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केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. राजभूषण निषाद और वैशाली सांसद वीणा देवी पहुंची गायघाट के केवटसा हाई स्कूल, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने किया भव्य स्वागत

मुजफ्फरपुर : सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ राजभूषण चौधरी निषाद और वैशाली सांसद वीणा देवी जीत के बाद पहली बार गायघाट पहुंचे। जहां गायघाट के भाजपा नेता और कार्यकर्ताओ ने केवटसा हाई स्कूल में अभिनंदन समारोह का आयोजन कर भव्य स्वागत किया। 

वही मंत्री डॉ राजभूषण चौधरी निषाद और सांसद वीना देवी ने केवटसा हाई स्कूल परिसर में पौधारौपन किया।

इस कार्यक्रम में गायघाट के भाजपा नेता अशोक सिंह, विजय कुंवर, शशांक शेखर, प्रखंड प्रमुख श्रवण सिंह, बीजेपी प्रखंड अध्यक्ष पूर्वी, पश्चिमी सहित सैंकड़ों भाजपा कार्यकर्ता और नेता मौजूद रहे।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

सावन के पावन माह में सभी शिवालियों में विराजमान रहते हैं भगवान शंकर : अजीत

मुजफ्फरपुर: बिहार के पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता अजीत कुमार ने रविवार को मधौल गांव में पावर ग्रिड के पास ब्रह्म सेवा समिति के द्वारा कांवरिया सेवा के लिए लगाए गए सेवा शिविर का दीप प्रज्वलित एवं भगवान शंकर के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता सेवा समिति के अध्यक्ष अमन ठाकुर ने किया।

      

इस अवसर पर उन्होंने कांवरिया भाइयों ,बहनों एवं आयोजक मंडल के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि सावन का पावन महीना न केवल शिव भक्तों के लिए बल्कि सनातन धर्म में विश्वास रखने वाले एक-एक हिंदू भाइयों के लिए महत्वपूर्ण है । इस माह में देवों के देव महादेव भगवान शंकर शिवालियों में विराजमान होकर शिव भक्तों पर दया बरसते हैं। 

उन्होंने कहा कि गरीब बाबा हमारे शहर का गौरव हैं,जहां देश-विदेश के लाखों शिव भक्त जल अर्पण कर परिवार , समाज, देश प्रदेश के उन्नति के लिए आराधना करते हैं। 

      

इस मौके पर शिव भक्तों के सेवा में क्रमशःसुजीत कुमार ठाकुर, विनीत कुमार ठाकुर, अविनाश कुमार, दीपक कुमार, गुलशन कुमार अंकित भारद्वाज गौरव शाही, आदि प पूरी तरह सेवा व समर्पण के भाव से लगे थे।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

अंतरजिला बाइक चोर गिरोह का पर्दाफाश, पुलिस ने कई शातिरों को दबोचा

मुजफ्फरपुर में बाइक चोरी की घटना आए दिन सामने आती रहती है, इसी आलोक में वरीय पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर एक टीम का गठन किया गया, जिस आधार पर पुलिस ने कई शातिर चोरों को रंगे हाथों दबोचा.

दरअसल पुलिस ने मोटरसाइकल चोर गिरोह पर लगाम लगाने को लेकर टीम गठित कर सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी सहायता की मदद से चोरी की गई बाईकों की जांच पड़ताल शुरू कर दी.

 इसी दौरान बेला थाना की पुलिस ने सूचना के आधार थाना क्षेत्र से चोरी की बाइक की खरीद बिक्री कर रहे पांच शातिर चोरों को गिरफ्तार किया साथ ही पुलिस ने पांच चोरी की गई बाइक को भी बरामद किया. 

मामले की जानकारी एएसपी टाउन भानु प्रताप सिंह ने प्रेसवार्ता कर दी.

क्रीमी लेयर पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिया जवाब, जानें क्या कहा था

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अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के रिजर्वेशन को लेकर नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है।एससी-एसटी) को मिलने वाले आरक्षण के अंदर सब कोटा बनाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का केंद्र सरकार ने विरोध किया है। सरकार ने साफ-साफ लफ्जों में बता दिया है कि आरक्षण में क्रीमी लेयर को आई सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश को लागू नहीं किया जाएगा।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिए गए एक फैसले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग में उप वर्गीकरण और पिछड़ों में भी अति पिछड़ों के हक की बात कही और इसी आधार पर राज्यों को आरक्षण के कोटे में कोटा तय करने का सुझाव दिया। लेकिन कोटे में कोटे का यह मामला सियासी तौर पर इतना संवेदनशील है कि सरकार ने संविधान का हवाला देते हुए क्रीमी लेयर से किनारा कर लिया है।

इस मामले पर शुक्रवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट मीटिंग खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का विरोध किया। उन्होंने भीम राव आंबेडकर के दिए संविधान का हवाला देते हुए कहा कि वहां एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है। यहां क्रीमी लेयर का मतलब उन लोगों और परिवारों से है जो उच्च आय वर्ग में आते हैं।

मोदी सरकार के पीछे कोई राजनीतिक मजबूरी?

अश्विनी वैष्णव भले ही एससी/एसटी आरक्षण पर आंबेडकर के संविधान का हवाला दे रहे हैं, लेकिन सियासी जानकार इस विरोध के पीछे राजनीतिक मजबूरी को भी एक बड़ी वजह मान रहे हैं। दरअसल, सरकार में शामिल तेलगू देशम पार्टी, एनडीए का हिस्सा केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के अलावा बीजेपी के कई सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट के सुझाव का स्वागत किया है लेकिन पार्टी के ही करीब सौ एससी-एसटी सांसदों ने इसका विरोध किया है। ये सांसद पीएम मोदी से मिले और सुप्रीम कोर्ट के सुझाव लागू नहीं करने की मांग की। एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी कोर्ट के सुझाव से सहमत नहीं हैं।

क्या है सुप्मी कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोटे में कोटा दिए जाने को मंजूरी दी थी। कोर्ट ने कहा था कि एसटी-एससी कैटेगरी के भीतर नई सब कैटेगरी बना सकते हैं और इसके तहत अति पिछड़े तबके को अलग से रिजर्वेशन दे सकते हैं। ये फैसला चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में सात जजों की संविधान पीठ ने सुनाया था। इस बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा शामिल थे। जस्टिस बेला त्रिवेदी ने बहुमत के फैसले से असहमति जताई थी. सुप्रीम कोर्ट की बेंच इस बात की जांच कर रही थी कि क्या ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य मामले में 2004 के उसके फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत है, जिसमें यह माना गया था कि अनुसूचित जातियां एक समरूप समूह हैं और इसलिए उनके बीच कोई सब कैटेगरी नहीं हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी 2024 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और कहा था कि सब कैटेगरी की अनुमति न देने से ऐसी स्थिति पैदा होगी, जहां क्रीमी लेयर के लोग सभी लाभों को हड़प लेंगे। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट 2004 के उस फैसले की जांच कर रहा था, जिसमें पांच जजों की पीठ ने कहा था कि केवल राष्ट्रपति ही यह अधिसूचित कर सकते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 341 के अनुसार कौन से समुदाय आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकते हैं और राज्यों के पास इसके साथ छेड़छाड़ करने का अधिकार नहीं है।

जिस महिला पर लगा था पुरुष होने का आरोप ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर रच दिया इतिहास

पेरिस ओलंपिक में अल्जीरिया की बॉक्सर इमान खेलीफ ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है.उन्होंने महिला बॉक्सिंग की वेल्टरवेट कैटगरी के फाइनल मुकाबले में चीन की बॉक्सर और 2023 की वर्ल्ड चैंपियन यांग लियू को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से हरा दिया. इमान खेलीफ गोल्ड मेडल जीतने वाली अल्जीरिया की पहली महिला बॉक्सर हैं. उनके अलावा केवल होसीन सोलटानी ने पुरुष कैटेगरी में अल्जीरिया के लिए गोल्ड मेडल जीता है. ये अल्जीरिया के ओलंपिक इतिहास का 7वां गोल्ड मेडल है.प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले में इटली की बॉक्सर एंजेला कारिनी को हराने के बाद खेलीफ पर पुरुष होने के आरोप लगाए गए थे. उनका जमकर विरोध हुआ था. यहां तक की उन्हें डिस्क्वालिफाई करने की मांग होने लगी थी.

मुश्किल था पेरिस ओलंपिक का सफर

इमान खेलीफ के लिए पेरिस ओलंपिक का सफर बेहद मुश्किल भरा रहा है. उनके लिए गोल्ड मेडल जीतना इतना आसान नहीं था. पूरे ओलंपिक के दौरान उन्हें पुरुष बताकर जमकर ट्रोल किया गया. उनका खूब विरोध हुआ, यहां तक उन्हें डिस्क्वालिफाई करके बाहर निकाले जाने की भी मांग हुई. इन सभी चीजों को सहते हुए खेलीफ अपने मुकाबलों पर ध्यान देती रहीं. हालांकि, फाइनल में उन्हें खूब समर्थन मिलते देखा गया. बाउट के दौरान कई फैंस उनके नाम के नारे लगाकर चीयर कर रहे थे.

खेलीफ ने जीत के बाद हवा में पंच मारा और अल्जीरिया के झंडे के साथ विक्ट्री लैप लगाते हुए सभी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद कहा. इस दौरान वो काफी इमोशनल दिखीं. खेलीफ ने कहा कि ओलंपिक चैंपियन बनना उनका 8 सालों कासपना था, जो पूरा हो चुका है. इतना ही नहीं अपने ऊपर हुए हमलों और नफरतों को लेकर भी उन्होंने बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें लेकर हुए विरोध ने इस जीत को स्पेशल बना दिया है. खेलीफ ने भविष्य में इस तरह के हमले नहीं होने की उम्मीद जताई.

कबाड़ बेचकर बनीं बॉक्सर

इमान खेलीफ के लिए बॉक्सिंग का सफर संघर्षों से भरा रहा है. खेलीफ का जन्म 1999 में अल्जीरिया के तियरेत में हुआ. 25 साल की बॉक्सर को शुरुआती दौर में फुटबॉल खेलने का शौक था, लेकिन बाद में उन्होंने बॉक्सिंग को करियर बनाने का फैसला किया. खेलीफ ने जब बॉक्सिंग की शुरुआत की थी, तब ट्रेनिंग के लिए उन्हें बस के जरिए दूसरे गांव में जाना पड़ता था. उस वक्त खेलीफ बहुत गरीब थीं और बस से यात्रा करने के लिए उनके पास पैसे नहीं होते थे. इसलिए वो कबाड़ बेचकर अपने लिए पैसे का इंतजाम करती थीं. इतना ही नहीं उनके पिता को लड़कियों का बॉक्सिंग करना बिल्कुल पसंद नहीं था. फिर भी खेलीफ ने हार नहीं मानी और सारी परेशानियों के बीच अपने खेल को जारी रखा.

2023 से चल रहा पुरुष होने का विवाद

इमान खेलीफ ने 19 साल की उम्र में 2018 AIBA महिला वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में डेब्यू किया था. 2019 के वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में वो पहले राउंड में हारकर बाहर हो गईं. वहीं 2020 के टोक्यो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा.

इसके बाद साल 2023 में खेलीफ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल तक पहुंचीं. हालांकि, गोल्ड मेडल मैच से पहले इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (IBA) ने उन्हें डिसक्वालिफाई कर दिया. IBA ने डिसक्वालिफाई करने के पीछे खेलीफ के शरीर में बहुत ज्यादा मात्रा में टेस्टोसटेरोन होने का हवाला दिया था.

बाद में IBA के अध्यक्ष ने यह भी खुलासा किया था कि DNA टेस्ट के दौरान खेलीफ के शरीर में X,Y क्रोमोजोम्स पाए गए थे, जो पुरुषों में होते हैं. हालांकि, एसोसिएशन का टेस्ट भी विवादों में आ गया था. वहीं खेलीफ ने IBA के फैसले को एक बड़ी साजिश भी बताया था. पेरिस ओलंपिक में इटली के खिलाफ क्वार्टर फाइनल हुए मुकाबले के बाद वो एक बार फिर विवादों में आ गईं. इस मुकाबले में उनकी विरोधी एंजेला कारिनी ने 46 सेकेंड के बाद ही खुद को मुकाबले से बाहर कर लिया था. इसके बाद खेलीफ पर पुरुष होने के आरोप लगाए गए थे. इसके बाद खेलीफ को पूरी दुनिया से नफरतों का सामना करना पड़ा. फिर भी वो हार नहीं मानी और चैंपियन बनने का सपना देखती रहीं और अब उन्होंने गोल्ड मेडल जीत लिया है.

तिरहुत नहर का बांध टूटने से बाढ़ जैसे हालात, प्रशासन की मदद नही मिलने से ग्रामीणों मे आक्रोश

मुजफ्फरपुर : जिले के मड़वन प्रखंड के रक्सा गांव मे देर रात तिरहुत नहर का बांध टूटने से बाढ़ जैसे हालात हो गए है। लोग अपने घरों से जान बचाकर ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए है। वहीं अबतक प्रशासन की ओर से सुध नहीं लिए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।

बाढ़ जैसी त्रासदी झेलने वाले लोगों ने बताया कि अभीतक जिला प्रशासन के तरफ से किसी तरह की कोई राहत का उपाय नही किया गया है और न ही कोई सुध लेने पहुंचा है।

वही इलाके में पहुँचे लोगों का हालचाल जानने पूर्व मंत्री व BJP नेता अजित कुमार ने बताया कि उम्मीद करते है कि बहुत जल्द प्रशासन के तरफ से गरीबों को मदद की जाएगी। अगर इसमें कोताही बरती गई तो हम तो लड़ने भिड़ने वाले लोग है। लड़ाई शुरू हो जाएगी। 

ऐसे में प्रशासन को चाहिये कि इलाके के लोगो तक तत्काल मदद करे नही तो सरकार और सरकार के सिस्टम के खिलाफ लोगों में आक्रोश पनपने में कोई समय नही लगेगा।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

बागमती नदी के जलस्तर में हो रही वृद्धि, कटरा पीपापुल से चार पहिया वाहनों का आवागमन बंद

मुजफ्फरपुर : इन दिनो नेपाल में लगातार बारिश हो रही है, जिस वजह से बिहार के कई नदियों के जलस्तर में एकबार फिर से तेजी से वृद्धि हो रही है। 

वही अगर बात करें मुजफ्फरपुर की तो मुजफ्फरपुर के बागमती नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि देखने को मिल रही है। बागमती नदी के जलस्तर बढ़ने से मुजफ्फरपुर के कई प्रखंडों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। 

हालांकि अभी बाढ़ जैसी स्थिति तो नही है लेकिन जलस्तर के बढ़ने से कही न कही ग्रामीणों की चिंता बढ़ती दिख रही है। वैसे जिला प्रशासन संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए अलर्ट पर है, और लगातार बांध, तटबंधों और रिंग बांध का निरीक्षण कर रही है। साथ ही संबंधित पदाधिकारियों को क्षतिग्रस्त तत्बन्धो को दुरुस्त करने का निर्देश भी जारी कर रखा है। 

आपको बता दें कि नदियों के जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में आवागमन की भी समस्या बढ़ने लगती है।

वही अगर बात करे कटरा की तो कटरा प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली मुख्य पीपापुल के चारो और बागमती नदी का पानी फैलने से पीपापुल पर चार पहिया वाहनों का आवागमन बंद है। मोटर साइकिल और अन्य दो पहिया वाहन और पैदल लोग जैसे तैसे आवागमन करने को मजबूर है। 

नदी का जलस्तर बढ़ने से न सिर्फ आवागमन की समस्या उत्पन्न हो गई है बल्कि बाढ़ के खतरे को लेकर एक बार फिर से चिंता बढ़ गई है।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

मुजफ्फरपुर में भीषण गर्मी से एक ही स्कूल के ढाई दर्जन बच्चे और दो शिक्षक हुए बेहोश, मीनापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया भर्ती

मुजफ्फरपुर : पिछले एक पखवाड़े से जारी मौसम की बेरुखी का दौर जारी है। दिन के तापमान से कही ज्यादा गर्मी लोगो को महसूस हो रही है। मुजफ़्फ़रपुर के राजकीयकृत उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय हरका मानशाही में उमस व गर्मी से ढाई दर्जन से अधिक बच्चे और दो शिक्षक बेहोश हो गए। इससे स्कूल में अफरातफरी मच गई। सभी को एम्बुलेंस से पीएचसी लाया गया।सूचना मिलते ही अभिभावक भी अस्पताल पहुंचे। स्कूल में पंखा नही होने से अभिभावक आक्रोशित थे। 

ग्रामीणों ने बताया कि प्रार्थना के बाद बच्चे कक्षा में गए। अधिक गर्मी के कारण कुछ बच्चे क्लास रूम में पंखा नहीं होने का विरोध कर रहे थे। इस बीच बच्चे एक-एक कर बेहोश होकर गिरने लगे। इससे वहां अफरातफरी मच गई। पंखे की मांग कर रहे बच्चोंह को पीटा गया।

आनन-फानन में तीन बच्चों को बाइक से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। साथ ही उनके अभिभावकों और एंबुलेंस के लिए सूचना दी गई। एंबुलेंस से शेष बच्चों को सीएचसी पहुंचाया गया। घर पहुंचने के बाद भी कुछ बच्चों की स्थिति बिगड़ गई। परिजन उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे। सभी बच्चे आठवीं व नौवीं कक्षा के हैं।

आठवीं कक्षा की प्रिया कुमारी ने बताया कि कक्षा में 110 से ज्यादा बच्चे होने से गर्मी लग रही थी। कुछ बच्चों ने क्लास में पंखा नहीं होने का विरोध किया तो शिक्षक ने पिटाई कर दी। इसी दौरान कुछ बच्चे बेहोश होकर गिरने लगे। देखते ही देखते उसे भी चक्कर आ गया।

अस्पताल प्रभारी राकेश कुमार ने बताया कि अत्यधिक गर्मी की वजह से ढाई दर्जन से अधिक बच्चों का तबीयत बिगड़ गई थी। 30 छात्र छात्रा और दो शिक्षक को बेहोसी की हालत में लाया गया था। जिसमे एक दर्जन को ऑक्सीजन और बाकी को सलाइन चढ़ाया गया। ठीक होने के बाद सभी को घर भेज दिया गया। प्राथमिक उपचार के बाद सभी को घर भेजा गया है। 

बीडीओ संजय कुमार सिन्हा ने भी सीएचसी पहुंचकर बच्चों का हाल जाना। बीडीओ स्कूल की व्यवस्था देखने पहुंचे तो किसी भी क्लास रूम में पंखा नहीं लगा मिला। वहीं, मिड-डे मील के सामान के लिए बने गोदाम में पंखा देख भड़क गए। 

उन्होंने कहा कि एचएम व स्कूल प्रशासन की कमी के कारण ऐसा हुआ है। एक क्लास में 100 से ज्यादा बच्चे होने से सभी की तबीयत बिगड़ी है। जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात कर घटना की जांच की मांग की। 

 

इन बच्चों की बिगड़ी तबीयत 

अनुष्का कुमारी, अमृता कुमारी, नैना कुमारी, खुशबू कुमारी, लक्की कुमारी, देवराज भट्ट, जासमीन कुमारी, सोनाली कुमारी, पूजा कुमारी, आरती कुमारी, ऋषभ कुमार, आयुष कुमार, पुष्प कुमार, रौशन कुमार, प्रिया कुमारी, जितेंद्र कुमार, आरती कुमारी, आदित्य कुमार, ऋषभ कुमार, प्रिया कुमारी, आनंद राज, मुस्कान कुमारी, अविनाश कुमार व शिक्षक बालमुकुंद कुमार आदि शामिल हैं।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

मुजफ्फरपुर में शिक्षक का छात्राओं के साथ गंदी हरकत करने का एसडीओ ने लिया संज्ञान, दिए जांच के आदेश

मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर में शिक्षक और छात्रा के बीच अटूट और गुरु शिष्या वाले रिश्ते को एक शिक्षक ने तार तार कर दिया। छात्राओं को स्कूल में बेड टच करता था शिक्षक, जिसकी जानकारी के बाद अभिभावक उक्त स्कूल पहुंचे और जमकर हंगामा किया, इधर संबंधित पदाधिकारी ने मामले में जांच का आदेश दिया है।

दरअसल मुजफ्फरपुर जिले के एक शिक्षक ने पहली की छात्राओं के साथ बदतमीजी किया और ये कई दिनों तक चलता रहा। शिक्षक के बैड टच से एक छात्रा रोते रोते घर पहुंच अपनी मां को सारी कहानी बताई। जिसके बाद ये मामला सामने आया। 

मिली जानकारी के अनुसार पांच छात्राओं को शिक्षक एक महीने से बैड टच करता था। मामला सामने आने के बाद अभिभावक उग्र हो गए और स्कूल पहुंचकर जमकर हंगामा किया लेकिन तबतक शिक्षक फरार हो गया। किसी तरह अभिभावकों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया।

इधर एसडीओ पूर्वी अमित कुमार ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। जांच कर दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

अस्पताल मृत्यु प्रमाण-पत्र नहीं देना पड़ा महंगा, जिला उपभोक्ता आयोग ने जारी किया नोटिस

मुजफ्फरपुर :- अस्पताल द्वारा मरीज के मौत के उपरांत मृत्यु प्रमाण-पत्र नहीं देना महंगा पड़ गया। अब अस्पताल को उपभोक्ता आयोग की ओर से नोटिस जारी किया गया है। 

दरअसल जब अस्पताल ने पीड़ित को मृत्यु प्रमाण-पत्र नहीं दिया, तो पीड़ित ने जिला उपभोक्ता आयोग में मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा के माध्यम से परिवाद-पत्र दाखिल किया, जिसपर सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष पियूष कमल दीक्षित और सदस्य सुनील कुमार तिवारी द्वारा अस्पताल के प्रबंध निदेशक को आयोग के समक्ष हाजिर होने के लिए नोटिस जारी किया गया। पूरा मामला जिले के करजा थाना अंतर्गत रक्सा गाँव का है। 

इसी गाँव के बबन ठाकुर की पत्नी शांति देवी पिछले वर्ष 30 अगस्त को काँटी थाना क्षेत्र के हरचंदा चौक के पास सड़क दुर्घटना में घायल हो गई, जिसे ईलाज के लिए उसी दिन जिले के जुरन छपरा स्थित आसव हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहाँ पर ईलाज के दौरान बबन ठाकुर की पत्नी शांति देवी की मौत दिनांक 31 अगस्त 2023 को हो गई। तत्पश्चात मृतिका का पोस्टमार्टम भी एसकेएमसीएच में हुआ। 

विदित हो कि परिवादी बबन ठाकुर ने वाहन मालिक के विरुद्ध काँटी थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराया, उसके बाद परिवादी बबन ठाकुर मृत्यु प्रमाण-पत्र के लिए अस्पताल का चक्कर लगाने लगा, लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा पीड़ित बबन ठाकुर को आजतक मृत्यु प्रमाण-पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया। 

परिवादी का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा उसे दौड़ाते-दौड़ाते परेशान कर दिया गया। अंत में थक-हारकर परिवादी ने मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस.के.झा के माध्यम से अस्पताल के विरुद्ध जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष परिवाद दाखिल किया। परिवादी का कहना है कि उसने अस्पताल प्रबंधन को अपनी पत्नी के ईलाज के लिए कुल पचहत्तर हजार रूपये का भुगतान भी किया था। परिवादी ने अपने परिवाद-पत्र के माध्यम से मृत्यु प्रमाण-पत्र की माँग की है तथा आर्थिक, मानसिक व शारीरिक हर्जाना के मद में एक लाख रूपये का दावा भी अस्पताल पर किया है। 

आयोग के द्वारा अस्पताल के प्रबंध निदेशक को 9 सितम्बर को आयोग के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। परिवादी के अधिवक्ता एस.के.झा ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन के द्वारा मृत्यु प्रमाण-पत्र नहीं दिया जाना उपभोक्ता संरक्षण नियमावली के तहत सेवा में कमी की कोटि का मामला है। 

श्री झा ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन के हिला-हवाली पूर्ण रवैये से परिवादी काफी व्यथित है। इन्हे हर हाल में न्याय मिलना चाहिए।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी