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भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं, फिर से टल गया फैसला,अब 13 अगस्त को होगी सुनवाई

भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं इस पर फैसला एक बार फिर टल गया है. CAS अब इस मामले पर फैसला 13 अगस्त को सुनाएगी. विनेश फोगाट ने खुद को डिस्क्वालिफाई करने के बाद आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की है कि जहां सुनवाई पूरी हो चुकी है. ताजा अपडेट के मुताबिक, अब 13 अगस्त को शाम 6 बजे तक इस मामले पर फैसला आ सकता है.

क्या था मामला?

विनेश फोगाट को महिलाओं की 50 किलोग्राम वेट कैटेगरी के फाइनल से पहले ही डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था क्योंकि गुरुवार 7 अगस्त को होने वाले फाइनल की सुबह वजन नापने के दौरान उनका वेट तय सीमा से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया था. ओलंपिक में रेसलिंग का संचालन करने वाली संस्था, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW), के नियमों के मुताबिक कोई भी रेसलर अपने वजन से ज्यादा पाए जाने पर पूरे टूर्नामेंट से अयोग्य घोषित हो जाता है और मेडल जीतने की स्थिति में होने के बाद भी उसे वो पदक नहीं मिलता.

विनेश के साथ भी ऐसा ही हुआ और 100 ग्राम ज्यादा वजन के कारण उन्हें बाहर कर दिया गया. इसके चलते विनेश को फाइनल में पहुंचने पर कम से कम जो सिल्वर मेडल मिलना था, वो भी उनसे छिन गया और उन्हें सभी पहलवानों में आखिरी स्थान पर रखा गया. इसके बाद विनेश ने 7 अगस्त की शाम को ही CAS में अपील दाखिल की, जिसमें सबसे पहले तो फाइनल को रोकने और उन्हें फिर से मौका दिए जाने की मांग की गई थी. CAS ने इसे तुरंत ठुकरा दिया था और कहा था कि वो फाइनल को नहीं रोक सकते. इसके बाद विनेश की ओर से अपील में बदलाव किया गया था और संयुक्त रुप से सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की गई थी.

डिस्क्वालिफिकेशन के बाद लिया संन्यास

इस अपील के बाद अगले ही दिन 29 साल की विनेश ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया था और कहा था कि उनके पास अब आगे लड़ने की ताकत नहीं बची. वहीं इस स्थिति में मेडल से चूकने के बाद पूरे देश में निराशा, दुख और गुस्से का माहौल बन गया था. यहां तक कि संसद में भी ये मामला उठा था और विपक्ष ने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा से बात की, जो पेरिस में ही मौजूद हैं. पीएम ने उनसे मामले की पूरी जानकारी मांगी और हर संभव मदद करने को कहा.

ओलंपिक रिकॉर्ड बनाने के बाद भी खुश नहीं अरशद नदीम!

अरशद नदीम ने इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद जियो सिनेमा से बात करते हुए कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं. भाग लेने वाले सैकड़ों देशों में से पाकिस्तान और भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया. नीरज ने बुडापेस्ट में 2023 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था और यह मेरे लिए एक सुनहरा पल था. हमारी दोस्ती बहुत मजबूत है और मैं चाहता हूं कि यह लंबे समय तक जारी रहे. तभी अरशद नदीम से उनके ओलंपिक रिकॉर्ड थ्रो के बारे में पूछा गया. इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘मैंने इसे कई बार देखा और मुझे लगता है कि मैं इससे भी बेहतर कर सकता हूं. मुझे उम्मीद है कि एक दिन मैं अपनी इस क्षमता का प्रदर्शन कर पाऊंगा. कहीं ना कहीं अरशद नदीम को इससे ज्यादा बेहतर थ्रो की उम्मीद थी.

जैवलिन थ्रो में होगी क्रिकेट जैसी टक्कर?

दूसरी और नीरज चोपड़ा से जब पूछा गया कि क्या दोनों की सफलता से भारत और पाकिस्तान दोनों में एथलेटिक्स लोकप्रिय होगी तो उन्होंने कहा, ‘यह पहले से ही बहुत बढ़ चुकी है. हम पहले से ही भारत में अधिक प्रतिभाशाली भाला फेंक एथलीट देख रहे हैं. पाकिस्तान में भी यही हो रहा है. जब हम पिछले साल एशियाई खेलों में गए, अरशद घुटने की चोट के कारण हिस्सा नहीं ले सके थे तो उनकी जगह खेलने आए यासिर सुल्तान ने बहुत अच्छे थ्रो फेंके.अरशद का मेडल और ज्यादा बच्चों को प्रेरित करेगा जो बहुत बढ़िया है.

वहीं, यह पूछने पर कि क्या भारत-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता क्रिकेट से हटकर भाला फेंक में बदल जाएगी तो इस पर नीरज ने कहा, ‘यह तभी संभव होगा जब हमारे पास क्रिकेट की तरह काफी कॉम्पिटिशन हों. हमारे पास दो बड़ी कॉम्पिटिशन हैं. चार साल में ओलंपिक और दो साल में वर्ल्ड चैंपियनशिप. अगर ज्यादा कॉम्पिटिशन होते तो ज्यादा से ज्यादा लोग इसे देखेंगे जैसे डायमंड लीग और कुछ अन्य कॉम्पिटिशन को देखते हैं.

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच इस साल के आखिरी में 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जाएगी,शेड्यूल का हुआ ऐलान

टीम इंडिया को इस साल नवंबर में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है. तकरीबन 2 महीने लंबे इस दौरे पर दोनों टीमों के बीच 5 टेस्ट मैच खेले जाएंगे. बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के इतिहास में पहली बार दोनों टीमों के बीच 5 मैच होंगे, जिसमें एक डे नाइट टेस्ट मैच भी शामिल है. ये डे नाइट मैच 6-10 दिसंबर के बीच एडिलेड ओवल में खेला जाएगा. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डे नाइट टेस्ट में भारत का प्रदर्शन काफी खराब रहा है, लेकिन इस बार टीम इंडिया कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती है, ऐसे में उन्होंने एक बड़ा फैसला लिया है.

डे नाइट टेस्ट के लिए टीम इंडिया का खास प्लान

टीम इंडिया 2020-21 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद पहली बार टेस्ट सीरीज के लिए जाने वाली है. लेकिन पिछले दौरे पर डे नाइट टेस्ट में भारतीय टीम का प्रदर्शन काफी खराब रहा था. एडिलेड में खेले गए उस डे-नाइट टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने पहली पारी में 244 बनाए थे और मैच की अच्छी शुरुआत की थी. भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 191 रन पर भी रोक दिया था. लेकिन दूसरी पारी में भारत की पूरी टीम 21.2 ओवर में 36 के स्कोर पर ढेर हो गई थी.

इसी बार ऑस्ट्रेलिया में ऐसी गलती ना हो इसलिए टीम इंडिया ने पिंक बॉल टेस्ट से पहले एक डे-नाइट दो दिवसीय अभ्यास मैच खेलने का फैसला लिया है. बता दें, टीम इंडिया 30 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच ऑस्ट्रेलिया की प्राइम मिनिस्टर 11 के खिलाफ कैनबरा में डे-नाइट प्रैक्टिस मैच में खेलेगी. टीम इंडिया ने पिछले 2 साल से कोई भी डे-नाइट टेस्ट नहीं खेला है, ऐसे में ये प्रैक्टिस मैच भारतीय खिलाड़ियों की तैयारियों के लिए काफी जरूरी रहेगी. ये सीरीज गौतम गंभीर के कार्यकाल की पहली टेस्ट सीरीज होगी जो भारत से बाहर खेली जाएगी.

डे-नाइट टेस्ट में टीम इंडिया का प्रदर्शन

टीम इंडिया ने अभी तक 4 डे-नाइट टेस्ट मैच ही खेले हैं. इस दौरान 3 डे-नाइट टेस्ट मैच भारत में हुए हैं और टीम इंडिया ने इन सभी मैचों में बाजी मारी है. वहीं, टीम इंडिया ने एक ही डे-नाइट टेस्ट मैच भारत के बाहर खेला है, जो ऑस्ट्रेलिया में हुआ था और हार भी मिली थी. दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया अभी तक 12 डे नाइट टेस्ट मैच खेल चुका है. इस दौरान उन्होंने 11 मैच जीते हैं और 1 मैच हारा है. ये हार उसे इसी साल वेस्टइंडीज के खिलाफ मिली थी.

भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज का शेड्यूल

पहला टेस्ट: 22-26 नवंबर, पर्थ

दूसरा टेस्ट: 6-10 दिसंबर, एडिलेड (डे/नाइट)

तीसरा टेस्ट: 14-18 दिसंबर, ब्रिस्बेन

चौथा टेस्ट: 26-30 दिसंबर, मेलबर्न

पांचवां टेस्ट: 3-7 जनवरी, सिडनी

कुश्ती में महिला पहलवान रितिका हुड्डा ने हंगरी की पहलवान को हराकर प्री-क्वार्टर फाइनल में बनाई जगह

76 किलो कैटेगिरी कुश्ती में महिला पहलवान रितिका हुड्डा ने हंगरी की पहलवान को हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई. रितिका ने पेरिस के अखाड़े में कमाल का प्रदर्शन करते हुए हंगरी की पहलवान को एकतरफा अंदाज में हराया. रितिका इस कैटेगिरी में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली महिला पहलवान हैं. रितिका का जबरदस्त पावर गेम देख ऐसा लग रहा है कि ये खिलाड़ी भारत को एक और मेडल जिता सकती है.

भारतीय नौसेना की अफसर हैं रितिका

रोहतक में जन्मीं रितिका भारतीय नौसेना की अफसर हैं. वो चीफ पैटी अफसर के पद पर तैनात हैं. रितिका का करियर ज्यादा लंबा नहीं है ये खिलाड़ी 2022 में वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में 72 किलो वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीतने में कामयाब रही थी. इसके बाद 2023 तिराना में हुई अंडर 23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में इस खिलाड़ी ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया. 2024 में ही एशियन चैंपियनशिप में रितिका ने 72 किलो वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया.

रितिका का अगला चैलेंज

रितिका को क्वार्टर फाइनल में दुनिया की नंबर 1 रेसलर एइपेरी मेडेट काइज़ी से भिड़ना है. जाहिर तौर पर ये मुकाबला उनके लिए आसान नहीं होगा. किर्गिस्तान की ये रेसलर 2 बार एशियन चैंपियनशिप जीत चुकी है. ये खिलाड़ी एशियन गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं.

क्या रितिका करेंगी अमन सहरावत जैसा कमाल?

पेरिस ओलंपिक में भारतीय टीम को कुश्ती में सिर्फ एक मेडल हासिल हुआ है. ये कारनामा भी अमन सहरावत ने 57 किलो वर्ग में किया था. अमन सहरावत ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में एकतरफा अंदाज में जीत हासिल की है. अमन महज 21 साल के हैं और वो ओलंपिक में भारत के लिए मेडल जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी हैं. रितिका भी महज 22 साल की हैं क्या वो अमन की तरह मेडल जीत पाएंगी, ये देखने वाली बात होगी.

पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद भारतीय हॉकी टीम लोटे अपना स्वदेश, दिल्ली एयरपोर्ट में किया गया स्वागत

भारतीय हॉकी टीम ने हाल ही में पेरिस ओलंपिक में देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता. ब्रॉन्ज मेडल मैच में भारत ने स्पेन को 2-1 से मात दी थी. इस ऐतिहासिक जीत के बाद भारतीय टीम के कुछ खिलाड़ी भारत लौट आए हैं. दिल्ली एयरपोर्ट पर भारतीय खिलाड़ियों का ढोल-नगाड़ों से भव्य स्वागत हुआ. लेकिन इन सब के बीच सोशल मीडिया पर एक बहस शुरू हो गई है. कुछ फैंस का मामना है कि स्वदेश लौटने पर भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ियों का अपमान हुआ है. उन्होंने इसके पीछे की वजह भी बताई है.

क्या भारतीय हॉकी टीम का हुआ अपमान?

भारतीय खिलाड़ियों के इंतजार में फैंस सुबह से ही एयरपोर्ट के बाहर जमा हो गए थे. जैसे ही खिलाड़ी वापस लौटे तो ढोल-नगाड़ों के साथ खिलाड़ियों का स्वागत किया गया. लेकिन ये भीड़ टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद भारत लौटने वाली टीम इंडिया के मुकाबले काफी कम थी. इसमें कोई संदेह नहीं है कि क्रिकेट देश का सबसे लोकप्रिय खेल है, और जब क्रिकेट की तुलना दूसरे खेलों से की जाती है तो इसमें बहुत अंतर दिखाई देता है. इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला.

दूसरी ओर जिस बस से भारतीय हॉकी टीम को ले जाया गया उस पर भी सवाल उठ रहे हैं. दरअसल, ये एक साधारण वोल्वो बस थी, जिसमें ज्यादा कुछ फैसिलिटी दिखाई नहीं दे रहीं थीं. वहीं, टीम इंडिया को दिल्ली एयरपोर्ट से एक लग्जरी बस से हॉटल ले जाया गया था. इन दोनों बसों की फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसके बाद फैंस भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं.

ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का दबदबा

भारत हॉकी में ओलंपिक के इतिहास का सबसे सफल देश है. वह 8 बार गोल्ड मेडल, 4 सिल्वर मेडल और 1 बार सिल्वर मेडल भी जीत चुका है. भारत 1928 ओलंपिक से हॉकी में हिस्सा ले रहा है. इस दौरान भारतीय हॉकी टीम ने अपने शुरुआत 6 ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का कारनामा किया था. बता दें, भारत के अलावा सिर्फ ऑस्ट्रेलिया ही हॉकी में 10 मेडल जीतने का कारनामा कर सका है. लेकिन उसके नाम 1 गोल्ड मेडल ही है. नीदरलैंड और ग्रेट ब्रिटेन ने अभी तक 9-9 ओलंपिक मेडल जीते हैं. वहीं, पाकिस्तान के नाम हॉकी में 8 मेडल दर्ज हैं.

बाबर आजम को अरशद नदीम को बधाई देना पड़ा भारी,एक पोस्ट ने पूरे पाकिस्तान में मचाया बवाल

पेरिस ओलंपिक में पाकिस्तान के अरशद नदीम ने जैवलिन थ्रो के फाइनल राउंड में नया रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल जीतने में कामयाबी हासिल की. अरशद नदीम की ये जीत पूरे पाकिस्तान के लिए काफी खास रहे. हर कोई उन्हें इस बड़ी उपलब्धि के लिए बधाई दे रहा है, इस लिस्ट में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान बाबर आजम शामिल हैं. बाबर आजम ने सोशल मीडिया पर अरशद नदीम को बधाई दी, लेकिन इस दौरान उनके एक बड़ी गलती हो गई.

अरशद नदीम को बधाई देना बाबर को पड़ा भारी

अरशद नदीम ने जैवलिन थ्रो के फाइनल राउंड में 92.97 मीटर का थ्रो किया, जो ओलंपिक का एक नया रिकॉर्ड है. अरशद के गोल्ड मेडल जीतते ही बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान समेत कई खिलाड़ियों ने सोशल मीडिया पर रिएक्ट किया, लेकिन बाबर इस दौरान एक बड़ी गलती कर बैठे. वाइट बॉल क्रिकेट के मौजूदा कप्तान बाबर आजम ने लिखा, ’30 सालों के बाद पाकिस्तान में वापस गोल्ड आ गया है. इस बड़ी उपलब्धि के लिए अरशद नदीम को बहुत-बहुत बधाई. आपने पूरे देश को गौरवान्वित किया है.

बता दें, पाकिस्तान ने अपना पिछला गोल्ड मेडल 1984 में जीता था. ऐसे में अब पाकिस्तान ने 30 नहीं बल्कि 40 साल के बाद कोई ओलंपिक गोल्ड मेडल जीता है. इसके अलावा 32 साल के बाद ये पहला मौका है जब पाकिस्तान की झोली में ओलंपिक मेडल जीता है. बाबर इस दौरान एक और बड़ी गलती की. उन्होंने अपने ट्वीट में गलत अरशद नदीम को टैग कर दिया, जिसके बाद वह सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे है. ये पहला मौका नहीं है बाबर इससे पहले भी कई बार अपनी ऐसी गलतियों की वजह से सोशल मीडिया पर ट्रोल हो चुके हैं.

इन क्रिकेटर्स ने भी अरशद को दी बधाई

पाकिस्तान के विकेटकीपर मोहम्मद रिजवान ने पोस्ट करते हुए लिखा, ‘एक असाधारण एथलीट से गोल्ड. आपके ऊपर इससे ज्यादा गर्व नहीं हो सकता है मेरे भाई. आप प्रशंसनीय हैं. अंतर्राष्ट्रीय मंच पर चमक और धूम बरकार रहे. ऑलराउंडर शादाब खान ने भी बधाई देते हुए लिखा, ‘ओलंपिक में संभवतः यह किसी पाकिस्तानी एथलीट की सबसे बड़ी व्यक्तिगत उपलब्धि है. पूरे देश को अरशद नदीम की उपलब्धि पर गर्व है. आपने जिस तरह से देश का प्रतिनिधित्व किया है उसके लिए धन्यवाद.

IPL में फिर से वापसी करेंगे रिकी पोंटिंग, कर दिया बड़ा ऐलान

हाल ही में रिकी पोंटिंग  का दिल्ली कैपिटल्स  के साथ उनका करार खत्म हुआ है. कोच के तौर पर पोंटिंग दिल्ली कैपिटल्स को आईपीएल का खिताब दिलाने में असमर्थ रहे जिसका उन्हें मलाल है. अब एक बार फिर पोंटिंग ने आईपीएल में कोचिंग करने को लेकर अपनी राय दी है. पोंटिंग ने माना है कि वह फिर से आईपीएल में कोच की भूमिका निभा सकते हैं. आईसीसी रिव्यू के साथ बात करते हुए पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने अपनी राय दी है. 

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने आईपीएल में कोच के तौर पर वापसी को लेकर कहा, "मैं आईपीएल में फिर से किसी फ्रेंचाइजी के लिए कोंचिंग करना पसंद करूंगा. मैंने हर साल बहुत अच्छा समय बिताया है, चाहे वह खिलाड़ी के तौर पर शुरुआती दिनों में हो या मुंबई में मुख्य कोच के तौर पर बिताए गए कुछ साल. मैंने दिल्ली में सात सीज़न खेले, जो दुर्भाग्य से उस तरह से काम नहीं आया जैसा मैं चाहता था और निश्चित रूप से जिस तरह से फ्रेंचाइजी चाहती थी. मुझे लगता है कि मेरा वहां जाना टीम के लिए कुछ हासिल करने की कोशिश थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ."

पोंटिंग को उम्मीद है कि दिल्ली अपने अगले कोच का चयन करते समय एक अलग दृष्टिकोण अपनाएगी, पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने दिल्ली की कोचिंग छोड़ने के पीछे अपने कारण भी बताए. पोंटिंग ने कहा, " फ़्रेंचाइज़ी संभवतः इस पद के लिए किसी लोकल दिग्गज को नियुक्त करेगी. दिल्ली की फ्रेंचाइजी किसी ऐसे कोच की तलाश में हैं जो उन्हें ऑफ़-सीज़न के दौरान थोड़ा और समय और दे सके, मैं बस इतना नहीं कर सकता था कि मेरे पास इसके अलावा दूसरी अन्य चीज़ें हैं."

रिकी पोंटिंग को लगता है कि दिल्ली की टीम भारतीय कोच को अपने साथ अब जोड़ना चाह रही है. पोंटिंग ने अपनी बात आगे ले जाते हुए कहा, "लेकिन मैं अपने समय के लिए वास्तव में आभारी हूं जो मैंने वहां बिताया, कुछ महान लोगों से मिला, कुछ महान लोगों के साथ काम किया और जाहिर तौर पर सालों से कुछ महान खिलाड़ियों के साथ भी काम भी किया. इसलिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं लेकिन जैसा कि मैंने कहा कि अगले कुछ महीनों में मेरे लिए कुछ अवसर आ सकते हैं और मैं अगले सीजन में फिर से आईपीएल में कोचिंग करना पसंद करूंगा. हो सकता है कि मैं फिर से आईपीएल से जुड़ जाउं."

जिस महिला पर लगा था पुरुष होने का आरोप ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर रच दिया इतिहास

पेरिस ओलंपिक में अल्जीरिया की बॉक्सर इमान खेलीफ ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है.उन्होंने महिला बॉक्सिंग की वेल्टरवेट कैटगरी के फाइनल मुकाबले में चीन की बॉक्सर और 2023 की वर्ल्ड चैंपियन यांग लियू को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से हरा दिया. इमान खेलीफ गोल्ड मेडल जीतने वाली अल्जीरिया की पहली महिला बॉक्सर हैं. उनके अलावा केवल होसीन सोलटानी ने पुरुष कैटेगरी में अल्जीरिया के लिए गोल्ड मेडल जीता है. ये अल्जीरिया के ओलंपिक इतिहास का 7वां गोल्ड मेडल है.प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले में इटली की बॉक्सर एंजेला कारिनी को हराने के बाद खेलीफ पर पुरुष होने के आरोप लगाए गए थे. उनका जमकर विरोध हुआ था. यहां तक की उन्हें डिस्क्वालिफाई करने की मांग होने लगी थी.

मुश्किल था पेरिस ओलंपिक का सफर

इमान खेलीफ के लिए पेरिस ओलंपिक का सफर बेहद मुश्किल भरा रहा है. उनके लिए गोल्ड मेडल जीतना इतना आसान नहीं था. पूरे ओलंपिक के दौरान उन्हें पुरुष बताकर जमकर ट्रोल किया गया. उनका खूब विरोध हुआ, यहां तक उन्हें डिस्क्वालिफाई करके बाहर निकाले जाने की भी मांग हुई. इन सभी चीजों को सहते हुए खेलीफ अपने मुकाबलों पर ध्यान देती रहीं. हालांकि, फाइनल में उन्हें खूब समर्थन मिलते देखा गया. बाउट के दौरान कई फैंस उनके नाम के नारे लगाकर चीयर कर रहे थे.

खेलीफ ने जीत के बाद हवा में पंच मारा और अल्जीरिया के झंडे के साथ विक्ट्री लैप लगाते हुए सभी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद कहा. इस दौरान वो काफी इमोशनल दिखीं. खेलीफ ने कहा कि ओलंपिक चैंपियन बनना उनका 8 सालों कासपना था, जो पूरा हो चुका है. इतना ही नहीं अपने ऊपर हुए हमलों और नफरतों को लेकर भी उन्होंने बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें लेकर हुए विरोध ने इस जीत को स्पेशल बना दिया है. खेलीफ ने भविष्य में इस तरह के हमले नहीं होने की उम्मीद जताई.

कबाड़ बेचकर बनीं बॉक्सर

इमान खेलीफ के लिए बॉक्सिंग का सफर संघर्षों से भरा रहा है. खेलीफ का जन्म 1999 में अल्जीरिया के तियरेत में हुआ. 25 साल की बॉक्सर को शुरुआती दौर में फुटबॉल खेलने का शौक था, लेकिन बाद में उन्होंने बॉक्सिंग को करियर बनाने का फैसला किया. खेलीफ ने जब बॉक्सिंग की शुरुआत की थी, तब ट्रेनिंग के लिए उन्हें बस के जरिए दूसरे गांव में जाना पड़ता था. उस वक्त खेलीफ बहुत गरीब थीं और बस से यात्रा करने के लिए उनके पास पैसे नहीं होते थे. इसलिए वो कबाड़ बेचकर अपने लिए पैसे का इंतजाम करती थीं. इतना ही नहीं उनके पिता को लड़कियों का बॉक्सिंग करना बिल्कुल पसंद नहीं था. फिर भी खेलीफ ने हार नहीं मानी और सारी परेशानियों के बीच अपने खेल को जारी रखा.

2023 से चल रहा पुरुष होने का विवाद

इमान खेलीफ ने 19 साल की उम्र में 2018 AIBA महिला वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में डेब्यू किया था. 2019 के वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में वो पहले राउंड में हारकर बाहर हो गईं. वहीं 2020 के टोक्यो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा.

इसके बाद साल 2023 में खेलीफ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल तक पहुंचीं. हालांकि, गोल्ड मेडल मैच से पहले इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (IBA) ने उन्हें डिसक्वालिफाई कर दिया. IBA ने डिसक्वालिफाई करने के पीछे खेलीफ के शरीर में बहुत ज्यादा मात्रा में टेस्टोसटेरोन होने का हवाला दिया था.

बाद में IBA के अध्यक्ष ने यह भी खुलासा किया था कि DNA टेस्ट के दौरान खेलीफ के शरीर में X,Y क्रोमोजोम्स पाए गए थे, जो पुरुषों में होते हैं. हालांकि, एसोसिएशन का टेस्ट भी विवादों में आ गया था. वहीं खेलीफ ने IBA के फैसले को एक बड़ी साजिश भी बताया था. पेरिस ओलंपिक में इटली के खिलाफ क्वार्टर फाइनल हुए मुकाबले के बाद वो एक बार फिर विवादों में आ गईं. इस मुकाबले में उनकी विरोधी एंजेला कारिनी ने 46 सेकेंड के बाद ही खुद को मुकाबले से बाहर कर लिया था. इसके बाद खेलीफ पर पुरुष होने के आरोप लगाए गए थे. इसके बाद खेलीफ को पूरी दुनिया से नफरतों का सामना करना पड़ा. फिर भी वो हार नहीं मानी और चैंपियन बनने का सपना देखती रहीं और अब उन्होंने गोल्ड मेडल जीत लिया है.

पेरिस ओलंपिक,हरियाणा के अमन ने पहलवानी में भारत को दिलाया ब्रॉन्ज मेडल

पेरिस ओलंपिक 2024 में हरियाणा के खिलाड़ियों का दबदबा जारी है. शुक्रवार को हरियाणा के पहलवान अमन सहरावत ने भारत को पेरिस ओलंपिक में छठा मेडल दिलाया. मेन्स फ्रीस्टाइल 57 किलो भार वर्ग में पहलवान अमन सहरावत ने ब्रॉन्ज मेडल जीता. इसी के साथ ओलंपिक में मेडल जीतने वाले पहलवान अमन सहरावत सातवें भारतीय रेसलर बन गए हैं.

अमन ने जीता ब्रॉन्ज मेडल:

 शुक्रवार को हुए ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में अमन ने प्यूर्टो रिको के डेरियन टोई क्रूज को 13-5 से हराया और इतिहास रचा इससे पहले सेमीफाइनल मैच में पहलवान अमन सहरावत को हार का सामना करना पड़ा था. जापान के रेसलर री हिगुची ने उन्हें 0-10 से रहा दिया था. 2 मिनट 14 सेकेंड चले इस मुकाबले को जापानी पहलवान ने टेक्निकल सुपीरियरिटी के आधार पर जीता.

परिजनों में जश्न:

 बता दें कि पहलवान अमन सहरावत हरियाणा के झज्जर जिले के बिरोहर गांव के रहने वाले हैं. उनके इस प्रदर्शन ने परिजनों और गांव में जश्न का माहौल है. पूरे गांव ने उनका मैच बड़ी स्क्रीन लगाकर एक साथ देखा. अमन की जीत के बाद से परिवार में बधाईयों का तांता लगा है.

ये मेडल रक्षाबंधन का तोहफा': पहलवान अमन सहरावत की बहन ज्योति ने कहा "पूरे परिवार और गांव में खुशी का माहौल है. भाई ने ब्रॉन्ज मेडल जीत कर इतिहास रचा है. ये मेडल मेरे लिए रक्षाबंधन का तोहफा है. इससे अच्छा राखी का गिफ्ट मुझे मिल ही नहीं सकता." ज्योति ने गोल्ड मेडल ना जीत पाने पर भी मलाल जताया. उन्होंने कहा कि जो भी कमी रही गई है. भाई वो अगल ओलंपिक में पूरी करने की कोशिश करेगा. हम सभी उनके साथ हैं.

बचपन में उठ गया था माता-पिता का साया: पहलवान अमन सहरावत के ताऊ सुधीर ने कहा कि अमन के इस प्रदर्शन से परिवार, गांव और पूरे देश में जश्न का माहौल है. अमन ना सिर्फ गांव और परिवार का बल्कि पूरे देश का नाम विश्व में रोशन किया है. अमन के ताऊ ने बताया कि जब वो 10 साल के थे. तब उनकी मां का हार्ट अटैक से निधन हो गया. इस सदमे में उनके पिता भी एक साल बाद चल बसे. इसके बाद अमन की परवरिश चाचा, मौसी और ताऊ ने मिलकर की.

अब तक भारत के 6 मेडल: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत ने अब तक कुल 6 मेडल जीते हैं, जिसमें पांच ब्रॉन्ज और एक सिल्वर मेडल शामिल है. जिनमें मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज जीता. दूसरा ब्रॉन्ज भी मनु भाकर ने मिक्स्ड टीम इवेंट में (सरबजोत सिंह के साथ) जीता. तीसरा ब्रॉन्ज मेडल स्वप्निल कुसाले ने शूटिंग मेन्स की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में जीता. चौथा भारतीय हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता. पांचवां नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेडल जीता. छठा पहलवान अमन सहरावत ने ब्रॉन्ज मेडल जीता.

गौतम गंभीर ज्यादा समय टिक नहीं पाएंगे- जोगिंदर शर्मा

गौतम गंभीर को लेकर इस तरह का बयान देने वाले हैं जोगिंदर शर्मा, जो कि 2007 में T20 वर्ल्ड कप का पहला खिताब जीतने वाली टीम इंडिया के हीरो रहे थे. गौतम गंभीर भी उस ICC टूर्नामेंट को जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे थे. जोगिंदर शर्मा का कहना है कि जितना वो गंभीर को जानते हैं, उसके मुताबिक वो ज्यादा दिन भारतीय टीम में नहीं टिकेंगे.

गंभीर पर दिए बयान के पीछे हैं 3 वजहें

जोगिंदर शर्मा का ये हैरतअंगेज बयान सोशल मीडिया पर तेजी से जोर पकड़ रहा है, जिसके पीछे उन्होंने 3 वजहें बताई हैं.

उन्होंने पहली बात ये कही कि कई दफा गौतम गंभीर के कुछ फैसले ऐसे हो जाते हैं, जो ज्यादा लोगों को पसंद नहीं आते. ऐसा इसलिए क्योंकि वो सीधी बात करते हैं.

जोगिंदर शर्मा के मुताबिक दूसरी बात ये है कि, गंभीर किसी के पास जाने वाले नहीं हैं. चापलूसी करना उनकी आदत नहीं रही है.

तीसरी और आखिरी वजह उन्होंने बताई कि गंभीर अपना काम करने में यकीन रखते हैं और कभी ये भी नहीं चाहते कि उन्हें उसका क्रेडिट मिले.