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बिहार में बड़े पैमाने पर दारोगा का स्थानांतरण, पुलिस मुख्यालय ने जारी की अधिसूचना

डेस्क : बिहार में बड़े पैमाने पर दारोगा का स्थानांतरण किया गया है। रिटायरमेंट के करीब पहुंचे 644 दारोगा का ट्रांसफर उनके गृह जिले में या आस-पास के क्षेत्रों में किया गया है। पुलिस मुख्यालय ने बड़े पैमाने पर सेवा अवधि से रिटायमेंट के करीब पहुंचे पुलिस पदाधिकारियों का स्थानांतरण किया है। 

बिहार पुलिस अधिनियम की धारा-10 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित स्थानान्तरण समिति ने रिटायरमेंट के निकटता के आधार पर क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक/ उप महानिरीक्षक की अनुशंसा पर विचार के लिए 31 जुलाई 2024 को स्थानान्तरण समिति की बैठक बुलाई।

इस बैठक में ही यह फैसला लिया गया कि जो पुलिस पदाधिकारी रिटायरमेंट के के करीब पहुंच चुके हैं उन्हें उनके च्वाइंस किये गये जिले में स्थानान्तरित किया जाएगा। बिहार पुलिस मुख्यालय ने 644 दारोगा का ट्रांसफर उनके गृह जिले में या आस-पास के क्षेत्रों में किया है। 

वैशाली के रहने वाले पुलिस अवर निरीक्षक मदन गोपाल सिंह जिनकी जन्मतिथि 10-02-65 हैं वो अपने गृह जिले में ही ट्रांसफर चाहते थे। इसी तरह 643 पुलिस पदाधिकारी भी गृह क्षेत्र में या आस पास में तबादला चाहते थे। आज पुलिस मुख्यालय ने 644 पुलिस पदाधिकारी की सूची

देश ही नहीं विदेश के उद्योगपतियों की बिहार में बढ़ रही रुचि, अडानी के बाद अब आस्ट्रेलिया ने इस क्षेत्र में निवेश की जताई इच्छा*

डेस्क : एक समय था कि बिहार के नाम सुनते ही उद्योगपति हड़क जाते थे। लेकिन अब हालात बदल रहे है। देश ही नहीं विदेश के उद्योगपति भी बिहार में निवेश करने में रुची ले रहे है। पिछले दिनों देश के बड़े उद्योगपति अडानी ने बिहार में 1600 करोड़ के लागत से सीमेंट प्लांट लगाने की शुरुआत की। वहीं अब आस्ट्रेलिया ने बिहार में निवेश की इच्छा जताई है। आस्ट्रेलिया ने बिहार में गैर परम्परागत बिजली उत्पादन के क्षेत्र में निवेश करने की इच्छा जताई है। कोलकाता में आस्ट्रेलिया के कांसुलेट जनरल एच ब्वायलान ने इस संबंध में सूबे के ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव से मिलने के लिए समय मांगा है। कांसुलेट जनरल दो दिवसीय दौरे पर 12 और 13 अगस्त को बिहार आ रहे हैं। दो दिवसीय दौरे में कांसुलेट जनरल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य मंत्रियों से भी मिल सकते हैं। बिहार में बिजली के क्षेत्र में हो रहे कार्यों से आस्ट्रेलिया भी अवगत है। चूंकि राज्य में गैर परम्परागत बिजली उत्पादन की असीम संभावना है। बिहार सरकार जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत भी गैर परम्परागत बिजली को बढ़ावा दे रही है। अब तक 3500 से अधिक सरकारी भवनों पर सोलर पावर प्लांट लगाए जा चुके हैं। आगामी दो वर्षों में नौ हजार सरकारी भवनों में सोलर प्लेट लगाने की योजना की मंजूरी दी गई है। देश-विदेश की कंपनियों को आमंत्रित किया गया है कि वे बिहार आकर इस क्षेत्र में निवेश करें। इसे देखते हुए ही आस्ट्रेलिया के कांसुलेट जनरल ने बिहार में निवेश करने को लेकर ऊर्जा मंत्री से मिलने का समय मांगा है। इस मुलाकात के दौरान ऊर्जा मंत्री बिहार में गैर परम्परागत बिजली के क्षेत्र में मौजूद असीम संभावनाओं पर उनसे विमर्श करेंगे। अगर आस्ट्रेलिया ने निवेश करने की इच्छा व्यक्त की तो उसे बिहार सरकार की ओर से हर संभव सहायता भी दी जाएगी। गौरतलब है कि बिहार में गैर परम्परागत बिजली का भरपूर उत्पादन हो सकता है। खासकर सोलर के क्षेत्र में बिहार में असीम संभावनाएं हैं। केंद्र सरकार की ओर से किए गए हालिया सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 16 हजार मेगावाट गैर परम्परागत बिजली का उत्पादन हो सकता है। केंद्र सरकार ने बिहार में 11 हजार 200 मेगावाट सोलर बिजली का उत्पादन होने की संभावना जताई है। इसके अलावा राज्य में 3650 मेगावाट पवन ऊर्जा का उत्पादन हो सकता है। राज्य में नदी-नहर की भरमार है। बड़ी जलविद्युत परियोजना को छोड़ भी दें तो छोटी-छोटी इकाई लगाकर पनबिजली उत्पादित की जा सकती है। छोटी इकाईयों से 527 मेगावाट पनबिजली का उत्पादन हो सकता है। बिहार में बायोमास की भी संभावना है और इससे 619 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकता है। सहायक इकाईयों से बिहार में 300 मेगावाट बिजली उत्पादित की जा सकती है। जबकि वेस्ट (बेकार) पदार्थ से राज्य में 73 मेगावाट बिजली उत्पादित हो सकती है।
सैलून में हजामत बना जेडीयू नेता की गोली मारकर हत्या, बाइक सवार अपराधियों ने घटना को दिया अंजाम*

डेस्क : बिहार में अपराधियों के हौसले काफी बुलंद हो गए है। उन्हें पुलिस और कानून का कोई भय नहीं रह गया है। अपराधी दिन-दहाड़े हत्या और लूट जैसी बड़ी वारदात को अंजाम देकर आराम से चलते बन रहे है। ताजा मामला पश्चिम चंपारण जिले के बगहा से सामने आया है। जहां सैलून में हजामत बना रहे जेडीयू नेता की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गयी। घटना जिले के धनहा थाना थेत्र के तमकुहा बाजार की है। बताया जा रहा है कि बुधवार की देर शाम अपराधियों ने सैलून में भितहा की खैरवा पंचायत के पैक्स अध्यक्ष सह जदयू के प्रखंड अध्यक्ष विभव राय की गोली मारकर हत्या कर दी। पीछे से सिर में गोली मारने के बाद अपराधी फरार हो गए। जदयू प्रखंड अध्यक्ष कुर्सी पर ही ढेर हो गए। घटना से वहां अफरातफरी मच गई। आसपास के लोगों व दुकानदारों ने तत्काल जदयू प्रखंड अध्यक्ष को दहवा अस्पताल में भर्ती कराया। यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। विभव राय पूर्व में गुलहरिया पंचायत से पूर्व मुखिया थे। इधर, जानकारी मिलते ही दहवा अस्पताल में लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। आक्रोशितों ने अस्पताल में हंगामा और तोड़फोड़ भी शुरू कर दी। समझाने गए पुलिस वालों से भी समर्थकों ने धक्का-मुक्की की। एसडीपीओ कुमार देवेंद्र ने बताया कि घटना की सूचना मिली है। मैं घटनास्थल के लिए रवाना हो गया हूं। मामले की जांच कर अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
बिहार एसटीएफ को बड़ी सफलता, पटना के 25 हजार के इनामी कुख्यात को कार्बाइन के साथ दबोचा*

डेस्क : बिहार एसटीएफ को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ ने पटना जिले के 25 हजार रुपये के इनामी अपराधी अमर राय को बिहटा के पास मंगलवार देर शाम गिरफ्तार कर लिया। इसके पास से एक देशी कार्बाइन और तीन कारतूस बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार अमर मूल रूप से पटना जिला के मनेर के चौरासी थाना क्षेत्र का रहने वाला है। यह अपराधी बालू माफिया सिपाही राय का शूटर और मुख्य अपराधी है। जिला पुलिस को काफी समय से इसकी तलाश थी। बता दें कुख्यात अपराधी सिपाही राय के गैंग ने बिहटा थाना क्षेत्र में बालू घाटों पर वर्चस्व को लेकर पांच लोगों की हत्या कर दी थी। इस कांड में अमर राय काफी सक्रिय रहा था। इसका लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। पटना और भोजपुर के विभिन्न थानों में हत्या, रंगदारी, चोरी, आर्म्स एक्ट समेत अन्य कई संगीन अपराधों में इस पर 10 मामले दर्ज हैं। वहीं, एसटीएफ ने मेधपुरा के कुख्यात बीरबल यादव को बिहारीगंज थाना क्षेत्र में छापेमारी करके बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। बीरबल कुछ दिनों पहले एसटीएफ के एनकाउंटर में मारे गए प्रमोद यादव का मुख्य सहयोगी है। इसके खिलाफ मधेपुरा के अनेक थानों में हत्या, आर्म्स एक्ट समेत अन्य संगीन जुर्म में अनेक मामले दर्ज हैं।
मुख्य पार्षदों और पार्षदों के विरोध के बाद बैकफुट पर नगर विकास विभाग, नगरपालिका संशोधन बिल 2024 में किया यह बदलाव*

डेस्क : बिहार सरकार द्वारा नगरपालिका संशोधन विधेयक 2024 लाने के बाद इसका मुख्य पार्षदों और पार्षदों के द्वारा भारी विरोध किया जा रहा था। मुख्य पार्षद और पार्षद इसे उनके अधिकार से वंचित किया जाना बता रहे थे। अब उनके विरोध के बाद नगर विकास विभाग बैकफुट पर आ गया है। विभाग ने कहा है कि ठोस कचरा प्रबंधन की दर का निर्धारण नगर निकाय ही करेंगे। निकायों में पर्यवेक्षण की शक्ति वापस सशक्त स्थायी समिति के अध्यक्ष यानी मुख्य पार्षद को दे दी गई है। निकाय की बैठक के दौरान दर्शक दीर्घा में बैठने वालों की संख्या भी तय की गई है। इस तरह नगरपालिका संशोधन बिल में किए गए पांच प्रमुख बदलावों में परिवर्तन किया गया है। विभाग के फैसले को पार्षदों और मुख्य पार्षदों की जीत के रूप में देखा जा रहा है। नगर विकास एवं आवास विभाग ने एग्जीक्यूटिव आर्डर के तहत बिल में बदलाव को मंजूरी दे दी है। नगर विकास मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि बिहार नगरपालिका संशोधन अधिनियम 2024 के कुछ प्रावधानों को लागू करने में कठिनाई आ रही थी। इस कारण इसकी समीक्षा के बाद ये फैसले लिए गए। उन्होंने कहा कि नगर निकायों की बैठक के दौरान दर्शक दीर्घा में नगर निगम में अधिकतम 20, नगर परिषद में 15 और नगर पंचायत में 10 लोग कार्य संचालन देख सकेंगे। उन्होंने बताया कि सशक्त स्थायी समिति एवं बोर्ड की बैठक की कार्यवाही 15 दिनों के अंदर जारी की जाएगी। नगर विकास मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि विभाग ने फैसला लिया है कि नगरपालिका संशोधित नियमावली 2024 के तहत भी ठोस अपशिष्ट से संबंधित कार्यों के प्रबंधन, संचालन के लिए दर निर्धारण एवं कार्यान्वयन नगर निकायों द्वारा किया जाएगा। मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा कार्यपालक शक्ति का उपयोग सशक्त स्थायी समिति के पर्यवेक्षण के अधीन किया जायेगा।
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाएंगे बिहार कैडर के आईएएस संदीप पौंड्रिक, इस्पात मंत्रालय के सचिव का संभालेंगे जिम्मा*

डेस्क : बिहार उद्योग और ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाएंगे। वे इस्पात मंत्रालय के सचिव नियुक्त किए गए हैं। संदीप पौंड्रिक 1993 बैच के बिहार कैडर के आईएएस हैं। गौरतलब है कि संदीप पौंड्रिक इससे पहले केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान पौंड्रिक गृह मंत्रालय के तहत एनडीएमए में सलाहकार व पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में संयुक्त सचिव रह चुके हैं। केंद्रीय सरकारी लोक उपक्रम में काम कर चुके हैं। इस अनुभव के आधार पर उन्हें इस्पात सचिव बनाया गया है। फिलहाल केंद्रीय एमएसएमई के सचिव सुभाष चंद्र लाल दास के पास इस्पात मंत्रालय के सचिव का अतिरिक्त प्रभार है। अब संदीप पौंड्रिक उनकी जगह लेंगे।
बिहार में फिर आसमान से बरसी मौत, वज्रपात की चपेट में आने से 5 लोगों की दर्दनाक मौत

डेस्क : बिहार में भले ही मौसम का मिजाज बदलने से लोगों को गर्मी से राहत मिली है। वहीं इस दौरान आसमान से मौत बरसने का सिलसिला भी जारी है। आज एकबार फिर प्रदेश के नवादा जिले में वज्रपात से 5 लोगों की दर्दनाक मौत की सूचना सामने आई है।

मिली जानकारी के अनुसार नवादा के अकबरपुर थाना क्षेत्र के ओरैया गांव में वज्रपात की चपेट में आने से 2  लोगों की दर्दनाक मौत हो गयी। मृतकों में मां और बेटा भी शामिल है। इस घटना से परिजनों के बीच कोहराम मचा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

घटना मृतकों की पहचान लखन यादव की पत्नी कालो देवी, लखन यादव का बेटा संजय यादव के रूप में हुई है। दोनों मां-बेटे की मौत से परिजन काफी सदमें में हैं।

वही पकरीबरावा थाना क्षेत्र के भगवानपुर गांव निवासी रूपन यादव की बेटी सारो देवी, कादिरगंज थाना क्षेत्र के सहजपुरा गांव निवासी नरेश यादव के बेटे चंदन कुमार के रूप में हुई है। वही ठनका गिरने से नवादा के ही रोह थाना क्षेत्र के खरगू बीघा गांव निवासी ब्रह्मदेव पंडित के बेटे श्यामा पंडित की भी दर्दनाक मौत हो गयी।
राज्यसभा के खाली हुए 12 सीटों पर उपचुनाव की अधिसूचना जारी, बिहार के 2 सीटों पर एनडीए का कब्जा तय

डेस्क : देश भर में राज्यसभा की खाली हुई 12 सीटों पर उपचुनाव का चुनाव आयोग ने एलान कर दिया है। इनमें 2 सीटें बिहार की भी  शामिल हैं। बिहार से राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर औऱ मीसा भारती के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद खाली हुई थी। इन्हीं दोनों सीट पर उप चुनाव होना है।

चुनाव आयोग की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक मीसा भारती का कार्यकाल 7 जुलाई 2028 तक था। वहीं, विवेक ठाकुर का कार्यकाल 9 अप्रैल 2026 तक था। उप चुनाव में जीत हासिल करने वाले उम्मीदवार का कार्यकाल उतना ही रहेगा।

चुनाव आयोग ने दोनों सीट पर उप चुनाव की अधिसूचना जारी की है। इसके मुताबिक 14 अगस्त से नामांकन शुरू होगा। 21 अगस्त तक उम्मीदवार नामांकन कर सकेंगे। 27 अगस्त को नाम वापसी की आखिरी तारीख है। वहीं अगर मतदान की नौबत आती है तो 3 सितंबर को वोटिंग होगी औऱ उसी दिन रिजल्ट घोषित होगा।

बिहार में होने वाले दोनों सीट के उप चुनाव में एनडीए का कब्जा तय है। दोनो सीटों पर वोटिंग की संभावना न के बराबर है। वैसे भी बिहार में राज्यसभा चुनाव में वोटिंग की नौबत शायद ही कभी आती है। दरअसल दोनों सीटों पर अलग अलग वोटिंग होगी। लिहाजा संख्या बल के आधार पर एनडीए दोनों सीट पर कब्जा कर लेगा।
नवादा में अडानी का सीमेंट प्लांट लगने का हो रहा विरोध : यक्ष प्रश्न, ऐसे में कैसे होगा बिहार का विकास !

डेस्क : बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद बिहार में बड़े उद्योग तकरीबन खत्म हो गए। प्रदेश में बड़े प्लांट के नाम पर बचे चीनी मिल भी वर्षो से बंद पड़े है। समय-समय पर उनके फिर से चालू करने की बात तो होती है लेकिन अबतक ऐसा नहीं हो पाया है। बिहार में किसी तरह का बड़ा इंडस्ट्री नहीं होने की वजह से रोजगार की तलाश में बड़ी संख्या में यहां से पलायन होता है। हालांकि अब एक आशा की किरण जगी है। सरकार के प्रयास से उद्योगपति बिहार में निवेश करने में दिलचस्पी दिखा रहे है।

देश की जानी-मानी अडानी ग्रुप की कंपनी अंबुजा सीमेंट ने बिहार में 1600 करोड़ की लागत से सीमेंट प्लांट लगाने का काम शुरू कर दिया है। नवादा के वारिसलीगंज में शुरू हो रहे अदाणी ग्रुप के सीमेंट प्लांट से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों की कमी झेलते बिहार राज्य में ये किसी कंपनी का सबसे बड़ा निवेश है। जाहिर है उद्योग के मामले में पिछड़े बिहार के लिए ये बहुत बड़ी बात है।

बीते 3 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अदाणी ग्रुप के इस सीमेंट ग्राइंडिंग प्लांट का शिलान्यास किया। 1600 करोड़ रुपये के निवेश से शुरू हो रहा यह प्लांट नवादा के वारिसलीगंज में है। यह बिहार झारखंड के बॉर्डर पर स्थित है। अदाणी ग्रुप की ACC Cement और अंबुजा सीमेंट के बैनर तले यह 6 MTPA की सीमेंट ग्राइंडिंग इकाई है। जो बिहार में देश की किसी भी सीमेंट कंपनी की ओर से किया गया सबसे बड़ा निवेश है।

अदाणी ग्रुप के एग्रो, ऑयल और गैस क्षेत्र के प्रबंध निदेशक प्रणव अदाणी का कहना है कि यह बिहार में सीमेंट क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है। एसीसी और अंबुजा सीमेंट हमारी प्रमुख कंपनियां हैं। बिहार में इस सीमेंट प्लांट के निर्माण होने से 250 लोगों को प्रत्यक्ष और एक हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

हालांकि इस प्लांट का विरोध भी जारी है। प्लांट के शिलान्यास के पहले से ही कुछ स्थानीय लोगो द्वारा विरोध किया जा रहा है। सीमेंट फैक्ट्री की स्थापना के खिलाफ वारिसलीगंज बंद किया गया था। किसान संघर्ष समिति के बैनर तले किए गए बंद के आह्वान का मिला-जुला असर देखने को मिला था।

*विरोध करने वाले बता रहे यह वजह*

विरोध की दो वजहें प्रमुखता से गिनाई जा रही है। पहली यह कि विरोध कर रहे लोगों का मानना है कि वारिसलीगंज का इलाका कृषि प्रधान है। चीनी मिल की भूमि पर चीनी मिल की ही स्थापना होनी चाहिए थी। चीनी मिल की स्थापना संभव नहीं हो रही थी तो कृषि आधारित उद्योग लगाया जाना चाहिए था। इससे स्थानीय किसानों को लाभ होता। विरोध की दूसरी वजह स्वास्थ्य समस्या बताया जा रहा है। लोगों का मानना है कि सीमेंट प्लांट से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

*रोजगार का मिलेगा अवसर*

वैसे, विरोध करने वालों से इतर कुछ अलग राय रखने वाले लोगों का कहना है कि सीमेंट प्लांट से रोजगार सृजन होगा। इलाके की अर्थव्यस्था सुधरेगी। स्थानीय लोगों को इस प्लांट में रोजगार मिलने से  राज्य से पलायन पर भी रोक लगेगी। साथ ही साथ इलाके का भी विकास होगा।

अब ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब भी बिहार में रोजी-रोजगार और पलायन की बात होती है तो लोग सरकार को कोसने लगते है। इनका कहना होता है कि सरकार प्रदेश के विकास के नहीं कुछ नहीं कर रही है। यहां कल-कारखाने नहीं होने की मजूबरन परिवार पालने के लिए दूसरे प्रदेश को पलायन करना पड़ता है। लेकिन जब सरकार इस दिशा में पहल कर रही है तो इसका विरोध क्यों। क्या ऐसे लोग नही चाहते कि प्रदेश का विकास हो। स्थानीय लोगों को रोजी-रोजगार मिले। यदि ऐसे ही बड़े निवेश का विरोध होता रहा तो फिर प्रदेश का विकास कैसे होगा।
बांग्लादेश में फंसे बिहारी मूल के 500 लोगों को सुरक्षित लाया गया देश, अब भी तकरीबन 300 से अधिक वहां है अधिकारी और कर्मचारी*

डेस्क : बीते सोमवाह को पड़ोसी देश बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद वहां तख्तापलट हो गया। तस्तापलट के बाद बांग्लादेश में हालात बिगड़ गए है। वहां हिन्दुओं को निसाना बनाया जा रहा है। बांग्लादेश में बिगड़े हालात को लेकर भारत वहां फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने की पहल शुरु कर दिया है। इसी कड़ी में बांग्लादेश में फंसे बिहारी मूल के लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। बांग्लादेश के विभिन्न शहरों में बिहारी मूल के 500 से अधिक लोग रह रहे थे। पढ़ाई करने के अलावा व्यवसाय से जुड़े बिहारी मूल के लोगों को सुरक्षित देश वापस ले आया गया है। अब बांग्लादेश में केवल उच्चायोग में कार्यरत लगभग तीन सौ अधिकारी और कर्मचारी ही रह गए हैं। बांग्लादेश में अचानक से उत्पन्न स्थिति के बाद बिहारी मूल के अधिकारियों ने वहां मोर्चा संभाल लिया। बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा मूल रूप से बिहार के ही हैं। उनके साथ बिहारी मूल के कई अधिकारी भी उच्चायोग में काम कर रहे हैं। बिहार सहित सभी भारतीयों को बांग्लादेश से सुरक्षित वतन वापसी में प्रणय वर्मा का अहम योगदान है। भारत सरकार के निर्देश पर भारतीयों की सुरक्षित वापसी जारी है। अब केवल उच्चायोग में कार्यरत अधिकारी और कर्मी ही वहां बच गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से आदेश मिलने के बाद ही उच्चायोग के अधिकारी और कर्मी वतन वापसी करेंगे। इन्हें केंद्र सरकार के अगले आदेश का इंतजार है।