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ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले अरशद नदीम से मिला लश्कर-ए-तैयबा का, विवादों में घिरे पाकिस्तान के स्टार जैवलिन थ्रोअर*
#arshad_nadeem_with_lashkar_e_tayyiba_terrorist_harris_dar

पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले पाकिस्तान के स्टार जैवलिन थ्रोअर अरशद नदीम विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। पेरिस ओलंपिक 2024 में हुई भाला फेंक प्रतियोगिता में पाकिस्तान के लिए गोल्ड जीतने वाले एथलीट अरशद नदीम पिछले कई दिनों से चर्चा में हैं। वो पाकिस्तान के लिए ओलंपिक में इंडिविजुअल गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले एथलीट बने। इसके बाद से ही लगातार उनका सम्मान किया जा रहा है। इसी बीच अरशद नदीम की एक ऐसी फोटो वायरल हो रही है, जिसे देखकर हर कोई हैरान है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि वह लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी मोहम्मद हारिस डार से मिले हैं। उन्हें डार के साथ बातचीत करते देखा जा सकता है। इस वीडियो को लेकर दावा है कि अरशद नदीम एक कार्यक्रम में गए थे जहाँ उनकी बातचीत लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी से एकदम करीब बैठकर हुई। इस वीडियो में हारिस अरशद से कहता नजर आ रहा है कि इस मुल्क का नाम पूरी दुनिया में रोशन करना है। हम लोग जैवलिन थ्रो का टूर्नामेंट करवाएंगे। ये वीडियो वायरल होने के बाद भाजयुमो के राष्ट्रीय सचिव तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने अरशद पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा- पेरिस ओलंपिक में गोल्ड जीतने के बाद अरशद नदीम की मुलाकात भारत के मोस्ट वांटेड लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी हारिस डार से हुई। हालांकि अभी तक ये पता नहीं चल सका है कि अरशद की मुलाकात पेरिस ओलंपिक से पहले हुई थी या फिर वहां से पाकिस्तान लौटने के बाद, लेकिन ये वीडियो वायरल होने के बाद कई सवाल उठने लगे हैं। मालूम हो कि जिस आतंकी से बातटीत का वीडियो सामने आने पर अरशद नदीम पर सवाल उठे हैं वो सिर्फ भारत विरोधी बयान बाजी नहीं करता बल्कि यून द्वारा बनाई गई आतंकियों की लिस्ट में भी उसका नाम है। साल 2018 में अमेरिकी वित्त विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (ओएफएसी) ने विदेश विभाग के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और उसकी राजनीतिक पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) को निशाना बनाते हुए सात लोगों को वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) के रूप में नामित किया था। इस लिस्ट में सैफुल्लाह खालिद, मुजम्मिल इकबाल हाशिमी, मुहम्मद हारिस डार समेत 7 नाम थे।
विनेश फोगाट पर “सियासी नूराकुश्ती”, हरियाणा विधानसभा चुनाव में लाभ लेने की होड़ में बीजेपी-कांग्रेस

#vinesh_phogat_becomes_issue_of_haryana_assembly_elections 

पेरिस ओलंपिक 2024 में कुश्ती फाइनल से पहले अयोग्य घोषित होने के बाद पहलवान विनेश फोगाट ने गुरुवार को संन्यास की घोषणा की। ओलंपिक कुश्ती फाइनल के लिए क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनने के बाद विनेश का बुधवार की सुबह 100 ग्राम वजन ज्यादा पाया गया। जिसके कारण उन्हें 50 किग्रा वर्ग की स्पर्धा से अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसके बाद विनेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर संन्यास का ऐलान किया। विनेश के ओलंपिक से बाहर होने और संन्यास का ऐलान करने के बाद से भारत में इसे लेकर राजनीति शुरू हो गयी है।

विनेश फोगाट ओलंपिक से अयोग्य ऐसे समय करार दी गई हैं, जब हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी तपिश गर्म है। राजनीतिक पार्टियां चुनावी बिसात बिछाने में जुट गई हैं। ऐसे में हरियाणा से आने वाली विनेश फोगाट के ओलंपिक से बाहर होने के मुद्दे को सियासी रंग दिया जाने लगा है। विनेश फोगाट के मामले को लेकर हरियाणा का सियासी माहौल और गरमा गया है।

पेरिस ओलंपिक के घटनाक्रम को हरियाणा विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।पहलवान विनेश फोगाट के मामले ने हरियाणा में कांग्रेस को बीजेपी के खिलाफ बैठे बिठाए बड़ा मुद्दा दे दिया है। अब कांग्रेस इस मामले को लेकर भाजपा को जमकर घेर रही है। राज्य के नेताओं की ओर से जमकर बयानबाजी हो रही है। राजनीति के जानकार बताते हैं कि इस मामले का पूरा असर विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा। 

 

विनेश के मामले में कांग्रेस ने बीजेपी को सरकार घेरा है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए इसे षड्यंत्र बताया है। उन्होंने कहा कि विनेश फोगाट के खिलाफ रचा गया षड्यंत्र एक न एक दिन बेनकाब होगा, ये षड्यंत्र का चक्रव्यूह टूट कर रहेगा। सुरजेवाला ने कहा कि कौन है जिसने हरियाणा और देश की बेटी की पीठ में छुरा घोंपा? कौन है इस नफरती षड्यंत्र के पीछे? कौन है जिससे विनेश फोगाट की जीत हजम नहीं हुई? किसका चेहरा बचाने की हुई कोशिश? सबका पर्दाफाश होगा।

वहीं, कांग्रेस नेता और रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जब सारी दुनिया के एथलीट कुश्ती के मैट पर अभ्यास कर रहे थे, तब वह महिला पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए धरने की दरी पर बैठी थीं। इसके बावजूद भी वह फाइनल में पहुंची, लेकिन उसे ओलंपिक से बाहर करने की साजिश रची गई है। इस तरह से कांग्रेस के तमाम दूसरे नेताओं ने विनेश फोगाट को लेकर सवाल उठाए और मोदी सरकार के घेरते हुए नजर आए।

बता दें कि विनेश फोगाट ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख और बीजेपी नेता बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

वहीं दूसरी तरफ, वहीं हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने सिल्वर मेडल विजेता की तरह विनेश फोगाट का सम्मान करने का ऐलान कर अपना दांव चल दिया। हरियाणा की बीजेपी सरकार ने घोषणा की है कि फोगाट को रजत पदक विजेता के बराबर सम्मानित किया जाएगा और उनके लौटने पर भव्य स्वागत किया जाएगा। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी का कहना है कि विनेश भले ही फाइनल मुकाबला नहीं लड़ पाईं हो लेकिन वे सभी के लिए एक चैंपियन हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें वह सभी पुरस्कार और सुविधाएं देगी जो रजत पदक विजेता को दी जाती हैं।

सैनी के ऐलान पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपिंदर हुड्डा ने भी बड़ा दांव खेल दिया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में उनके पास पर्याप्त संख्या होती तो वह कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में फोगाट को राज्यसभा के लिए चुनाव में उतारते। हुड्डा ने ऐसा कहकर चुनाव से पहले बीजेपी को मानसिक तौर भी झटका देने की कोशिश कर रहे हैं। विनेश अगर चुनाव लड़ती हैं तो विधानसभा के चुनाव से पहले राज्यसभा के चुनाव में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

बता दें कि हरियाणा में 2 महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं। हरियाणा में अभी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार है। लोकसभा चुनाव के नतीजे देखें तो हरियाणा में भाजपा की स्थिति उतनी मजबूत नहीं है। ऐसे में विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। यहां मुख्य मुकाबला सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के बीच है। हरियाणा में सबसे ज्यादा ओबीसी वर्ग की नाराजगी देखी जा रही है। इसके अलावा प्रदेश में एंटी इंकम्बेंसी का माहौल भी है। लोगों में सरकार से नाराजगी देखी जा रही है। इसी दौरान पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट को अयोग्य करार दिए जाने का मामला सामने आ गया। जो बीजेपी के खिलाफ जा सकता है।

आसाराम आएगा जेल से बाहर, कोर्ट से मिली सात दिन की पैरोल

#jodhpur_court_grants_seven_days_parole_to_asaram 

यौन शोषण के आरोप में जोधपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहे आसाराम को कोर्ट से सात दिन की पैरोल मिली है। राजस्थान हाईकोर्ट से उपचार के लिए आसाराम को पैरोल दी गई है। उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम को पहली बार सात दिन की पैरोल मिल गई है। बताया जा रहा है कि पैरोल की अवधि में आसाराम महाराष्ट्र के माधोबाग में इलाज करवाएंगे। इस दौरान वे पुलिस कस्टडी में ही रहेंगे।

आसाराम ने इलाज के लिए पैरोल एप्लिकेशन लगा रखी थी, लेकिन हर बार खारिज हुई। इससे पहले आसाराम को जोधपुर स्थित निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज के लिए पुलिस कस्टडी में अनुमति दी गई थी। वहां आसाराम ने पुणे के डॉक्टर्स की देखरेख में इलाज करवाया था। इसके बाद वापस तबीयत बिगड़ने पर जोधपुर एम्स में भर्ती हुए। आसाराम की ओर से वापस पैरोल एप्लिकेशन लगाई गई, जिसे स्वीकार करते हुए इलाज के लिए 7 दिन की पैरोल के आदेश हुए हैं।

कोर्ट ने आसाराम को पैरोल तो दे दी लेकिन इसके साथ ही कुछ शर्तें भी लगा दीं हैं। आसाराम पुलिस कस्टडी में ही खोपोली माधव बाग महाराष्ट्र के अस्पताल में उपचार करवा सकता है लेकिन पुलिस का खर्चा पूरा आसाराम को वहन करना पड़ेगा। साथ ही आसाराम के साथ दो अटेंडेंट और एक डॉक्टर भी जा सकता है। 

आसाराम पर नाबालिग से रेप का आरोप है। आसाराम पर पीड़िता ने आरोप लगाया था कि साल 2013 में उसने अपने जोधपुर आश्रम में उसके साथ बलात्कार किया था। उस वक्त वो नाबालिग थी। उसकी उम्र महज 16 साल थी। इसी मामले में आसाराम आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। इस केस में आसाराम अबतक 11 साल की सजा काट चुका है। 31 अगस्त 2013 को आसाराम बापू की गिरफ्तारी हुई थी, इसके बाद से उसने कई बार जेल से बाहर आने की और जमानत पाने की कोशिश की लेकिन वह नाकाम रहा।

कोलकाता में डॉक्टर रेप-मर्डर केस की जांच करेगी सीबीआई, ममता की डेडलाइन से पहले हाई कोर्ट का फैसला

#cbi_investigate_kolkata_doctor_murder_case 

कलकत्ता हाई कोर्ट ने ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया है। कोर्ट ने कोलकाता पुलिस को कल सुबह 10 बजे तक केस डायरी, सीसीटीवी फुटेज और बयानों समेत सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंपने के लिए कहा है। कलकत्ता हाई कोर्ट का ये फैसला ऐसे समय में आया है जब राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल ही यानी सोमवार को ही पुलिस को रविवार तक का अल्टीमेटम दिया था। बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर के साथ रेप की घटना को अंजाम दिया गया था। रेप के बाद महिला डॉक्टर की हत्या भी कर दी गई थी। वहीं इस मामले को लेकर देश भर में डॉक्टरों के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की दुष्कर्म और हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के बीच इस मामले पर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कलकत्‍ता हाईकोर्ट ने मामले का स्‍वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की और जांच को हर हाल में बुधवार सुबह तक सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। तीन हफ्ते बाद मामले की अगली सुनवाई होगी। पूरी जांच हाईकोर्ट की निगरानी में होगी।

इससे पहले सोमवार को मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था क‍ि पुल‍िस अगर रव‍िवार तक जांच पूरी नहीं करती है, तो मामले को सीबीआई को सौंप दिया जाएगा। पीड़‍िता के माता-पिता चाहते थे क‍ि मामले की सीबीआई जांच की जाए। दरअसल, सोमवार को जब मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी उनसे मिलने पहुंचीं थीं, तब भी उन्‍होंने इसकी मांग की थी।

कोलकाता के आरजीकर मेडकिल कॉलेज में शुक्रवार की रात इमरजेंसी ने ड्यूटी कर रही जूनियर डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई। मामले की जांच कर रही पुलिस ने अभी तक केवल एक आरोपी को गिरफ्तार की है। माना जा रहा है कि जिस तरह से घटना को अंजाम दिया गया है उसमें अकेला शख्स शामिल नहीं हो सकता है। ऐसे में प्रदर्शनकारी डॉक्टर बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कहना था कि पुलिस घटना में शामिल बाकी आरोपियों को गिरफ्तार करने में अभी तक असफल रही है।

घटना के बाद सीसीटीवी में एक व्यक्ति सुबह चार बजे सेमिनार हॉल में जाता दिखा था। पुलिस को महिला के शव के पास ब्लूटूथ ईयरफोन भी मिले थे। ब्लूटूथ ईयरफोन के जरिए ही पुलिस ने अपराधी का पता लगाया। ईयरफोन संदिग्ध के फोन से कनेक्ट हो गए। इसके बाद आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उसके फोन में अश्लील वीडियो भी पाए गए।

उत्तर प्रदेश में 'दो लड़के' अपराधियों को पनाह दे रहे हैं ' बीजेपी ने राहुल गांधी, अखिलेश यादव पर निशाना साधा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का जिक्र करते हुए कहा कि "दो लड़के" के राजनीतिक प्रभाव में हालिया वृद्धि ने उत्तर प्रदेश में अपराधियों की स्थिति मजबूत कर दी है। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर अपराधियों को बचाने का आरोप लगाया और उससे जुड़े दो लोगों की गिरफ्तारी के लिए पार्टी की आलोचना की, जिन पर बलात्कार और बलात्कार के प्रयास का आरोप है।

"जो चुनाव में कहते थे वही दो लड़के, उन लड़कों के साथ जो लोग हैं वो गलती नहीं अपराध कर रहे हैं। और जब से ये दो लड़कों की ताकत बढ़ी है, तब से अपमान की हिम्मत और हिमाकत भी उसी अनुरूप में बढ़ती हुई नजर आ रही है। जब से इन दोनों को अधिक शक्ति मिली है, अपराधियों का साहस भी बढ़ गया है।)” त्रिवेदी ने राहुल गांधी और अखिलेश यादव के स्पष्ट संदर्भ में यह कहा, जिनका गठबंधन हाल के लोकसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से आगे निकल गया। 

उन्होंने आरोप लगाया कि सपा न केवल अपराधियों को "कवर फायर" दे रही है, बल्कि विपक्षी भारतीय गुट के सदस्य भी अपने गठबंधन सहयोगियों के आपराधिक तत्वों को बचाने में एक-दूसरे की सहायता कर रहे हैं। अपराधियों का समर्थन करना समाजवादी पार्टी के डीएनए में है। 

भाजपा नेता ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर उनके उस बयान के लिए भी हमला किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर स्थानीय पुलिस रविवार तक इसे नहीं सुलझाती है तो वह कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले को सीबीआई को स्थानांतरित कर देंगी।

उन्होंने सवाल किया कि क्या देरी का उद्देश्य मामले में हेराफेरी करना था और उन्होंने जांच को तत्काल सीबीआई को स्थानांतरित करने की मांग की।

मैंने इन अपराधों के संबंध में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा की "चुप्पी" पर सवाल उठाया है, जिसमें कहा गया है कि इंडिया ब्लॉक पार्टियां अपने गठबंधन के भीतर "आपसी आपराधिक तत्वों" को कवर कर रही हैं।

इस बीच, एनसीपी (एससीपी) सांसद सुप्रिया सुले ने ममता बनर्जी का समर्थन करते हुए कहा कि वह त्वरित कार्रवाई करेंगी और परिवार को फास्ट-ट्रैक कोर्ट के माध्यम से न्याय मिलना चाहिए। “देश भर में ऐसी बहुत सी घटनाएं होती हैं और हम उन सभी की निंदा करते हैं। हमें विश्वास है कि ममता बनर्जी जल्द कार्रवाई करेंगी और परिवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से न्याय मिलना चाहिए। हम अपनी बेटी को इस घटना से नहीं बचा सके, लेकिन ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए, ”एएनआई ने सुले के हवाले से कहा।

कम नहीं हो रही शेख हसीना की मुश्किलें, अब बांग्लादेश में दर्ज हुआ हत्या का केस

#bangladesh_murder_case_registered_against_sheikh_hasina

देश छोड़ने के बाद भी मुसीबतें शेख हसीना का पीछा नहीं छोड़ रही है।बांग्लादेश में तख्तापलट का शिकार हुईं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मर्डर का केस दर्ज किया गया है। शेख हसीना के साथ-साथ छह अन्य के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। ढाका ट्रिब्यून अखबार की खबर के मुताबिक, यह मामला किराने की दुकान के मालिक की हत्या के विरोध में दर्ज कराया गया है। 

दरअसल, 19 जुलाई को ढाका के मोहम्मदपुर इलाके में पुलिस गोलीबारी में किराने की दुकान के मालिक अबू सईद की मौत पर के मामले में शेख हसीना और छह अन्य को आरोपी बनाते हुए हत्या की धाराओं में केस किया गया है। शेख हसीना के साथ अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) चौधरी अब्दुल्ला अल-मामुन, पूर्व डीबी प्रमुख हारुन, पूर्व डीएमपी आयुक्त हबीबुर रहमान और पूर्व डीएमपी संयुक्त आयुक्त बिप्लब कुमार को आरोपी बनाया गया है।

मोहम्मदपुर निवासी अमीर हमजा शातिल ने शेख हसीना और अन्य के खिलाफ ढाका मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट राजेश चौधरी की अदालत में मामला दायर किया है। शिकायतकर्ता मृतक का रिश्तेदार नहीं है। उसका कहना है बांग्लादेशी नागरिक होने के नाते और मृतक से हमदर्दी में उसने ये मामला दायर किया है। पीड़िता के परिवार के सदस्य पंचगढ़ जिले के बोडा उपजिला में रहते हैं। अमीर हमजा का कहना है कि पीड़ित का परिवार गरीब है और केस करने में असमर्थ है। ऐसे में उसने ये केस दायर किया है

बांग्लादेश में हिंसा और सरकार गिरने के बाद से शेख हसीना के खिलाफ यह पहला मामला दर्ज किया गया है। इससे शेख हसीना की बांग्लादेश वापसी पर भी सवाल खड़ा गया है। वापसी पर अब बहुत मुमकिन है कि उनकी गिरफ्तारी हो और उनको जेल भेजा जाए।

बता दें कि बांग्लादेश में नौकरी में आरक्षण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। बाद में ये विरोध प्रदर्शन शेख हसीना के इस्तीफे की मांग पर फोकस हो गए। इस दौरान बांग्लादेश में जमकर हिंसा हुई, जिसके चलते शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा दिया और देश छोड़कर निकल गईं। शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद भी बांग्लादेश में हिंसा में 230 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और अब तक मृतकों की संख्या 560 हो गई है। फिलहाल बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार गठित की गई है।

यूपी विधानसभा उपचुनाव के लिए सपा ने कसी कमर, अखिलेश यादव ने 6 सीटों के लिए नियुक्त किए प्रभारी

समाजवादी पार्टी (सपा) ने छह विधानसभा उपचुनाव सीटों के लिए रणनीतिक रूप से चुनाव प्रभारी नियुक्त किए हैं, जो इन महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ने की उनकी मंशा को दर्शाता है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव को अंबेडकर नगर की कटहरी विधानसभा सीट की देखरेख का जिम्मा सौंपा गया है। यह कदम पार्टी के भीतर उनकी प्रमुख भूमिका को रेखांकित करता है और आगामी उपचुनावों में इस निर्वाचन क्षेत्र के महत्व का संकेत देता है।

अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद और लाल बिहारी यादव को अयोध्या की मिल्कीपुर सीट के लिए प्रभारी नियुक्त किया गया है, जो राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत करने पर पार्टी के फोकस को दर्शाता है। इस बीच, सांसद वीरेंद्र सिंह को मिर्जापुर की मझवां विधानसभा सीट संभालने का काम सौंपा गया है, जबकि चंद्रदेव यादव को मैनपुरी की करहल विधानसभा का प्रभारी बनाया गया है। इंद्रजीत सरोज और राजेंद्र कुमार को क्रमशः फूलपुर और सीमामऊ सीटों के लिए नियुक्त किया गया है।

समाजवादी पार्टी द्वारा जारी की गई यह सूची उन दस विधानसभा सीटों में से छह पर अपने उम्मीदवार उतारने के उनके फैसले को उजागर करती है, जहां जल्द ही चुनाव होने वाले हैं। इन दस सीटों में से पांच पर पहले समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी, जिससे इन क्षेत्रों में उनकी पकड़ मजबूत हुई है। बाकी सीटें अन्य राजनीतिक दलों ने जीती हैं: तीन भाजपा ने, एक राष्ट्रीय लोक दल (RLD) ने और एक निषाद पार्टी ने, जो दोनों ही एनडीए की सहयोगी हैं। इन सीटों के लिए प्रभारी के रूप में अनुभवी नेताओं को सपा द्वारा चुना जाना उपचुनावों में जीत हासिल करने और उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में अपना प्रभाव बनाए रखने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह चुनाव समाजवादी पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा होगी क्योंकि वह इन क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति को पुनः प्राप्त करने या बनाए रखने का प्रयास कर रही है।

'सुरक्षा नहीं तो ड्यूटी नहीं..', कोलकाता कांड पर उबला पूरा देश, कई जगह डॉक्टरों की हड़ताल, मरीज बेहाल

 कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के बाद देशभर में डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी है। कई अस्पतालों में केवल आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध हैं, जबकि ओपीडी सेवाएं पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (FORDA) ने इस घटना के विरोध में देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था, जिसका असर अब दिखाई दे रहा है।

FORDA ने इस घटना को रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुए सबसे बर्बर हादसों में से एक बताया है और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों और व्यक्तियों से इस्तीफा मांगा है, जो महिला डॉक्टर की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे। एसोसिएशन ने यह भी मांग की है कि हड़ताल करने वाले डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई न की जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। कोलकाता के अधिकांश अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर हैं, जिससे मरीजों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में भी डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया और ओपीडी सेवाएं बंद रहीं। मरीज और उनके परिजन इलाज के लिए इधर-उधर भटकते रहे, लेकिन ओपीडी के दरवाजे बंद मिले। पटना मेडिकल कॉलेज में भी इसी तरह की स्थिति रही, जहां बड़ी संख्या में मरीज बिना इलाज के बाहर बैठे रहे।

मुंबई के जेजे अस्पताल, सियोन, नायर और किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल में भी डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया और ओपीडी सेवाएं बंद रहीं। दिल्ली के एम्स में भी 80 प्रतिशत डॉक्टर हड़ताल पर रहे, जिससे मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। एम्स प्रशासन ने डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। IMA ने बताया कि 25 राज्यों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानून हैं, लेकिन केंद्र ने इस दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इस घटना के बाद, कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर का खून से सना शव पाया गया था, जिसके बाद पता चला कि उसका रेप करके हत्या कर दी गई थी। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

DRDO ने किया एंटी टैंक मिसाइल MP-ATGM का सफल परिक्षण, टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों को पल में करेगा ध्वस्त

 राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने स्वदेशी मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) का सफल परीक्षण कर लिया है। इस परीक्षण के दौरान मिसाइल ने अत्यधिक सटीकता के साथ अपने लक्ष्य पर निशाना साधा, जिससे यह साबित हुआ कि यह मिसाइल दुश्मन के टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को प्रभावी ढंग से नष्ट करने में सक्षम है।

MPATGM को भविष्य में भारतीय सेना के मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन में भी तैनात किया जाएगा। यह मिसाइल टैंडम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक (HEAT) हथियार से लैस है, जो अत्याधुनिक एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ERA) से ढके बख्तरबंद वाहनों को भी भेदने में सक्षम है। इसका मतलब है कि वर्तमान समय के किसी भी आधुनिक टैंक या बख्तरबंद वाहन के लिए इस मिसाइल से बच पाना मुश्किल होगा। इस मिसाइल का वजन 14.50 किलोग्राम है और इसकी लंबाई 4.3 फीट है, जिसे संचालित करने के लिए दो लोगों की आवश्यकता होती है। MPATGM की मारक क्षमता 200 मीटर से लेकर 2.5 किलोमीटर तक है। 

इसमें टैंडम चार्ज हीट और पेनेट्रेशन वॉरहेड लगाए जा सकते हैं, जो इसे दुश्मन के भारी कवच वाले वाहनों के लिए और भी घातक बनाते हैं। सेना में MPATGM के शामिल होने के बाद फ्रांस में बनी मिलन-2टी और रूस में बनी कॉन्कर्स एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों के पुराने वर्जन को हटाया जाएगा, जिससे भारतीय सेना की मारक क्षमता और भी अधिक बढ़ेगी। DRDO का यह सफल परीक्षण भारत की रक्षा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि यह स्वदेशी मिसाइल प्रणाली न केवल देश को आत्मनिर्भर बनाएगी बल्कि रक्षा क्षेत्र में भी नए मानक स्थापित करेगी। इससे भारतीय सेना को अपने सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा में अधिक मजबूती मिलेगी, और यह भारत की रणनीतिक स्थिति को भी सुदृढ़ करेगा।

'बहन के खिलाफ पत्नी को उतारना गलती थी..', अजित पवार ने अब मानी लोकसभा चुनाव में हुई भूल !

लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र की बारामती सीट पर विशेष ध्यान केंद्रित था, क्योंकि यहाँ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो धड़ों में एक गंभीर आंतरिक कलह उभर कर सामने आई थी। इस सीट पर दो प्रमुख उम्मीदवार थे: अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारा था, जबकि शरद पवार गुट की ओर से उनकी बेटी सुप्रिया सुले चुनावी मुकाबले में थीं। चुनाव के परिणामों ने अजित पवार को एक बड़ा झटका दिया और सुप्रिया सुले ने जीत हासिल की, जो लगातार इस सीट पर जीतती आई हैं।

 

इस चुनावी हार ने अजित पवार की राजनीतिक स्थिति को कमजोर कर दिया और उन्होंने राज्य की केवल एक सीट पर ही जीत दर्ज की। अजित पवार ने बारामती में पत्नी और बहन के आमने-सामने आने को अपनी गलती बताया और कहा कि यह कदम गलत था। उन्होंने मंगलवार को स्वीकार किया कि उन्हें अपनी पत्नी को अपनी बहन के खिलाफ चुनावी मैदान में नहीं उतारना चाहिए था। अजित पवार ने यह भी कहा कि अब इस फैसले को बदलना संभव नहीं है क्योंकि इसे संसदीय बोर्ड द्वारा अंतिम रूप से तय किया गया था।

एक कार्यक्रम में पूछे गए सवाल पर अजित पवार ने राजनीति और पारिवारिक रिश्तों के बीच फर्क करते हुए कहा कि राजनीति की अपनी जगह है और उसे घर के भीतर नहीं घुसाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह रक्षाबंधन के दौरान बारामती में होते हैं, तो वह निश्चित रूप से अपनी बहन सुप्रिया सुले से मिलेंगे। बारामती लोकसभा क्षेत्र में शरद पवार और अजित पवार के गुटों के बीच संघर्ष ने चुनाव को और भी महत्वपूर्ण बना दिया था। हालांकि सुप्रिया सुले और सुनेत्रा पवार के बीच मुकाबला काफी कड़ा था, लेकिन अंततः शरद पवार की अगुवाई में उनके गुट ने बारामती सहित महाराष्ट्र की कई सीटों पर जीत दर्ज की।