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मनीष सिसोदिया ने संभाली AAP की कमान,विधायकों के साथ किया मंथन

दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की रिहाई के बाद आम आदमी पार्टी एक्शन मोड में आ गई है. सोमवार को दिल्ली में विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर पार्टी के विधायकों की बैठक हुई. मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास पर हुई इस बैठक में सुनीता केजरीवाल भी मौजूद रहीं. दिल्ली में 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में आम आदमी पार्टी ने चुनावों को लेकर अभी से कमर कसनी शुरू कर दी है.

बैठक खत्म होने बाद पार्टी के सांसद संदीप पाठक ने ने कहा कि सभी विधायकों ने मनीष सिसोदिया का खड़े होकर स्वागत किया. इस बार के चुनाव में दिल्ली की जनता BJP को सबक सिखाएगी ताकि वो किसी और राज्य में दिल्ली जैसे षड्यंत्र ना कर पाए. बैठक में विधायकों से उनके क्षेत्र के हालात के बारे में पूछा गया और मौजूदा सियासी हालात को लेकर रिपोर्ट ली गई.

संदीप पाठक ने कहा कि मनीष सिसोदिया दिल्ली और हरियाणा दोनों जगह प्रचार करेंगे. पार्टी दिल्ली में 14 तारीख से पदयात्रा निकालेगी. वहीं, 15 अगस्त को आतिशी के झंडा फहराने को लेकर संदीप पाठक ने कहा कि दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल को रिक्वेस्ट भेजी है, देखते हैं क्या होता है. बैठक में मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय और इमरान हुसैन के अलावा सांसद संदीप पाठक और आप विधायकों ने हिस्सा लिया.

शुक्रवार को जेल से रिहा हुए हैं मनीष सिसोदिया

मुख्यमंत्री आवास पर हुई विधायकों की बैठक से पहले रविवार को पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के आवास पर एक अहम बैठक हुई थी. इस बैठक में भी पार्टी कई चुनिंदा नेता शामिल हुए थे. बैठक के बाद संगठन महामंत्री संदीप पाठक ने कहा था कि राजनीतिक परिस्थिति और दिल्ली विधानसभा में होने वाले चुनाव को लेकर चर्चा हुई. दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल में बंद सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शुक्रवार की शाम तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया.

जलभराव के मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर है सरकार

दिल्ली में बारिश के बाद कई इलाकों में जलभराव और मौतों से केजरीवाल सरकार विपक्ष के निशाने पर हैं. विपक्षी पार्टी बीजेपी दिल्ली में जलभराव के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार बता रही है. दूसरी ओर आम आदमी पार्टी अधिकारियों पर ठिकरा फोड़ रही है. सरकार का कहना है कि उसकी ओर से बार-बार अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे, लेकिन वो उपराज्यपाल के अलावा किसी की बात नहीं सुनते हैं.

विराट् रामायण मन्दिर के 270 फीट की ऊंचाई को मिला पर्यावरण क्लीयरेंस, कुल 4.47 लाख वर्गफुट निर्माण की मंजूरी : आचार्य किशोर कुणाल

पटना : महावीर मन्दिर न्यास द्वारा बिहार के पूर्वी चंपारण के कैथवलिया में निर्माणाधीन विराट् रामायण मन्दिर के 270 फीट की ऊंचाई को पर्यावरण क्लीयरेंस मिल गया है। सिया यानी राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण ने इसकी मंजूरी प्रदान कर दी है। राज्य विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति की अनुशंसा के बाद सिया ने अपनी हरी झंडी दी है। विराट् रामायण मन्दिर का मुख्य शिखर 270 फीट ऊंचा होगा। 

महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने इस संबंध में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पूर्व में विराट् रामायण मन्दिर की ऊंचाई 225 फीट रखी गयी थी। यह कंबोडिया के अंकोरवाट मन्दिर से थोड़ा अधिक था। अंकोरवाट मन्दिर की ऊंचाई 220 फीट है। कंबोडिया सरकार की आपत्ति के बाद विराट् रामायण मन्दिर के डिजाईन में थोड़ा परिवर्तन किया गया। विराट् रामायण मन्दिर की ऊंचाई बढ़ाकर 270 फीट कर दी गयी। मन्दिर की चौड़ाई 540 फीट और लंबाई 1080 फीट है। भारत सरकार ने विराट् रामायण मन्दिर के नये डिजाइन और योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी थी। 

तब के केन्द्रीय संस्कृति मंत्री डा. महेश शर्मा ने महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल को प्रेषित अपने पत्राचार में विराट् रामायण मन्दिर की कार्य योजना की प्रशंसा में लिखा था- ''मैं भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में विभिन्न कालखंडों में विकसित वास्तुकलाओं और डिजाइनों का सम्मिश्रण प्रतीत हो रहे एक भव्य मन्दिर के निर्माण में आपकी संस्था के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूँ। कंबोडिया सरकार की आपत्तियों के निराकरण में आपकी संस्था का सकारात्मक और परिपक्व रवैया भी प्रशंसनीय है।" 

विराट रामायण मन्दिर में कुल 2101 पिलर होंगे

आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि विराट् रामायण मन्दिर देश का सबसे बड़ा मन्दिर होने जा रहा है। इसके 3246 भूगर्भ स्तंभों का निर्माण पूरा हो चुका है। अब ऊपरी स्तंभों का निर्माण कार्य चल रहा है। विराट् रामायण मन्दिर में कुल 2101 स्तंभ अर्थात् पिलर होंगे। इनमें भूतल पर 853, प्रथम तल पर 572, द्वितीय तल पर 540 और शिखर के लिए 136 पिलर होंगे। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि विराट् रामायण मन्दिर में कुल 4,47,436 वर्गफुट निर्माण को पर्यावरण मंजूरी मिली है। इसमें केवल मन्दिर का निर्मित क्षेत्र 3,82,729 वर्गफुट है। बाकी 64,710 वर्गफुट सर्विस एरिया होगा।

1.36 लाख वर्गफुट में शिवगंगा का निर्माण

आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि अयोध्या से जनकपुर तक बन रहे राम- जानकी मार्ग पर अवस्थित विराट् रामायण मन्दिर परिसर में शिवगंगा का निर्माण किया जाएगा। इसका क्षेत्रफल 1,36,705 वर्गफुट होगा। यह सरोवर आकार में अद्धवृत्ताकार होगा। विराट् रामायण मन्दिर की मुख्य संरचना का निर्माण दो वर्षों में पूरा होने का आकलन किया गया है। मन्दिर में कुल 12 शिखर होंगे। दूसरा बड़ा शिखर 198 फीट का होगा। जबकि 180 फीट के चार शिखर हैं। जबकि 108 फीट के पांच शिखर होंगे। एक शिखर 135 फीट की ऊंचाई का होगा। मन्दिर में ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की एक ही चट्टान से निर्मित विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग की स्थापना होगी। महाबलिपुरम में तराशे जा रहे सहस्रलिंगम की ऊंचाई 33 फीट और गोलाई भी 33 फीट होगी। शिवलिंग का वजन 210 मीट्रिक टन होगा। 

आचार्य किशोर कुणाल ने पर्यावरण मंजूरी के लिए सिया के अध्यक्ष प्रो अतुल आदित्य पांडेय और सदस्य सचिव अभय कुमार के साथ मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष गोपाल शर्मा को धन्यवाद ज्ञापित किया है।

पटना से मनीष प्रसाद

उबर ड्राइवर ने पाकिस्तानी पैसेंजर को कैब से किया बाहर, भारत विरोधी टिप्पणी करने पर भड़का गुस्सा

#uber_driver_kicks_pakistani_passengers_off_car_over_anti_india_comments

भारत में मेहमान को भगवान माना जाता है, लेकिन यही मेहमान अपने देश को गाली देने लगे तो गुस्सा जाहिर है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है देश की राजधानी दिल्ली से। एक वीडियो इंटरनेट पर छाया हुआ है, जिसमें एक पाकिस्तानी कपल को कैब से धक्के मारकर कैब से उतार दिया है। दिल्ली में एक कैब ड्राइवर ने कथित तौर पर भारत की बुराई को लेकर एक पाकिस्तानी नागरिक और उसकी गर्लफ्रेंड को आधी रात बीच सड़क पर उतार दिया।

यह घटना कथित तौर पर 9 अगस्त की आधी रात को हुई थी। घटना का एक वीडियो, जिसे यात्रियों में से एक ने रिकॉर्ड किया था, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया है। वायरल हो रहे वीडियो में ड्राइवर को कैब में बैठे पाकिस्तानी शख्स और उसकी गर्लफ्रेंड से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वो दिल्ली वालों के बारे में कुछ भी बुरा सुनना बर्दाश्त नहीं करेगा। वहीं मोबाइल पर वीडियो रिकॉर्ड करते हुए लड़की कहती है कि उसने (पाकिस्तानी) ऐसा कुछ भी नहीं कहा। उसने बस इतना कहा कि दिल्ली वाले मतलबपरस्त होते हैं। इसके बाद लड़की कहती है, अगर मुंबई वाले ऐसा कह दें तो वो चल जाएगा, लेकिन पाकिस्तानी कहे तो, फिर कैब ड्राइवर पर भड़कते हुए कहती है कि उसे न बताए कि वो ब्राह्मण है कि क्या है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि ड्राइवर कपल को दोबारा समझाने की कोशिश करता है, लेकिन बात बढ़ जाती है और फिर ड्राइवर दोनों को अपनी कार से उतारकर वहां से जाने लगता है। इस दौरान लड़की गुस्से से चीखती है- देख लो ये मोदीजी का भारत है। रात के साढ़े 12 बजे ये हमें सड़क पर उतार रहा है। इस पर ड्राइवर भी उन्हें अपशब्द बोलता है।

वीडियो माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर Algebra ने शेयर किया। जिसको लाखों व्यूज मिल चुके हैं। वहीं, हजारों में लाइक्स हैं और खबर लिखे जाने तक 11 हजार रीपोस्ट किए जा चुके हैं।

बड़ी खबर : बिहार में ऑस्ट्रेलिया की कंपनी करेगी निवेश, उर्जा मंत्री से मुलाकात के दौरान ऑस्ट्रेलियाई कांसुलेट जनरल ने जताई इच्छा*

डेस्क : बिहार में उद्योग लगने की अब संभावना बढ़ रही है। पहले देश के बड़े उद्योगपतियों में शामिल अडानी ग्रुप ने यहां सिमेंट प्लांट की शुरुआत कर दी है। वहीं अब आस्ट्रेलिया भी यहां निवेश करना चाह रहा है। सोलर ऊर्जा क्षेत्र में संभावनाओं को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया ने निवेश की इच्छा जताई है। बीते सोमवार को ऊर्जा भवन में सूबे के ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव से मुलाकात के दौरान कोलकाता स्थित ऑस्ट्रेलियाई कांसुलेट जनरल (महावाणिज्य दूतावास) ह्यू बॉयलान ने यह इच्छा प्रकट की। मुलाकात के दौरान कॉन्सुलेट जनरल ने आश्वासन दिया कि ऑस्ट्रेलियाई कंपनी जल्दी ही बिहार का दौरा करेगी और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश की बात को आगे बढ़ाएगी। गौरतलब है कि बॉयलान दो दिन के बिहार दौरे पर हैं। इस दौरान ऊर्जा मंत्री ने उन्हें नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। इस मुलाकात के दौरान ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल, एसबीपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार व एनबीपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक निलेश देवरे भी उपस्थित थे। ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में बिहार में निरंतर विकास के कार्य चल रहे हैं। दरभंगा और सुपौल में पहले से दो फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट कमीशन किए जा चुके हैं। वहीं दक्षिण बिहार में कई ऐसे पहाड़ हैं जहां पेड़ नहीं है। ऐसे पहाड़ों पर भी सोलर पावर प्लांट लगाने की संभावनाओं पर हम काम कर रहे हैं। ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने कहा कि बिहार में जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत गैर-परंपरागत बिजली उत्पादन को हर तरह से प्रोत्साहित किया जा रहा है। अब तक 3500 से अधिक सरकारी भवनों पर सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं और अगले दो वर्षों में 9000 सरकारी भवनों पर सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना को स्वीकृति मिल चुकी है। उसी प्रकार सभी पंचायतों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य तेजी से चल रहा है। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 16 हजार मेगावाट गैर परंपरागत बिजली का उत्पादन हो सकता है। राज्य में जहां 11 हजार 200 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादित की जा सकती है। वहीं पवन ऊर्जा के माध्यम से 3650 मेगावाट बिजली उत्पादन करने की संभावना है।
बिहार प्रशासनिक सेवा के इन 20 पदाधिकारियों की आईएएस में हुई प्रोन्नति, केन्द्र सरकार ने जारी की अधिसूचना*

डेस्क : बिहार प्रशासनिक सेवा (बिप्रसे) के 20 पदाधिकारियों की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में प्रोन्नति गई है। सोमवार को इस संबंध में केंद्र सरकार के कार्मिक एवं पेंशन मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की है। ये सभी पदाधिकारी 39वीं बैच के हैं। इन्हें वर्ष 2023 के लिए प्रोन्नति दी गयी है। जानकारी के अनुसार इन अधिकारियों की पहली पदस्थापना संयुक्त सचिव के रूप में होगी। मालूम हो कि वर्ष 2023 में बिप्रसे के 54 अधिकारियों को आइएएस में प्रोन्नति दी गयी थी। जिसमें तीन साल की रिक्तियां थी। 2020 के लिए 27, 2021 के लिए 24 तथा 2022 के लिए नौ अफसरों को आइएएस में प्रोन्नति के लिये अनुशंसा की गयी थी। जिन पदाधिकारियों को प्रोन्नति मिली है उनमें सूचना एवं प्रावैधिकी मंत्री संतोष कुमार सुमन के आप्त सचिव डॉ. नंदलाल आर्य, गन्ना मंत्री कृष्णनंदन पासवान के आप्त सचिव राजेश कुमार सिंह, निदेशक, कारा रजनीश कुमार सिंह, अपर निदेशक डॉ. राजेश भारती, मृत्युंजय कुमार, सुजीत कुमार, राजेश कुमार सिंह, राकेश रंजन, संजय कुमार, शंभु शरण, राजेश कुमार सिंह, राजेश कुमार, सुनील कुमार, माधव कुमार सिंह, अहमद महमूद, विनायक मिश्र, सुमन कुमार, कुमार मंगलम, वारिस खान, अखिलेश कुमार सिंह एवं अतुल कुमार वर्मा शामिल है।
दूसरे चरण के सिपाही भर्ती परीक्षा में पकड़े गए सॉल्वर गैंग के 5 सदस्य, कई आपत्तिजनक सामान बरामद*

डेस्क : अभी नीट परीक्षा के धांधली का मामला थमा भी नहीं है। इसी बीच बिहार में चल रहे दूसरे चरण के सिपाही भर्ती परीक्षा को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है। हालांकि यह मामला पेपर लीक से जुड़ा न होकर अभ्यर्थी की जगह दूसरे के परीक्षा देने से जुड़ा है। दूसरे चरण की सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान बीते रविवार को राज्य के अलग-अलग जिलों से पांच सॉल्वर गैंग के सदस्य गिरफ्तार किए गए है। छपरा से सॉल्वर गैंग के तीन और शेखपुरा से दो सदस्य गिरफ्तार किए गए। आरोपितों के पास से ब्ल्यू टूथ, पासबुक, लैपटॉप और अन्य कागजात मिले हैं। वहीं, औरंगाबाद में प्रश्न पत्र लीक करने की साजिश रचने में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में नगर थाना के सब इंस्पेक्टर अनित कुमार के बयान पर प्राथमिकी दर्ज हुई है। इस बीच, केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने परीक्षा संपन्न होने के बाद विज्ञप्ति जारी कर बताया कि परीक्षा में गड़बड़ी करने के आरोप 12 अभ्यर्थियों को पकड़ा गया। इसमें 4 को गिरफ्तार किया गया और 3 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। उधर, छपरा में सॉल्वर गैंग उदय ओझा गिरोह के तीन सदस्य भगवान बाजार थाना क्षेत्र से धराये। एसपी डॉ कुमार आशीष ने बताया कि गैंग के सरगना कृष्णकांत सिंह और उदय ओझा की गिरफ्तारी को टीम गठित की गई है। वहीं, शेखपुरा के डीएम हाईस्कूल केंद्र से एक परीक्षार्थी को ब्लूटूथ के साथ पकड़ा गया। एसपी बलिराम चौधरी ने बताया कि अमृत और योगेश स्कूल के पास स्थित लालबाग मोहल्ले की पूजा कुमारी के घर में बैठकर ब्लूटूथ से परीक्षार्थी को नकल करा रहे थे।
बिहार में प्रशासनिक फेर-बदल : मयंक वरवड़े बने पटना प्रमंडल के आयुक्त, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल को ऊर्जा समेत इन दो विभागों का

डेस्क : बीते रविवार को बिहार सरकार ने प्रशासनिक महकमे में बड़ा फेर-बदल किया है। पटना प्रमंडल के आयुक्त को बदल दिया गया है। पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि का स्थानांतरण करते हुए इनकी जगह मगध प्रमंडल के आयुक्त मयंक वरवड़े को पटना प्रमंडल का आयुक्त बनाया गया है। वहीं प्रदेश के दो आईएएस को क्रमश: ऊर्जा तथा उद्योग विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। जबकि दो का स्थानांतरण किया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक वहीं गया के जिलाधिकारी त्यागराजन एसएम अगले आदेश तक गया प्रमंडलीय आयुक्त और गया स्थित बिपार्ड के अपर महानिदेशक के दैनिक कार्यों के अतिरिक्त प्रभार में रहेंगे। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल को ऊर्जा विभाग के सचिव और बिहार स्टेट पॉवर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी को उद्योग विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। उन्हें आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार-आइडा के प्रबंध निदेशक और बिहार राज्य महिला एवं बाल विकास निगम के प्रबंध निदेशक का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। भवन निर्माण विभाग के सचिव और पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि को स्थानांतरित करते हुए मुख्यमंत्री सचिवालय के सचिव के पद पर तैनात किया गया है। साथ ही उन्हें भवन निर्माण विभाग के सचिव और बिहार राज्य भवन निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
क्रीमी लेयर पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिया जवाब, जानें क्या कहा था

#govtisavoidingthesuggestionofsubclassificationsc_st

अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के रिजर्वेशन को लेकर नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है।एससी-एसटी) को मिलने वाले आरक्षण के अंदर सब कोटा बनाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का केंद्र सरकार ने विरोध किया है। सरकार ने साफ-साफ लफ्जों में बता दिया है कि आरक्षण में क्रीमी लेयर को आई सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश को लागू नहीं किया जाएगा।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिए गए एक फैसले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग में उप वर्गीकरण और पिछड़ों में भी अति पिछड़ों के हक की बात कही और इसी आधार पर राज्यों को आरक्षण के कोटे में कोटा तय करने का सुझाव दिया। लेकिन कोटे में कोटे का यह मामला सियासी तौर पर इतना संवेदनशील है कि सरकार ने संविधान का हवाला देते हुए क्रीमी लेयर से किनारा कर लिया है।

इस मामले पर शुक्रवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट मीटिंग खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का विरोध किया। उन्होंने भीम राव आंबेडकर के दिए संविधान का हवाला देते हुए कहा कि वहां एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है। यहां क्रीमी लेयर का मतलब उन लोगों और परिवारों से है जो उच्च आय वर्ग में आते हैं।

मोदी सरकार के पीछे कोई राजनीतिक मजबूरी?

अश्विनी वैष्णव भले ही एससी/एसटी आरक्षण पर आंबेडकर के संविधान का हवाला दे रहे हैं, लेकिन सियासी जानकार इस विरोध के पीछे राजनीतिक मजबूरी को भी एक बड़ी वजह मान रहे हैं। दरअसल, सरकार में शामिल तेलगू देशम पार्टी, एनडीए का हिस्सा केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के अलावा बीजेपी के कई सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट के सुझाव का स्वागत किया है लेकिन पार्टी के ही करीब सौ एससी-एसटी सांसदों ने इसका विरोध किया है। ये सांसद पीएम मोदी से मिले और सुप्रीम कोर्ट के सुझाव लागू नहीं करने की मांग की। एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी कोर्ट के सुझाव से सहमत नहीं हैं।

क्या है सुप्मी कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोटे में कोटा दिए जाने को मंजूरी दी थी। कोर्ट ने कहा था कि एसटी-एससी कैटेगरी के भीतर नई सब कैटेगरी बना सकते हैं और इसके तहत अति पिछड़े तबके को अलग से रिजर्वेशन दे सकते हैं। ये फैसला चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में सात जजों की संविधान पीठ ने सुनाया था। इस बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा शामिल थे। जस्टिस बेला त्रिवेदी ने बहुमत के फैसले से असहमति जताई थी. सुप्रीम कोर्ट की बेंच इस बात की जांच कर रही थी कि क्या ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य मामले में 2004 के उसके फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत है, जिसमें यह माना गया था कि अनुसूचित जातियां एक समरूप समूह हैं और इसलिए उनके बीच कोई सब कैटेगरी नहीं हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी 2024 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और कहा था कि सब कैटेगरी की अनुमति न देने से ऐसी स्थिति पैदा होगी, जहां क्रीमी लेयर के लोग सभी लाभों को हड़प लेंगे। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट 2004 के उस फैसले की जांच कर रहा था, जिसमें पांच जजों की पीठ ने कहा था कि केवल राष्ट्रपति ही यह अधिसूचित कर सकते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 341 के अनुसार कौन से समुदाय आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकते हैं और राज्यों के पास इसके साथ छेड़छाड़ करने का अधिकार नहीं है।

जिस महिला पर लगा था पुरुष होने का आरोप ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर रच दिया इतिहास

पेरिस ओलंपिक में अल्जीरिया की बॉक्सर इमान खेलीफ ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है.उन्होंने महिला बॉक्सिंग की वेल्टरवेट कैटगरी के फाइनल मुकाबले में चीन की बॉक्सर और 2023 की वर्ल्ड चैंपियन यांग लियू को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से हरा दिया. इमान खेलीफ गोल्ड मेडल जीतने वाली अल्जीरिया की पहली महिला बॉक्सर हैं. उनके अलावा केवल होसीन सोलटानी ने पुरुष कैटेगरी में अल्जीरिया के लिए गोल्ड मेडल जीता है. ये अल्जीरिया के ओलंपिक इतिहास का 7वां गोल्ड मेडल है.प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले में इटली की बॉक्सर एंजेला कारिनी को हराने के बाद खेलीफ पर पुरुष होने के आरोप लगाए गए थे. उनका जमकर विरोध हुआ था. यहां तक की उन्हें डिस्क्वालिफाई करने की मांग होने लगी थी.

मुश्किल था पेरिस ओलंपिक का सफर

इमान खेलीफ के लिए पेरिस ओलंपिक का सफर बेहद मुश्किल भरा रहा है. उनके लिए गोल्ड मेडल जीतना इतना आसान नहीं था. पूरे ओलंपिक के दौरान उन्हें पुरुष बताकर जमकर ट्रोल किया गया. उनका खूब विरोध हुआ, यहां तक उन्हें डिस्क्वालिफाई करके बाहर निकाले जाने की भी मांग हुई. इन सभी चीजों को सहते हुए खेलीफ अपने मुकाबलों पर ध्यान देती रहीं. हालांकि, फाइनल में उन्हें खूब समर्थन मिलते देखा गया. बाउट के दौरान कई फैंस उनके नाम के नारे लगाकर चीयर कर रहे थे.

खेलीफ ने जीत के बाद हवा में पंच मारा और अल्जीरिया के झंडे के साथ विक्ट्री लैप लगाते हुए सभी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद कहा. इस दौरान वो काफी इमोशनल दिखीं. खेलीफ ने कहा कि ओलंपिक चैंपियन बनना उनका 8 सालों कासपना था, जो पूरा हो चुका है. इतना ही नहीं अपने ऊपर हुए हमलों और नफरतों को लेकर भी उन्होंने बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें लेकर हुए विरोध ने इस जीत को स्पेशल बना दिया है. खेलीफ ने भविष्य में इस तरह के हमले नहीं होने की उम्मीद जताई.

कबाड़ बेचकर बनीं बॉक्सर

इमान खेलीफ के लिए बॉक्सिंग का सफर संघर्षों से भरा रहा है. खेलीफ का जन्म 1999 में अल्जीरिया के तियरेत में हुआ. 25 साल की बॉक्सर को शुरुआती दौर में फुटबॉल खेलने का शौक था, लेकिन बाद में उन्होंने बॉक्सिंग को करियर बनाने का फैसला किया. खेलीफ ने जब बॉक्सिंग की शुरुआत की थी, तब ट्रेनिंग के लिए उन्हें बस के जरिए दूसरे गांव में जाना पड़ता था. उस वक्त खेलीफ बहुत गरीब थीं और बस से यात्रा करने के लिए उनके पास पैसे नहीं होते थे. इसलिए वो कबाड़ बेचकर अपने लिए पैसे का इंतजाम करती थीं. इतना ही नहीं उनके पिता को लड़कियों का बॉक्सिंग करना बिल्कुल पसंद नहीं था. फिर भी खेलीफ ने हार नहीं मानी और सारी परेशानियों के बीच अपने खेल को जारी रखा.

2023 से चल रहा पुरुष होने का विवाद

इमान खेलीफ ने 19 साल की उम्र में 2018 AIBA महिला वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में डेब्यू किया था. 2019 के वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में वो पहले राउंड में हारकर बाहर हो गईं. वहीं 2020 के टोक्यो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा.

इसके बाद साल 2023 में खेलीफ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल तक पहुंचीं. हालांकि, गोल्ड मेडल मैच से पहले इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (IBA) ने उन्हें डिसक्वालिफाई कर दिया. IBA ने डिसक्वालिफाई करने के पीछे खेलीफ के शरीर में बहुत ज्यादा मात्रा में टेस्टोसटेरोन होने का हवाला दिया था.

बाद में IBA के अध्यक्ष ने यह भी खुलासा किया था कि DNA टेस्ट के दौरान खेलीफ के शरीर में X,Y क्रोमोजोम्स पाए गए थे, जो पुरुषों में होते हैं. हालांकि, एसोसिएशन का टेस्ट भी विवादों में आ गया था. वहीं खेलीफ ने IBA के फैसले को एक बड़ी साजिश भी बताया था. पेरिस ओलंपिक में इटली के खिलाफ क्वार्टर फाइनल हुए मुकाबले के बाद वो एक बार फिर विवादों में आ गईं. इस मुकाबले में उनकी विरोधी एंजेला कारिनी ने 46 सेकेंड के बाद ही खुद को मुकाबले से बाहर कर लिया था. इसके बाद खेलीफ पर पुरुष होने के आरोप लगाए गए थे. इसके बाद खेलीफ को पूरी दुनिया से नफरतों का सामना करना पड़ा. फिर भी वो हार नहीं मानी और चैंपियन बनने का सपना देखती रहीं और अब उन्होंने गोल्ड मेडल जीत लिया है.

कुछ इस तरह से स्कूलों का औचक निरीक्षण किए शिक्षा विभाग के ACS डॉ एस सिद्धार्थ, शिक्षक भी रह गए दंग

पटना : इन दिनों बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ पूरी तरह एक्शन मोड में है। ACS के द्वारा लगातार स्कूलों का निरीक्षण किया जा रहा है।

इसी क्रम में आज अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ दानापुर से ट्रेन से भोजपुर पहुंचे और वहां पर स्कूल का निरीक्षण किया।

डॉ एस सिद्धार्थ ने अनजान बनकर स्कूल में पहुंच कर बच्चों से बातचीत की और जानकारी ली। 

बता दे कि डॉ एस सिद्धार्थ स्कूली व्यवस्था को बेहतर बनाने को लेकर लगातार अलग-अलग स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं और बच्चों से जानकारी ले रहे हैं कि स्कूल में क्या कुछ कमियां है, गुरुजी समय से स्कूल आते हैं या फिर नहीं।

अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने दानापुर से आरा के लिए ट्रेन पकड़ी और ट्रेन में सवार होकर आरा पहुंचे। इस दौरान ट्रेन में कुछ स्टूडेंट ने उनको पहचाना और कहा ये शिक्षा विभाग के सर है। जवाब में acs एस सिद्धार्थ ने कहा हम तो टीचर है लेकिन स्टुडेंट्स ने जवाब दिया और कहा आपको जानते है फिर एस सिद्धार्थ मुस्कुराने लगे।

इसके बाद एस सिद्धार्थ आरा पहुंचे और एक स्कूल के बाहर ही कुछ स्कूली छात्राओं से बातचीत करने लगे और पूछने लगे क्लास टाइम पर लगता है कि नहीं और गुरुजी समय से आते हैं या नहीं। 

इसके बाद एस सिद्धार्थ पैदल ही चलकर कन्या मध्य विद्यालय बिहिया भोजपुर पहुंचे। स्कूल का निरीक्षण किया उसके बाद प्रधानाध्यापक के कक्ष में पहुंचे और अटेंडेंस डायरी चेक किया।

ACS के बिना तामझाम और लावलस्कर के स्कूल पहुंचने पर शिक्षक भी दंग रह गए। 

पटना से मनीष प्रसाद