पैसे की खातिर अपने बने जान के दुश्मन संदर्भ : सौतेली मां ने संपत्ति की लालच में दो बेटों को कुएं में फेंका, एक की मौत
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान ।
कितना बदल गया इंसान, कितना बदल गया इंसान ।।
सूरज ना बदला, चांद ना बदला ना बदला रे आसमान।
कितना बदल गया इंसान , कितना बदल गया इंसान ।।
कवि प्रदीप का यह गीत आज बहुत ही प्रासंगिक लगता है। सच में इंसान आज काफी बदल गया है। इंसान इंसान नहीं रहा। छोटी-छोटी बातों पर आदमी अपना आपा खो रहा है । इंसान कई सारे रिश्तों और इमोशन से बंधा होता है। वह हंसता है, रोता है , गुस्सा होता है और इमोशनल भी होता है ।
परंतु कहा जाता है कि "अति सर्वत्र वर्जते" । यानी किसी भी चीज की पराकाष्ठा बुरी होती है। रिश्तों के बीच जब लालच आ जाता है तो रिश्ते बिगड़ जाते हैं और उसके गंभीर प्रणाम भुगतने पड़ते हैं। लालच और गुस्से की पराकाष्ठा आदमी को हिंसा या अपराध की ओर ले जाती है। ज्यादा गुस्सैल व्यक्ति न सिर्फ खुद को नुकसान पहुंचता है बल्कि दूसरों को भी हानि पहुंचा सकता है ।
आज प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में गुस्से की अवस्था में किये गये अपराध की घटनाएं छायी रहती हैं। ताजा घटना पटना के बिहटा शहर की है , जहां संपत्ति की लालच में सौतेली मां ने दो बेटों को पहले पीटा फिर गला दबाया और उसके बाद कुएं में फेंक दिया। भगवान की दया से पांच वर्ष के एक बच्चे की जान बच गयी मगर उसके सात वर्षीय भाई की मौत हो गयी।
पुरुष हो या महिला लालच और गुस्से की अवस्था में अपना मानसिक संतुलन को देते हैं। इस अवस्था में उनके सोचने और समझने की शक्ति क्षीण हो जाती है और वे इस स्थिति में ऐसा कदम उठा लेते हैं जिसके कारण उन्हें जिंदगी भर पछताने के सिवा कुछ हाथ नहीं लगता। बदलती लाइफस्टाइल से लोगों के व्यवहार में तेजी से बदलाव दिखायी दे रहा है, लेकिन सबसे बड़ा चेंज युवाओं में देखने को मिल रहा है , वह है उनका बढ़ता गुस्सा।
और अंत में लालच बुरी बला है क्योंकि जरूरत से ज्यादा लोभ के कारण हमारे पास जो पहले उपलब्ध है हम उसको भी व्यर्थ गंवा देते हैं । इसलिए संतोष रखें । दो पल के गुस्से में प्यार भरा रिश्ता बिखर जाता है , होश जब आता है तो वक्त निकल जाता है। इसलिए स्वस्थ रहें और मस्त रहें।
Aug 14 2024, 16:30