने किया निंदा


पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव द्वारा पिछले दिनों डॉक्टर के हड़ताल को लेकर दिए गए बयान पर आईएमए बिहार ने 19 अगस्त को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। आईएमए ने सांसद पप्पू यादव के बयान को दुर्भावनापूर्ण, अवांछित और अपमानजनक टिप्पणी बताते हुए इसकी भर्तस्ना की थी। साथ ही लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखने की बात कही थी। इस बाबत पूछे जाने पर पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने एक बार फिर कहा कि वह अच्छे डॉक्टर के पक्ष में है। लेकिन जो डॉक्टर गलत करते हैं नर्स और मरीजों के साथ छेड़खानी और रेप करते हैं । फर्जी नर्सिंग होम चलाकर मरीजों का शोषण करते हैं । वैसे डॉक्टर के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर की इस हड़ताल के कारण 16 लोगों की मौत हो गई उसका जिम्मेदार कौन है ।

         उन्होंने कोलकाता मेडिकल कॉलेज में युवा डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के बाबत कहा कि वहां के ड्रग्स माफिया और अधीक्षक ने मिलकर यह काम किया है । उसपर कार्रवाई क्यों नहीं । जब सीबीआई जांच कर रही है तो फिर हड़ताल क्यों । उन्होंने कहा की अच्छे डॉक्टर का सम्मान करते हैं । लेकिन जो डॉक्टर जनता का शोषण करेंगे उससे वह कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसके लिए जंग होगी। उन्होंने कहा कि वह डॉक्टर से डरते नहीं है। उन्हें डॉक्टर के वोट की जरूरत नहीं है । इसके लिए उन्होंने खुलेआम जंग का ऐलान किया ।
विशेष भूमि सर्वे को लेकर झुंनी इस्तेम्बरार में हुआ आमसभा का आयोजन सर्वे के सभी पहलुओं पर किया चर्चा

विशेष भूमि सर्वे को लेकर झुंनी इस्तेम्बरार में हुआ आमसभा का आयोजन सर्वे के सभी पहलुओं पर किया चर्चा. केनगर प्रखंड क्षेत्र के झुंनी इस्तेम्बरार पंचायत के पंचायत मनरेगा भवन में मुखिया संजीदा खातून की अध्यक्षता में विशेष सर्वेक्षण को लेकर आम सभा का आयोजन किया गया। इसमें पंचायत प्रतिनिधियों व आम जनता की उपस्थिति में विशेष सर्वेक्षण कानूनगो पदाधिकारी अरुण कुमार ने लोगों को सर्वेक्षण से संबंधित जानकारी दी।
      साथ ही कहा कि सर्वेक्षण को लेकर जिस कागजात की आवश्यकता है, उसे तैयार कर लें। साथ ही जमीन के कागजों की त्रुटि में अंचल कार्यालय और राजस्व कर्मचारी से मिलकर सुधार करा लें। सर्वेक्षण कार्य की प्रक्रिया पंचायत में आज से शुरू हो गयी है। इसलिए सभी लोग कागजात ठीक करा लें। उन्होंने बताया कि 1903 ईस्वी एवं 1904 ईस्वी में जो सर्वे हुआ था उनको एस०सी सर्वे कहा जाता था और 1953, 1954 ईसवी में जो सर्वे हुआ उसको आर०एस सर्वे कहा जाता है। आज तक इन्ही दोनों सर्वे से भूमि का खरीद बिक्री चला आ रहा था। इन दोनों सर्वे में बहुत सारी चीजों में कमी मिल रही थी। इसलिए हर दिन कहीं ना कहीं विवाद का जड़ बनता था। इसलिए बिहार सरकार ने विवाद खत्म करने और इंसाफ दिलाने के लिए नए रूप से सर्वे करने का कदम उठाया है। बैठक में उपस्थित अमीन प्रवेश कुमार के द्वारा सभी रैयतों से सर्वे कार्य में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने का अनुरोध किया गया।

         वही मुखिया प्रतिनिधि इरशाद पुर्नवी ने कहा कि पूरे बिहार में 20 अगस्त से भूमि सर्वे का कार्य प्रारंभ हो रहा है। जिसको लेकर हमारे पंचायत झुंनी इस्तेम्बरार में आज आमसभा का आयोजन किया गया। जिसमें उपस्थित रैयतदारों के साथ आम लोगों को सर्वे कार्य में लगे कानूनगो एवं अमीन के द्वारा सभी पहलुओं पर चर्चा की और रैयतों के सवाल का समुचित जवाब देकर उनके दुविधाओं को दूर किया गया। इस सर्वे से भूमि विवाद का निपटारा हो जाएगा। इस आमसभा में सर्वे कार्य मे लगे अमीन कृति कुमारी, परवेश कुमार के साथ उपमुखिया परवेज आलम सरपंच सदानंद मरांडी के साथ सभी पंच एवं सभी वार्ड सदस्य उपस्थित थे।
स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की हुई प्रसव पूर्व जांच


स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की हुई प्रसव पूर्व जांच -जटिल गर्भवती महिलाओं की विशेष जांच के लिए हर माह 21 तारीख को चलाया जाता है अभियान -संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव के लिए संबंधित महिलाओं और परिजनों को दी गई जानकारी -नियमित जांच एवं संस्थागत प्रसव से स्वास्थ्य और सुरक्षित रहेंगे माँ और नवजात शिशु पूर्णिया, 21 अगस्त गर्भावस्था के दौरान माँ और होने वाले बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर महीने के 09 और 21 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जाता है। इस दौरान सभी गर्भवती महिलाओं का विशेष रूप से प्रसव पूर्व जांच करते हुए उन्हें आवश्यक मेडिकल सहायता और परामर्श चिकित्सकों द्वारा दिया जाता है। बुधवार को भी जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच करते हुए उन्हें मेडिकल सहायता प्रदान की गई। इस दौरान संबंधित महिलाओं और उनके परिजनों को गर्भावस्था के दौरान ध्यान रखने वाले सुविधाओं की जानकारी देते हुए मां और बच्चे के बेहतर स्वास्थ के लिए आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराई गई। जटिल गर्भवती महिलाओं की विशेष जांच के लिए हर माह 21 तारीख को चलाया जाता है अभियान :

     प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर महीने के 09 तारीख को सभी स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की जांच सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं की जांच करते हुए महिला चिकित्सकों द्वारा उनके और होने वाले बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी सुविधा की जांच करते हुए उन्हें मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। जांच में जटिल अवस्था में पाए जाने वाले गर्भवती महिलाओं को विशेष जांच सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसके लिए हर महीने 21 तारीख को सभी स्वास्थ्य केंद्रों में जटिल अवस्था में में होने वाले गर्भवती महिलाओं को विशेष जांच करते हुए उन्हें मेडिकल सहायता प्रदान की जाती है। अतिरिक्त जांच सुनिश्चित करने से माँ और होने वाले बच्चे की स्वस्थ अवस्था को चिकित्सकों द्वारा संतुलित रखा जाता है जिससे कि प्रसव के दौरान माँ और बच्चा बिल्कुल स्वास्थ और तंदुरुस्त रह सके। संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव के लिए संबंधित महिलाओं और परिजनों को दी गई जानकारी : शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र माता चौक की प्रभारी चिकित्सक डॉ अरविंद कुमार ने कहा कि अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की जांच और मेडिकल सहायता प्रदान करते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों द्वारा संबंधित महिलाओं और उनके परिजनों को माँ और बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए संस्थागत प्रसव के लिए जागरूक किया जाता है।

        लोगों को बताया जाता है कि जन्म के दौरान माँ और बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए चिकित्सकों की निगरानी आवश्यक है। संस्थागत प्रसव कराने से चिकित्सकों द्वारा इसका विशेष ध्यान रखते हुए माँ और बच्चे को जरूरत के अनुसार मेडिकल सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जाती है जिससे कि माँ और बच्चे किसी भी बीमारी ग्रसित होने से सुरक्षित हो सकते हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं का प्रसव नजदीकी अस्पताल में चिकित्सकों की निगरानी में ही करवाना आवश्यक है। प्रसव पीड़ा होने से पहले ही इसके लिए सभी लोगों को जागरूक रहने के जरूरत है। इसके लिए नजदीकी आशा को जानकारी देते हुए समय पर अस्पताल पहुँचने के लिए एम्बुलेंस या निजी वाहन को तैयार रखना चाहिए ताकि समय पर गर्भवती महिला को अस्पताल लाया जा सके। वहां चिकित्सकों की निगरानी में प्रसव होने से माँ और बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए उन्होंने समय पर मेडिकल सहायता प्रदान करते हुए दोनों को स्वस्थ रखा जा सके। नियमित जांच एवं संस्थागत प्रसव से स्वास्थ्य और सुरक्षित रहेंगे माँ और नवजात शिशु : सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान नियमित जांच कराने से माँ और होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त हो सकता है। इसमें कमी पाए जाने पर उसे चिकित्सकों की निगरानी में मेडिकल सहायता और परामर्श देते हुए सुरक्षित किया जाता है। इसके साथ साथ संस्थागत प्रसव कराने से जन्म के बाद बच्चे को जरूरत के अनुसार सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। जन्म के बाद चिकित्सकों द्वारा बच्चे को एक घंटे के भीतर माँ का दूध उपलब्ध कराई जाती है जो बच्चे के लिए अमृत के समान होता है। यह बच्चा को विभिन्न बीमारियों के ग्रसित होने से सुरक्षित रखता है। इसके लिए सभी को संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करना चाहिए ताकि चिकित्सकों की देखरेख में गर्भवती महिला और बच्चे के स्वास्थ का जन्म के बाद से ध्यान रखा जा सके। गर्भावस्था में गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच कराने और अस्पताल में संस्थागत प्रसव कराने से माँ और बच्चे बिल्कुल स्वास्थ रहेंगे और जिले में मां-शिशु मृत्यु दर को कम रखा जा सकेगा।
एससी एसटी अधिकारों के के लिए आयोजित भारत बंद में शामिल हुए पप्पू यादव कहा - अध्यादेश लाकर क्रीमी लेयर को करें खत्म


एससी एसटी अधिकारों के के लिए आयोजित भारत बंद में शामिल हुए पप्पू यादव कहा - अध्यादेश लाकर क्रीमी लेयर को करें खत्म पूर्णिया। पूर्णिया सांसद आदरणीय श्री पप्पू यादव जी ने एससी/एसटी आरक्षण के वर्गीकरण के खिलाफ़ और आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आयोजित भारत बंद में सक्रिय रूप से भाग लिया। यह बंद पूर्णिया में आयोजित हुआ, जिसमें पप्पू यादव ने एससी/एसटी समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा और उनके खिलाफ हो रहे अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की। अपने संबोधन में पप्पू यादव ने कहा, "आरक्षण को लेकर सरकार की नीतियां चिंताजनक हैं।
       सरकारी नौकरियों को खत्म कर निजी नौकरियों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे आरक्षण का महत्व धीरे-धीरे समाप्त होता जा रहा है। सरकार द्वारा एससी/एसटी आरक्षण के बाद उनके अधिकारों का सही तरीके से मूल्यांकन नहीं किया जा रहा है। इसके बावजूद जब क्रीमी लेयर बैक डोर से लाने की बात की जाती है, तो यह एक अन्यायपूर्ण कदम है।" उन्होंने यह भी कहा, "एससी/एसटी समुदाय की आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति में अभी तक कोई खास सुधार नहीं हुआ है। 1.3% लोगों को भी रोजगार नहीं मिला है, और इस स्थिति में क्रीमी लेयर की बात करना समाज में आपसी नफरत फैलाने जैसा है।
        इससे बचने की जरूरत है।" पप्पू यादव ने जोर देकर कहा कि आज देश के एससी/एसटी, ओबीसी समुदाय की भावना सड़कों पर है, और यह बंद किसी राजनीतिक दल द्वारा आयोजित नहीं किया गया है, बल्कि देश के युवा और छात्र संगठनों द्वारा किया गया है, जिसे वे पूरा समर्थन दे रहे हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह तुरंत अध्यादेश लाकर क्रीमी लेयर को समाप्त करे, ताकि एससी/एसटी समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा की जा सके। इस अवसर पर अफरोज आलम, दिवाकर चौधरी, राजेन्द्र उरांव, संजय सिंह, राजेश यादव, अरुण यादव, डबलू खान, सुडु यादव, कुनाल चौधरी, शंकर सहनी, सुमित यादव समिउललाह दिपांकर चटर्जी, सयुब आलम, मो अरसद, बौवा झा मुनसी यादव,डां जावेद लोग मौजूद रहे।
सांसद पप्पू यादव ने किया रुपौली प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत का दौरा


सांसद पप्पू यादव ने किया रुपौली प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत का दौरा, किया बाढ़ राहत सामग्री का वितरण सिमरा गांव के सुनील शाह से मिले पप्पू यादव, दिया आर्थिक मदद, उनके पुत्र की डूबने से हुई थी मौत रुपौली/पूर्णिया, 20 अगस्त : पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव ने आज रुपौली प्रखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा नाव से किया। इस दौरान उन्होंने कोयली सिमड़ा कोशकीपुर गांव में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और राहत सामग्री का वितरण किया। सांसद यादव ने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को समझा और तत्काल राहत के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।

       इसके अलावा उन्होंने अपनी ओर से बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का वितरण किया। इस सामग्री में खाद्य पदार्थ, पेयजल, दवाइयां और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल थीं। इसके उपरान्त उन्होंने कोयली सिमड़ा पूरब गांव में जनता दर्शन कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। इस अवसर पर स्थानीय सरपंच श्रीमती उषा देवी ने उन्हें पुष्प गुच्छ और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। जनता दर्शन के दौरान, श्री यादव ने स्थानीय लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने कई मुद्दों का मौके पर ही समाधान करने का प्रयास किया और बाकी समस्याओं के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। इस अवसर पर सांसद यादव ने सिमरा गांव के निवासी सुनील शाह से भी मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। श्री शाह के 14 वर्षीय पुत्र दीपक कुमार की कुछ दिन पहले नदी में डूबने से मृत्यु हो गई थी। इस दुखद घटना पर संवेदना व्यक्त करते हुए, श्री यादव ने परिवार को अपनी ओर से 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की।

      श्री पप्पू यादव ने कहा, "बाढ़ से प्रभावित हमारे भाई-बहनों की मदद करना हमारा कर्तव्य है। मैं व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करूंगा कि प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता मिले। साथ ही, हम लंबे समय में बाढ़ नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाएंगे।" सांसद यादव ने कहा कि की कि बाढ़ से राहत और पुनर्वास के लिए प्रभावी योजना तैयार करने की जरूरत है, जिस पर हमने प्रमंडल की बैठक में अधिकारियों से भी कहा था। बाढ़ की समस्या के समाधान के लिए हमने सदन में भी मुद्दा उठाया और सरकार से इसके स्थायी समाधान के लिए आग्रह किया है।
विधायक ने किया सड़क निर्माण का शिलान्यास


पूर्णिया ईस्ट ब्लॉक भोगा करियत पंचायत में सपनी पंचगछिया चौक से झटहा महादलित टोला भाया चसौर टोला तक पक्की सड़क निर्माण कार्य का शिलान्यास सदर विधायक विजय खेमका ने किया | मंडल अध्यक्ष डॉ० मनोज साह, कारी देवी, मंगल पोद्दार, बिमल चौहान, हबीब मुखिया ने श्रीफल तोडा | इस असवर पर विधायक श्री खेमका ने कहा इस सड़क के निर्माण होने से तीन पंचायत के नागरिकों का आवागमन सुगम होगा। विधायक ने कहा भटगामा में नवनिर्मित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में शीघ्र चिकित्सा सेवा प्रारंभ होगी |

         पंचायत में पार्क एवं खेल मैदान के निर्माण हेतु जगह चिन्हित कर लिया गया है | पंचायतों के हर वार्ड में LED लाईट लगाने का कार्य जारी है | श्री खेमका ने कहा एनडीए सरकार की योजना का लाभ हर घर तक पहुँचे इस दिशा में मेरा पूरा प्रयास है | पूर्णिया के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र का सर्वांगिक विकास मेरा संकल्प है | शिलान्यास कार्यक्रम में रविन्द्र मालाकार जयदेव पोद्दार बिरेन्द्र सिंह जोतिष ठाकुर मनोज गोश्वामी महेश चौहान भाजपा बूथ अध्यक्ष सहित स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे |
जिले में 0 से 05 वर्ष के बच्चों के लिए संचालित डायरिया उन्मूलन कार्यक्रम का केंद्रीय टीम ने लिया जायजा


जिले में 0 से 05 वर्ष के बच्चों के लिए संचालित डायरिया उन्मूलन कार्यक्रम का केंद्रीय टीम ने लिया जायजा -केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की राष्ट्रीय पर्यवेक्षिका द्वारा किया गया निरीक्षण -बरारी और डंडखोरा प्रखंड में अस्पताल के साथ-साथ समुदाय स्तर पर राष्ट्रीय पर्यवेक्षिका द्वारा लोगों से ली कार्यक्रम की जानकारी -डायरिया रोकथाम के लिए जिले में 23 जुलाई से 22 सितंबर तक चलाया जा रहा दस्त रोकथाम अभियान -डायरिया उन्मूलन के लिए बच्चों को उपलब्ध कराया जा रहा ओआरएस घोल और जिंक की गोली कटिहार, 20 अगस्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत शिशु दस्त नियंत्रण एवं रोकथाम करते हुए बच्चों को डायरिया ग्रसित होने से सुरक्षित करने के लिए जिले के सभी प्रखंडों में 23 जुलाई से 22 सितंबर तक दस्त रोकथाम अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान 0 से 05 वर्ष तक के दस्त प्रभावित बच्चों की पहचान करते हुए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा इसकी रोकथाम के लिए बच्चों के परिजनों को ओआरएस पैकेट्स और जिंक की गोलियां उपलब्ध कराई जा रही है।‌ जिसका नियमित उपयोग करवाते हुए बच्चों को डायरिया ग्रसित होने से सुरक्षित किया जा सकता है। जिले में डायरिया उन्मूलन कार्यक्रम के निरक्षण के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की राष्ट्रीय पर्यवेक्षिका इंदु एस द्वारा जिले के बरारी और डंडखोरा प्रखंड के अस्पताल और आंगनबाड़ी केंद्रों का निराक्षण किया गया।

      इस दौरान उन्होंने वहां उपस्थित परिजनों से बच्चों के दस्त ग्रसित होने की जानकारी लेते हुए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बच्चों के लिए दिए जाने वाले दवाइयों और उसके उपयोग करने की जानकारी ली गई। इस दौरान जिला स्वास्थ्य विभाग से सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह, प्रभारी डीपीएम डॉ किशलय कुमार, डीसीएम अश्विनी मिश्रा, यूनिसेफ एसएमसी चंद्रविभा सहित प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित रहे। डायरिया रोकथाम के लिए जिले में 23 जुलाई से 22 सितंबर तक चलाया जा रहा दस्त रोकथाम अभियान : प्रभारी डीपीएम डॉ किशलय कुमार ने बताया कि 0 से 05 वर्ष तक के बच्चों के डायरिया से होने वाले मृत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना है। ओआरएस और जिंक के प्रयोग द्वारा डायरिया से होने वाले मृत्यु को टाला जा सकता है जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 23 जुलाई से 22 सितंबर तक दस्त रोकथाम अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा समुदाय स्तर पर लोगों को दस्त के रोकथाम के उपायों, दस्त होने पर ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग की समझ विकसित करते हुए दस्त के दौरान उचित पोषण तथा समुचित इलाज उपलब्ध कराई जा रही है ताकि संबंधित बच्चों को डायरिया ग्रसित होने से सुरक्षित किया जा सके। इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जिले के सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य केंद्रों, उपकेंद्रों के साथ अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में शामिल शहरी झुग्गी झोपड़ी, कठिन पहुँच वाले क्षेत्र, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, घुमंतू-निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार, ईंट भट्ठे वाले क्षेत्र, अनाथालय तथा ऐसा चिन्हित क्षेत्र जहां दो-तीन वर्ष पूर्व तक दस्त के मामले अधिक पाए गए हों वहां संबंधित बच्चों के परिजनों को ओआरएस पैकेट्स और जिंक गोलियां उपलब्ध कराई जा रही है ताकि संबंधित बच्चों को आसानी से ओआरएस घोल और जिंक गोली खिलाते हुए उन्हें डायरिया ग्रसित होने से सुरक्षित किया जा सके। कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की राष्ट्रीय पर्यवेक्षिका इंदु एस द्वारा बरारी और डंडखोरा प्रखंड में अस्पताल के साथ साथ विभिन्न क्षेत्रों का निरक्षण करते हुए स्थानीय लोगों से आवश्यक जानकारी ली गई। डायरिया उन्मूलन के लिए बच्चों को उपलब्ध कराया जा रहा ओआरएस घोल और जिंक की गोली : सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि बच्चों का दस्त रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 05 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों के घरों में प्रति बच्चा एक-एक ओआरएस पैकेट वितरण करते हुए परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा ओआरएस घोल बनाते हुए उसके उपयोग करने की विधि, इससे होने वाले लाभ, साफ-सफाई, हाथ धोने के तरीकों आदि के बारे में जानकारी दी जाती है। दस्त के दौरान बच्चों को जिंक गोली का उपयोग बच्चों को उम्र के अनुसार उपयोग करवाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा परिजनों को जागरूक किया जाता है जिसका केंद्रीय स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा स्थानीय लोगों से जानकारी ली गई। लोगों ने बताया कि दस्त होने पर 02 माह से 06 माह तक के बच्चों को जिंक की आधी गोली (10mg) एवं 07 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों को एक गोली (20mg) खिलाया जाता है। दस्त बंद हो जाने के उपरांत भी जिंक का खुराक बच्चों को कुल 14 दिनों तक जारी रखा जाता है जिससे कि दस्त ग्रसित बच्चों को डायरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रखा जा सके। सिविल सर्जन ने बताया कि जिंक का उपयोग करने से बच्चों के दस्त की तीव्रता में कमी आ जाती है एवं अगले 02 से 03 महीने तक बच्चों के दस्त एवं निमोनिया ग्रसित होने की संभावना कम हो जाती है।

         दस्त रोकथाम अभियान के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी प्रखंडों और शहरी क्षेत्रों के संबंधित परिजनों को ओआरएस पैकेट्स और जिंक की गोलियां उपलब्ध कराई गई है जिसका केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की राष्ट्रीय पर्यवेक्षिका द्वारा निरक्षण किया गया है। निरक्षण में अधिकारी को जिले के सभी प्रखंड में डायरिया उन्मूलन के लिए संचालित कार्यक्रम के क्रियान्वयन की सभी जानकारी प्राप्त हुई है और उन्हें जिले में कार्यक्रम का क्रियान्वयन संतोषजनक लगा है। बच्चों के दस्त ग्रसित होने के लक्षण : -बच्चे के सुस्त या बेहोश हो जाना। -पानी जैसा लगातार दस्त का होना। -बार बार उल्टी होना। -बच्चों को अत्यधिक प्यास लगना। -पानी न पी पाना। -बुखार होना। -मल में खून का आना।
पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक ने एक साथ 75 पुलिस अधिकारियों के वेतन पर लगा दी रोक


पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक ने एक साथ 75 पुलिस अधिकारियों के वेतन पर लगा दी रोक । पुलिस अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा ने अपने सबसे बड़े एक्शन में ये निर्णय लिया है । उन्होंने एक साथ 75 पुलिस ऑफिसर के वेतन पर रोक लगा दी है। उन्होंने इन सभी अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अब भी सुधार नहीं होता है तो आगे और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इन पुलिस अधिकारियों की घोर लापरवाही सामने आई है जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने करवाई की है । जिले के कई थाने की पुलिस के कार्य शैली से परेशान और लगातार हो रही अपराध की घटना और उसके अनुशंधान में देरी के बाद ये फरमान पुलिस अधीक्षक ने जारी किया है । उन्होंने बताया कि दर्ज होने वाले मामलों के निष्पादन में जिले के 75 पुलिस पदाधिकारियों बार बार चेतावनी दी जा रही थी लेकिन इनके कार्य शैली से अनुशंधान पर असर पर रहा था । कई बार मामले के निष्पादन में शिथिलता बरती जा रही थी । एसपी उपेन्द्र नाथ वर्मा ने एक साथ 75 पुलिस पदाधिकारियों के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया है। एसपी के आदेश के बाद इन सभी पुलिस पदाधिकारियों के वेतन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया गया है। वेतन रोकने के बाद भी सुधार नहीं हुआ तो और भी कड़े एक्शनलिए जाने का संकेत पुलिस अधीक्षक ने दिए है । निलंबित भी किया जा सकता है। एसपी ने जिन पुलिस पदाधिकारियों के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया है, उसमें सबसे अधिक शहर के प्रमुख मंरगा थाने का है यहां के आठ पुलिस पदाधिकारी, बड़हरा कोठी एवं टीकापट्टी तथा भवानीपुर के सात- सात पुलिस पदाधिकारी, मुफ्फसिल एवं अमौर थाना के छह- छह पुलिस पदाधिकारी शामिल हैं।उनके अलावा केनगर थाना के चार, कसबा थाना के तीन, सदर थाना के तीन, सहायक खजांची थाना के चार, रूपौली थाने के तीन, रौटा थाने के चार पुलिस पदाधिकारियों के वेतन पर रोक लगाई गयी है। चंपानगर एवं श्रीनगर थाना के दो- दो पुलिस पदाधिकारियों के वेतन पर भी रोक लगाई गयी है। इन अनुसंधानकर्ताओं के पास कई मामले लंबे समय से लंबित है तथा निष्पादन के बाद भी इन सभी अनुसंधान कर्ता द्वारा आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित नहीं किया गया है।
महिला चिकित्सक के साथ हुई अमानवीय घटना के बाद कार्यस्थल में खुद की सुरक्षा के लिए लड़कियां हो रही है तैयार ।सेल्फ डिफेंस के लिए कशी कमर


कार्य स्थल पर महिलाओं के साथ हो रही बर्बरता को रोकने के लिए भारत सरकार के फीट इंडिया एवं खेलों इंडिया मुहिम कारगर साबित हो रहा है । लड़कियां अपने बचाव में खुद को सुरक्षित रखने के लिए अब जिम का सहारा ले रही है । और खेलो इंडिया अभियान का हिस्सा भी बन रही है ।

      कोलकाता के मेडिकल कालेज में महिला चिकित्सको के साथ हुई अमानवीय कुकृत्य के बाद पूर्णिया की लड़कियां सेल्फ डिफेंस के लिए जीम जा रही है । जहां न सिर्फ खुद के बचाव की बारीकियों को सीख रही है बल्कि खेलों इंडिया अभियान का हिस्सा भी बन रही है । उन्हें लगता है कि कार्यस्थल पर अपनी सुरक्षा की जिम्मेवारी खुद को उठानी होगी । लिहाजा मृत महिला चिकित्सक की तस्वीर पर पुष्पंचलि चढ़ा अपने आपको मजबूत करने की कवायत में जुटी है ।इन लड़कियों की माने तो ऐसे लोगो को कानून की सजा से पहले घटना स्थल पर सजा देने की आवश्यकता है ।


         जीम संचालक प्रवीण की माने तो लडको से ज्यादा लड़कियां जीम करने आती है और सप्ताह में एक दिन सेल्फ डिफेंस के दाव का सिखाया जाता है । वही सत्यम ने बताया कि यहाँ के जीम में मेहनत कर कई प्रतिभागी राज्य स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन किए है । जबकि लड़कियां सेल्फ डिफेंस के लिए जीम करने आती है ।

       कोलकाता की घटना के बाद कार्यस्थल पर लड़कियों की सुरक्षा का मसला बड़ा होता जा रहा है लेकिन हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का हुनर दिखा रही लड़कियां अब खुद की सुरक्षा का हुनर भी सिख रही है ताकि विपरीत परिस्थितियों में अपनी सुरक्षा खुद कर सके ।