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पटना में गंगा के जलस्तर में हो रहा लगातार बढ़ोत्तरी, इन इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराया*

डेस्क : राजधानी पटना में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बीते गुरुवार को गांधी घाट पर गंगा अपने तल से साढ़े आठ मीटर ऊपर और खतरे के निशान से 25 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी। गांधी घाट पर गंगा नदी का जलस्तर सुबह में छह बजे 48.70 मीटर मापा गया है। जबकि खतरे का निशान स्तर 48.60 है। शाम में जलस्तर और बढ़ गया। सैर करने की जगह यानी रिवर फ्रंट पर पानी पहुंच गया है। वहीं आज शुक्रवार को सुबह आठ बजे तक गांधी घाट पर गंगा नदी के जलस्तर में 22 सेंटीमीटर बढ़ोतरी की आशंका है। वहीं दीघा घाट और हाथीदह में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। वहीं गंगा का रौद्र रूप शहर के साथ जिले के ग्रामीण इलाकों में दिखने लगा है। शहर के गांधी घाट पर गंगा खतरे के निशान से लगातार ऊपर बह रही है। वहीं बख्तियारपुर और दानापुर के नीचले इलाके में भी पानी प्रवेश कर गया है। बख्तियारपुर में गंगा के उफान से पांच पंचायतों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है, वहीं दानापुर के निचले हिस्सों में गंगा का पानी पहुंचने से लोग सहम गए हैं। फिलहाल गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी रहने की आशंका जताई गई है। गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से दियारा क्षेत्र की पांच पंचायतों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गुरुवार को बाढ़ का पानी दियारे के निचले हिस्सों में प्रवेश कर गया। सैकड़ों एकड़ में लगी मक्का और सब्जी की फसलें डूब गईं। प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। हालात को देखते हुए दियारा क्षेत्र से लोग वहां से सुरक्षित जगहों पर जाने लगे हैं। हालांकि, अब तक जान माल की क्षति की सूचना नहीं है। इस संबंध में सीओ निरंजन सुमन ने बताया कि गंगा के जलस्तर में वृद्धि हुई है पर स्थिति अभी नियंत्रण में है। इधर हरदासपुर दियारा जाने वाली सड़क पर दो फीट पानी आ जाने से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। वहीं फतुहा के पुरानी चौक से कटैयाघाट के रास्ते रायपुरा स्टेट हाइवे को जाने वाली संपर्क सड़क में कटैयाघाट के पास तेजी से कटाव शुरू हो गया है।
शिक्षा विभाग ने स्कूली शिक्षकों के लिए जारी की मार्गदर्शिका, अब यह प्रशिक्षण लेना हुआ अनिवार्य*

डेस्क : बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग ने नया मार्गदर्शिका जारी किया है। इसके अनुसार अब सभी शिक्षकों को छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण अनिवार्य होगा। किसी भी स्कूल में अप्रशिक्षित शिक्षक मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। शिक्षक शिक्षा संस्थानों में यह प्रशिक्षण प्राप्त करना है। इसे सुनिश्चित कराने का निर्देश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिया है। शिक्षा विभाग ने गुरुवार को ‘शिक्षक मार्गदर्शिका’ जारी करते हुए उक्त निर्देश दिया है। मार्गदर्शिका में शिक्षकों की भूमिका और दायित्व को पांच श्रेणियों में बांटकर उन्हें बताया है कि कौन-कौन से कार्य उन्हें करने हैं। इन श्रेणियों में छात्र स्वरूप, स्कूल प्रबंधन, कक्षा प्रबंधन, छात्र प्रबंधन और अभिभावक प्रबंधन शामिल हैं। इसी क्रम में अपर मुख्य सचिव द्वारा सभी डीईओ को जारी विस्तृत मार्गदर्शिका में कहा गया है कि शिक्षक अपने स्कूल एवं विद्यार्थियों के हित में अपने कर्तव्यों का निर्वहन दृढ़तापूर्वक करें, यह आवश्यक है। विद्यार्थियों की शैक्षणिक उपलब्धि के साथ-साथ उनके सामाजिक एवं भावनात्मक व्यवहार को उत्कृष्ट कर उन्हें भविष्य का श्रेष्ठ नागरिक बनाना शिक्षक का दायित्व है। नियमित रूप से स्कूल के हेड गर्ल और हेड ब्यॉय का चयन कर सभी विद्यार्थियों को क्रमश बारी-बारी से अवसर दें। स्कूल के सबसे बड़ी कक्षा के विद्यार्थियों में से प्रति सप्ताह किसी एक का चयन करें। सभी विद्यार्थियों को चार समूहों में बांटें और उसका नाम देते हुए उन्हें विभिन्न प्रतियोगिताओं में शामिल करें। पूरे वर्ष चलने वाली इन प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले समूह को वार्षिकोत्सव में पुरस्कृत करें। डॉ. एस सिद्धार्थ ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य सरकार सभी सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने और सभी विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। विद्यार्थियों श्रेष्ठ नागरिक बनाना शिक्षक का दायित्व है। यह सुनिश्चित करें कि अपेक्षाकृत कमजोर विद्यार्थी बेहतर प्रदर्शन करने वाले के साथ अनिवार्य रूप से पहली पंक्ति में बैठे। बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी को उक्त सहपाठी को सहयोग करने का निर्देश दें। मार्गदर्शिका में लिखा गया है कि मध्याह्न भोजन प्रतिदिन तय मेन्यू के अनुसार बच्चों को देना है। किसी विद्यार्थी के कुपोषित पाये जाने पर उसकी पहचान कर वर्ग शिक्षक द्वारा उसके पोषण एवं स्वास्थ्य को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। चिह्नित विद्यार्थी के अल्पाहार और भोजन के साथ उनके पोषण का ब्योरा अभिभावक के साथ रखा जाएगा
पटना पहुंचे केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान ने विपक्ष पर साधा जमकर निशाना, कहा-वक्फ कानून (संसोधन) बिल 2024 पर साजिश रच रहे विपक्षी

डेस्क : केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान आज पटना पहुंचे। इस दौरान उन्होंने वक्फ कानून (संसोधन) बिल 2024 का विरोध कर रहे विपक्ष पर जमकर निशाना साधा और उसके ऊपर साजिश रचने का आरोप लगाया। 

दरअसल केंद्र सरकार ने आज भारी गहमागहमी के बीच संसद में वक्फ कानून (संसोधन) बिल 2024 को पेश किया। इसको लेकर लोकसभा में विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और इस विधेयक को मुस्लिम विरोधी करार दिया। हालांकि एनडीए में शामिल जेडीयू के साथ-साथ चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) ने भी इसका समर्थन किया है और विपक्ष के आरोपों को पूरी तरह से गलत बताया है।

वहीं आज पटना पहुंचे केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और उसके ऊपर साजिश रचने का आरोप लगाया। चिराग ने कहा कि विपक्ष के लोगों ने फिर से वही साजिश शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने संविधान खत्म हो जाएगा, आरक्षण खत्म हो जाएगा बोलकर जनता को भ्रमित करने की कोशिश की थी। 

उन्होंने कहा कि संसद में केंद्र सरकार ने वक्फ कानून में संसोधन के लिए जो बिल लाया है, उसको लेकर एक बार फिर से भ्रम फैलाने की कोशिश की गई कि यह बिल मुसलमान विरोधी है। कहा गया कि मुसलमानों के हक को छीनने के लिए इस कानून को लाया जा रहा है जबकि अगर इसको पढ़ेंगे तो पता चलेगा की यह वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाने की सोंच के साथ इस कानून को लाया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुसलमानों के हक और अधिकारों को और मजबूत करने के लिए ताकि समाज के गरीब मुसलमानों को भी उनका हक मिले इस सोंच के साथ इस बिल को लाया जा रहा था। इसको लेकर किसी के मन में कोई शंका न रहे इसलिए हमलोगों ने सुझाव रखा था कि इसको किसी भी कमेटी के समक्ष भेज दिया जाए ताकि जो भ्रम फैलाया जा रहा है उसको दूर किया जा सके।

चिराग ने कहा कि इस बिल में कई ऐसी बातें हैं जिसका सुझाव विपक्ष जब सत्ता में था उनके द्वारा दिया गया था। उस वक्त ये लोग उसे लागू नहीं कर पाए थे और यह मामला लंबे समय से पेंडिंग पड़ा हुआ था। कई मुस्लिम संगठन भी इसकी समय समय पर पैरवी करते रहे हैं।

सरयू राय को साथ लाकर नीतीश कुमार ने एक तीर से किया दो शिकार, एनडीए में क्या होगा कोई असर !

डेस्क : लंबे समय से अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने की कोशिश में जुटे नीतीश कुमार ने सरयू राय जैसे कद्दावर नेता को अपने साथ लाकर इस दिशा में बड़ी जीत हासिल की है। या यूं कहे कि सरयू राय को जदयू में शामिल करा उन्होंने एक तीर से दो निशाना साधा है। हालांकि ऐसा नहीं है इससे सिर्फ जदयू या नीतीश कुमार को ही फायदा होना है। जदयू में शामिल होने से कही न कही सरयू राय भी अपना फायदा देख रहे है। वैसे एक बात तय है कि सरयू के जदयू में आने से झारखंड में जदयू की स्थिति निश्चित रुप से मजबूत होगी। हालांकि इन सब के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि सरयू राय के जदयू में आने से क्या एनडीए में कोई दरार पैदा होगा।

*आइए सबसे पहले आपको बताते है सरयू राय के विषय*

झारखंड की राजनीति के चाणक्य से कहे जाने वाले सरयू राय कभी बीजेपी के दिग्गज नेता थे। बिहार से अलग होकर झारखंड के नये राज्य बनने के बाद वहां बीजेपी को एक मजबूत स्थिति में लाने में सरयू राय का बड़ा योगदान रहा। हालांकि जब झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास बने उसके बाद से सरयू राय और रघुवर दास के बीच का मतभेद जगजाहिर है। रघुवर दास के साथ मतभेद होने और बीजेपी में साइड लाइन किए जाने के बाद अपने तीखे तेवर के लिए जाने जानेवाले सरयू राय ने पार्टी से किनारा कर अपनी अलग पार्टी भारतीय जन मोर्चा (भाजमो) बनाया। उसके बाद से वे झारखंड में बीजेपी के धुर विरोधी माने जाते है। एक और खास बात है कि 2019 में रघुवर दास के मुख्यमंत्री रहते हुए सरयू राय ने अपनी जमशेदपुर पश्चिम सीट के बजाय जमशेदपुर पूर्वी सीट से चुनाव लड़कर उन्हें मात दे दी थी। आज भी इस बात की चर्चा होती है कि 2019 के चुनाव में सरयू राय के स्टैंड की वजह से भाजपा खासकर रघुवर दास के खिलाफ एक नैरेटिव सेट हो गया था,जिसका खामियाजा भाजपा को चुनाव में भुगतना पड़ा था। 

*सरयू राय और जदयू दोनो को फायदा*

वहीं झारखंड विधानसभा चुनाव के ठीक पहले पॉलिटिकल मास्टर स्ट्रोक लगा दिया है। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय जदयू में शामिल हो गए हैं। वहीं झारखंड में जदयू को एक नेता मिल गया है। चुनाव से पहले उनके इस कदम ने राज्य की राजनीति में कई तरह की चर्चा शुरू कर दी है। आने वाले दिनों में इसके कई तरह परिणाम देखने को मिल सकते हैं। उनके इस पॉलिटिकल स्टैंड से झारखंड के राजनीतिक समीकरण को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

*क्या बीजेपी-जदयू में हो सकती है अनबन*

झारखंड में दोबारा सत्ता में वापसी के लिए पूरा जी-जान लगाए बीजेपी के लिए निश्चित तौर पर सरयू राय का जदयू के साथ जाना एक बड़ा झटका है। अबतक झारखंड में जदयू का कोई बड़ा चेहरा नहीं होने की वजह से वहां नीतीश कुमार कोई बड़ा दावा नहीं कर पाते थे। लेकिन सरयू राय के पार्टी में शामिल होने के बाद अब जदयू की स्थिति बदल गई है। 

हालांकि राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जदयू में सरयू राय के शामिल होने से जमशेदपुर पूर्वी सीट से उनका दोबारा चुनाव लड़ना पक्का माना जा रहा है। क्योंकि, लंबे समय से जमशेदपुर पूर्वी सीट पर काबिज रहे रघुवर दास अब ओडिशा के राज्यपाल बन चुके हैं। ऊपर से केंद्र में मोदी सरकार बनाने में जदयू ने अहम रोल अदा किया है। लिहाजा, सरयू राय की जदयू में वापसी से झारखंड में एनडीए फोल्डर का दायरा बढ़ना तय है। ऐसे में फिलहाल बीजेपी और जदयू के बीच कोई अनबन होने की संभावना कम नजर आ रही है। झारखंड में सत्ता वापसी की कोशिश में जुटी भाजपा का जदयू के साथ तालमेल होता है तो इससे फायदा बीजेपी को ही होगा।
बिहार सरकार का बड़ा फैसला : प्रदेश के सभी मंदिर, मठ और ट्रस्ट का होगा रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
डेस्क : प्रदेश की नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब प्रदेश के सभी मंदिर, मठ और ट्रस्ट को पंजीकृत करना अनिवार्य होगा। सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि उनके संबंधित क्षेत्रों में अपंजीकृत मंदिर, मठ और ट्रस्ट को पंजीकृत कराएं और उनकी अचल संपत्तियों का ब्यौरा बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (बीएसबीआरटी) को वेबसाइट पर अपलोड की जाए। बीएसबीआरटी राज्य के विधि विभाग यानी लॉ डिपार्टमेंट के अधीन काम करता है।

बिहार सरकार के विधि मंत्री नितिन नवीन ने आज गुरुवार को बताया कि सभी जिलाधिकारियों (डीएम) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि अपंजीकृत मंदिर, मठ और ट्रस्ट प्राथमिकता के आधार पर पंजीकृत हों।" उन्होंने डीएम को यह भी निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि सभी पंजीकृत मंदिरों और मठों की अचल संपत्तियों का ब्यौरा बीएसबीआरटी को वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए तुरंत उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा, "मैंने हाल ही में इस संबंध में सभी डीएम को एक पत्र भेजा है। अभी तक केवल 18 जिलों ने बीएसबीआरटी को डेटा प्रस्तुत किया है।"

मंत्री ने कहा कि बिहार हिंदू धार्मिक ट्रस्ट अधिनियम 1950 के अनुसार, सभी सार्वजनिक मंदिरों, मठों, ट्रस्टों और धर्मशालाओं को बीएसबीआरटी के साथ पंजीकृत होना चाहिए। राज्य सरकार पंजीकृत मंदिरों, मठों या ट्रस्टों के अवैध संपत्ति लेनदेन में शामिल लोगों के साथ-साथ बीएसबीआरटी के साथ पंजीकरण न कराने वाली अपंजीकृत संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। इन मुद्दों को हल करने के लिए कानून और राजस्व और भूमि सुधार विभागों के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि पंजीकृत और अपंजीकृत दोनों मंदिरों की भूमि सहित संपत्ति को अनधिकृत दावों से बचाने के लिए पंजीकरण अनिवार्य है। बीएसबीआरटी के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, राज्य में लगभग 2,512 अपंजीकृत मंदिर और मठ हैं, जिनके पास 4,321.64 एकड़ जमीन है। राज्य में लगभग 2,499 पंजीकृत मंदिर हैं, जिनके पास सामूहिक रूप से 18,456 एकड़ से अधिक जमीन है।

आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक अपंजीकृत मंदिर और मठ वैशाली (438) में हैं, इसके बाद कैमूर भभुआ (307), पश्चिम चंपारण (273), भागलपुर (191), बेगूसराय (185), सारण (154) और गया (152) हैं। कैमूर भभुआ में 307 अपंजीकृत मंदिर और मठ हैं, जिनके पास लगभग 813 एकड़ जमीन है, जबकि खगड़िया में 100 अपंजीकृत संस्थाएं हैं, जिनके पास 722 एकड़ जमीन है। बांका जिले में 78 अपंजीकृत मंदिर और मठ हैं, जिनके पास लगभग 332 एकड़ जमीन है।
बिहार में बड़े पैमाने पर दारोगा का स्थानांतरण, पुलिस मुख्यालय ने जारी की अधिसूचना

डेस्क : बिहार में बड़े पैमाने पर दारोगा का स्थानांतरण किया गया है। रिटायरमेंट के करीब पहुंचे 644 दारोगा का ट्रांसफर उनके गृह जिले में या आस-पास के क्षेत्रों में किया गया है। पुलिस मुख्यालय ने बड़े पैमाने पर सेवा अवधि से रिटायमेंट के करीब पहुंचे पुलिस पदाधिकारियों का स्थानांतरण किया है। 

बिहार पुलिस अधिनियम की धारा-10 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित स्थानान्तरण समिति ने रिटायरमेंट के निकटता के आधार पर क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक/ उप महानिरीक्षक की अनुशंसा पर विचार के लिए 31 जुलाई 2024 को स्थानान्तरण समिति की बैठक बुलाई।

इस बैठक में ही यह फैसला लिया गया कि जो पुलिस पदाधिकारी रिटायरमेंट के के करीब पहुंच चुके हैं उन्हें उनके च्वाइंस किये गये जिले में स्थानान्तरित किया जाएगा। बिहार पुलिस मुख्यालय ने 644 दारोगा का ट्रांसफर उनके गृह जिले में या आस-पास के क्षेत्रों में किया है। 

वैशाली के रहने वाले पुलिस अवर निरीक्षक मदन गोपाल सिंह जिनकी जन्मतिथि 10-02-65 हैं वो अपने गृह जिले में ही ट्रांसफर चाहते थे। इसी तरह 643 पुलिस पदाधिकारी भी गृह क्षेत्र में या आस पास में तबादला चाहते थे। आज पुलिस मुख्यालय ने 644 पुलिस पदाधिकारी की सूची

देश ही नहीं विदेश के उद्योगपतियों की बिहार में बढ़ रही रुचि, अडानी के बाद अब आस्ट्रेलिया ने इस क्षेत्र में निवेश की जताई इच्छा*

डेस्क : एक समय था कि बिहार के नाम सुनते ही उद्योगपति हड़क जाते थे। लेकिन अब हालात बदल रहे है। देश ही नहीं विदेश के उद्योगपति भी बिहार में निवेश करने में रुची ले रहे है। पिछले दिनों देश के बड़े उद्योगपति अडानी ने बिहार में 1600 करोड़ के लागत से सीमेंट प्लांट लगाने की शुरुआत की। वहीं अब आस्ट्रेलिया ने बिहार में निवेश की इच्छा जताई है। आस्ट्रेलिया ने बिहार में गैर परम्परागत बिजली उत्पादन के क्षेत्र में निवेश करने की इच्छा जताई है। कोलकाता में आस्ट्रेलिया के कांसुलेट जनरल एच ब्वायलान ने इस संबंध में सूबे के ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव से मिलने के लिए समय मांगा है। कांसुलेट जनरल दो दिवसीय दौरे पर 12 और 13 अगस्त को बिहार आ रहे हैं। दो दिवसीय दौरे में कांसुलेट जनरल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य मंत्रियों से भी मिल सकते हैं। बिहार में बिजली के क्षेत्र में हो रहे कार्यों से आस्ट्रेलिया भी अवगत है। चूंकि राज्य में गैर परम्परागत बिजली उत्पादन की असीम संभावना है। बिहार सरकार जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत भी गैर परम्परागत बिजली को बढ़ावा दे रही है। अब तक 3500 से अधिक सरकारी भवनों पर सोलर पावर प्लांट लगाए जा चुके हैं। आगामी दो वर्षों में नौ हजार सरकारी भवनों में सोलर प्लेट लगाने की योजना की मंजूरी दी गई है। देश-विदेश की कंपनियों को आमंत्रित किया गया है कि वे बिहार आकर इस क्षेत्र में निवेश करें। इसे देखते हुए ही आस्ट्रेलिया के कांसुलेट जनरल ने बिहार में निवेश करने को लेकर ऊर्जा मंत्री से मिलने का समय मांगा है। इस मुलाकात के दौरान ऊर्जा मंत्री बिहार में गैर परम्परागत बिजली के क्षेत्र में मौजूद असीम संभावनाओं पर उनसे विमर्श करेंगे। अगर आस्ट्रेलिया ने निवेश करने की इच्छा व्यक्त की तो उसे बिहार सरकार की ओर से हर संभव सहायता भी दी जाएगी। गौरतलब है कि बिहार में गैर परम्परागत बिजली का भरपूर उत्पादन हो सकता है। खासकर सोलर के क्षेत्र में बिहार में असीम संभावनाएं हैं। केंद्र सरकार की ओर से किए गए हालिया सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 16 हजार मेगावाट गैर परम्परागत बिजली का उत्पादन हो सकता है। केंद्र सरकार ने बिहार में 11 हजार 200 मेगावाट सोलर बिजली का उत्पादन होने की संभावना जताई है। इसके अलावा राज्य में 3650 मेगावाट पवन ऊर्जा का उत्पादन हो सकता है। राज्य में नदी-नहर की भरमार है। बड़ी जलविद्युत परियोजना को छोड़ भी दें तो छोटी-छोटी इकाई लगाकर पनबिजली उत्पादित की जा सकती है। छोटी इकाईयों से 527 मेगावाट पनबिजली का उत्पादन हो सकता है। बिहार में बायोमास की भी संभावना है और इससे 619 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकता है। सहायक इकाईयों से बिहार में 300 मेगावाट बिजली उत्पादित की जा सकती है। जबकि वेस्ट (बेकार) पदार्थ से राज्य में 73 मेगावाट बिजली उत्पादित हो सकती है।
सैलून में हजामत बना जेडीयू नेता की गोली मारकर हत्या, बाइक सवार अपराधियों ने घटना को दिया अंजाम*

डेस्क : बिहार में अपराधियों के हौसले काफी बुलंद हो गए है। उन्हें पुलिस और कानून का कोई भय नहीं रह गया है। अपराधी दिन-दहाड़े हत्या और लूट जैसी बड़ी वारदात को अंजाम देकर आराम से चलते बन रहे है। ताजा मामला पश्चिम चंपारण जिले के बगहा से सामने आया है। जहां सैलून में हजामत बना रहे जेडीयू नेता की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गयी। घटना जिले के धनहा थाना थेत्र के तमकुहा बाजार की है। बताया जा रहा है कि बुधवार की देर शाम अपराधियों ने सैलून में भितहा की खैरवा पंचायत के पैक्स अध्यक्ष सह जदयू के प्रखंड अध्यक्ष विभव राय की गोली मारकर हत्या कर दी। पीछे से सिर में गोली मारने के बाद अपराधी फरार हो गए। जदयू प्रखंड अध्यक्ष कुर्सी पर ही ढेर हो गए। घटना से वहां अफरातफरी मच गई। आसपास के लोगों व दुकानदारों ने तत्काल जदयू प्रखंड अध्यक्ष को दहवा अस्पताल में भर्ती कराया। यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। विभव राय पूर्व में गुलहरिया पंचायत से पूर्व मुखिया थे। इधर, जानकारी मिलते ही दहवा अस्पताल में लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। आक्रोशितों ने अस्पताल में हंगामा और तोड़फोड़ भी शुरू कर दी। समझाने गए पुलिस वालों से भी समर्थकों ने धक्का-मुक्की की। एसडीपीओ कुमार देवेंद्र ने बताया कि घटना की सूचना मिली है। मैं घटनास्थल के लिए रवाना हो गया हूं। मामले की जांच कर अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
बिहार एसटीएफ को बड़ी सफलता, पटना के 25 हजार के इनामी कुख्यात को कार्बाइन के साथ दबोचा*

डेस्क : बिहार एसटीएफ को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ ने पटना जिले के 25 हजार रुपये के इनामी अपराधी अमर राय को बिहटा के पास मंगलवार देर शाम गिरफ्तार कर लिया। इसके पास से एक देशी कार्बाइन और तीन कारतूस बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार अमर मूल रूप से पटना जिला के मनेर के चौरासी थाना क्षेत्र का रहने वाला है। यह अपराधी बालू माफिया सिपाही राय का शूटर और मुख्य अपराधी है। जिला पुलिस को काफी समय से इसकी तलाश थी। बता दें कुख्यात अपराधी सिपाही राय के गैंग ने बिहटा थाना क्षेत्र में बालू घाटों पर वर्चस्व को लेकर पांच लोगों की हत्या कर दी थी। इस कांड में अमर राय काफी सक्रिय रहा था। इसका लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। पटना और भोजपुर के विभिन्न थानों में हत्या, रंगदारी, चोरी, आर्म्स एक्ट समेत अन्य कई संगीन अपराधों में इस पर 10 मामले दर्ज हैं। वहीं, एसटीएफ ने मेधपुरा के कुख्यात बीरबल यादव को बिहारीगंज थाना क्षेत्र में छापेमारी करके बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। बीरबल कुछ दिनों पहले एसटीएफ के एनकाउंटर में मारे गए प्रमोद यादव का मुख्य सहयोगी है। इसके खिलाफ मधेपुरा के अनेक थानों में हत्या, आर्म्स एक्ट समेत अन्य संगीन जुर्म में अनेक मामले दर्ज हैं।
मुख्य पार्षदों और पार्षदों के विरोध के बाद बैकफुट पर नगर विकास विभाग, नगरपालिका संशोधन बिल 2024 में किया यह बदलाव*

डेस्क : बिहार सरकार द्वारा नगरपालिका संशोधन विधेयक 2024 लाने के बाद इसका मुख्य पार्षदों और पार्षदों के द्वारा भारी विरोध किया जा रहा था। मुख्य पार्षद और पार्षद इसे उनके अधिकार से वंचित किया जाना बता रहे थे। अब उनके विरोध के बाद नगर विकास विभाग बैकफुट पर आ गया है। विभाग ने कहा है कि ठोस कचरा प्रबंधन की दर का निर्धारण नगर निकाय ही करेंगे। निकायों में पर्यवेक्षण की शक्ति वापस सशक्त स्थायी समिति के अध्यक्ष यानी मुख्य पार्षद को दे दी गई है। निकाय की बैठक के दौरान दर्शक दीर्घा में बैठने वालों की संख्या भी तय की गई है। इस तरह नगरपालिका संशोधन बिल में किए गए पांच प्रमुख बदलावों में परिवर्तन किया गया है। विभाग के फैसले को पार्षदों और मुख्य पार्षदों की जीत के रूप में देखा जा रहा है। नगर विकास एवं आवास विभाग ने एग्जीक्यूटिव आर्डर के तहत बिल में बदलाव को मंजूरी दे दी है। नगर विकास मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि बिहार नगरपालिका संशोधन अधिनियम 2024 के कुछ प्रावधानों को लागू करने में कठिनाई आ रही थी। इस कारण इसकी समीक्षा के बाद ये फैसले लिए गए। उन्होंने कहा कि नगर निकायों की बैठक के दौरान दर्शक दीर्घा में नगर निगम में अधिकतम 20, नगर परिषद में 15 और नगर पंचायत में 10 लोग कार्य संचालन देख सकेंगे। उन्होंने बताया कि सशक्त स्थायी समिति एवं बोर्ड की बैठक की कार्यवाही 15 दिनों के अंदर जारी की जाएगी। नगर विकास मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि विभाग ने फैसला लिया है कि नगरपालिका संशोधित नियमावली 2024 के तहत भी ठोस अपशिष्ट से संबंधित कार्यों के प्रबंधन, संचालन के लिए दर निर्धारण एवं कार्यान्वयन नगर निकायों द्वारा किया जाएगा। मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा कार्यपालक शक्ति का उपयोग सशक्त स्थायी समिति के पर्यवेक्षण के अधीन किया जायेगा।