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सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस अधीक्षक रेलवे ने चारबाग़ रेलवे स्टेशन का किया निरीक्षण

लखनऊ । स्वतंत्रता दिवस पर्व पर यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस अधीक्षक रेलवे प्रशांत वर्मा, अनुभाग लखनऊ द्वारा पर्याप्त पुलिस बल के साथ रेलवे स्टेशन चारबाग़ पर बेहतर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस उपाधीक्षक रेलवे  विकास पांडे, जीआरपी व आरपीएफ, ए०एस०चेक टीम व डॉग स्क्वाड टीम द्वारा चारबाग़ रेलवे स्टेशन पर आने जाने वाली ट्रेनों में चेकिंग कर प्लेटफॉर्म, सर्कुलेटिंग एरिया का भ्रमण व निरीक्षण करके रेलवे स्टेशन की सुरक्षा का जायजा लेकर संबंधित को सुरक्षा के संबंध में निर्देशित किया।

यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर अनुभाग लखनऊ के समस्त रेलवे स्टेशन की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, सुरक्षा व्यवस्था एवं भीड़ नियनत्रण के दृष्टिगत विस्तृत पुलिस प्रबन्ध कराया गया, पुलिस फोर्स को ब्रीफ कर ड्यूटी प्वाइंट पर सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। स्टेशनो पर लगातार जीआरपी व ए०एस० चैक टीम,बीडीएस टीम व डॉग स्क्वाड टीम लगातार सरकुलेटिंग एरिया, पार्किंग, पार्सल घर, प्लेटफार्म, पार्किंग में खड़े दोपहिया वाहनों, सदिग्ध व्यक्ति व वस्तु व ज्वलनशील पदार्थ की निरतंर चेकिंग की जा रही है।
सीएम योगी ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर बलिदान हुए निर्दोष नागरिकों को दी श्रद्धांजलि
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मानवीय त्रासदी में बलिदान हुए सभी निर्दोष नागरिकों को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर लिखा कि विश्व को 'वसुधैव कुटुंबकम्' के आत्मीय भाव से परिचित कराने वाली हमारी भारत मां को आज ही के दिन, वर्ष 1947 में निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए विभाजन की त्रासदी की ओर ढकेला गया था।

सीएम ने लिखा कि यह मात्र देश का विभाजन नहीं, बल्कि मानवता का विभाजन था। इस अमानवीय निर्णय से असंख्य निर्दोष नागरिकों को अपने प्राण गंवाने पड़े, विस्थापन का दंश झेलना पड़ा, यातनाएं सहनी पड़ीं। इस अमानवीय त्रासदी में बलिदान हुए सभी निर्दोष नागरिकों को आज 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' पर विनम्र श्रद्धांजलि !।
पश्चिम बंगाल में महिला डाॅक्टर से दुष्कर्म व हत्या की घटना में उप्र के रेजीडेंट डाक्टरों का जोरदार प्रदर्शन
लखनऊ। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आजी मेडिकल कालेज में महिला डाक्टर के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना काे लेकर लखनऊ में चिकित्सकों का विरोध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। सोमवार की तरह मंगलवार को भी उत्तर प्रदेश में रेजीडेंट डाक्टरों ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदेश में पांच हजार से ज्यादा रेजीडेंट डाक्टरों ने प्रदर्शन कर ममता सरकार में महिलाओं से अत्याचार व अपराधाें काे लेकर अपनी नाराजगी जतायी।

केजीएमयू में सुबह से रेजीडेंट डॉक्टर चले गए हड़ताल पर

लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कालेज के रेजीडेंट डाक्टरों ने मंगलवार की सुबह के वक्त हड़ताल कर दी। इससे मरीजों व उनके परिजनों को खासा दिक्कतों को सामना करना पड़ा है। आवश्यक चिकित्सकीय सेवाओं पर असर ना पड़े, इसके लिए सीनियर डाक्टरों के ऊपर कार्य का दायित्व बढ़ा दिया गया।

किंग जार्ज मेडिकल कालेज की तरह ही लोहिया संस्थान व संजय गांधी पीजीआई में भी कोलकाता केस का खासा असर दिखाया दिया। जहां रेजीडेंट डाक्टरों ने एकत्रित होकर प्रदर्शन किया और कार्य बहिस्कार कर अपनी नाराजगी जतायी। इस दौरान चिकित्सा सेवा अधिकारियों ने उनसे बातचीत कर कार्य पर वापस लौटने की अपील की।

सरकार से तत्काल ही डाक्टरों के हित में आवश्यक निर्णय लेने की मांग की

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में दूसरे दिन भी रेजीडेंट डाक्टरों का प्रदर्शन जारी रहा। रेजीडेंट डाक्टरों ने सरकार से तत्काल ही डाक्टरों के हित में आवश्यक निर्णय लेने की मांग की। जिससे डाक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। गोरखपुर के रेजीडेंट डाक्टर विशाल ने कहा कि डाक्टर अपने को असुरक्षित मानकर प्रदर्शन कर रहे है।

सरकार विश्वास दिलाये कि डाक्टरों की सुरक्षा पुष्ट है।मंगलवार की सुबह से आगरा के एसएन मेडिकल कालेज में डाक्टरों की हड़ताल का खासा असर देखने को मिला। डाक्टरों ने दो घंटे तक कार्य रोके रखा, इससे मरीज और उनके परिजनों को बेहद कठनाईयों को सामना करना पड़ा। इस अवसर पर सीनियर डाक्टरों की ओर से ओपीडी सेवा को सम्भाला गया।

रेजीडेंट डाक्टरों ने हड़ताल की घोषणा

प्रदेश के विभिन्न जनपदों झांसी, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी इत्यादि के चिकित्सकीय संस्थानों, मेडिकल कालेजों में डाक्टरों ने कार्य रोककर, प्रदर्शन किया है। रेजीडेंट डाक्टरों ने हड़ताल की घोषणा भी है। कोलकाता की घटना पर डाक्टरों में बेहद आक्रोश व्याप्त है। इस दौरान ओपीडी सेवा पूरी तरह से प्रभावित हुई है। चूंकि रेजीडेंट डॉक्टर मरीज ही नहीं देख रहे है। अस्पताल में अगर कोई डॉक्टर मरीज देख रहा तो जूनियर डाक्टर इसका विरोध करने पर उतर आये है। जिसकी वजह से इसका खामिजा मरीज व उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है।
खटाखट वाले फिर निकल गए पिकनिक मनाने : सीएम योगी


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान अप्रैल-मई के महीने में आपने खटाखट स्कीम के बारे में सुना होगा। लोगों से एक-एक लाख रुपये के बॉन्ड भरवाए गए थे। हर महीने 8500 रुपये भेजने का वायदा किया गया था, लेकिन खटाखट स्कीम वालों का देश में अता-पता नहीं है। खटाखट वाले लोग चुनाव खत्म होते ही फिर से पिकनिक मनाने के लिए निकल गए हैं।सीएम योगी ने कहा कि जब चुनाव का मौसम आएगा तो खटाखट वाले लोग समाज को विभाजित करने और अराजकता फैलाने के लिए फिर आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब बिना किसी सिफारिश और लेन-देन के उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी प्राप्त करना संभव है। विगत साढ़े सात वर्ष से हमारी सरकार आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित कर रही है।

मुख्यमंत्री योगी ने 1036 अभ्यर्थियों के दिये नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लोकभवन सभागार में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत चयनित 1036 अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा चयन आयोग के द्वारा 2012 से 2017 के बीच 26394 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया संपन्न हुई थी। इसमें 13469 पदों पर सामान्य, 6966 पदों पर ओबीसी, 5634 पदों पर एससी और 327 पदों पर एसटी वर्ग के युवाओं का चयन हुआ था। इसमें ओबीसी का जो प्रतिशत है, वह केवल 26.38 प्रतिशत था। वहीं हमारी सरकार में उत्तर प्रदेश लोक सेवा चयन आयोग के माध्यम से 46,675 भर्तियां हुईं। इसमें ओबीसी के कुल 17929 अभ्यर्थी चयनित हुए, जिनका प्रतिशत 38.41 है। ओबीसी, एससी और एसटी के प्रतिशत को अगर जोड़ लिया जाए तो डबल इंजन सरकार में 60 प्रतिशत से ज्यादा अभ्यर्थियों का चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा चयन आयोग के माध्यम से हुआ है।

युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले को एेसी सजा देंगे जो बनेगी नजीर

सीएम योगी ने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से पूर्ववर्ती सरकार (वर्ष 2012 से 2017) के बीच कुल 19312 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था, जबकि वर्ष 2017 से 2024 के बीच डबल इंजन सरकार में 42 हजार 409 से अधिक युवाओं को चयन प्रक्रिया से जोड़ा गया है। हमारी सरकार में संविधान के द्वारा निर्धारित आरक्षण की पूरी व्यवस्था का पालन करते हुए उन्हें नियुक्ति पत्र दिया गया है। आज यह सभी युवा प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि आज प्रदेश में पारदर्शी एवं निष्पक्ष तरीके से भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि डबल इंजन सरकार में अगर किसी ने प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया तो वह ऐसी सजा देंगे, जो देश और दुनिया के सामने नजीर बनेगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास कोई कार्य नहीं है, वह अफवाह फैलाकर युवाओं को गुमराह कर रहे हैं।

2017 के पहले उत्तर प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट था

सीएम योगी ने कहा कि 2017 के पहले उत्तर प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट था। प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में छठवें-सातवें नंबर पर थी, लेकिन अब यहां का युवा देश के किसी भी राज्य में जाता है तो गर्व से खुद को उत्तर प्रदेश का बताता है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में दूसरे नंबर पर है। उत्तर प्रदेश देश के किसी भी राज्य के तुलना में सबसे अच्छी आर्थिक प्रगति करने वाला राज्य है। उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्पों को तेजी के साथ आगे बढ़ा रहा है। किसानों, महिलाओं और गरीबों से जुड़ी योजनाओं को प्रभावी ढंग से धरातल पर उतारने में उत्तर प्रदेश की गिनती देश के अग्रणी राज्यों में होती है। सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में 'मिशन रोजगार' के अंतर्गत समय-समय पर नियुक्ति पत्र वितरण के कार्यक्रम संपन्न हो रहे हैं।

इन पदों पर नियुक्त हुए अभ्यर्थी

सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत चयनित 536 सहायक शोध अधिकारी (सांख्यिकी), 235 सहायक सांख्यिकीय अधिकारी, 213 कनिष्ठ सहायक, लेखा लिपिक, मंडी पर्यवेक्षक श्रेणी-2, मंडी निरीक्षक, 15 नक्शानवीस/मानचित्रक और 37 मानचित्रकार सहित कुल 1036 युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किया। इन युवाओं को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पर्यावरण, वन, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन, मंडी परिषद, मत्स्य विभाग, अर्थ एवं संख्या प्रभाग, सहकारिता विभाग, नगर एवं ग्राम्य नियोजन, पर्यटन विभाग, लघु सिंचाई और संस्थागत वित्त में नियुक्ति मिली है।

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, मत्स्य विकास मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद, उद्यान एवं कृषि विपणन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह, वन जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ अरुण कुमार सक्सेना, जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद, पर्यावरण, वन जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री केपी मलिक, संसदीय कार्य चिकित्सा शिक्षा के राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह समेत अनेक गणमान्य मौजूद रहे।
अब स्कूलों में बच्चों को फटकारना, चिकोटी काटना, चाटा मारना व परिसर में दौराना पड़ेगा भारी, शिक्षा विभाग ने जारी किया शासनादेश



लखनऊ । अब यूपी के स्कूलों में बच्चों को नहीं दिया जायेगा कोई दंड, शारीरिक व मानसिक दंड न देने के निर्देश जारी, बच्चों को फटकारना परिसर में दौड़ना प्रतिबंधित, चिकोटी काटना, चाटा मारना प्रतिबंधित, घुटनों के बल बैठना भी हुआ प्रतिबंधित, क्लास रूम में अकेले बंद करना भी हुआ प्रतिबंधित। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सरकार के निर्देश पर जारी किया शासनादेश। इस शासनादेश से शिक्षा विभाग में खलबली मच गयी है।

शिक्षा विभाग से जारी किया गया है यह शासनादेश

शासनादेश में बताया गया है कि बच्चों को शारीरिक दण्ड दिये जाने पर चिन्ता व्यक्त करते हुए बच्चों एवं उनके अधिकारों के प्रति असंवेदनशीलता तथा हिंसक संस्कृति का द्योतक मानते हुए हिंसा को पूर्णतया प्रतिबन्धित किया है। इसके साथ ही बच्चों को शारीरिक दण्ड में यथा- बच्चों को झाड़ना, फटकारना, परिसर में दौड़ना, चिकोटी काटना, छड़ी से पिटना, चिकोटी काटना, चाटा मारना, चपत जमाना, घुटनों के बल बैठाना, यौन शोषण, प्रताड़ना, क्लासरूम में अकेले बन्द कर देना, बिजली का झटका देना एवं अन्य सभी प्रकार के वे कृत्य जो अपमानित करके नीचा दिखाने, शारीरिक एवं मानसिक रूप से आघात पहुॅचाने और अन्ततः मृत्यु कारित करने वाले हों, सम्मिलित है ।

शासनादेश के बारे में बच्चों को जागरूक करने का निर्देश

उक्त शासनादेश में राष्ट्रीय बालक अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा समस्त राज्यों के शिक्षा विभाग को निम्नवत् निर्देश दिये गये है। समस्त बच्चों को व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से अवगत कराया जाये कि उन्हें शारीरिक दण्ड के विरोध में अपनी बात कहने का अधिकार है। इसे संबंधित अधिकारियों के संज्ञान में भी लाया जाये ।प्रत्येक स्कूल जिसमें छात्रावास, जेजे होम्स, बाल संरक्षण गृह एवं अन्य सार्वजनिक संस्थाएं भी सम्मिलित है, में एक ऐसा फोरम बनाया जाये जहां बच्चे अपनी बात रख सकें। ऐसे संस्थानों को किसी एनजीओ की सहायता भी लेनी चाहिए ।

हर स्कूल में एक होनी चाहिए शिकायत पेटिका
शासनादेश के मुताबिक प्रत्येक स्कूल में एक शिकायत पेटिका भी होनी चाहिए जिसमें छात्र शिकायती पत्र अनाम शिकायती पत्र भी डाल सकें ।अभिभावक शिक्षक समिति अथवा समान प्रकृति की कोई अन्य समिति नियमित रूप से प्राप्त शिकायतों एवं कृत कार्रवाई की मासिक समीक्षा करें।अभिभावक शिक्षक समिति को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए कि वे प्राप्त शिकायतों पर बिना समय गवाये तत्परता से कार्यवाही करें ताकि कोई दारूण स्थिति न उत्पन्न हो सके। दूसरे शब्दों में अभिभावक शिक्षक समिति को शिकायत की गम्भीरता पर अपने विवेक का प्रयोग करने की आवश्यकता नहीं है।

अब शारीरिक दंड मिलने पर बच्चे कर सकते हैं शिकायत

अभिभावकों के साथ-साथ बच्चों को भी शारीरिक दण्ड के विरोध में भयमुक्त होकर अपनी आवाज उठाने के लिए अधिकृत किया जाये वगैर इस बात से भयाकान्त हुए कि इससे स्कूलों में बच्चों की भागीदारी पर कुप्रभाव पड़ेगा ।शिक्षा विभाग ब्लाक स्तर जनपद स्तर एवं राज्य स्तर पर ऐसी प्रक्रिया स्थापित करे जिससे बच्चों की शिकायतों एवं उन पर कृत कार्रवाई की समीक्षा की जा सके ।उक्त निर्देशों का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये ।

किसी बच्चे का मानिसक उत्पीड़न नहीं किया जाएगा

निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अध्याय 4 के बिन्दु सं0 17 ( 1 ) व ( 2 ) में निम्नलिखित प्राविधान किया गया है - 17 (1) में किसी बालक को शारीरिक दंड नहीं दिया जाएगा या उसका मानसिक उत्पीड़न नहीं किया जाएगा। 17 ( 2 ) में जो कोई उपधारा (1) के उपबंधों का उल्लंघन करेगा, वह ऐसे व्यक्ति का लागू सेवा नियमों के अधीन अनुशासनिक कार्यवाई का दायी होगा। निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अध्याय 6 के बिन्दु सं0 31 ( 1 ) व 32 ( 1 ) में निम्नलिखित प्राविधान किया गया है झ्र 31 ( 1 ) में बालक के शिक्षा के अधिकार को मानिटर करना तथा बिन्दु सं0 32 ( 1 ) में शिकायतों को दूर करने का प्राविधान निर्धारित किया गया है।

जाति, धर्म, लिंग के आधार पर नहीं किया जाएगा का भेदभाव

उत्तर प्रदेश शासन, शिक्षा अनुभाग-5 के संख्या 2510 / 79-5-2011-29/09, लखनऊ, 27 जुलाई, 2011 के द्वारा उ०प्र० निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 प्रख्यापित की गयी है। उक्त नियमावली के भाग तीन नियम 5 के उपनियम 3 व 4 में निम्न प्राविधान किये गये नियम (3) स्थानीय प्राधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी होगा कि विद्यालय में किसी बालक के साथ जाति, वर्ग, धर्म अथवा लिंग आधारित दुर्व्यवहार या भेदभाव न किया जाय तथा नियम ( 4 ) स्थानीय प्राधिकारी यह सुनिश्चित करेगा कि कक्षा में, मध्याह्न भोजन के दौरान, खेल के मैदानों में, सामान्य पेयजल एवं प्रसाधन सुविधाओं के प्रयोग में एवं प्रसाधनों अथवा कक्षाओं की सफाई में कमजोर एवं साधनहीन वर्ग के बालकों के साथ कोई विभेदकारी अथवा अलगाववादी व्यवहार न किया जाय ।

बाल हेल्पलाइन पर दर्ज करा सकेंगे अपनी शिकायत

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अथवा यथास्थिति शिक्षा अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (आर०ई०पी०ए०) द्वारा पत्र / दूरभाष / एस०एम०एस० के माध्यम युक्त सर्वसुलभ बाल हेल्प लाईन स्थापित की जायेगी तथा जो इस अधिनियम के अधीन अधिकारों के उल्लंघन के सम्बन्ध में पीड़ित बालक अथवा संरक्षक की शिकायत दर्ज करने के लिए मंच के रूप इस रीति से कार्य करेगी कि उसकी पहचान अभिलिखित की जायेगी, किन्तु उसे प्रकट नहीं किया जायेगा ।

इस तरह सुनी जाएगी बच्चों की शिकायत

प्रारम्भिक रूप से कोई शिकायत ग्राम शिक्षा समिति / वार्ड शिक्षा समिति को उसके सदस्य सचिव के माध्यम से की जायेगी। ग्राम शिक्षा समिति / वार्ड शिक्षा समिति के विनिश्चय के पश्चात् अपील, यथास्थिति विकास खण्ड स्तरीय सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी / नगर शिक्षा अधिकारी को की जा सकती है। द्वितीय अपील उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अधिनियम, 1972 की धारा-10 के अधीन ग्रामीण क्षेत्र से सम्बन्धित मामलों के लिए जिला पंचायत को और धारा 10- क के अधीन नगरीय क्षेत्र से सम्बन्धित मामलों के लिए नगरपालिका को की जा सकती है। समस्त शिकायतों का अनुश्रवण, उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद् द्वारा ऑनलाइन क्रियाविधि के आधार पर पारदर्शी और तत्परतापूर्ण कार्यवाही के माध्यम से किया जायेगा ।


प्रदेश के विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों को उनके अधिकारों से परिचित कराने तथा उनके प्रति भेदभाव न किये जाने के सम्बन्ध में " सुरक्षा एवं संरक्षा प्रशिक्षण मॉड्यूल" राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा तैयार किया गया है। इस मॉड्यूल के अन्तर्गत अध्यापकों को वृहद रूप से छात्र - छात्राओं के सुरक्षा एवं संरक्षा के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी है । जिसके अन्तर्गत मुख्यतः निम्नलिखित विषय बिन्दुओं को सम्मिलित किया गया है- सुरक्षा एवं संरक्षाः अभिप्राय एवं आयाम, विद्यालय स्तर पर स्वस्थ एवं सुरक्षित वातावरण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, साइबर सुरक्षा एवं अन्य सुरक्षा सम्बन्धी मुद्दे, कानूनी प्रावधान एवं नीतियाँ, शिकायत निवारण तंत्र, विभिन्न स्तरों पर हितधारक, उनकी जिम्मेदारियाँ एवं अपेक्षाएँ, सुरक्षा संरक्षा किट एवं आकस्मिक चिकित्सा, बाल सुरक्षा एवं संरक्षा समिति, सुरक्षा योजना निर्माण के चरण जिसके प्रथम अध्याय में विस्तृत से दण्ड के विविध प्रकारों का विवरण दिया गया ।

अब बच्चे के साथ यह काम नहीं कर पाएंगे शिक्षक

विद्यालयों में शारीरिक भावात्मक उत्पीड़न के सामाजिक उत्पीड़न उत्पीड़न के सामान्य रूप (शिक्षक रूप में के रूप में यौन क्षेत्र में 'सुरक्षा एवं संरक्षा तथा यौन उत्पीड़न / लैंगिक अपराध भेदभाव, बच्चों को अश्लील भेदभाव सामग्री दिखाना, बच्चों उत्पीड़न, जातिगत उत्पीड़न, लैंगिक (महिला और पुरूष), के निजी अंगों को आधार छूना, बच्चों व्यवहारात्मक, पर भेदभाव, या आधारित पंच मारना, नोचना, मौखिक धक्का देना, लात मानसिक मारना, थप्पड़ मारना, मनोवैज्ञानिक कान ऐंठना, हाथ दुर्व्यवहार, बच्चे को वर्ण, रंग केआकार आपत्तिजनक तस्वीर भेदभाव, लेना, आपत्तिजनक से / छड़ी से / लोहे गंभीर की रॉड से मारना, भावात्मक उँगली के पोर पर मानसिक मारना, बच्चे की पीठ पहुँचाना, बन्द कमरे अपमानजनक तरीके पर मारना, एक बच्चे व अंधेरे कमरे में से जाति के नाम से सदमा पैतृक व्यवसाय, गतिविधियाँ करना, विडियो बनाना, दुपट्टा खींचना, जब बच्चो को बन्द करना, पुकारना, पैतृक पेशे लड़कियाँ घर / बच्चे को लम्बे समय के के लिए कुर्सी से बाँध देना व बच्चे को डराना / घमकाना आदि ।

दूसरे बच्चे के सिर से लड़ाना भी पड़ेगा भारी
आधार पर विद्यालय जा रही हों तो उन पर भद्दी टिप्पणी करना, लड़कों द्वारा लड़कियों को नजरिये से अपमानित करना, अलग बैठाना, कक्षा में पीछे बैठने के लिए कहना, मिड-डे-मील गलत के लिए एक साथ न बैठाना, वंचित वर्ग के बच्चों द्वारा कोई प्रश्न पूछने पर अध्यापक के सिर को दूसरे बच्चे के सिर से लड़ाना, बच्चे को किताब कॉपी न लाने के लिये के लिये खड़ा करना, बच्चे के सिर पर वज़न रखकर बच्चे के साथ बुरा खड़ा करना, बच्चे को व्यवहार करना जैसे कुर्सी के आकार आँखें तरेरना, कक्षा से में / मुर्गा बनाकर / धूप बाहर करना, कक्षा में में खड़ा करना / बच्चे नज़रअंदाज करना, द्वारा उत्तर न देना को खेल के मैदान के बच्चों को बार-बार आदि । चारों तरफ या टोक कर यह विद्यालय के चारों अहसास दिलाना कि तरफ दौड़ाना, बच्चे वो किसी काम को उठक-बैठक नहीं है, बच्चों को एक से थप्पड करवाना, बच्चे के दूसरे
सिर को दीवार से मरवाना व अपशब्दों लड़ाना ।

शिक्षकों को इनके बारे में दिया जाएगा प्रशिक्षण

अतः जनपदों के समस्त निजी प्रबन्धतन्त्र द्वारा संचालित विद्यालयों को प्रशिक्षण मॉड्यूल की सॉफ्ट प्रति प्रेषित करते हुए यह निर्देश प्रेषित करे कि प्रशिक्षण मॉड्यूल में दिये गये बच्चों के सुरक्षा संरक्षा से सम्बन्धित विभिन्न आयामों से सभी शिक्षकों को प्रशिक्षित कराना सुनिश्चित करें । परिषदीय विद्यालयों में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष सभी शिक्षक / शिक्षिकाओं को ऑफ लाइन मोड में उक्त प्रशिक्षण प्रदान करने की कार्यवाही पूर्ण की जाये एवं इसके साथ ही यदि शिक्षक / शिक्षिकायें अवशेष रहते है तो उन्हें ऑनलाइन मोड में बी०आर०सी०/ संकुल की बैठक के माध्यम से सुरक्षा एवं संरक्षा के विभिन्न मॉडयूल के आयामों पर आधारित प्रशिक्षण प्रदान किया जाये। यदि किसी शिक्षक द्वारा दिये गये निर्देशों का उल्लंघन किया जाता है तो ऐसी स्थिति में प्राविधानित दण्डों के बारे में भी अवगत कराया जाये ।

प्रेमिका से मिलने पहुंचा प्रेमी, परिजनों ने कराई शादी, फिर पहुंची पुलिस

लखनऊ। यूपी के जनपद जालौन में आजीबों-गरीब घटना देखने को मिली। यहां के  सिरसा कलार थाने में एक प्रेमी अपनी विवाहिता प्रेमिका से मिलने पहुंचा। विवाहिता के परिजनों ने दोनों को एक साथ पकड़ लिया और दोनों की शादी करा दी। मामले ने जब तूल पकड़ा तो पुलिस पहुंची। इस दाैरान दाेनाें परिवाराें के बीच चली बातचीत में समझौता हाे गया। बाद में युवक के परिजन अपनी बहू को साथ ले गए। यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना रहा।


जानकारी के लिए बता दें कि जालौन के सिरसा कलार थाना अंतर्गत पिथऊपुर निवासी मंयक चंदेल का पड़ोस के एक गांव निवासी 22 वर्षीय शादीशुदा युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती कई महीनों से मायके में ही रह रही है। दोनों के प्रेम प्रसंग के बारे में घर वालों को भी पता चल गया था। इसीलिए साेमवार की देर रात प्रेमी मयंक विवाहित प्रेमिका से मिलने गांव पहुंचा, तो परिजनों ने दोनों को पकड़ लिया। इसके बाद घर ले जाकर दोनों की शादी करा दी। प्रेमी युवक के घर वालों को जब इस बात की जानकारी हुई ताे उन्हाेंने मामले की सूचना पुलिस को दी गई।



मगंलवार की सुबह पुलिस की माैजूदगी में आपसी बातचीत के द्वारा दोनों परिवाराें में समझौता हाे गया और युवक के परिवार वाले बहू काे साथ विदा करा ले गए। थानाध्यक्ष ब्रजेश बहादुर सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों में समझौता हो गया है। अगर कोई समस्या आएगी तो कार्रवाई की जाएगी। इसमें अब दोनों पक्षों की तरफ से कोई विवाद नहीं रहा है। वहीं दूसरी तरफ प्रेमी-प्रेमिका की यह शादी क्षेत्र में चर्चा का विषय बन ई है।
लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ ने तिरंगा यात्रा को किया रवाना


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग से भारतीय जनता पार्टी की ओर से निकाली गई तिरंगा यात्रा को रवाना किया। यात्रा निकालने वाले उत्साही कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री ने शुभकामनाएं दी और भरोसा जताया कि 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेश के सभी घरों पर तिरंगा लहराया जाएगा। उनके साथ इस मौके पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह समेत भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेता मौजूद रहे।

पिछली बार 5 करोड़ से अधिक घरों पर तिरंगा लहराया गया था

यात्रा रवाना करने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि दो वर्ष पहले आजादी के अमृत महोत्सव से जुड़कर पंच प्रण का संकल्प लिया था। हर घर तिरंगा के माध्यम से भारत के आन, बान, शान का प्रतीक तिरंगा लहराने का काम किया था। मुझे प्रसन्नता है कि 2022-23 में उत्तर प्रदेश में 5 करोड़ से अधिक घरों पर तिरंगा लहराने का कीर्तिमान स्थापित किया था। गत वर्ष भी अमृत कल के प्रथम वर्ष में उत्तर प्रदेश में लगभग साढ़े चार करोड़ घरों पर तिरंगा लहराया गया था।

सरकार ने हर घर तिरंगा का संकल्प लिया है: सीएम

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर इस वर्ष उत्तर प्रदेश सरकार ने हर घर तिरंगा का संकल्प लिया है। भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं का हृदय से अभिनंदन करता हूं। पार्टी के सभी कार्यकर्ता इस अभियान के सहभागी बन रहे हैं। युवा मोर्चा के उत्साही कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी के मार्गदर्शन में तिरंगा यात्राएं निकाल रहे हैं। तमाम सामाजिक सांस्कृतिक संगठन द्वारा भी इस अभियान में सहभागिता की जा रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक भारत श्रेष्ठ भारत का भी प्रतीक है। आज हम सब लखनऊ महानगर की तिरंगा यात्रा में शामिल हो रहे हैं। इस अवसर पर एक बार फिर से आपके इस उत्साह के लिए हृदय से अभिनंदन करता हूं। पुरी यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं। उम्मीद करता हूं कि 15 अगस्त तक प्रदेश के सभी घरों पर तिरंगा होगा।

30 सितंबर से पहले बुंदेलखंड, विन्ध्य में 100 प्रतिशत काम पूरा करें - स्वतंत्र देव सिंह
लखनऊ। बुंदेलखंड और विन्ध्य क्षेत्र के सभी जिलों के ग्रामीण घरों में 47 दिन के भीतर नल से जल पहुंचने लगेगा।जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बुंदेलखंड और विन्ध्य क्षेत्र के सभी ग्रामीण घरों तक नल से जल पहुंचाने के लिए इंजिनियरों को 47 दिन की मोहलत दी है। सोमवार को जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने निर्देश दिया कि 30 सितंबर से पहले बुंदेलखंड और विन्ध्य क्षेत्र के सभी जिलों में हर घर नल योजना का काम 100 प्रतिशत पूरा कर लिया जाए। ये निर्देश जलशक्ति मंत्री ने सोमवार राणा प्रताप मार्ग स्थित स्वच्छ गंगा मिशन के नवीन कार्यालय के शुभारंभ के बाद आयोजित समीक्षा बैठक में दिए। इस दौरान राज्यमंत्री रामकेश निषाद, प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति अनुराग श्रीवास्तव, एमडी जल निगम ग्रामीण राजशेखर मौजूद थे।

कंस्ट्रक्शन कंपनी की धीमी रफ्तार पर जताई नाराजगी

झांसी, जालौन में धीमा काम कर रही बीजीसीसी पर होगी कार्रवाई, दोषी जाएंगे जेल झांसी, जालौन में सुस्त रफ़्तार काम कर रही बीजीसीसी कंपनी पर नाराज़गी जताते हुए मंत्री ने जल्द सख़्त कार्यवाही के निर्देश दिये हैं।समीक्षा बैठक के दौरान जलशक्ति मंत्री ने झांसी और जालौन के कुछ हिस्सों में काम कर रही बृज गोपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी की धीमी रफ्तार पर नाराजगी जताई और कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। इस मौके पर प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि एजेंसी की कार्यप्रणाली की जांच होगी और दोषियों को जेल भेजा जाएगा।

इसके अलावा सोनभद्र में भी काम की धीमी रफ्तार पर इंजिनियरों और एजेंसियों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि परियोजना की गुणवत्ता और गति पर ध्यान दें। वरना कार्रवाई के लिए तैयार रहें। समीक्षा बैठक में  सीतापुर, प्रयागराज के अधिशासी अभियंता को भी फटकार लगाई गई। इंजिनियरों को आचरण और कार्य संस्कृति में सुधार लाने के निर्देश दिए गए। मंत्री ने कहा कि अगर किसी भी इंजिनियर के खिलाफ बिल रोके जाने की शिकायत मिलती है, तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए।

पाइपलाइन का काम पूरा होने के बाद सड़क खुदी मिली तो होगी कार्रवाई

जलशक्ति मंत्री ने इंजिनियरों और एजेंसियों को निर्देश दिए कि जहां भी पाइपलाइन डालने के लिए खुदाई हो, वहां कार्य समाप्त होने के तुरंत बाद ही सड़कों की मरम्मत का काम पूरा कराएं। मंत्री ने कहा कि जिन जगहों पर एक या डेढ़ साल से काम चल रहा है, अगर वहां गड्ढ़ा मिला तो दोषियों पर कार्रवाई होगी। सड़क मरम्मत में अगर कोई भी एजेंसी हवा बाजी करेगी,तो जेल जाएगी। सड़क मरम्मत में मैन पावर कम नहीं होनी चाहिए। ज

नप्रतिनिधियों की शिकायतों पर तत्काल हो कार्रवाई- प्रमुख सचिव

समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग अनुराग श्रीवास्तव ने सभी चीफ इंजिनियरों और अधिशासी अभियंताओं को निर्देश दिए जनप्रतिनिधियों को परियोजनाओं की प्रगति की पूरी जानकारी दी जाए। जनप्रतिनिधियों की जो भी शिकायतें आएं, उनपर तत्काल कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि पाइपलाइन डालने के लिए की गई खुदाई पर जनप्रतिनिधियों की चिंता जायज है। कहीं पर भी पाइपलाइन डालने के बाद सड़क खुदी न मिले जलापूर्ति बाधित हुई तो इंजिनियर और एजेंसियों पर होगी कार्रवाई समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने कहा अधिकारियों और एजेंसियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि प्रदेश के जिन-जिन हिस्सों में पानी की आपूर्ति शुरू कर दी गई है।

हर हाल में नियमित जलापूर्ति की जाए

अगर वहां किसी भी तरह का कोई व्यवधान आता है या बिना क्लोरीन पानी की आपूर्ति की जाती है, तो उसके लिए संबंधित अधिकारी और एजेंसियां जिम्मेदार होंगी। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।उन्होंने कहा कि जलापूर्ति की स्थिति जांचने के लिए समय-समय पर औचक निरीक्षण किया जाएगा। अगर कहीं जलापूर्ति बाधित मिली, तो मौके पर ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रमुख सचिव ने कहा कि जिन गांवों में सोलर लग गए हैं। वहां हर हाल में नियमित जलापूर्ति की जाए। समीक्षा बैठक में जिलों में तैनात इंजीनियर, एजेंसयों के प्रतिनिधि और टीपीआई मौजूद थे।

सभी अपने आस-पास की सड़कों व गलियों की सफाई का लें संकल्प : एके शर्मा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पर स्वच्छता का संदेश देने वाले तथा लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने वाले स्वच्छ सारथी क्लब के सदस्यों, युवा छात्रों, स्वच्छ योद्धा और निकायों के स्वच्छता एंबेसडर को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने स्वच्छता का संदेश देने के लिए स्वच्छ सारथी क्लब के लोगों का अनावरण किया तथा ‘कबाड़ से जुगाड़’ वेस्ट टू वेंडर का कॉफीटेबल बुक का विमोचन किया। जन-जन में राष्ट्र प्रेम और देशभक्ति की अलख जगाने के लिए उन्होंने हर घर तिरंगा जागरूकता रैली का शुभारंभ कर रैली का नेतृत्व किया।

सभी लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक होना पड़ेगा

नगर विकास मंत्री की एके शर्मा ने कहा कि सभी लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक होना पड़ेगा। सभी को अपने आस-पास की सड़कों, गली की सफाई का संकल्प लेना चाहिए। स्वच्छ भारत मिशन नगरीय से जुड़े सभी 5,000 स्वच्छ सारथी क्लब के 65,000 से अधिक सदस्य, स्वच्छ योद्धा और स्वच्छता एम्बेसडर प्रदेश में स्वच्छता के सारथी हैं। स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता के साथ ही मार्गदर्शन भी करते हैं। उन्होंने कहा कि आगामी एक वर्ष में 02 लाख स्वच्छ सारथी सदस्य बनाए जाएंगे।

स्वच्छता में ही धन संपदा और ईश्वर का वास होता है: ऊर्जामंत्री

उन्होंने कहा कि स्वच्छता में ही धन संपदा और ईश्वर का वास होता है, सभी के सहयोग से प्राचीन गौरव के साथ भारत को पुनः स्वच्छ और समृद्ध बनाना है। उन्होंने कहा कि सारथी क्लब के सभी सदस्य लोगों को जागरूक करें, जिससे अब सफाई को लेकर चलना है वाला भाव अब न चले। सुबह पांच बजे से सफाई कर्मी गली मोहल्ला और सड़कों में झाड़ू लेकर पहुंच जाते हैं लेकिन सफाई हो जाने के बाद लोगों की नींद खुलती है और लोग अपने घरों का कूड़ा सफाई होने के बाद बाहर फेंकते हैं। घरों का कूड़ा कचरा टीवी फ्रिज के गत्ते आदि नाले नालियों में फेंक देने से जल निकासी में अवरोध होता है।
हर गांव में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था जल्द लागू हो : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को जल जीवन मिशन से संबधित महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि जल्द से जल्द प्रदेश के सभी गांवों में शुद्ध पेयजल देने की व्यवस्था को पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि पाइप लाइन बिछाने के साथ ही उसके संचालन और मेंटेनेंस को लेकर भी समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। जल जीवन मिशन में हर घर शुद्ध पेयजल पहुंचाने के कार्य में प्लबंर की भूमिका को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री ने इनकी समुचित ट्रेनिंग के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।

पाइप, नल आदि की क्वालिटी अच्छी से अच्छी हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन में उपयोग की जा रही सामग्री उच्च क्वालिटी के हो, इस बात को सुनिश्चित किया जाए। पाइप, नल आदि की क्वालिटी अच्छी से अच्छी हो। साथ ही टोंटी चोरी होने और खराब होने पर तत्काल नई टोंटी की व्यवस्था कराई जाए। अधिकारियों ने इस दौरान मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में 02 करोड़ 63 लाख से अधिक हाउसहोल्ड के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जा रही है, जिसमें 01 लाख 60 हजार करोड़ रुपये लागत आ रही है। वहीं प्रतिवर्ष इसके संचालन और मेंटेनेंस में करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।

शुद्ध पेयजल मिलने से उन्हें विभिन्न बीमारियों से मिलेगी निजात

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के लिए शुद्ध पेयजल अत्यंत आवश्यक है। ग्रामीण जनता को शुद्ध पेयजल मिलने से उन्हें विभिन्न बीमारियों से निजात मिलेगी, जिससे हमारे गांव स्वस्थ होंगे। उन्होंने कहा कि ये योजना एक प्रकार से वॉटर थैरेपी की तरह है, जिससे पाचन संबंधित बीमारियां, यूरीन संबंधित बीमारियां, पीलिया, किडनी की पथरी और किडनी फेल होने जैसी बीमारियों से काफी हद तक निजात मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के लिए अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मदद से ग्रामीणों को जागरूक करना होगा। इसके लिए ग्राम प्रधान के साथ मिलकर तैयार कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए।

प्रदेश के प्रत्येक गांव को हमें आत्मनिर्भर बनाना होगा

उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल के लिए ग्रामीणों तक इस बात को पहुंचाया जाना चाहिए कि यह उनके मोबाइल के मासिक खर्च से भी कम में उन्हें दिया जा रहा है। इसके लिए पंचायत सहायक और बीसी सखियों को भी लगाया जाए। उन्होंने इस बात के लिए विशेष तौर पर निर्देशित किया कि पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदी गई सड़क को समय पर ठीक कराएं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के गांवों को स्वस्थ और आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक गांव को हमें आत्मनिर्भर बनाना होगा। गांव के ऐसे तालाब जो किसी मंदिर से न जुड़े हों उनमें मत्स्य पालन की व्यवस्था शुरू की जा सकती है। इसके अलावा ग्राम हाट और पक्की दुकानें बनाकर उनसे आय अर्जित की जा सकती है। इसके लिए अधिकारी, स्थानीय जन प्रतिनिधि के साथ मंत्रीगण भी गांवों में जाएं और प्रधान व ग्रामीणों से विस्तृत चर्चा करें।

ग्राम सचिवालय का मॉडल पूरे देश को आकर्षित कर रहा

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा ग्राम सचिवालय का मॉडल पूरे देश को आकर्षित कर रहा है। यह गांव की समस्याओं के समाधान का माध्यम बना है। जिन कार्यों के लिए पहले तहसील जाना होता था, अब ग्रामीणों को वह सुविधा गांव में ही मिल रही है। उन्होंने कहा कि गांवों के बीच आत्मनिर्भर होने को लेकर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। इसके लिए सरकार के स्तर से उन्हें प्रोत्साहित करना होगा। गांवों को अपने स्रोतों से प्राप्त होने वाली आय के बराबर धन सरकार की ओर से दिया जाना चाहिए।